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गाँधी जयंती पर भाषण

गाँधी जयंती

भाषण देना एक कला है जो व्यक्ति के किसी विषय पर ज्ञान और उसकी वाक् शैली पर निर्भर करता है लेकिन जब विषय गाँधी हों तो भाषण पूर्व तैयारी की भी आवश्यकता पड़ती है। यहाँ पर हम आसान और सरल शब्दों में विद्यार्थियों के लिये विभिन्न शब्द सीमाओं के साथ गाँधी जयंती पर भाषण उपलब्ध करा रहें हैं जिसका प्रयोग विद्यार्थी विभिन्न अवसरों या प्रतियोगिताओं में अपनी जरुरत के आधार पर कर सकते है।

गांधी जयंती पर 10 वाक्य

गाँधी जयंती पर भाषण (Short and Long Speech on Gandhi Jayanti in Hindi)

भाषण – 1.

सभी माननीयों, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। जैसा कि हम सभी जानते है कि हम सब यहाँ एक प्यारा उत्सव मनाने जुटे हैं जो गाँधी जयंती कहलाता है, इस अवसर पर मैं आप सब के सामने एक भाषण देना चाहता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी का जन्मदिन है।

राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष पूरे उत्साह के साथ हम इस दिन को मनाते है साथ ही साथ अंग्रेजी शासन से देश के लिये स्वतंत्रता संघर्ष के रास्ते में उनके हिम्मतपूर्णं कार्यों को याद करते हैं। पूरे भारत में एक बड़े राष्ट्रीय अवकाश के रुप में हमलोग गाँधी जयंती मनाते हैं। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है और वो बापू तथा राष्ट्रपिता के नाम से भी प्रसिद्ध है।

2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है क्योंकि अपने पूरे जीवन भर वह अहिंसा के उपदेशक रहे। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा द्वारा 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्ररीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया है। हमलोग हमेशा बापू को शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद करेंगे। बापू का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था जबकि उन्होंने अपने पूरे जीवनभर बड़े-बड़े कार्य किये।

वह एक वकील थे और उन्होंने अपनी कानून की डिग्री इंग्लैंड से ली और वकालत दक्षिण अफ्रीका में किया। “सच के साथ प्रयोग” के नाम से अपनी जीवनी में उन्होंने स्वतंत्रता के अपने पूरे इतिहास को बताया है। जब तक की आजादी मिल नहीं गयी वह अपने पूरे जीवन भर भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजी शासन के खिलाफ पूरे धैर्य और हिम्मत के साथ लड़ते रहे।

सादा जीवन और उच्च विचार सोच के व्यक्ति थे गाँधी जी जिसको एक उदाहरण के रुप में उन्होंने हमारे सामने रखा। वो धुम्रपान, मद्यपान, अस्पृश्यता और माँसाहारी के घोर विरोधी थे। भारतीय सरकार द्वारा उनकी जयंती के दिन शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है। वो सच्चाई और अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की।

नयी दिल्ली के राजघाट पर इसे ढ़ेर सारी तैयारीयों के साथ मनाया जाता है जैसे प्रार्थना, फूल चढ़ाना, उनका पसंदीदा गाना “रघुपति राघव राजा राम” आदि बजाकर गाँधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। मैं आप सबसे उनके एक महान कथन को बाँटना चाहूँगा “व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वो जो सोचता है वही बन जाता है”।

भाषण – 2

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम राहुल है, मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। मैं गाँधी जयंती के अवसर पर एक भाषण देना चाहूँगा। सबसे पहले मैं अपने क्लासटीचर को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने इतने महान अवसर पर भाषण देने के लिये मुझे मौका दिया। जैसा कि हम सभी जानते है कि हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्मदिन मनाने के लिये हम सब इकट्ठा होते हैं। मेरे प्यारे दोस्तों, गाँधी जयंती केवल अपने देश में ही नहीं मनाया जाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में पूरे विश्व भर में मनाया जाता है क्योंकि वह अपने पूरे जीवनभर अहिंसा के एक पथ-प्रदर्शक थे।

उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है हालाँकि वह बापू और राष्ट्रपिता तथा महात्मा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस दिन पर, नयी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गाँधी को उनके समाधि स्थल पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा प्रार्थना, फूल, भजन आदि के द्वारा श्रद्धाजलि अर्पित की जाती है।

गाँधी जयंती भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में गाँधी को याद करने के लिये मनायी जाती है जिन्होंने हमेशा सभी धर्मों और समुदायों को एक नजर से सम्मान दिया। इस दिन पर पवित्र धार्मिक किताबों से दोहा और प्रार्थना पढ़ा जाता है खासतौर से उनका सबसे प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम”। देश में राज्यों के राजधानियों में प्रार्थना सभाएँ रखी जाती है। जैसा कि भारत सरकार के द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में, सभी स्कूल, कॉलेज, कार्यालय आदि पूरे देश में बंद रहते हैं।

महात्मा गाँधी एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी को प्राप्त करने में बहुत संघर्ष किया और एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के लिये आजादी प्राप्त करने के अहिंसा के अनोखे तरीके के केवल पथ-प्रदर्शक ही नहीं थे बल्कि उन्होंने दुनिया को साबित किया कि अहिंसा के पथ पर चलकर शांतिपूर्ण तरीके से भी आजादी पायी जा सकती है। वह आज भी हमारे बीच शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद किये जाते हैं।

भाषण – 3

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षक और मेरे प्यारे दोस्तों को मैं प्यार भरा नमस्कार कहना चाहूँगा। मेरा नाम नवीन त्यागी है, मैं कक्षा 8 में पढ़ता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, महात्मा गाँधी के जन्म दिवस, 2 अक्टूबर के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं। इस दिन पर, भारत के राष्ट्रपिता का जन्म 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। ये उत्सव हमारे लिये बहुत मायने रखता है। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है, हालाँकि ये राष्ट्रपिता, गाँधीजी और बापू के नाम से भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। गाँधी जयंती के रुप में देश में बापू के जन्म दिवस को मनाया जाता है जबकि पूरे विश्व में इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है।

बापू का जन्म देश के बहुत छोटे शहर में हुआ था हालाँकि उनके कार्य बहुत महान थे जिसको पूरे विश्व में फैलने से कोई नहीं रोक सका। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो ब्रिटिश शासन से अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में भरोसा रखते थे। वह अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे, उनके अनुसार ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त करने का यही एकमात्र असरदार तरीका है। बापू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना पूरा जीवन दे दिया।

भारतियों के असली दर्द को महसूस करने के बाद, उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ कई सारे आंदोलनों में भाग लेना शुरु कर दिया। असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन वे अभियान है जो उन्होंने भारत की आजादी के लिये चलाये थे। वह कई बार जेल गये लेकिन कभी अपना धैर्य नहीं खोया और शांतिपूर्वक अपनी लड़ाई को जारी रखा। बापू का पूरा जीवन(वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिये) देशभक्ति, समर्पण, अहिंसा, सादगी और दृढ़ता का आदर्श उदाहरण है।

भारतीय लोगों द्वारा हर साल ढ़ेर सारी तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है। इस उत्सव को मनाने का उद्देश्य बापू को श्रद्धाजलि देने के साथ ही ब्रिटिश शासन से आजादी पाने में बापू द्वारा किये गये संघर्ष के बारे में भावी पीढ़ी को बताना है। ये हमें अपनी मातृभूमि के लिये हर समय खुली आँखों से सचेत रहने के लिये सिखाता है। मैं आप सबसे महात्मा गाँधी द्वारा कहा गया एक महान कथन बाँटना चाहूँगा।

“मेरा जीवन मेरा संदेश है, और दुनिया में जो बदलाव तुम देखना चाहते हो वह तुम्हें खुद में लाना पड़ेगा”।

जय हिन्द जय भारत

भाषण 4 – भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में महात्मा गाँधी की भूमिका

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रिय शिक्षकों और मेरे सहपाठी छात्रों आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

मैं सार्थक पांडेय कक्षा दसवीं वर्ग सी का छात्र हूँ और आज गाँधी दिवस के इस शुभ अवसर पर आप सबके सामने भाषण देने को अपना सौभाग्य समझता हूँ। यह बताने की जरुरत नही है कि भारत के स्वाधीनता संघर्ष में महात्मा गाँधी का योगदान कितना बड़ा है। मेरी इस बात से आप में से शायद ही कोई इंकार कर सकता है। साधरणतः हम महात्मा गाँधी को बापू के नाम से भी जानते है, उनके महान चरित्र और व्यक्तित्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम है।

उनका जन्म अक्टूबर सन् 1869 को वर्तमान गुजरात प्रदेश के पोरबंदर मे हुआ था और उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। वह सन् 1900 में भारत के सबसे महानतम स्वाधीनता सेनानियों में से एक थे। यह वह समय था, जब उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन की बागडोर संभाली और देश को स्वतंत्रता प्राप्ति की ओर अग्रसर किया। जैसा कि हम सब जानते है कि अंग्रेजो ने हमारे देश पर लगभग 250 वर्षो तक राज किया, पर उनके इस राज की नीव हिलनी तब शुरु हुई, जब 1915 में बापू दक्षिण अफ्रीका से लौटे और गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर देश में चल रहे स्वाधीनता संघर्ष की बागडोर संभाली। उनके इस त्याग का अंदाजा हम इसी बात से लगा सकते हैं कि देश और समाज के भलाई के लिए। उन्होंने वकालत जैसे प्रतिष्ठित पेशे को छोड़ने में भी संकोच नही किया।

स्वाधीनता संघर्ष में उनके योगदान को किसी भी तरीके से कम नही आंका जा सकता है और ना ही इसे शब्दों में बयान किया जा सकता है। हम कह सकते हैं कि बापू ने शहीद भगत सिंह, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चन्द्र बोस, सरोजनी नायडू, लाला लाजपत राय, और दूसरे अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजो को हमारा देश छोड़ने पे मजबूर कर दिया था। उनकी कई सारी नीतियां खासतौर से अहिंसा नीति देश के आजादी में सबसे बड़ा हथियार साबित हुई। अपने इन्हीं कारगर नीतियों के वजह से वह देशभर में लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनें।

यह प्रथम विश्व युद्ध का समय था और उस वक्त के भारत के वायसराय लार्ड चेस्टफोर्ड ने महात्मा गाँधी को युद्ध के विषय में चर्चा करने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया तथा उनसे अपील की वह अधिक से अधिक भारतीय लोगो को सेना में शामिल होने के लिए कहें। इस बात पर अंग्रेजी हुकूमत का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने लोगो से प्रथम विश्व युद्ध के लिए सेना में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन इसके साथ ही अपने एक व्यक्तिगत खत में उन्होंने वायसराय से कहा कि “वह किसी को भी जान से मारने के लिए नही कहेंगे चाहे वह दोस्त हो या दुश्मन”।

गुजरात में खेड़ा नामक एक गांव हैं, यह सन् 1917 की बात है जब वहां भीषण बाढ़ आई हुई थी, जिससे उस क्षेत्र में हालात काफी खराब हो गये थे। इन्हीं कारणों से स्थानीय किसानों ने उच्च अधिकारियों से कर माफ करने का निवेदन किया परन्तु अंग्रेजी हुकूमत द्वारा उनकी इन मांगो को अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद गाँधी जी ने किसानो के समर्थन में कर ना देने के लिए आंदोलन किया। इसके साथ ही उन्होंने तालददार और मालतदार जैसे राजस्व अधिकारियों के सामाजिक बहिष्कार का भी आंदोलन किया था। गाँधी जी के इन्हीं प्रयासों के चलते सन् 1918 में अंग्रेजी सरकार को विवश होकर किसानों की मांगो का मानना पड़ा और जब तक आकाल की समस्या समाप्त ना हो जाये, तब तक उन्हें करों में छूट देने के लिए तैयार होना पड़ा।

स्वाधीनता संघर्ष में सक्रिय रहने के साथ ही गाँधी जी ने छुआछूत, लिंगभेद के साथ अन्य कई सामाजिक महत्वपूर्ण विषयों जैसे किसानों के दयनीय स्थिति को सुधारने तथा महिला सशक्तिकरण के मामलो पर सुधार के लिए भी काफी कार्य किया।

इसके साथ ही सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह आल इंडिया मुस्लिम लीग कांफ्रेस के मुख्य प्रवक्ताओं में से एक थे। एक तरह से गाँधी जी एक सर्वमान्य नेता थे और खिलाफत आंदोलन में उनके सहभागिता ने उन्हें हर वर्ग का राष्ट्रीय नायक बना दिया। यह उनके द्वारा किए गये नमक स्तयाग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन जैसे अहिंसक आंदोलन ही थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की कमर तोड़ने का कार्य किया। जिसके चलते अंग्रेजी हुकूमत को भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए विवश होना पड़ा।

अंत में हम यहीं कह सकते हैं कि वह एक महान क्षमता तथा योग्यता के धनी व्यक्ति थे और अपने नेतृत्व कौशल से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक अहम भूमिका निभाई थी। देश के स्वतंत्रता संघर्ष में, उनके इस योगदान के चलते हम और हमारे देश की आने वाली पीढ़ीया सदैव उनकी ऋणी रहेंगी। उनके बलिदान को ना ही हम भूले हैं ना ही इसे कभी भूल सकते हैं।

मेरे इस भाषण को इतने धैर्यपूर्वक सुनने और अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

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गाँधी जयंती पर भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi 2024

भारत में 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 1869 को इसी दिन हुआ था। उनके जन्मदिन पर हम यहाँ सरल और आसान भाषा में गाँधी जंयती भाषण शेयर कर रहे है। हमने विद्यार्थियों के लिए जो गाँधी जयंती पर भाषण की लिस्ट तैयार की हैं उनमें से विद्यार्थी और शिक्षक अपनी आवश्यकता के अनुसार स्पीच चुन सकते है और अपने स्कूल, कॉलेज में गाँधी जयंती के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में इस्तेमाल कर सकते हैं। Best Speech on Gandhi Jayanti in Hindi for Students, Happy Gandhi Jayanti Speech in Hindi 2024.

Gandhi Jayanti Speech in Hindi

2 अक्टूबर गाँधी जयंती का दिन हम भारतीयों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन हम हमारे राष्ट्रपिता जी का जन्मदिन मनाते हैं। मोहनदास करमचंद गाँधी को हम महात्मा गाँधी, राष्ट्र के पिता और सम्मान और प्यार से बापू भी कहते हैं।

सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी जी अहिंसा के परिचालक थे, उन्होंने जीवन में ऐसे कई कार्य किये जो उन्हें महान बनाते हैं, देश को आजादी दिलाने में उनका बहुत बड़ा योगदान हैं।

  • महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी 50 बातें – Mahatma Gandhi in Hindi

उनके जन्मदिन के अवसर पर हम विद्यार्थियों के लिए सरल और आसान शैली में भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं।

  • 1.1 1) गाँधी जयंती पर भाषण – Speech on Gandhi Jayanti in Hindi
  • 1.2 2) गाँधी जयंती पर छात्रों के लिए भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi for Students
  • 1.3 3) महात्मा गाँधी जी पर भाषण – Speech on Gandhi Ji in Hindi
  • 1.4 4) महात्मा गाँधी जयंती भाषण हिंदी में – Mahatma Gandhi Jayanti Hindi Speech 2024
  • 1.5 5) गाँधी जयंती 2 अक्टूबर पर भाषण हिंदी में
  • 1.6 अंतिम शब्द,

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1) गाँधी जयंती पर भाषण – Speech on Gandhi Jayanti in Hindi

आज 2 अक्टूबर है। यह हमारे देश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज हम महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाते है जो हमारे देश के पिता है। हम उन्हें बहुत सम्मान और स्नेह के साथ “बापू” भी कहते हैं।

यहाँ मैं आप सभी को गाँधी जयंती पर भाषण के माध्यम से बापू की कहानी सुना रहा हूँ जिसका जन्मदिन आज हम पूरे भारत और दुनिया भर में मना रहे हैं।

बहुत पहले, 1869 के इस दिन 149 साल पहले, गुजरात के पोरबंदर शहर में एक प्यारा सा बच्चा पैदा हुआ था। पिता करमचंद गांधी और मां पुट्टिबाई बहुत खुश थे। उन्होंने बच्चे को (मोहन) मोहनदास करमचंद गांधी का नाम दिया। जब मोहन बड़ा हुआ तो वह अपने पिता की ईमानदारी और सख्त अनुशासन और अपनी मां की सादगी और धार्मिक विचारों से बहुत प्रभावित था।

बहुत कम उम्र में, शर्मीले छोटे बच्चे ने सच्चाई, ईमानदारी और अनुशासन के महान मूल्यों को सीखा। उसने इन मूल्यों को अपने पूरे जीवन में अपनाया और पूरी दुनिया के सामने इन मूल्यों की सही शक्ति का प्रदर्शन किया। जब मोहन बड़े हो गए तो वो कुछ बुरी आदतों का शिकार हो गया। उन्होंने अपने बुरे कर्मों को अपने माता-पिता से छुपाया।

लेकिन उसके माँ-बाप के अच्छे आदर्शों ने गाँधी के साथ बुरी आदतों को ज्यादा देर तक रहने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने अपनी गलतीयों और बुरी लतों को महसूस किया और अपनी बुरी आदतों के लिए पश्चाताप किया। गाँधी जी ने अपने माता-पिता को एक पत्र लिखकर अपनी बुरी आदतों को कबूल किया।

इस घटना ने उन्हें माता-पिता द्वारा सिखाए गए मूल्यों का पालन करने के लिए और मजबूत कर दिया। गाँधी को कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। अध्ययन के बाद, वह भारत में वकील बन गया। एक मामले के लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया। उन दिनों सफेद और काले लोगों के बीच भेदभाव था।

दक्षिण अफ्रीका के दौरे के समय ट्रेन के सफर में काले होने की वजह से उन्हें ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर फेंक दिया। यह गाँधी जी के लिए उनकी जिंदगी में बहुत अपमानजनक अनुभव था। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा काले, गौरे में भेदभाव के खिलाफ लड़ने का फैसला किया और भारत वापस आये।

महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए एक अहिंसक तरीके से अन्याय का विरोध करने के लिए “सत्याग्रह” एक नई विधि बनाई। बहुत लोगों ने उनका साथ दिया। लोगों ने उन्हें बापू (पिता) और महात्मा (संत) कहा। बापू और उनके साथियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ पूरी तरह से जबरन जबरदस्त भारत बनाया।

जिसकी वजह से अंग्रेजों ने बापू और उनके अन्य भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। लेकिन इससे उनके अन्याय के खिलाफ लड़ने का जज्बा कम नहीं हुआ। सत्याग्रह में कोई भेदभाव नहीं था सभी धर्मों वाले लोग और सभी जाति ने बापू का साथ दिया।

हर कोई चाहे वह मुस्लिम, हिंदू या सिख हो या किसी अन्य धर्म से, सत्याग्रह आन्दोलन में सभी ने एक दुसरे को अपने भाई या बहन के रूप में स्वीकार किया। आखिर में अंग्रेजों को लगा की बापू और उनके सेनानियों के खिलाफ भारत पर शासन करना संभव नहीं होगा। 15 अगस्त, 1947 को हमारे देश को आजादी मिली।

यह दुनिया और मानव जाति के इतिहास में पहली बार हुआ की सत्याग्रहों ने सिर्फ अहिंसा के साथ बड़ी जीत हासिल की थी। तब से पूरी दुनिया ने बापू की महानता और सत्याग्रह आन्दोलन का लोहा माना। मार्टिन लूथर किंग, आंग सान सू की, नेल्सन मंडेला, अन्ना हजारे आदि जैसे दुनिया भर के कई अन्य प्रसिद्ध नेताओं ने अन्याय के खिलाफ विरोध करने के लिए अहिंसा का पालन किया।

उनके महान कर्मों को याद करने, सम्मान देने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हर साल उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के रूप मनाया जाता है। इस दिन हम भारतीय उनके अच्छे कामों का पालन करने का वचन लेते हैं।

2) गाँधी जयंती पर छात्रों के लिए भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi for Students

आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों को मेरा प्रणाम।

गाँधी जयंती के अवसर पर बापू जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें। आज से 72 साल पहले राजनैतिक और साम्प्रदायिक कारणों से एक संत को गोलियों से छलनी कर दिया गया। हमारे बीच से वह ज्योति बुझ गयी जिसने हमारी अंधकारमय जीवन में रौशनी की थी। चारों तरफ सन्नाटा और अँधेरा छा गया।

बापू जी ने हमारे देश को जो रौशनी दी थी वह कोई सामान्य रौशनी नहीं थी। उन्होंने एक ऐसी रौशनी फैलायी जिसने देश के हर कोने में उजाला किया। गांधीजी ने अपने दम पर दुनिया को यह साबित कर दिखाया की सचाई और अहिंसा का रास्ता ही सबसे अच्छा मार्ग होता है।

उन्होंने अपने इन्हीं दो हथियारों का इस्तेमाल करके देश को आजादी नशीब की। गांधी जी ने मानवता के लिए अपना जीवन तक त्याग दिया लेकिन वे कभी सत्य के रास्ते से विचलित नहीं हुये। बापू ने दुनिया को अपने कर्मों से दिखाया की सही मायनों में मानवता की सेवा ही सच्चा धर्म होता हैं।

महात्मा गांधी जी हर व्यक्ति को सम्मान और अपने समान मानते थे, वे सामाजिक समानता और अस्पृश्यता के खिलाफ थे। गांधीजी जो कहते थे वही करते थे। वे ईमानदार, बुद्धिमान, कर्तव्यनिष्ठ, संवेदनशील, ज्ञानी, सिद्धांतवादी और आशावादी थे।

ऐसे महापुरुष बार-बार जन्म नहीं लेते। इस महापुरुष आदमी का जन्म पोरबंदर गुजरात में 2 October 1869 को पुतलीबाई और करमचंद गांधी के परिवार में हुआ था। जिसने मानवता को एक नयी राह दिखायी। साथ ही आजादी के लिए जनता को जागरूक किया और सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए कड़ा संघर्ष किया।

गांधी जी सादा-सीधा जीवन जीते थे पर उनके विचार उच्च थे और उन्होंने अपने उच्च विचार सच्च करके भी दिखाया। अगर हमारे देश की वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी गांधीजी के विचारों पर चले तो हमारा भारत एक सुनहरा भारत बन सकता हैं। अगर हमें देश में शांति, अमन और चैन लाना है तो हमें बापू के विचारों को अपनाना होगा।

3) महात्मा गाँधी जी पर भाषण – Speech on Gandhi Ji in Hindi

माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय अध्यापकगण, अभिभावकों और मेरे प्यारे सहपाठियों को मेरा नमस्कार।

आज 2 अक्टूबर है जो की महात्मा गांधी जी का जन्मदिन है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन वह आमतौर पर बापू या राष्ट्र के पिता के रूप में जाना जाता है। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था।

उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, उनकी माता का नाम पुतलीबाई था और उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था। महात्मा गाँधी ने इंग्लैंड से अपनी कानून (law) की पढ़ाई पूरी की।

उन्होंने सत्याग्रह आन्दोलन और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारत छोड़ो वाले महान ऐतिहासिक आंदोलनों को शुरू किया। 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी। पर बापू मरकर भी हमारे दिलों में अमर हैं।

4) महात्मा गाँधी जयंती भाषण हिंदी में – Mahatma Gandhi Jayanti Hindi Speech 2024

आज हम सभी यहाँ हमारे राष्ट्रीय नायक महात्मा गाँधी की जयंती मनाने के लिए जमा हुए है। मोहनदास करमचंद गांधी एक ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा हमारे दिलों में अमर रहेंगे। उन्हें बापू और राष्ट्र का पिता भी कहा जाता है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था।

गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जो ब्रिटिश शासन के तहत हमारे राष्ट्रवाद के नेता बने। उन्हें उनके महान कार्यों के कारण “महात्मा” कहा जाता है। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी और एक अहिंसक कार्यकर्ता था।

जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसा और सत्य को अपने औजारों के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने यह साबित भी कर दिखाया की केवल अहिंसा और सत्य से स्वतंत्रता हासिल की जा सकती हैं।

वह हमेशा अहिंसा, सत्य और शांति के मार्ग पर चलते रहे। उन्होंने अपने साथी नागरिकों को भी अहिंसा का पालन करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए सत्याग्रह के विचार को अपनाया और साबित कर दिखाया की अहिंसा सबसे ताकतवर हथियार है।

उनके पिता करमचंद एक महान और सच्चे व्यक्ति थे। वह राजपूत राज्य के चीफ-दीवान था। उनकी माँ पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी। गांधीजी अपनी माँ से काफी प्रभावित थे। गांधीजी ने 1883 में कस्तूरबा से शादी की।

महात्मा गांधीजी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए हर साल गाँधी जयंती मनाया जाता है। यह वह दिन है जब हम बापू के महान कर्मों को याद करते है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इस दिन को अहिंसा का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

दुनिया भर में महात्मा गाँधी के जन्मदिन के सम्मान में यह दिन उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। गाँधी जी का जीवन हमारे लिए हमेशा प्रेरणा रहा है।

गाँधी जयंती एक इवेंट का दिन है लेकिन यह सिर्फ घटना नहीं है बल्कि सभी भारतियों के लिए बहुत ही खास दिन है। इस दिन राष्ट्र के पिता का जन्मदिन है। महात्मा गाँधी जो भारत को आजादी दिलाने के लड़े और आखिरकार 15 अगस्त 1947 को हम ब्रिटिश सरकार से ऐसा करने में सफल रहे।

गांधीजी ने स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसलिए उन्हें राष्ट्र के पिता और बापू के नाम से भी बुलाया जाता है।

5) गाँधी जयंती 2 अक्टूबर पर भाषण हिंदी में

आदरणीय अध्यापकों और मेरे प्यारे दोस्तों को मेरा नमस्कार।

जैसा की हम जानते है की आज 2 अक्टूबर है जो महात्मा गाँधी जी का जन्मदिन है। इसलिए हम सभी यहाँ गांधी जयंती मनाने के लिए इकठ्ठा हुये है। मेरा नाम ——- है और इस विशेष अवसर पर मैं महात्मा गाँधी जी के बारे में कुछ कहना चाहता हूँ लेकिन उससे पहले मैं अपने शिक्षकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे इस अवसर पर भाषण बोलने के लिए मौका दिया।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन उनका सबसे प्रसिद्ध नाम बापू है और उन्हें राष्ट्र के पिता भी कहा जाता है। महात्मा गाँधी 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में पैदा हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो राजकोट के दीवान थे जो गुजरात में स्थित हैं। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।

गांधी जी अपने बचपन में साधारण बच्चों की तरह ही थे। यहाँ तक की उन्होंने 7 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू किया था। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था जिंसकी शादी गांधी जी से 13 साल की उम्र में हुयी थी। मैट्रिक और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद गाँधी जी कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गये। कुछ साल बाद उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की और वापस अपनी मातृभूमि पर आ गये।

वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान नेता थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने ब्रिटिशों के खिलाफ सत्याग्रह आन्दोलन नामक महान ऐतिहासिक आंदोलन भी शुरू किया। वर्ष 1942 में उन्होंने हमारे देश से अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए “भारत छोड़ो” एक और आंदोलन शुरू किया।

“भारत छोड़ो आंदोलन” हिंदी में सबसे प्रसिद्ध आंदोलन रहा। जिससे मजबूरन अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागना पड़ा। अंत में, अपने सफल नेतत्व के तहत भारत ने 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त की।

आजादी के बाद गांधीजी ने नोआखाली की पैदल यात्रा की जहाँ हिंदी-मुस्लिम के बीच दंगे-फसाद शुरू हुये। उन्होंने सभी से शांतिपूर्ण तरीके से जीने का अनुरोध किया। लेकिन दुर्भाग्य से, वह लंबे समय तक हमारे साथ नहीं रह सका। गांधीजी की समाधि राजकोट में स्थित है।

आज अगर हम आजाद है तो उसका श्रेय महात्मा गाँधी जी को जाता है। गांधीजी का जीवन देशभक्ति, अहिंसा, सच्चाई, शांति, सादगी, दृढ़ता और कर्तव्यनिष्ठा का आदर्श उदाहरण हैं।

उनके महान कर्मों को याद करने और उनके विचारों को नई पीढ़ी के सामने दर्शाने के लिए हर साल महात्मा गांधीजी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 1869 को गांधी जयंती मनाया जाता हैं। गांधी जयंती मनाने का उद्देश्य गांधी जी को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करना है।

गांधी जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य गांधीजी द्वारा भारत को आजादी दिलाने के लिए ब्रिटिश साम्राज्य से किये गये संघर्षों से भारत की भविष्य पीढ़ी को अवगत करना हैं। इसलिए हम हर साल गांधीजी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप उत्साह के साथ मनाते हैं।

अंतिम शब्द,

गाँधी जी एक महान आदमी थे, अपने नेतृत्व और कौशल से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में अहम भूमिका निभाई। उनके इस योगदान के लिए हम और हमारी आने वाली पीढ़ी उन्हें सदैव याद करती रहेगी।

अगर आपको गांधी जयंती पर शायरी, कविता, निबंध चाहिए या आप गाँधी जी के जीवन से जुड़ी कोई कहानी पढ़ना चाहते है तो निचे वाले आर्टिकल्स में जाएँ।

ये भी पढ़ें:-

  • बापू का गुणगान करती गाँधी जयंती पर कविताएँ
  • गाँधी जयंती पर निबंध
  • महात्मा गांधी जी के सम्मान में गाँधी जयंती पर शायरी
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आओ हम इस गांधी जयंती पर प्रण ले की हम बापू जी के विचारों को अपनायेंगे और हमेशा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे।

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by: Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

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गाँधी जयंती पर भाषण – Speech on Gandhi Jayanti in Hindi

गाँधी जयंती पर भाषण (mahatma gandhi jayanti speech in hindi).

Gandhi Jayanti Speech In Hindi - Bhashan

नमस्कार ! दोस्तों 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन हमारे देश में दो महान विभूतियों का जन्मदिन मनाया जाता है। एक ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री का और दूसरे ‘करो या मरो’ का नारा देने वाले मोहनदास करमचन्द गांधी का। गाँधी जयंती गांधी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में ही मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय पर्व है।  

इस दिन को मनाने की बड़ी महत्ता है क्योंकि गाँधी जयंती केवल एक दिवस नहीं है बल्कि भारतीय जनमानस के लिए एक आदर्श भी है। उनका जीवन अपने आप में एक प्रेरणा है। भारत में और दुनिया भर में महात्मा गांधी को सादे जीवन, सरलता और समर्पण के साथ जीवन जीने के सर्वोत्तम आदर्श के रूप में सराहा जाता है। इसलिए इस दिन महात्मा गांधी के आदर्शों को याद करने के लिए गाँधी जयंती मनाया जाता है।

गांधी जी हरेक लिहाज से एक महान व्यक्ति थे। उनके अहिंसात्मक विचारों एवं सिद्धांतों का लोहा पूरे संसार ने माना है और इसीलिए 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर हमारे प्यारे बापू को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी याद किया जाता है। यह विशेष दिन विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस महानायक के अहिंसात्मक वीरतापूर्ण गाथाओं से इतिहास के पन्ने भरे पड़ें है। जिस समय इस महात्मा का जन्म हुआ उस समय देश में आजादी की लहर फैल चुकी थी। जगह – जगह क्रांति की ज्वाला धधक रही थी। लड़ाईयां हो रही थी। हिन्दू मुसलमान, ऊँच – नीच तमाम प्रकार के भेद वर्तमान में विराजमान थे।

ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए देश को एक ऐसे व्यक्ति की अत्यंत आवश्यकता थी जो सभी जाति – पाती और हिंसा के भेदो को मिटाकर अहिंसा का मार्ग दिखाए। और तब इस देव – विभूति ने 2 अक्टूबर, 1869 ई. गुजरात के काठियावाड़ जिले के पोरबन्दर नामक स्थान पर एक वैश्य परिवार में प्रथम दर्शन दिया। इनके पिता का नाम कर्मचंद्र और माता का नाम पुतलीबाई था।

बचपन में ही सत्य हरिश्चंद्र नाटक देखने से इनपर हरिश्चंद्र के गुणों का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और ये उसी समय से परम सत्यवादी बन गए।

1887 में में इन्होंने ‘प्रवेशिका’ परीक्षा पास की। कानून के अध्ययन हेतु 1888 में इग्लैंड गए। वहा इन्होंने ‘इनरटेपल’ से बैरिस्टरी पास की और अपने देश में इसका अभ्यास शुरू किया लेकिन लज्जालु स्वभाव के होने के कारण बैरिस्टरी में सफल नहीं हो सके।

कुछ दिनों बाद एक नये मुकदमे के शिलशिले में इन्हें अफ्रीका जाना पड़ा जहाँ भारतियों पर गोरों के अत्याचार को देखकर इनका दिल दहल उठा और वहां के भारतियों को जगाने के लिए गांधी जी ने दृढ़ संकल्प लिया। अफ्रीका में ही इन्होंने सर्वप्रथम अहिंसात्मक सत्याग्रह रूपी अमोघ अस्त्र का प्रयोग किया।

1914 में ये भारत लौटकर अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की तथा चम्पारण में किसानों की रक्षा के लिए निलहे गोरों के अत्याचारों के विरुद्ध भैरव – हुँकार किया।

सन 1920, 1930, 1940, 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व गांधीजी ने किया जिसके लिए इनको अनेको बार जेल के शिकंजो को भी तोड़ना पड़ा। अपार कष्टों और लाठियों की मार ने भी इन्हें अपना अहिंसा का मार्ग बदलने के लिए मजबूर न कर सका।

6 जुलाई 1944 को सुभाषचंद्र बोस देश से बाहर होने की वजह से रेडियों के माध्यम से गांधीजी को संबोधित करते हुए भाषण दिया और भाषण में उन्होंने जापान से सहायता और आजाद हिन्द फ़ौज के गठन का उद्देश्य बताया।

इसी भाषण में उन्होंने गांधीजी को पहली बार राष्ट्रपिता कहकर आशीर्वाद मांगा और तभी से गांधीजी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहे जाने लगे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने करो या मरो के नारे द्वारा स्वतंत्रता के आन्दोलन को उग्र रूप प्रदान किया नतीजा 15 अगस्त 1947 को भारत देश अग्रजों की गुलामी से आजाद हुआ।

देश की आजादी के बाद इन्होंने कोई भी पद लेने से इंकार कर दिया और देश की नि:स्वार्थ सेवा में सदैव तत्पर रहे। महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के प्रतीक थे। इस महान इंसान ने कदम – कदम पर खुद को गढ़ा और अपना पूरा जीवन भारत को आजाद करने में लगा दिया।

30 जनवरी 1948 को हमारे प्यारे बापू यानि महात्मा गांधी के देह को नाथूराम गोडसे ने क्षत – विक्षत कर दिया। पर क्या वह हमारे राष्ट्रपिता को मार सका ? यकीनन नहीं।

वह आज भी लाखों करोड़ों लोगों की हृदय में जिन्दा है क्योंकि सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी ने देश की आजादी को कभी भी जीवन का अन्तिम लक्ष्य नहीं माना।

उनकी नजर में स्वराज्य तो केवल दासता से मुक्ति थी और बेहतर जिंदगी का साधन मात्र थी। उन्होंने बारम्बार यह बात कही कि उनके लिए इस आजादी का तब तक कोई मूल्य नहीं जब तक कि सबसे पीड़ित और सबसे कमजोर को शोषण और अन्याय से मुक्ति न मिले।

गांधी जी कहते थे कि “न सिर्फ भारत की बल्कि सारी दुनिया की अर्थरचना ऐसी होनी चाहिए कि किसी को भी अन्न और वस्त्र के अभाव की तकलीफ न सहनी पड़े।

दूसरे शब्दों में हर एक को इतना काम अवश्य मिल जाना चाहिए कि वह अपने खाने – पहनने की जरूरते पूरी कर सके और यह आदर्श निरपवाद रूप से तभी कार्यान्वित किया जा सकता है, जब जीवन की प्राथमिक आवश्यकताओं के उत्पाद के साधन जनता के हाथ में रहे।”

बापू के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विचार आज के उपभोक्तावादी, तनावग्रस्त एवं अशांत दुनिया को उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने में कारगर एवं प्रासंगिक है। गांधी जयंती के द्वारा हम उनके इन्हीं विचारों को सामाज में फैलाने का आवाहनं करते है। धन्यवाद !

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गांधी जयंती पर निबंध (Gandhi Jayanti Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

short speech on gandhi jayanti in hindi

गांधी जयंती पर निबंध(Gandhi Jayanti Essay in Hindi) – महात्मा गांधी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए भारत में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाया जाता है। इसे आधिकारिक तौर पर भारत की राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक के रूप में घोषित किया गया था, और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था।

उनकी स्मृति में चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। अहिंसक आंदोलन महात्मा गांधी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी के प्रयास का जश्न मनाने के लिए इसे लागू किया जाए और पुरस्कृत किया जाए।

आमतौर पर उनकी याद में महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन (रघुपति राघव राजा राम) गाए जाते हैं। पूरे भारत में महात्मा गांधी की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है और कुछ लोग उस दिन मांस और शराब का सेवन करने से परहेज करते हैं। सार्वजनिक भवन, जैसे बैंक और डाकघर, दिन के लिए बंद रहते हैं।

महात्मा गांधी जयंती निबंध पर 10 लाइन (10 Lines Essay On Mahatma Gandhi Jayanti in Hindi)

  • प्रत्येक वर्ष, 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए गांधी जयंती को भारत के राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन को हम अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अपनाया है।
  • यह भारत में आधिकारिक तौर पर घोषित छुट्टियों में से एक है।
  • दुनिया भर के लोग उस दिन महात्मा गांधी के योगदानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी शिक्षाओं की प्रशंसा करते हैं।
  • भारत के निवासी, गांधी की मूर्तियों को फूलों से सजाते हैं।
  • राज घाट स्मारक के पास, राजनीतिक दल और लोग राष्ट्रपिता को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित होते हैं।
  • विभिन्न स्कूल और कॉलेज महात्मा गांधी की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  • महात्मा गांधी ने अहिंसा और शांति का विचार दिया।
  • उन्होंने हमेशा शराब पीने जैसी बुरी आदतों का विरोध किया।
  • उस दिन हम उनकी विचारधारा और शिक्षाओं को याद करते हैं, जो उन्होंने समाज को दी।

गांधी जयंती पर निबंध 100 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 100 words in Hindi)

यह राष्ट्रपिता (महात्मा गांधी, जिन्हें बापू भी कहा जाता है) की जयंती है। गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को पूरे भारत में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाई जाती है। यह स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों, समुदायों, समाज और अन्य स्थानों में कई उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों का आयोजन करके मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन, पूरे भारत में सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज, कंपनियां आदि बंद रहते हैं लेकिन इसे बड़े उत्साह और ढेर सारी तैयारियों के साथ मनाया जाता है।

गांधी जयंती पर निबंध 150 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 150 words in Hindi)

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। यह दिन उनकी जयंती का प्रतीक है। गांधी जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे। हम इस दिन को देश के लिए किए गए उनके बलिदान की याद में मनाते हैं। उन्होंने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के लिए विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया। सत्याग्रह प्रसिद्ध आंदोलनों में से एक था। भारत छोड़ो आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन अन्य दो प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण आंदोलन हैं जिन्होंने हमें 1947 में आजादी दिलाई।

इस दिन, कई छात्र लोगों को अहिंसा का संदेश देने वाले नाटक करते हैं। कई छात्र उनकी जयंती को चिह्नित करने के लिए इस दिन देशभक्ति के गीत गाते हैं। कई छात्र गांधीजी और उनकी शिक्षाओं के विषय पर पेंटिंग करते हैं। यह दिन देशभक्ति के उत्साह में डूबा हुआ है और हम उनकी बुद्धिमान शिक्षाओं को याद करते हैं- “बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो”। इस दिन उनके जीवन पर केन्द्रित कई फिल्में टेलीविजन और रेडियो चैनलों पर प्रसारित की जाती हैं। जल्द ही हम हिंदी, मलयालम में गांधी जयंती पर पैराग्राफ अपडेट करेंगे।

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गांधी जयंती पर निबंध 200 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 200 words in Hindi)

गांधी जयंती प्रत्येक 2 अक्टूबर को पड़ती है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। मोहनदास करमचंद गांधी अपने शिक्षण में अहिंसा का प्रचार करने के लिए जाने जाते हैं। स्वदेशी और सत्याग्रह सहित उनके विभिन्न आंदोलन अहिंसा की उनकी धारणाओं पर आधारित थे।

वह बहुत पहले से ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा में विश्वास करते थे और इसलिए उन्होंने अपने साथी लोगों को चरखे के रूप में जाने जाने वाले हाथ के पहिये के माध्यम से कपड़े बुनने के लिए कहा। उन्होंने खादी के कपड़े पहने और विदेशी उत्पादों को त्याग दिया। वे न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसे सामाजिक कलंक को दूर किया। उन्होंने तत्कालीन अछूतों को हरिजन या ईश्वर की संतान का नाम दिया।

उनकी शिक्षाओं को चिह्नित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पूरे काउंटी में गांधी जयंती पूरे दिल से मनाई जाती है। विभिन्न छात्र ‘अहिंसा’ या अहिंसा और स्वदेशी आंदोलन की शिक्षाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नाटकों और नुक्कड़ नाटकों में अभिनय करते हैं। छात्र इस दिन पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते हैं और उनकी तस्वीरें भी बनाते हैं।

उनके सम्मान में बैंक और कार्यालय बंद रहते हैं। सिद्धांत और छात्र उनकी शिक्षाओं पर भाषण देते हैं। फिल्मों का प्रसारण उनके जीवन पर केन्द्रित होता है। अन्य नेताओं के साथ-साथ उनके अथक प्रयासों के कारण ही आज हम अपने देश में खुलकर सांस ले सकते हैं।

गांधी जयंती पर निबंध 250 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 250 words in Hindi)

गांधी जयंती भारत में हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और कॉलेज, स्कूल और कार्यालय बंद रहते हैं।

गांधी जयंती कैसे मनाई जाती है?

गांधी जयंती को राष्ट्रपिता और सत्य और अहिंसा के साथ उनके प्रयोग के प्रति बहुत सम्मान के साथ मनाया जाता है। पूरे देश में कई स्थानों पर निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता और अन्य जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

गांधी जयंती दक्षिण अफ्रीका में भी मनाई जाती है, जहां गांधी जी ने भारतीयों और मूलनिवासी अश्वेतों के अधिकारों की वकालत करते हुए 21 साल तक लड़ाई लड़ी। दुनिया के अन्य हिस्सों में भारतीय दूतावासों में विशेष स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महात्मा गांधी की जन्म तिथि, 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति और अहिंसा दिवस के रूप में नामित किया, जिसे पूरे विश्व में मनाया जाता है।

गांधी जयंती का महत्व

अपने पूरे सार्वजनिक जीवन में, महात्मा गांधी ने दैनिक गतिविधियों और आचरणों में सख्त अनुशासन का अभ्यास किया था। उन्हें अपनी नीतियों पर अगाध विश्वास था, जो जनता में भी परिलक्षित होता था। वह एक महानायक थे जिन्होंने दुनिया को दमन और अन्याय से लड़ने के लिए एक नया हथियार दिया – “असहयोग”। सत्य, अहिंसा और असहयोग की उनकी संयुक्त नीतियां जनता के बीच एक त्वरित हिट थीं। उनका जन्मदिन मनाना और उनके मूल्यों को याद रखना हमें एक समाज और एक राष्ट्र के रूप में और अधिक विकसित होने में मदद करता है।

गांधी जयंती एक राष्ट्रीय त्योहार है जब राष्ट्र अपने महान योद्धा को याद करता है जिन्होंने लाखों लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश को अंग्रेजों के दमनकारी शासन से मुक्त कराया।

गांधी जयंती पर निबंध 300 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 300 words in Hindi)

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1969 को हुआ था। हम उनकी जयंती और हमारे देश को ब्रिटिश राज के चंगुल से मुक्त कराने के उनके प्रयासों को चिह्नित करने के लिए गांधी जयंती मनाते हैं। राष्ट्रपिता के रूप में भी जाने जाने वाले, उन्होंने अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने और ‘भारत’ के सार को बनाए रखने के लिए विभिन्न आंदोलनों में अपना योगदान दिया है। अहिंसा और सादा जीवन उनके दो बुनियादी सिद्धांत थे जिनका उन्होंने पालन किया।

अफ्रीका में कानून की शिक्षा प्राप्त एक व्यक्ति अपने देशवासियों को आजाद कराने के लिए भारत लौटा। सिर्फ एक धोती पहने, उसे एक जोड़ी गिलास और एक छड़ी के साथ जोड़कर, वह साथी भारतीयों के साथ नमक निकालने और ब्रिटिश उपनिवेशों को यह दिखाने के लिए मीलों पैदल चलकर दांडी गए कि हमारे पास अपार शक्तियाँ हैं। सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रचारक, उन्होंने अपने देशवासियों को अस्पृश्यता जैसी तत्कालीन मौजूदा सामाजिक बुराइयों से भी मुक्त कराया।

वह आत्मनिर्भरता में विश्वास करते थे और इसलिए अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कपड़े पहनने के बजाय अपने खुद के कपड़े बुनने की अवधारणा को बढ़ावा दिया। इसने भारतीय महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाया, इसलिए उन्हें मुक्ति मिली।

भारत इस तरह गांधी जयंती मनाता है:

  • स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बच्चों और लोगों को उनके योगदान से अवगत कराने के लिए नाटकों, नृत्य प्रदर्शनों, भाषणों और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।
  • सम्मान में बैंक और कार्यालय बंद रहे।
  • राजघाट, नई दिल्ली में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है और उसे फूलों से सजाया जाता है।
  • उनके जीवन को दर्शाने वाली फिल्में टेलीविजन पर प्रसारित की जाती हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र ने अहिंसा में अपने विश्वास को चिह्नित करने के लिए 2 अक्टूबर को अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया है।

गांधी जी ने हमें आत्मनिर्भरता, ईमानदारी और अहिंसा का महत्व सिखाया। छात्र उनके पसंदीदा भजन- ‘रघुपति राघव’ को गाने के अलावा विधानसभाओं में इसका पालन करने की शपथ लेते हैं।

गांधी जयंती पर निबंध 500 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 500 words in Hindi)

गांधी जयंती एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है जिसका उत्सव भारत में 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। सबसे उल्लेखनीय, यह त्यौहार मोहनदास करमचंद गांधी की जयंती मनाता है। इसके अलावा, गांधी जयंती भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया गया है। त्योहार निश्चित रूप से भारत में एक महत्वपूर्ण अवसर है।

महात्मा गांधी का जन्म ब्रिटिश शासन के तहत भारत में हुआ था। वह निश्चित रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे प्रमुख व्यक्ति थे। महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” की उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह भारत की स्वतंत्रता के लिए उनके निरंतर सर्वोपरि प्रयासों के कारण था।

गांधी का व्यापारी वर्ग का परिवार था। यह आत्मविश्वासी व्यक्ति 24 वर्ष की आयु में दक्षिण अफ्रीका चला गया। वह वहां कानून की पढ़ाई करने गया था। 1915 में दक्षिण अफ्रीका से उनकी वापसी हुई। फिर वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। अपने अथक परिश्रम के कारण वे जल्द ही कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए।

महात्मा गांधी के प्रयास केवल भारतीय स्वतंत्रता तक ही सीमित नहीं थे। मनुष्य ने विभिन्न प्रकार की सामाजिक बुराइयों से भी संघर्ष किया। ये सामाजिक बुराइयाँ अस्पृश्यता, जातिवाद, स्त्री अधीनता आदि थीं। इसके अलावा, उन्होंने गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए।

महात्मा गांधी को भारत में ब्रिटिश शासन के प्रति घोर अरुचि थी। हालांकि, वह हिंसा के रास्ते के पक्ष में नहीं थे। गांधी अहिंसा (अहिंसा) के दर्शन में सख्ती से विश्वास करते थे। नतीजतन, उस व्यक्ति ने शांतिपूर्ण तरीके से ब्रिटिश शासन का विरोध किया। इसके अलावा, गांधी के शांतिपूर्ण विरोध और आंदोलन अत्यधिक प्रभावी थे। उनके तरीके और योजनाएँ बहुत कुशल थीं। अपनी अविश्वसनीय प्रभावशीलता के कारण, गांधीजी अन्य विश्व नेताओं के लिए प्रेरणा बन गए। एक बार फिर, गांधी को महात्मा की एक और उपाधि से सम्मानित किया गया। महात्मा शब्द का अर्थ महान आत्मा है। उनके जन्मदिन को शानदार स्मरण और उत्सव के दिन में बदल दिया गया।

महात्मा गांधी की स्मृति

सबसे पहले, गांधी जयंती और कुछ नहीं बल्कि महात्मा गांधी की एक भव्य स्मृति है। गांधी जयंती निश्चित रूप से भारत के राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। देशभक्ति के इस अवसर का उत्सव हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में आयोजित किया जाता है।

गांधी जयंती के अवसर पर प्रार्थना सेवा और श्रद्धांजलि होती है। ये प्रार्थना सेवाएं और श्रद्धांजलि पूरे देश में होती हैं। इसके अलावा, गांधी जयंती पर विभिन्न प्रार्थना सभाएं और स्मारक समारोह भी होते हैं। ये आयोजन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी संस्थानों में होते हैं। खास बात यह है कि इस तरह के आयोजनों में हर तबके के लोग हिस्सा लेते हैं।

जगह-जगह चित्रकला, निबंध आदि की प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। इसके अलावा, ऐसी प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कारों का वितरण होता है। कई स्कूलों और कॉलेजों में छात्र महात्मा गांधी के जीवन पर वृत्तचित्र और प्रदर्शन भी देखते हैं। नतीजतन, युवाओं के बीच अहिंसक जीवन शैली को बढ़ावा मिल रहा है। गांधीजी के पसंदीदा भजन (हिंदू भक्ति गीत) के गायन कार्यक्रम भी हैं। एक अन्य अनुष्ठान गांधी प्रतिमाओं को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है। अंत में, कुछ व्यक्ति गांधी जयंती पर मांस खाने या शराब पीने से बचते हैं।

गांधी जयंती महात्मा गांधी के महान व्यक्तित्व का सम्मान करती है। यह इस महान व्यक्तित्व के जीवन को प्रतिबिंबित करने और संजोने का अवसर है। इसके अलावा, सभी को इस दिन उनकी तरह जीने की कोशिश करनी चाहिए। गांधी जयंती निश्चित रूप से भारत में एक बहुत ही देशभक्ति का दिन है।

गांधी जयंती निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: (FAQs)

Q.1 गांधीजी ने अपने प्रथम सत्याग्रह का प्रयोग कहाँ किया था.

उत्तर. गांधीजी ने अपना पहला सत्याग्रह 1906 में दक्षिण अफ्रीका में प्रयोग किया।

Q.2 महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे?

उत्तर. लियो टॉल्स्टॉय महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरु थे।

Q.3 हम अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाते हैं?

उत्तर. अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2 अक्टूबर को गांधीजी के जन्मदिन पर मनाया जाता है।

Q.4 गांधीजी को किस विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना दिवस पर आमंत्रित किया था?

उत्तर. गांधीजी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के लिए बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था।

Q.5 गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे थे?

उत्तर. गांधीजी 9 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और इस दिन को प्रवासी भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Q.6 आरबीआई द्वारा महात्मा गांधी श्रृंखला के बैंक नोट कब जारी किए गए थे?

उत्तर. 1996 में RBI द्वारा महात्मा गांधी श्रृंखला के बैंकनोट जारी किए गए थे।

StoryRevealers

Gandhi Jayanti Speech in Hindi – गाँधी जयंती पर भाषण

by StoriesRevealers | Jul 12, 2020 | Speech in Hindi | 0 comments

gandhi jayanti speech in hindi

Gandhi Jayanti Speech in Hindi : यहां उपस्थित आप सभी का स्वागत, आज मैं यहां महात्मा गांधी जयंती पर एक भाषण प्रस्तुत करने के लिए आया हूँ। बापू का जन्मदिन मनाने के लिए हम सभी यहां मौजूद हैं, और इस अवसर पर मैं आपको उनके जीवन का कुछ हिस्सा बताने जा रहा हूँ।

महात्मा गांधी भारत के सबसे बड़े और महान देशभक्त थे। वह एक महान व्यक्तित्व के धनी थे, और मुझे यकीन है कि उन्हें निश्चित रूप से मेरे जैसे किसी व्यक्ति की सराहना और प्रशंसा करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, भारतीय स्वतंत्रता के लिए उनके प्रयास और संघर्ष अद्वितीय हैं, और हमारी स्वतंत्रता में उनकी बड़ा योगदान था। उन्होंने पूरी दुनिया में स्वतंत्रता आंदोलनों और नागरिक अधिकारों के साथ कई लोगों को प्रेरित किया।

Gandhi Jayanti Speech in Hindi

gandhi jayanti speech in hindi

प्रारंभिक जीवन

महात्मा गांधी ने 2 अक्टूबर 1869 को इस दुनिया में अपनी आँखें खोलीं। उनका जन्म भारतीय गुजराती परिवार में हुआ था, और उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। हालाँकि, गांधी जी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, जिन्हे अपने अच्दे कामों के कारण महात्मा नाम की उपाधी दी गई थी। उन्होंने लंदन में अपना कानून प्रशिक्षण पूरा किया और दक्षिण अफ्रीका चले गए। उन्होंने अपने जीवन का कुछ हिस्सा वहाँ बिताया।

जीवन बदलने वाली घटनाएँ

जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका पहुँचे। तो उन्हें अपनी त्वचा के रंग के कारण नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा। एक बार यूरोपीय लोगों के साथ यात्रा के दौरान, उन्हें काली त्वचा के कारण ड्राइवर के पास फर्श पर बैठने के लिए कहा गया था। महात्मा गांधी ने ऐसा करने से मना करा जिसके कारण, उनके साथ मार पीट की गई।

उस समय, गांधी जी को जबरदस्ती ट्रेन छोड़ने के लिए मजबुर किया गया था, और ऐसा इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने प्रथम श्रेणी छोड़ने से इनकार कर दिया था। नतीजतन, उन्होंने पूरी रात रेलवे स्टेशन में बिताई और पूरी रात ठण्ड के कारण कांपते रहे। अगर हम इस घटना के अलावा भी उन्हें कई और घटनाओं का सामना करना पड़ा जिसमे कि असमान अधिकार और कई अन्य घटनाएं सामिल है। इन घटनाओं के बाद, महात्मा गांधी ने कुछ भारतीयों के साथ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सवाल करना शुरू कर दिया।

स्वतंत्रता के लिए संघर्ष

दक्षिण अफ्रीका से, महात्मा गांधी 1915 में भारत लौट आए। इस समय, वह बहुत लोकप्रिय थे, और उनकी प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गई थी। इसलिए उन्हें एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी के रूप में जाना जाता था। भारत वापस आने के बाद, गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बन गए। 1920 में, वह भारतीय कांग्रेस संगठन के नेता बने। स्वाधीनता संग्राम के एक हिस्से के रूप में, गांधी जी ने कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का शुभारंभ किया, जैसे कि खेड़ा सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह, असहयोग, खीलाफत, सविनय अवज्ञा, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में एक कदम थी।

महात्मा गांधी की विरासत

जैसा कि आपने पढ़ा, महात्मा गांधी एक महान नेता थे, जिसकी वजह से उन्होंने दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं को प्रभावित किया। नेताओं को महात्मा गांधी के संघर्ष से बहुत प्रेरणा मिली। जिनमें से कुछ नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर, जेम्स लॉसन और जेम्स बीव हैं। नेल्सन मंडेला भी गांधी जी के स्वतंत्रता संग्राम से प्रभावित थे। लांजा डेल वास्तु विशेष रूप से महात्मा गांधी के साथ कुछ समय बिताने के लिए भारत आए। गांधी जी को संयुक्त राष्ट्र ने बहुत सम्मान दिया। इसीलिए उन्होंने घोषणा की कि वे 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाएगें । महात्मा गांधी को सबसे बड़े राजनीतिक, राष्ट्र के पिता और कई और पुरस्कार मिले।

ये भाषण छात्रों, शिक्षकों और गांधीजी के अनुयायियों के लिए, गांधी जयंती पर लोगों को संबोधित करने के लिए, या गांधी जी और अहिंसा के विचारों को बढ़ावा देने वाले लोगों के लिए, या गांधी जी की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले सरकारी या गैर-सरकारी संगठनों द्वारा उपयोगी होंगे।

इतने धैर्य से मेरी बात सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

जय हिन्द जय भारत

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Other Useful Resources:

  • Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
  • Teachers Day Speech in Hindi
  • Independence Day Speech in Hindi

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गांधी जयंती पर ऐसे तैयार करें आसान और दिल छूने वाला भाषण

Sat, 30 September 2023

आज भोपाल में करतब दिखाएंगे विमान; जानें कब हुआ था IAF का गठन

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Gandhi Jayanti Speech : गांधी जयंती पर दें यह छोटा और सरल भाषण, मिलेगा इनाम

Gandhi jayanti speech : गांधी जी ने न सिर्फ देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि समाज सुधार के कार्य भी किए। गांधी जयंती के अवसर पर स्कूली बच्चे नीचे दिया गया है भाषण दे सकते हैं।.

Gandhi Jayanti Speech : गांधी जयंती पर दें यह छोटा और सरल भाषण, मिलेगा इनाम

Gandhi Jayanti Speech 2023: 2 अक्टूबर का दिन देश में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और राजनेता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। देश के लोगों ने उन्हें बापू कहकर पुकारा। देशभर में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अवकाश होता है। महात्मा गांधी के बलिदान और देश को आजादी कराने में उनके बेहद महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रपिता का ओहदा दिया गया है। गांधी जी ने न सिर्फ देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि समाज सुधार के कार्य भी किए। गांधी जयंती के दिन बापू द्वारा दी गई शिक्षाओं को याद करने के लिए देशभर में और पूरे विश्व में कई कार्यक्रम होते हैं। स्कूल-कॉलेजों में इस दिन वाद विवाद, भाषण व निबंध प्रतियोगिताएं होती हैं। अगर आप भी  भाषण व निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाह रहे हैं तो यहां से आइडिया ले सकते हैं। 

Gandhi Jayanti Speech 2023: 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर भाषण

सभी आदरणीय अध्यापक गण और प्यारे मित्रों, आप सबको मेरा प्रणाम दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गांधी जी के बारे में कहा था कि “भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को इस बात पर विश्वास करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी कभी धरती पर आया था।” आज 2 अक्टूबर को उसी करिश्माई नेतृत्व एवं शानदार व्यक्तित्व वाले, महान स्वतंत्रता सेनानी और 19वीं सदी के सबसे सम्मानित राजनेता महात्मा गांधी की जयंती है। पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दे रहा है। आजादी में उनके संघर्ष को याद कर रहा है। हम सब भी यहां गांधी जयंती के अति महत्वपूर्ण दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए है। मैं भी गांधी को नमन करता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ। लोग उन्हें आदर के साथ बापू कहकर बुलाते थे। भारत सरकार ने आज के दिन को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया हुआ है। महात्मा गांधी की ताकत सत्य और अहिंसा के सिद्धांत थे। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर उन्होंने आजादी की लड़ाई में कई आंदोलन किए और अंग्रजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उनके चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, भारत छोड़ा आंदोलन ने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया। 

Gandhi Jayanti Speech In Hindi : 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर दे सकते हैं यह आसान भाषण

गांधी जी के पास अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी। गांधी जी ने विचारों ने भारत के देशभक्तों की दो पीढ़ियों को प्रेरित किया, नतीजतन लोग आजादी की लड़ाई से जुड़ते रहे। उन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व व विचारों  से स्वतंत्रता आंदोलन को जबरदस्त धार दी। गांधी जी समाज में फैली बुराइयों जैसे छुआछूत, शराब, जातीय भेदभाव, असमानता, महिलाओं के साथ भेदभाव के भी घोर विरोधी थी। उन्होंने सिर्फ आजादी की ही लड़ाई नहीं लड़ी बल्कि समाज में दलितों की स्थिति बेहतर करने व उन्हें बराबरी का हक दिलाने के लिए भी लड़ाई लड़ी। दलित आंदोलन किया। छुआछूत के खिलाफ जबरदस्त आवाज उठाई।

उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। वह कहते थे कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी। 

वैसे तो गांधी जयंती पर बापू को याद करने के लिए देश भर में कार्यक्रम होते हैं लेकिन प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली के राजघाट पर होता है। राजघाट गांधी जी का समाधि स्थल है। गांधी जयंती पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य नेतागण राजघाट आकर बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रार्थना सभा में राम धुन व गांधी जी के प्रिय भजनों का गान होता है। 

बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे। अपने और समाज के भीतर बदलाव लाकर ही हम शांतिपूर्ण व न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर पाएंगे। हमें गांधीजी के संदेशों को समझकर, उसका अर्थ जानकर अनुसरण करना चाहिए। गांधी दर्शन भारत और वैश्विक समस्याओं के हल में काफी प्रासंगिक है और भविष्य में भी रहेगा। आइए हम गांधीवादी मूल्यों को अपने जीवन और कार्यों में उतारने का साझा संकल्प लें।

जय हिंद। जय भारत। भारत माता की जय। 

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Indian History, Festivals, Essays, Paragraphs, Speeches.

Short Speech on Gandhi Jayanti (2nd October) – 3 Speeches

Category: Essays and Paragraphs , Speech (English) On March 18, 2019 By Team Work

Gandhi Jayanti (2nd October) – Short Speech 1.

Dear teachers and students, today we have gathered here to pay our homage to the father of the nation, Mohandas Karamchand Gandhi , also known as Mahatma Gandhi to many. This speech is dedicated to this person, whose principles and values are even today being considered instrumental in gaining independence from foreign dominance.

Mahatma Gandhi’s birthday, October 2nd, is celebrated as Gandhi Jayanti, all across the nation. He was born in year 1869 at a place named Porbandar in Gujarat.

My dear audience, we have a lot to learn from the life of Gandhiji, his principles of truth and non-violence teach us a lot about leading life with honesty. He is a well-known figure in Indian Independence history, for bringing the concept of Satyagraha , which means abiding by the truth force, is a particular form of civil resistance. He became the leader of Indian National Congress in 1921, and then led various nationwide campaigns for social causes and achieving self-rule or Swaraj.

Gandhiji then expanded his non violent non-cooperation to include the swadeshi policy, which means boycotting British made goods. He also advocated for the use of khaki instead of foreign-made textiles to be worn by every Indian. He also spent his time in Sabarmati Ashram, with his wife Kasturba and that place has been turned into a museum, which is located in Ahmedabad.

The famous Gandhi – Irwin Pact was signed in March 1931, according to which the British Government agreed to free all political prisoners in return for the suspension of civil disobedience movement. He was invited to attend the Round Table Conference in London, but this conference was a disappointment for him and other nationalists. The ideals of Gandhiji, along with the intense resistance against British Rule from other freedom fighters as well, Britishers were forced to leave India on 15th August 1947.

In conclusion to this speech, I would only like to say that we all should learn something from the life of Mahatma Gandhi, and try to make our nation great, as envisaged by him.

By Ananda (2019)

Gandhi Jayanti (2nd October) – Short Speech 2.

Good morning to all the students and teachers gathered here. Today, I am going to talk about the importance of the 2 nd of October . This day marks the birth of the “Father of our Nation”, Mahatma Gandhiji. He played an important role in emancipating India from the colonial rule of the British. This role earned him the title of the “Father of the Nation” . His Birthday which falls on the 2 nd of October is celebrated as a national holiday in his memory.

Mahatma Gandhi was born as Mohandas Karamchand Gandhi in Gujarat in 1869 . This day is observed as Gandhi Jayanthi in his memory across the various states and union territories in India. His simplicity is reflected in the way in which the day is celebrated. In honour of his memory, the festivities are modest and make an attempt to remember him and honour his values and teachings through social activities. The President, The Prime Minister and other leaders pays their respects to Gandhiji at his memorial located in Raj Ghat . Prayers from the holy books of various religions and his favourite bhajan “Rajupathi Raghava” are sung in various gatherings.

In honour of his doctrine of “Ahimsa” or non-violence , the United Nations has declared October 2 nd as the International Day of Non-Violence on the 15 th of June 2007. Since then, every year Gandhi Jayanthi is observed as a Day for Non-violence at the international level. This recognition comes from his ideas of truth and non-violence that led to India’s independence and has also inspired non-violent protests against oppression across the world.

The Gandhi Jayanthi of the year 2019 holds special significance. It marks the 150 th Birth Anniversary of Mahatma Gandhi. This was also the day that Prime Minister Narendra Modi had set as a target for the Swacch Bharat Abhiyan . When the programme was launched, it intended to achieve cleanliness in India in terms of various aspects such as sanitation, roads and public spaces. This has been made in memory of Gandhiji’s commitment towards cleanliness .

Mahatma Gandhi is a huge public figure who is familiar with all kinds of people in this country and across the world. A speech is not sufficient to honour the memory of the values he stood for and the life he led. We as the future of the country can honour him by living by the principles of truth, simplicity and non-violence that he strived to propagate and make India an inclusive nation.

By Swetha (2019)

Gandhi Jayanti (2nd October) – Short Speech 3.

On 2nd October, Gandhi Jayanti is celebrated every year. On this day, one of the great leaders who helped India to get independent was born. His name is Mahatma Gandhi. His philosophy and idea of Non-Violence (Ahimsa) led the country to get freedom. Hence this day is also termed as International Day of Non-Violence.  The teachings of Gandhi says that Non-Violence is mightier than any mightiest weapon of destruction.

The present Prime Minister of India, Narendra Modi, also declared that from 2 nd October, 2014, Swachh Bharat Abhiyan will going to take place in a large way. He declared the day as a non-holiday to the Government workers and staffs and directs them to take cleanliness awareness in their offices on that day. On that day, Government employee’s and staff’s take action of Swachh Bharat Abhiyan in their respective workplace.

Mr. Modi, the present Prime Minister of India, also urged all the Indian’s to devote time to clean their surroundings. On 2 nd October, Mr. Modi himself cleaned the India Gate area in New Delhi.

Mahatma Gandhi is known as the “Father of Nation” because of his work done for the India to get freedom. His teachings are still in the blood of every Indians.

People all over the world celebrate 2 nd October as Mahatma Gandhi Jayanti. On this day, schools and colleges remains closed. People organize events and throw speeches on the life and work done by Mahatma Gandhi. Mahatma Gandhi’s full name is Mohan Das Karam Chand Gandhi is popularly also known as Bapu. Its Mahatma Gandhi’s effort, in 1914, Indian Relief Act was passed. He was one of the members of Satyagrah Movement as well as the Non-Cooperation Movement. He also led the historic Dandi March. In 1942, he also started “Quit India” Movement. It’s all his efforts, British leave India and India got its Independence in August, 1947.

By Teamwork (2014)

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Gandhi Jayanti Speech in English for School Students [2023]

Gandhi jayanti speech in english: gandhi jayanti is celebrated each year on october 2nd to mark the birth anniversary of mahatma gandhi. on the solemn occasion of the 154th birth anniversary of gandhi ji, check here gandhi jayanti long and short speech in english to use for competitions, school assembly, etc. also, check mahatma gandhi's short speech in english 10 lines..

Pragya Sagar

Gandhi Jayanti Speech and Lines in English: Are you also trying to write a speech about Mahatma Gandhi on Gandhi Jayanti but finding it difficult or confusing to make it the best?  Gandhi Jayanti is an annual celebration to honour the birth anniversary of Mahatma Gandhi, lovingly known as “Bapu”, the Father of the nation. In this article, we have provided 10 line speech on Mahatma Gandhi and a Short and Long Speech on Gandhi Jayanti in English with his famous slogans and quotes. 

How Can I Start My Gandhi Jayanti Speech?

  • Start your Gandhi Jayanti Speech by addressing your audience with Good morning/ Good afternoon/ Good evening.
  • Begin with a catchy saying or famous quote of Mahatma Gandhi to instantly grab the attention of the listeners.
  • Do not forget to have a gentle smile on your face.
  • Keep your body language positive. Do not slouch, shake or stand stiff. Stand upright with a good posture.

Famous Sayings by Gandhi Ji

  • "Honest differences are usually a healthy sign of progress."
  • “You should not lose faith in humanity. Humanity is an ocean, the ocean does not become dirty if a few drops dry up.”
  • "Live as if you were to die tomorrow. Learn as if you were to live forever."
  • “It is better to commit violence, if that violence is in our hearts, than to raise the cry of non-violence to cover up impotence.”
  •  “Freedom means nothing if it does not include the freedom to make mistakes.”
  •  “It is not wise to be completely confident about one's own intelligence. It is good to remember that even the strongest can be weak and even the wise can make mistakes.”
  • "Non-violence is the greatest duty. If we cannot follow it completely, we must understand its spirit and follow humanity by staying away from violence as far as possible."

10 Lines Speech on Mahatma Gandhi

  • Line 1: Good morning, respected principal, teachers and my dear friends. Today, we celebrate the birth anniversary of Bapu Mahatma Gandhi, the Father of our Nation.
  • Line 2: Mohandas Karamchand Gandhi was born on October 2, 1869 at a village in Porbandar, Gujarat. 
  • Line 3: His father’s name was Karamchand Gandhi and his mother’s name was Putlibai Gandhi.
  • Line 4: Gandhiji was married to Kasturba Gandhi.
  • Line 5: Bapu is revered worldwide for his principles of non-violence and truth.
  • Line 6: He was one of India’s greatest freedom fighters, leader, philosopher, and social reformer. 
  • Line 7: Gandhi ji led India to independence through non-violent methods of Satyagraha and Civil Disobedience.
  • Line 8: He inspired millions of Indians and people around the world to fight for their rights and freedoms using non-violence as their weapon.
  • Line 9: Gandhi was shot to death on January 30, 1948. 
  • Line 10: On his 154th birth anniversary, let us all promise to practice ahimsa, always being honest and compassionate towards all. 

Short Speech on Gandhi Jayanti

Check short speech on Gandhi Jayanti in English (200 words) below:

Good morning, respected principal, teachers and my dear friends.

Today, on the auspicious occasion of Gandhi Jayanti, we have all gathered to pay tribute to Mohandas Karamchand Gandhi. October 2nd, 2023, marks the 154th birth anniversary of Gandhiji, Father of the Nation. He is the extraordinary man who changed the course of history through the power of non-violence and truth.

Gandhi Jayanti is not just a day of celebration but a day of reflection. It reminds us of the principles that Gandhiji stood for - peace, non-violence, compassion and the relentless pursuit of truth. His life was a testimony to the idea that even in the face of oppression and injustice, non-violence can bring about significant changes.

As we commemorate this day, let us remember the sacrifices he made and the struggles he endured for India's freedom. Gandhiji's unwavering commitment to truth and non-violence inspired movements for civil rights and freedom around the world. His legacy lives on as a reminder that even in our complex and turbulent world, peaceful resistance can bring about profound transformation.

On this Gandhi Jayanti, let us pledge to uphold the values he cherished and work towards a world where justice, equality, and non-violence prevail. 

Happy Gandhi Jayanti to all!

Long Speech on Gandhi Jayanti

Check long speech on Gandhi Jayanti in English (450 words) below:

Good morning, respected principal, teachers and my dear friends. We have gathered here to celebrate the birth anniversary of Mahatma Gandhi, born on October 2, 1869. Today marks the 154th birth anniversary of the "Father of the Nation" Mohandas Karamchand Gandhi known for his role in India's fight for independence. We also affectionately call him 'Bapu.' He dedicated his life to India's freedom using his powerful tool, 'Non-violence.' Not only in India but worldwide, this day is observed as the International Day of Non-violence. In his honour, the United Nations General Assembly declared June 15th, 2007, as The International Day of Non-Violence.

Gandhi Jayanti reminds us of his principles of peace and non-violence. Each year, on his birth anniversary, we are reminded of Gandhiji's efforts to make India independent. He endured a long struggle so that the people of India could live in a free nation. He firmly believed in truth and non-violence. 

Each year, we celebrate Gandhi Jayanti at Raj Ghat in Delhi. Our Prime Minister and President gather to pay tribute by offering flowers at his Samadhi. His favourite song, "Raghupati Raghav Raja Ram," is sung in his memory. Gandhi Jayanti is a national holiday. All schools, colleges, private offices, and government organisations remain closed on this day.

Gandhiji's full name was Mohandas Karamchand Gandhi. He was born in Porbandar, Gujarat, in 1869. In 1888, he completed his law studies in the UK and later moved to South Africa to practice law. When he returned to India after 21 years, he started the civil disobedience movement or Satyagraha. He used Ahimsa (non-violence) to fight for India's freedom from British rule. 

Gandhiji was also a great leader, He wore Khadi dhoti to promote Indian culture. He encouraged people to have faith in themselves and fight for their rights. He started the Non-Cooperation movement wherein he urged Indians not to cooperate with the British and to fight for their freedom. Gandhiji dedicated a significant part of his life to India's freedom struggle. He joined Gopala Krishna Gokhale, who was already fighting for India's independence. During this struggle, Gandhiji was imprisoned several times. He led important movements like the Quit India movement, the Civil Disobedience Movement, and the Non-Cooperation Movement. In 1930, he initiated the Dandi March or Salt Satyagraha, walking 400 kilometres to protest the British monopoly on salt. The Quit India movement was a call to the British to leave India.

Throughout his life, Gandhiji accomplished many great things that continue to inspire people today. He worked tirelessly for Swaraj, against untouchability, women's rights, and the economic well-being of farmers. His dedication and struggle led to India's freedom from 200 years of British colonial rule.

Gandhi Jayanti Quotes and Slogans

Include the following Gandhi Jayanti Quotes and Slogans in English to make your speech more impressive:

1. "You must be the change you want to see in the world." 

2. "An eye for an eye only ends up making the whole world blind." 

3. "Live as if you were to die tomorrow; learn as if you were to live forever." 

4. "Satyameva Jayate" 

5. "Ahimsa Parmo Dharma" 

6. "Cleanliness is next to godliness." 

7. "Simple living, high thinking." 

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  • What are good lines for Gandhi Jayanti? + Line 1: Good morning, respected principal, teachers and my dear friends. Today, we celebrate the birth anniversary of Bapu Mahatma Gandhi, the Father of our Nation. Line 2: Mohandas Karamchand Gandhi was born on October 2, 1869 at a village in Porbandar, Gujarat. Line 3: Bapu is revered worldwide for his principles of non-violence and truth. Line 4: He was one of India’s greatest freedom fighters, leader, philosopher, and social reformer.
  • What is an easy slogan for Gandhi Jayanti? + Satyamev Jayate is a slogan that truly represents the principles of Bapu. Ahimsa Parmo Dhrama is another slogans which resonates with the ideas of Gandhi Jayanti. A famous saying of Mahatma Gandhi is “Freedom means nothing if it does not include the freedom to make mistakes.”
  • How can I start my Gandhi Jayanti Speech? + A. Start your Gandhi Jayanti Speech by addressing your audience with Good morning/ Good afternoon/ Good evening. B. Begin with a catchy saying or famous quote of Mahatma Gandhi to instantly grab the attention of the listeners. C. Do not forget to have a gentle smile on your face. D. Keep your body language positive. Do not slouch, shake or stand stiff. Stand upright with a good posture.
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