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Fortified Rice: क्या होता है फोर्टिफाइड चावल, क्यों जरूरी है ‘फोर्टिफाइड राइस’, यहां जानें सबकुछ
भोजन की थाली में अगर चावल न हो तो लगभग सभी लोगों को अधूरा लगता है. वहीं कुछ लोग तो बिना चावल के खाना नहीं खाते हैं. वहीं आज हम इस लेख में बताने जा रहे हैं कि फोर्टिफाइड राइस के बारे में जिसमें भरपूर पोषणयुक्त गुण भी पाए जाते हैं.
Fortified rice: देश के कई राज्यों में चावल की खपत बहुत मात्रा में होती है. भारत में बड़े स्तर पर चावल का उत्पादन पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब में होता है. वहीं, बिहार, यूपी में अधिक चावल खाया जाता है. चावल खाने के साथ-साथ पोषक तत्व मिल सकें. इसके लिए फोर्टिफाइड राइस का सेवन किया जा सकता है. आपको बता दे कि फोर्टिफाइड राइस में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए काफी लाभकारी होते है. फोर्टिफाइड राइस में आयरन, विटामिन B-12, फॉलिक एसिड, जिंक जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके सेवन से कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों से राहत मिलती है. वहीं सरकार भी फोर्टिफाइड राइस का सेवन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या होता है फोर्टिफाइड चावल, क्यों खाना जरूरी है ‘फोर्टिफाइड राइस’-
फोर्टिफाइड चावल क्या है?
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के निर्देशानुसार, जब किसी खाने की चीज में अलग से पोषक तत्व शामिल किए जाते हैं, तो इन्हें फोर्टिफाइड फूड कहते हैं. चावल में सूक्ष्म पोषक तत्वों को सही मात्रा में मिलाया जाता है. इन्हें फोर्टिफाइड चावल कहा जाता है. फोर्टिफाइड राइस के दाने, चावल का पाउडर और विटामिन बी12, फॉलिक एसिड और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को सही मात्रा में मिलाकर बनाया जाता है.
कैसे तैयार किए जाते हैं फोर्टिफाइड चावल
साधारण चावल पर पोषक तत्वों की एक परत चढ़ाई जाती है. इसके अलावा इसे पीसकर भी इसमें सूक्ष्म तत्वों को मिलाया जा सकता है. फिर इन्हें मशीन की मदद से चावल का आकार देकर सुखाया जाता है. इस प्रक्रिया से फोर्टिफाइड राइस तैयार हो जाता है. इसके बाद इसे आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के मुताबिक, 1 किलो आम चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड राइस मिलाया जाता है.
क्यों जरूरी है फोर्टिफाइड राइस
विशेषज्ञों का मानना है कि आमतौर पर चावल की फसल मिलिंग और प्रोसेसिंग प्रक्रिया से गुजरती है तो उस दौरान मौजूद सूक्ष्म पोषक तत्वों की परत हट जाती है. लेकिन ब्लैंडिंग प्रक्रिया से होने वाले फोर्टिफाइड राइस में ये सभी गुण सुरक्षित रहते हैं. फोर्टिफाइड राइस स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि इसमें पोषण युक्त तत्व पाए जाते है. वहीं एनीमिया, कुपोषण व अन्य गंभीर बीमारियों को ठीक किया जा सके. इसलिए फोर्टिफाइड चावल को खाया जाता है. वहीं सरकार भी फोर्टिफाइड राइस के उपभोग को लेकर प्रोत्साहित कर रही है. राइस फोर्टिफिकेशन योजना के तहत फोर्टिफाइड राइस वितरण को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- Black Rice Benefits: जानिए काले चावल के सेवन से होने वाले फायदे और बनाने की प्रक्रिया
फोर्टिफाइड राइस के लाभ
- फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया से तैयार चावल को खाने से कुपोषण दूर हो जाता है.
- यह चावल खाने के साथ-साथ दवा की तरह भी काम करेगा.
- इस चावल को खाने से एनीमिया की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है.
- इसका सेवन करने से खासकर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य विकास में खूब मदद मिलती है.
- इस तरह के चावल में आयरन, जिंक, फॉलिक एसिड, विटामिन-ए, विटामिन-बी, जिंक आदि शरीर की न्यूट्रीशनल वैल्यू बढ़ा देते हैं.
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क्या होता है फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) और कैसे तैयार होता है
फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल. इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक है. इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड राइस भी विशेष तौर पर तैयार किए जा सकते हैं. Fortified rice को आम चावल में मिलाकर खाया जाता है. Fortified rice देखने में बिल्कुल आम चावल जैसे ही लगते हैं. इनका स्वाद भी बेहतर होता है. भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर FSSAI के मुताबिक Fortified rice खाने से भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
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फोर्टिफाइड राइस कैसे तैयार किया जाता है?
फोर्टिफाइड चावलों को मिलों में बनाया जाता है. इस दौरान इनमें सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. इसके लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन (उत्सारण) जैसी तकनीक अमल में लाई जाती हैं. पहले सूखे चावल को पीसकर आटा बनाया जाता है. फिर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. पानी के साथ इन्हें अच्छे से मिक्स किया जाता है. फिर मशीनों की मदद से सुखाकर इस मिक्स्चर को चावल का आकार दिया जाता है, जिसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) कहा जाता है. तैयार होने के बाद इन्हें आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के नियम कहते हैं कि इसे 1:100 के अनुपात में मिलाया जाता है, मतलब 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड राइस मिलाए जाते हैं.
फोर्टिफाइड राइस में कौन से पोषक तत्व होते हैं?
एक किलो फोर्टिफाइड राइस (Fortified rice) में आयरन (28-42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके साथ ही FSSAI ने जिंक (10-15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी) विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की है. एक बार तैयार होने के बाद Fortified rice को 12 महीने तक खाया जा सकता है.
फोर्टिफाइड चावल को कैसे पहचानें?
फोर्टिफाइड चावल की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होती. ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है. इनके पैकेट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है. फोर्टिफाइड चावल को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता. आम चावल की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है.
Fortified Food क्या है? Fortified Food Meaning in Hindi
भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी के मुताबिक फोर्टिफिकेशन का मतलब किसी खाद्य पदार्थ में जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का मिलावट करना है. इससे उस खाद्य पदार्थ की पोषक क्षमता बढ़ जाती है और स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को कम करते हुए लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य पहुंचाने की पहल की जाती है.
आपने तरह-तरह के खाद्य पदार्थों के जरिए पोषक तत्व तो खूब अवशोषित के होंगे, लेकिन क्या आर्टीफीशियल पोषक तत्वों (Artificial Nutrients) का सेवन किया है। क्या आप जानते हैं फूड फॉर्टिफिकेशन (Food Fortification) और फॉर्टीफाइड फूड (Fortified Food) क्या है। इससे शरीर को क्या फायदे मिलते हैं। सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे कि आर्टीफीशियल तरीके से पोषक तत्व कैसे डाले जाते हैं, लेकिन इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है। इस प्रक्रिया में खाद्य पदार्थों को प्रोसेस्ड करते समय इनमें पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि फूड फॉर्टीफिकेशन क्या है और फॉर्टीफाइड फूड किन वर्गों के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। शरीर में किसी भी पौष्टिक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए फूड फॉर्टिफिकेशन एक बहुत ही अच्छा तरीका माना जाता है। सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी के कारण बहुत से लोग बीमार होते हैं और मृत्यु को प्राप्त होते है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में करीबन दो अरब लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी का शिकार होते है।
क्या है फूड फॉर्टिफिकेशन -What is Fortified Food
फूड फॉर्टिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें खाद्य पदार्थो में आर्टिफिशियल तरीके से पौष्टिक तत्वों को डाला जाता है। जैसे नमक में आयोडीन (Iodine in Salt) मिलाया जाता है उसी प्रकार किसी भी खाद्य पदार्थ की प्रोसेसिंग के समय जब उसके अंदर के प्राकृतिक पोषण नष्ट हो जाते हैं, तो उसमें ज़रूरी होता है कि उपर से पोषण मिलाया जाए। फूड फॉर्टिफिकेशन WHO और FAO की दुनिया भर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने की एक नीति है। फूड फॉर्टिफिकेशन एक ज़रूरी प्रक्रिया है। कई बार हम केवल एक तरह का खान पान करते है और डाइट में अन्य पोषण तत्वों को शामिल ही नहीं करते। ऐसे में हम किसी ना किसी पोषण की कमी के शिकार हो जाते है। धूप जब त्वचा पर पड़ती है तो वह विटामिन डी बनाती है।
फोर्टिफाइड का मतलब क्या होता है? – Fortified Meaning in Hindi
(एक स्थान का) रक्षात्मक कार्यों के साथ हमले के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। एक प्रकार की शराब को अस्वीकार करना, जिसमें आत्माओं को जोड़ा गया है ताकि पोर्ट, शेरी या इसी तरह के पेय का उत्पादन किया जा सके। (भोजन के) में विटामिन या अन्य पूरक शामिल थे ताकि पोषण मूल्य में वृद्धि हो सके।
- भोजन में विटामिन या अन्य पूरक शामिल थे ताकि पोषण मूल्य में वृद्धि हो सके।
- गढ़ या किलेबंदी के साथ सुरक्षित
- ताकत बढ़ाने के लिए कुछ जोड़ा
- एक सैन्य टकराव के लिए खुद को तैयार करें
- मजबूत बनाना
- रक्षात्मक कार्यों के साथ हमले के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं: Snacks Meaning in Hindi – Types of Snacks
आम चावल और फोर्टिफाइड में फर्क कैसे करें?
खाद्य मंत्रालय का मिलों को निर्देश है कि फोर्टिफाइड चावलों की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है. इनके पैकिट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है. फोर्टिफाइड चावलों को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता. आम चावलों की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है.
फोर्टिफाइड चावल खाने से क्या फायदा होता है?
फोर्टिफाइड चावल में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28 से 42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75 से 125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75 से 1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके अलावा FSSAI ने जिंक (10 से 15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी). विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की हैं. एक बार तैयार होने के बाद इसे 12 महीने तक खाया जा सकता है.
गढ़वाले चावल की गुठली – Fortified Rice Kernels
चावल का मतलब क्या है rice meaning in hindi.
चावल पूरे विश्व में 2nd नंबर पर सबसे ज्यादा उगाये जाने वाला अन्न है। दुनिया का करीब 20% चावल भारत में उगाया जाता है। दुनिया भर में चावल की 40,000 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती हैं। विश्व स्तर पर पहले स्थान पर China और India दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा चावल (Rice) का उत्पादन करता है।
उत्तर भारत में चावल खाने का आवश्यक अंग है तो South India में यह मुख्य भोजन के रूप में प्रयोग होता है। संस्कृत भाषा में कच्चे चावल को तंडुल और पके चावल को ओदन कहा जाता है।
QOOT ने हाल ही में भारत में गढ़वाले चावल (FRK) के निर्माण के लिए एक अत्याधुनिक विनिर्माण संयंत्र की स्थापना की है। भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मध्याह्न भोजन और अन्य आंगनवाड़ी योजनाओं जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं में उपयोग किए जाने वाले सभी चावल में आयरन, विटामिन बी12 और बी6 (फोलिक एसिड) होना चाहिए, हम राजस्थान और उत्तर भारत में गढ़वाले चावल के अग्रणी निर्माता हैं, हमारे फोर्टिफाइड चावल को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा विधिवत प्रमाणित किया जाता है और हम फोर्टिफाइड चावल के निर्माण और आपूर्ति के सभी मानकों को पूरा करते हैं। हम पहले से ही भारत में कई राज्यों को आपूर्ति कर रहे हैं और हमने डब्ल्यूएचओ विनिर्देश के अनुसार निर्यात के लिए फोर्टिफाइड चावल का निर्माण भी किया है। तो कृपया हमसे संपर्क करें यदि आप भारत में एक भरोसेमंद गढ़वाले चावल निर्माता की तलाश में हैं, हम पोषक तत्वों, खनिजों को अनुकूलित कर सकते हैं
कूट खाद्य उत्पाद – गढ़वाले चावल, स्नैक्स और कुकीज़, हम पोषक तत्वों, खनिजों को अनुकूलित कर सकते हैं
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प्रश्न: फोर्टिफाइड चावल में कौन से विटामिन मौजूद होते है ?
उत्तर – विटामिन A, विटामिन B1, विटामिन B12, फोलिक एसिड, आयरन और जिंक सभी पोषक तत्व फोर्टिफाइड चावल में पाए जाते है।
प्रश्न: गढ़वाले चावल के क्या फायदे हैं?
उत्तर – खाद्य मंत्रालय के अनुसार, आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने के लिए चावल का फोर्टिफिकेशन एक लागत प्रभावी और पूरक रणनीति है। FSSAI के मानदंडों के अनुसार, 1 किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28 mg-42.5 mg), फोलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम) और विटामिन B-12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होगा।
प्रश्न: चावल दृढ़ कैसे होता है?
उत्तर – वर्तमान में, चावल को भारत में तीन तकनीकों – कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूज़न का उपयोग करके दृढ़ किया जाता है। लेप: अनाज में जो पोषक तत्व मिलाना होता है, उसमें मोम या गोंद मिला दिया जाता है। इस मिश्रण को 1:100 के अनुपात में पॉलिश किए हुए चावल के साथ छिड़का जाता है और मिश्रित किया जाता है।
प्रश्न: गरिष्ठ चावल कौन खा सकता है?
उत्तर – चावल भारत के प्रमुख खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसका सेवन लगभग दो-तिहाई आबादी करती है। भारत में प्रति व्यक्ति चावल की खपत 6.8 किलोग्राम प्रति माह है। इसलिए, सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ चावल को मजबूत करना गरीबों के आहार को पूरक करने का एक विकल्प है।
प्रश्न: गढ़वाले चावल की कीमत क्या है?
उत्तर – गढ़वाले चावल के लिए छवि परिणाम सफेद गढ़वाले चावल, खन्ना में बैग 60 रुपये/किलो
प्रश्न: चावल और गढ़वाले चावल में क्या अंतर है?
उत्तर – चावल को मिलिंग प्रक्रिया में खोए सूक्ष्म पोषक तत्वों को फिर से भरने के लिए विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों को जोड़कर अधिक पौष्टिक बनाया जा सकता है और इसके पोषण मूल्य को सुदृढ़ किया जा सकता है। गढ़वाले चावल को पोषण संबंधी जरूरतों के आधार पर समायोजित किया जा सकता है और चावल की विभिन्न किस्मों के समान बनाया जा सकता है।
प्रश्न: क्या आपको गरिष्ठ चावल धोना चाहिए?
उत्तर – अपने चावल को धोने के लिए पहला स्पष्ट ‘नहीं’ है यदि आप समृद्ध चावल का उपयोग कर रहे हैं, आप अपने पैक की सामग्री की जांच करके जानते हैं कि क्या आप चावल की इस किस्म का उपयोग कर रहे हैं। यदि यह चावल के साथ-साथ पोषक तत्वों की सूची दोनों को सूचीबद्ध करता है, तो आप जानते हैं कि निर्माता ने चावल को समृद्ध किया है।
प्रश्न: सफ़ेद चावल के फायदे क्या है?
उत्तर: सफेद चावल खाने से डायरिया, पेचिश, कोलाइटिस जैसे पेट के रोगों में भी आराम पहुंचता है। सफेद चावल भारत में सबसे ज्यादा खाया जाता है। सफेद चावल चावल बनने में समय कम लेता है और आसानी से पच भी जाता है।
प्रश्न: ब्राउन राइस के फायदे क्या है?
उत्तर: ब्राउन राइस में ज्यादा फाइबर, ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं जोकि सेहत सही रखते हैं। ब्राउन राइस में कम स्टार्च (Low Starch) और कम कैलोरी होती हैं। वजन कम करने में ब्राउन राइस खाना लाभदायक है क्योंकि ये Low-carb, Low-calorie और High nutrients युक्त होता है। ब्राउन चावल में पाए जाने वाला प्राकृतिक तेल शरीर में बढे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में सहायक है। ब्राउन राइस कई फायदेमंद गुणों से युक्त है तभी तो आजकल यह काफी ज्यादा उपयोग किया जा रहा है।
प्रश्न: तिन्नी का चावल के फायदे या लाल चावल के फायदे क्या है?
उत्तर: तिन्नी चावल खाने से शरीर में इन्सुलिन और ब्लड शुगर संतुलित रहता है। तिन्नी चावल का लाल रंग इसमें पाए जाने वाले भरपूर लौह तत्व की वजह से होता है। तिन्नी चावल या लाल चावल में पाए जाने वाला विटामिन B6 लाल रक्त कणिकाओं को बनाने और सेरोटोनिन निर्माण को संतुलित करने में सहायक है.
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कुपोषण मुक्त भारत के लिए पीएम मोदी की बड़ी योजना है फोर्टिफाइड राइस, जानें क्या है ये और इसे खाने के फायदे
- Written by : Pallavi Kumari
- Updated at: Aug 31, 2021 17:42 IST
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index), जो कि दुनिया भर में भूख और कुपोषण को लेकर देशों की रैंकिंग करता है उसमें भारत कुल 107 देशों में 94 पायदान पर है। यानी कि भारत में अब भी एक बड़ी आबादी भुखमरी से पीड़ित है और कुपोषित है। इसे देखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कुपोषण से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने गरीब महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए घोषणा की है कि 2024 तक राशन की दुकानों से लेकर मिड डे मील तक में सभी को फोर्टिफाइड चावल वितरित (fortified rice distribution scheme) किए जाएंगे। पर क्या आप जानते हैं कि फोर्टिफाइड राइस (fortified rice in hindi) क्या है, कैसे बनता है और इसे खाने के क्या फायदे हैं। आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में विस्तार से।
फोर्टिफाइड चावल क्या है -What is fortified rice in hindi?
फोर्टिफाइड चावल कैसे बनता है.
चावल के फोर्टिफिकेशन में कोटिंग और डस्टिंग जैसे कई तकनीकों की मदद ली जाती है। जैसे कि अनाज को पीस कर उसनें ऊपर से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलाए जाते हैं। यही चावल के साथ भी किया जाता है। इसमें चावल को पीसकर पाउडर तैयार कर इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जोड़े जाते हैं। उसके बाद इस फोर्टिफाइड चावल के मिश्रण को फिर से चावल के आकार में बदला जा सकता है, जिसे ‘फोर्टिफाइड राइस कर्नेल’ (FRK) कहा जाता है। इस परियोजना के तहत फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) को सामान्य चावल के साथ 1: 100 के अनुपात में मिलाया जाता है और इसके बाद इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public distribution system) और मिड डे मील (mid day meal scheme) के तहत लोगों में बांटा जाएगा।
फोर्टिफाइड चावल की न्यूट्रिशनल वैल्यू
- -28 mg-42.5 mg आयरन
- -75-125 mg फोलिक एसिड
- -0.75-1.25 mg विटामिन B-12
- -10-15 mg जिंक
- - विटामिन ए
- -विटामिन बी-6
फोर्टिफाइड चावल खाने के फायदे- fortified rice benefits
1. कुपोषण दूर करने में मददगार, 2. एनीमिया दूर करेगा, 3. इम्यूनिटी बूस्टर है.
फोर्टिफाइड चावल इम्यूनिटी बूस्टर भी है क्योंकि इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी और जिंक है जो कि इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद करता है। इसमें फोलिक एसिड भी होता है जो कि महिलाओं के लिए सबसे जरूरी न्यूट्रिएंट है। फोलिक एसिड के फायदे की बात करें, तो शरीर की हर कोशिका के विकास में मदद करती है। ये रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करता है जो कि फेफड़ों से शरीर के बाकी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाती है और शरीर को अंदर से स्वस्थ रखती है। इस तरह ये शरीर के सभी सेल्स को हेल्दी रखने में मदद करती है।
फोर्टिफाइड चावल कैसे खाया जाता है?
- - पकाने से पहले चावल को सामान्य तरीके से साफ करें।
- -पानी में अच्छे से धो लें और फिर चावल की मात्रा के अनुसार पानी डाल कर इस चावल को पकाएं और खाएं।
तो, इस तरह फोर्टिफाइड चावल भारत को कुपोषण से लड़ने में मदद कर सकता है। तो, उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री की ये योजना सफल हो और भारत जल्द से जल्द कुपोषण और भुखमरी से लड़कर एक स्वस्थ देश के रूप में उभर कर सामने आए।
Image creit: google images
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।
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Food fortification क्या होता है इसके लाभ और चुनौतियाँ.
Richa Kishore November 11, 2018 Science Tech
हाल ही में, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के द्वारा फूड फोर्टिफिकेशन (food fortification) पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई.
Table of Contents
अभी की स्थिति
- भारत में लगभग 70% लोग सूक्ष्म पोषक तत्त्वों (micronutrients) के अनुशंसित आहार मान (recommended dietary allowance – RDA) के आधे से भी कम का उपयोग करते हैं. सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी को “प्रच्छन्न भूख (Hidden Hunger)” भी कहा जाता है.
- खुले बाजार तथा ICDS, MDMS, PDS इत्यादि जैसी सरकारी योजनाओं के जरिये फोर्टिफिकेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
- राष्ट्रीय पोषण रणनीति (कुपोषण मुक्त भारत) में, फ़ूड फोर्टिफिकेशन पर अत्यधिक बल दिया गया है.
- FSSAI ने फोर्टिफिकेशन के लिए मानक भी निर्धारित किये हैं –
- गेहूँ-आटा-चावल (आयरन, विटामिन B12 और फोलिक एसिड के साथ)
- दूध और खाद्य तेल (विटामिन A और D के साथ)
- डबल फोर्टिफाइड नमक (आयोडीन और आयरन के साथ).
- इसके द्वारा फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों की पहचान के लिए +F लोगों की शुरुआत की गई है.
- इसके द्वारा सम्पूर्ण भारत में बड़े स्तर पर फूड फोर्टिफिकेशन (food fortification) को प्रोत्साहित करने के लिए फूड फोर्टिफिकेशन रिसोर्सेज सेंटर (FFRC) की स्थापना की गई है.
सूक्ष्म पोषक तत्त्व क्या होते हैं?
सूक्ष्म पोषक तत्त्व वे पोषक तत्व हैं जिनकी जरूरत जीवन भर लेकिन, बहुत कम मात्रा में पड़ती है. स्थूल पोषक तत्वों के ठीक विपरीत, मानव शरीर द्वारा यह एक बहुत कम मात्रा में लिया जाने वाला आवश्यक खनिज आहार है (आमतौर पर 100 माइक्रोग्राम/दिन से भी कम). सूक्ष्म पोषक तत्वों में लोहा, कोबाल्ट, क्रोमियम, तांबा, आयोडीन, मैंगनीज, सेलेनियम, जस्ता और मोलिब्डेनम आदि सम्मिलित हैं. (यहाँ प्रयुक्त “खनिज” भूगोल में प्रयुक्त खनिज से अलग है).
विदित हो कि विटामिन कार्बनिक रसायन होते हैं, जिनका सेवन किसी प्राणी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरी है, पर इसका संश्लेषण प्राणी खुद नहीं कर सकते इसलिए इनका सेवन उन्हें अपने आहार से प्राप्त करना पड़ता है.
फूड फोर्टिफिकेशन
फूड फोर्टिफिकेशन से तात्पर्य खाद्य पदार्थों में एक या अधिक सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की जानबूझकर की जाने वाली वृद्धि से है जिससे इन पोषक तत्त्वों की न्यूनता में सुधार या निवारण किया जा सके तथा स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके.
पर इसके माध्यम से केवल एक सूक्ष्म पोषक तत्त्व के संकेन्द्रण में वृद्धि हो सकती है (उदारहण के लिए नमक का आयोडीकरण) अथवा खाद्य-सूक्ष्म पोषक तत्त्वों के संयोजन की एक पूरी शृंखला हो सकती है. यह कुपोषण की समस्या का समाधान करने के लिए संतुलित और विविधतापूर्ण आहार का प्रतिस्थापन नहीं है.
Food Fortification के लाभ
स्वास्थ्य सम्बंधित लाभ
- सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होने वाले एनीमिया, गोइटर, जीरोफ्थैल्मिया आदि जैसे भारत में प्रचलित रोगों का उन्मूलन. उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार भारत में लगभग 50% महिलाएँ और बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं.
- विटामिन D की कमी (भारत की जनसंख्या के 70% से अधिक में व्याप्त) से निपटने के लिए फूड फोर्टिफिकेशन को एक प्रभावी उपकरण के रूप में उपयोग किया जा सकता है.
- यह संक्रामक रोगों से मृत्यु के खतरे को कम करता है.
व्यापक जनसंख्या कवरेज
चूँकि पोषक तत्त्वों को मुख्य रूप से उपभोग किये जाने वाले प्रमुख खाद्य पदार्थों में जोड़ा जाता है, अतः इसके माध्यम से जनसंख्या के एक बड़े भाग के स्वास्थ्य में सुधार संभव है.
सामाजिक-संस्कृतिक रूप से स्वीकार्य
इसके लिए लक्षित जनसंख्या की खाद्य आदतों और पैटर्न में किसी भी परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है.
लागत प्रभावी
- कोपेनहेगन कन्सेन्सस का अनुमान है कि फोर्टिफिकेशन पर खर्च किये गये प्रत्येक 1 रूपये से अर्थव्यवस्था को 9 रु. का लाभ होता है.
- फूड फोर्टिफिकेशन (food fortification) के लिए प्रौद्योगिकी सरल और कार्यान्वित करने में आसान है.
खाद्य सुरक्षा के अनुपूरक के रूप में
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए पोषण सुरक्षा अत्यधिक आवश्यक है.
स्वैच्छिक प्रकृति
राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र द्वारा खाद्य पदार्थों को फोर्टिफाइड बनाने के सीमित प्रयासों के कारण फोर्टिफिकेशन अनिवार्य होने के स्थान पर निरंतर स्वैच्छिक बना हुआ है.
राज्यों द्वारा अकुशल कार्यान्वयन : हालाँकि कुछ राज्यों ने ICDS, MDMS और PDS में फोर्टिफिकेशन को अपनाया है, परन्तु कुछ निश्चित नीतिगत दिशानिर्देशों, बजटीय बाध्यताओं, तकनीकी ज्ञान और लॉजिस्टिक समर्थन के अभाव के कारण राज्यों ने समग्र रूप से फोर्टिफिकेशन को नहीं अपनाया है.
FSSAI की अकुशलता : इसके पास अधिदेश को प्रभावी ढंग से लागो करने के लिए संसाधनों और जनशक्ति का अभाव है.
जागरूकता का अभाव : वर्तमान में, फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के उपयोग और लाभों के सम्बन्ध में अत्यधिक गलत-सूचना और अनभिज्ञता व्याप्त है.
राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन
सरकारी योजनाओं के माध्यम से फोर्टिफिकेशन के अखिल-भारतीय कार्यान्वयन से प्रतिवर्ष आवंटित कुल बजट में केवल 1% की वृद्धि होगी.
राज्यों के लिए समर्थन
भारत सरकार द्वारा केवल आदेश और अधिसूचनाएँ जारी करना पर्याप्त नहीं होगा क्योंकि राज्य सरकारों को अत्यधिक समर्थन की आवश्यकता होती है और उन्हें फोर्टिफिकेशन के लाभ के बारे में संवेदनशील होना चाहिए और विभिन्न कार्यक्रमों के तहत फोर्टिफाइड स्टेपल्स की खरीद के लिए सक्षम होना चाहिए.
मानकों को सुनिश्चित करना
वृहद् पोषक पदार्थों एवं गुणवत्ता के सम्बन्ध में FSSAI मानकों के अनुपालन को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए.
खुले बाजार में उपभोक्ताओं द्वारा माँग में वृद्धि के लिए फोर्टिफिकेशन के सम्बन्ध में जन जागरूकता अभियान की आवश्यकता है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन
यह प्रमुख भोजन (staple food) के पोषण सम्बन्धी मूल्य में सुधार करने के लिए एक दीर्घकालिक कदम है.
Tags: Food fortification kya hota hai explained in Hindi. फूड फोर्टिफिकेशन के लाभ और भारत में स्थिति. चुनौतियाँ और आगे की राह. Food fortification in India.
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पोषक तत्वों का खजाना है फोर्टिफाइड चावल, जानें इसके फायदे और बनाने-खाने का तरीका भी
What is Fortified Rice: फोर्टिफाइड चावल का मतलब है, पोषकयुक्त चावल. इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉल ...अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 9, 2022, 10:21 IST
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नई दिल्ली. भारत में कुपोषण एक गंभीर समस्या है. 113 देशों के ग्लोबल फूड सिक्योरिटी इंडेक्स में भारत का नंबर 2021 में 71वां था. खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में औसतन हर दूसरी महिला में खून की कमी है और हर तीसरा बच्चा कमजोर है. कुपोषण की इसी स्थिति को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया है, जिसके तहत मिड डे मील और राशन आदि में फोर्टिफाइड राइस को बढ़ावा दिया जा रहा है. ये फोर्टिफाइड राइस क्या होता है, कैसे तैयार होता है और इसके क्या फायदे हैं, आइए बताते हैं.
फोर्टिफाइड चावल होता क्या है? फोर्टिफाइड चावल का मतलब है, पोषकयुक्त चावल. इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड ज्यादा होता है. इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड चावल भी तैयार किए जाते हैं. इन्हें आम चावलों में मिलाकर खाया जाता है. ये देखने में बिल्कुल आम चावलों जैसे ही लगते हैं. इनका स्वाद भी बेहतर बताया जाता है. फूड सेफ्टी रेग्युलेटर FSSAI के मुताबिक, इन्हें खाने से भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
इसे तैयार कैसे किया जाता है? फोर्टिफाइड चावलों को मिलों में बनाया जाता है. इस दौरान इनमें सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. इसके लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन (उत्सारण) जैसी तकनीक अमल में लाई जाती हैं. पहले सूखे चावल को पीसकर आटा बनाया जाता है. फिर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. पानी के साथ इन्हें अच्छे से मिक्स किया जाता है. फिर मशीनों की मदद से सुखाकर इस मिक्स्चर को चावल का आकार दिया जाता है, जिसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) कहा जाता है. तैयार होने के बाद इन्हें आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के नियम कहते हैं कि इसे 1:100 के अनुपात में मिलाया जाता है, मतलब 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड राइस मिलाए जाते हैं.
इसे खाने से क्या फायदा होता है? फोर्टिफाइड चावल में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28 से 42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75 से 125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75 से 1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके अलावा FSSAI ने जिंक (10 से 15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी). विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की हैं. एक बार तैयार होने के बाद इसे 12 महीने तक खाया जा सकता है.
आम चावल और फोर्टिफाइड में फर्क कैसे करें? खाद्य मंत्रालय का मिलों को निर्देश है कि फोर्टिफाइड चावलों की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है. इनके पैकिट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है. फोर्टिफाइड चावलों को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता. आम चावलों की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है.
इसे तैयार करने में कितना खर्च आता है? पिछले साल पीएम मोदी ने जब स्वतंत्रता दिवस पर इसका ऐलान किया था, तब लगभग 2700 मिलों में फोर्टिफाइड चावलों के मिक्सिंग प्लांट लगाए जा चुके थे. मंत्रालय के मुताबिक, 14 प्रमुख राज्यों में 13.67 लाख टन क्षमता से पैदावार हो रही है. फोर्टिफाइड चावल बनाने के लिए मिलों में कुछ तब्दीलियां करनी पड़ती हैं. मिक्सिंग प्लांट लगाने पड़ते हैं. मंत्रालय का अनुमान है कि 4 से 5 टन प्रति घंटे की क्षमता वाले प्लांट के लिए 15 से 20 लाख रुपये का खर्चा आता है. एक किलो फोर्टिफाइड चावल बनाने में औसतन 60 पैसे का खर्च बैठता है.
Tags: Mid Day Meal , Narendra modi
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भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री की योजना फोर्टिफाइड राइस वितरण की है, जाने इसके खाने के फायदे क्या क्या है
ग्लोबल हंगर इंडेक्स ( वैश्विक भुखमरी सूचकांक ) दुनियाभर में भूख और कुपोषण को लेकर विभिन्न देशों की रैंकिंग करता है। इस रैंकिंग में भारत 107 देशों की सूची में 94 वें स्थान पर है। अर्थात हम कह सकते हैं कि भारत की एक बड़ी आबादी भुखमरी और कुपोषण से पीड़ित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 75 वे स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भारत को कुपोषण से स्वतंत्र कराने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में गरीब महिलाओं एवं बच्चों को कुपोषण तथा आवश्यक पोषक तत्व की कमी को दूर करने के लिए घोषणा करते हुए कहा था कि साल 2024 तक राशन दुकानों से लेकर मिड डे मील तक हर जगह फोर्टीफाइड चावल वितरित किया जाये।
लेकिन आज भी बहुत सारे लोग यह नहीं जानते हैं कि फोर्टीफाइड राइस क्या होता है? इसे कैसे बनाते हैं और इसको खाने से क्या लाभ मिलता है? आइए जानते हैं फोर्टीफाइड राइस के बारे में विस्तार से –
फोर्टिफाइड राइस क्या है? ( What is Fortified Rice in Hindi ) :-
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अनुसार फोर्टिफाइड राइस का मतलब है भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों को बढ़ाना। जिससे भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार हो और शरीर को सभी पोषक तत्व मिल जाए।
जिससे शरीर कुपोषण से दूर रहे। आसान भाषा में कहें तो फोर्टीफाइड राइस में अनाज को पीसकर ऊपर से पोषक तत्व को मिलाया जाता है। इसी तर्ज पर फोर्टीफाइड नियम के तहत चावल में माइक्रो न्यूट्रिशन को जोड़ने की प्रक्रिया भी की जाती है।यह पोषक तत्व आवश्यकता को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं।
फोर्टीफाइड चावल कैसे बनता है? ( How is fortified rice made in Hindi ):-
फोर्टीफाइड चावल में कोडिंग और डस्टिंग जैसी कई तकनीकों की मदद लेकर इसे बनाया जाता है। जैसे अनाज को पीसकर उसके ऊपर माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलाए जाते हैं चावल के साथ प्रोसेस किया जाता है।
इसमें चावल को पीसकर पहले पाउडर तैयार करते हैं और इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जोड़ते हैं। बाद में फोर्टीफाइड चावल के मिश्रण को फिर से चावल के आकार में बदल दिया जाता है।
इसे ही फोर्टिफाइड चावल कहा जाता है। इस परियोजना के तहत फोर्टिफाइड राइस सामान्य चावल में 1:100 के अनुपात में मिलाया जाता है। अब इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पब्लिक डिसटीब्यूशन सिस्टम) और मिड डे मील के तहत लोगों को बांटा जाना है।
फोर्टिफाइड चावल की न्यूट्रिशन वैल्यू ( Nutrition value of fortified rice in Hindi ) :-
FSSAI के अनुसार एक किलो फोर्टिफाइड चावल में न्यूट्रिशन –
- 28 mg – 42.5 mg आयरन
- 75 – 124 mg फोलिक एसिड
- 0.75 – 1.25 mg विटामिन B12
- 10 – 15 mg जिंक
फोर्टीफाइड चावल के फायदे ( Benefits of fortified rice in Hindi ) :-
कुपोषण रहता है दूर –
भारत की महिलाओं तथा बच्चों में कुपोषण का स्तर बहुत ज्यादा पाया जाता है। ऐसे में इस चावल के सेवन से महिलाओं और बच्चों के कुपोषण को दूर किया जा सकता है।
फोर्टीफाइड चावल के जरिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी को दूर किया जाएगा और इससे होने वाली बीमारियां भी दूर रहेंगी। शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी6, जिंक, फोलिक एसिड जैसे तत्वों की आपूर्ति होगी जिससे शारीरिक और मानसिक दोनों विकास बेहतर ढंग से होगा।
खून की कमी होगी दूर –
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में हर दूसरी महिला आज खून की कमी अर्थात एनीमिया की शिकार है। भारत में हर तीसरा बच्चा अविकसित है। ऐसे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत फोर्टिफाइड चावल विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
जिससे महिलाओं एवं बच्चों में आयरन की कमी को दूर किया जा सके। आयरन की कमी की वजह से ड्राई स्किन, सफेद बाल, नाखूनों का सफेद होना। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की मृत्यु जैसी घटनाएं हो जाती हैं।
एनेमिक मां से बच्चे का दिमाग और शरीर दोनों कमजोर रहता है। इसलिए फोर्टिफाइड चावल के सेवन से महिलाओं एवं बच्चों में आयरन की कमी को दूर किया जा सकेगा।
इम्यूनिटी करता है बूस्ट –
फोर्टीफाइड चावल का इस्तेमाल कर से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। अर्थात इम्यूनिटी बूस्टर की तरह फोर्टीफाइड चावल काम करता है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी, जिंक जैसे तत्व होते हैं। जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और शरीर बीमारियों से बचा रहता है। फोलिक एसिड महिलाओं के लिए सबसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स माना जाता है।
फोलिक एसिड शरीर की कोशिकाओं का विकास करता है। यह रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करता है। जिससे फेफड़ा शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में सक्षम होता है और शरीर अंदरुनी रूप से स्वस्थ बनता है। इस तरह से फोलिक एसिड हमारे शरीर के सभी सेल्स को स्वस्थ बनाता है।
फोर्टीफाइड चावल कैसे खाया जाता है ( How to eat fortified rice in Hindi ) :-
फोर्टीफाइड चावल के नाम से ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि यह सामान्य चावल से अलग है। इसलिए इसे अलग तरीके से खाया जाता होगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है यहां नॉर्मल चावल की तरह ही खाया जाता है।
इसे पकाने के लिए भी किसी विशेष प्रक्रिया की जरूरत नहीं होती है। बस फोर्टीफाइड चावल को बनाने के लिए बनाने से पहले सामान्य चावल की तरह अच्छे से साफ करें। स्वच्छ पानी में इसे अच्छे से धो लें। चावल की मात्रा के अनुसार पानी डालें और पकाएं।
फोर्टीफाइड चावल में पोषक तत्वों की मौजूदगी की वजह से यह कुपोषण से लड़ने में मददगार है। इसी उम्मीद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में फोर्टीफाइड चावल वितरित करने की योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली व मिड डे मील के तहत बनाई है। जिससे भारत कुपोषण और भुखमरी से लड़ सके और दुनिया के सामने एक स्वस्थ्य देश के रूप में उभर सके।
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अब गरीबों को मिलेगा Fortified Rice, जानिए क्या होता है ये और सेहत के लिए कितना फायदेमंद है
फोर्टिफाइड राइस में सूक्ष्म पोषक तत्व की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. जिस तरह साधारण समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर उसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है, चावल को फोर्टिफाइड बनाना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया है..
PM Narendra Modi Announcement- Fortified Rice will be Given to Public: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले हमारे देश में लगभग हर दूसरी महिला एनीमिया से जूझ रही है, जबकि हर चौथा बच्चा कुपोषण से ग्रसित है. आंकड़े बताते हैं कि 70 फीसदी लोगों को जरूरी पोषक तत्वों का 50 फीसदी भी नहीं मिल पाता है. कुपोषण के कारण देश में 5 वर्ष तक के बच्चों की 68 फीसदी आबादी जिंदा नहीं रह पाती. 5 वर्ष से पहले ही उनकी मौत हो जाती है.
कुपोषण की वजह से प्रोडक्टिविटी, बीमारी और मृत्यु से सालाना 7400 करोड़ रुपये के बराबर क्षति होती है. कुपोषण के कारण शारीरिक रूप से कमजोर लोग, एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में 20 फीसदी कम कमाई कर पाने के लायक रहते हैं. ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश के लिए कुपोषण एक गंभीर समस्या है. इसी चुनौती से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने गरीबों को फाेर्टिफाइड राइस यानी पोषणयुक्त चावल दिए जाने की बात कही है.
पीएम मोदी ने की है घोषणा
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को फोर्टिफाइड चावल दिए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि देश के हर गरीब व्यक्ति तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है. केंद्र सरकार अपनी अलग योजना के तहत जो चावल गरीबों को देती है उसे पोषणयुक्त चावल दिया जाएगा.
स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय समारोह में उन्होंने कहा कि गरीबों को जो चावल दिया जाएगा, उसे सरकार फोर्टिफाई करेगी. लोगों को पोषणयुक्त चावल मिलेगा. यह चावल चाहे राशन की दुकान पर मिले, चाहे मिड-डे मील में या चाहे साल 2024 तक आने वाली किसी अन्य योजना के माध्यम से मिले, यह सारा चावल फोर्टिफाइड होगा.
क्या होता है फोर्टिफाइड राइस?
फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल. इसमें आयरन, विटामिन B-12, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं. पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा की वजह से फोर्टिफाइड राइस की न्यूट्रीशनल वैल्यू भी काफी ज्यादा होती है. यानी इस चावल का सेवन करने वाले लोग कुपोषण का शिकार नहीं होंगे. सरकार का उद्देश्य भी यही है. कुपोषण दूर करने के लिए ही तो केंद्र सरकार ने फोर्टिफाइड राइस को जरिया बनाने का निर्णय लिया है.
कैसे तैयार होता है फोर्टिफाइड चावल?
फोर्टिफाइड राइस में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. जिस तरह साधारण समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर उसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है, चावल को फोर्टिफाइड बनाना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाया जाता है. चावल का फोर्टिफिकेशन, चावल में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने और चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार करने का बेहतरीन तरीका है.
क्या हैं फोर्टिफाइड राइस के फायदे?
फोर्टिफाइड राइस के कई फायदे हैं. फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया के जरिये कम से कम जोखिम के साथ लोगों में कुपोषण को दूर कर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा दी जा सकती है. यह चावल लोगों के खाने के साथ-साथ दवा की तरह भी काम कर सकता है. इस चावल का सेवन करने से कुपोषण की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी. इस तरह के चावल में पाए जाने वाले आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन-ए, विटामिन-बी वगैरह शरीर की न्यूट्रीशनल वैल्यू बढ़ा देते हैं. इसका सेवन करने से खासकर बच्चों और महिलाओं के स्वस्थ विकास में खूब मदद मिलेगी.
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Fortified Rice Benefits: कुपोषण के खिलाफ जंग में प्रभावी हथियार बनेगा फोर्टिफाइड चावल, जानें क्या है फोर्टिफाइड चावल और इसके फायदे
नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के मुताबिक, देश के करीब 65 फीसद लोग भोजन में चावल का उपयोग करते हैं। ऐसे में फोर्टिफाइड चावल कुपोषण के खिलाफ जंग (Fortified Rice Benefits) में प्रभावी भूमिका निभा सकेगा।
Fortified Rice Benefits in Hindi: खानपान की सुरक्षा के साथ ही पोषण की सुरक्षा भी जरूरी होती है। खासकर, सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता को ध्यान में रखते हुए यह बात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। स्वस्थ्य और सशक्त भारत के लिए कुपोषण (Malnutrition in India) दूर करना अनिवार्य शर्त है। इस बाबत पहले भी कई प्रयास हो चुके हैं, पर इनको अपेक्षित सफलता नहीं मिली। पहली बार योगी सरकार ने इस बाबत ठोस पहल की है। इसके लिए लोगों के सबसे पसंदीदा भोजन चावल (Rice benefits) को ही हथियार बनाया है। यह फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice Benefits) लोगों का भोजन भी होगा और दवा भी।
फोर्टिफाइड चावल में मौजूद पोषक तत्व
इसमें जरूरी मात्रा में मौजूद आयरन, जिंक, विटामिन ए, बी-1, बी-12, तथा फॉलिक एसिड के अलावा जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व भी मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकांक्षात्मक जिला चंदौली से इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। फरवरी से चंदौली की राशन की सभी दुकानों से सिर्फ फोर्टिफाइड चावल ही मिलेगा। साल के अंत तक प्रदेश की सभी राशन की दुकानों पर यह चावल उपलब्ध होगा। लोग इसका प्रयोग करें, इसके लिए सरकार इस चावल की खूबियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करेगी। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाएगी। चावल की खूबियों को लोग जानें और इसकी कालाबाजारी न हो इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी भी नियुक्त होंगे।
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विशेषज्ञों के अनुसार, इस चावल में सामान्य चावल पर ही एक परत के रूप में जरूरी मात्रा में आयरन, विटामिन्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों का कोट चढ़ाना होता है। इस प्रक्रिया से चावल को प्रसंस्कृत करने का लाभ मिलर्स को भी होगा। इससे एमएसएमई सेक्टर में स्थानीय स्तर पर रोजी-रोजगार के अवसर भी बढेंगे। साथ ही सिद्धार्थनगर का कालानमक जिसमें परंपरागत चावल की तुलना में जिंक एवं आयरन अधिक है, उनकी भी लोकप्रियता और मांग बढ़ेगी। इसका लाभ यहां के किसानों को बढ़ी आय के रूप में मिलेगा।
चावल भी नहीं छोड़ना और वजन भी है घटाना, तो इस तरह खाएं चावल
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fortified rice Current Affairs
2024 तक सभी योजनाओं के तहत फोर्टीफाईड चावल (fortified rice) प्रदान किया जाएगा.
75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए , प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न योजनाओं के तहत गरीबों को फोर्टिफाइड चावल (fortified rice) उपलब्ध कराने की घोषणा की। मुख्य बिंदु यह निर्णय भारत में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए लिया गया है। भारत के हर गरीब व्यक्ति को पोषण उपलब्ध कराना सरकार की
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Fortified rice benefits: अगर आपके चावल में कुछ दाने प्लास्टिक जैसे मोटे या ज्यादा सफेद लग रहे हैं, तो जानिए आप इनकी पहचान कैसे कर सकते हैं।.
फोर्टिफाइड चावल क्या है
FSSAI के निर्देश के अनुसार, चावल में सूक्ष्म पोषक तत्वों को सही मात्रा में मिलाया जा रहा है। इन चावल को फोर्टिफाइड चावल कहा जाता है। फोर्टिफाइड चावल के दाने चावल का पाउडर और विटामिन बी12, फोलिक एसिड और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को सही मात्रा में मिलाकर बनाए जाते हैं।
चावल में प्लास्टिक या फोर्टिफाइड चावल
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चावल खाने के फायदे
चावल में कैसे मिक्स किये जाते हैं फोर्टिफाइड चावल.
एफएसएसएआई का मानना है कि फोर्टिफाइड चावल के एक दाने को आम चावल के 100 दानों में यानी 1:100 के अनुपात से मिक्स किया जाता है।
थोड़े कड़क लेकिन प्लास्टिक नहीं होते फोर्टिफाइड चावल
वास्तव में पोषक तत्वों को मिक्स किए जाने के बाद फोर्टिफाइड चावल का रंग और आकार थोड़ा अलग हो जाता है और यह देखने में प्लास्टिक की तरह लगते हैं। इतना ही नहीं, यह बनने के बाद थोड़े कड़क भी दिखते हैं जिनसे आप बॉल भी बना सकते हैं। पके चावल में 80 फीसदी स्टार्च होता है और उसमें कार्बोहाइड्रेट और पोटैशियम की मात्रा भी अधिक होती है जिससे यह चिपकता है।
फोर्टिफाइड चावल कैसे पकाए जाते हैं
इन चावल को स्टोर करने और पकाने का तरीका भी आम चावल की तरह ही है। बेशक यह देखने में अलग लगते हैं लेकिन इनका स्वाद भी आम चावल की तरह ही है।
फोर्टिफाइड चावल के लाभ
संस्था का मानना है कि फोर्टिफाइड चावल को रोजाना की भोजन में शामिल करना चाहिए ताकि आपको सही पोषण मिल सके। ध्यान रहे कि इन चावल में विटामिन बी12, फोलिक एसिड और आयरन जैसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों से बचाने में सहायक हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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Fortified Rice Distribution: दूसरे चरण में 291 जिलों में बंटेगा फोर्टिफाइड चावल
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में 90 जिलों में फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना पर अमल किया जाना है। फोर्टिफाइड चावल में आयरन फोलिक एसिड और बी-12 का मिश्रण होता है। वर्ष 2024 तक देश के सभी जिलों में लागू यह योजना हो जाएगी।
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Explained: What is fortified rice, and how is it prepared?
The food safety and standards authority of india (fssai) defines fortification as "deliberately increasing the content of essential micronutrients in a food so as to improve the nutritional quality of food and to provide public health benefit with minimal risk to health"..
The Union Cabinet on Friday (April 8) approved a scheme to distribute fortified rice under government programmes. Food Corporation of India and state agencies have already procured 88.65 LMT (lakh tonnes) of fortified rice for supply and distribution.
In last year’s Independence Day speech, Prime Minister Narendra Modi had announced the fortification of rice distributed under various government schemes, including the public distribution system (PDS) and midday meals in schools, by 2024.
What is rice fortification?
The Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) defines fortification as “deliberately increasing the content of essential micronutrients in a food so as to improve the nutritional quality of food and to provide public health benefit with minimal risk to health”.
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Various technologies are available to add micronutrients to regular rice, such as coating, dusting, and ‘extrusion’. The last mentioned involves the production of fortified rice kernels (FRKs) from a mixture using an ‘extruder’ machine. It is considered to be the best technology for India.
The fortified rice kernels are blended with regular rice to produce fortified rice.
How does the extrusion technology to produce FRK work?
Dry rice flour is mixed with a premix of micronutrients, and water is added to this mixture. The mixture is passed through a twin-screw extruder with heating zones, which produces kernels similar in shape and size to rice. These kernels are dried, cooled, and packaged for use. FRK has a shelf life of at least 12 months.
As per guidelines issued by the Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, the shape and size of the fortified rice kernel should “resemble the normal milled rice as closely as possible”. According to the guidelines, the length and breadth of the grain should be 5 mm and 2.2 mm respectively.
But why does rice have to be fortified in the first place?
India has very high levels of malnutrition among women and children. According to the Food Ministry, every second woman in the country is anaemic and every third child is stunted.
Fortification of food is considered to be one of the most suitable methods to combat malnutrition. Rice is one of India’s staple foods, consumed by about two-thirds of the population. Per capita rice consumption in India is 6.8 kg per month. Therefore, fortifying rice with micronutrients is an option to supplement the diet of the poor.
What are the standards for fortification?
Under the Ministry’s guidelines, 10 g of FRK must be blended with 1 kg of regular rice.
According to FSSAI norms, 1 kg of fortified rice will contain the following: iron (28 mg-42.5 mg), folic acid (75-125 microgram), and vitamin B-12 (0.75-1.25 microgram). Rice may also be fortified with zinc (10 mg-15 mg), vitamin A (500-750 microgram RE), vitamin B-1 (1 mg-1.5 mg), vitamin B-2 (1.25 mg-1.75 mg), vitamin B-3 (12.5 mg-20 mg) and vitamin B-6 (1.5 mg-2.5 mg) per kg.
Does fortified rice have to be cooked differently?
The cooking of fortified rice does not require any special procedure. The rice needs to be cleaned and washed in the normal way before cooking. After cooking, fortified rice retains the same physical properties and micronutrient levels as it had before cooking.
What is India’s capacity for fortification?
At the time of the PM’s announcement last year, nearly 2,700 rice mills had installed blending units for production of fortified rice, and India’s blending capacity stood at 13.67 lakh tonnes in 14 key states, according to figures provided by the Ministry. FRK production had increased rapidly from 7,250 tonnes to 60,000 tonnes within 2 years.
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The cost of upgrading an existing rice mill varies in accordance with the volume of fortified rice produced. An investment of Rs 15-20 lakh would be required to upgrade a rice mill of operating capacity 4-5 tonnes/hour, the Ministry had said last year. The Ministry had estimated that the cost of producing FRK with iron, folic acid, and vitamin B-12 would be around Rs 0.60 per kg.
How can a beneficiary distinguish between fortified rice and regular rice?
Fortified rice will be packed in jute bags with the logo (‘+F’) and the line “Fortified with Iron, Folic Acid, and Vitamin B12”.
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Harikishan Sharma, Senior Assistant Editor at The Indian Express' National Bureau, specializes in reporting on governance, policy, and data. He covers the Prime Minister’s Office and pivotal central ministries, such as the Ministry of Agriculture & Farmers’ Welfare, Ministry of Cooperation, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, Ministry of Rural Development, and Ministry of Jal Shakti. His work primarily revolves around reporting and policy analysis. In addition to this, he authors a weekly column titled "STATE-ISTICALLY SPEAKING," which is prominently featured on The Indian Express website. In this column, he immerses readers in narratives deeply rooted in socio-economic, political, and electoral data, providing insightful perspectives on these critical aspects of governance and society. ... Read More
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Fortification of Rice: Process, requirement, advantages and motive of Indian Govt explained
Prime minister narendra modi announced that fortification of rice would be started in india. it is the fifth food to be fortified after wheat, milk, salt and edible oil. take a look at the details of the process here. .
PM Modi in his Independence Day announced that the rice distributed under various government schemes like Public Distribution System (PDS) and Mid-Day meal will be fortified by 2024.
Fortification of Rice and Public Distribution System
- It is a pilot scheme sponsored by the Central Government.
- It has the budget outlay of INR 174.6 crore.
- A total of 130 lakh metric tonnes of food grain is being provided to 112 districts identified.
- The rice would be distributed through various schemes like PDS, MDM and Integrated Child Development Schemes (ICDS).
- The quantity of the fortified rice would be scaled up to at least 350 LMT.
- This covers the entire PDS rice supply lines across the country.
- An additional 31 LMT of rice is supplied through ICDS and MDM which would help 8.5 crore beneficiaries under the ICDS and 10.4 crore under MDM.
- This means 381 LMT of rice needs to be fortified.
- Take a look at the nutrients in fortified rice below
What is meant by Fortification?
As per the WHO, the process of increasing the content of an essential micronutrient, mainly vitamins or minerals, in any food item that can help in the improvement of its nutritional value and provide public health benefits at minimal cost is called fortification.
Fortification: Requirement in India
Micro nutrient malnutrition is basically the shortage of essential vitamins and minerals. This affects people frequently but does not show any clinical symptoms. However the consequences are long lasting hence it is called hidden hunger. Fortification would end this thing.
Hidden hunger makes the people more prone to infectious diseases, hampers their growth physically as well as mentally and increases the risk of premature death along with various other ailments
Also India is home to about 60% of world's anaemic preschool children and b also 50% of anaemic pregnant women, which makes fortification all the more necessary.
As per the report of National Nutrition Monitoring, more than 50% of the population across any age group consumes less than 50% of the iron, zinc, vitamin A, folate and Vitamin B.
Observer research Foundation suggests that every dollar spent on nutritional interventions in India could generate 34.1-38.6 UDS in the public economy. This is three times the global average.
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Fortified Rice:
GS Paper 3:
Topics Covered: Issues relating to poverty and hunger.
The Centre has distributed 3.38 lakh metric tonnes of fortified rice till December 2021 through anganwadis and mid-day meals at government schools, according to the Economic Survey.
Efforts by Government in this regard:
- In 2019, the government approved a Centrally sponsored pilot scheme for fortification of rice for a period of three years beginning 2019-2020. The scheme is being implemented in 15 districts across as many States.
- Last year, during his Independence Day speech, Prime Minister Narendra Modi announced that by 2024 rice made available under every government programme will be fortified to fight malnutrition.
- The government ramped up distribution of fortified rice last year across anganwadis under the Integrated Child Development Scheme (now rechristened Saksham anganwadi and Poshan 2.0 ) as well as mid-day meal scheme implemented at schools (renamed as PM Poshan).
- Public health experts have however raised concerns over fortification of rice as an effective tool to fight malnutrition and have said diversification of diet is more important.
- Many also argue that iron fortified rice along with ongoing government schemes that provide iron supplements could lead to excessive intake of iron and lead to risk of diabetes, hypertension and high cholesterol.
Need for Rice fortification:
- The country has high levels of malnutrition among women and children.
- According to the Food Ministry, every second woman in the country is anaemic and every third child is stunted.
- India ranks 94 out of 107 countries and is in the ‘serious hunger’ category on the Global Hunger Index (GHI).
- Malnutrition and lack of essential nutrients in poor women and poor children poses major obstacles in their development.
What is food fortification?
Food fortification is defined as the practice of adding vitamins and minerals to commonly consumed foods during processing to increase their nutritional value.
Fortified rice:
According to the Food Ministry, fortification of rice is a cost-effective and complementary strategy to increase vitamin and mineral content in diets.
- According to FSSAI norms, 1 kg fortified rice will contain iron (28 mg-42.5 mg), folic acid (75-125 microgram) and Vitamin B-12 (0.75-1.25 microgram).
- In addition, rice may also be fortified with micronutrients, singly or in combination, with zinc (10 mg-15 mg), Vitamin A (500-750 microgram RE), Vitamin B1 (1 mg-1.5 mg), Vitamin B2 (1.25 mg-1.75 mg), Vitamin B3 (12.5 mg-20 mg) and Vitamin B6 (1.5 mg-2.5 mg) per kg.
What are the benefits of Fortification?
Since the nutrients are added to staple foods that are widely consumed, this is an excellent method to improve the health of a large section of the population, all at once.
- Fortification is a safe method of improving nutrition among people . The addition of micronutrients to food does not pose a health risk to people.
- It does not require any changes in food habits and patterns of people. It is a socio-culturally acceptable way to deliver nutrients to people.
- It does not alter the characteristics of the food —the taste, the feel, the look.
- It can be implemented quickly as well as show results in improvement of health in a relatively short period of time.
- This method is cost-effective especially if advantage is taken of the existing technology and delivery platforms.
Insta Curious:
What is Biofortification? How is it different from fortification? Reference: read this .
InstaLinks:
Prelims Link:
- Bio fortification vs Genetic modifications.
- Micro vs Macronutrients.
- Approval for Biofortified and GM crops in India.
- GM crops allowed in India.
Mains Link:
What do you understand by fortification of foods? Discuss its advantages.
Sources: Indian Express.
- Our Mission, Vision & Values
- Director’s Desk
- Commerce & Accountancy
- Previous Years’ Question Papers-Prelims
- Previous Years’ Question Papers-Mains
- Environment & Ecology
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What is fortified rice: केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को 2024 तक मिड-डे-मिल सहित सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल बांटने की मंजूरी दी. क्या होता है फोर्टिफाइड राइस ...
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Fortified Rice Benefits: अगर आपके चावल में कुछ दाने प्लास्टिक जैसे मोटे या ज्यादा सफेद लग रहे हैं, तो जानिए आप इनकी पहचान कैसे कर सकते हैं।
Elements like vitamin B2, B3 and iron have been included in this fortified rice. According to FSSAI, one kilogram of fortified rice is mixed with 50 kilograms of normal rice. There is a deficiency of nutrients like Vitamin B6, B3 and Vitamin E at the time of polishing of rice in rice meal. For this, the government has decided to distribute ...
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Fortification of food is considered to be one of the most suitable methods to combat malnutrition. Rice is one of India's staple foods, consumed by about two-thirds of the population. Per capita rice consumption in India is 6.8 kg per month. Therefore, fortifying rice with micronutrients is an option to supplement the diet of the poor.
To examine effect of fortified rice on nutritional status of population, its supplementation studies in Indian government's social safety programmes were reviewed. The reviewed studies showed that supplementation of fortified rice was significantly effective in reducing prevalence of anaemia, increase in haemoglobin level, and improvement in ...
According to the Food Ministry, fortification of rice is a cost-effective and complementary strategy to increase vitamin and mineral content in diets. According to FSSAI norms, 1 kg fortified rice will contain iron (28 mg-42.5 mg), folic acid (75-125 microgram) and Vitamin B-12 (0.75-1.25 microgram). In addition, rice may also be fortified with ...