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10 Lines on Neem Tree in Hindi। नीम के पेड़ पर 10 लाइन निबंध

10 Lines on Neem Tree in Hindi

नीम एक वृक्ष का नाम है। नीम अपने कड़वे स्वाद के लिए भी जाना जाता है। नीम के पेड़ के बहुत से औषधिये गुण होते है। नीम के पेड़ से वायु शुद्ध होती है। Neem Tree Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “नीम के पेड़ पर 10 लाइन निबंध” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ‘10 lines on Neem Tree in hindi‘ में पढ़ेंगे।

  •  नीम भारत में उगने वाले एक वृक्ष का नाम है।
  •  नीम के पेड़ का वैज्ञानिक नाम Azadirachta indica है।
  •  नीम के पेड़ की उचाई 50 फुट से लेकर 130 फुट तक हो सकती है।
  •  नीम वृक्ष के फूल सफ़ेद और खुशबूदार होते है ।
  •  नीम पेड़ का फल छोटे गोल आकर का होता है।
  •  नीम के फल को निम्बोरी या निम्बोली बोला जाता है।
  •  नीम के पेड़ की पत्तियों, छाल और फल आदि का स्वाद कड़वा होता है।
  •  नीम भारत के राज्य आँध्रप्रदेश का राजकीय वृक्ष है।
  •  नीम के पेड़ से अनेको दवाइया बनायीं जाती है।
  •  नीम का पेड़ किसी वरदान से कम नहीं है।

हमें आशा है आप सभी को Neem Tree in hindi पर छोटा सा लेख पसंद आया होगा। आप इस लेख को अपने स्कूल में 10 lines about Neem Tree in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

नीम के पेड़ पर निबंध

Essay on Neem Tree in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज हम आप सभी लोगों को अपने इस महत्वपूर्ण निबंध के माध्यम से भारत के पुराने और सबसे ज्यादा पाए जाने वाले पेड़ “नीम के पेड़ पर निबंध” के विषय में बताने वाले हैं। दोस्तों नीम का पेड़ हमारे भारत में औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है। नीम के पेड़ का जीवनकाल बहुत ही लंबा होता है और यह पेड़ काफी तेजी से वृद्धि करता है और इसके साथ-साथ काफी लंबे समय तक जीवित रहता है।

Essay-on-Neem-Tree-in-Hindi

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी लोगों को नीम के पेड़ पर निबंध के विषय में ही बताने वाले हैं। यदि आप नीम के पेड़ पर निबंध जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख के साथ अंत तक अवश्य बने रहे क्योंकि इस लेख में आप सभी लोगों को नीम के पेड़ पर 250 शब्दों में और 850 शब्दों में निबंध जानने को मिलेगा।

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नीम के पेड़ पर निबंध | Essay on Neem Tree in Hindi

नीम के पेड़ पर निबंध (250 शब्द).

दोस्तों नीम का पेड़ हमारे भारत में सर्वाधिक पाया जाने वाला एक ऐसा पेड़ है, जो कि लगभग 50 फीट तक लंबा हो सकता है और यह हमारे देश में महत्वपूर्ण औषधियों के रूप में भी उपयोग किया जाता है। नीम के पेड़ का जीवन काल बहुत ही लंबा होता है। यह पेड़ बहुत ही तेजी से वृद्धि करते हैं और काफी शुभ भी माने जाते हैं। हमारे भारत में नीम के पेड़ को माता दुर्गा का निवास स्थान माना जाता है और इसीलिए इसकी पूजा भी की जाती है।

यदि हम इसके साइंटिफिक रीजन को देखें तो पता चलेगा कि पुराने समय के लोगों ने यह प्रथा इसलिए बनाई थी क्योंकि नीम के पेड़ का उपयोग औषधियों के रूप में किया जाता है और इसी कारण से इसे बचाए रखने के लिए इसमें समय-समय पर जल की आवश्यकता पड़ती है और इसीलिए इसे माता दुर्गा का निवास स्थान कहा गया, ताकि लोग प्रतिदिन जल समर्पित करें और इस पेड़ को जीवित रखें।

दोस्तों नीम का पेड़ एक ऐसा पेड़ है जिसे केवल मरुस्थलीय क्षेत्रों को छोड़कर पूरे संसार में कहीं पर भी उगाया जा सकता है। नीम का पेड़ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे संसार में सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला पेड़ हो गया है और यह पेड़ सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में पाए जाते हैं। दोस्तों यदि हम आपको बता दें तो नीम के पेड़ को जीवित रहने के लिए ज्यादा धूप और कम पानी की आवश्यकता होती है और यही कारण है कि इसे किसी भी क्षेत्र में आसानी से उगाया जा सकता है।

नीम के पेड़ पर निबंध (850 शब्द)

दोस्तों नीम का पेड़ भारत में सर्वाधिक पाया जाने वाला पेड़ है और भारत में नीम के पेड़ को एक औषधीय पौधा माना जाता है क्योंकि इसके उपयोग के अनेकों लाभ हैं। यदि हम नीम के पत्तों को पानी में उबालकर और पानी को ठंडा करके प्रतिदिन नहाते हैं तो चर्म रोग जैसी समस्याएं हमसे हमेशा दूर रहती हैं।

नीम की पत्तियों के साथ-साथ नीम का तेल भी बहुत ही ज्यादा लाभकारी सिद्ध होता है। नीम के तेल को निकालने के लिए पहले बीजों से उसकी गुठलियों को निकाल लिया जाता है और बाद में इससे मशीनों के द्वारा तेल निकाला जाता है। यदि हम आपकी जानकारी के लिए बता दे, तो एक गुठली में लगभग 50% तक तेल होता है।

नीम के पौधे की उत्पत्ति

नीम के पौधे की उत्पत्ति बहुत ही पुराने समय में हो गई थी। इसकी उत्पत्ति बर्मा नामक एक पौधे से हुई थी। बर्मा बहुत ही पुराने समय में पाया जाने वाला एक पौधा हुआ करता था, जो कि एक औषधीय पौधा था। इस पौधे को शंकरण कराने के बाद एक पौधा प्राप्त हुआ था, जिसे नीम नाम दे दिया गया और यह पौधा भी अपने अंदर औषधीय गुण रखता है और इतना ही नहीं यह पौधा बर्मा के पौधे से भी ज्यादा औषधीय गुण सकता है।

नीम के पौधे का अन्य नाम

नीम के पौधे को एक चमत्कारी वृक्ष भी कहा जाता है। नीम के पौधे को भारत में निंबा और नीब के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ-साथ संस्कृत में नीम के पौधे को अरिष्ट कहा जाता है, इसका हिंदी में मतलब बीमारी से राहत दिलाना होता है। इतना ही नहीं इस पौधे का एक अन्य नाम भी है, जिसे मार्गोसा भी कहते हैं और इसी नाम को कॉपी करके एक साबुन की कंपनी मार्गो भी बनी।

नीम के पौधे का सांस्कृतिक महत्व

नीम का पौधा हमारे भारत में सभी क्षेत्रों में पाया जाता है और यह भी कहा जाता है कि यदि किसी के घर में नीम का पेड़ लगा हुआ है तो वह उस घर के लोगों के लिए स्वर्ग का मार्ग सुनिश्चित कर देता है और इसके साथ-साथ यह भी कहा जाता है कि नीम के पौधे में माता दुर्गा का वास होता है और इसी कारण से बुरी आत्माओं का साया घर से कोसों दूर रहता है।

नवजात शिशु को नीम के पत्ते पर रखा जाता है, इसका पौराणिक महत्व यह है, कि नीम के पत्ते को सुलाने से बच्चा माता दुर्गा की गोद में रहता है और सुरक्षित रहता है, परंतु इसका साइंटिफिक रीजन कुछ और है बच्चे को नीम के पत्तों पर रखने का मतलब यह है, कि उसके शरीर पर कोई वाह री बैक्टीरिया या फिर वायरस अटैक नहीं कर पाता और बच्चा सुरक्षित रहता है।

नीम के अलग-अलग भागों का उपयोग

हम आप सभी लोगों को बता देना चाहते हैं कि नीम के पत्ते और गोपियों के साथ साथ नीम के हर एक भागो का उपयोग औषधि के रूप में और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पूजा पाठ में किया जाता है। आइए हम सभी लोग अब जानते हैं, कि नीम के अलग-अलग भागों का उपयोग कहां कहां किया जाता है?

नीम के पत्ते का उपयोग

दोस्तों नीम के पेड़ के सबसे ज्यादा सक्रिय तत्व होते हैं क्योंकि इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। हम आपकी जानकारी के लिए बता दूं, तो नीम का पौधा एक बहुमुखी रक्षणीय पौधा है क्योंकि यह सदाबहार वृक्षों में से एक है। आप सभी लोग नीम की पत्तियों का उपयोग घरेलू उपचार के रूप में आसानी से कर सकते हैं।

आप नीम की पत्तियों का उपयोग टूथपेस्ट, स्किन केयर प्रोडक्ट, हेयर ऑयल में नीम की पत्तियों का उपयोग और अर्क का इस्तेमाल और इसके साथ-साथ आप बहुत सारी औषधियों के रूप में नीम की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं।

नीम के छाल का उपयोग

दोस्तों आप सभी लोग नीम की पत्तियों के साथ-साथ नीम के छाल का भी उपयोग औषधियों के रूप में और प्राथमिक चिकित्सा के रूप में कर सकते हैं।

यदि आपको कहीं चोट लग जाए और आप उसे घरेलू उपचार के तहत ठीक करना चाहे, तो आप सभी लोग नीम के छाल को उतारकर किसी पत्थर पर हल्के से पानी को रखकर रगड़ी और इसके बाद जो पेस्ट बनकर तैयार हो उसे आप अपने चोट पर लगाएं। यदि आप ऐसा करेंगे तो इंफेक्शन नहीं खेलेगा और आपका चोट जल्द से जल्द ठीक भी हो जाएगा।

नीम के बीज का उपयोग

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बता दिया कि आप सभी लोग नीम के बीजों का उपयोग तेल के रूप में कर सकते हैं और दोस्तों आइए हम आपको विस्तार पूर्वक से समझाते हैं। यदि आप सभी लोगों को नीम के बीज का तेल निकलवाना है तो सबसे पहले आपको नीम के बीज इकट्ठा करने होंगे और इन्हें हल्का सा धूप लगवाने के बाद रख लेना है।

जब आपके पास पर्याप्त मात्रा में नीम के बीज हो जाएं तो उसे तेल निकालने वाली मशीनो तक पहुंचाना है और अब आपको मशीनों के द्वारा तेल निकाल कर दे दिया जाएगा। जिसका उपयोग आप सभी लोग अपने चरम रोग को दूर करने के लिए कर सकते हैं।

नीम का पौधा भारत के अरे क्षेत्रों में पाया जाता है और इसे बहुत ही सांस्कृतिक और चमत्कारी पौधा माना जाता है, क्योंकि लोगों का मानना है, कि नीम के पौधे पर देवियों का वास होता है और यह पौधा बुरी आत्माओं से हमें बचाता है और इसके साथ-साथ नीम के पौधे को औषधि के रूप में भी उपयोग करते हैं।

हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आप सभी लोगों को हमारे द्वारा लिखा गया यह नीम के पेड़ पर निबंध (Essay on Neem Tree in Hindi) महत्वपूर्ण लेख अवश्य ही पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा यह लेख वाकई में पसंद आया हो, तो कृपया इसे शेयर करें और यदि आपके मन में इस लेख को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सवाल या फिर सुझाव है, तो कमेंट बॉक्स में हमें अवश्य बताएं।

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नीम के पेड़ पर निबंध - Essay on Neem Tree in Hindi

नीम के पेड़ पर निबंध - Essay on Neem Tree in Hindi: नीम का पेड़ (Azadirachta indica) एक सदाबहार पेड़ है जो भारत और दक्षिण एशिया के अन्य भागों में पाय

नीम के पेड़ पर निबंध - Essay on Neem Tree in Hindi

नीम का पेड़ (Azadirachta indica) एक सदाबहार पेड़ है जो भारत और दक्षिण एशिया के अन्य भागों में पाया जाता है। यह लंबे समय से अपने औषधीय गुणों के लिए महत्वपूर्ण रहा है, यही कारण है कि नीम का उपयोग विभिन्न प्रकार की पारंपरिक और आधुनिक दवाओं में किया जाता है। इस निबंध में हम नीम के पेड़ के कई लाभों और इसके विभिन्न उपयोगों के बारे में जानेंगे।

नीम के औषधीय गुण

नीम का पेड़ अपने कई औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसकी पत्तियों, छाल, बीजों और तेल का उपयोग सदियों से पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में त्वचा के संक्रमण से लेकर पाचन संबंधी विकारों तक कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। नीम में एज़ाडिरेक्टिन, निम्बिन और निम्बिडिन जैसे यौगिक होते हैं, जिनमें जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं।

नीम के सबसे प्रसिद्ध उपयोगों में से एक दंत स्वास्थ्य है। नीम की टहनियों को सदियों से एक प्राकृतिक टूथब्रश के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, क्योंकि ये प्लाक को हटाने और दांतों की सड़न को रोकने में मदद करती हैं। नीम के तेल और नीम की छाल के अर्क का उपयोग आधुनिक ओरल केयर उत्पादों जैसे टूथपेस्ट और माउथवॉश में भी किया जाता है।

नीम: त्वचा और बालों की देखभाल

नीम त्वचा और बालों की देखभाल के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसके जीवाणुरोधी और विरोधी भड़काऊ गुण इसे मुँहासे, एक्जिमा और त्वचा की अन्य समस्याओं के लिए एक प्रभावी उपचार बनाते हैं। नीम के तेल को एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, और इसके एंटीफंगल गुण इसे रूसी और अन्य खोपड़ी की समस्याओं के खिलाफ प्रभावी बनाते हैं।

इसके अलावा, नीम एक प्राकृतिक कीट नाशक है और इसका उपयोग अक्सर साबुन, शैंपू और अन्य उत्पादों में जूँ, पिस्सू और अन्य कीटों को भगाने के लिए किया जाता है। नीम का उपयोग कीड़े के काटने और डंक मारने के इलाज के लिए भी किया जाता है।

नीम के कृषि उपयोग

नीम के पेड़ का व्यापक रूप से कृषि में भी उपयोग किया जाता है। नीम का तेल एक प्राकृतिक कीटनाशक है और इसका उपयोग अक्सर फसलों को एफिड्स, मिलीबग और कैटरपिलर जैसे कीटों से बचाने के लिए किया जाता है। मोल्ड और फफूंदी के विकास को रोकने के लिए इसे कवकनाशी के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके अलावा, नीम की खली (नीम का तेल निकालने के बाद बचा हुआ अवशेष) का उपयोग प्राकृतिक खाद के रूप में किया जाता है। इसमें उच्च स्तर के नाइट्रोजन, फास्फोरस और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल की पैदावार में सुधार करने में मदद करते हैं।

नीम के पेड़ पर निबंध - पर्यावरणीय लाभ

नीम के पर्यावरणीय लाभ

नीम का पेड़ पर्यावरण के लिए बहुत ही फायदे मंद है। इसे बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है और यह खराब मिट्टी में भी बढ़ सकता है, जिससे यह सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श पेड़ बन जाता है। इसके अलावा, नीम का मिट्टी के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया है, क्योंकि यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और कटाव को कम करने में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष

नीम का पेड़ वास्तव में बड़ा उपयोगी पेड़ है, जिसका औषधि, कॉस्मेटिक और कृषि अआदी में उपयोग किया जाता है। इसके जीवाणुरोधी, एंटिफंगल और एंटीवायरल गुण नीम को आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है, जबकि इसके कीट-प्रतिकारक और मिट्टी में सुधार करने वाले गुण इसे किसानों और पर्यावरणविदों के लिए उपयुक्त बनाते हैं। 

नीम से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न: क्या नीम दैनिक उपयोग के लिए सुरक्षित है.

उ: हां, नीम को आमतौर पर व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में उपयोग के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि नीम का इस्तेमाल हमेशा कम मात्रा में ही करें और अगर आपके शरीर पर एलर्जी की प्रतिक्रिया नहीं है तो आप इसे नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रश्न: क्या नीम का तेल फंगल संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है?

उत्तर: हां, नीम के तेल में ऐंटिफंगल गुण होते हैं और यह एथलीट फुट और दाद जैसे फंगल संक्रमण के इलाज में प्रभावी हो सकता है।

प्रश्न: नीम का तेल कैसे निकाला जाता है?

ए: नीम के पेड़ के बीजों से नीम का तेल कोल्ड प्रेसिंग नामक प्रक्रिया का उपयोग करके निकाला जाता है। बीजों को पीसकर तेल निकालने के लिए दबाया जाता है, जिसे बाद में छानकर बोतलबंद कर दिया जाता है।

प्रश्न: क्या नीम का तेल मनुष्यों या पशुओं के लिए विषैला है?

उ: नीम का तेल आम तौर पर मनुष्यों और जानवरों के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसका सेवन नहीं करना चाहिए। बड़ी मात्रा में नीम के तेल का सेवन करने से मतली, उल्टी और दस्त हो सकते हैं।

प्रश्न: क्या नीम के तेल का उपयोग खाद्य फसलों पर किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, नीम के तेल का उपयोग अक्सर खाद्य फसलों पर प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में किया जाता है। हालांकि, फसलों या मनुष्यों को किसी भी संभावित नुकसान से बचने के लिए केवल निर्देशित राशि का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

प्रश्न: क्या नीम के पेड़ भारत के बाहर उगाए जा सकते हैं?

उ: हाँ, नीम के पेड़ दुनिया के अन्य हिस्सों में समान जलवायु वाले क्षेत्रों में उगाए जा सकते हैं, जैसे कि अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में। हालाँकि, वे उतनी अच्छी तरह से नहीं बढ़ सकते हैं या उतने नीम के तेल का उत्पादन नहीं कर सकते हैं जितना कि उनके मूल निवास स्थान में उगाए गए पेड़।

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नीम के 10 फायदे और उपयोग करने के तरीके | Neem tree benefits in hindi

सेहत के लिए नीम के चमत्कारी फायदे – neem ke fayde.

नीम का पेड़ (Neem tree) एक औषधीय गुणों से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी वृक्ष होता है Neem tree की पत्तियों में भी अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैं। Neem ka ped भारत का मूल वृक्ष है नीम का संपूर्ण पेड़ ही स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होता है। इसकी पत्तियां, फल, फूल, बीज, छाल, जड़ तथा लकड़ी सभी भाग उपयोगी होते हैं। इसलिए नीम के फायदे यानि Neem tree benefits भी अनगिनत होते हैं।

इस से अनेक प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन बनाने में भी Neem tree का उपयोग होता है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार नीम अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक होता है। नीम के वृक्ष की पत्तियों ( Neem leaves ) में लगभग डेढ़ सौ प्रकार के ऑर्गेनिक कंपाउंड मौजूद होते हैं जो शरीर को हेल्दी रखने में काफी मददगार होते हैं।

neem tree benefits in hindi

नीम के पेड़ का हर भाग एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होने के कारण यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से रक्षा करने में भी सक्षम बना जाता है। अनेक प्रकार की औषधियों के निर्माण में भी Neem tree का उपयोग किया जाता है।

इस (नीम) के द्वारा निर्मित पाउडर में कार्बनिक और अन्य फायदेमंद कंपाउंड पाए जाते हैं इसलिए नीम से निर्मित हर्बल प्रोडक्ट बहुत ही फायदेमंद माने जाते हैं। नीम से साबुन ( Neem soap ), तेल, क्रीम, पाउडर, Neem face wash , फेस पैक जैसे अनेक प्रोडक्ट्स तैयार किये जाते हैं।

नीम के फायदे / Benefits of neem

सेहत के लिए नीम के फायदे अनगिनत होने के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए गुणकारी वृक्ष माना जाता है।

  • नीम का उपयोग बॉडी को डिटॉक्स रखने में फायदेमंद होता है।
  • यह पेट संबंधी रोगों से बचा कर डाइजेशन सिस्टम को मजबूत करता है।
  • त्वचा संबंधी तमाम तरह की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
  • सूजन को कम करने में सहायक होता है।
  • पेट में होने वाली कीड़ों की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
  • इम्यूनिटी बूस्टर करने में मददगार होता है।
  • महिलाओं में ज्यादा होने वाली यूटीआई की प्रॉब्लम में फायदेमंद होता है।

नीम क्या है : About neem tree

यह एक ऐसा वृक्ष होता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी उपयोगी होता है। यह एक चालीस फिट ऊंचाई तक का पेड़ होता है। नीम में मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसे घर का वैध माना जाता है। नीम के पेड़ के हर हिस्से का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है Neem tree का वनस्पति के नाम अजादिरछा इंडिका ( Azadirachta indica ) होता है। नीम के पेड़ का औसत जीवनकाल डेढ़ सौ से 200 साल तक का हो सकता है। 

नीम में पोषक तत्व : Neem tree nutrition in hindi

यह स्वास्थ्य के लिए गुणकारी और अनेकों पोषक तत्वों का भंडार होता है। नीम में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के साथ-साथ एंटी एजिंग, एंटीबायोटिक जैसे गुण मौजूद होने के कारण यह शरीर को संक्रमण से बचाने और स्किन की हानिकारक किरणों व प्रदूषण से रक्षा करने में लाभदायक होता है।

नीम में अनेक प्रकार के विटामिन्स, फैटी एसिड होने के कारण इसके उपयोग से त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलने के साथ-साथ त्वचा जवान रहती है तथा त्वचा में निखार आता है। नीम में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण शरीर की हानिकारक बैक्टीरिया फंगल इंफेक्शन से रक्षा करते हैं।

Table of Contents

  • 1.1 नीम के फायदे / Benefits of neem
  • 1.2 नीम क्या है : About neem tree
  • 1.3.1 नीम के औषधिय गुण
  • 1.4 नीम के नाम : Neem scientific name
  • 1.5.1 बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में नींबू के फायदे : Neem benefits for body detox
  • 1.5.2 इम्यून सिस्टम मजबूत करने में नीम के फायदे : Neem benefits for immune system
  • 1.5.3 स्किन के लिए नीम के फायदे : Neem benefits for skin
  • 1.5.4 रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए नीम के फायदे : Neem benefits for blood pressure
  • 1.5.5 डायबिटीज रोग में नीम के फायदे : Neem benefits for diabetes
  • 1.5.6 मलेरिया रोग का इलाज करने में नीम के फायदे : Malaria me neem ke fayde
  • 1.5.7 डेंड्रफ से छुटकारा दिलाए नीम तेल : Neem oil for dandruff
  • 1.6 नीम का उपयोग : Uses of neem tree
  • 1.7.1 #1 नीम के पत्ते खाने से क्या लाभ होता है?
  • 1.7.2 #2 क्या नीम के पत्ते रोज खाना अच्छा है?
  • 1.7.3 #3 रोज नीम के कितने पत्ते खाने चाहिए?

नीम के औषधिय गुण

यह त्वचा की संक्रमण या इंफेक्शन से रक्षा करने के साथ-साथ शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के इंफेक्शन, वायरल, वायरस आदि के अटैक से बचाव करने में मददगार होता है। नीम एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होने के कारण संपूर्ण स्वास्थ्य की बीमारियों से बचाए रखने में रक्षा करता है।

नीम की ताजी पत्तियां, सुखी हुई पत्तियों का पाउडर, नीम की निम्बोलीयां, छाल, तेल आदि का उपयोग कई रोगों को ठीक करने में किया जाता है। सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों ( Neem tree leaves ) को चबाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है तथा  काफी रोगों में लाभ मिलता है।

नीम के नाम : Neem scientific name

Neem tree यानि नीम को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है वैसे अलग-अलग एरिया के हिसाब से नीम के बहुत से नाम होते हैं। हिंदी में इसको नीम या निम्ब के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी में नीम को मार्गोसा ट्री Margosa tree कहते हैं संस्कृत में निम्ब, पिचूमण्ड, तित्तक,पीतसारक जैस अनगिनत नामों से जाना और पहचाना जाता है।

अब तक आपने जाना नीम क्या है नीम के अलग-अलग नाम, पोषक तत्व और औषधीय गुण तथा आगे हम जानेंगे नीम के फायदे यानि Benefit s of neem किन किन स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं में है इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

नीम के फायदे और उपयोग : Neem tree ke fayde

बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में नींबू के फायदे : neem benefits for body detox.

शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में नीम को बहुत उपयोगी माना जाता है। नीम का किसी भी प्रकार से उपयोग करना सेहत के लिए गुणकारी माना जाता है। नीम का प्रयोग लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लिवर की शुद्धि करने में फायदेमंद होता है।

नीम का प्रयोग शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाना लाभदायक होता है। नीम के पेड़ के हर हिस्से में ब्लड को साफ करने के गुण मौजूद होते हैं। नीम में मौजूद गुणों के कारण ही यह बॉडी को डिटॉक्स रखता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत करने में नीम के फायदे : Neem benefits for immune system

नीम का किसी भी रूप में उपयोग करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है तथा अनेक बीमारियों से शरीर की रक्षा करने में नीम काफी सहायक होता है। अगर सुबह के समय खाली पेट नीम का सेवन लगातार किया जाए तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है।

स्किन के लिए नीम के फायदे : Neem benefits for skin

नीम एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होने के कारण स्किन में होने वाले किसी भी प्रकार के इंफेक्शन, दाग धब्बे, खुजली, झुर्रियां, पिंपल्स, मुहासे, ब्लैकहेड्स , फोड़े फुंसी या किसी भी किसी भी प्रकार कि त्वचा संबंधी प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए नीम का प्रयोग फायदेमंद माना जाता है।

रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए नीम के फायदे : Neem benefits for blood pressure

नीम में शरीर के ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित रखने के गुण भी पाए जाते हैं इसलिए यह उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए फायदेमंद औषधि होता है।

डायबिटीज रोग में नीम के फायदे : Neem benefits for diabetes

नीम में अत्यधिक कड़वाहट होने के कारण इसका उपयोग शुगर के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि नीम में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है। इसके अलावा नीम में एंटी हाइपरग्लिसेमिक गुण भी पाया जाता है इसलिए यह मधुमेह रोग से बचाने या ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल रखने में फायदेमंद होता है।

मलेरिया रोग का इलाज करने में नीम के फायदे : Malaria me neem ke fayde

नीम की पत्तियों का उपयोग मलेरिया रोग के उपचार में कुनैन के रूप में किया जाता है क्योंकि नीम की पत्तियों में एंटी मलेरिया गुण भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। मलेरिया की दवा का निर्माण करने में भी नीम की पत्तियों का उपयोग किया जाता है। मलेरिया के साथ-साथ नीम का प्रयोग सामान्य फ्लू या बुखार, जुखाम, खांसी आदि से बचाने या राहत दिलाने में भी काफी फायदेमंद होता है।

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डेंड्रफ से छुटकारा दिलाए नीम तेल : Neem oil for dandruff

नीम का तेल बालों के लिए बहुत गुणकारी औषधि होता है। यह बालों में होने वाला रूसी की समस्या से छुटकारा दिलाने के साथ साथ बालों की ग्रोथ को बढ़ाने और हेयर फॉल को कंट्रोल करने में उपयोगी साबित होता है। नीम के तेल का नियमित उपयोग करने से बाल घने काले और मुलायम होते हैं। यह तेल स्कैल्प तथा बालों सम्बंधी विभिन्न प्रकार के रोगों से छुटकारा पाने के लिए उपयोग किया जाना बहुत फायदेमंद होता है।

नीम का उपयोग : Uses of neem tree

इसका उचित लाभ प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग भी उचित तरीके से किया जाना आवश्यक होता है। नीम के पूरे पेड़ का उपयोगी स्वास्थ्य के लिए किया जाता है इसलिए यह जानकारी होना आवश्यक है कि नीम के पेड़ के किस भाग का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

  • नियमित नीम के ताजे पत्तों को चबाने से पाचन क्रिया मजबूत होकर पेट के रोगों से छुटकारा मिलता है।
  • यह चेहरे की रंगत निखारने और त्वचा को स्वस्थ रखने में भी उपयोगी होता है इसलिए Neem face pack का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
  • नीम की पत्तियों को चबाने से मौखिक स्वच्छता में लाभ मिलता है इसके लिए नीम 4 से 5 पत्तियां 2 हफ्ते तक रोज चबाएं।
  • नीम से निर्मित 1- 2 गोलियों का सेवन एक माह तक किया जा सकता है।
  • रोजाना 10 से 15 मिलीलीटर नीम का रस लगातार दो सप्ताह तक पीना सेहत के लिए गुणकारी होता है।

FAQ : Neem tree leaves के बारे में पूछे जाने वाले सवाल

#1 नीम के पत्ते खाने से क्या लाभ होता है.

रोजाना नीम की पत्तियां खाने से शरीर में ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है तथा नियमित Neem tree leaves {नीम की पत्तियों} को चबाकर खाने से बुखार, मलेरिया, त्वचा संबंधी तमाम तरह की समस्याएं आदि से भी छुटकारा मिलता है।

#2 क्या नीम के पत्ते रोज खाना अच्छा है?

नीम की पत्तियों का सेवन लगातार एक माह तक करने से  शरीर में होने वाले हर प्रकार के संक्रमण से छुटकारा मिलता है क्योंकि नीम की पत्तियों में प्रचुर मात्रा में जीवाणुरोधी, एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण मौजूद होते हैं।

#3 रोज नीम के कितने पत्ते खाने चाहिए?

एक दिन में नीम की 6 से 7 ताजी पत्तियों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है इससे ज्यादा नीम की पत्तियों का सेवन हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

दोस्तों इस लेख में हमनें जाना Neem ke fayde उपयोग, पोषण तत्व, Neem tree औषधीय गुण तथा नीम का इस्तेमाल किन किन स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं से बचाने में सहायक होता है। इस आर्टिकल के बारे में आपके कोई भी सवाल या सुझाव हो तो कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिखना।

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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद :- 

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trees name in hindi

नीम के पेड़ के बारे मे इन बातों को क्या जानते हैं आप | neem ka ped

नीम के पेड़ को भारत में सबसे महत्वपूर्ण पेड़ों में से एक माना जाता है और इस क्षेत्र में सांस्कृतिक और औषधीय महत्व का एक लंबा इतिहास है ।

नीम का पेड़ (Azadirachta indica) भारत का मूल निवासी है और व्यापक रूप से अन्य उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है।

पेड़ की पत्तियों, छाल और बीजों में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों वाले यौगिक होते हैं, जो इसे पारंपरिक दवाओं में एक लोकप्रिय घटक बनाते हैं।

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नीम का तेल, जो बीजों से निकाला जाता है, त्वचा की देखभाल, बालों की देखभाल और प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है।

चिया सीड से होने वाले फ़ायदों को जानने के लिए यहा क्लिक करें ।

इसके औषधीय उपयोगों के अलावा, नीम के पेड़ का उपयोग ईंधन के लिए, छाया के स्रोत के रूप में और कृषि परिदृश्य के एक घटक के रूप में भी किया जाता है।

पत्तियों और टहनियों को पशुओं को खिलाया जाता है, और पेड़ को मिट्टी की उर्वरता और फसल की पैदावार पर सकारात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है। नीम के महत्व को जानने के लिए अंत मे दिए गए वीडियो को देखें ।

Table of Contents

नीम का पेड़ neem ka ped

नीम भारतीय उपमहाद्वीप का एक वृक्ष है जो गाँव देहात शहर हर जगह दिख जाता है । नीम के वृक्ष की उँचाई आम तौर पर लगभग 18 से 20 मीटर तक होती है। परंतु, इसकी उँचाई हर देश में अलग अलग हो सकता है क्योंकि यह  देश की जलवायु पर डिपेंड करता है।

हमारे देश के कुछ भागों में नीम के वृक्ष की उँचाई लगभग 25 से 30 मीटर तक भी पाई जाती है। नीम का वृक्ष लंबे वक्त तक टिके रहने वाला एक वृक्ष है। इस वृक्ष की जीवनकाल तकरीबन 150 से 200 तक माना जाता है।

इसकी पत्तियाँ हरे भरे रंग की होती है और इस वृक्ष की सतह बिल्कुल चिकनी होती है। नीम के वृक्ष की फ़ूल उजले रंगो में एक गुच्छो में निकलती है। इसका फ़ूल दिखने में काफ़ी आकर्षित और शानदार होते हैं।

इस वृक्ष के फ़ूलो में पांच पंखुरिया होते हैं। जब भी नीम के फ़ूल बाहर निकलते है तो इसकी कली उपर से बंद होती है। जिसके कुछ दिनों बाद ये पूरी तरह से खिल जाते हैं।

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नीम का वृक्ष कहां-कहां पाए जाते हैं

दुनिया में आम तौर पर neem ka ped को सबसे अधिक इंडिया, पाकिस्तान,श्रीलंका, नेपाल, म्यानमार और इंडोनेशिया समेत और भी अन्य जगहो पर इसे अधिक मात्रा में पाया जाते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार हजारों साल से नीम के पेड़ के विभिन्न भागों का उपयोग कई तरह के रोगों के उपचार मे किया जाता है । यह पेड़ भारत के सड़कों , पार्कों मैदानों हर जगह आपको दिख जाएंगे ।

नीम के बीजों का इस्तेमाल

नीम के बीजों का इस्तेमाल चाय निर्माण करने के लिए किया जाता है। इसके बीजों से निर्माण चाय का सेवन करना आपके हेल्थ के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।

इस चाय से किडनी से जुड़ी समस्या को भी दूर किया जाता है। परंतु, बहुत सारे व्यक्ति इस चाय का ग्रहण नहीं कर पाते है। इसका कारण है कड़वा, जी हाँ यह काफ़ी कड़वा होता है।

नीम के ऑयल के लाभ

Fungal infection  में लाभाकारी है नीम का तेल.

नीम का ऑयल व्यक्ति के शरीर के लिए लाभदायक सिद्ध होता है। यदि आपके बॉडी में किसी भी अंग पर  fungal infection जैसी समस्या होता है, तो आपको अपने अंग पर नीम का तेल लगाना होगा, जिससे आपको काफ़ी लाभ प्राप्त हो सकता है क्योंकि यह अंग्रेजी मेडिसीन से भी बेहतर काम करता है।

बालो की समस्या से है परेशान तो इस्तेमाल करे नीम का तेल

यदि आप भी अपने बाल झरने और टूटने से अब तंग आ गए है, तो अब आप अपने बालों को घने और मजबूत बनाने के लिए नीम के तेल का इस्तेमाल करें। क्योंकि नीम का तेल आपके बालों के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद सिद्ध हो सकता है।

घाव को ठिक करने के लिए करे नीम के तेल का इस्तेमाल

क्या आपके शरीर पर भी छोटा सा घाव है और वो जल्दी छूटने का का नाम नहीं ले रहा और धीरे धीरे बड़ा होता जा रहा है जिससे घाव की समस्या गंभीर हो सकता है तो आपको घाव ठिक करने के लिए दवा के जगह पर नीम के तेल का इस्तेमाल करना होगा। क्योंकि नीम का तेल कोई भी घाव को जल्दी भरने में मददगार साबित होता है।

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नीम के पत्ते के लाभ neem leaves benefits

मधुमेह में नीम के पत्ते है फ़ायदेमंद.

डायबिटीज जैसी गंभीर रोग से अपना बचाव करने के लिए आपको नीम के पत्ते को प्रतिदिन सुबह चार से पांच कोपल जल से धोकर उसका सेवन करने से डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि नीम के इन पत्तो में anti biotic जैसे गुण भी होते हैं।

पिंपल का इलाज नीम के पत्ते

पानी के कारण पिंपल जैसी समस्या हो जाती है और जब फ़ेस के पिंपल ठिक हो जाता है तब उसके दाग धब्बे दिखने लगते हैं। जिससे व्यक्तियों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। यदि आपको भी ऐसी कोई समस्या होती है तो आप इससे छुटकरा पाने के लिए प्रतिदिन सुबह नीम के सोफ़्ट सोफ़्ट पत्ते को चबाना होता है।

Gardening मे नीम का इस्तेमाल

गार्डेनिंग के लिए नीम का तेल किसी वरदान से कम नहीं है , नीम के भागों का इस्तेमाल गार्डेनिंग मे कीटनाशक , फफूंदीनाशक व उर्वरक की तरह किया जाता है ।

नीम तेल के फायदे और उपयोग का तरीका जानने के बाद आप केमिकल युक्त कीटनाशकों का इस्तेमाल अपने गार्डेन मे जरूर नहीं करेंगे ।

नीम एक बहुमुखी पेड़ है जिसका बागवानी में कई उपयोग हैं, और इसकी पत्तियों, बीजों और तेल से कई उत्पाद बनाए जाते हैं। बागवानी में उपयोग किए जाने वाले कुछ सबसे आम नीम आधारित उत्पादों में शामिल हैं:

नीम का तेल नीम के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है और यह पौधों में कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए एक लोकप्रिय जैविक कीटनाशक है। यह मनुष्यों और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है और कीटों को दूर रखने के लिए सीधे पत्ते या मिट्टी पर छिड़काव किया जा सकता है।

नीम की खली नीम के बीज से तेल निकालने के बाद बची हुई सामग्री है। यह कार्बनिक पदार्थ और आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है और इसका उपयोग बागवानी में उर्वरक और मिट्टी के कंडीशनर के रूप में किया जाता है।

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नीम की पत्ती का अर्क

नीम की पत्ती के अर्क का उपयोग पौधों में कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए एक प्राकृतिक कीटनाशक स्प्रे बनाने के लिए किया जाता है। उन्हें पानी में मिलाकर सीधे पत्तियों पर छिड़काव किया जा सकता है।

नीम आधारित कीटनाशक

नीम आधारित कीटनाशक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध उत्पाद हैं जो नीम के तेल या अर्क का उपयोग करके बनाए जाते हैं और पौधों में कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

नीम आधारित साबुन

नीम आधारित साबुन नीम के तेल का उपयोग करके बनाए जाते हैं और पौधों पर कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

वे फंगल संक्रमण और कीट संक्रमण को नियंत्रित करने में भी प्रभावी हैं। ये नीम आधारित उत्पाद सिंथेटिक कीटनाशकों के प्रभावी, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं और एक स्वस्थ और उत्पादक उद्यान को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

नीम की खेती

नीम भारत मे औषधीय, कीटनाशक, और कॉस्मेटिक प्रयोजनों सहित इसके विभिन्न उपयोगों के लिए देश में व्यापक रूप से उगाया जाता है।

भारत में नीम की खेती आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों में लोकप्रिय है। नीम के पेड़ कठोर होते हैं और विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उग सकते हैं, जिसमें सूखी और अनुपजाऊ मिट्टी भी शामिल है।

हालांकि नीम को पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है और वे गर्म, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अच्छा करते हैं। वे बीज, कटिंग और ग्राफ्टिंग के माध्यम से प्रचारित होते हैं, और रोपण के लिए आदर्श आयु 2-5 वर्ष के बीच होती है।

भारत में नीम मुख्य रूप से इसकी पत्तियों और बीजों के लिए उगाया जाता है, जिनका उपयोग नीम का तेल निकालने के लिए किया जाता है।

तेल का उपयोग विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिसमें कीटनाशक, कीटनाशक, और त्वचा रोगों और अन्य बीमारियों के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में शामिल है।

भारत में नीम की खेती का उद्योग अभी भी काफी हद तक पारंपरिक और छोटे पैमाने पर है, लेकिन पेड़ की व्यावसायिक खेती में रुचि बढ़ रही है।

भारत सरकार ने नीम उद्योग की क्षमता को पहचाना है और किसानों को सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करने सहित इसके विकास को बढ़ावा देने और समर्थन करने के लिए कदम उठाए हैं।

कुल मिलाकर, नीम की खेती में भारत में ग्रामीण समुदायों को आय और रोजगार प्रदान करने और देश की अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देने की क्षमता है।

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नीम के कुछ नुकसान

1 . नीम के रस का सेवन प्रतिदिन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये आपके हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है।

2 . यदि आप नीम का इस्तेमाल किसी भी समस्या में करते हैं, तो इस्तेमाल से पहले आप अपने डॉक्टर की परामर्श जरूर लें।

3 . यदि आपकी स्किन सेंसेटिव है, तो आप नीम के तेल का उपयोग ना करें तो बेहतर होगा। क्योंकि यह आपके स्किन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

इस पोस्ट के माध्यम से नीम के वृक्ष के फ़ायदे और नुकसान से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है लेकिन आपसे निवेदन है कि किसी भी बीमारी में इसका उपयोग करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह लेना मत भूलें।

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं ,  ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।

Happy Gardening..

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नीम का पेड़ पर निबंध

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नीम हमारा जाना-पहचाना पेड़ है।

नीम का पेड़ हर जगह पाया जाता है। यह घना और छायादार होता है। नीम की पत्तियाँ आरे जैसे किनारोंवाली होती हैं। इसका हर अंग कडुवा होता है। नीम के फल को 'निबौली' कहते हैं। नीम वृक्ष के फूल सफ़ेद और खुशबूदार होते है। नीम पेड़ का फल छोटे गोल आकर का होता है।

नीम का पेड़ बहुत गुणकारी है। इसकी पत्तियों, फल और छाल से तरह-तरह की दवाइयाँ बनती हैं। नीम की दातून दाँतों को स्वस्थ रखती है। इसकी छाया शीतल होती है। नीम के पेड़ की पत्तियों, छाल और फल आदि का स्वाद कड़वा होता है।

नीम की कडुवाहट ही उसका गुण है। नीम भारत के राज्य आँध्रप्रदेश का राजकीय वृक्ष है।

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नीम के पेड़ पर निबंध

essay on neem tree in hindi in english

By विकास सिंह

essay on neem tree in hindi

विषय-सूचि

नीम के पेड़ पर निबंध (Essay on neem tree in hindi)

नीम का पौधा क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है.

भारत में नीम औषधीय पौधा बहुत माना जाता है क्योंकि इसके कई उपयोग और लाभ हैं। नीम का पौधा भारत में एक तेजी से बढ़ते और लंबे समय तक जीवित रहने वाला पेड़ है। बर्मा से नीम का पेड़ फैला है और अब पूरी दुनिया में उगाया जाता है।

भारत में नीम के औषधीय पौधे को इसके कई उपयोगों और लाभों के कारण अत्यधिक माना जाता है हालाँकि, बाकी दुनिया अभी भी इससे अपरिचित है। नीम एक आकर्षक और बहुमुखी पौधा है और नीम का उपयोग करने के कई फायदे हैं।

नीम के पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग करना

नीम के पेड़ के सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले हिस्से बीज गुठली, पत्ते और छाल हैं। नीम के पौधे का फल ऑलिव जैसा लगता है। मांस एक बीज को घेरता है जिसमें एक या कई गुठली होती है। नीम का तेल , सबसे लोकप्रिय नीम का पौधा है, जो नीम के बीज की गुठली को दबाकर बनाया जाता है।

गुठली में 50% तेल हो सकता है। पश्चिमी दुनिया में बीज का तेल ज्यादातर एक सुरक्षित और प्रभावी कीटनाशक के रूप में जाना जाता है। नीम का तेल जैविक माली के साथ बहुत लोकप्रिय है। यह एक प्राकृतिक कीट विकर्षक के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जो हानिकारक DEET का एक सुरक्षित और अधिक कुशल विकल्प है।

नीम के बीज का तेल भी कई त्वचा देखभाल उत्पादों में एक घटक है। भारत में नीम के तेल में ज्यादातर नीम के तेल का उपयोग किया जाता है, लेकिन नीम शैंपू, लोशन, क्रीम आदि भी हैं। इसके अलावा तेल औषधीय उपयोगों की एक विशाल श्रृंखला के लिए मूल्यवान है। बीज गुठली में नीम के पौधे में सक्रिय पदार्थों की उच्चतम सांद्रता होती है। उन्हें तेल के लिए दबाने से उन्हें प्राप्त करने का एक तरीका है, लेकिन आप बीज से विभिन्न अर्क भी बना सकते हैं।

नीम के पत्ते

नीम के पौधे की पत्तियां सबसे बहुमुखी और आसानी से उपलब्ध संसाधन हैं। उनमें बीज के समान सक्रिय तत्व होते हैं, बस बहुत कम एकाग्रता में। पत्तियां पूरे वर्ष उपलब्ध हैं, क्योंकि नीम का पौधा सदाबहार है। (बीज स्पष्ट रूप से वर्ष में केवल एक बार उपलब्ध होते हैं)।

पत्तियों से अपना खुद का नीम घरेलू उपचार करना आसान है। नीम टूथपेस्ट और माउथ वॉश में स्किन केयर प्रोडक्ट्स, हेयर ऑयल में लीफ पेस्ट और अर्क का इस्तेमाल किया जाता है और इनके बहुत सारे औषधीय उपयोग भी हैं।

त्वचा पर नीम फेस पैक

कई हर्बलिस्ट पत्तियों को चबाने, सूखे पत्ते के कैप्सूल लेने या कड़वी चाय पीने की सलाह देते हैं। पत्ते रक्त को शुद्ध करते हैं, जठरांत्र प्रणाली (अल्सर!) की मदद करते हैं, यकृत का समर्थन करते हैं, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।

हालाँकि भारत में हजारों सालों से नीम के पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन मेरा सुझाव है कि इन्हें आंतरिक रूप से लेते समय आप सावधान रहें। नीम एक बहुत ही शक्तिशाली जड़ी बूटी है। पहले एक योग्य हर्बलिस्ट से पूछना सबसे अच्छा है, और इसे लंबे समय तक आंतरिक रूप से नहीं लेना है।

हालांकि, नीम पत्ती के अर्क और पत्ती के पेस्ट का सामयिक उपयोग सुरक्षित है। त्वचा की देखभाल और त्वचा विकारों का इलाज नीम का पौधा वास्तव में चमकता है।

यह बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण या परजीवी को खत्म करने में बेहद प्रभावी है, इसकी एंटीवायरल गतिविधि मौसा और ठंड घावों का इलाज कर सकती है, यह सूजन और लालिमा कम कर देता है, यह त्वचा को मॉइस्चराइज़ करता है और इसे कोमल रखता है, यह निशान और रंजकता को भी हल्का कर सकता है।

नीम की छाल

स्पष्ट कारणों से नीम के पेड़ की छाल को बीज या पत्तियों के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें उतना नहीं है, यह जल्दी से पुन: उत्पन्न नहीं करता है, और इसका उपयोग करना थोड़ा अधिक कठिन है। इसकी सूखी और कठोर प्रकृति के कारण सामग्री को निकालना अधिक कठिन होता है।

हालांकि, एक औषधीय क्षेत्र में छाल का उपयोग करने के लिए अनुशंसित पौधा भाग होता है। वह क्षेत्र दंत चिकित्सा है। छाल में पत्तियों की तुलना में सक्रिय तत्वों की उच्च सांद्रता होती है और विशेष रूप से एंटीसेप्टिक और विरोधी भड़काऊ कार्रवाई वाले अवयवों में अधिक होती है। मसूड़े की सूजन (मसूड़ों की बीमारी) का इलाज करते समय नीम की छाल अत्यधिक प्रभावी होती है।

नीम की टहनी

युवा, कोमल शाखाओं को चबाना, और फिर उन्हें टूथब्रश के रूप में उपयोग करना, गुहाओं और मसूड़ों की बीमारी को रोकता है। भारतीय ग्रामीणों ने सदियों से इस पद्धति का उपयोग किया है। (हालांकि आधुनिक भारत में नीम टूथपेस्ट, माउथवॉश और छाल पाउडर पसंदीदा तरीका है।)

नीम केक

नीम केक लुगदी का एक अजीब नाम है जिसे नीम के बीज का तेल गुठली से निकालने के बाद छोड़ दिया जाता है। यह वास्तव में खाद्य है, कम से कम जानवरों के लिए, और कभी-कभी चारे के रूप में उपयोग किया जाता है। हालांकि, सबसे आम और अनुशंसित उपयोग मिट्टी संशोधन और उर्वरक के रूप में है।

नीम के फूल

नीम के पौधे के फूलों में एक प्यारा, मीठा, शहद जैसा गंध होता है। यह काफी गहन है, दूर से ध्यान देने योग्य है, लेकिन कभी भी अधिक ताकत वाला नहीं है। मधुमक्खियों को नीम के फूल पसंद हैं और नीम शहद लोकप्रिय है। फूल के तेल का उपयोग अरोमाथेरेपी में भी किया जाता है और इसमें शांत और पुनर्स्थापना प्रभाव होता है।

नीम के पौधे के अन्य रोचक उपयोग

नीम के पौधे की लकड़ी अफ्रीकी महाद्वीप के कुछ क्षेत्रों में जलाऊ लकड़ी का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गई है। नीम का पौधा विशेष रूप से जलाऊ लकड़ी के स्रोत के रूप में मूल्यवान है क्योंकि अगर इसकी तीव्र वृद्धि (इसे पांच साल के भीतर काटा जा सकता है), और क्योंकि यह मिट्टी के सबसे खराब पानी में बहुत कम पानी के साथ इतनी अच्छी तरह से बढ़ता है।

नीम के पौधे के सभी भाग भी बहुत फायदेमंद होते हैं, जब गीली घास, खाद घटक के रूप में या मिट्टी संशोधन के रूप में उपयोग किया जाता है। नीम का उपयोग सीमांत मिट्टी को पुनः प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। यह एसिड मिट्टी को तटस्थ में वापस ला सकता है। नीम के पेड़ उगाने से मिट्टी की जल धारण क्षमता और पोषक स्तर में सुधार होता है।

मेरी नज़रों में नीम के पौधे का एक बहुत ही आशाजनक उपयोग है। यह न केवल तीसरी दुनिया के देशों में, बल्कि हमारी दुर्व्यवहार वाली कृषि मिट्टी पर भी बहुत बड़ा अंतर ला सकता है। हालांकि, प्राकृतिक स्वास्थ्य उद्योग की तुलना में इसमें कम पैसा है, इसलिए दुर्भाग्य से आप इसके बारे में ज्यादा नहीं सुनते और इसी कारण यह अधिक लोकप्रिय नहीं है।

neem tree

नीम के पेड़ पर निबंध, Neem tree essay in hindi -2

अन्य नाम: इसे चमत्कारिक वृक्ष के नाम से जाना जाता है। इसे भारत में निम्बा के नाम से जाना जाता है। नीम का संस्कृत नाम अरिष्ट है जिसका अर्थ है बीमारी से राहत। मार्गोसा वृक्ष भी इसका अन्य नाम है ।

विवरण: यह छोटे चमकीले हरे पत्तों वाला एक लंबा सदाबहार पेड़ है। यह 100 फीट तक लंबा होता है। यह छोटे सफेद फूलों के साथ वसंत में खिलता है। इसका सीधा तना है। इसकी छाल कठिन खुरदरी और खुरदरी होती है, छोटे पेड़ों में भी होती है। छाल का रंग भूरा भूरा होता है। पत्तियां वैकल्पिक हैं और दाँतेदार किनारों के साथ कई पत्रक हैं। इसके फूल छोटे और सफेद रंग के होते हैं। खाद्य फल की तरह का अंडाकार, गोल और पतला होता है।

स्थान: नीम का पेड़ पूरे भारत में पाया जाता है। यह एक लोकप्रिय गाँव का पेड़ है। यद्यपि यह रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, मृगावनी नयनल पार्क, बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान, सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य और गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान में भी व्यापक रूप से उगाया जाता है।

खेती: नीम के पेड़ को आसानी से सूखी, पथरीली, उथली और मिट्टी की मिट्टी में उगाया जा सकता है। इसे बहुत कम पानी और धूप की बहुत जरूरत होती है। यह रोपण के पहले वर्ष के दौरान धीरे-धीरे बढ़ता है। यह बीज और कलमों के माध्यम से प्रचारित किया जा सकता है। युवा नीम का पेड़ अत्यधिक ठंड बर्दाश्त नहीं कर सकता।

औषधीय उपयोग: नीलगिरी के स्वदेशी लोग एक स्थलीय टॉनिक के रूप में स्थलीय ऑर्किड के सूखे और संचालित ट्यूबलर का सेवन करते हैं। नीम औषधीय महत्व भी रखता है। नीम के प्रत्येक भाग का उपयोग दवाओं में किया जाता है। यह आयुर्वेदिक दवाओं में 4000 से अधिक वर्षों से उपयोग किया गया है। इसके बीजों से निकाला गया नीम का तेल दवाओं, कीट नियंत्रण और सौंदर्य प्रसाधन आदि में उपयोग किया जाता है।

इसकी पत्तियों का उपयोग चिकनपॉक्स के इलाज में किया जाता है। हिंदुओं के अनुसार, यह माना जाता है कि चिकनपॉक्स की देवी, सीताला नीम के पेड़ में रहती है। नीम की चाय आमतौर पर सिरदर्द और बुखार को कम करने के लिए ली जाती है। इसके फूलों का उपयोग आंतों की समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है।

अन्य उपयोग: भारत में लोग अपने दांतों को ब्रश करने के लिए इसकी टहनियों का उपयोग करते हैं। नीम को बंजर भूमि क्षेत्रों के पुनर्वास में उपयोगी वृक्ष माना जाता है। नीम के बीज का गूदा मीथेन गैस उत्पादन के लिए उपयोगी है। यह कार्बोहाइड्रेट के रूप में भी उपयोगी है जो अन्य औद्योगिक किण्वन के लिए समृद्ध आधार है। नीम की छाल में टैनिन होता है जो कि टैनिंग और रंगाई में उपयोग किया जाता है।

दक्षिण भारत में इसकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। रस्सी में बुने जाने वाले फाइबर की पैदावार। नीम केक को भारत में गन्ने, सब्जी और अन्य नकदी फसलों के लिए उर्वरक के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ कई देश लगातार नीम के पेड़ को बढ़ा रहे हैं। दुनिया भर में नीम फाउंडेशन ने लोगों को नीम के महत्व और इसके उपयोग के बारे में विश्व स्तर पर जागरूक करने में मदद की है।

सांस्कृतिक महत्व: नीम भारत के लगभग सभी हिस्सों में पाया जा सकता है। कहा जाता है कि घर में नीम का पेड़ लगाना स्वर्ग के लिए एक सुनिश्चित मार्ग है। बुरी आत्माओं से दूर रहने के लिए इसके पत्तों को मुख्य द्वार पर लगाया जाता है। दुल्हनें नीम के पत्तों से भरे पानी में नहाती हैं। नवजात शिशुओं को नीम के पत्तों पर रखा जाता है ताकि उन्हें सुरक्षात्मक आभा प्रदान की जा सके। नीम अन्य पेड़ों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन देता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Neem ke bare mein bahut achhi jankari di hai apne . Padhkar achha lga

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नीम का पेड़ की जानकारी Neem Tree In Hindi

नीम का पेड़ की जानकारी ( Information About Neem Tree In Hindi ) और नीम के फायदे (Neem Ke Fayde) इस पोस्ट में है। नीम का वृक्ष भारतीय मूल का पेड़ है। कई आर्युवेदिक गुणों से भरपूर नीम स्वास्थ्यवर्धक है। इस वृक्ष का हर एक भाग आर्युवेद में इस्तेमाल किया जाता है। नीम की छाल, पत्तियां, जड़ इत्यादि से औषधि बनती है। नीम एक छायादार वृक्ष है। तो आइए दोस्तों, नीम का पेड़ के बारे में जानकारी, फायदे बताने का प्रयास इस पोस्ट “Neem Information In Hindi” में है।

नीम का पेड़ की जानकारी Information About Neem Tree In Hindi

1. नीम ( Neem Tree ) तेजी से बढ़ने वाला पर्णपाती वृक्ष है। नीम हर मौसम में पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। पत्तियां पूरे वर्ष पेड़ पर रहती है जबकि फल केवल बसंत ऋतु में ही लगते है। यह पेड़ हवा को शुद्ध करता है और ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करता है।

2. यह वृक्ष छायादार और घना होता है जिसकी लम्बाई करीब 30 फुट से लेकर 80 फुट तक होती है। इसके तने की मोटाई करीब 4 फुट होती है। आज यह वृक्ष भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा भी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के बाकी हिस्सों में पहुंच गया है।

3. नीम का तना लम्बाई में छोटा और लगभग सीधा होता है। इसके तने पर छाल पायी जाती है जिसका आर्युवेदिक महत्व है। छाल कठोर और दरार युक्त होती है। छाल के बाहरी ऊतक मृत होते है जबकि आंतरिक ऊतक जीवित होते है। बाहरी छाल का रंग भूरा, घुसर होता है। आंतरिक छाल का रंग लाल होता है जो वायु के संपर्क में आते ही भूरे रंग की हो जाती है।

4. इस वृक्ष के तने से कई शाखाएं लगी होती है। इन शाखाओं पर भी छाल होती है। बड़ी और मजबूत शाखा पर टहनियां होती है। इन टहनियों पर हरे रंग की पत्तियां होती है। पत्तियां दांतेदार और स्वाद में कड़वी होती है। नीम का पेड़ प्रकाश संश्लेषण का कार्य इन्ही पत्तियों के द्वारा करता है। नीम की हरी पत्तियों में हरित लवक पाया जाता है।

नीम का पेड़ Neem Tree Information In Hindi –

5. Information About Neem Tree In Hindi – नीम के वृक्ष पर फूल भी लगते है। ये फूल सफेद रंग के गुच्छों के रूप में होते है। अंडाकार या गोलाकार आकार में निम्बोली नामक फल इन्ही फूलों से पनपता है। निम्बोली का रंग पकने पर पीला हो जाता है। यह फल गूदेदार और स्वाद में कड़वा मीठा होता है। इस फल के अंदर गुठलियां होती है जो नीम के बीजारोपण में जरूरी है।

6. नीम की जड़ मुसलादार प्रवर्ति की होती है। यह मजबूत और फैली हुई होती है। इनकी जड़ों से कई छोटी जड़े भी निकलती है। जड़ों का मुख्य कार्य नीम के वृक्ष को आधार देना होता है। प्रकाश संश्लेषण के लिए पानी की आपूर्ति जड़े ही करती है। ये जमीन के भीतर से जल को अवशोषित करके तने तक पहुँचाती है।

7. शक्ति की उपासना और पूजा करने में नीम की पत्तियों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है। ज्योतिष में नीम के वृक्ष का सबन्ध शनि देव से माना गया है।

8. नीम के वृक्ष को छाया और ताजी हवा पाने के लिए घरों के आसपास लगाते है। तेज धूप और गर्मी से निजात पाने के लिए गांवों में नीम के पेड़ के नीचे लोग आराम करते है। घर में नीम का पेड़ होना शुभ माना जाता है।

9. नीम की फूलों से मधुमक्खी रसपान करती है। इस पेड़ से प्राप्त शहद बहुत फायदेमंद होता है। इन फूलों का उपयोग एरोमा थैरेपी में भी करते है। नीम की लकड़ी का इस्तेमाल ईंधन के रूप में भी होता है। नीम की पत्तियां जानवरों के चारे में उपयोग होती है। नीम की पत्तियों को जलाने से मच्छर दूर भागते है। नीम का तेल भी मच्छरों को दूर करता है क्योंकि इस तेल की गंध कड़वी होती है।

नीम के फायदे Benefits Of Neem In Hindi –

Neem Ke Fayde (Benefits Of Neem Tree In Hindi) – नीम की पत्तियां, छाल, टहनियां, जड़, गुठली इत्यादि भागों का उपयोग और फायदे है।

1. नीम का तेल ( Neem Oil ) भी निकालता है जो इसकी गुठली से बनाया जाता है। नीम का तेल कीटनाशक प्रकृति का होता है। त्वचा संबंधित रोगों में नीम का तेल उपयोगी है। इस तेल का उपयोग साबुन, शैम्पू इत्यादि प्रोडक्ट्स बनाने में भी करते है। मार्केट में नीम के साबुन, शैम्पू बहुतायत से मिल जाते है। नीम से बना शैम्पू और साबुन बालों में लगाने से डेंड्रफ दूर होता है। बालों का झड़ना कम करने में नीम का तेल फायदेमंद है। बालों में जूं को खत्म करने में भी नीम फायदेमंद है। कान के दर्द में नीम का तेल लाभकारी होता है।

2. नीम की पत्तियों का उपयोग औषधि के रूप में सदियों से होता रहा है। नीम की नई पत्तियों को चबाने से पेट के कीड़े साफ होते है। चर्म रोग होने पर नीम की पत्तियों को पानी में उबालते है। पानी को ठंडा करके नहाने पर चर्म रोग दूर होता है। नीम की पत्तियों के अर्क से टूथपेस्ट, लोशन, फेसवाश इत्यादि बनाये जाते है। चेहरे से कील मुंहासों को खत्म करने में नीम की पत्तियां लाभकारी है। दाद, खुजली होने पर नीम का इस्तेमाल करना बेहतर है।

3. नीम की पत्तियों से बनी चाय स्वास्थवर्धक होती है। नीम की चाय रक्त को शुद्ध, अल्सर को कम और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। वैसे नीम की पत्तियों से बनी चाय को पीने से पहले किसी चिकित्सक की सलाह अवश्य ले। क्योंकि नीम की पत्तियों को आंतरिक रूप से लेना आपके लिए अच्छा नही है। बाह्य रूप से नीम का उपयोग सुरक्षित है।

नीम का पेड़ के फायदे Neem Tree Ke Fayde In Hindi –

4. नीम की टहनी का इस्तेमाल खासकर भारत में दांतुन के रूप में होता है। नीम की टहनी को चबाने और दांतों पर ब्रश करने से कीटाणु नष्ट होते है। इससे मसूड़े मजबूत होते है।

5. नीम की छाल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है। चोट लगने पर घाव हो जाता है। अगर नीम की छाल का लेप घाव पर किया जाए तो राहत मिलती है। मलेरिया बुखार में नीम की छाल से बनी दवाई लाभदायक है।

Information About Neem Tree In Hindi – नीम (Neem Ka Ped) के उत्पादों का सेवन गर्भवती औरतों और बच्चों को नही करना चाहिए। इसके सेवन से गर्भपात हो सकता है। नीम को गर्भनिरोधक के रूप में इस्तेमाल भी किया जाता है।

यह भी पढ़े – 

  • ग्वारपाठा की जानकारी
  • कैक्टस पौधे की जानकारी
  • वृक्षों के नाम और जानकारी

Note – इस पोस्ट Information About Neem Tree In Hindi में नीम का पेड़ की जानकारी और नीम के फायदे (Neem Ke Fayde) आपको कैसे लगे। यह आर्टिकल “Neem Information In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

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10 Best Uses of Neem Tree in Hindi – नीम पेड़ के अचूक फायदे !

आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। दोस्तों आज मैं आपको इस आर्टिकल में बताऊंगा कि uses of neem tree in hindi language.  इस आर्टिकल में आपको कुछ टिप्स दुंगा about neem tree in hindi

नीम वृक्ष (Azadirachta indica) भारत का एक  tropical evergreen पेड़ है और यह अन्य दक्षिण-पूर्व देशों में भी पाया जाता है। भारत में, नीम को “चिकित्सा पद्धति” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसकी चिकित्सा चंचलता है, और इसका उपयोग औषधीय गुणों के कारण 4,000 से अधिक वर्षों तक आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया गया है। संस्कृत में नीम को arista भी कहा जाता है- एक शब्द जिसका अर्थ है ‘परिपूर्ण, पूर्ण और अविनाशी’ बीज, छाल और पत्तियों में साबित antiseptic, antiviral, antipyretic, anti-inflammatory, anti-ulcer and antifungal  का इस्तेमाल होता है। संस्कृत नाम ‘निम्बा’ शब्द ‘निंबाति सस्थ्यमददती’ शब्द से आता है जिसका अर्थ है ‘अच्छे स्वास्थ्य को देना’।

नीम के शुरुआती दस्तावेज ने अपने लाभप्रद औषधीय गुणों के लिए फल, बीज, तेल, पत्ते, जड़ और छाल का उल्लेख किया। ये लाभ प्राचीन दस्तावेजों ‘कार्क-संहिता’ और ‘सुश्रुता-संहिता’ में सूचीबद्ध हैं, जो भारतीय प्राकृतिक उपचार प्रणाली, आयुर्वेद की नींव पर आधारित हैं। नीम में एक लहसुन जैसी गंध है, और एक कड़वा स्वाद है। इस वृक्ष के विभिन्न हिस्सों के कई उपयोग हैं जो उपयुक्त रूप से संस्कृत में नीम का नाम देते हैं- “सर्ववोगा नवरिणी”, जिसका अर्थ है ‘सभी बीमारियों का इलाज’। नीम के पेड़ के विभिन्न हिस्सों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण प्रलेखित उपयोग हैं:

Uses of Neem Tree in Hindi

  • 10 Best Uses of Neem Tree in Hindi
  • नीम के पतों के फायदे

‘आयुर्वेद के लिए सभी: प्रभावी और आयुर्वेदिक बीमारियों के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक पुस्तक’ के लेखक मुरली मनोहर ने सुझाव दिया है कि नीम के पत्तों का प्राथमिक उद्देश्य vaata disorders or neuromuscular pains का इलाज है। इसके बाद अन्य लाभ आएँ: खून को शुद्ध करें, शरीर में मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान को रोकने, toxins को हटा दें, कीट काटने और अल्सर का इलाज करें। नीम के पत्तों में anti-bacterial  गुण होते हैं, यही वजह है कि यह संक्रमण, जले और किसी भी तरह की त्वचा की समस्याओं पर अद्भुत काम करता है। यह संक्रमण का कारण बनने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर देता है, immune system  को उत्तेजित करता है और तीव्र उपचार को प्रोत्साहित करता है। यहां कुछ उत्कृष्ट तरीके हैं जिनमें हम नीम के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं:

Uses of Neem Tree in Hindi

  • घाव मरहम: नीम के पत्तों से पेस्ट बनाओ और अपने घावों पर लगाए  या फिर अगर आपको  कीट काट लें तो जब तक लगा सकते तब तक पूरी तरह से ठीक ना हो। 
  • अलविदा dandruff:: नीम के पत्तों का एक गुच्छा गर्म करें जब तक कि पानी हरित नहीं हो जाता है, इसे ठंडा होने दें। शैम्पू के साथ अपने बालों को धोने के बाद, इस पानी से साफ करें।
  • आंखों की समस्या: कुछ नीम के पत्तों को उबालें, पानी को पूरी तरह से शांत कर दें और फिर अपनी आंखों को धोने के लिए उपयोग करें। इससे किसी भी तरह की जलन, थकान या लालिमा में मदद मिलेगी।
  • यह चिंतन करें कि: कुछ नीम के पत्तों को पीस लें, पेस्ट करें और मुँहासे के सूखने तक रोजाना इसे लागू करें। पेस्ट भी किसी तरह के काले धब्बे और पुराने अल्सर में मदद करता है।
  • कान की बीमारियां : कुछ नीम के पत्तों को blend करें और इसमें कुछ शहद जोड़ें। किसी भी कान के फोड़े का इलाज करने के लिए इस मिश्रण के कुछ बूंदों का उपयोग करें।
  • अन्य त्वचा विकार : नीम के पत्तों के पेस्ट के साथ हल्दी का उपयोग खुजली,  eczema, ring worms और कुछ हल्के त्वचा रोगों के लिए भी किया जा सकता है।
  • immunity को बढ़ावा दें: कुछ नीम के पत्तों को कुचल दें और उन्हें अपनी immunity बढ़ाने के लिए एक गिलास पानी ले लें।
  • Thought of the day in Hindi 
  • Thoughts in Hindi on Life with Images 
  • [300+ सुविचार ] Thought of the Day in Hindi
  • नीम के फूल ya Neem Flower 

नीम के पेड़ के अधिकांश भाग बेहद कड़वा होते हैं, इसके फूलों के exception के साथ श्वेत और नाजुक, नीम के फूल, अपने सफेद-सफेद कलियों के साथ  खाए जा सकते हैं और अविश्वसनीय उपचारात्मक होते हैं। फूलों में एक मीठा, लगभग रहस्यमय चमेली जेसी सुगंध होती है रात में खुशबू और एक बार दोपहर में खिलना और फिर शाम को फिर से। मानसून के दौरान, आप देखेंगे कि उनमें से एक गुच्छा वृक्ष के नीचे बिखरा होता हैं। तमिल में वेपम्पू के रूप में भी जाना जाता है, ये नीम फूल ताजा, सूखे या एक पाउडर रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। वे आमतौर पर दक्षिण में कई व्यंजन पकाने के लिए उपयोग किए जाते हैं: फूल चावल, पचाडी, रसम, दाल और अधिक। वे अक्सर भुने हुए सूखे और डिश के शीर्ष पर छिड़ककर गार्निश करने के लिए भी करते हैं।

नीम के फूलों का उपयोग anorexia, nausea, belching and intestinal worms के इलाज के लिए किया जा सकता है। आयुर्वेद का सुझाव है कि नीम के पत्ते आंखों के लिए अच्छे हैं और त्वचा रोग और सिरदर्द के उपचार में उपयोगी हैं। वे अपने शांत प्रभाव के कारण aromatherapy में उपयोग किया जाता है 2008 के एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि नीम के फूलों का शराबी निकालने से प्रभावी गर्भनिरोधक हो सकता है।

  • नीम ट्विग्स और बार्क

यदि आप भारत में पैदा हुए थे, तो आपने देखा होगा कि लोग नीम की टहनी को चबाते हैं। कई सालों के लिए, एक नीम की टहनी को लोग टूथब्रश के रूप में इस्तेमाल करते थे। यह रोगाणुओं से लड़ता है, आपके लार में alkaline स्तर को बनाए रखता है, बैक्टीरिया को बे में रखता है, सूजी हुई मसूड़ों का इलाज करता है और आपको सफेद दांत भी देता है। टहनी धागों की तरह अलग अलग हो जाती  है जो बीलकुल bristles की तरह होती है, जो कि plaque को नष्ट करती है।

नीम के बीज से निकाले गए नीम का तेल औषधीय गुणों से समृद्ध है, जो कि यह सौंदर्य प्रसाधन और अन्य सौंदर्य उत्पादों में बहुत अच्छा घटक बनाता है: साबुन, बाल तेल, हाथ धोने, साबुन आदि। ये त्वचा रोगों का एक गुच्छा का इलाज कर सकते हैं। ये उत्कृष्ट mosquito repellent है आप इसे नारियल के तेल के साथ मिलाकर इसे अपने शरीर पर भी लागू कर सकते हैं। यह माना जाता है कि भारत में, छोटे बच्चों को नीम के तेल को एक प्रकार के इलाज के रूप में खिलाया जाता है। ऐसे महान आयुर्वेदिक रोगी होने के अलावा, नीम का तेल अन्य पौधों की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग क्रीम, साबुन और अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों में भी किया जा सकता है। यहां नीम तेल के कुछ महान उपयोग हैं जिन्हें आप याद कर सकते हैं:

  • Blackheads दुर करे: नीम के 2-3 बूँदें लें, इसे पानी से पतला करें और अपने blackheads पर इस मिश्रण को लागू करें। Blackheads से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से इसे लागू करें और उन्हें वापस आने से रोकें।
  • Anti-ageing: नीम का तेल बेहद पौष्टिक है और आपके face पैक में जोड़ा जा सकता है। यह ageing skin, किसी भी प्रकार की skin की जलन और खुजली में मदद करता है।
  • बालों के लिए: कुछ नीम तेल लें और इसे सर में डाल दें, थोड़ी देर के लिए इसे छोड़ दें और धोएं। नीम का तेल अपने बालों को मजबूत कर सकता है, बालों के झड़ने को रोकने और रूसी का इलाज कर सकता है।

तो दोस्तों आज मैंने आपको बताया  importance of neem tree in hindi उम्मीद करता हूं कि आपको ये article पसंद आया होगा ओर आषा करता हूं कि आपको इससे u ses of neem tree in hindi language के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त हुई  होगी। ऐसे और रोचक विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे article पढ़ते रहे।

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Manish Yadav

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2 thoughts on “ 10 best uses of neem tree in hindi – नीम पेड़ के अचूक फायदे ”.

you are very intelligent

नीम का पेड़ हमारे जीवन में बहुत उपयोगी है। इस जानकारीपूर्ण लेख के लिए धन्यवाद.

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How To Write An Essay on Neem Tree In 10 Lines, Short And Long Format For Children

Priyadarshika

Key Points To Remember When Writing An Essay On Neem Tree For Lower Primary Classes

10 lines on neem tree for kids, paragraph on neem tree for children, short essay on neem tree in english for kids, long essay on neem tree for children, what will your child learn from the essay on neem tree.

When a child writes an essay, they have a lot of opportunities to improve their creative skills. Children who feel the need to write essays may find that doing so helps them strengthen their mental capabilities and contributes to their overall holistic development. If young children are taught and encouraged to write short essays like an essay on neem tree in English from an early age, they will have a significant advantage in their writing skills. In particular, the essay on neem tree for classes 1, 2, and 3 is a great way to make your children practice writing skills. They start weaving their thoughts into beautiful words and sentences using creative skills.

Writing essays is not only an essential component of learning that your children will be required to complete, but it also prepares them to be successful adults in the working world. Below are some points that will help you write on the neem tree for lower primary classes.

  • To get started, think about the neem tree in general and jot down any ideas or random thoughts that come to mind.
  • You need to provide an introduction that summarises what the reader may expect to find in the body of your essay.
  • Begin to add new paragraphs along with subheadings that discuss the neem tree’s significance and its features and advantages.
  • Put an end to the essay about the neem tree by providing a conclusion for it.

Children will be able to develop their thinking and writing skills by writing an essay for classes 1 and 2 on the topic – The Neem Tree. In addition to shade, neem trees provide various other benefits. Below are a few lines on neem tree showcasing its benefits and properties.

  • The neem tree is a kind of evergreen that grows all over the globe.
  • Although it is indigenous to India and other arid regions in South Asia, the neem tree has now spread over most of the globe.
  • Its scientific name is Azadirachta Indica.
  • The fruits of this tree are yellow or greenish-yellow, and each contains a solitary seed.
  • In India, the neem tree produces blooms between January and April and ripe fruits between May and August.
  • Neem trees often grow to a height of between 15 and 20 meters throughout their lifetime.
  • Neem leaves are used in the production of toothpaste as well as mouthwashes.
  • Neem can handle various climatic conditions, although it cannot live in locations with very low temperatures or excessive amounts of water.
  • It has medicinal properties too and has a great deal of potential as a pharmaceutical.
  • Shampoos that include neem are effective at removing dandruff from the hair.

Writing an essay about the neem tree will help you gain knowledge about the tree, and one can understand its advantages and its usage from ancient days. The neem tree is a kind of evergreen with a rapid growth rate and is very valuable due to its medicinal properties.

Neem tree roots are deep. Neem trees are found in their native environment in India and other dry parts of South Asia. Neem is known for its medicinal properties. Since ancient times, the tree’s wood and leaves have been used in Ayurvedic medicine. Recently, the tree’s wood and leaves have found usage in the cosmetics industry and organic agriculture. Neem trees have the potential to reach heights of up to 100 feet, placing them in the exclusive group of the world’s tallest trees. The neem tree in India produces flowers between January and April, while the fruit of the tree develops between May and August.

Kids must write a short essay on a topic like a neem tree in their classwork or homework. Given below is a 150-200 word essay on neem tree.

Do you know that every part of the neem tree can be used! The tree is tall enough to provide a good shade. When measured at its broadest point, the trunk has a diameter of around 1.2 meters. Flowers of the neem tree are often found growing in groups. Each cluster has anything from around 150 to 250 flowers contained inside it. It has stunning fruits, but each one is just a few milligrams in size, and the taste is disagreeable. It is categorised as a drupe, a fully fleshy fruit containing only one seed, comparable to peaches and cherries. Neem is a kind of plant that can be propagated in two ways: organically, via the use of seeds, and artificially, through the use of cuttings. Neem can thrive in a diverse variety of climates. Neem has medicinal properties and is helpful for skin disorders.

The essay on the neem tree for class 3 helps enhance writing abilities and deepen the understanding of this particular kind of tree. As a consequence, you will have the opportunity to get a deeper comprehension of its therapeutic and rehabilitative capacities.

Neem is a kind of tree with leaves that remain green throughout the year and grow quite swiftly. It is well known that it has applications in the medical field. Neem is a tree native to India and goes by the names “Nim” and “Margosa.” Its scientific name is Azadirachta Indica. Since ancient times, this tree’s wood and leaves have been used in Ayurvedic medicine. More recently, however, they have found applications in cosmetics and organic agriculture too.

In India, the neem tree is in full bloom from January to April and provides full fruits from May to August. Neem has been used for many decades to treat various ailments. Neem is a plant that can be grown in its natural habitat by germinating the seeds, but it may also be grown in a controlled setting by taking cuttings. Neem may be an active component in shampoos and soaps used to treat various skin conditions, such as acne and athlete’s foot. Dandruff can also be treated using neem-based shampoos.

Importance Of Neem Tree

The alternative name of neem is margosa, and its scientific name is Azadirachta Indica. Nim is another name for neem. It is noteworthy in a variety of different ways. It is used in the treatment of illnesses caused by fungi. Consuming the juice extracted from neem leaves will result in detoxification. Neem oil is used on the scalp to treat dandruff and lice infestations. It is well recognised to strengthen one’s immune system. Neem is the most powerful natural insecticide that is currently available. In addition, it is effective as a mosquito and bug repellent. Neem leaves, when chewed regularly, may assist in removing toxins from the blood, resulting in clearer, more radiant skin.

Parts Of The Neem Tree And Their Benefits

Neem leaves, neem flowers, neem bark, neem roots, and neem fruit are the many components that make up a neem tree.

  • The neem blossom has been shown to have anticancer effects.
  • The bark of the neem tree has pesticide properties.
  • The neem oil extracted from neem seeds is used to treat dandruff.
  • The neem leaf possesses characteristics that inhibit the growth of microorganisms.
  • The neem fruit has been shown to have anti-inflammatory effects.

Why Neem Tree Is Valuable For Farmers

The neem tree leaves have significant usage to improve the quality of the soil. As a combination, they are used for crops’ fertilisation. When the cake of the neem is tilled into the soil, it acts as a barrier against nematodes and white ants, both of which may cause damage to plant roots.

Children assigned to write an essay about the neem tree will be motivated to look up information and gain knowledge about the tree. In addition to improving their writing abilities, students will benefit from reading an essay about the neem tree since it will teach them that this lovely tree has useful therapeutic properties. They may regard this tree as one of their favourites and use neem in their day-to-day activities. They will even learn the value of the ancient herbal medicine system and the benefits of natural remedies.

Essay On Forest in English for Children Trees Are Our Best Friends Essay for Kids How to Write An Essay on Nature for Lower Primary Classes

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  • Queensland Government - Department of Agriculture and Fisheries Search - Neem Tree
  • Drugs.com - Neem
  • Frontiers - The Antimicrobial Potential of the Neem Tree Azadirachta indica
  • Feedipedia - Neem
  • National Center for Biotechnology Information - Neem: A Tree For Solving Global Problems
  • Verywell Health - What is Neem?
  • MedicineNet - What Is Neem Extract? Benefits, Uses, Risks, and Side Effects
  • WebMD - Neem - Uses, Side Effects, and More
  • Academia - Azadirachta indica (neem): a plant of multiple biological and pharmacological activities
  • Table Of Contents

neem

neem , ( Azadirachta indica ), fast-growing tree of the mahogany family ( Meliaceae ), valued as a medicinal plant , as a source of organic pesticides, and for its timber. Neem is likely native to the Indian subcontinent and to dry areas throughout South Asia . It has been introduced to parts of Africa, the Caribbean, and numerous counties in South and Central America. The plant has long been used in Ayurvedic and folk medicine and is used in cosmetics and in organic farming applications.

Neem trees can reach 15–30 metres (49–98 feet) in height and have attractive rounded crowns and thick furrowed bark . The compound leaves have toothed leaflets and are typically evergreen but do drop during periods of extreme drought . The small fragrant white flowers are bisexual or staminate (male) and are borne in clusters in the axils of the leaves. The fruit is a smooth yellow-green drupe and has a sweet-flavoured pulp.

Venus's-flytrap. Venus's-flytrap (Dionaea muscipula) one of the best known of the meat-eating plants. Carnivorous plant, Venus flytrap, Venus fly trap

Neem is usually grown from seed but can be propagated from cuttings or root suckers. The plant is hardy and resilient and grows well in poor, rocky soils . Neem tolerates a wide variety of environmental conditions but cannot survive freezing temperatures or being waterlogged.

Nearly all parts of the neem tree are useful, and many of its medicinal and cosmetic uses are based on its antibacterial and antifungal properties. Neem is commonly used in shampoos for treating dandruff and in soaps or creams for skin conditions such as acne , psoriasis , and athlete’s foot . It is also a component in some toothpastes and mouthwashes, especially in the Indian subcontinent, and young twigs are used directly as crude toothbrushes in rural areas. Neem leaves have long been used as a traditional treatment for diabetes , and there is some clinical evidence suggesting that it may help control blood sugar levels. Neem oil and neem bark and leaves are unsafe for consumption by pregnant women and can cause miscarriage .

Oil extracted from the seeds can be used directly as an insect and mite repellent, insecticide , and fungicide and is the source of many commercial pesticide products, including dusts, granules, and concentrates. The primary active insecticidal ingredient, azadirachtin, works to disrupt the hormones involved with insect molting , preventing larvae from developing properly into adults, and is a feeding inhibitor. Neem oil can kill soft-bodied insects on contact and decreases mating and reproductive behaviours, reducing pest fecundity. As a fungicide , neem oil is used to control rust , black spot , mildew , scab , anthracnose , and blight . Given that neem oil breaks down quickly with exposure to ultraviolet light , repeated applications are often necessary. Neem-based pesticides generally have low toxicity for mammals and are common in organic farming applications.

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Neem Tree Essay in English

January 28, 2022 by Sandeep

Essay on Neem Tree: A large evergreen tree that can grow up to 24 meters tall with green leaves and bright flowers are basic. The tree is a native of India and southeast Asiatic regions, and it is highly valued for its medicinal properties. The timber obtained is used for Ayurveda formulations, cosmetic products like shampoos, and organic farming essentials. Neem trees cannot withstand freezing temperatures and high water conditions, and they help cure acne and athlete’s foot.

Essay on Neem Tree

Below we have provided an essay on neem tree for class 1, 2, 3, 4, 5, and 6 students, written in easy and simple words.

Neem is a fast-growing evergreen tree highly valued for its medicinal properties. The scientific name of the neem tree is Azadirachta indica, and it is also referred to as ‘Nim’ or ‘Margosa.’ The neem tree is native to India and other dry areas in South Asia. It was later introduced in Africa and grown in many places in both continents, and it was also added to the Caribbean and South and Central America. For centuries, the tree’s timber and leaves have been used in Ayurvedic medicines, and they are now also used in makeup and organic farming.

Properties of Neem Tree

In India, the neem tree grows flowers from January to April and produces mature fruits from May to August. The fruit is a smooth, yellow-green, sweet flavoured drupe, which means that it is a pure fleshy fruit with only one seed, like peaches and cherries. Neem trees are quite tall- they can reach up to 100 feet in height. The neem plant grows through seeds but can also be artificially propagated using cuttings.

Neem can tolerate various environmental conditions but cannot survive freezing temperatures or areas with too much water. It can grow well even in poor, rocky soil. A novel aspect of neem is that every single part of the plant is helpful somehow. Neem can be used in shampoos to get rid of dandruff and soaps to fix many types of skin conditions like acne and athlete’s foot.

Especially in India, neem is a component of toothpaste and mouthwashes. Traditional treatments use neem to cure diabetes and even blood sugar levels. Many people around the world have shared ‘evidence’ that neem plants can cure COVID-19. There is no concrete proof of this, but some people say it can help alleviate the symptoms. The oil extracted from the plant can also be used as an insecticide and a fungicide.

As a result, they are ubiquitous in organic farming. In the past, neem oil was given to children in small doses when they were ill and bathed with neem tea to cure rashes, cuts, and chickenpox, and this is done even now. Neem wood is still used as fuel for cooking in some rural areas.

Spirituality

All plants have some connection to spirituality and religion across the world. In Indian history and culture, the neem tree symbolizes health, and it has a lot of spiritual significance concerning positivity. According to Hindu mythology, the neem tree was first born through drops of the elixir of immortality, namely Amrit, which was sprinkled onto Earth by gods.

In conclusion, the neem tree is a beneficial plant to humankind because it can withstand various climates. It can be grown in many parts of the world, so its health benefits are universally recognized and appreciated.

Paragraph on Neem Tree

Neem is a fast-growing evergreen tree highly valued for its medicinal properties. The neem tree is native to India and other dry areas in South Asia, and it was later introduced in Africa and grown in many places in both continents. For centuries, the tree’s timber and leaves have been used in Ayurvedic medicines, and they are now also used in makeup and organic farming. Neem trees are quite tall- they can reach up to 100 feet in height. In India, the neem tree grows flowers from January to April and produces mature fruits from May to August.

The fruit is a smooth, yellow-green, sweet flavoured drupe, which means that it is a pure fleshy fruit with only one seed, like peaches and cherries. The neem plant grows through seeds but can also be artificially propagated using cuttings. Neem can tolerate various environmental conditions but cannot survive freezing temperatures or areas with too much water. A unique aspect of neem is that every single part of the plant is helpful in some way.

Neem can be used in shampoos to get rid of dandruff and soaps to fix many types of skin conditions like acne and athlete’s foot. Especially in India, neem is a component of toothpaste and mouthwashes. Traditional treatments use neem to cure diabetes and even blood sugar levels. The oil extracted from the plant can also be used as an insecticide and a fungicide.

10 Lines on Neem Tree in English

  • Neem, scientifically known as Azadirachta indica, is a fast-growing evergreen tree highly valued for its medicinal properties.
  • The neem tree is native to India and other dry areas in South Asia but can be found now in many parts of the world.
  • In India, the neem tree grows flowers from January to April and grows mature fruits from May to August.
  • Neem can tolerate various environmental conditions but cannot survive freezing temperatures or areas with too much water.
  • Neem can be used in shampoos to get rid of dandruff.
  • It can also be used in soaps to fix conditions and toothpaste to strengthen teeth.
  • The oil extracted from the plant can also be used as an insecticide and a fungicide.
  • In the past, neem oil was given to children in small doses when they were ill.
  • According to Hindu mythology, the neem tree was first born through drops of the elixir of immortality, namely Amrit, which was sprinkled onto Earth by gods.
  • Neem Tree is a boon for humankind.

पेड़ों पर निबंध (100, 150, 200, 250,300, शब्दों मे वृक्ष निबंध) – Tree Essay in Hindi

essay on neem tree in hindi in english

Tree Essay in Hindi – पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं जो हमें जीवन भर साथ देते हैं। वे हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। पेड़ों से हमें भोजन, दवा, आश्रय आदि मिलता है। पेड़ हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जलवायु में सुधार करते हैं, पानी का संरक्षण करते हैं, मिट्टी को संरक्षित करते हैं और वन्य जीवन का समर्थन करते हैं। पेड़ हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी को जीवंत और सुखद बनाते हैं। वे तापमान बनाए रखते हैं और परिवेश को ठंडा रखते हैं।

पेड़ों का महत्व

जीवन के हर क्षेत्र में वृक्षों का महत्व बहुत अधिक है। हमारे स्वास्थ्य से लेकर निवास तक हर जगह पेड़ों का महत्व देखा जा सकता है। पौधों के रस से कई औषधियां तैयार की जाती हैं। लगभग सभी रोगों का उपचार करने वाला आयुर्वेद पेड़-पौधों पर आधारित है। हमारे घर के लिए सुंदर फर्नीचर लकड़ी से बने होते हैं जो हमें पेड़ों से मिलते हैं। पेड़ पृथ्वी पर कई वन्यजीवों को आश्रय भी प्रदान करते हैं। कई उद्योग जैसे फर्नीचर, लुगदी और कागज, डेंड्रो बायोमास बिजली उत्पादन उद्योग आदि पेड़ों पर आधारित हैं। ये उद्योग हर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इस प्रकार देश के विकास में मदद करते हैं।

वृक्ष पर निबंध 10 लाइन (Tree Essay 10 lines in Hindi)

  • पेड़ पृथ्वी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
  • वे कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। ऑक्सीजन के बिना इंसान 2 मिनट भी जिंदा नहीं रह सकता है।
  • हजारों प्रकार के पेड़ हैं। पृथ्वी पर प्रत्येक देश में पौधे और पेड़ हैं।
  • पेड़ पर्यावरण को ठंडा रखते हैं। ये हानिकारक गैसें लेकर हवा को भी साफ करते हैं।
  • वृक्षों द्वारा दी गई रुई का उपयोग मनुष्य द्वारा पहने जाने वाले कपड़े बनाने में किया जाता है।
  • वे हमें लकड़ी देते हैं जिसका उपयोग किताबें, खिड़कियां बनाने और जलाने के लिए भी किया जाता है।
  • पेड़ हमें सेब, आम, केला, संतरा, कीवी आदि फल देते हैं।
  • बहुत से पेड़ो का उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता है जो हमें बिमारियों से दूर रखती है।
  • जंगल हजारों जानवरों जैसे शेर, बाघ, हिरण, बंदर आदि का घर हैं।
  • हम पेड़ों के बिना नहीं रह सकते। इसलिए हमें हमेशा पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

वृक्ष पर निबंध 100 शब्द (Tree Essay 100 words in Hindi)

पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। पेड़ों के बिना जीवन बेहद कष्टमय हो जाएगा। हम कह सकते हैं कि जीवन हो जाएगा क्योंकि एक ठोस और अच्छी तरह से जीवन देने वाला एक पेड़ सबसे महत्वपूर्ण कोण है।

आजकल लोग बड़े चाव से पेड़ों को काट रहे हैं; अगर यह जारी रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे पास कोई पेड़ नहीं बचेगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं, जो हमारी सांसों के लिए जरूरी है।

दरअसल, पेड़ मिट्टी के क्षरण को रोक सकते हैं। इसलिए, हमें पेड़ों के महत्व को समझना चाहिए, और जब भी हम किसी एक को काट रहे हों, हमें एक पेड़ लगाना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 150 शब्द (Tree Essay 150 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। वृक्षों के बिना पृथ्वी मृत और शुष्क हो जाएगी। किसी भी तरह से पानी नहीं होगा, बारिश नहीं होगी और जंगल नहीं होगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन, छाया, जमीन से उपजे खाद्य पदार्थ ज्यादा देते हैं। वे लगभग 10,000 प्रकार के पक्षियों के लिए एक घर के रूप में भी काम करते हैं – पेड़ वनों का निर्माण करते हैं। पेड़ों के बिना जंगल नहीं होगा।

लोगों और जीवों को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। दरअसल, मछलियों को भी अपने गलफड़ों में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। पेड़ उस ऑक्सीजन को बनाते हैं। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन (O2) देते हैं। दो बड़े पेड़ आपके परिवार के लिए एक साल का ऑक्सीजन पैदा कर सकते हैं। पेड़ों के बिना जीवन नहीं होगा।

उड़ने वाले जीवों का घर पेड़ों पर होता है। यह उनका मुख्य घर है। ये अतिरिक्त रूप से पेड़ों से भोजन प्राप्त करते हैं। लोग पेड़ों द्वारा दिए गए प्राकृतिक उत्पादों को भी खाते हैं। साथ ही इसे बाजार में नगद में बेच देते हैं। कुछ पेड़ हमें दवा, तेल और इलास्टिक आदि देते हैं। पेड़ बारिश के दौरान गंदगी को पकड़ कर रखते हैं।

वृक्ष पर निबंध 200 शब्द (Tree Essay 200 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए भगवान का सबसे प्रमुख आशीर्वाद हैं। वे ऑक्सीजन, भोजन, आश्रय और वर्षा देते हैं। पेड़ अतिरिक्त रूप से हवा को चैनल करते हैं और इसे स्वच्छ बनाते हैं। वृक्षों की जड़ें गन्दगी को बाँधकर उत्तम रखती हैं। पंख वाले जानवरों और प्राणियों के लिए, एक पेड़ एक घर जैसा दिखता है। यह एक विशिष्ट रूफटॉप ओवरहेड जैसा दिखता है।

पेड़ों के बिना, पक्षियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उनके पास घर जाने और अंडे देने के लिए कोई जगह नहीं होगी। जल्द ही, इनमें से हर एक जीव धूल खाएगा। वे गर्मियों में पेड़ों के नीचे आराम करते हैं और इसी तरह बारिश से छिप जाते हैं। जीव और पंख वाले जानवर पेड़ों के उत्पाद खाते हैं: पेड़ पक्षियों और छोटे जीवों को उनके शिकारियों से बचाते हैं।

पेड़ तब तक हमारी मदद करते हैं जब तक वे खुद जीवित रहते हैं। वे इसी तरह तापमान की निगरानी में मदद करते हैं। ये गर्मियों में हवा को ठंडा करने में मदद करते हैं। हाथी और अन्य जीव पेड़ों की पत्तियों को खाते हैं।

जब वे गुजरते हैं तो वे किसी भी घटना में उपयोगी होते हैं। इनकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसे खाना बनाने और गर्म करने के लिए तला जाता है। गिरी हुई पत्तियाँ कमाल की खाद हैं। पेड़ कई सालों तक जीवित रहते हैं और हमारी मदद करते हैं। जितनी संख्या में अनुमति मिल सकती है, उतनी संख्या में हमें पौधे लगाने चाहिए। हमें भी किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उसे जीवित रहने देना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 250 शब्द (Tree Essay 250 words in Hindi)

पेड़ विभिन्न आकृतियों और आकारों में आते हैं। कुछ विशाल होते हैं जबकि कुछ छोटे होते हैं, कुछ मोटे होते हैं और अन्य के तने सख्त होते हैं। दूसरे के तने सुन्दर और नाजुक होते हैं। कुछ मिट्टी के उत्पाद फूल देते हैं। जो भी हो, उनमें से प्रत्येक एक आशीष है—एक आशीष परमेश्वर ने हमें लक्ष्य दिया है कि हम विश्राम कर सकें।

हम चारों ओर ध्यान देने योग्य लेते हैं और ऑक्सीजन लेते हैं। वही ऑक्सीजन जो पेड़ पैदा करते हैं। क्या हम बिना ऑक्सीजन के रह पाएंगे? उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं है। यह उत्तर स्पष्ट करता है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए पेड़ कितने महत्वपूर्ण हैं। वे दुनिया के जीवन भावनात्मक रूप से सहायक नेटवर्क हैं।

पेड़ों का भी असाधारण व्यापारिक सम्मान है। कागज बनाने के लिए पेड़ों की लकड़ी के मैश का उपयोग किया जाता है। उनका उपयोग खिड़कियां और प्रवेश द्वार बनाने के लिए किया जाता है। पेड़ बारिश के दौरान पानी रोकते हैं। यह पानी एक भूमिगत जल भंडार को भरता है। वे वैसे ही मिट्टी को बचने से रोकते हैं।

पेड़ स्कूलों में बच्चों को छाया भी देते हैं। ब्रेक के दौरान युवा पेड़ों के नीचे बैठकर खेलते हैं। पेड़ किसी स्थान को अद्भुत बनाते हैं। वे अशांति और संदूषण को कम करते हैं। पेड़ भी धूल को रोककर हवा को साफ रखते हैं।

पेड़ पंख वाले जीवों, गिलहरियों और कीड़ों के लिए घर हैं। पेड़ परिसंचरण तनाव और तनाव को कम करने के लिए जाने जाते हैं। पुराने पेड़ों में खोखले होते हैं जिनमें छोटे जीव और उड़ने वाले जीव रहते हैं। पेड़ कई सालों से हमारी मदद करते आ रहे हैं। कुछ धर्म पेड़ों को भगवान के रूप में मानते हैं। वे पेड़ के नीचे पूजा करते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। हम सभी को एक पेड़ के बारे में सोचना चाहिए और दूसरा पौधा लगाना चाहिए। अच्छा होगा कि आप अपने घर में एक पौधा लगाएं। सड़क के किनारे एक और पेड़ लगाने से दूसरे लोगों को मदद मिलेगी।

पेड़ पर निबंध 300 शब्द (Tree Essay 300 words in Hindi)

पेड़ जीवित प्राणियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे हमें जीवन के दो आवश्यक घटक प्रदान करते हैं जो भोजन और ऑक्सीजन हैं। इनके अलावा, पेड़ भी मनुष्य को कई लाभ प्रदान करते हैं और इस प्रकार उन्हें जीवन का सबसे आवश्यक हिस्सा माना जाता है।

पेड़ और पौधे ही हैं जो CO2 ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो हमारे जीवन को आगे बढ़ाते हैं। मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन सबसे आवश्यक तत्व है। साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग की ओर ले जाती है। अत: प्रकृति का यह चक्र पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए वनीकरण से हवा शुद्ध होगी और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी मदद मिलेगी।

वृक्ष एक समृद्ध और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भी ले जाता है जिसमें पशु, पक्षी, कीड़े और कई अन्य जीवित प्राणी अपने अस्तित्व और जीवन के लिए पेड़ों पर निर्भर होते हैं। पेड़ खाद्य श्रृंखला के निचले भाग में मौजूद होते हैं क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। इस प्रकार, वे बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाते हैं। इसके अलावा, कई प्रकार की आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं पेड़ों से बनाई जाती हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र में पानी के संतुलन को भी बनाए रखते हैं, पेड़ों की जड़ें इस तरह से बनाई जाती हैं कि यह मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखता है और बारिश और बाढ़ के दौरान इसे बहने नहीं देता है, इसलिए ये मिट्टी के कटाव और भूस्खलन को रोकने में मदद करते हैं।

पेड़ हवा और भोजन का एक समृद्ध स्रोत हैं और प्रकृति की सौंदर्य सुंदरता में भी योगदान करते हैं। लोग पेड़ों की गोद में आनंद लेते हैं क्योंकि प्रकृति स्वयं एक महान तनाव बस्टर है और लोगों को अच्छा और सक्रिय महसूस कराती है। पेड़ चिलचिलाती गर्मी में छाया भी देते हैं और हमें अपनी शांत और ठंडी हवा से राहत देते हैं।

इसलिए पेड़ मानव जीवन का अहम हिस्सा हैं। वे दवा और लकड़ी उद्योग में इसके विभिन्न उपयोगों के कारण देश के आर्थिक विकास में भी मदद करते हैं। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम भगवान के ऐसे सुंदर प्राणियों को संरक्षित करें और इस प्रकार हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और पेड़ों के लिए हानिकारक गतिविधियों को हतोत्साहित करना चाहिए।

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पेड़ों पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पेड़ हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण हैं.

पेड़ महत्वपूर्ण हैं। पृथ्वी पर सबसे महान पौधों के रूप में, वे हमें ऑक्सीजन देते हैं, कार्बन जमा करते हैं, गंदगी को संतुलित करते हैं और दुनिया के प्राकृतिक जीवन को जीवन प्रदान करते हैं।

यूके में सबसे व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले पेड़ कौन से हैं?

सिल्वर बर्च, ओक, बर्च और स्वीट चेस्टनट ब्रिटेन में पाई जाने वाली सबसे बुनियादी वृक्ष प्रजातियाँ हैं।

पेड़ों में क्या होता है?

पेड़ चीनी के कण बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड से कार्बन का उपयोग करते हैं। वुडी टिश्यू और पेड़ों की छाल में पेड़ के बायोमास का विशाल बहुमत शामिल होता है। लकड़ी और छाल सेल्युलोज के बने होते हैं।

पृथ्वी पर पहला पेड़ कौन सा था?

पहला पेड़ वाटिज़ा था, जिसके जीवाश्म 2007 में न्यूयॉर्क राज्य में पाए गए थे, जो मध्य डेवोनियन (लगभग 385 मिलियन वर्ष पूर्व) में वापस जा रहे थे।

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  1. Few points about Neem tree in Hindi

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  21. पेड़ों पर निबंध (100, 150, 200, 250,300, शब्दों मे वृक्ष निबंध)

    वृक्ष पर निबंध 100 शब्द (Tree Essay 100 words in Hindi) पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। पेड़ों के बिना जीवन बेहद कष्टमय हो जाएगा। हम कह सकते हैं कि जीवन हो जाएगा क्योंकि ...

  22. 10 lines Essay on Neem tree in Hindi

    10 lines Essay on Neem tree in Hindi | नीम का पेड़ पर निबंध 10 लाइन | Neem ka ped par NibandhThis video is about 10 lines on Neem tree essay in Hindi. If you...