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हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay in Hindi)

हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के विचार को मंजूरी दी गई। हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हिंदी दिवस पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Hindi Diwas in Hindi, Hindi Diwas par Nibandh Hindi mein)

हिंदी दिवस पर निबंध– 1 (250 – 300 शब्द).

हिंदी दिवस हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है। आज के समय में अंग्रेजी की ओर एक झुकाव है जिसे समझा जा सकता है क्योंकि अंग्रेजी का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है और यह भी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह दिन हमें यह याद दिलाने का एक छोटा सा प्रयास है कि हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है और बहुत अधिक महत्व रखता है।

हिंदी दिवस का इतिहास

भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में अपनाया। इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल हुईं। 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। वर्ष 1949 से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।

हिंदी दिवस का महत्व

हिंदी दिवस को उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारे देश की आधिकारिक भाषा बन गई। यह हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है जो अंग्रेजी से प्रभावित है। यह युवाओं को अपनी जड़ों के बारे में याद दिलाने का एक तरीका है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ तक पहुंचे हैं और हम क्या करते हैं अगर हम अपनी जड़ों के साथ मैदान में डटे रहे और समन्वयित रहें तो हम अपनी पकड़ मजबूत बना लेंगे।

हम भारतीय हैं और हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा का सम्मान करना चाहिए। आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने से साबित होता है कि सत्ता में रहने वाले लोग अपनी जड़ों को पहचानते हैं और चाहते हैं कि लोगों द्वारा हिंदी को भी महत्व दिया जाए।

यूट्यूब पर देखें: Hindi Diwas par Nibandh

निबंध – 2 (400 शब्द)

हर साल 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस भारतीय संस्कृति को संजोने और हिंदी भाषा को सम्मान देने का एक तरीका है। वर्ष 1949 में इस दिन भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था।

हिंदी दिवस – उत्सव

स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है जिसमें देश के राष्ट्रपति उन लोगों को पुरस्कार देते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा से संबंधित किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की है।

स्कूलों और कॉलेजों में प्रबंधन समिति हिंदी वाद-विवाद, कविता या कहानी बोलने की प्रतियोगिताएं आयोजित करती है। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और शिक्षक हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए भाषण भी देते हैं। कई स्कूल इंटर स्कूल हिंदी वाद-विवाद और कविता प्रतियोगिताओं की मेजबानी करते हैं। इंटर-स्कूल हिंदी निबंध और कहानी लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। यह हिंदी भाषा को सम्मान देने का दिन है जो विशेषकर नई पीढ़ी के बीच अपना महत्व खो रही है।

यह दिन कार्यालयों और कई सरकारी संस्थानों में भी मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति को आनन्दित करने के लिए लोग भारतीय जातीय परिधान पहनते हैं। महिलाएं सूट और साड़ियाँ पहनती हैं और पुरुष इस दिन कुर्ता पजामा पहनते हैं। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोग उत्साह से उसमें भाग लेते हैं। बहुत से लोग हिंदी कविता पढ़ना और हमारी संस्कृति के महत्व के बारे में बात करते हैं।

हिंदी – भारत में सबसे अधिक बोलने वाली भाषा

निस्संदेह भारत में हिंदी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाला भाषा है। हालांकि अंग्रेजी के प्रति अभी भी भारतवासियों का झुकाव है और इसके महत्व पर स्कूलों और अन्य स्थानों पर जोर दिया जाता है परन्तु हिंदी हमारे देश की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप में मजबूत है। 2001 में आयोजित जनगणना में 422 लाख से अधिक लोगों ने अपनी मातृभाषा के रूप में हिंदी का उल्लेख किया। देश में किसी भी अन्य भाषा का कुल आबादी का 10% से अधिक उपयोग नहीं किया जाता है। हिंदी बोलने वाली अधिकांश आबादी उत्तर भारत में केंद्रित है।

हिंदी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और झारखंड सहित कई भारतीय राज्यों की आधिकारिक भाषा है। बिहार देश का पहला राज्य था जिसने अपनी एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। बंगाली, तेलुगु और मराठी देश की अन्य व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा हैं।

हिंदी दिवस हमारे सांस्कृतिक जड़ों को फिर से देखने और अपनी समृद्धता का जश्न मनाने का दिन है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इसका आदर और उसका मूल्य समझना चाहिए।

निबंध – 3 (500 शब्द)

भारत पश्चिमी रीति-रिवाजों से बहुत प्रभावित हैं। भारतीय वहां के लोगों की तरह पोशाक पहनना चाहते हैं, उनकी जीवनशैली का पालन करना चाहते हैं, उनकी भाषा बोलना चाहते हैं और इसके अलावा हर चीज़ में उनके जैसा बनना चाहते हैं। वे यह नहीं समझना चाहते कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत और मूल्य पश्चिम की संस्कृति की तुलना में कहीं अधिक समृद्ध हैं। 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति को सम्मान देने का एक तरीका है।

हिंदी – विश्व में चौथी व्यापक रूप से बोली जानी वाली भाषा

हिंदी दुनिया की चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है जबकि भारत में ज्यादातर हिंदी बोलने वाली जनसंख्या है। अन्य देश जहां व्यापक रूप से हिंदी बोली जाती है वह है पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना और सूरीनाम।

दुनिया भर में लोग हिंदी गीतों और हिंदी फिल्मों को प्यार करते हैं जो स्पष्ट रूप से इस भाषा के प्रति स्नेह को परिभाषित करता है।

हिंदी को प्राथमिकता न मिलना

दुर्भाग्य से भले ही हिंदी दुनिया की चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा है परन्तु इसके मूल देश में लोग इसको महत्व नहीं देते हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज, कॉर्पोरेट, कार्यालयों तक अंग्रेजी को अधिक प्राथमिकता दी जाती है और हिंदी अंग्रेजी से पिछड़ जाती है। माता-पिता, शिक्षकों और हर किसी को लिखित और मौखिक रूप से अंग्रेजी सीखने के महत्व पर जोर देना आम बात है क्योंकि इससे नौकरी हासिल करने में काफी मदद मिलती है। यह देखना दुखदाई है कि नौकरियों और शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए भी लोगों को स्मार्ट होना पड़ता है क्योंकि नौकरी पर रखने वाले अधिकारी उन्हें उनके अंग्रेजी से संबंधित ज्ञान के आधार पर चुनते हैं। बहुत से लोग सिर्फ इसलिए काम करने का अवसर खो देते हैं क्योंकि वे अंग्रेजी को धाराप्रवाह नहीं बोल पाते भले ही वे काम के बारे में अच्छी जानकारी रखते हों।

हिंदी दिवस ऐसे लोगों को जगाने का प्रयास है और उनमें हिंदी भाषा के लिए सम्मान स्थापित करने का प्रयास है।

हिंदी की प्रतिष्ठा और महत्व से संबंधित विशेष घटनाएं

कई स्कूल और अन्य संस्थान हर साल हिंदी दिवस मनाते हैं। यहां इस दिन के सम्मान में विशेष समारोहों का आयोजन किया गया है:

  • भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हिंदी से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए। हिंदी दिवस के सम्मान में विज्ञान भवन नई दिल्ली में एक समारोह आयोजित किया गया था।
  • इस दिवस पर विभागों, मंत्रालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और सार्वजनिक उपक्रमों को राजभाषा पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं।
  • केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की वजह से हिंदी भाषा और हिंदी दिवसों को महत्व और मान्यता देने की दिशा में बढ़ोतरी हुई है।
  • भोपाल में आयोजित एक विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंग्रेजी, हिंदी और चीनी डिजिटल दुनिया पर शासन करने जा रहे हैं ताकि भाषा के महत्व पर जोर दिया जा सके।
  • केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संयुक्त राष्ट्र में हिंदी के लिए आधिकारिक भाषा का दर्जा लेने का मुद्दा उठाया था।

हिंदी दिवस को विभिन्न स्थानों पर बहुत उत्साह से मनाया जाता है हालांकि हमारे देश में बहुत से लोग इस दिन के बारे में अभी अवगत नहीं हैं और बहुत से लोग इसे महत्वपूर्ण भी नहीं मानते हैं। यह समय है कि लोगों को इस दिन के महत्व को पहचानना चाहिए क्योंकि यह हमारी राष्ट्रीय भाषा और हमारी सांस्कृतिक आधार को याद करने का दिन है।

Essay on Hindi Diwas in Hindi

निबंध – 4 (600 शब्द)

हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है और उसी दिन इसे भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक घोषित किया गया था। दुनिया की चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा के रूप में इसके महत्व का जश्न मनाने के लिए एक खास दिन सम्मान देने के लिए निश्चित किया गया है। इस भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जो इसे अद्वितीय बनाते हैं।

हिंदी दिवस – एक महत्वपूर्ण कदम

भारत में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृत करने का कदम स्वागत योग्य हैं हालांकि हर वर्ष हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय वाकई काबिले तारीफ है। हिंदी दिवस एक अनुस्मारक है कि जहां ​भी ​हम जाएँ हमें अपने आदर्शों और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। यही हमें परिभाषित करता है और हमें इसका आनंद उठाना चाहिए। यह दिन विभिन्न सरकारी संस्थानों में उत्साह से मनाया जाता है।

हिंदी भाषा के बारे में दिलचस्प तथ्य

हिंदी भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • हिंदी नाम फारसी शब्द हिंद से बना है जिसका मतलब है कि सिंधु नदी का भूमि।
  • हिंदी मूलतः भाषाओं के इंडो-यूरोपियन परिवार के इंडो-आर्यन भाषाओं के सदस्यों में से एक है।
  • भाषा में कोई भी लेख शामिल नहीं है।
  • हिंदी में कई शब्द संस्कृत से प्रेरणा लेते हैं।
  • हिंदी को पूरी तरह ध्वन्यात्मक लिपि में लिखा गया है। इस भाषा के शब्दों को उसी तरह स्पष्ट किया जाता है जिस तरह से वे लिखे गए हैं।
  • दुनिया भर में ऐसे कई शब्दों का प्रयोग किया जाता है जो लगता है कि अंग्रेजी के शब्द हैं परन्तु वास्तव में ये शब्द हिंदी भाषा से हैं। इनमें से कुछ शब्द जंगल, लूट, बंगला, योग, कर्म, अवतार और गुरु हैं।
  • हिंदी भाषा में सभी संज्ञाओं में लिंग हैं। ये या तो स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग हैं। इस भाषा में विशेषण और क्रियाएँ लिंग के आधार पर भिन्न होती हैं।
  • यह उन सात भाषाओं में से एक है जो वेब एड्रेस बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं।
  • दुनिया में हर ध्वनि हिंदी भाषा में लिखी जा सकती है।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अन्य देशों में भी किया जाता है जिनमें पाकिस्तान, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

स्कूलों में हिंदी दिवस जरुर मनाया जाना चाहिए

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदी भारत में सबसे अधिक व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है और इसे भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में स्वीकृत किया गया है परन्तु भारत में अधिकांश विद्यालयों को इसे महत्वहीन मानते हैं। अंग्रेजी को अधिक महत्व दिया जाता है और मौखिक और लिखित अंग्रेजी दोनों सीखने पर दबाव बनाया जाता है।

बच्चे इन दिनों एक अलग मानसिकता के साथ बड़े होते हैं। उनके हिसाब से जो व्यक्ति अंग्रेजी बोलता है वह सब कुछ जानता है और अन्य लोग, जो अंग्रेजी नहीं जानते, के मुकाबले बेहतर हैं। जो लोग साक्षात्कार या अन्य जगहों पर हिंदी बोलते हैं उन्हें कमतर आंका जाता है। इस मानसिकता को बदला जाना चाहिए। यह सच है कि अंग्रेजी एक वैश्विक भाषा है और इसे विशेष रूप से कॉर्पोरेट जगत में प्राथमिकता दी जाती है और छात्रों को मौखिक और लिखित रूप से प्रयोग में लाने वाली अंग्रेजी को सुधारना गलत नहीं है। हालांकि उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि हिंदी किसी भी वजह से अंग्रेजी से कम है। यह समय है कि विद्यार्थियों को दोनों भाषाओं, अंग्रेजी और हिंदी, को एक जैसा मानना ​​और सम्मान करना सिखाया जाना चाहिए।

जैसे विद्यालय दीवाली, स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी जैसे अन्य विशेष अवसरों पर मजेदार गतिविधियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं उसी तरह उन्हें अपनी मातृभाषा को सम्मान देने के लिए हिंदी दिवस को मनाना चाहिए।

हिन्दी दिवस हमारी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को सम्मान देने का एक शानदार तरीका है। नई पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति और अंग्रेजी भाषा से अधिक प्रभावित है और उनका आँख बंद करके पालन कर रही है। यह दिन उनकी संस्कृति की याद दिलाने का एक अच्छा तरीका है जो उनके चरित्र-निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

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हिन्दी दिवस

हिंदी दिवस पर भाषण

हिन्दी दिवस पर कविता

हिंदी दिवस पर स्लोगन

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स्टूडेंट्स के लिए हिंदी दिवस पर निबंध 100, 250 और 500 शब्दों में

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  • Updated on  
  • नवम्बर 8, 2023

Hindi Diwas Par Nibandh

हिंदी दिवस जल्द ही मनाया जाने वाला है। हर साल 14 सितंबर के दिन यह मनाया जाता है। ऐसे में कई बार स्टूडेंट्स से हिंदी दिवस पर निबंध परीक्षाओं और क्लास असाइनमेंट के रूप में पूछ लिया जाता है। Hindi Diwas Par Nibandh के  इस ब्लॉग के माध्यम से आप जानेंगे हिंदी दिवस पर निबंध के कुछ सैंपल निबंध 100, 250 और 500 शब्दों में। Shortcode

हिंदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर के दिन मनाया जाता है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस भारत में हिंदी को आधिकारिक दर्जा मिलने की खुशी में मनाया जाता है। 

हिंदी दिवस पर निबंध (100 शब्दों में)

100 शब्दों में Hindi Diwas Par Nibandh कुछ इस प्रकार है –

हिंदी दिवस, हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, जब भाषा के महत्व को याद दिलाने का अवसर मिलता है। हिंदी, भारत की राष्ट्रीय भाषा है और हमारे देश की विविधता का प्रतीक है। यह भाषा हमारे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।

हिंदी दिवस के मौके पर हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हिंदी हमारे संविधान का अधिकार है और यह हमें अपने राष्ट्रीय एकता की ओर बढ़ाता है। हिंदी को सीखना और उसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि हमारे समृद्ध भाषा धरोहर को बचाया और बढ़ावा दिया जा सके।

इस दिन, हमें हिंदी के महत्व को समझना और बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हमारी भाषा हमें हमेशा गर्वित और जुड़े रहने का अवसर दे।

हिंदी दिवस पर निबंध (250 शब्दों में)  

Hindi Diwas Par Nibandh 250 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है। इस दिन को मनाकर हम अपनी मातृभाषा हिंदी के महत्व को याद करते हैं और इसका सम्मान करते हैं।

हिंदी, भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक है। हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है।

हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हमें इसे सीखना, उसका सदुपयोग करना, और उसका संरक्षण करना चाहिए। हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता को समझना चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त कर सकें।

हिंदी दिवस के मौके पर हमें हमारे देश की एकता को और मजबूत बनाने के लिए हिंदी के महत्व को प्रमोट करना चाहिए, ताकि हम सभी भारतीय एक होकर आगे बढ़ सकें।

हिंदी दिवस के मौके पर, हमें यह भी याद दिलाना चाहिए कि हमारी भाषा हमारी संस्कृति, गाथाएँ, और इतिहास का प्रतीक है। हिंदी का सही ज्ञान हमें हमारे देश की धरोहर को समझने में मदद करता है और हमारे बच्चों को हमारे संस्कृति के मूल मूल्यों को सीखने में मदद करता है।

हिंदी के महत्व को समझकर हमें इसे बचाने और बढ़ावा देने का प्रतिबद्ध रहना चाहिए। हमें विद्यालयों और समाज में हिंदी का उचित प्रयोग करना चाहिए ताकि यह भाषा हमें हमेशा जोड़े रहे और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में आगे बढ़ सके।

इसी तरह, हिंदी दिवस हमें हमारे देश के सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्पित और जागरूक बनाता है, और हमें यह याद दिलाता है कि हमारी मातृभाषा हमारी गर्व और पहचान का प्रतीक है।

हिंदी दिवस पर निबंध (500 शब्दों में)

नीचे Hindi Diwas Par Nibandh का सैंपल निबंध 500 शब्दों में प्रस्तुत है –

प्रस्तावना 

हिंदी दिवस भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण और गौरवशाली दिन होता है, जो हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमारी मातृभाषा हिंदी के महत्व को याद दिलाने और प्रमोट करने के लिए होता है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में बोली जाती है, और यह देश की एकता का प्रतीक है।

हिंदी का महत्व 

हिंदी के महत्व को समझने के लिए, हमें इसके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर देखना चाहिए। हिंदी का उद्भव संस्कृत से हुआ है और यह एक इंदो-आर्य भाषा है। हिंदी के विकास के साथ ही वेदों, उपनिषदों, और महाभारत के जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे गए, जिनमें भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान का भंडार है।

हिंदी का महत्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भी बढ़ा, जब विभाजन और असहमति के बावजूद, हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिलाने के प्रयास हुए। गांधीजी और अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हिंदी का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया और इसका समर्थन किया।

हिंदी भाषा का योगदान 

हिंदी का स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान रहा है, और यह दिखाता है कि हमारी भाषा हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण हिस्से थे।

हिंदी की भाषा विविधता और रंगमंच का एक अद्वितीय भाषा है, जो भाषा कला, साहित्य, संगीत, और विभिन्न कलाओं के माध्यम से हमारे जीवन को सुंदर बनाती है। हिंदी की साहित्यिक धरोहर में गोस्वामी तुलसीदास, सूरदास, प्रेमचंद, और महादेवी वर्मा जैसे महान लेखकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

हिंदी दिवस पर हम क्या कर सकते हैं?

हिंदी दिवस के मौके पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व और समर्पण का प्रतीक बनना चाहिए। हमें इसे सीखना, पढ़ना, और बोलना चाहिए, ताकि हम हिंदी का सही और सुंदर उपयोग कर सकें। हिंदी को अपनी दैनिक जीवन में बढ़ेगा देना चाहिए, और इसका समर्थन करना चाहिए।

इसके अलावा, हमें विद्यालयों और समाज में हिंदी के महत्व को प्रमोट करने का काम करना चाहिए, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे महत्वपूर्ण रूप से समझें और उसके महत्व को बढ़ावा दें।

हिंदी दिवस हमें हमारी मातृभाषा के महत्व को याद दिलाने और उसका समर्थन करने का अवसर प्रदान करता है। हिंदी हमारे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और हमें इसका समर्थन करने का दायित्व है, ताकि हमारी भाषा हमें हमेशा गर्वित और जुड़े रहने का अवसर दे।

इस दिन के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा को सिर पर बिठाने का आशीर्वाद देते हैं। हमें इसे बचाने और बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हमारी भाषा हमें हमेशा गर्वित और जुड़े रहने का अवसर दे।

हिंदी भाषा हमारी संविधान की भी अधिकारिक भाषा है और हमारे सभी आधिकारों को यहाँ तक कि न्यायपालिका के कामकाज में इसका महत्वपूर्ण रोल है। हिंदी का प्रयोग शिक्षा, सरकारी दस्तावेज़, और सार्वजनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी होता है।

निष्कर्ष 

हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें हमारे युवाओं को हिंदी के महत्व को समझने और समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें उन्हें हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में शिक्षा देनी चाहिए, ताकि वे अपनी भाषा का सही और सुंदर उपयोग कर सकें।

हिंदी को न केवल एक भाषा, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर भी मानना चाहिए। हमें इसके साहित्य, संगीत, कला, और विभिन्न धार्मिक तथा सांस्कृतिक अधिकार को समझने और प्रसारित करने का प्रयास करना चाहिए।

इस प्रकार, हिंदी दिवस हमें हमारे देश की सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर के प्रति समर्पित रहने का मौका प्रदान करता है। हमें इसका समर्थन करके और हिंदी को प्रमोट करके हमारे देश की एकता को मजबूती देने का काम करना चाहिए, ताकि हम सभी भारतीय एक होकर आगे बढ़ सकें।

हिंदी दिवस पर 10 लाइन्स 

हिंदी दिवस पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
  • यह दिन हमारे देश में हिंदी भाषा का महत्व और गौरव मनाने का मौका होता है।
  • हिंदी, भारत की राष्ट्रीय भाषा है और यहाँ की विविधता को दर्शाती है।
  • हिंदी दिवस को राजभाषा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
  • हिंदी भाषा के बढ़ते उपयोग से भारतीय समाज का विकास हो रहा है।
  • हिंदी के बिना हम अपने भाषा और संस्कृति को समझने में परेशान होते।
  • हिंदी दिवस पर विभिन्न स्कूल और संगठनों में कविता पाठ और भाषण कार्यक्रम होते हैं।
  • हिंदी के महत्व को बढ़ावा देने के लिए इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • हिंदी भाषा का सच्चा मूल्य सिर्फ भारत में ही नहीं, विश्व भर में है।
  • हिंदी दिवस के माध्यम से हमें अपनी भाषा के प्रति गर्व और समर्पण बनाए रखने का संकेत मिलता है।

हिंदी दिवस क्या है?

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाने वाला एक भारतीय त्योहार है। इसे भाषा और साहित्य के महत्व को मनाने के रूप में मनाया जाता है।

हिंदी दिवस का महत्व क्या है?

हिंदी दिवस का महत्व यह है कि इसके माध्यम से हम अपनी राष्ट्रीय भाषा के महत्व को समझते हैं और इसे प्रोत्साहित करते हैं। यह भाषा भारतीय समाज की विविधता को दर्शाती है और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है?

हिंदी दिवस के मौके पर विभिन्न स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि कविता पाठ, भाषण, साहित्यिक प्रस्तुतियां और गीत-नृत्य।

हिंदी दिवस का इतिहास क्या है?

हिंदी दिवस का आयोजन पहली बार 1953 में हुआ था। यह हिंदी भाषा के संवैधानिक रूप से आधिकारिक भाषा का दर्जा पाने के उपलक्ष्य में मनाया गया था।

हिंदी दिवस की तारीख क्यों 14 सितंबर है?

हिंदी दिवस की तारीख 14 सितंबर है क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी ने 1949 में दक्षिण भारतीय राजभाषा कमीशन को गठित किया था, जिसका उद्देश्य था हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में प्रमोट करना।ADD QUESTION

यह था हिंदी दिवस पर निबंध पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay In Hindi)- मातृभाषा हिंदी पर निबंध

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हिंदी दिवस पर निबंध (Essay On Hindi Diwas In Hindi)- हिंदी हिंदुस्तान के गर्व की भाषा है जिसने पूरे विश्व में हमें एक अलग पहचान दिलाई है। हिंदी पूरे विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से भी एक है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लगभग सभी लोग हिंदी को आसानी से समझ लेते हैं। हिंदी सबसे सरल और आसान भाषा है लेकिन फिर भी कहीं न कहीं आज के युग में हिंदी पिछड़ती दिखाई दे रही है। इसीलिए हिंदी के सम्मान के लिए हम हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) और 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) के रूप में मनाते हैं ताकि हिंदी के प्रति लोगों का नजरिया बदल सके।

Essay On Hindi Diwas In Hindi

एक हिंदुस्तानी को कम-से-कम हिंदी भाषा का इतना ज्ञान तो जरूर होना चाहिए कि वह हिंदी को अच्छे से पढ़ सके, समझ सके, बोल सके और लिख सके। अगर आप जानना चाहते हैं कि हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है और हिंदी दिवस का क्या महत्व है, तो आप हमारा यह हिंदी दिवस पर निबन्ध (Hindi Divas Per Nibandh) पढ़ सकते हैं। बहुत से लोग हिंदी दिवस/राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस को लेकर दुविधा में रहते हैं, उन्हें लगता है कि ये दोनों एक ही दिन मनाए जाते हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Day) और विश्व हिंदी दिवस (International Hindi Day) दोनों ही अलग-अलग दिन मनाए जाते हैं, जिसके बारे में आप हमारे हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay) में पढ़ सकते हैं।

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हिंदी पर निबंध

हिंदी के प्रति अपना प्रेम और सम्मान प्रकट करना हर भारतीय का कर्तव्य है। अपने इसी कर्तव्य को निभाते हुए हम हर साल 14 सितंबर हिंदी दिवस (14 September Hindi Diwas) के रूप में मनाते हैं। हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत कब से हुई और इसके पीछे क्या कारण है, यह जानने के लिए आपको हमारा यह हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (Hindi Diwas Essay In Hindi) पढ़ना होगा। आप हमारे इस पेज से Essay On Hindi Diwas के अलावा हमारी मातृभाषा हिंदी पर निबंध, Short Essay On Hindi Diwas In Hindi Language, Essay On Hindi Diwas In Hindi 100 Words, 200 Words, 300 Words में भी पढ़ सकते हैं। हिंदी में हिंदी दिवस पर निबंध (Essay On Hindi Diwas In Hindi) नीचे से पढ़ें।

हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay In Hindi)

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वो हर व्यक्ति जो हिंदी भाषा से प्रेम करता होगा, उसे जरूर मालूम होगा कि हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। आज के समय में हिंदी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली दुनिया की तीसरी भाषा है। हिंदी दिवस पहली बार 14 सितंबर सन् 1953 को मनाया गया था। हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा ने की थी। उस समय से लेकर और आज तक भी देश के ज़्यादातर राज्यों में हिंदी बोली जाती है। आसान भाषा में कहें, तो हिंदी देशभर में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। इसीलिए सविंधान सभा ने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने का निर्णय लिया था।

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हिंदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा बनाने की घोषणा की थी। भारत की संविधान सभा ने हिंदी भाषा को 14 सितंबर, सन् 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप अपनाया लेकिन इसे देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी 26 जनवरी, सन् 1950 को मिली। हिंदी भाषा को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाए जाने के दिन को ही हम हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं।

भारतीय संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखी हुई हिंदी भाषा को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में सन् 1950 में अपना लिया लेकिन इससे पहले सन् 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया और तभी से ही भारत में अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल होने लगीं। वैसे तो सन् 1949 से हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर सन् 1953 को मनाया गया था।

हिंदी भाषा को हमारे देश में सम्मान दिलाने के लिए बहुत से महान साहित्यकारों जैसे- काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि ने हर संभव और सफल कोशिश की। इन नामों में हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह का नाम भी सामने आता है, जिन्होंने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए खूब कड़ी मेहनत की और अंत तक हार नहीं मानी। व्यौहार राजेन्द्र सिंह का जन्म भी 14 सितंबर, सन् 1900 में जबलपुर, मध्यप्रदेश में हुआ था। उन्हीं की कड़ी मेहनत और परिश्रम की वजह से हिंदी आज हमारे देश की आधिकारिक व राजभाषा है।

जब देश को आज़ादी मिली, तो उसके बाद एक श्रेष्ठ संविधान सभा गठित हुई। इस संविधान सभा ने उन सभी साहित्यकारों की मेहनत, योगदान और कड़े संघर्ष को देखते हुए, जिन्होंने हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाए जाने के लिए संघर्ष किया था, 14 सितंबर, सन् 1949 को आपसी सहमति से हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया और हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला लिया।

हिंदी दिवस का महत्व

हम सभी के लिए हिंदी दिवस का विशेष महत्व है, क्योंकि हिंदी दिवस वह दिन याद करने के लिए मनाया जाता है जब हिंदी को हमारे देश की आधिकारिक भाषा बनाया गया। हिंदी दिवस को हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और ऐसे लोगों के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, जो लोग अंग्रेजी से प्रभावित हैं। अंग्रेजी का सबसे ज़्यादा प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है, इसीलिए उन्हें अपनी जड़ों को याद दिलाने का भी यह एक तरीका है। इस बात से कोई मतलब नहीं है कि हम क्या हैं या हम क्या करते हैं। यदि हम अपनी संस्कृति, भाषा और जड़ के साथ मैदान में खड़े रहते हैं, तो हम अपनी पकड़ को और भी मजबूत बना सकते हैं।

हिंदी दिवस का दिन प्रत्येक वर्ष हमें हमारी असली पहचान की याद तो दिलाता ही है साथ ही यह देश के लोगों को एकजुट होने का काम भी करता है। देश-विदेश में हम जहाँ भी जाएँ वहाँ हमारी पहचान हमारी भाषा और संस्कृति से ही होती है इसीलिए हमें इन्हें हमेशा बरक़रार रखना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या गांधी जयंती के बाद हिंदी दिवस का दिन एक मात्र ऐसा दिन है जो हमारे भीतर देशभक्ति की भावना को जगाता है और हिंदी भाषा सीखने के लिए हमें प्रेरित भी करता है। वर्तमान समय में लोगों का अंग्रेजी की ओर झुकाव अधिक है क्योंकि अंग्रेजी का प्रयोग आज पूरी दुनिया में किया जाता है और यह भी भारत की एक आधिकारिक भाषाओं में से एक है। हिंदी दिवस का दिन हमें ये भी याद दिलाता है कि हिंदी भी हमारी आधिकारिक भाषाओं में से एक है और इसका महत्व भी हमारे लिए कही ज़्यादा है।

हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस में अंतर

हिंदी भाषा को सर्वप्रथम 14 सितंबर, सन् 1949 में राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था। भारत को जब सन् 1947 में आज़ादी मिली, तो देश में भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया था। सवाल यह था कि भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी होगी। देश की भाषा को लेकर ये सवाल काफी गंभीर और अहम था। बहुत सोच-विचार करने के बाद हिंदी भाषा का चुनाव नए राष्ट्र की भाषा के रूप में किया गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपना लिया और 14 सितंबर, सन् 1949 के दिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिल गया। हमारे देश के सबसे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।  

इसके अलावा हर साल 10 जनवरी का दिन विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत साल 2006 से हुई। हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। सबसे पहले 10 जनवरी, सन् 1975 को नागपुर में विश्व हिंदी दिवस के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया था परंंतु तब इसको लेकर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई थी। आज भी अंग्रेजी भाषा को हिंदी भाषा से ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसीलिए हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस और 10 जनवरी को पूरी दुनिया में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस हिंदी प्रेमियों के लिए बेहद खास मौका होता है, क्योंकि हिंदी दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।

हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा यानी कि राजभाषा का दर्जा तो मिल गया, लेकिन वह देश की राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी, जिसके लिए आजतक संघर्ष जारी है। यह मानना गलत नहीं होगा कि अंग्रेजी पूरे विश्व की भाषा है और इसका महत्व भी पूरी दुनिया में अधिक है जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते लेकिन इसके साथ हमें यह बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि पहले हम एक भारतीय हैं और हमारी या हमारे देश की पहचान हिंदी भाषा से ही है जिसका हमें सदैव सम्मान और रक्षा करनी चाहिए।

हिंदी दिवस पर लघु निबंध (Short Essay On Hindi Diwas In Hindi Language)

नीचे से आप Hindi Essay On Hindi Diwas 100 शब्द, 200 शब्द और 300 शब्द में पढ़ सकते हैं। Hindi Diwas Par Nibandh Hindi Me के अलावा आप हमारी मातृभाषा हिंदी पर निबंध (Hindi Language Hindi Diwas Par Nibandh) भी पढ़ सकते हैं। हिंदी दिवस के मौके पर स्कूल और कॉलेज में Hindi Diwas Par Nibandh Hindi Mein प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है, जिसके लिए आप Hindi Diwas Par Nibandh In Hindi में से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं।

हिंदी दिवस पर निबंध 100 शब्द

हर साल हम हिंदी भाषा के सम्मान में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं। इस दिन ही सन् 1949 को हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया था। पूरी दुनिया में हिंदी चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी के महत्व को ध्यान में रखते हुए 14 सितंबर का खास दिन हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए निश्चित किया गया है। हिंदी भाषा के बारे में कई ऐसे रोचक तथ्य हैं, जो इसे दूसरी भाषाओं से अलग बनाते हैं। भारत में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने का कदम सराहनीय था और हर साल हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय भी तारीफ के काबिल है। हिंदी दिवस महज़ एक दिवस नहीं है बल्कि एक अनुस्मारक भी है, जो हमें अपने आदर्शों और संस्कृति की भी याद दिलाता है। हिंदी दिवस हमें बताता है कि कैसे हमें विभिन्न सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में हिंदी भाषा का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए।

हिंदी दिवस पर निबंध 200 शब्द

भारत में हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई थी और इसी दिन ही हिंदी भाषा को संविधान सभा के द्वारा राष्ट्रीय भाषा के रूप में लागू किया गया था। इस विशेष अवसर पर हिंदी भाषा के प्रोत्साहन और उसको बढ़ावा देने के लिए हिंदी लेखन प्रतियोगिताएं, भाषण कार्यक्रम, कवि सम्मेलन आदि आयोजित किए जाते है। हमारे देश के संविधान के 343 अनुच्छेद के अनुसार 14 सितंबर, सन् 1949 के दिन हिंदी भाषा को हमारी मातृभाषा के रूप में अपनाया गया था। हालांकि इस भाषा को स्वीकार करते समय यह बात भी साफ कर दी गई थी कि औपचारिक वार्तालाप के लिए हिंदी भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा को भी अपनाया जाएगा। उस दिन से लेकर हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी के महत्व को लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

हिंदी दिवस का दिन भारत के लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को याद दिलाने के साथ-साथ जिस दिन हमारे देश में हिंदी भाषा को राजभाषा की मान्यता मिली थी, उस दिन का जश्न मनाने के लिए भी मनाया जाता है। आज हमारे देश के युवा और बच्चे पश्चिमी सभ्यता के रंग में रंगते जा रहे हैं और जिस वजह से वह अंग्रेजी भाषा की तरफ भी खींचे चले जा रहे हैं। इसीलिए आने वाली पीढ़ियों का ध्यान अपनी संस्कृति और हिंदी भाषा की तरफ खींचने के लिए हिंदी दिवस के दिन हर साल युवाओं और बच्चों को हिंदी भाषा का इतिहास बताते हुए उसका महत्व भी समझाया जाता है। इस बात को हम मानने से इंकार नहीं कर सकते कि आज अंग्रेजी पूरी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है लेकिन हम भारत के नागरिक हैं और हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को बोलने में शर्म नहीं बल्कि गर्व महसूस करना चाहिए।

हिंदी दिवस पर निबंध 300 शब्द

हम भारतीयों पर पश्चिमी रीति-रिवाजों का प्रभाव सबसे ज़्यादा पड़ा है। हम उन लोगों की तरह कपड़े पहनना चाहते हैं, उनकी जीवनशैली अपनाना चाहते हैं, उनकी भाषा बोलना चाहते हैं और इसके अलावा जो वो करते हैं हम भी वो सब करना चाहते हैं और हर चीज़ में उनके जैसा बनना चाहते हैं। लेकिन हम इस बात को नहीं समझना चाहते कि भारत की संस्कृति पश्चिम की संस्कृति से कहीं ज़्यादा समृद्ध और मजबूत है। जिस हिंदी दिवस को हम 14 सितंबर मनाते हैं, वो केवल हिंदी भाषा को ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति को भी सम्मान देने का एक दिन है।

हिंदी भाषा पूरी दुनिया में चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है और भारत में भी ज्यादातर लोग हिंदी ही बोलते हैं। दूसरे देश जहाँ पर भी व्यापक रूप से हिंदी बोली जाती है उनमें पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना, सूरीनाम आदि शामिल हैं। दुनिया भर के लोग हिंदी गीतों और हिंदी फिल्मों को प्यार करते हैं, जो उन लोगों का हिंदी भाषा के प्रति स्नेह और प्यार को दर्शाता करता है। भले ही हिंदी भाषा दुनिया की चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा क्योंकि न बन गई हो लेकिन इसके अपने देश के लोग ही इसके महत्व को भूलते जा रहे हैं। अब तो जहाँ देखो वहाँ लोग अंग्रेजी को ही अधिक महत्व दे रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, कॉर्पोरेट, कार्यालयों आदि हर जगह अंग्रेजी को हिंदी से ज़्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। यही कारण है कि हिंदी अंग्रेजी से पिछड़ती जा रही है। आज-कल के माता-पिता और शिक्षक भी अपने बच्चों को अंग्रेजी सीखने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि यह भाषा नौकरी दिलाने में काफी मदद करती है।

भारत जैसे देश में यह देखना वाकई कष्ट पहुँचाता है कि नौकरी पर रखने वाले अधिकारी उम्मीदवारों को उन्हें उनके ज्ञान के आधार पर नहीं बल्कि उनकी अच्छी अंग्रेजी के आधार पर चुनते हैं। इसलिए बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके हाथों से काम करने का अवसर निकल जाता है क्योंकि उन्हें अच्छी अंग्रेजी बोलनी नहीं आती भले ही उन्हें काम की अच्छी जानकारी हो। हिंदी दिवस देश के ऐसे लोगों को जगाने का प्रयास है जो अपनी ही हिंदी भाषा को भूलते जा रहे हैं।

हिंदी दिवस पर 10 लाइनें

1. हिंदी हमारी मातृभाषा है।

2. हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को और विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।

3. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया।

4. पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर सन् 1953 को मनाया गया था।

5. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।

6. हिंदी को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है।

7. इस दिन हिंदी साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे हिंदी कहानी प्रतियोगिता, हिंदी कवि सम्मेलन आदि।

8. हिन्दी दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर पर है।

9. हिंदी दिवस ऐसे लोगों को जगाने का प्रयास है जो अंग्रेजी को ज्यादा अहमियत देते हैं।

10. हमें अपनी मातृभाषा यानी हिंदी भाषा में बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए।

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हमारी मातृभाषा हिंदी पर निबंध

किसी भी देश की पहचान सबसे पहले उस देश की भाषा से ही होती है। हिंदुस्तान की पहचान हिंदी भाषा से है। हिंदी भाषा स्वतंत्रता से पहले, स्वतंत्रता के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी लोकप्रिय भाषा बनी हुई है। हिंदी नाम फारसी के शब्द हिंद से आया है जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि। हिंदी भाषा इंडो-यूरोपियन परिवार के इंडो-आर्यन भाषाओं के सदस्यों में से एक है लेकिन इस भाषा में कोई भी लेख मौजूद नहीं है। हिंदी के कई शब्द ऐसे हैं, जो संस्कृत भाषा से प्रेरित हैं।

हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी भाषा मूलतः ध्वन्यात्मक लिपि में लिखी गयी है। इस भाषा के शब्दों को हम उसी तरह स्पष्ट करते हैं जिस तरह से इन्हें लिखा गया है। ऐसे कई शब्द हैं जिन्हें पढ़कर लगता है कि ये अंग्रेजी के शब्द हैं लेकिन हकीकत में ये शब्द हिंदी भाषा के ही हैं, जैसे- जंगल, लूट, बंगला, योग, कर्म, अवतार, गुरु आदि। हिंदी भाषा में सभी संज्ञाओं में लिंग हैं। ये या तो स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग हैं। इसमें विशेषण और क्रियाएँ लिंग के आधार पर अलग-अलग होती हैं। हिंदी उन सात भाषाओं में से एक है जिसका इस्तेमाल वेब एड्रेस बनाने के लिए भी किया जाता है। दुनिया में हर ध्वनि को हिंदी भाषा में लिखा जा सकता है। हिंदी भाषा का प्रयोग केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों, जैसे- पाकिस्तान, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स, ऑस्ट्रेलिया आदि में भी किया जाता है।

हिंदी हमारे देश की सबसे प्रमुख भाषाओं और सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदुस्तान में हिंदी भाषा को हर कोई आसानी से समझ सकता है और बोल सकता है। कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि भारत की राष्ट्र भाषा कौन सी है? तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत की राष्ट्र भाषा कोई भी नहीं और हिंदी भी भारत की राष्ट्र भाषा नहीं, बल्कि ‘आधिकारिक’ और ‘राज भाषा’ है, जिसे 14 सितंबर, सन् 1949 को भारतीय संविधान से संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ था। वैसे अगर देखें तो हिंदी भाषा का इतिहास 12वीं शताब्दी का है जिसका उदय आज से लगभग 300 साल पहले हुआ था। हिंदी भाषा पूरे विश्व में सबसे पुरानी, प्राचीन और प्रभावशाली भाषाओं में से एक है। हमें हमारी मातृभाषा हिंदी को बोलने में सदैव गौरवान्वित महसूस करना चाहिए।

हिंदी भाषा में बहुत सी अलग-अलग लोकप्रिय साहित्यिक कृतियां देखने को मिलती हैं, जैसे- ‘रामचरितमानस’ जो हमारे देश की सबसे बड़ी हिंदी साहित्यिक कृतियों में से एक है। सोलहवीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की थी। हिंदी भाषा के कई बड़े लेखक हुए हैं, जैसे हरिवंश राय बच्चन, मुंशी प्रेमचंद आदि जिनकी कहानियों पर हिंदी सिनेमा में फिल्में भी बनी हैं। हमारे देश के लोगों को पुरानी हिंदी फिल्में और उनके गीत भी खूब पसंद आते हैं। कुल मिलाकर देखें तो हिंदी भाषा सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है जो आधुनिक इंडो-आर्यन भाषाओं में से आती है। हिंदी भाषा को अंग्रेजी भाषा के साथ भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में इसलिए चुना गया था क्योंकि यह अंग्रेजी के बाद देश की इकलौती ऐसी भाषा थी जिसे पूरा देश आसानी से बोल और समझ सकता था।

हमारा देश सांस्कृतिक विचारों, पौराणिक कालों और ऋषि मुनियों का देश है। कई सालों पहले जब भारत पर अंग्रेजी हुकूमत का शासन था, उस समय भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार जारी रहा। जब हमारा देश आज़ाद हुआ था, तो हम अंग्रेजी भाषा से भी आज़ाद हो गए थे और हिन्दी भाषा को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो गया था। हिंदी भाषा आज भी पूरे भारत की लोकप्रिय भाषा बनी हुए है लेकिन देश की नई पीढ़ी फिर से अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व देने लगी है जिससे एक बार फिर हिंदी भाषा खतरे के निशान के पास आ पहुँची है।

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प्रश्न- हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है निबंध?

उत्तरः हिंदी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि भारत की संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, सन् 1949 को हिंदी भाषा को देश की दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। तब से पूरे भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न- क्या हिंदी हमारी मातृभाषा है?

उत्तरः हाँ, हिन्दी हमारी मातृभाषा है और हिन्दी हैं हम वतन हैं।

प्रश्न- हिंदी दिवस पर क्या लिखें?

उत्तरः हिंदी दिवस पर आप निबंध, लेख, कविता, कहानी, हिंदी का इतिहास आदि लिख सकते हैं।

parikshapoint.com की तरफ से आप सभी को “हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं”।

1 thought on “हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay In Hindi)- मातृभाषा हिंदी पर निबंध”

हिंदी आज भी भारत में लोकप्रिय भाषा है। राजनीतिक और शासकों के वर्चस्व के कारण ज्यादातर राज्यों ने हिंदी को खारिज कर दिया और स्थानीय भाषा विकसित की। यदि आप ध्यान से देखें तो हर छात्र को माध्यमिक बोर्ड परीक्षा (एसएससी) में हिंदी का पेपर पास करना होगा। फिर राज्यों ने हिन्दी भाषा को कैसे नकारा ? अधिकतर भारतीय भाषा के प्रेम, प्रेम और मधुरता को पसंद करते हैं, लेकिन तानाशाही प्रकृति की भाषा किसी को पसंद नहीं है। हिंदी भाषा वाले लोगों से प्यार करो, लेकिन आधिकारिक स्थिति वाले लोगों से नहीं। जय हिंद और हिंदी जिंदाबाद।

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Hindi Diwas Par Nibandh

Hindi Diwas Par Nibandh: हिंदी दिवस पर निबंध

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पूरी दुनिया में हिंदी भाषा तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. हिंदी भाषा भारत के अलावा भी दूसरे देशों जैसे नेपाल, पाकिस्तान, और श्रीलंका जैसे अन्य बहुत से देशों में बोली जाती है. हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं. हमारे देश भारत के आजाद होने के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने फैसला किया कि हिंदी भाषा की खड़ी बोली भारत की राजभाषा रहेगी. जिसके बाद राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के निवेदन पर संपूर्ण भारत में 14 सितंबर 1953 के बाद से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. 

लगातार धीरे-धीरे हिंदी भाषा का प्रयोग बढ़ता चला जा रहा है. अब हमारी हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी पसंद किया जाने लगा है. इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि हिंदी भाषा हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब प्रदर्शित करती है. वर्तमान में संपूर्ण विश्व के कोने-कोने से कई लोग हिंदी भाषा पर अध्ययन करने के लिए भारत आ रहे हैं. एक हिंदुस्तानी होने के नाते देश के प्रत्येक नागरिक को कम से कम हिंदी भाषा तो जरूर आनी ही चाहिए. इसके साथ ही हमें हिंदी भाषा सम्मान करना सीखना चाहिए. हिंदी भाषा हमारी पहचान है और हमें हिंदी भाषा पर गर्व है.

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हिंदी प्रत्येक हिंदुस्तानी के गर्व और पहचान की भाषा है. हिंदी भाषा में हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग ही पहचान दिलाई है. पूरी दुनिया में हिंदी भाषा तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. साथ ही साथ हिंदी हमारी राजभाषा भी है. हिंदी को राजभाषा का दर्जा वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा दिया गया था. जिसके बाद 14 सितंबर 1953 से संपूर्ण भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. हिंदी भाषा का प्रचलन लगातार धीरे-धीरे बढ़ रहा है. 

वर्तमान दौर में बढ़ते अंग्रेजी के प्रचलन के कारण हिंदी बोलने वाले लोगों को गवार या अनपढ़ समझा जाता है. या यूं कह सकते हैं कि हिंदी बोलने वालों को तुच्छ नजरिए से देखा जाता है जो कि कतई सही नहीं है. आज हमारे देश के अधिकांश लोग अंग्रेजी भाषा के गुलाम बन बैठे हैं. हम अपनी हिंदी भाषा को बहुत सम्मान नहीं दे पा रहे हैं जो देश के प्रत्येक नागरिक में अपनी राजभाषा के प्रति दिखना चाहिए. 

आजकल देश के हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं और उन्हें अच्छे से अच्छे स्कूल में प्रवेश भी दिलाते हैं. जहां इन स्कूलों में अंग्रेजी और अन्य भाषाओं पर तो काफी जोड़ दिया जाता है लेकिन हिंदी पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता. अक्सर लोगों को लगता है कि हिंदी भाषा को पढ़कर कोई खास मौके नहीं मिलते हैं. यदि दूसरे देशों की तरह हर एक हिंदुस्तानी अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी को बोलना और लिखना शुरू कर दे तो हिंदी भाषा को नंबर 1 पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता. लगभग अधिकांश देशों में उनके यहां की राजभाषा ही संपूर्ण देश में बोली जाती है और प्रयोग की जाती है. हिंदी दिवस को मनाने का मतलब है गुम हो रही हिन्दी को बचाने के लिए एक प्रयास.

Hindi Diwas Par Nibandh

essay on hindi diwas in hindi

भारत में हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी  कई हज़ार वर्ष पुरानी भाषा है एवम इसका इतिहास भी उतना ही रोचक है। वैसे तो संस्कृत भाषा को हिंदी भाषा की जननी कहा जाता है जो की सही है लेकिन आज हिंदी भाषा में कई अन्य भाषाओं जैसे के अरबी, फारसी और उर्दू के शब्दों का प्रयोग किया जाने लगा है। यहां तक की हिंदी शब्द ही एक फारसी शब्द है.

इस तरह हिंदी कई भाषाओं के शब्दों को अपने अंदर समाहित करते हुए भी सरल एवं अनोखी है। आजादी के कुछ सालों बाद जब आधिकारिक तौर पर कोई राजभाषा नहीं थी तब संविधान सभा द्वारा हिंदी को राजभाषा चुने जाने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय हिंदी की सरलता एवं लोगों द्वारा अत्यधिक प्रयोग करने पर लिया गया। जिसके बाद अंततः 14 सितंबर 1949 को विचार विमर्श करके एवं सबकी सहमति हिंदी भाषा को राजभाषा बनाए जाने का निर्णय लिया गया।

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हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? (hindi day essay in hindi)

14 सितंबर 1949 का दिन वो दिन था जब हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में चुना गया था। इसके बाद 14 सितम्बर 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया तब से लेकर आज तक हर साल आने वाली 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाने लगा। इसे मनाने के पीछे का कारण संविधान सभा के कार्यकर्ताओं द्वारा लिया गया निर्णय है। जिसमें सभी ने सोच विचार कर एवं सर्वसम्मति से हिंदी भाषा को राज भाषा बनाए जाने का निर्णय लिया।

इससे पहले सन 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के अवसर पर महात्मा गांधी द्वारा हिंदी को देश की राजभाषा बनाए जाने पर चर्चा की जा चुकी थी। जिसके बाद संविधान सभा द्वारा हिंदी भाषा को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा के रूप में आधिकारिक रूप से घोषित किया गया।

हिंदी राजभाषा क्यों बनी? (rashtra bhasha hindi essay in hindi)

हिंदी सरल एवं स्पष्ट भाषा है बड़े सोच विचार एवं कई लोगों की सहमति के बाद इसे राजभाषा के तौर पर चुना गया। क्योंकि यह भारत में कई लोगों द्वारा बोली जाने वाली सबसे अधिक और लोकप्रिय भाषा है इसलिए भी इसका राजकीय भाषा चुना जाना कहीं हद तक सही था। आज हर कहीं हिंदी बोली जाती है एवम् भारत में अलग अलग जगह जहां मराठी, गुजराती, राजस्थानी लोग बसे हैं उन्हें भी हिंदी का अच्छा ज्ञान है। हिन्दी भाषा को ही संविधान सभा द्वारा राज भाषा के रूप में चुना गया इसलिए हिंदी राजभाषा बनी।

14 सितंबर को ही हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं?

14 सितंबर के दिन हिंदी भाषा को राजभाषा के तौर पर चुने जाने के कारण ही इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न आयोजनों द्वारा एवं प्रतियोगिताएं रख कर हिंदी दिवस को आयोजित किया जाता है। इसे लगभग पुरे एक सप्ताह तक मनाया जाता है। कई कार्यालयों एवं स्कूल कॉलेजों में भी इसे धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें हिंदी की महत्त्व को समझाते हुए लोग भाषण देते हैं एवम आयोजित प्रतियोगिता में अव्वल स्थान प्राप्त करने वालों को सम्मानित भी करते हैं।

हिंदी दिवस का महत्व (hindi diwas ka mahatva essay in hindi)

राजकीय स्तर पर हिंदी भाषा को पहचान एवं नागरिकों के बीच अपनी मातृभाषा को एक एहम स्थान दिलाने में हिंदी दिवस का बहुत महत्व रहा है। समय बीतने के साथ लोग अपनी राज भाषा का उपयोग न करके अंग्रेजी भाषा का उपयोग करने लगे है। जिसके बीच हिंदी दिवस जैसे आयोजन और समारोह लोगों के बीच हिंदी भाषा को लेकर जागरूक करते रहते हैं।

जिसके कारण हमें और आने वाली भविष्य की पीढ़ी को अपनी मातृभाषा को जानने का अवसर मिलता है। इस आयोजन को और रुचिकर बनाने के लिए पुरुस्कार वितरण भी किया जाता है जिसमें हिंदी भाषा के क्षेत्र में अपना योगदान देने वाले और श्रेष्ठ कार्य करने वालों को पुरुस्कार द्वारा सम्मानित किया जाता है।

उपसंहार (rastrabhasa hindi essay in hindi)

हिंदी हमारी राजभाषा है और यह प्राचीन समय से हमारे साथ जुड़ी है। हमें आवश्यकतानुसार किसी भी अन्य भाषा का उपयोग करना चाहिए एवम उसे प्रयोग में लाना चाहिए। किसी खास दिन अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने तक ही हमारा काम खत्म नहीं हो जाता है। हम अपने सामान्य बोल चाल में हिंदी का उपयोग कर सकते हैं जिससे हमारे साथ की एवम आने वाली पीढ़ी भी हिंदी भाषा को जान सके एवं उसका उपयोग कर सके। हमें अन्य भाषा का उपयोग वैकल्पिक तौर पर या आवश्यकता पड़ने पर ही करना चाहिए। 

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14 सितंबर हिंदी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi (Hindi Diwas par Nibandh)

Essay on Hindi Diwas in Hindi हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas par Nibandh): जानिए हिंदी दिवस का महत्व और हिंदी भाषा के महत्व को समझाने वाले इस निबंध में। हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है और कैसे यह हमारे राष्ट्र की पहचान को बढ़ावा देता है, इसके बारे में जानें।

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हिंदी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi (Hindi Diwas par Nibandh)

Hindi diwas par anuched, essay on hindi diwas in hindi 100 words.

हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को मनाने और प्रसारित करने के लिए समर्पित है। 1949 में भारत सरकार ने हिंदी को देश की राजभाषा के रूप में चुना था। हिंदी एक सुंदर और समृद्ध भाषा है, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। हिंदी दिवस के दिन सरकारी कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग बढ़ावा दिया जाता है और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हिंदी भाषा हमारी आत्मा का हिस्सा है, और हिंदी दिवस हमें इसके महत्व को समझाने का मौका प्रदान करता है। (हिंदी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi (Hindi Diwas par Nibandh) )

Essay on Hindi Diwas in Hindi 150 Words

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है। यह दिन हमें हिंदी भाषा के महत्व को याद दिलाता है और इसे प्रसारित करने के लिए हमारी भूमिका को याद दिलाता है।

हिंदी दिवस का आयोजन वर्ष 1949 में किया गया था, जब भारत सरकार ने हिंदी को देश की राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी। हिंदी भाषा हमारे देश की एकता और विविधता का प्रतीक है और इसका महत्व भाषा, साहित्य, और संस्कृति के क्षेत्र में है।

हिंदी दिवस के दिन विभिन्न कार्यक्रमों, समारोहों, और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें हिंदी कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिता, और हिंदी संगीत कार्यक्रम शामिल होते हैं। यह दिन हमें हिंदी भाषा के प्रति गर्व और समर्पण की भावना प्रकट करने का मौका प्रदान करता है और हम इसे बढ़ावा देने का संकल्प लेते हैं।

हिंदी दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी भाषा हमारी पहचान है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। इसे बढ़ावा देने से हम अपने राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रख सकते हैं और हमारी भाषा को आगे बढ़ा सकते हैं। (हिंदी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi (Hindi Diwas par Nibandh) )

Essay on Hindi Diwas in Hindi 300 Words

हिंदी हमारी मातृभाषा है निबंध 300 words.

हिंदी दिवस, हर साल 14 सितंबर को, गर्म ज़ज्बात और राष्ट्रीय भावनाओं के साथ मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण उपलक्ष्य है जो हिंदी भाषा के महत्व को प्रमोट करने और यह उत्कृष्ट भाषा को बढ़ावा देने के लिए हमारी भूमिका को याद दिलाता है।

1949 में, संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया, और इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में चुना गया। हिंदी भाषा का महत्व भाषा, साहित्य, संस्कृति, और राष्ट्रीय एकता में है।

हिंदी दिवस के अवसर पर, स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, और सामाजिक संगठन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इन कार्यक्रमों में हिंदी कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिताएँ, और सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल होते हैं।

हिंदी भाषा हमारी भाषा है, और इसका हमारे व्यक्तिगत और राष्ट्रीय जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। हिंदी दिवस के दिन हमें हिंदी के महत्व को समझाने और इसे बढ़ावा देने का संकल्प लेने का मौका मिलता है, ताकि हम इसे अपनी जीवन में और भी प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकें।

हिंदी दिवस हमारे लिए हमारी भाषा के प्रति गर्व और समर्पण की भावना को जगाने और बढ़ावा देने का मौका प्रदान करता है, और हम सभी को हिंदी के महत्व को समझने और मान्यता देने का प्रेरणा देता है।

Essay on Hindi Diwas in Hindi 500 Words

हिन्दी दिवस पर निबंध:, प्रस्तावना:.

हिन्दी भाषा हमारे देश, भारत की राष्ट्रीय भाषा है। यह भाषा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिन्दी भाषा की महत्ता और महात्मा गांधी द्वारा इसके प्रयोग की प्रस्तावना के बाद, हर साल 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिन्दी भाषा के महत्व को याद करने और बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण दिन है।

हिंदी दिवस Hindi Day का उद्देश्य

हिंदी दिवस (Hindi Day) का मुख्य उद्देश्य है हिन्दी भाषा के महत्व को समझाना और इसके प्रयोग को बढ़ावा देना। इस दिन के माध्यम से समाज में हिन्दी के प्रति जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया जाता है, ताकि यह भाषा अपनी सांस्कृतिक, सामाजिक, और राजनीतिक महत्व को पूरी तरह से बना सके।

हिंदी दिवस के महत्वपूर्ण उद्देश्य:

  • हिन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका का प्रसारण: हिंदी दिवस के माध्यम से लोगों को यह बताया जाता है कि हिन्दी भाषा कितनी महत्वपूर्ण है, और इसका सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक जीवन में कैसा महत्व है।
  • हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देना: इस दिन के अवसर पर, सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोग बढ़ावा दिया जाता है, ताकि लोग इसका सही और प्रभावी उपयोग कर सकें।
  • हिन्दी में शिक्षा को प्रोत्साहित करना: हिंदी दिवस के मौके पर, स्कूलों और कॉलेजों में विशेष पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें हिन्दी भाषा में शिक्षा को प्रमोट किया जाता है।
  • उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना: हिंदी दिवस के दौरान, उन व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाता है जो हिन्दी में उत्कृष्ट काम करते हैं, जैसे कि कविता, लेखन, और भाषण।
  • हिन्दी भाषा के विकास का समर्थन करना: हिंदी दिवस के माध्यम से, हम यह संदेश देते हैं कि हिन्दी भाषा के विकास और संरक्षण का हम समर्थन करते हैं, ताकि यह भाषा हमारी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में बनी रहे।
  • सांस्कृतिक आपसी सम्मेलन: हिंदी दिवस के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के प्रतिनिधित्व होता है, जो सांस्कृतिक आपसी सम्मेलन को बढ़ावा देता है।

इन सभी उद्देश्यों के साथ, हिंदी दिवस हिन्दी भाषा को एक सशक्त और समृद्ध भाषा के रूप में बनाने का अवसर प्रदान करता है और लोगों को इसके महत्व को समझाने और मान्यता देने का प्रेरणा देता है।

14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं?

दरअसल आजादी मिलने के दो साल बाद  14  सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से  हिंदी  को राजभाषा घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद  हिंदी  को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में  14 सितंबर  को हर साल  हिंदी दिवस  के रूप में मनाया जाने लगा।

हिंदी दिवस का इतिहास और महत्व:

हिंदी दिवस का आयोजन पहली बार 14 सितंबर 1949 को किया गया था, जब भारत सरकार ने हिंदी को देश की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। इसके प्रमुख प्रसारण के लिए, इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में चुना गया।

हिंदी दिवस का महत्व बहुत अधिक होता है, क्योंकि यह एक ऐसा मौका है जब हम हिंदी भाषा के महत्व को समझाने और प्रसारित करने का सुनहरा अवसर प्राप्त करते हैं। हिंदी भाषा भारत की आधिकारिक भाषा होने के साथ ही यह देश की सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता का एक हिस्सा भी है।

हिंदी भाषा के महत्व को समझने के लिए हमें यह जानना चाहिए कि यह देश के विभिन्न हिस्सों में बोली जाती है और यह एक ऐसी भाषा है जो बड़े ही सरलता से सीखी जा सकती है। इसके अलावा, हिंदी भाषा का विकास और प्रचारन हमारे भारतीय साहित्य, कला, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी महत्वपूर्ण है।

हिंदी दिवस के अवसर पर, स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों, और सामाजिक संगठनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में हिंदी कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिता, हिंदी संगीत और नृत्य कार्यक्रम, और हिंदी साहित्य से संबंधित गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। यहां तक कि कुछ स्थानों पर लोग हिंदी दिवस के दौरान हिंदी भाषा के महत्व को समझाने के लिए विशेष कार्यशालाएँ भी आयोजित करते हैं।

समापन रूप में, हिंदी दिवस हमें हमारी मातृभाषा के प्रति गर्व और समर्पण की भावना प्रकट करने का मौका प्रदान करता है। यह एक ऐसा दिन है जब हम हिंदी भाषा के महत्व को समझने और समर्थन करने के लिए एक साथ आते हैं और यह दिखाते हैं कि हम हमारी भाषा का सम्मान करते हैं और इसे बढ़ावा देते हैं।

हिन्दी भाषा का महत्व:

हिन्दी भाषा का महत्व भारतीय सभ्यता और एकता के साथ है। यह भाषा देशभक्ति और सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है। हिन्दी के बिना हम अपनी भाषा, विचार और भाषा की खो देंगे। इसके अलावा, हिन्दी भाषा भारत की सरकारी कार्यों की आधिकारिक भाषा है और यह विभिन्न राज्यों में बोली जाती है।

हिन्दी दिवस का महत्व:

हिन्दी दिवस का मनाने से हम अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं। इस दिन हम यह भी याद करते हैं कि हमें हमारी भाषा का संरक्षण करना है और इसे बढ़ावा देना है। हिन्दी दिवस के आयोजनों में हिन्दी कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिता, और हिन्दी से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

भारत की राजभाषा/आधिकारिक भाषा

स्वतंत्र भारत की राजभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में इस प्रकार वर्णित है.संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को अंग्रजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी।

भारतीय संविधान के इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद, हिंदी को देश की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। हिंदी का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यह भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक एकता का प्रतीक है, और यह भारतीय जनता के बड़े हिस्से द्वारा बोली जाती है। इसके साथ ही, हिंदी को सार्वभौमिकता की भावना के साथ जोड़कर, यह एकता और एकत्रितता के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।

हिंदी दिवस का आयोजन 14 सितंबर को हर वर्ष होता है ताकि लोग हिंदी भाषा के महत्व को याद रख सकें और इसे बढ़ावा दे सकें। इस दिन के आयोजनों में हिंदी कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिता, और हिंदी संगीत और नृत्य कार्यक्रम शामिल होते हैं। यहां तक कि कई स्थानों पर हिंदी दिवस के दौरान हिंदी भाषा के महत्व को समझाने के लिए विशेष कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

हमारी जिम्मेदारी:

हिन्दी दिवस के मौके पर, हमें यह दर्शाना चाहिए कि हमें हमारी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और इसका प्रयोग करना चाहिए। हमें अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में हिन्दी का प्रयोग करना चाहिए और इसे संरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए।

हिन्दी दिवस हमें हमारी मातृभाषा के महत्व को समझाने और इसे प्रशंसा करने का मौका प्रदान करता है। हमें हिन्दी को हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक मानना चाहिए और इसे संरक्षित रखने के लिए साझा प्रयास करना चाहिए। इसी तरह से, हम हिन्दी दिवस को मनाकर अपने सांस्कृतिक धरोहर को बचाने और बढ़ावा देने का आग्रह करते हैं।

hindi diwas par kavita

यहां एक छोटी सी कविता है हिंदी दिवस पर:

हिंदी की ध्वजा लहराए, भाषा का महत्व बढ़ाए। सारे देश में यह गाए, हिंदी को समर्थन दिलाए। शब्दों का जादू है हिंदी, भावनाओं का रंगीन कीचड़ी। बोलो उसे प्यार से दिल से, हर रोज़ बढ़ाएं इसकी महत्वपूर्णी। हिंदी भाषा का गर्व है हमें, हर कदम पर यह याद दिलाती है। हिंदी दिवस पर हम सब, इसे बढ़ावा देने का व्रत लेते हैं। स्वतंत्रता संग्राम का मैदान, हिंदी ने भी सजाया था। आज यह भाषा है हमारी शान, हर भारतीय के दिल में बसाया था। हिंदी को हम सभी का प्यार, हर दिन मनाएं हम इसे यार। हिंदी दिवस के इस खास मौके पर, हम सब मिलकर बढ़ाएं इसका गुणगान।

Hindi Diwas Poster

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Extra Tips 4 Extra Marks :

Practice essay writing online, हिंदी दिवस के बारे में 10 रोचक तथ्य:-.

  • अवतार, बंगला, गुरु, जंगल, खाकी, कर्म, लूट, मंत्र, निर्वाण, पंच, पजामा, शरबत, शैंपू, ठग, आंधी और योग समेत अंग्रेजी शब्द हिंदी से ही उधार लिए गए हैं।
  • हिंदी को अपना नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से मिला है, जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’।
  • 14 सितंबर, 1949, वह दिन था जब भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में स्वीकार किया। पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर, 1953 को मनाया गया, जब इस दिन को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई थी।
  • पहली बार विश्व हिंदी दिवस 2006 में मनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी।
  • हिंदी नेपाल, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अमेरिका, यूके, जर्मनी और टोबैगो में बोली जाती है।

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया था।

  • विश्व हिंदी दिवस पहली बार 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा दुनियाभर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया गया था।
  • हिंदी भाषा आधुनिक आर्य भाषाओं में से एक है।
  • साल 1881 में बिहार ने हिंदी को अपनी आधिकारिक राज्य भाषा के रूप में बदल दिया और आधिकारिक तौर पर भाषा को अपनाने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया।
  • ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में ‘अच्छा’ और ‘सूर्य नमस्कार’ जैसे कई हिंदी शब्द शामिल किए गए हैं

मतदाता दिवस

hindi diwas kab manaya jata hai

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Hindi Diwas Essay in Hindi | हिंदी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas 2023

हिन्दी हमारी राजभाषा के साथ-साथ हमारा स्वाभिमान और राष्ट्र गौरव भी है। हिन्दी हमारे सम्मान और गर्व की भाषा भी है। यह विश्व की प्राचीनतम एवं समृद्ध भाषा है। हर साल 14 सितंबर को हमारे देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

अंग्रेजी भाषा के विस्तार के साथ-साथ बीते समय में हिन्दी भाषा ने अपने ही देश में अपनी पहचान खोई है, अंग्रेजी भाषा की ओर लोगों के बढ़ते रुझान के कारण हिन्दी भाषा की लोकप्रियता निश्चित रूप से कम हुई है।

हिन्दी भाषा के निरंतर कम होते रुझान व महत्व को पुनः स्थापित करने तथा लोगों में हिन्दी भाषा के प्रति रुचि जागृत करने के लिए हम प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस मनाते हैं।

प्रिय पाठकों ! Hindi Diwas Essay in Hindi | हिन्दी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas 2023 के हमारे इस लेख में हमने हिन्दी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay in Hindi) तथा हिन्दी दिवस पर भाषण ( Hindi Diwas Speech ) सरल हिन्दी भाषा में लिखा है।

यदि आप हिन्दी दिवस के अवसर पर निबंध या भाषण लिखना या बोलना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Table of Contents

प्रस्तावना – Introduction

14 सितंबर कि हमारे देश में हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी हमारे देश की राजभाषा है, परंतु समय के साथ-साथ इसकी चमक धूमिल हुई है।

अपनी नई पीढ़ी से अपनी राजभाषा का परिचय कराने उनके दिलों में हिन्दी के प्रति सम्मान व गौरव का भाव उत्पन्न करने के लिए हम प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस मनाते हैं।

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हिन्दी भाषा का इतिहास – History of Hindi Language

दोस्तों, हिन्दी भाषा के इतिहास की बात करें तो यह लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना जाता है।संस्कृत भारत की प्राचीनतम भाषा है, इसे देव भाषा अथवा आर्य भाषा भी कहा जाता था। भारत में 1500 ई0 पूर्व से 1000 ईसा पूर्व तक संस्कृत भाषा रही।

Hindi Diwas Essay in Hindi

संस्कृत के बाद पालि भाषा का उद्भव हुआ,जो पहली ईस्वी से 500 ई0 तक थी । उसी दौर में यह भाषा आम बोलचाल की भाषा में रूपांतरित हुई, और यह भाषा प्राकृत भाषा कहलाने लगी।

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प्राकृत भाषा में बहुत सी क्षेत्रीय मूल्यों का समावेश था फिर इसी भाषा से अपभ्रंश भाषा का विकास होना शुरू हुआ, प्राकृत भाषा का समय 500 ई0 से 1000 ई0 तक रहा। अपभ्रंश की देसी भाषा के सरल शब्दों को अवहट्ट कहा जाता था, कालांतर में अवहट्ट से ही हिन्दी भाषा का उद्भव माना जाता है।

हिन्दी के विकास के बारे में कुछ विद्वानों का मत है कि अपभ्रंश से ही हिन्दी का विकास हुआ, जबकि दूसरी ओर अन्य विद्वानों का मानना है कि अवहट्ट से हिन्दी भाषा का उद्भव हुआ।

देश के महान हिन्दी साहित्यकारों ने अपने विचारों को देश के अधिकांश लोगों तक पहुंचाने के लिए हिन्दी को माध्यम बनाया, हिन्दी भाषा और हिन्दी पत्रकारिता ने आगे चलकर देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, देश के आजाद होने के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदीभाषा को देश की राजभाषा घोषित किया गया।

हिन्दी दिवस 2023- Hindi Diwas Essay in Hindi

हिन्दी दिवस इस वर्ष 2023 में 14 सितंबर दिन वृहस्पतिवार को मनाया जाएगा। इस दिन को स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थाओं में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है, इस अवसर पर स्कूलों में विभिन्न प्रकार के भाषण,निबंध प्रतियोगिताएं यदि आयोजित की जाती हैं।

विश्व की अन्य भाषाओं की तुलना में हिन्दी भाषा का स्थान –

दुनिया भर में बोली जाने वाली लगभग 3000 भाषाओं में से हिन्दी एक महत्वपूर्ण भाषा है। वर्तमान में हिन्दी दुनिया की आबादी के 1 बड़े भाग के द्वारा बोली और समझी जाती है। भाषा के कई सर्वे के अनुसार विश्व की आबादी के 18 प्रतिशत लोग हिन्दी भाषा को समझते हैं।

हिन्दी भाषा दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में चौथे स्थान पर आती है, इससे पूर्व अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन ( चीनी भाषा ) का स्थान है। आंकड़ों के अनुसार विश्व में 70 से 80 करोड़ लोग हिन्दी भाषा बोलते हैं, जबकि हमारे देश में आबादी का 77% लोग हिन्दी भाषा समझते और बोलते हैं।

हालांकि हिन्दी भाषा भले ही रोजगार परक ना बन पाई हो, परंतु व्यवहार एवं बोलचाल की भाषा के रूप में हिन्दी का विकास बहुत अधिक हुआ है, वैसे भी हिन्दी भाषा में प्रेम, सम्मान एवं अपनत्व का जो भाव है वह किसी अन्य में नहीं।

हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर हमारी मातृभाषा हिन्दी में गौरवशाली व्याख्यान दिया है।

इन सब के कारण हमारी हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार दुनिया भर में हो रहा है, और इसे दुनिया के अन्य देशों में पसंद भी किया जा रहा है। इन सब तथ्यों के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि हिन्दी भविष्य की भाषा है।

भारत में ‘ हिन्दी दिवस ‘ मनाने का कारण –

विश्व आर्थिक मंच के अनुसार दुनिया की 10 भाषाओं में से हिन्दी एक शक्तिशाली एवं समृद्ध भाषा है, हिन्दी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है जो दुनिया की प्राचीनतम भाषा होने के साथ-साथ देव भाषा भी कहलाती है।

इतनी समृद्ध एवं उन्नत भाषा-भाषी होने के बावजूद अफसोस के साथ यह कहना पड़ता है, कि हमारी नई पीढ़ी हिन्दी भाषा के महत्व को नजरअंदाज कर अंग्रेजी भाषा की ओर आकर्षित है।

हमारे बच्चे अंग्रेजी माध्यम वाले कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ते हैं, नतीजतन हिन्दी भाषा और संख्याओं को भली-भांति नहीं पढ़ पाते, वे तुलनात्मक रूप से अंग्रेजी भाषा के पठन-पाठन में स्वयं को अधिक सहज महसूस करते हैं। वे यह भूलने लगे हैं कि हिन्दी एक भाषा से बढ़कर हमारा राष्ट्रीय गौरव भी है।

अतः नई पीढ़ी को हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी के महत्व से परिचित कराने तथा अपनी राष्ट्रीय भाषा को अपना गौरव मानने की आदत विकसित करने के लिए हम हर वर्ष हिन्दी दिवस मनाते हैं।

क्यों 14 सितंबर को ही मना या जाता है हिन्दी दिवस –

14 सितंबर सन 1900 को जबलपुर, मध्य प्रदेश में जन्मे व्यौहार राजेंद्र सिंह हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार थे। उन्होंने हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए अपना अति महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसी कारण संविधान सभा ने उनके 50 वें जन्मदिन 14 सितंबर 1949 को चुना और इसी दिन हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। इसीलिए हम 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस के रूप में सेलीब्रेट करते हैं।

हिन्दी भाषा के विषय में लेखकों के विचार –

देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह कभी उन्नति नहीं कर सकता। -डॉ राजेंद्र प्रसाद
अपनी भाषा को छोड़कर कोई भी राष्ट्र, राष्ट्र नहीं कहला सकता। सीमाओं की रक्षा से भी जरूरी भाषा की रक्षा है।। – महात्मा गांधी
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है। – महात्मा गांधी
हिन्दी ही राष्ट्रीय एकता की कड़ी जोड़ सकती है। – बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
हिन्दी हमारी भाषा और देश की प्रभावशाली विरासत है। – माखनलाल चतुर्वेदी

राजभाषा सप्ताह-

हिन्दी दिवस अर्थात 14 सितंबर से प्रारंभ होकर 1 सप्ताह तक मनाए जाने वाले हिन्दी सप्ताह को ही राजभाषा सप्ताह कहा जाता है।

राजभाषा सप्ताह के दौरान स्कूलों में हिन्दी भाषा से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य हिन्दी भाषा के विकास तथा इस्तेमाल को बढ़ावा देना है।

हिन्दी दिवस पर दिए जाने वाले पुरस्कार – Awards Given on Hindi Diwas

हमारे देश में हिन्दी दिवस के अवसर पर कई पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य हिन्दी भाषा के प्रति लोगों की रूचि बढ़ाना तथा हिन्दी के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना है। इस दिन राजभाषा कीर्ति तथा राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

राजभाषा कीर्ति पुरस्कार –

राजभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी व्यक्ति विशेष को ना देकर किसी कार्यालय, विभाग अथवा समिति या संस्थान को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार का उद्देश्य विभिन्न कार्यों में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देना है।

अतः ऐसे कार्यालय या संस्थान को यह पुरस्कार दिया जाता है जो अपने कार्यालय के समस्त कार्य हिन्दी भाषा में ही संपादित करते हैं और हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देते हैं।

राजभाषा गौरव पुरस्कार –

यह पुरस्कार केवल भारतीय नागरिकों को प्रदान किया जाता है। यह ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने तकनीक अथवा विज्ञान विषय पर हिन्दी भाषा में किसी पुस्तक का लेखन किया हो।

इस प्रकार का उद्देश्य विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में हिन्दी भाषा का विकास करना है, अक्सर इन विषयों में हिन्दी भाषा में लेखन कार्य नहीं होता।

हिन्दी दिवस के दिन यह पुरस्कार तेरे लोगों को प्रदान किया जाता है। इनमें से सभी को निम्न अनुसार धनराशि प्रदान की जाती है –

इसके अतिरिक्त सिर्फ 10 लोगों को ₹10,000 प्रति व्यक्ति प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में प्रदान किए जाते हैं, इसके साथ सभी को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया जाता है।

कोई भी भारतीय लेखक जिसने विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में 100 पृष्ठों से अधिक की कोई पुस्तक लिखी है वह इस पुरस्कार हेतु सरकार को पुस्तक की जानकारी भेजकर पुरस्कार प्राप्ति हेतु अपना नामांकन करवा सकता है।

पुरस्कार के लिए नामांकित किए गए लोगों में से श्रेष्ठ 13 लेखकों को इस पुरस्कार के लिए चुन लिया जाता है।

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हिन्दी की उन्नति के लिये किये जा सकने वाले प्रयास –

हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है, हमें हर प्रकार से इसका सम्मान करना चाहिए। और अपनी राष्ट्रभाषा के उन्नयन के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए । उसमें हम निम्न कार्य कर सकते हैं –

1. हम बच्चों को हिन्दी मीडियम स्कूलों में पढ़ाने में हिचकते हैं और हमारी सोच ये रहती है कि हिन्दी मीडियम के बच्चे भविष्य में सफल नहीं होते, ये एक निर्मूल भावना है।

वास्तव में ऐसा नहीं है हिन्दी मीडियम के बच्चे भी पूर्णरूप से सफल होते हैं, क्योंकि हिन्दी एक समृद्ध भाषा है, आज दूसरे देशों में हिन्दी भाषा पढ़ाने के लिए वैकेंसी निकलती हैं और भारतीय बच्चों का भविष्य बनता है।

2. हिन्दी भाषा के रोजमर्रा प्रयोग व हिन्दी माध्यम से पढ़ने को लेकर हमें अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए,अंग्रेजी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है उसे भी हमें अवश्य पढ़ना चाहिए परंतु साथ ही हमें अपनी भाषा की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

3. अपनी मातृभाषा से हमें प्रेम व सम्मान करना सीखना चाहिए, मातृभाषा से प्रेम ही देशप्रेम को बढ़ाता है।

4. हमें ये समझना होगा कि निजभाषा प्रेम ही राष्ट्रप्रेम को बढ़ावा देता है, और इसी भवना से देश का विकास होता है। महान हिन्दी साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चंद्र जी ने भी कहा है –

“ निज भाषा उन्नति अहै , सब उन्नति को मूल।” -भारतेन्दु हरिश्चंद्र

भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है हिन्दी –

हमारे देश में हिन्दी के अतिरिक्त कई अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं, परंतु हिन्दी संवैधानिक रूप से देश की राजभाषा होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा बोली व समझी जाने वाली भाषा है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 43.63 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते हैं।

हिन्दी दिवस का महत्व – Significance of Hindi Diwas

संस्कृत के बाद हमारे देश में बोली जाने वाली हिन्दी प्राचीनतम भाषा है। हिन्दी भाषा का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है, कि भारत के अतिरिक्त हिन्दी भाषा को नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मॉरीशस आदि देशों में भी बोला जाता है, और उन देशों में भी यह अपना विशिष्ट स्थान रखती है।

हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है और लिपि देवनागरी है। हमारे देश में हिन्दी के अतिरिक्त कई अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी बोली जाती है परंतु देश में बोली जाने वाली भाषाओं में सर्वाधिक विस्तार हिन्दी भाषा का है।

हिन्दी दिवस के अवसर पर हमारे देश में राजभाषा गौरव पुरस्कार, राजभाषा कीर्ति पुरस्कार आदि प्रदान किए जाते हैं।

हिन्दी दिवस पर भाषण – Hindi Diwas Speech

हिन्दी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है जो दुनिया की प्राचीनतम भाषा होने के साथ-साथ देव भाषा भी कहलाती है। संस्कृत के बाद हिन्दी प्राचीन काल से हमारी बोली जाने वाली प्रमुख भाषा रही है।

हिन्दी के अतिरिक्त हमारे देश में अलग-अलग क्षेत्रों व राज्यों में कई अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, परंतु हिन्दी उनमें सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

अतः लंबे समय से हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए प्रयास होते रहे हैं, काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंद दास आदि विभिन्न हिन्दी साहित्यकारों ने हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए भागीरथ प्रयास किए हैं, जिनमें से व्यौहार राजेंद्र सिंह, जो हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार थे उनका योगदान उल्लेखनीय है।

इसी कड़ी में 1918 में महात्मा गांधी जी ने भी हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात को समर्थन दिया था। अंततः 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार कर लिया गया।

क्योंकि 14 सितंबर व्यौहार राजेंद्र सिंह जी का जन्मदिन था अतः 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में चुना गया। हिन्दी के राजभाषा चयन के उपरांत गैर हिन्दी भाषी राज्यों ने इस बात का कड़ा विरोध किया।

हिन्दी हमारी राजभाषा तो बन गई परंतु अलग-अलग समय में विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण, भारत प्रवास, तथा अंग्रेजी शासन के चलते हिन्दी को कभी भी राजभाषा होने जैसा सम्मान प्राप्त नहीं हुआ।

समय के साथ साथ अंग्रेजी भाषा ने अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त किया, जिसके परिणाम स्वरूप हमारे ही देश में लोग हिन्दी भाषा को नजरअंदाज कर अंग्रेजी भाषा को अपनाने लगे।

वर्तमान में दुनिया भर में अंग्रेजी भाषा के व्यवसायोन्मुख व कामकाजी भाषा होने के कारण अपने ही देश में, अपने ही लोगों के बीच हिन्दी भाषा अपना महत्व तलाशती रही।

राजभाषा को पुनः उसका सम्मान वापस दिलाने के लिए, आज हम 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं, इसके साथ-साथ हिन्दी सप्ताह भी मनाया जाता है।

इस मौके पर, विद्यालयों में विभिन्न प्रकार की वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है, जिससे कि हिन्दी के प्रति बच्चों में रुचि पैदा की जा सके।

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हिन्दी भाषा से संबंधित रोचक तथ्य – Interesting Facts Related to Hindi Language

  • दुनिया की प्रत्येक ध्वनि को हिन्दी भाषा में लिखा जाता है।
  • हिन्दी को पूर्णरूपेण ध्वन्यात्मक लिपि में लिखा गया है।
  • फारसी भाषा के शब्द हिंद से हिन्दी शब्द का उद्भव माना जाता है, जिस का शाब्दिक अर्थ सिंधु नदी की भूमि है ।
  • हिन्दी के कुछ शब्द संस्कृत भाषा से प्रेरित हैं ।
  • हिन्दी भाषा के शब्द जिस प्रकार लिखे जाते हैं, उसी प्रकार उन्हें स्पष्ट किया जाता है।
  • हिन्दी भाषा वेब ऐड्रेस (Web Address ) बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली 7 भाषाओं में से एक है।
  • हिन्दी भाषा के इतिहास पर सर्वप्रथम फ्रांसीसी लेखक ग्रेस्मत तासी ने लिखा, यह एक आश्चर्यजनक तथ्य है।
  • मूल रूप से हिन्दी फारसी भाषा का शब्द है, हिन्दी भाषा में पहली कविता प्रसिद्ध कवि अमीर खुसरो के द्वारा लिखी गई।
  • पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने 1977 में विदेश मंत्री के रूप में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में भाषण दिया था।
  • नमस्ते हिन्दी भाषा में सर्वाधिक बोला जाने वाला शब्द है।

विश्व हिन्दी दिवस – World Hindi Diwas ( 10 जनवरी ) –

विश्व हिन्दी दिवस ( World Hindi Diwas ) हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह ने विश्व स्तर पर हिन्दी के प्रचार प्रसार को बढ़ावा देने के लिए 2006 में हर साल 10 जनवरी को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ मनाने की घोषणा की थी।

10 जनवरी 2006 को सर्वप्रथम विश्व हिन्दी दिवस मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा का विकास एवं प्रचार प्रसार करने के लिए प्रतिवर्ष 10 जनवरी को सभी देशों के भारतीय दूतावासों में विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

नागपुर में 10 जनवरी 1975 को पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित किया गया, इसीलिए 10 जनवरी को ही विश्व हिन्दी दिवस के तौर पर मनाते हैं।

भारत के अतिरिक्त इन देशों में भी बोली जाती है हिन्दी –

दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में हिन्दी चौथे स्थान पर आती है जिसे सबसे ज्यादा लोग बोलते हैं, भारत के अलावा कई ऐसे देश हैं जहां हिन्दी खूब बोली जाती है।

विश्व भर में 80 करोड़ लोग हिन्दी बोलते हैं। तो दोस्तों, आइए जानते हैं भारत के अलावा कौन-कौन से देश में हिन्दी बोली जाती है। इन देशों के नाम हैं –

  • त्रिनिदाद एवं टोबेगो
  • साउथ अफ्रीका

हिन्दी दिवस पर कविता/ शायरी – Hindi Diwas Poem/Shayri

**************

मेरी पहचान हिन्दी है ,

मेरी जान हिन्दी है।

हिन्द है वतन मेरा ,

मेरी जुबान हिन्दी है।

हिन्दी से हम प्रेम करें,

मेरा अभिमान हिन्दी है।

आओ मिलकर इसका विस्तार करें,

हम सबका सम्मान हिन्दी है।

*********************

हिन्दी से हम प्रेम करें ,

उसका न अपमान करें।।  

हमारी मातृभाषा है हिन्दी ,

उसका हम सम्मान करें।।

***************************

हमारे राष्ट्र गौरव की भाषा है हिन्दी।

भारत माँ के भाल की बिंदी है हिन्दी।।    

*****************************  

हिन्दी का प्रयोग ही हिन्दी का सम्मान है।

हिन्दी है हिन्द की भाषा , यही हम सबकी शान है ।।

 **************************************

  निष्कर्ष – Conclusion

वर्तमान में अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में उभरी है, अतः हम इसके महत्व को पूरी तरह से नकार नहीं सकते, परंतु साथ ही हमें यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा होने के साथ-साथ हमारा राष्ट्र गौरव भी है।

हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है,  हमें अपने राष्ट्र के समान ही इसका आदर सम्मान करना चाहिए, तथा हिन्दी दिवस हमारी समृद्धिशाली हिन्दी भाषा के सम्मान और महत्व का दिन है, अतः उसे हमें पूरे गौरव और हर्षोल्लास से मनाना चाहिए।

प्रश्न – भारत में राष्ट्रीय हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है ?

उत्तर – 14 सितंबर

प्रश्न – राष्ट्रीय हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है ?

उत्तर – अपनी राजभाषा हिन्दी को समुचित सम्मान व आने वाली पीढ़ियों को मातृभाषा गौरव से परिचय कराने के लिए।

प्रश्न – राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की शुरुआत कब हुई ?

उत्तर – 14 सितंबर 1949

प्रश्न – विश्व हिन्दी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – विश्व हिन्दी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। राजभाषा हिन्दी का सम्मान करने व उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न – हमारे देश में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष कौन सा दिवस मनाया जाता है?

उत्तर – राष्ट्रीय हिन्दी दिवस

प्रश्न – 14 सितंबर को हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – राजभाषा हिन्दी का सम्मान करने व उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न – हिन्दी दिवस मनाने का औचित्य क्या है?

उत्तर – हिन्दी दिवस मनाकर हम अपनी राजभाषा का सम्मान करते है और उस पर गर्व करते हैं, इससे लोगों में राजभाषा के साथ-साथ राष्ट्रप्रेम की भावना का विकास होता है, साथ हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार होता है।

प्रश्न – हिन्दी दिवस पर क्या लिखें?

उत्तर – हिन्दी दिवस पर हमें हिन्दी के इतिहास, विकास उसके प्रयोग पर निबंध और हिन्दी भाषा के विकास और महत्व पर भाषण इत्यादि लिखने चाहिए।

प्रश्न – हिन्दी दिवस पर भाषण कैसे दे?

उत्तर – सर्वप्रथम मंचासीन अध्यक्ष, मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को अभिवादन कर हिन्दी दिवस की बधाई देनी चाहिए, फिर हिन्दी भाषा के इतिहास, विकास, प्रयोग व महत्व आदि के बारे में बताकर अपना भाषण पूर्ण करना चाहिए।

प्रश्न – हिन्दी दिवस का महत्व क्या है?

उत्तर – हिन्दी हमारी राजभाषा होने के साथ-साथ हमारा राष्ट्र गौरव भी है, ये हमें राष्ट्रप्रेम की डोर में बांधती है, अपनी संस्कृति व सभ्यता पर गर्व करने का अवसर देती है।

प्रश्न – 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – नागपुर में 10 जनवरी 1975 को पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित किया गया, इसीलिए 10 जनवरी को ही विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हमारे शब्द – Our Words

प्रिय पाठकों ! हमारे इस लेख  ( Hindi Diwas Essay in Hindi | हिन्दी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas 2023) में   Hindi Diwas Essay in Hindi   के बारे में हमने आपको विस्तार से हर जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। हिन्दी दिवस से जुड़ी वृहत जानकारी आपको कैसी लगी ?

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30 thoughts on “Hindi Diwas Essay in Hindi | हिंदी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas 2023”

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Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

दीपावली निबंध 1 (100 शब्द) :.

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अपने सौंदर्य और त्यौहारों की वजह से जाना जाता है इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है। इस दिन को भगवान राम की रावण पर अथार्त ज्ञान की अज्ञान पर जीत के रूप में मनाया जाता है। दीपावली को सर्दियों के समय अक्तूबर या नवंबर में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं और अपने घर को पूरी तरह से पवित्र कर देते हैं।

इस दिन सभी लोग नए-नए कपड़े पहनकर घरों में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग मिठाईयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं। हर घर में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन बहुत से लोग शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं, लड़ाई-झगड़ा करते हैं जिसकी वजह से पर्यावरण भी दूषित होने लगता है जो अच्छी बात नहीं है।

दीपावली निबंध 2 (200 शब्द) :

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्यौहारों को महत्व दिया जाता है जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है। दीपावली त्यौहार को कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है। इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।

इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह से ओग भगवान श्री राम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

दीपावली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : भारत में सभी धर्मों का बहुत महत्व है लेकिन हिन्दू धर्म की दीपावली को सभी धर्मों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ही उत्साह और महत्व के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को इतना महत्व भगवान श्री राम की रावण पर और अच्छाई की बुराई पर जीत की वजह से मिला है। जिस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने रात को दिन में बदलने के लिए दिए जलाए थे जिसकी वजह से पूरी अयोध्या जगमगाने लगी थी इसलिए इस दिन को सभी लोग दीपावली के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मी पूजन : दीपावली आने की खुशी में लोग अपने घरों, कार्यालयों, दुकानों और कारखानों में अच्छी तरह से साफ-सफाई करते हैं जिससे उनके जीवन के हर अँधेरे को दूर करने के लिए लक्ष्मी जी उनके जीवन में प्रवेश करें। रात के समय लोग नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं जिसके बाद समय के साथ लक्ष्मी पूजन करके गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी को याद किया जाता है।

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : कोई भी त्यौहार उस देश का इतिहास होता है ठीक उसी तरह से भारत का एक इतिहास को दीपावली त्यौहार के रूप में हर साल याद किया जाता है। इसे भारत में एकता के रूप में देखा जाता है। दीपों के त्यौहार को दीपावली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जो बहुत ही आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार इतना पवित्र और महत्व वाला होता है कि किसी भी व्यक्ति को न्य जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसे भारत के साथ-साथ बहुत से अन्य देशों में भी मनाया जाता है जहाँ पर भी भारतीय लोग रहते हैं। जब कोई व्यक्ति अपने अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर उसपर ज्ञान रूपी उजाले को प्रज्ज्वलित करता है तो उसे एक बहुत ही असीम और आलौकिक आनंद का अनुभव होता है।

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दीपावली का इतिहास : दीपावली त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर के महीने में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन का हमारे भगवान श्री राम से बहुत ही गहरा संबंध है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था।

सीता माता के साथ वनवास काटकर वापस लौटने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीए जलाकर अमावस्या की रात को पूर्णिमा में बदल दिया था। इस दिन लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया था और वहां के बाजारों में बहुत ही भीड़ थी क्योंकि श्री राम के वापस आने की खुशी में लोग मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहार खरीद रहे थे।

दीपावली का दिन : दीपावली का त्यौहार आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग उत्साहित होने लगते हैं और अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई करें ताकि उनके घर में किसी तरह की अशुद्धि न रह सके। इस दिन लोग बहुत ही खुश रहते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

इस दिन लोग अपने बच्चों के लिए खिलौने, मिठाईयां, बर्तन, कपड़े और पटाखे खरीदते हैं। इस दिन लोग अपने-अपने घरों और काम की जगहों को सजाते हैं। रात के समय लोग अपने-अपने घर में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद वे अपनी कला का भी प्रदर्शन करते हैं। इस दिन सभी लोग अपने आपसी द्वेष और क्लेश मिटाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और मिठाईयां खिलाते हैं।

उपसंहार : दीपावली भारत में सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है क्योंकि यह सभी के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इस त्यौहार की वजह से हर साल लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का एक नया सत्र सीखने को मिलता है।

किसी भी तरह का पर्व हमें उसके भूत में ले जाता है और हम फिर से एक बार उसके पीछे के कारणों को याद कर पाते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है अपने पुराने समय या अपने देश के अतीत को स्मरण करने का।

दीपावली निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : भारत एक त्यौहारों का देश है जिसमें हर महीने कोई-न-कोई त्यौहार या जयंती मनायी जाती है लेकिन इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। दीपावली त्यौहार के पीछे बहुत सी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही खास कारण है जो भगवान श्री राम से संबंधित है।

इस दिन भगवान श्री राम ने असुर रावण का वध किया था और अपनी पत्नी सीता को रावण की कैद अथार्त लंका से आजाद कराया था। यह पर्व वर्षा ऋतू के जाने के बाद शीत ऋतू के शुरू होने की ओर संकेत करता है। इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार एक के बाद एक मनाए जाते हैं।

दीपावली का अर्थ : दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। इस दिन बहुत सारे दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसकी वजह से इस दिन को रौशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है।

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इस दिन को मनाने के पीछे वैसे तो बहुत सारी कथाएं होती हैं लेकिन सबसे प्रमुख श्री राम चंद्र जी की असुर रावण पर जीत की कथा है। अमावस्या के दिन बहुत अधिक अँधेरा होता है जिसे दूर करने के लिए दीपों से घरों को सजाया जाता है और अँधेरे को दूर भगाया जाता है। दीपावली के दिन गणेश और लक्ष्मी पूजन किया जाता है जिससे घर में सुख-शांति का प्रवेश हो सके। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारस लीला का आयोजन किया था जिसकी वजह से भी इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया था।

दीपावली का महत्व : दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन को सभी लोगों के द्वारा बहुत ही सुंदर और पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है जिसका भारत की आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग खिलौने, बर्तन, सोना, आभूषण, मिठाईयां, कपड़े आदि की खरीददारी करते हैं और पैसा खर्च करते हैं जिसकी वजह से भारत को भी बहुत लाभ होता है।

इस दिन का महत्व राम, पांडव आदि की वजह से बढ़ जाता है। आज के दिन गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के ही दिन समुद्र मंथन हुआ था जिसमें लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

बच्चों की दीपावली : दीपावली त्यौहार का नाम सुनते ही बच्चों के चेहरे खुशी से झूमने लगते हैं। सभी बच्चे इस त्यौहार में होने वाली सभी गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। दीपावली के दिन स्कूलों में अध्यापकों के द्वारा बच्चों के लिए सजावट, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

स्कूलों में दीपावली त्यौहार के कार्यक्रम बहुत दिनों पहले से ही शुरू होने लगते हैं। दीपावली के दिन का बच्चों के लिए बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इस दिन घर के बड़े बच्चों के लिए मिठाईयां, खिलौने, पटाखे, कपड़े और उपहार खरीदते हैं जिसकी वजह से बच्चों को बहुत अधिक प्रसन्नता होती है।

उपसंहार : दीपावली के दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्व होता है क्योंकि हमारे इतिहास की वजह से आज हम खुश और संपन्न रहते हैं। इस दिन को और अधिक उत्साहित और सुरक्षित बनाने के लिए जितना हो सके बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखना चाहिए जो प्रदूषण या स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हों।

आजकल हम देखते हैं कि लोग पटाखे छोड़कर प्रदूषण फैलाते हैं और कभी-कभी तो बड़े-बड़े पटाखों को छोड़ते समय बच्चों को चोट लग जाती है। कभी-कभी तो बच्चे जल भी जाते हैं और बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। हम सभी को अधिक-से-अधिक कोशिश करनी चाहिए कि हम कम शोर, प्रदूषण और जोखिम लेकर इस दिन को और अधिक महत्व दें।

दीपावली निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : भारत देश में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं जो अलग-अलग धर्मों द्वारा मनाए जाते हैं। इन सभी त्यौहारों में से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार होता है दीपावली जिसे प्रकाश का पर्व, जश्न-ए-चिराग, रौशनी का पर्व आदि नामों से जाना जाता है। इस त्यौहार को दीपों या रौशनी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व सभी के लिए भरोसा और उन्नति लेकर आता है।

दीपावली के त्यौहार को बहुत अधिक महत्व इसलिए दिया जाता है क्योंकि इस त्यौहार को श्री राम चंद्र जी के घर लौटने की खुशी में लोगों ने तरह-तरह की मिठाईयां बांटी और आतिशबाजी करके अपनी खुशी को प्रकट किया था जिसके बाद इस दिन को दीपावली त्यौहार के नाम से प्रति वर्ष मनाया जाने लगा।

दीपावली की परंपरा : दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक मन जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना का विकास करता है। दीपावली के त्यौहार को व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

दीपावली के त्यौहार को भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। सभी लोगों में दीपावली की बहुत ही उमंग होती है क्योंकि इसमें वे अपने मन की चीजें जैसे – खाना, मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, आदि सभी खरीदते हैं। इस दिन सभी लोग अपने घर के साथ-साथ अपने मनों की भी सफाई करते हैं ताकि उनके घर के साथ-साथ उनके मन में किसी भी तरह की कोई गंदगी या हीन भावना न रह सके।

दीपावली का वर्णन : दीपावली के त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर यानि कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चंद्र 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे। दीपावली के त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें पहले दिन को धनतेरस कहते हैं जिसमें धन के देव कुबेर जी की और अहोई माता की पूजा की जाती है।

धनतेरस के दिन सभी जगह पर बर्तनों की दुकानों को देखा जा सकता है क्योंकि लोग अपने घर में नए बर्तनों को खरीदकर उनकी पूजा करते हैं। दूसरे दिन को छोटी दीपावली कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग अपने घर की सारी गंदगी को बाहर निकालकर उसे पवित्र करते हैं।

तीसरे दिन को दीपावली कहा जाता है जिसे लोग बड़े ही उत्साह और धूम-धाम से मनाते हैं। चौथे दिन को गोवर्धन के नाम से जाना जाता है जिसमें भगवान कृष्ण और गोबर की पूजा की जाती है। पांचवे दिन को भाई दूज कहते हैं जिसमें बहनें अपने भाईयों की आरती करती हैं और मिठाईयां खिलाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : किसी अच्छे और खास उद्देश्य को लेकर बने त्यौहार में भी कालांतर में विकार पैदा हो जाते हैं। जो लोग लक्ष्मी जी की पूजा धन की प्राप्ति करने के लिए करते हैं वहीं पर कुछ लोग इनकी पूजा जूआ खेलकर भी करते हैं। जूआ खेलना एक प्रथा मानी जाती है जिसे पुराने समय से ही खेला जाता रहा है।

इससे समाज व पावन पर्वों के लिए एक कलंक के समान होता है। आज के समय में लोग बहुत अधिक बंब और पटाखे फोड़ते हैं जिसकी वजह से वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। प्रदूषण होने की वजह से व्यक्ति को जीवन जीने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

लक्ष्मी पूजा का इतिहास : रामायण से पहले इस पर्व या त्यौहार को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था क्योंकि इस दिन जब समुद्र मंथन हुआ था तो देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से इस दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था।

इस दिन जो भी व्यक्ति अपने घर की साफ-सफाई रखते हैं और मन से देवी लक्ष्मी जी की आराधना करते हैं तो देवी लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं इसलिए इस दिन घर को साफ व स्वच्छ किया जाता है।

इस दिन लोग लक्ष्मी जी के गीत, आरती, मंत्र उच्चारण करते हैं जिससे वे लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर सकें। लक्ष्मी जी धन की अधिष्ठात्री देवी होती हैं जिसकी वजह से उन्हें धन का प्रतिक माना जाता है।

उपसंहार : दीपावली के दिन भगवान गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि कोई भी शुभ कार्य या त्यौहार मनाने में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें शुभ शुरुआत के देवता, लक्ष्मी जी को धन की देवी और सरस्वती जी को ज्ञान की देवी माना जाता है। दीपावली की रात के समय सभी लोग अपने घरों के दरवाजे खोलकर सोते हैं क्योंकि उन्हें यह उम्मीद रहती है कि आज के दिन उनके घर में लक्ष्मी जी का वास होगा।

दीपावली निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं जिसकी वजह से उनमें अनेकता में भी एकता दिखाई देती है। भारत में चाहे कितने भी धर्म हों या त्यौहार हों उन्हें पूरा भारत मिलकर मनाता है उसी तरह से हिंदुओं का त्यौहार दीपावली भी बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे सभी जगह पर अलग-अलग त्रिकोण से मनाया जाता है क्योंकि सभी लोगों के नजरिए अलग-अलग होते हैं वे अपने नजरिए के हिसाब से ही अपने पर्व को मनाने में खुशी महसूस करते हैं।

दीपावली क्यों मनायी जाती है : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसका नाम सुनते ही लोगों में खुशी और उत्साह का संचार होता है क्योंकि इसे एक ऐसा त्यौहार माना जाता है जो हर व्यक्ति को एक शुद्ध और नया जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

दीपावली पर्व को कार्तिक मांस की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने अमावस्या के दिन को पूर्णिमा में बदल दिया था इसी वजह से इस दिन को याद रखने के लिए इसे हर साल दीपावली के नाम से मनाया जाने लगा।

स्वच्छता का प्रतीक : जहाँ पर दीपावली के त्यौहार को खुशी और उत्साह का त्यौहार माना जाता है वहीं पर इसे रौनक, ज्ञान, अंतःकरण के साथ-साथ स्वच्छता का भी प्रतीक माना जाता है।

जब घर की सफाई अच्छी तरह से नहीं की जाती है तब घरों में मच्छर, खटमल, पिस्सू, कीड़े, आदि अपना घर बना लेते हैं लेकिन दीपावली के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में साफ-सफाई करके अपनी घर को पूरी तरह से पवित्र कर लेते हैं जिसकी वजह से इस त्यौहार पर चारों तरफ स्वच्छता दिखाई देती है इसीलिए इसे स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली की तैयारी : दीपावली त्यौहार की तैयारियां बहुत से लोग दीपावली से नौ या दस दिन पहले ही करना शुरू कर देते हैं। दीपावली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ-साथ अपने घरों की लिपाई-पुताई करवाते हैं।

लोग अपने घर की साज सज्जा के लिए सभी प्रकार के सामान खरीदते हैं। दीपावली के त्यौहार पर लोग नए बर्तन, कपड़े, खिलौने, मिठाईयां, पटाखे, रंगोली के रंग आदि खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग अलग-अलग तरह की मिठाईयां और पकवान बनाते हैं, अपने घरों पर दीए और मोमबत्ती लगाकर घर को सजाते हैं।

महापुरुषों का निर्वास दिवस : दीपावली के त्यौहार को मनाने के पीछे बहुत सी पौराणिक कथाएं हैं। दीपावली के दिन जैनियों के तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने निर्वाण प्राप्त किया था जिसकी वजह से जैनों के लिए इस दिन का बहुत अधिक महत्व है।

स्वामी दयानंद और स्वामी रामतीर्थ जी भी आज के ही दिन निर्वाह को प्राप्त हुए थे। आज का दिन आर्य समाज और सिक्खों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। हिंदुओं के लिए दीपावली का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इसी दिन श्री राम चंद्र जी अपना 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस आए थे।

पूजा की विधि : दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के दिन लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसलिए अगर कोई लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर देता है तो उस पर उम्र भर लक्ष्मी देवी की कृपा बरसती है। आज के दिन पूजा के लिए लक्ष्मी माँ की तस्वीर बनाई जाती है जिसपर चांदी का या किसी भी तरह का सिक्का लगाया या चिपकाया जाता है।

आरती की थाली में कुछ पैसे, सोने, रोली, चावल, हल्दी, घी, प्रसाद, शक्कर, मोली, खील, बतासे, आदि रखे जाते हैं जिसके बाद पूरी विधि के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिसमें लोग मुख्य रूप से गीत, आरती, भजन आदि गाते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली की बधाई दी जाती है।

उपसंहार : आप सभी लोग दीपावली तो मनाते हैं लेकिन उसके अंदर जो अर्थ छुपा होता है उस अर्थ को समझना भूल जाते हैं। दीपावली पर्व के अंदर एक अर्थ छिपा हुआ है जो हमें अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर उसकी जगह पर प्रकाश करना होता है।

दीपावली के त्यौहार पर कभी-कभी ऐसा होता है कि लोग अपने आपसी लड़ाई-झगड़े की वजह से अपने बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ खेलने और बधाई देने से रोकते हैं जिसकी वजह से रिश्तों में और इंसानियत में भी कोसों की दूरी हो जाती हिया जिसके बाद किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

दीपावली निबंध 10 (1000 शब्द) :

भूमिका : हम सभी लोग भारत के वासी है जिसने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है। भारत के अतीत ने बहुत से त्यौहारों और धर्मों में एकता का रूप स्पष्ट किया है। भारत में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन हिंदुओं का पर्व दीपावली बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पर्व हमें उसके आदिकाल में ले जाता है।

इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक और आर्थिक महत्व छुपे हुए हैं। दीपावली त्यौहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य है भारत में सामाजिक एकता को बढ़ावा देना क्योंकि इसमें सभी लोग आपसी भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की बधाई देते हैं।

दीपावली का अर्थ : प्राचीन काल में संस्कृत भाषा अधिक बोली जाती थी जिसकी वजह से उस समय इस दिन को संस्कृत भाषा में दीपावली का नाम दिया गया था क्योंकि इसका अर्थ दीपों की पंक्ति है जो अयोध्यावासियों ने दीपों को पंक्तियों में जलाकर सिद्ध किया था इसी वजह से इस दिन को दीपावली के नाम से जाना जाता है।

इस शब्द के पीछे एक अर्थ छुपा हुआ है जो हमें बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की, अस्वच्छता पर स्वच्छता की, अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इस दिन लोग दीपों को पंक्ति में जलाकर अँधेरे को मिटाने की कोशिश करते हैं क्योंकि वे अँधेरे को चीरकर सभी को प्रकाशमय बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

दीपावली का इतिहास : लंकापति रावण एक असुर था जिसने सीता माता का अपहरण किया था। श्री राम ने उस लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था जिसे दशहरे के नाम से मनाया जाता है जो दीपावली से 21 दिन पहले आता है।

दशहरे के अगले दिन श्री राम ने अपने भाई भरत से मिल्न किया था और उसे गले लगाया था जिसकी वजह से इस दिन को भरत मिलाव का नाम दिया गया था। इसके बाद दीपावली के दिन भगवान श्री राम, सीता माता और भाई लक्षमण अपना चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे जिसकी खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

दीपावली पर साफ-सफाई : दीपावली के दिन से कुछ दिनों पहले से ही लोग साफ-सफाई करने लगते हैं लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं कि वे दशहरा आने के पश्चात घर की साफ-सफाई, लिपाई पुताई करवाने लग जाते हैं ताकि उनका घर साफ और स्वच्छ दिखे।

ठीक प्रकार और अधिक दिनों में सफाई करने की वजह से घर में कई तरह के कीट, मच्छर, पक्षी अपना स्थान बना लेते हैं जिन्हें दूर करने के लिए ठीक प्रकार से साफ-सफाई की जरुरत होती है। इस दिन लोग अपने घर की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने घर की साज-सज्जा की भी अच्छी तरह से व्यवस्था करते हैं।

दीपावली की तैयारियां : दीपावली के दिन से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई करके उसे स्वच्छ और पवित्र कर लेते हैं ताकि उनके घर में शं की देवी लक्ष्मी जी का वास हो सके। दीपावली के दिन के उपलक्ष में बाजारों में बहुत भीड़ पाई जाती है क्योंकि ऐसे समय में लोग नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, बम्ब, मिठाईयां, रंगोली बनाने के रंग, बर्तन और घर को सजाने के लिए बहुत से सामान खरीदते हैं जिसकी वजह से लोगों को बहुत से लाभ होते हैं। दीपावली के दिन लोग अपने घर पर लक्ष्मी पूजन, मिस्ठानों, व्यंजनों आदि की संपूर्ण रूप से तैयारियां करते हैं।

बच्चों की दीपावली : दीपावली का त्यौहार बच्चों के लिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि दीपावली का नाम सुनते ही बच्चों के मन में मिठाई, खिलौने, कपड़े, पटाखे आदि के बारे में विचार आने शुरू हो जाते हैं।

दीपावली के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए बहुत सी प्रतियोगिताएं जैसे – दौड़, साज-सजावट की प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, कहानी प्रतियोगिता आदि की व्यवस्था की जाती है जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और विजेता को बहुत ही सम्मान के साथ उपहार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए आतिशबाजी और पटाखों को लेकर उन्हें सावधानी बरतनी भी बताई जाती है।

दीपावली का आर्थिक महत्व : दीपावली के त्यौहार का जितना धार्मिक महत्व होता है उतना ही इसका आर्थिक महत्व भी होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग बहुत सी चीजें खरीदते हैं जिससे बाजारों में बहुत अधिक भीड़ होती है।

दीपावली के दिन लोग नए कपड़े, घर का सामान, उपहार, आभूषण आदि खरीदते हैं क्योंकि आज के दिन खरीददारी और खर्च करने को बहुत अधिक शुभ माना जाता है जो धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी के आगमन का संकेत होता है। इस दिन को भारत में सोना और आभूषण खरीदने का दिन माना जाता है क्योंकि आज के ही दिन सभी लोग अपने खर्च की चरम सीमा पर होते हैं।

लक्ष्मी पूजन : आज के दिन जब देवों और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तो उस समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से जाना जाता था और इसी वजह से आज के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है।

कार्तिक मांस की अमावस्या को रात के समय देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है उनकी आरती, गीत और भजन गाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। पूजा होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली के पर्व की शुभकामनाएं और बधाईयाँ दी जाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : दीपावली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी होता है जिसे हम जाने-अनजाने हर साल बढ़ावा देते रहते हैं। इस दूसरे पहलू में आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना आता है। इन सभी चीजों का दीपावली के त्यौहार से कोई लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी लोग इसे बढ़-चढकर प्रयोग करते हैं।

इन सभी का कोई ऐतिहासिक या पौराणिक वर्णन नहीं है कि प्राचीन काल में भी पटाखे और आतिशबाजी की जाती थी लेकिन इन सभी की वजह से हर साल प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है। इस दिन लोग पैसे को धूल समझकर उससे जूआ खेलते हैं जो ठीक नहीं होता है। आज के लोग अपने कुछ क्षणों के मजे के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते हैं और अपने जीवन को भी खतरे में डाल लेते हैं।

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हिंदी दिवस पर निबंध – Hindi Diwas Essay in Hindi 2024

भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। तब से, हिंदी भाषा को सम्मान देने हेतु हिंदी दिवस मनाया जाता है। यहाँ हमने छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध उपलब्ध कराए है। आप अपनी पसंद के अनुसार किसी भी हिंदी दिवस पर निबंध का चयन कर सकते हैं। Hindi Diwas Par Nibandh, Essay on Hindi Diwas Essay in Hindi for Students 2024.

Hindi Diwas Essay in Hindi

हिंदी दिवस के दिन हिंदी भाषा के महत्व पर जोर दिया जाता है जो देश में अपना महत्व खोते जा रही है। हिंदी भाषा के महत्व को दर्शाने के लिए हिंदी दिवस समारोह आयोजित किए जाते हैं जिनमें भाषण, निबंध लेखन, कविता-पाठ, गीत गायन, नृत्य, छात्रों द्वारा नारे आदि गतिविधियां शामिल हैं।

अगर आपको हिंदी दिवस पर भाषण चाहिए तो नीचे वाले आर्टिकल में जाएं। इस आर्टिकल में हमने छात्रों और शिक्षकों के लिए हिंदी दिवस स्पीच इन हिंदी उपलब्ध किए हैं जिन्हें आप हिंदी दिवस के अवसर पर बोलकर हिंदी भाषा का सम्मान कर सकते हैं।

  • छात्रों और शिक्षकों के लिए हिंदी दिवस पर भाषण

इस पोस्ट में हम हिंदी दिवस निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए हिंदी दिवस पर आसान निबंध लेकर आए हैं। यहां से, छात्र अपनी पसंद और जरूरत के अनुकूल हिंदी दिवस निबंध का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • 1.1 विद्यार्थियों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध – 14 September Hindi Diwas Nibandh in Hindi
  • 1.2 छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध – Hindi Diwas Essay in Hindi for Students 2024
  • 1.3 हिंदी दिवस पर निबंध – Essay on Hindi Diwas in Hindi 2024
  • 1.4 निष्कर्ष,

हिंदी दिवस पर निबंध – Hindi Diwas Essay in Hindi 2024, Essay on Hindi Diwas in Hindi

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विद्यार्थियों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध – 14 September Hindi Diwas Nibandh in Hindi

हिंदी दिवस भारत में हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली तीसरी भाषा है।

भारत की आजादी के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिंदी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी।

इसी निर्णय को महत्व देने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन 1953 से पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

तब से धीरे धीरे हिंदी भाषा का प्रचलन बढ़ा और इस भाषा ने राष्ट्रभाषा का रूप ले लिया। अब हिंदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी प्रचलित है।

आज विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश की तरफ रुख कर रहे हैं। लेकिन हम खुद ही हिंदी भाषा का सम्मान नहीं करते हैं।

हम अंग्रेजी भाषा के गुलाम बनते जा रहे हैं। जिस व्यक्ति को अंग्रेजी नहीं आती उसे गवार कहकर पुकारा जाता है। आज स्कूलों में भी अन्य भाषाओं को सिखाने में ज्यादा महत्व दिया जाता है।

आज हर एक हिंदुस्तानी को यह समझने की जरूरत है कि हिंदी से हिंदुस्तान है। जबकि हम हिंदी भाषा की ही आलोचना कर रहे हैं।

जो लोग हिंदी भाषा में बात करते हैं हम उन्हें ऐसे देखते हैं जैसे उन्हें कुछ आता नहीं है। हम उन्हें गवार समझते हैं और उनसे कोई वास्ता नहीं रखते हैं।

हम आपसे यह कहना चाहते हैं कि अपनी भाषा को छोड़कर दूसरी भाषा को महत्व देना ठीक नहीं है। ऐसा नहीं है की जो अंग्रेजी बोलते हैं वह कोई महान व्यक्ति हैं, अंग्रेजी भी एक भाषा है जैसे हिंदी भाषा है।

हिंदी ही हमारे देश का गौरव है और हमारा मान है। इसलिए प्रत्येक हिंदुस्तानी को ना केवल हिंदी आनी चाहिए बल्कि उसे हिंदी का सम्मान भी करना चाहिए।

अपनी भाषा को सम्मानित करने के लिए महान उत्साह के साथ हिंदी दिवस मनाएं। कुछ स्पेशल करें, जिससे कि लोग हिंदी का उपयोग अधिक से अधिक करने के लिए प्रेरित होवें।

छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध – Hindi Diwas Essay in Hindi for Students 2024

हमारे रोजमर्रा के जीवन में कई महत्वपूर्ण दिवस आते हैं। ऐसा ही एक दिवस के रूप में हम 14 सितंबर को मनाते हैं। यह दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हमारा भारत देश विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण है। इसके परिणामस्वरूप भारत एक विभिन्न भाषाओं का देश भी बन गया है। इन सभी भाषाओं में हिंदी को मातृभाषा का दर्जा दिया गया है।

हिंदी भाषा संसार में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस और राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।

आजादी के बाद 14 सितंबर 1949 के दिन ही हिंदी भाषा को मातृभाषा का गौरव प्राप्त हुआ। 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का निर्णय 1953 को लिया गया। तब से लेकर आज तक हम हिंदी दिवस मनाते आ रहे हैं।

हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने में हिंदी दिवस का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। हिंदी दिवस यानी 14 सितंबर के दिन स्कूल के बच्चों को मातृभाषा का महत्व बताने के लिए प्रोजेक्ट दिए जाते हैं। विद्यार्थी वाद विवाद, भाषण, कविता, निबंध आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

लेकिन दुख की बात यह है कि आज की युवा पीढ़ी अपने जीवन की व्यस्तता में इतना खो गयी है कि उसे यह दिन याद तक नहीं रहता। हम सभी जानते हैं की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा को वह सम्मान प्राप्त नहीं है जो उसे मिलना चाहिए।

इसका कारण है अपनी भाषा को तुच्छ समझना। इसके सबसे बड़े दोषी हम हिंदी भाषी हैं। जब तक हम खुद अपनी मातृभाषा का सम्मान नहीं करेंगे तब तक हम इसे सम्मान नहीं दिला पायेंगे।

अपनी भाषा के प्रति हीन भावना रखना देश के साथ गद्दारी के समान है। आओ, हम सब भारतवासी आज के दिन हिंदी दिवस पर यह प्रण करें कि हम हिंदी भाषा को भारत की सर्वश्रेष्ठ भाषा मानकर इसे उचित सम्मान प्रदान करें।

किसी भी देश की मातृभाषा उसकी विरासत होती है। जिस तरह हम तिरंगे का सम्मान करते हैं उसी तरह हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान भी करना चाहिए।

जय हिंद। धन्यवाद।

हिंदी दिवस पर निबंध – Essay on Hindi Diwas in Hindi 2024

हर साल 14 सितंबर को पूरे भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा के प्रति सम्मान प्रकट करने हेतु हर साल हम इस दिन को उत्साह के साथ मनाते हैं।

हिंदी भाषा विश्व में बोली जाने वाली मुख्य भाषाओं में से एक है। हिंदी हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है।

भारत देश में अधिकतर लोग हिंदीभाषी है। इसी कारण 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान में हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया।

हमारी राजभाषा हिंदी से ही हमें संस्कृति का ज्ञान होता है। हिंदी विश्व की प्राचीन और समृद्ध भाषा है। यह एक सरल भाषा है और किसी को भी इसे बोलने और समझने में परेशानी नहीं होती। यह भाषा पूरे भारत को एक बनाए रखती है।

हिंदी दिवस मनाना, हमारी राजभाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति पर जोर देने के लिए एक महान कदम है। यह दिवस हमें हमारी संस्कृति और मूल्यों से बांधे रखता है।

हर साल यह दिन हमें हमारी वास्तविक पहचान याद दिलाता है। आज के आधुनिक युग में अंग्रेजी भाषा का भी अपना स्थान है पर इस वजह से हम अपनी मातृभाषा को भुला नहीं सकते है।

आज लोग हिंदी में बात तो करते हैं लेकिन कई बार उनकी बातों में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग होता है। लोगों को अंग्रेजी भाषा में बात करने से अधिक गर्व महसूस होता है।

इसी वजह से हिंदी के कई शब्द प्रचलन से हट रहे है और हम हमारी मातृभाषा हिंदी को भूलते जा रहे हैं। हमें ऐसा हरगिज़ नहीं होने देना है।

हिंदी भाषा के विकास के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। सभी को हिंदी भाषा का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। तभी हम अपनी भाषा का सही अर्थ में सम्मान कर सकते हैं।

हमें उम्मीद है कि, हमारे द्वारा उपलब्ध कराए गए हिंदी दिवस पर निबंध छात्रों को पसंद आयेंगें। यहां दिए गए निबंध हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी दिवस निबंध लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होंगे।

अगर आपको हिंदी दिवस पर शायरी या कविता चाहिए तो नीचे वाले आर्टिकल में जाएं। इस आर्टिकल में आपको हिंदी भाषा के सम्मान में शायरियां मिल जाएंगी।

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Hindi Diwas Essay for Students and Children In English

On the 14th of September in 1949, the Constituent Assembly of India declared that Hindi would be the official language of India from now on. This historic decision was welcomed by every Indian with open arms and ever since then, the day is celebrated in the country as Hindi Diwas. Since the day holds so ... Read more

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Reported by Ritesh Sharma

Published on 14 September 2023

On the 14th of September in 1949, the Constituent Assembly of India declared that Hindi would be the official language of India from now on. This historic decision was welcomed by every Indian with open arms and ever since then, the day is celebrated in the country as Hindi Diwas. Since the day holds so much significance, the students are often asked to write a Hindi Diwas Essay.

Writing a Hindi Diwas Essay requires good research by the students. The students must know the value of the day and the Hindi language in Indian Culture. To help students write such an informative and compelling Essay on Hindi Diwas, we are sharing this article.

In this entire article, we will provide the Students of Various Classes with well-written Hindi Diwas Essays. In addition, we will also share tips for preparing a good Hindi Diwas Essay as well. So, kindly check out this complete article through to the end.

Hindi Diwas Essay

Hindi Diwas Essay for Students

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Below are the samples of Hindi Diwas Essay for Students of Classes 1-12. For different classes, we have accordingly provided Essays ranging from 100 to 300 words. Therefore, you can go through the following article and accordingly pick the Essay on Hindi Diwas for your respective class.

Tips For Hindi Diwas Essay

Essay on Hindi Diwas for Students of Class 1-4 (100+ Words)

Hindi Diwas is celebrated on 14 September every year. It is observed on the day, Hindi became the official language of the Indian Country. On this day, schools, colleges and other institutions celebrate the fact that we live in a country where the majority of the population speaks and writes Hindi. Schools also educate the students about the historical significance of the day by organizing various programs.

Not only this, but various schools in the Country also celebrate the Hindi Pakhwada in which they make students aware of various aspects of the Hindi Language and its usage across the country. The Hindi Samaroh which is organized on the evening of the day is a spectacle to behold. As Indians, the Hindi Diwas makes us proud of ourselves and our official language every single year.

Hindi Diwas Essay for Students of Class 5-8 (200+ Words)

The cultural diversity of India is something that makes us stand out in the world. All the cultures and religions are equally respected in our country. However, one thing that binds all Indians together is the Hindi Language which is spoken by the most number of people in the country. So, to acknowledge the day when it became the official language of the country, 14 September is celebrated as Hindi Diwas every year.

On this day, we rejoice in the fact that we all are Hindi speakers and how proud we are of the language. Various activities conducted across schools, colleges, educational institutions and offices across the country make this day memorable for everyone. Our government also celebrates this day with great enthusiasm .

Different awards like Kirti Puruskar and Rajbhasa Gaurav Puruskar are bestowed upon citizens of India for their contribution to the growth of the language. The significance that this day holds is enormous and every year it gives us more reasons to be proud of being Indians and more importantly Hindi speakers.

Hindi Diwas Essay for Students of Class 9-12 (300+ Words)

More than 420 million people across the world speak Hindi as their language and more than 120 million people across the world speak it as their second language. These numbers are enough to tell you how highly revered our language is. Hence, we mark the day it got its status as the official language of the country in India as Hindi Diwas.

The power of the Hindi language is not only limited to the Indian country, various foreign countries like Fiji, New Zealand, Mauritius, etc., hold it in high regard. To acknowledge this fact, several events are organized all around the country in India. Students in schools give speeches, recite poems and sing songs in Hindi to celebrate the day.

Teachers of schools and other educational institutions conduct different programmes to tell the students about the importance of the day. The Government of the country organizes Hindi Samaroh on the eve of the day to let everyone know how proud we are of being Hindi speakers. Various institutions celebrate the day by organizing cultural festivals in which performers illustrate unparalleled enthusiasm to show their love for the language.

Hindi Diwas also fills the hearts of the people of India with a feeling of patriotism as well. The hearts of Indian people swell with pride to know the fact that they are celebrating the Hindi language which is associated with our country and its people.

Another significant event that falls on the same day as the Hindi Diwas is the birthday of Beohar Rajendra Simha who was a highly regarded Indian artist of cursive Devanagari script. So, people remember him on this day as well.

India may have people from different cultures and religions but we are integrated as a singular body through our love for the Hindi Language. And the joyous and energetic celebration of Hindi Diwas every year by the people of the country only cements this fact.

Final Words

We hope you found ample insights into writing a Hindi Diwas Essay through this article. You can feel free to drop comments in the comment section below to ask your queries. Also if you liked this content then you can stay connected to our page through the NVSHQ Homepage to get more informative writing pieces like this daily.

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Ritesh Sharma

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Essay on Hindi Diwas in English for Children and Students

hindi diwas essay in hindi 200 words

Table of Contents

Essay on Hindi Diwas: Hindi Diwas is celebrated on the 14 th of September each year. This is because the Constituent Assembly of India declared that Hindi scripted in the Devanagari script is the Republic of India’s official language.

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The Constituent Assembly of India adopted Hindi as the official language of the Republic of India on the 14 th of September 1949. However, the idea of using it as the official language was sanctioned by the Constitution of the country on 26 th January 1950. The original day of adopting Hindi as the official language is observed as Hindi Diwas. Here are essays of varying length on Hindi Diwas to help you with the topic in your exam. You can select any Hindi diwas essay according to your need:

Long and Short Essay on Hindi Diwas in English

We are providing below short and long essay on Hindi Diwas in English. The essays have been written in simple English language to make them easily memorable and presentable when required.

After reading the Hindi Diwas essay you will know everything about Hindi Diwas, that is, why Hindi Diwas is celebrated; since when is Hindi Diwas celebrated; names of the stalwarts who campaigned for this recognition of Hindi; how is Hindi Diwas celebrated; what is the significance of Hindi Diwas; how can we celebrate Hindi Diwas etc.

These essays can be used during essay writing, speech, debates and other events in schools, colleges and offices on the occasion of Hindi Diwas.

Essay on Hindi Diwas in 100 Words

It was a moment of pride for the Indians when the Constituent Assembly of India adopted Hindi as the official language of the country. The Constitution approved the same and Hindi written in Devanagari script became the official language.

14 th September, the day the Constituent Assembly of India adopted Hindi as its official language, is celebrated as Hindi Diwas each year. Many schools, colleges and offices celebrate this day with great enthusiasm. These places are decked up for the celebration and people come dressed in Indian ethnic wear. Many people come forward to talk about the importance of Hindi language and Indian culture. Schools host Hindi debate, poetry and story-telling competitions and cultural programs.

It is a day to stress upon the importance of Hindi language which is losing its significance in the country where English speaking population is considered smarter. It is sad to see how during job interviews, people who speak English are given preference over the others. It clearly shows that employers mistake a person’s English language skills for their knowledge about the task at hand. It is time to overcome this biased attitude.

Hindi Diwas is a great step to emphasize the importance of our national language as well as our culture.

Take free test

Essay on Hindi Diwas in 200 Words

The constitution of India adopted Hindi written in Devnagari script as the official language of the country under Article 343 back in January 1950. With this, both Hindi and English began to be used officially at the Union Government of India level. Hindi Diwas is observed on the 14 th of September each year as on this date in the year 1949 the Constituent Assembly of India adopted our mother tongue as the nation’s official language.

In India, people celebrate Hindi Diwas to mark the occasion when Hindi was chosen as one of the country’s official languages.

The Importance of Hindi Diwas

Hindi Diwas is celebrated to rejoice the day Hindi became the official language of our country. It is also observed each year to stress upon the importance of Hindi and promote it amid the generation which is way too impressed with English. It is a way of reminding the youth about their roots. No matter where we reach and what we do, if we remain grounded and in-sync with our roots, we stay unshakable. Each year, the day reminds us of our true identity and unites us with the people of our country. No matter, wherever we go our language, culture and values must stay intact and the day serves as a reminder for the same. Hindi Diwas is one such day that instils us with patriotic feeling.

In today’s times, there is an inclination towards English which is understood as it is used across the world and is also one of the official languages of India. This day is a small effort to remind us that Hindi too is our official language and holds as much importance.

While English is a globally used language and the importance of the same cannot be overlooked, we must not forget that we are Indians first and must respect our national language. The adoption of Hindi as an official language proves that the people in power value their roots and want the people of their country to value them too.

Essay on Hindi Diwas in 400 Words

Hindi Diwas, celebrated on the 14 th of September each year, is a way to cherish the Indian culture and honour the Hindi language. This day in the year 1949, Hindi was adopted as the country’s official language by the Constituent Assembly of India.

Hindi Diwas – The Celebration

Hindi Diwas is celebrated in schools, colleges and offices. It is also celebrated at the national level wherein the president of the country gives awards to people who have achieved excellence in any field pertaining to the Hindi language.

In schools and colleges, mostly the management organizes Hindi debate, poem or story telling competitions. Cultural programs are also held and the teachers give speech to emphasize the importance of Hindi language. Many schools host inter-school Hindi debate and poetry competitions. Inter-school Hindi essay and story writing competitions are also held. It is a day to honour the Hindi language which is losing importance especially among the new generation.

The day is also celebrated in the offices and many government institutes. To rejoice the Indian culture, people come dressed up in Indian ethnic wear. Women are seen dressed up in suits and saris and men are dressed in kurta pyjamas to add to the essence of the day. Cultural programs are held and people are enthusiastically seen taking part in the same. Many people come forward to recite Hindi poetry and talk about the importance of staying in-line with our culture.

Hindi – The Most Widely Spoken Language in India

Hindi is undoubtedly the most widely used language in India. Even though there is an inclination towards English and its importance is emphasized in schools and other places, Hindi stands strong as the most widely spoken language in our country. In the Census held in 2001, more than 422 million people mentioned Hindi as their mother tongue. No other language in the country is used by over 10% of the total population. Most of the Hindi speaking population is concentrated in Northern India.

Hindi is the official language of many of the Indian states including Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Bihar, Jharkhand, Chhattisgarh, Haryana, Rajasthan, Uttrakhand and Jharkhand. Bihar was the first state in the country to adopt Hindi as its sole official language. Bengali, Telugu and Marathi are the other widely spoken languages in the country.

Hindi Diwas is a day to revisit our cultural roots and celebrate its richness. Hindi is our mother tongue and we must respect and value it.

Essay on Hindi Diwas in 500 Words

Indians are highly impressed with the ways of the west. They want to dress up like the people there, follow their lifestyle, speak their language and copy them in every respect. What they do not understand is that the Indian cultural heritage and values are far richer than that of the west. Hindi Diwas, celebrated on the 14 th of September each year is a way to celebrate the Hindi language and the Indian culture.

Hindi – The Fourth Widely Used Language in the World

Hindi is known as the fourth widely used language in the world. While India has the highest Hindi speaking population, other countries where it is widely spoken are Pakistan, Nepal, Mauritius, Fiji, Guyana and Suriname.

People worldwide love Hindi songs and Hindi movies which clearly defines the fondness of this language.

Hindi – Not Given Preference

Unfortunately, even though Hindi is the fourth widely spoken language in the world, people in the country of its origin do not give it the importance it deserves. From school to college to the corporate offices – it is English that is given more preference and Hindi takes a back seat. It is quite common to see parents, teachers and everyone around emphasizing on the importance to learn both written and spoken English as it helps a great deal in securing a job. It is sad to see that even for jobs and educational courses that require people to be smart in other respects, the employers choose them based on their English speaking skills. Many people lose an opportunity to work just because they are not fluent in English even though they have a good knowledge about the task to be accomplished.

Hindi Diwas is an attempt to awaken such people and instill them with respect for the Hindi language.

Special Events Related to Hindi Diwas and Importance of Hindi

Many schools and other institutions are known to celebrate Hindi Diwas each year. Here is a look at the special events that have been conducted in the past in honour of this day:

  • The former president of India, Pranab Mukherjee bestowed awards in various categories for excellence in different fields related to Hindi. This was done at a function in Vigyan Bhawan, New Delhi in honour of Hindi Diwas.
  • The day has also seen the bestowing of Rajbhasha awards upon Departments, Ministries, Nationalized Banks and PSUs.
  • With the Bhartiya Janta Party holding the power in Center, the push towards giving importance and recognition to the Hindi language and Hindi Diwas has increased.
  • In a World Hindi Conference held in Bhopal, Prime Minister Narendra Modi said that English, Hindi and Chinese are going to rule the digital world in the times to come thereby emphasizing the importance of the language.
  • Union Home Minister, Rajnath Singh even went on to seek official language status for Hindi at the United Nations.

Hindi Diwas is celebrated with great zeal at various places however many people in our country are still not aware about the day and many others do not consider it significant. It is time people must recognize the importance of this day as this is the day to rejoice our national language and our cultural roots.

Take free test

Hindi Diwas Essay 5 (600 words)

Hindi Diwas is celebrated on 14 th September each year to honour the language and the day it was declared to be one of the official languages of India. The fourth widely spoken language in the world sure deserves all the respect it has been given by marking a special day to celebrate its importance. There are a number of interesting facts about this language that makes it unique.

Hindi Diwas – A Great Step

The fact that Hindi has been sanctioned as an official language in India is great. However, what is even greater is the decision to celebrate the day as Hindi Diwas each year. Hindi Diwas is a reminder that no matter where we reach, we must not lose touch of our roots and culture. It is what defines us and we must rejoice it. The day is celebrated with zeal in various government institutions.

Interesting Facts about the Hindi Language

There are several interesting facts about the Hindi language. Here are a few of these:

  • The name, Hindi has been derived from the Persian word, Hind that means Land of the Indus River.
  • Hindi is basically one of the members of the Indo-Aryan languages of the Indo-European family of languages.
  • The language does not include any articles.
  • Many words in Hindi draw inspiration from Sanskrit.
  • Hindi is written in a purely phonetic script. The words in this language are pronounced exactly the way they are written.
  • Many words used worldwide that are mistaken to be English words are actually from Hindi language. Some of these include jungle, loot, bungalow, yoga, karma, avatar and guru.
  • In Hindi, all the nouns have genders. They are either feminine or masculine. Adjectives and verbs in this language vary based on gender.
  • It is among one of the seven languages that can be used for making a web address.
  • Every sound in the world can be written in the Hindi language.
  • Hindi language is not just used in India but in various other countries around the globe including Pakistan, Fiji, Nepal, Sri Lanka, Singapore, New Zealand, United Arab Emirates and Australia.

Schools Must Celebrate Hindi Diwas

It is unfortunate that even as Hindi is the most widely spoken language in India and has also been sanctioned as one of the official languages of the Republic of India most schools in India treat it as unimportant. English is given more significance and stress is laid upon learning both spoken and written English.

Children, these days, grow up with a mindset that a person who speaks English knows everything and is better in every respect than those who are not fluent in the language. Those who choose to speak in Hindi during the interviews or elsewhere are looked down upon. This mindset should be changed. It is true that English is a global language and is given preference especially in the corporate world and it is not wrong to hone the students’ written and spoken English. However, they should not be given an impression that Hindi is lesser than English in any respect. It is time the students must be taught to value and respect both the languages alike.

Just as the schools conduct fun activities and cultural programs on other special occasions such as Diwali, Independence Day and Janamashtami, they must also celebrate Hindi Diwas to rejoice our mother tongue.

Hindi Diwas is a great way to pay respect to our national language, Hindi. The newer generation is fascinated by the western culture and English language and is following them blindly. This day is a good way to remind them of their roots which is important in building their character.

Long Essay on Hindi Diwas – Essay 6 (1100 Words)

“Hindi Diwas” is an annual event celebrated in India on 14 th September to commemorate the adoption of Hindi as the official language of the Republic of India. Hindi is one of the most popular and widely spoken languages of India. The events of Hindi Diwas are mostly funded by the central government or other voluntary organizations. Awards are conferred to writers, poets and others for distinguished work related to Hindi.

Hindi Diwas – History

Every year 14 th September is celebrated as Hindi Diwas by the Government of India. This is done to commemorate the adoption of Hindi as an official language of the Republic of India by the Constituent Assembly on 14 September 1949.

On this day the Constituent Assembly adopted Hindi written in Devanagari script as the official language of India. It is an ancient Hindi, left to right righting system developed during 1 st to 4 th Century CE. In comprises of 47 primary characters, 14 vowels and 33 consonants.

However, the adoption of Devanagari Hindi as the official language of India wasn’t easy and it took rigorous campaigning, lobbying by several supporters of Hindi.

When India gained independence, choosing the official language became a contentious issue for the government of India, as India was home to hundreds of languages spoken throughout its length and breadth.

There were protests by different ethnic groups against the establishment of Hindi as the official language. Many stalwarts, the most prominent of them, Beohar Rajendra Simha along with Hazari Prasad Dwivedi, Maithili Sharan Gupt, Seth Govind Das and Kaka Kalelkar rallied through India, campaigning for adoption of Hindi as the official language.

At last, their efforts bore fruits and Hindi was adopted as an official language by the Indian constituent Assembly on 14 th September 1949, which was also the 50 th birth anniversary of Beohar Rajendra Simha. The adoption got the formal consent by the Constitution of India when the latter came into effect on 26 th January 1950.

On the recommendations of the then Prime minister, Pundit Jawaharlal Nehru, the first Hindi Diwas was celebrated on 14 th September 1952.

Significant Events on Hindi Diwas

Many notable events are organized in schools and colleges throughout the country on Hindi Diwas. Students are briefed about the history of Hindi and the efforts of several stalwarts for its adoption as the official language. They are asked to respect the language and also to converse in Hindi on daily basis.

The main motive of the events is to increase the popularity of Hindi and make it more widely acceptable and respected language. For this many Hindi based competitions are organized like Hindi essay writing, Hindi poetry, Hindi debate, dictation and Hindi typing etc. Sometimes, “Hindi Week” is also organized to extend the events over a period of a week and also to make them more effective.

Awards are also conferred to persons making distinguished contribution in any of the fields pertaining to Hindi. Some of the most important awards include Rajbhasha Awards, Rajbhasha Kirti Puraskar and Raj Bhasha Gaurav Puraskar. The last two awards have been previously called “Indira Gandhi Rajbhasha Puraskar” and “Rajiv Gandhi Rashtriya Gyan-Vigyan Maulik Pustak Lekhan Puraskar” respectively.

Hindi Diwas – Significance

Despite being the third most widely spoken language after Mandarin Chinese and English, there is a significant scarcity of the people who could fluently read, speak and write Hindi.

As English gains popularity in Indian sub-continent, Hindi is gradually losing its ground and its future existence is also threatened. It is feared that if the things continued at the same pace then in coming years Hindi might completely be extinct. Thus, there is a need to support Hindi at war footing to prevent it from extinction.

The day brings a sense of responsibility to all the people who know Hindi language. They are encouraged to adopt Hindi in speaking, reading and writing, in their every day works, as a gesture of respect for their mother tongue.

There is an urgent need to promote Hindi not only in India, but also in the world, in order to keeping it from extinction.

Despite persistent efforts by the Government of India, to get Hindi recognized as the official language of the United Nations, Hindi still struggles for its recognition.

General public, Government and Private offices are encouraged to use Hindi as the official language instead of English, atleast for a day. The message is sent that Hindi could be saved from extinction only if we start speaking, reading and writing in Hindi as much as we can.

Awards are conferred to encourage people doing notable work in Hindi, in order to inspire and encourage them to continue their work and also to spread awareness about the language.

How to Observe Hindi Diwas – Activities

There are several ways in which you can show you love and respect for your mother tongue. Some of the easiest and effortless ways are given below-

1) Learn New Words

No matter how well you command a language, there is always something left to explore. Hindi is a wide language having huge vocabulary of words. Know some new words and play with them, by making sentences, poems etc.

2) Read Hindi Literature

Many books have been written in Hindi by notable or not so popular Hindi writers, on variety of subjects. There are story books, adventure, suspense, science fiction, religion etc. Pick your favorite genre and enjoy the read.

3) Speak/Write Hindi

The best way to learn or promote a language is to speak and write in it. Speak Hindi in your school, college, office etc. Write in Hindi, a paragraph or two on any of the subject of your choice. You can write a story, a small poem or whatever you wish to write.

4) Promote Hindi

Hindi is at a stage when its wide spread promotion is required to prevent it from getting extinct in future. Promote Hindi in whatever way you can – read, write, tell others about the significance of Hindi, organize a small Hindi debate in your office, class or community etc.

5) Tweet in Hindi

Most of us spend a good amount of time on social media. Hardly a day passes when we do not tweet or reply or express concern over an issue. But, most of those tweets are in English. Let us vow to tweet in Hindi on Hindi Diwas.

Despite being the third widely spoken language in the world, Hindi is on the verge of extinction. Widespread use of English in India is one of the main causes for depleting Hindi popularity. Today, English is used in all schools, colleges, government and private offices etc. Such huge acceptability of English has hugely threatened Hindi which faces extinction, if not provided enough leverage for its promotion. Therefore, annual “Hindi Diwas” celebrations are like a new lease of life to the mother tongue.

10 lines on Hindi Diwas in English

  • We celebrate Hindi Diwas every year on the 14th of September.
  • Back in 1949, our Constituent Assembly declared Hindi as the state language on this very date.
  • Hindi Diwas is a special day to honor the Hindi language.
  • It’s the easiest and most widely spoken language around.
  • In schools and colleges, we all come together to celebrate Hindi Diwas.
  • On this day, students are encouraged to speak in Hindi through speeches.
  • We also have essay writing, speech, and debate competitions.
  • One big reason we celebrate Hindi Day is to promote Hindi speaking.
  • Hindi helps us communicate and understand things easily.
  • Hindi is our national language.

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Essay on Hindi Diwas FAQs

What is the paragraph on hindi diwas in english.

Hindi Diwas is celebrated on 14th September each year to honor the Hindi language, which was declared the state language in 1949.

What is the importance of Hindi Day essay?

Writing an essay on Hindi Diwas helps people understand the significance of the Hindi language and its role in our culture and daily life.

How do we celebrate Hindi Diwas in English?

Hindi Diwas is celebrated by organizing various activities like speeches, debates, and essay writing. People also encourage speaking in Hindi on this day.

What is the short note on Hindi Diwas in English?

Hindi Diwas, celebrated on 14th September, is a day to promote and honor the Hindi language, which plays a crucial role in India.

What are some important lines about Hindi Diwas?

Hindi Diwas, on 14th September, celebrates the significance of Hindi, our state language. It encourages us to embrace and use Hindi in various ways, promoting unity and communication.

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Exam Date : 18 March,2024 - 06 April,2024

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Central board of secondary education class 12th examination.

Exam Date : 02 April,2024 - 02 April,2024

Goa Board Secondary School Certificate Examination

Explore career options (by industry).

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Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Geotechnical engineer

The role of geotechnical engineer starts with reviewing the projects needed to define the required material properties. The work responsibilities are followed by a site investigation of rock, soil, fault distribution and bedrock properties on and below an area of interest. The investigation is aimed to improve the ground engineering design and determine their engineering properties that include how they will interact with, on or in a proposed construction. 

The role of geotechnical engineer in mining includes designing and determining the type of foundations, earthworks, and or pavement subgrades required for the intended man-made structures to be made. Geotechnical engineering jobs are involved in earthen and concrete dam construction projects, working under a range of normal and extreme loading conditions. 

Cartographer

How fascinating it is to represent the whole world on just a piece of paper or a sphere. With the help of maps, we are able to represent the real world on a much smaller scale. Individuals who opt for a career as a cartographer are those who make maps. But, cartography is not just limited to maps, it is about a mixture of art , science , and technology. As a cartographer, not only you will create maps but use various geodetic surveys and remote sensing systems to measure, analyse, and create different maps for political, cultural or educational purposes.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Product Manager

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Operations manager.

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Bank Probationary Officer (PO)

Investment director.

An investment director is a person who helps corporations and individuals manage their finances. They can help them develop a strategy to achieve their goals, including paying off debts and investing in the future. In addition, he or she can help individuals make informed decisions.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

An expert in plumbing is aware of building regulations and safety standards and works to make sure these standards are upheld. Testing pipes for leakage using air pressure and other gauges, and also the ability to construct new pipe systems by cutting, fitting, measuring and threading pipes are some of the other more involved aspects of plumbing. Individuals in the plumber career path are self-employed or work for a small business employing less than ten people, though some might find working for larger entities or the government more desirable.

Construction Manager

Individuals who opt for a career as construction managers have a senior-level management role offered in construction firms. Responsibilities in the construction management career path are assigning tasks to workers, inspecting their work, and coordinating with other professionals including architects, subcontractors, and building services engineers.

Urban Planner

Urban Planning careers revolve around the idea of developing a plan to use the land optimally, without affecting the environment. Urban planning jobs are offered to those candidates who are skilled in making the right use of land to distribute the growing population, to create various communities. 

Urban planning careers come with the opportunity to make changes to the existing cities and towns. They identify various community needs and make short and long-term plans accordingly.

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Naval Architect

A Naval Architect is a professional who designs, produces and repairs safe and sea-worthy surfaces or underwater structures. A Naval Architect stays involved in creating and designing ships, ferries, submarines and yachts with implementation of various principles such as gravity, ideal hull form, buoyancy and stability. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Veterinary Doctor

Pathologist.

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Speech Therapist

Gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

Hospital Administrator

The hospital Administrator is in charge of organising and supervising the daily operations of medical services and facilities. This organising includes managing of organisation’s staff and its members in service, budgets, service reports, departmental reporting and taking reminders of patient care and services.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Videographer

Multimedia specialist.

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Linguistic meaning is related to language or Linguistics which is the study of languages. A career as a linguistic meaning, a profession that is based on the scientific study of language, and it's a very broad field with many specialities. Famous linguists work in academia, researching and teaching different areas of language, such as phonetics (sounds), syntax (word order) and semantics (meaning). 

Other researchers focus on specialities like computational linguistics, which seeks to better match human and computer language capacities, or applied linguistics, which is concerned with improving language education. Still, others work as language experts for the government, advertising companies, dictionary publishers and various other private enterprises. Some might work from home as freelance linguists. Philologist, phonologist, and dialectician are some of Linguist synonym. Linguists can study French , German , Italian . 

Public Relation Executive

Travel journalist.

The career of a travel journalist is full of passion, excitement and responsibility. Journalism as a career could be challenging at times, but if you're someone who has been genuinely enthusiastic about all this, then it is the best decision for you. Travel journalism jobs are all about insightful, artfully written, informative narratives designed to cover the travel industry. Travel Journalist is someone who explores, gathers and presents information as a news article.

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

Merchandiser.

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Metallurgical Engineer

A metallurgical engineer is a professional who studies and produces materials that bring power to our world. He or she extracts metals from ores and rocks and transforms them into alloys, high-purity metals and other materials used in developing infrastructure, transportation and healthcare equipment. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

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Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

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हिंदी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi) - हिंदी दिवस पर निबंध 10, 100, 250 और 500 शब्दों में

Updated On: January 10, 2024 03:52 pm IST

  • भारत में हिंदी दिवस का इतिहास (History of Hindi Diwas …

हिंदी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas)

  • हिंदी दिवस पर 250 शब्दों में निबंध (Eassy on Hindi …
  • हिंदी दिवस पर 500 शब्दों में निबंध (Eassy on Hindi …
  • हिंदी दिवस पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Hindi …

हिंदी दिवस पर 10 लाइन्स (10 Lines on Hindi Diwas)

हिंदी दिवस पर निबंध

भारत में हिंदी दिवस का इतिहास (History of Hindi Diwas in India)

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  • हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
  • भारत में पहली बार हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था। 
  • 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। 
  • 2011 की जनगणना के अनुसार 43.6 प्रतिशत भारतीयों का मातृभाषा हिंदी है।
  • भारत में करीब 78% आबादी हिंदी भाषा समझती और बोलती है।
  • हिंदी दुनिया की चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।
  • भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना और सूरीनाम में भी हिंदी भाषा बोली जाती है।
  • हिंदी भाषा का इतिहास 12वीं शताब्दी का है।
  • पहली हिंदी कविता प्रसिद्ध कवि "अमीर खुसरो" द्वारा लिखी गई थी, जिसे "हिन्दी" फारसी भाषा से ली गई थी।

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Hindi Diwas Essay in English for School Students 2023

Essay on hindi diwas:  150 - 250 words essay on hindi diwas 2023 in english. .

Atul Rawal

Hindi Diwas Essay in English: Students must be aware that Hindi Diwas 2023 is on September 14, 2023. On this occasion, schools organise events for students to educate them about Hindi and its importance. Schools organise essay writing and speech competitions for students to become more knowledgeable and confident in expressing themselves.

Here, you will find a few samples of essays on Hindi Diwas. These Hindi Diwas essays are in English, which aims to help students perform better in essay writing competitions organised for Hindi Diwas 2023. The Hindi Diwas essays are 150–200 words. Check out the Hindi Diwas essays for students.

Read: Hindi Diwas Speech in English

Read: Hindi Diwas Essay in Hindi

Hindi Diwas Essay in English

In case a Hindi Diwas essay of 500 words is given to you, add more information to the above Hindi Diwas essays to increase the word count. For more information, you may refer to the Hindi Diwas speech provided above. Adding Hindi Diwas slogans   to your essay will make it more appealing. 

Read: Chandrayaan 3 Essay in English

Read: Essay on Aditya L1 - India’s First Solar Mission by ISRO

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
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  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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गणतंत्र दिवस पर निबंध- Essay on Republic Day 100, 200, 250, 300 400 words in Hindi

Essay on Republic Day in Hindi भारत में गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह एक राष्ट्रीय अवकाश है जो साल हर भारत में उल्लास के साथ मनाया जाता है। साल 2020 में भारत का 71 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, इस मौके पर बहुत से स्कूल में गणतंत्र दिवस दिवस पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जिसकी वजह से बहुत से छात्र गूगल पर “gantantra diwas par nibandh in hindi” और republic day essay in hindi सर्च करते हैं। अगर आप भी गणतंत्र दिवस पर निबंध खोज रहें हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर है। इस लेख में आपको आपको 100, 200, 250, 300 essay on republic day in hindi उपलब्ध करा रहें हैं।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (100 शब्द) 100 Words Essay on Republic Day in Hindi

Gantantra diwas par nibandh in hindi: रिपब्लिक डे या गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय त्यौहार है जिसे भारत में हर साल मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत के संविधान ने भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटा दिया था और इसकी जगह 26 जनवरी 1950 को भारत के एक विशेष दस्तावेज के रूप में लिया। इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारत में लोग इस खास दिन को अपने अपने तरीके से मानते हैं। इस दिन भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में भारत की राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में राजपथ (इंडिया गेट के सामने) परेड होती है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (150 शब्द) 150 Words republic day essay in hindi

ntantra diwas par nibandh in hindi भारत में 1950 के बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।  गणतंत्र दिवस का भारत के इतिहास में बहुत महत्व है क्योंकि यह भारतीय स्वतंत्रता के प्रत्येक और हर संघर्ष के बारे में याद दिलाता है। भारत की आजादी के लिए लड़ रहे लोगों ने 1930 में  भारत की पूर्ण स्वतंत्रता (पूर्णा स्वराज्य) को हासिल करने के लिए लाहौर में रावी नदी के तट पर एक संकल्प लिया, जो वर्ष 1947 में 15 अगस्त को पूरा हुआ।

26 जनवरी 1950 में भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित किया गया था, जिसका अर्थ है कि भारत के लोगों में देश के लिए सरकार चुनने की शक्ति है। यह राष्ट्रीय त्यौहार हर साल भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में राजपथ, नई दिल्ली में विशेष परेड के साथ एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन करके, राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और राष्ट्रगान गाकर मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (200 शब्द) 200 Words Gantantra diwas par nibandh in hindi

पूरे भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली थी जिसक लगभग ढाई साल बाद भारत एक

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक बन गया था। यह दिन भारत के हर एक देशीवासी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और स्वतंत्रता संग्राम के लंबे समय भारत को एक गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया था।

भारत के संविधान का इतिहास

बता दें कि 28 अगस्त 1947 को हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के लिए एक स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक मसौदा समिति की नियुक्ति की जाएगी। जिसके बाद  डॉ बी।आर। अम्बेडकर को ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया, जिन्होंने मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी ली और और 4 नवंबर 1947 के दिन भारत के संविधान को विधानसभा में प्रस्तुत किया। जिसे बाद में  26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

भारत में गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश है। इस दिन को सभी लोग अपने अपने तरीके से मनाते हैं। इस दिन बहुत से लोग गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए टेलीविजन से चिपके रहते हैं और छोटे  बच्चे स्कूलों में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर सबसे बड़ा उत्सव राजपथ, नई दिल्ली में होता है। इस उत्सव में  भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा परेड का आयोजन भी किया जाता है। लोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने राष्ट्र को स्वतंत्र कराने  के लिए अपना बलिदान दिया था।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (250 शब्द) 250 Words republic day essay in hindi

भारत में हर साल 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यह दिन भारत के राष्ट्रीय त्योहार में से एक है जिसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। गणतंत्र दिवस के अलावा गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस भी भारत के अन्य दो राष्ट्रीय अवकाश हैं। 26 जनवरी1950 के दिन हमारा देश भारतीय संसद में भारत के संविधान के सुदृढीकरण के बाद एक पूर्ण लोकतांत्रिक गणराज्य बना था।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है

भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय सेना द्वारा परेड का आयोजन किया जाता है जो कि आम तौर पर विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर समाप्त होती है। इस दिन भारतीय सशस्त्र बल (सेना, नौसेना और वायु सेना) राजपथ पर परेड करते हुए भारत के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। परेड में भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को दिखाया गया है जो देश के हथियारों और युद्ध का प्रदर्शन करते हुए नजर आते हैं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद प्रत्येक राज्य की संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली झांकी निकली जाती है। गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल और कॉलेजों में भी परेड, ध्वजारोहण, भाषण प्रतियोगिताओं, नाटकों और कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है जो हमें उन महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की याद दिलाता है जिन्होंने देश के लिए जान देने से पहले

अपने और अपने परिवार के बारे में नहीं सोचा। जो लोकतंत्र हमें मिला है, उसे सभी को महत्व देना चाहिए। भारत के हर एक नागरिक को राष्ट्र के विकास के लिए अपना योगदान देना चाहिए और शांति, प्रेम और सद्भाव का प्रसार करना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (300 शब्द) 300 Words republic day speech in hindi

26 जनवरी के दिन को पूरे भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन को भारत के लोग हर साल बहुत खुशी और उत्साह के साथ मानते है। रिपब्लिक डे को भारत के संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान के लागू होने के बाद इसे घोषित किया गया था। यह दिन को ब्रिटिश शासन से भारत की ऐतिहासिक स्वतंत्रता की ख़ुशी के रूप में भी मनाया जाता है।

  गणतंत्र दिवस स्कूलों में समारोह

गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर स्कूलों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कुल के छात्र इन कार्यक्रमों में बड़े जोश और उत्साह के साथ भाग लेते हैं।  इसके अलावा अन्य सभी शिक्षण संस्थानों में विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे निबंध लेखन, भाषण, ड्राइंग और पेंटिंग आदि आयोजित की जाती हैं। छात्र इस दिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिखाने वाले नाटक का हिस्सा भी बनते हैं।

राजपथ नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह

भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में एक प्रमुख कार्यक्रम आयोजित करती है जहाँ पर राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण कार्यक्रम, भारतीय सशस्त्र बल परेड और विभिन्न अन्य गतिविधियाँ इंडिया गेट के सामने आयोजित की जाती हैं। इस शानदार उत्सव को देखने के लिए लोग सुबह से ही राजपथ पर इकट्ठा होना शुरू कर देते हैं।

इस दिन भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा विजय चौक से तीनों विंगों की एक परेड से शुरू होती है जो देश की उन्नत युद्ध क्षमताओं को भी प्रदर्शित करती है। इस परेड में सभी रेजिमेंट के सैन्य बैंड, एनसीसी कैडेट और पूर्व सेना के लोग भी परेड में हिस्सा लेते हैं। परेड के बाद सभी राज्यों से भारत की समृद्ध परंपरा को दर्शाने वाली तबले का प्रदर्शन भी किया जाता है। राजपथ पर प्रतिभागियों और सेना के कर्मियों द्वारा लोक नृत्य और विभिन्न स्टंट भी किये जाते हैं जिन्हें देखना एक शानदार अनुभव होता है।

गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और स्वतंत्रता का उत्सव है। इस दिन  हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और उनके असीम बलिदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं तथा उनका धन्यवाद करते हैं। आज हम जो स्वतंत्रतापूर्वक एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में रह रहे हैं यह सब उन्ही शहीदों की बदोलत है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (400 शब्द) 400 Words Essay on Republic Day in Hindi

हमारा देश भारत लंबे समय तक ब्रिटिश शासन का अधीन था, जिस दौरान देश के लोगों का शोषण किया जाता था और ब्रिटिश शासन द्वारा बनाये गए कानूनों का पालन भी पड़ता था। लेकिन हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश भारत आजाद हो गया। आजाद होने के ढाई साल बाद भारत सरकार ने अपना संविधान लागू किया और 26 जनवरी 1950 को भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। इसके बाद से ही 26 जनवरी के दिन को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस का महत्व गणतंत्र दिवस उस दिन की याद दिलाता है जब हमारा संविधान लागू हुआ था। कोई भी भारतवासी इस दिन के महत्व को कभी भूल नहीं सकता क्योंकि यह वो दिन है जब हमारा भारत देश एक गणतंत्र बन गया था। हर साल गणतंत्र दिवस को भारत में और विदेशों में रहने वाले भारतियों द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन देश में कई सारे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिनमें लोग बहुत खुशी और उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

26 जनवरी पर समारोह राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी का काम एक महीने पहले से ही शुरू हो जाता है। भारत की राजधानी दिल्ली और राज्यों की राजधानियों में इस उत्सव को मनाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाती है। राजपथ, नई दिल्ली में उत्सव भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने के साथ शुरू होता है। इसके बाद यहां पर भारतीय सशस्त्र बल परेड, राज्यवार झाँकी, मार्च-पास्ट, पुरस्कार वितरण आदि जैसी गतिविधियाँ होती हैं।

गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की हवा देशभक्ति की खुशबू से भर जाती है और हर जगह देशभक्ति के गीत और राष्ट्रीय ध्वज के उड़ने की आवाज़ सुनी जा सकती है। इस खास मौके पर देशभर के स्कूल और कॉलेजों के छात्र जश्न मनाने के लिए पहले से ही तैयारी कर लेते हैं। जो लोग इस जश्न में शामिल नहीं हो पते वे लोग अपने टेलीविजन पर राजपथ, नई दिल्ली में उत्सव और परेड देखने के लिए सुबह जल्दी तैयार हो जाता है। इस खास मौके पर कई जगहों पर ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और लोग अपने निजी मुद्दों को भूल जाते हैं। अब लोग राष्ट्रीयता और एकजुटता के साथ इस राष्ट्रीय त्योहार को मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस एक ऐसा त्यौहार है जिसे हर भारतीय को धूम धाम से मनाना चाहिए और अपने देश के प्रति अपनी देशभक्ति दिखानी चाहिए। यह दिन हम सबको अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करना और अपने देश के संविधान का सम्मान करना सिखाता है।

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