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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध (Artificial Intelligence Essay in Hindi)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैसा कि शब्द से ही पता चलता है, बुद्धिमत्ता को कृत्रिम रूप से बनाया जाता है ताकि मशीनों को बुद्धिमत्ता के प्रसंग में, मनुष्यों की तरह व्यवहार करने के लिए बनाया जा सके। मशीनों को यदि बुद्धिमत्ता के आदेशों के साथ प्रक्रिया में लाया जाता है, तो वे 100 प्रतिशत परिणाम देते हैं, क्योंकि वे कुशल हैं। मानव मस्तिष्क उसी तरह की क्षमता के लिए सक्षम हो सकता है या संभव है कि नहीं भी हो सकता है क्योंकि यह उस दौरान मस्तिष्क के कार्य करने पर निर्भर करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता जिसे हम अंग्रेजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी कहते हैं उसका जन्म वर्ष 1950 में हुआ था। जॉन मैकार्थी पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसा कोई शब्द बनाने वाले पहले व्यक्ति थे, इसलिए उन्हें एआई (AI) का जनक माना जाता है। यह कंप्यूटर को एक इंसान के रूप में सोचने, समझने, और प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने की प्रक्रिया है साथ ही डेटा को इनपुट्स और कमांड के रूप में विकसित करके प्रदर्शन किया जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए हम यहाँ पर आपके लिए अलग अलग शब्द सीमा में कुछ निबंध लेकर आये हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Artificial Intelligence in Hindi, Kritrim Buddhimatta par Nibandh Hindi mein)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध – (250 – 300 शब्द).

हम कह सकते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस वाले कंप्यूटर और मशीनें हैं जो हमारे काम को आसान बनाती हैं। सरल शब्दों में कहें तो यह कंप्यूटर को इंसान की तरह सोचने और कार्य करने की क्षमता प्रदान करने की प्रक्रिया है। यह कंप्यूटर को इनपुट और दिशा-निर्देश के रूप में डेटा देकर किया जाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग

एआई के अनुप्रयोग विशाल और विविध हैं, जिनमें स्वास्थ्य देखभाल और वित्त से लेकर परिवहन, मनोरंजन और बहुत कुछ शामिल हैं। जैसे की स्व चालित गाड़िया, एआई-पावर्ड असिस्टेंट, फेशियल रिकॉग्निशन, सिफ़ारिश प्रणाली, रोबोटिक्स आदि। आजकल सबसे लोकप्रिय एआई एप्लिकेशन चैटजीपीटी हैं, यह ऐसा सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को प्रश्न टाइप करते ही उसका उत्तर दे देता है, यह बिलकुल एक इंसान जैसा उत्तर देता है। एआई फोटो जनरेटर, जो एक सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को प्रश्न टाइप करते ही मनमाफिक फोटो जेनेरेट कर देता है। ये बिलकुल ही अकल्पनीय सॉफ्टवेयर है। सोफिया, एक बहुत ही उन्नत ह्यूमनॉइड रोबोट है जो एक व्यक्ति की तरह कार्य और व्यवहार कर सकती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: दोस्त या दुश्मन

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को संदर्भ और इसके उपयोग के तरीके के आधार पर दोस्त और दुश्मन दोनों के रूप में देखा जा सकता है। एआई प्रौद्योगिकियां उबाऊ कामों को स्वचालित करके और अधिक कुशल बना सकती हैं। चूंकि एआई कुछ कार्यों को स्वचालित करना आसान बनाता है, इसलिए लोगों को नौकरी छूटने और संभावित बेरोजगारी की चिंता होती है, खासकर उन उद्योगों में जो मैन्युअल काम या बार-बार किए जाने वाले कार्यों पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं। एआई सिस्टम को हैक किया जा सकता है या बदला जा सकता है, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है और एआई-संचालित प्रौद्योगिकियों का गलत उपयोग भी हो सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने विभिन्न उद्योगों में क्रांति ला दी है और इसका तेजी से विकास जारी है। हालाँकि, इसके जिम्मेदार और लाभकारी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए एआई से जुड़े नैतिक विचारों और संभावित जोखिमों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

निबंध 2 (400 शब्द) – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान में हो रही प्रगति में से एक है, इसलिए इसे कंप्यूटर विज्ञान की ही एक शाखा के रूप में देखा जा सकता है। यह मशीनों की बुद्धिमत्ता है। आमतौर पर, हम इंसानों की बुद्धिमत्ता को ही समझते हैं, लेकिन जब इसी को मशीन द्वारा दर्शाया जाता है, तो उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहा जाता है।

एक मशीन तभी कार्य करती है जब उसे निर्देश दिया जाता है लेकिन अगर उसी मशीन में मानव जैसी सोच और विश्लेषण, समस्या को सुलझाने की क्षमता, आवाज पहचानने की क्षमता आदि को स्थापित कर दिया जाए, तो वही इसे स्मार्ट साबित करता है। मानवीय बुद्धिमत्ता कुछ संसाधित निर्देशों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। मशीनों के निर्देश के रूप में कई संसाधित कमांड हैं ताकि वे मनचाहे परिणाम दे सकें।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार

मुख्य रूप से दो प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता होती है, जो इस प्रकार से हैं :

  • संकुचित कृत्रिम बुद्धिमत्ता – ये सिर्फ एकल कार्य कर सकते हैं, उदाहरण – आवाज की पहचान करना।
  • सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता – इस तरह की बुद्धिमत्ता में मानव जैसे कार्यों को करने की क्षमता होती है। फिलहाल आज की तारीख तक, ऐसी कोई मशीन विकसित नहीं हुई है।
  • उत्कृष्ट कृत्रिम बुद्धिमत्ता – एआई एक इंसान से बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है। हालाँकि इस पर अभी भी शोध जारी है।
  • प्रतिक्रियाशील मशीन – यह मशीन किसी परिस्थिति के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया करती है। यह वर्तमान या भविष्य के उपयोग के लिए किसी भी डेटा को स्टोर करने में सक्षम नहीं है। यह फीड किए गए डेटा के अनुसार काम करता है।
  • सीमित स्मरणशक्ति – यह मशीन एक सीमित अवधि के लिए कम मात्रा में डेटा इक्कठा कर सकती है। इसके उदाहरण सेल्फ ड्राइविंग कार और वीडियो गेम हैं।
  • मन का सिद्धांत – ये ऐसी मशीनें हैं जो मानवीय भावनाओं को समझती हैं, ये काफी ज्यादा समझदार होती हैं। हालाँकि इस प्रकार की मशीनें अभी तक विकसित नहीं हुई हैं। इसलिए अवधारणा पूरी तरह से काल्पनिक है।
  • आत्म जागरूकता – इस प्रकार की मशीनें इंसानों की तुलना में बेहतर काम करने का गुण रखती हैं। ये दूसरी बात है कि आज की तारीख तक, ऐसी कोई मशीन विकसित नहीं की गई है। हालाँकि इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता: मानव जाती के लिए खतरा

विकासशील तकनीक के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक वरदान साबित हो रही है। यह कार्यभार को कम करने के साथ-साथ इसे विशेष रूप से हल करके उक्त कार्य को और भी ज्यादा आसान बना सकता है। आधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक व्यक्ति अपने कार्य में कई तरह के लाभ उठा सकता है। चूंकि इस दुनिया में हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ भी कुछ ऐसा ही है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कई नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। यदि इस तकनीक का उपयोग नकारात्मक मानसिकता के साथ किया जाता है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सम्पूर्ण मानव जाति को नष्ट भी कर देगा। किसी भी तकनीक को विकसित करने का मतलब यह कभी नहीं होता है कि हमें काम करना बंद कर देना चाहिए, वे केवल हमारे काम को आसान बनाने के लिए हैं। लेकिन अगर हम इस बात को भूल जाते हैं तो हमारे हाथ निराशा के अलावा और कुछ भी नहीं लगेगा।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाली कई मशीनें आज की तारीख में उपलब्ध हैं, जो हमारे काम को आसान बनाती हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस तमाम उपकरणों के विकास के कारण कम ज्ञान वाले लोगों को भी काफी मदद मिल जाती हैं। आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास का उपयोग किया जा सकता है।

निबंध 3 (600 शब्द) – कृत्रिम बुद्धिमत्ता: एक विशेषाधिकार या नुकसान

मशीनें हमारे काम को सरल और आसान बनाती हैं, लेकिन अगर मशीनों में इंसान जैसी समस्याओं को सुलझाने और परिणाम देने की क्षमता आ जाती है तो यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहलाता है। यह कंप्यूटर विज्ञान की उन्नत शाखाओं में से एक है। मशीनों में मानव बुद्धिमत्ता की विभिन्न विशेषताओं को विकसित करने पर ध्यान देने की दिशा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को परिभाषित किया जा सकता है। इन विशेषताओं को विभिन्न डेटा, बुद्धिमत्तापूर्ण एल्गोरिदम के माध्यम से विकसित किया जा सकता है जिन्हें इनपुट के रूप में उपयोग किया जाना है। वर्तमान में हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ तमाम तरह के उपकरणों से घिरे हुए हैं, उदाहरण के लिए, एयर कंडीशनर, कंप्यूटर, मोबाइल, बायोसेंसर, वीडियो गेम, आदि। व्यापाक रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास से मानव जाति को विभिन्न पहलुओं में लाभ होगा।

संकुचित , सामान्य और उत्तम कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है

संकुचित कृत्रिम बुद्धिमत्ता

  • यह एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता है जो कार्य विशिष्ट होती है यानी किसी एक काम को करने के लिए बना होना।
  • किसी एक कार्यक्रम को करने की क्षमता होना।
  • आमतौर पर यह व्यापक रूप से उपलब्ध है।
  • उदाहरण के लिए, आवाज पहचाना, चेहरा पहचाना, आदि।

सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता

  • इस प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता में मानवीय भावनाओं को समझने की क्षमता होती है जैसे- दुःख, सुख, क्रोध, आदि।
  • काम के वक़्त इंसान जितना बेहतर साबित होगा, हालाँकि इस तरह की बुद्धिमत्ता वाली मशीन को विकसित करने की कोशिशें जारी हैं।

उत्तम कृत्रिम बुद्धिमत्ता

  • एक प्रकार का कृत्रिम बुद्धिमत्ता जो समस्या-समाधान और अन्य कार्यों में मनुष्य से बेहतर प्रदर्शन के लिए जाना जाता है।
  • इसपर शोध प्रक्रिया अभी भी जारी है। ऐसा कोई उपकरण आज तक विकसित नहीं हुआ है, फिलहाल यह काल्पनिक है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता: एक विशेषाधिकार या नुकसान

मशीन में मानव बुद्धि को विकसित करने के लिए, कार्य को सरल बनाने के लिए, कंप्यूटर विज्ञान ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में उन्नति की है। यह विशेष अधिकार या नुकसान के रूप में पहचान करने के लिए उपयोग के मानदंडों पर निर्भर करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमें अपने काम को आसान बनाने के लिए सहायता प्रदान करने में हमारी मदद कर रहा है,

  • यदि यह शिक्षा के साथ है, तो तेजी से सीखने के विभिन्न तरीकों के साथ ऊपर उठने में मदद करता है, बिना किसी गलती के अधिक मात्रा में डेटा संकलित करता है।
  • चिकित्सा क्षेत्र में, यह विभिन्न तरह के निदान के लिए डेटा व्याख्या की सुविधा प्रदान करता है, किसी तरह के प्रयास की उम्मीद किये बिना यह विभिन्न रोगियों का विवरण प्राप्त करना, आगे चलकर किसी भी बीमारी से संबंधित प्रश्नों या रोगियों की काउंसलिंग के बारे में चर्चा के लिए एक सामान्य मंच साबित करने में मदद करता है। रूटीन चेकअप की निगरानी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ अन्य कई उपकरण भी उपलब्ध हैं।
  • यह दैनिक गतिविधियों में भी काफी उपयोगी है, आगे अनुसंधान और विकास क्षेत्र को बहुत मदद प्रदान करता है।

जिस तरह से हम अपने जीवन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को लागू करते जा रहे हैं इससे यह तय होते जा रहा है कि यह एक विशेषाधिकार होगा या फिर नुकसान होगा।

सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से है और वह ये है कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। यह ई-कचरे को जन्म देता है जो सड़ने योग्य नहीं माना जाता है और अगर इसे डंप भी किया जाता है, तो यह तमाम तरह की विषाक्त भारी-भरकम धातुओं को छोड़ देगा, जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता ख़त्म हो जाएगी।

  • प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता मनुष्य में आलस्य का कारण बनती जा रही है। अलग-अलग बीमारियों को न्यौता देने के साथ-साथ आपके काम करने की क्षमता भी वक़्त के साथ कम होते जाती है। इसलिए किसी को इन उपायों पर पूरी तरह से निर्भर नहीं होना चाहिए।
  • वह दिन दूर नहीं जब मशीन इंसानों से ज्यादा बेहतर हो जायेंगे।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जब उचित तरीके से उपयोग की जाती है, तो इसके अच्छे परिणाम आते हैं, लेकिन अगर मशीन को दिए गए निर्देश नकारात्मक या विध्वंसक हैं, तो इससे समुदाय को नुकसान हो सकता है।
  • प्रौद्योगिकियां दिन-प्रति-दिन आगे बढ़ती जा रही हैं, और इस तरह वह समय नजदीक होगा जब इन प्रौद्योगिकियों के माध्यम से किया गया हर कार्य मानव को विलुप्त होने की ओर ले जाएगा।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि तकनीकी उन्नति, मानव जाति के विकास में एक सहायक रणनीति साबित हो रही है। आज इंसान चाँद पर बसने की योजना बना रहा है। जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता को उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्तर पर विकसित किया जाता है, तो उससे काफी अधिक तकनीकी सहायता मिलेगी। रोबोटिक्स जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता की एक विकासशील शाखा है, इसके उच्च योगदान हो सकते हैं। प्रशिक्षित रोबोट को परीक्षण और निगरानी गतिविधियों के लिए अलग-अलग नमूने प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है। इसलिए कुल मिला जुला कर, यह कहा जा सकता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव जाति को लाभान्वित करने की दिशा में है यदि उसका उपयोग उचित और सकारात्मक तरीके से किया जाए।

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  • Artificial Intelligence /

Artificial Intelligence in Hindi: AI क्या है, कितने प्रकार की होती है और इसमें कितने कोर्स होते हैं?

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  • Updated on  
  • नवम्बर 7, 2023

Artificial Intelligence in Hindi

साइंस ने लगातार विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। हर दिन साइंस कोई न कोई एक्सपेरिमेंट हो रहा है। ऐसा ही एक सफल एक्सपेरिमेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी हुआ है। वे सभी साईं-फाई फिल्में जो हमने एक बच्चे के रूप में देखीं, अक्सर हमें अचंभित कर देती थीं और हम में से अधिकांश किसी दिन उन मानव-समान रोबोट बनाने की इच्छा रखते थे। बड़े होकर, हमने तकनीकी प्रगति की एक विशाल लहर देखी जिसने हमारी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को सरल बना दिया। इन तकनीकी इन्नोवेशंस में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक मूलभूत तत्व है जो खुद को कम्प्यूटेशनल इक्विपमेंट्स और सिस्टम्स में मानव बुद्धि के अनुकरण से संबंधित है। लगभग हर उद्योग डिजिटल क्रांति को लागू करने के लिए एआई प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर रहा है जिसने इसे समकालीन समय में सबसे अधिक मांग वाला करियर बना दिया है। इस ब्लॉग के माध्यम से, हम आपको Artificial Intelligence in Hindi में करियर बनाने के बारे में एक संपूर्ण गाइड प्रदान करना चाहते हैं, जिन कोर्सेज को आप आगे बढ़ा सकते हैं और साथ ही इसके व्यापक दायरे को भी प्रदान कर सकते हैं।

This Blog Includes:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कितने प्रकार के होते हैं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत कैसे हुई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्सेज, स्वास्थ्य देखभाल, ऑटोनोमस व्हीकल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उदाहरण, 2022 के टॉप एआई आविष्कार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्सेज और टॉप यूनिवर्सिटीज, भारत के टॉप विश्वविद्यालय, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए योग्यता, आवेदन प्रक्रिया , आवश्यक दस्तावेज , प्रवेश परीक्षाएं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर स्कोप, जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी .

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है- बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता (इंटेलेक्चुअल एबिलिटी)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह इंटेलीजेंट मशीनों, विशेष रूप से इंटेलीजेंट कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का साइंस और इंजीनियरिंग है अर्थात् यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक सब-डिवीजन है और इसकी जड़ें पूरी तरह से कंप्यूटिंग सिस्टम पर आधारित हैं। AI का अंतिम लक्ष्य ऐसे उपकरणों का निर्माण करना है जो बुद्धिमानी से और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें और ह्यूमन लेबर और मैनुअल काम को कम कर सकें।

यह मानव बुद्धि की नकल करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है। Siri, Alexa, Tesla Car और डिजिटल एप्लिकेशन जैसे Netflix और Amazon AI टेक्नोलॉजी के कुछ बेहतरीन उदाहरण हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग , कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग , एप्लाइड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के साथ-साथ बैचलर्स की डिग्री और मास्टर डिग्री की पेशकश की जाती है जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर बनाने के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार के बारे में नीचे बताया गया है-

  • पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (प्योरली रिएक्टिव)
  • सीमित स्मृति (लिमिटेड मेमोरी)
  • मस्तिष्क सिद्धांत (ब्रेन थ्योरी)
  • आत्म-चेतन (सेल्फ कॉन्ससियस)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में ही हो गई थी, लेकिन इसको 1970 के दशक में पहचान मिली।  जापान ने सबसे पहले पहल की और 1981 में  फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी। इसमें सुपर-कंप्यूटर के विकास के लिये 10-वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी। बाद में ब्रिटेन ने इसके लिए  ‘एल्वी’  नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया। यूरोपीय संघ के देशों ने भी   ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी। 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिए एक संघ ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’की स्थापना की।

चूंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बहु-विषयक शिक्षा और प्रशिक्षण शामिल है और यह कई क्षेत्रों को छूता है। इसमें कोर्स की पेशकश भिन्न होती है और पृष्ठभूमि में व्यक्तियों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की जाती है। इस संबंध में, हमने न केवल मुख्य एआई कोर्सेज बल्कि व्यापक लोगों की भी नीचे एक लिस्ट शामिल की है-

  • Bachelors in AI
  • BSc Mathematics
  • Computer Science Bachelors [Major AI]
  • Master of Science in AI
  • MSc Mathematics
  • Masters in Machine Learning
  • Master in Engineering (ME)
  • MBA in Data Science
  • MS in Mechanical Engineering
  • PhD in Artificial Intelligence
  • PhD in Computer Science
  • PhD in Mathematics

इस क्षेत्र में एक अकादमिक कार्यक्रम का अध्ययन, आप एआई की विस्तृत और जटिल अवधारणाओं के साथ-साथ कुशल डिजिटल और रोबोटिक उपकरणों के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकों के ज्ञान से लैस होंगे। यहाँ कुछ प्रमुख विषय दिए गए हैं जिनसे आप AI कोर्सेज में पढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं-

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजाइन 
  • क्लाउड कम्प्यूटिंग
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप्लिकेशन्स
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग 
  • एआई सिस्टम 
  • नेटवर्क एनालिसिस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एप्लिकेशन्स

बिज़नेस अपने ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध बनाने के साथ-साथ उन कार्यों से निपटने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं जो मनुष्यों द्वारा किए जाएंगे लेकिन रोबोटिक प्रक्रिया ऑटोमेशन का उपयोग करके तेजी से किया जा सकता है। इसके अलावा, वेबसाइटें ग्राहकों की सेवा करने के सर्वोत्तम तरीकों का पता लगाने के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिथ्म का उपयोग कर रही हैं । व्यावसायिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विविध अनुप्रयोगों के बीच, ग्राहकों को तत्काल सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए वेबसाइटों में चैटबॉट शामिल हैं। एआई में बिक्री बढ़ाने, भविष्य कहनेवाला विश्लेषण करने, उपभोक्ताओं के साथ उनके समग्र अनुभव को बढ़ाने के साथ-साथ कुशल और प्रभावी कार्य प्रक्रियाओं को तैयार करने की क्षमता है।

जब शिक्षा क्षेत्र की बात आती है, तो एआई ने शिक्षण के पारंपरिक तरीकों में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। असाइनमेंट ग्रेडिंग के साथ-साथ ऑनलाइन अध्ययन सामग्री, ई-कॉन्फ्रेंसिंग इत्यादि के माध्यम से स्मार्ट सामग्री प्रदान करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों को प्रभावी ढंग से शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, एआई का उपयोग Leverage Edu जैसे प्रवेश पोर्टलों द्वारा भी कुशलता से किया जा रहा है ताकि छात्रों को बेस्ट फिट कोर्स खोजने में सहायता मिल सके और विश्वविद्यालयों को उनकी प्राथमिकताओं और करियर लक्ष्यों के अनुसार। शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के असंख्य अन्य अनुप्रयोग हैं जैसे ऑनलाइन कोर्स और सीखने के प्लेटफॉर्म और डिजिटल एप्लिकेशन, बुद्धिमान एआई ट्यूटर, ऑनलाइन करियर काउंसलिंग , वर्चुअल फैसिलिटेटर, अन्य।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रभावी तकनीक साबित हुई है क्योंकि इसने चिकित्सा उपकरण, डायग्नोसिस, रिसर्च आदि में क्रांति ला दी है। रोगों के बेहतर और तेजी से डायग्नोसिस के लिए कंप्यूटिंग तकनीकों का उपयोग करने के अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न महत्वपूर्ण अनुप्रयोग हैं क्योंकि जटिल एल्गोरिथ्म का उपयोग जटिल चिकित्सा और स्वास्थ्य संबंधी डेटा के विश्लेषण और व्याख्या के लिए मानव अनुभूति का अनुकरण करने के लिए किया जा सकता है। एआई सिस्टम डेटा के बड़े हिस्से को संभाल सकता है और उपचार के सर्वोत्तम तरीकों का सुझाव देने के लिए उनका विश्लेषण कर सकता है। कई स्वास्थ्य सेवा कंपनियों ने लाइब्रेट, वेबएमडी, आदि जैसे डिजिटल एप्लिकेशन भी डिजाइन किए हैं, जहां मरीज अपने मरीजों की रिपोर्ट कर सकते हैं और स्वास्थ्य पेशेवरों से चिकित्सा सहायता ले सकते हैं।

बैंकिंग क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग भी तेजी से बढ़ रहे हैं। दुनिया में ऐसे कई बैंक हैं जो पहले से ही क्रेडिट कार्ड की धोखाधड़ी से संबंधित गतिविधियों का पता लगाने के साथ-साथ ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठा रहे हैं। लगभग हर बैंक अपने उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन ऐप प्रदान कर रहा है जहां वे अपने खाते के लेन-देन को ट्रैक कर सकते हैं, ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं और साथ ही एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग पैटर्न के साथ-साथ भुगतान धोखाधड़ी का पता लगा सकते हैं। मास्टरकार्ड और आरबीएस वर्ल्डपे जैसी प्रसिद्ध कंपनियां समान रूप से एआई और डीप लर्निंग पर भरोसा करती हैं।

वित्तीय क्षेत्र में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता बाजार के भविष्य के पैटर्न को निर्धारित करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है। वित्त क्षेत्र में एआई-आधारित प्रौद्योगिकियों का मुख्य उद्देश्य और उद्देश्य स्टॉक ट्रेडिंग की गतिशीलता का पूरी तरह से विश्लेषण करना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न अनुप्रयोगों का उपयोग करते हुए, वित्त उद्योग अनुकूली बुद्धिमत्ता, एल्गोरिथम ट्रेडिंग और मशीन लर्निंग को वित्तीय प्रक्रियाओं में शामिल कर रहा है। बाजार की कीमतों की भविष्यवाणी के आधार पर, वे व्यक्तियों को सही निर्णय लेने में मदद करते हैं।

पर्यावरण परिवर्तन से संबंधित कई मुद्दे हैं जो किसानों के जीवन और फसल उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। कृषि संकट को दूर करने के लिए, कई एआई-आधारित मशीनें सबसे आगे हैं, चाहे वह रोबोट और एल्गोरिथ्म हों, जो किसानों को स्थायी कृषि उत्पादन में मदद कर रही हों। वे किसानों को फसलों को खरपतवारों से बचाने के अधिक प्रभावी साधन खोजने में मदद करते हैं। कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोगों का प्रभावी ढंग से उपयोग करते हुए, ‘ब्लू रिवर टेक्नोलॉजी’ ने एक बेहतरीन उदाहरण स्थापित किया है क्योंकि इसने ऐसी मशीनें बनाई हैं जो कपास के पौधों पर खरपतवारनाशी का पता लगा सकती हैं। ये स्वचालित मशीनें कंप्यूटर विज़न तकनीकों की मदद से पौधों का छिड़काव करती हैं जो उन्हें शाकनाशी से बचाने में मदद करती हैं।

स्मार्ट कारें ऑटोनोमस व्हीकल का सबसे अच्छा उदाहरण हैं। यह ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लोकप्रिय अनुप्रयोगों में से एक है। वायमो जैसी विपुल कंपनियां हैं, जिन्होंने अपने प्रोडक्ट को सफल बनाने के लिए कई टेस्ट ड्राइव का आयोजन किया है। उनमें वाहनों की आवाजाही के लिए संकेतों का उत्पादन और नियंत्रण करने के लिए सिस्टम, क्लाउड सेवाएं, जीपीएस के साथ-साथ कैमरे वाले वाहन शामिल थे। टेस्ला की सेल्फ-ड्राइविंग कारें पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित हैं, जो स्वायत्त वाहनों का एक और बेहतरीन उदाहरण है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उदाहरण के कुछ उदाहरण नीचे बताये गए हैं-

  • इंटेलिजेंट रोबोट
  • कम्प्यूटर गेमिंग
  • विशेषज्ञ सिस्टम
  • प्राकृतिक भाषा प्रोसेसिंग
  • विजन सिस्टम

2022 के टॉप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अविष्कारों की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • More Power to Language Modeling
  • SSL for Image Modeling
  • Conversational AI
  • AI-Based Cybersecurity
  • Computer Vision Technology in Businesses
  • More AI-driven Scientific Discoveries
  • Explainable Artificial Intelligence
  • Developer Productivity

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यापक क्षेत्र में, एआई रोबोटिक्स कोर्सेज की पेशकश की जाती है जो छात्रों को आवश्यक ज्ञान और दिमाग को उड़ाने वाले तकनीकी इन्नोवेशंस के निर्माण के लिए तैयार कर सकते हैं। नीचे दी गई तालिका कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों और उनके संभावित कोर्सेज को सूचीबद्ध करती है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर बनाने के इच्छुक लोगों के लिए तैयार किए गए हैं-

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्सेज की पेशकश करने वाले कुछ टॉप भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की लिस्ट नीचे दी गई है–

  • सभी IIT 
  • आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, विशाखापत्तनम
  • एनआईटी सुरथकल – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक
  • इंस्टीट्यूशंस ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, कोलकाता
  • सीवी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर
  • वेल्स विश्वविद्यालय – वेल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड एडवांस्ड स्टडीज
  • श्रीनिवास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैंगलोर
  • शिवाजी यूनिवर्सिटी, कोल्हापुरी
  • इंडियन मैरीटाइम यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • पार्क कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
  • समुंद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मैरीटाइम स्टडीज, पुणे
  • जीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए सामान्य योग्यता नीचे दी गई है-

  • आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग में बैचलर और मास्टर स्तर के कोर्सेज में प्रवेश पाने के लिए, छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से पीसीएम पृष्ठभूमि के साथ न्यूनतम 10+2 की स्कूली शिक्षा होनी चाहिए।  
  • IELTS या TOEFL आदि जैसे अंग्रेजी भाषा प्रवीणता परीक्षाओं के साथ GRE उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
  • मास्टर स्तर के कोर्स का चयन करने वाले छात्रों के लिए, कंप्यूटर विज्ञान या संबंधित विषयों में बैचलर डिग्री होना आवश्यक है।
  • भारत में इंजीनियरिंग में बैचलर्स के लिए कुछ कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में JEE mains , JEE Advanced जैसे प्रवेश परीक्षा के स्कोर अनिवार्य हैं। साथ ही कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं। विदेश में इन कोर्सेज  के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना जरुरी है, जो हर यूनिवर्सिटी और कोर्स के अनुसार अलग–अलग हो सकती है।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  • विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP , LOR , सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत होती है।

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP , निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS , TOEFL , SAT , ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS , TOEFL , PTE , GMAT , GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति/ छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है :

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद एप्लिकेशन फॉर्म जमा करें और आवश्यक एप्लिकेशन फीस भरें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

  • आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांस्क्रिप्ट
  • स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
  • IELTS या TOEFL , आवश्यक टेस्ट स्कोर 
  • प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
  • निबंध (यदि आवश्यक हो)
  • पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
  • अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
  • एक पासपोर्ट और छात्र वीजा  
  • बैंक विवरण 

यहां उन सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रवेश परीक्षाओं की सूची दी गई है जिनका उपयोग भारत और विदेशों के विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग डिग्री के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए करते हैं–

जैसा कि उल्लेख किया गया है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आपको उद्योगों में पदों के लिए और प्रवेश से लेकर वरिष्ठ स्तर तक कई भूमिकाओं के लिए तैयार करती है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां और ऐप्पल, बिजनेस एनालिटिक्स, वित्तीय धन प्रबंधन, डेटा विश्लेषण, स्वास्थ्य देखभाल प्रशासन आदि जैसे गैजेट शीर्ष एम्प्लॉयर हैं। कंप्यूटर साइंस या इससे संबंधित क्षेत्रों में सफलतापूर्वक डिग्री पूरी करने के बाद, आप एआई और मशीन लर्निंग में करियर के व्यापक अवसरों का पता लगा सकते हैं। हमने नीचे कुछ प्रमुख प्रोफाइलों को सूचीबद्ध किया है जिनके लिए आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर बनाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

  • रिसर्च असिस्टेंट
  • मशीन लर्निंग इंजीनियर
  • बिग डेटा एनालिस्ट
  • सॉफ्टवेयर एनालिस्ट
  • एल्गोरिथम एनालिस्ट
  • एआई एनालिस्ट
  • स्टैटिस्टिकल साइंटिस्ट
  • बिजनेस इंटेलिजेंस डेवलपर

एक इंजीनियर का औसत वेतन अक्सर योग्यता, स्थान और अनुभव के वर्षों के आधार पर भिन्न होता है। कंपनियां आमतौर पर प्रवेश स्तर के इंजीनियरों को कम वेतन देती हैं, जबकि अधिक जिम्मेदारी वाले वरिष्ठ इंजीनियर औसत राशि से अधिक कमा सकते हैं। नीचे Payscale के अनुसार जॉब प्रोफाइल्स और उनकी सैलरी सैलरी दी गई हैं–

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस की एक सब-डिवीजन है और इसकी जड़ें पूरी तरह से कंप्यूटिंग सिस्टम पर आधारित हैं। AI का अंतिम लक्ष्य ऐसे उपकरणों का निर्माण करना है जो बुद्धिमानी से और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें और मानव श्रम और मैनुअल काम को कम कर सकें।

ग्रेगर जॉन मेंडल

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में स्नातक की डिग्री के लिए अधिकतम अवधि 4 वर्ष है।

आशा करते हैं कि आपको Artificial Intelligence in Hindi का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। यदि आप विदेश में आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन 1800 572 000 पर कॉल कर बुक करें।

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Artificial Intelligence के बारे में बहुत ही शानदार जानकारी| साधुवाद

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर निबंध | Artificial Intelligence Essay in Hindi

by Editor September 14, 2023, 1:07 PM

1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर निबंध (500 शब्द)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें मशीनों को मानव जैसी बुद्धिमत्ता प्रदान करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का उपयोग किया जाता है। AI का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:

  • चिकित्सा: AI का उपयोग रोग निदान, उपचार की योजना बनाना और नए दवाओं की खोज के लिए किया जा रहा है।
  • वित्त: AI का उपयोग जोखिम विश्लेषण, निवेश निर्णय लेने और ग्राहक सेवा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।
  • उत्पादन: AI का उपयोग उत्पादन प्रक्रियाओं को स्वचालित करने और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार करने के लिए किया जा रहा है।
  • परिवहन: AI का उपयोग स्वचालित वाहनों, स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल और यातायात प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए किया जा रहा है।
  • रक्षा: AI का उपयोग हथियारों और सैन्य रणनीतियों को विकसित करने के लिए किया जा रहा है।

AI एक तेजी से विकसित क्षेत्र है और इसके कई संभावित लाभ हैं। हालांकि, AI के साथ कुछ संभावित जोखिम भी जुड़े हैं, जैसे कि रोजगार के नुकसान और भेदभाव।

  • कार्यक्षमता में सुधार: AI का उपयोग मशीनों को अधिक कुशल और उत्पादक बनाने के लिए किया जा सकता है।
  • नई संभावनाओं का निर्माण: AI का उपयोग नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए किया जा सकता है।
  • समस्याओं को हल करना: AI का उपयोग जटिल समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता है।
  • मानव जीवन में सुधार: AI का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में मानव जीवन में सुधार के लिए किया जा सकता है।

AI के जोखिम:

  • रोजगार के नुकसान: AI का उपयोग कुछ प्रकार के कामों को स्वचालित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे रोजगार के नुकसान हो सकते हैं।
  • भेदभाव: AI को भेदभावपूर्ण तरीके से प्रशिक्षित किया जा सकता है, जिससे भेदभावपूर्ण परिणाम हो सकते हैं।
  • सुरक्षा खतरे: AI का उपयोग हानिकारक या खतरनाक तरीके से किया जा सकता है।

AI एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग दुनिया को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, AI के साथ कुछ संभावित जोखिम भी जुड़े हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। AI को जिम्मेदारी से विकसित और उपयोग किया जाना चाहिए ताकि इसके लाभों को अधिकतम किया जा सके और इसके जोखिमों को कम किया जा सके।

AI के भविष्य के लिए कुछ संभावनाएं:

  • AI और मानव सहयोग: भविष्य में, AI और मानव अधिक बार एक साथ काम कर सकते हैं। AI मानव कार्यों को स्वचालित कर सकता है, जिससे मानव अधिक रचनात्मक और नवीन कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
  • AI का उपयोग अधिक जटिल समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, AI का उपयोग जलवायु परिवर्तन, बीमारी और गरीबी जैसी जटिल समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता है।
  • AI का उपयोग नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, AI का उपयोग नए प्रकार के चिकित्सा उपचार, स्मार्ट घरों और स्वचालित वाहनों को विकसित करने के लिए किया जा सकता है।

AI एक ऐसा क्षेत्र है जो तेजी से विकसित हो रहा है। AI के भविष्य के लिए कई संभावनाएं हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि AI हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करेगा।

2. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर निबंध (400 शब्द)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक ऐसी तकनीक है जो मशीनों को इंसानों के समान कार्य करने में सक्षम बनाती है। इसमें सीखने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता शामिल है। AI का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है, जिसमें चिकित्सा, वित्त, शिक्षा और मनोरंजन शामिल हैं।

AI के प्रकार

AI को दो मुख्य प्रकारों में बांटा जा सकता है:

  • प्रतिनिधित्वात्मक AI: यह ऐसी AI है जो दुनिया को प्रतिनिधित्वात्मक तरीके से समझने और संसाधित करने का प्रयास करती है। उदाहरण के लिए, एक रोबोट जो दुनिया को दृश्यों और ध्वनियों के रूप में समझता है, एक प्रतिनिधित्वात्मक AI है।
  • प्रचालनात्मक AI: यह ऐसी AI है जो दुनिया को सीधे संसाधित करने का प्रयास करती है। उदाहरण के लिए, एक कंप्यूटर प्रोग्राम जो एक गेम खेल रहा है, एक प्रचालनात्मक AI है।

AI के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कार्यक्षमता में वृद्धि: AI मशीनों को अधिक कुशलता से कार्य करने में सक्षम बनाता है, जिससे उत्पादकता और दक्षता में सुधार होता है।
  • नए उत्पादों और सेवाओं का विकास: AI नए उत्पादों और सेवाओं के विकास में मदद कर सकता है जो पहले संभव नहीं थे।
  • समस्याओं का समाधान: AI जटिल समस्याओं को हल करने में मदद कर सकता है जो मनुष्यों के लिए बहुत मुश्किल या समय लेने वाली हैं।

AI की सीमाएं

AI की कुछ सीमाएं भी हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • डेटा की आवश्यकता: AI को सीखने और कार्य करने के लिए डेटा की आवश्यकता होती है। इस डेटा को एकत्र करना और संसाधित करना महंगा और समय लेने वाला हो सकता है।
  • पक्षपात: AI सिस्टम पक्षपाती हो सकते हैं, जो गलत निर्णयों या भेदभाव का कारण बन सकते हैं।
  • सुरक्षा जोखिम: AI सिस्टम सुरक्षा जोखिमों के अधीन हैं, जो हैकर्स द्वारा उनका उपयोग हानिकारक उद्देश्यों के लिए करने की अनुमति दे सकते हैं।

AI का भविष्य

AI एक तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है। AI के अनुप्रयोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, और AI सिस्टम अधिक शक्तिशाली और कुशल होते जा रहे हैं। AI के भविष्य के बारे में कई आशावादी और निराशावादी दृष्टिकोण हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि AI मानव श्रम को समाप्त कर देगा, जबकि अन्य का मानना ​​है कि AI मानवता के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन जाएगा।

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भारत के सभी राज्य और उनकी राजधानियाँ व कुल आबादी

पुस्तकालय पर निबंध.

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भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी

‘संघ लोक सेवा आयोग’ (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ (IAS) की परीक्षा की दृष्टि से ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी’ (Artificial Intelligence Technology) का टॉपिक बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। यह टॉपिक आईएएस परीक्षा प्रणाली के प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा, दोनों ही चरणों के दृष्टिकोण से विशेष महत्व का है। दोनों ही चरणों में प्रतिवर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के खंड से प्रश्न पूछे जाते रहे हैं और आज जब वर्तमान दौर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नए नवाचार हो रहे हैं, तो ऐसे में, इस टॉपिक की उपयोगिता स्वयमेव ही बहुत अधिक बढ़ जाती है। हाल के वर्षों में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आईएएस की परीक्षा में नवीन प्रौद्योगिकियों और उभरती प्रौद्योगिकियों से प्रश्न पूछे जाने की प्रवृत्ति बढ़ती हुई देखी गई है, इसलिए इस विषय की विशेष तैयारी करना भी प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए अत्यंत आवश्यक हो जाता है। आपके अपने इस आलेख में हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के ही एक टॉपिक ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी’ को समझने का प्रयास करेंगे। इसमें भी अपने इस आलेख में हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारत द्वारा किए गए प्रयासों और उसकी संभावनाओं पर विशेष ध्यान देंगे, ताकि यदि भविष्य में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आईएएस की परीक्षा में ‘भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी’ से संबंधित प्रश्न पूछे जाएँ, तो आप सहजता पूर्वक उनका उत्तर दे पाने में सक्षम हो सकें।

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तो आइए, हम इस आलेख में अपने मूल विषय पर आने से पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी क्या होती है? यह प्रौद्योगिकी सामान्य प्रौद्योगिकी से किस प्रकार भिन्न है इन पहलुओं को समझने के बाद ही हम अपने मूल विषय को अधिक बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

IAS हिंदी से जुड़े हर अपडेट के बारे में लिंक किए गए लेख में जानें।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस – परिचय

  • विश्व में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का सबसे पहले प्रयोग संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस प्रौद्योगिकी का प्रयोग सबसे पहले अंग्रेजी भाषा को रूसी भाषा में परिवर्तित करने तथा रूसी भाषा को अंग्रेजी भाषा में परिवर्तित करने के लिए किया था। कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का यह अनुप्रयोग संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उस समय किया गया था, जब रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच शीत युद्ध चल रहा था। तो ऐसे में, सुरक्षा के दृष्टिकोण से संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूसी भाषा को अंग्रेजी भाषा में अनुदित करने के लिए इस तकनीक का विकास किया था।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी क्या है?

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी विज्ञान की एक ऐसी शाखा है, जिसके अंतर्गत मशीनें ही इस प्रकार से व्यवहार करती हैं, जिस प्रकार से मानव अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करता है। इसका अर्थ यह है कि मशीनें जब समय और परिस्थिति इत्यादि के विश्लेषण के बाद कोई निर्णय लेती है, तो मशीन की इस अवस्था को ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (Artificial Intelligence – AI) कहा जाता है। अतः कहा जा सकता है कि मशीनों द्वारा किया जाने वाला ऐसा व्यवहार, जो समय और परिस्थिति के आकलन के बाद किया जाता है, ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ कहलाता है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अध्ययन विज्ञान की जिस शाखा के तहत किया जाता है, उसे ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी’ कहते हैं।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी एक अत्यंत विस्तृत क्षेत्र है। इसके अंतर्गत अन्य विभिन्न क्षेत्र शामिल किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, रोबोटिक्स, परिधेय प्रौद्योगिकी (Wearable Technology), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) इत्यादि कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी की ही अन्य उप शाखाएँ हैं। इन सभी क्षेत्रों में किए जाने वाले विभिन्न अनुप्रयोगों को समेकित रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के अंतर्गत ही शामिल किया जाता है। मुख्य रूप से इन अनुप्रयोगों का इस्तेमाल मानवीय जीवन को सहज और सरल बनाने की ओर प्रेरित होता है। हम इस आलेख के आगामी खंड में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को ‘संघ लोक सेवा आयोग’ (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ (IAS) की परीक्षा के दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करेंगे।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के प्रकार

विशेषज्ञों के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को उसकी कार्यशैली के आधार पर दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के ये 2 वर्ग हैं-

1. मजबूत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी

2. कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी

  • यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का एक ऐसा प्रकार है, जिसके अंतर्गत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी समर्थित मशीन वे सभी कार्य करने में सक्षम हो जाती है, जो एक मानव कर सकने में सक्षम होता है। यानी इस मशीन द्वारा कार्य निष्पादन किये जाने के दौरान मानवीय हस्तक्षेप लगभग नगण्य होता है। इस प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को ‘पूर्ण कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी’ अथवा ‘कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का एक ऐसा प्रकार है, जिसके अंतर्गत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी समर्थित मशीन वे सभी कार्य करने में पूर्ण रूप से सक्षम नहीं होती है, जो एक मानव कर सकने में सक्षम होता है। यानी इस मशीन के द्वारा कार्य निष्पादन किए जाने के दौरान बीच-बीच में पर्याप्त मानवीय हस्तक्षेप भी आवश्यक होता है। मशीनों के संचालन में उपयोग की जाने वाली ऐसी प्रौद्योगिकी को ‘कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी’ के नाम से जाना जाता है।

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए गए प्रयास

  • वैसे तो भारत में तकनीकी विकास के लिए अनेक प्रकार के प्रयास किए जाते रहे हैं। नवीन तकनीक को अपनाने में भी भारतीय सदैव आगे रहते हैं। फिर जहाँ तक बात कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को अपनाने की है, तो इस क्षेत्र में भी निजी और सार्वजनिक दोनों ही स्तर पर अनेक प्रयास किए गए हैं। लेकिन यहाँ पर हम मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा किए गए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के से संबंधित प्रयासों के विषय में चर्चा करेंगे।
  • इस दिशा में कुछ प्रयास ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) द्वारा किए गए हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य संस्थाओं ने भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग से विभिन्न उपयोगी उपकरणों का निर्माण किया है। लेकिन हमारे लिए यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिशा में नीति आयोग ने ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित एक राष्ट्रीय रणनीति’ घोषित की है। नीति आयोग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए इस राष्ट्रीय रणनीति की घोषणा वर्ष 2018 में की थी। अपनी रणनीति में नीति आयोग ने यह दर्शाया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारत में कितना सामर्थ्य है तथा इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने में भारत आगे किस प्रकार का रुख अपनाने वाला है। नीति आयोग ने अपनी इस रणनीति में न केवल भारत, बल्कि उसके वैश्विक विस्तार पर भी ध्यान केंद्रित किया है। इसीलिए ‘संघ लोक सेवा आयोग’ (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली आईएएस की परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह नीति आयोग द्वारा जारी की गई इस राष्ट्रीय रणनीति का विस्तार पूर्वक अध्ययन करें।

एआई के लिए राष्ट्रीय रणनीति के उद्देश्य

  • नीति आयोग द्वारा जारी की गई इस कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित राष्ट्रीय रणनीति का उद्देश्य है कि सभी लोगों तक इसकी प्रभावी पहुँच सुनिश्चित करना तथा उन्हें आधारित तकनीक उपयोग करने के लिए समर्थ बनाना।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित इस राष्ट्रीय रणनीति का उद्देश्य यह भी है कि भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में कुशल विशेषज्ञता की कमी को दूर करने पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।
  • नीति आयोग की यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने वाली राष्ट्रीय रणनीति इस बात पर भी ध्यान केंद्रित करती है कि इस क्षेत्र में उपस्थित असंगत चुनौतियों का समाधान भी करना चाहिए, ताकि न सिर्फ मानव की क्षमताओं को बढ़ाया जा सकेगा, बल्कि उन्हें सशक्त बनाया जा सकेगा।
  • एआई के लिए घोषित की गई राष्ट्रीय रणनीति के उद्देश्यों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित विभिन्न पहलों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना तथा उन पहलुओं के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए समाधान विकसित करना, व्यापक स्तर पर अनुसंधान को बढ़ावा देना और इसके माध्यम से आर्थिक विकास की गतिविधियों को गति देना भी शामिल है।
  • नीति आयोग द्वारा घोषित की गई कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए यह राष्ट्रीय राजनीति इस बात पर भी ध्यान केंद्रित करती है कि इसके माध्यम से एआई से संबंधित ना सिर्फ राष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों से, बल्कि विश्व स्तर की चुनौतियों से भी निपटने का प्रयास करना चाहिए।
  • भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित घोषित की गई इस राष्ट्रीय रणनीति के उद्देश्य में यह भी शामिल है कि इस क्षेत्र में आपसी सहयोग और साझेदारी के माध्यम से भी इस तकनीक का लाभ उठाना चाहिए ताकि सभी की सर्वांगीण समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
  • इस कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए नीति आयोग द्वारा घोषित की गई राष्ट्रीय रणनीति के उद्देश्यों में #AlforAll (#एआई_फॉर_ऑल) यानी सभी लोगों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के द्वार खोलना और उन्हें उसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना भी शामिल है।

एआई के लिए राष्ट्रीय रणनीति के घटक

नीति आयोग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने के लिए देशभर में यह रणनीति घोषित की है। इस रणनीति के नीति आयोग द्वारा मुख्यतः तीन घटक निर्धारित किए गए हैं, ताकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को एक उपयुक्त रणनीति के आधार पर संपूर्ण देश में इस प्रकार से बढ़ावा दिया जा सके कि वे भारत के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। नीति आयोग के द्वारा इस रणनीति के तहत निर्धारित किए गए 3 घटक निम्नानुसार हैं-

  • ‘ग्रेटर गुड’ के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता : सामाजिक विकास और समावेशी विकास।
  • अवसर : भारत के लिए आर्थिक क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की उपयोगिता
  • विश्व के 40% लोगों के लिए ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता गैराज’

तो आइए, अब हम संक्षेप में इन तीनों घटकों को भी समझ लेते हैं और यह जान लेते हैं कि नीति आयोग ने इन तीनों घटकों के माध्यम से कौन से लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास किया है-

1. ‘ग्रेटर गुड’ के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता : सामाजिक विकास और समावेशी विकास-

  • नीति आयोग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए घोषित की गई राष्ट्रीय रणनीति में इस घटक को शामिल करके यह लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास किया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के परिवर्तनकारी प्रभाव के माध्यम से ‘ग्रेटर गुड’ को बढ़ावा दिया जा सके। ‘ग्रेटर गुड’ का अर्थ यह है टिकट बुद्धिमत्ता के माध्यम से अधिक से अधिक अच्छा प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके। इसके अंतर्गत जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और देश के एक बड़े हिस्से तक लोगों की पहुँच सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं।
  • नीति आयोग के अनुसार, ग्रेटर गुड संबंधी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस घटक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ते शहरीकरण की समस्या से निपटने के लिए भी किया जा सकता है। वास्तव में, शहरीकरण की तीव्र गति के कारण उस क्षेत्र में निवास करने वाली आबादी की माँगें भी तेज गति से बढ़ती हैं। ऐसे में, उनकी माँगों को पूरा करने के लिए स्मार्ट सिटी के विकास को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से साकार किया जा सकेगा तथा उन क्षेत्रों में आधारभूत ढाँचे के विकास को भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के माध्यम से गति मिलेगी। इस प्रकार, अधिक से अधिक लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • नीति आयोग द्वारा घोषित किए गए ग्रेटर गुड से संबंधित कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस घटक का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र के सकारात्मक कायाकल्प के लिए भी किया जा सकता है। इसके अंतर्गत कृषकों को वास्तविक समय पर मौसम से संबंधित सलाह दी जा सकती है। इसके परिणाम स्वरूप किसान न सिर्फ अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि मौसमी मार के कारण होने वाले फसल के अप्रत्याशित नुकसान से भी बच सकते हैं और अंततः अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
  • इसके अलावा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग ऐसे अनेक मुद्दों को हल करने में भी किया जा सकता है, जो लोगों के जीवन स्तर में सुधार ला सकते हैं। इन मुद्दों के अंतर्गत देश में वित्तीय सेवाओं तक लोगों की प्रभावी पहुँच सुनिश्चित करना तथा देश के समावेशी विकास को बढ़ावा देना आदि शामिल है। इसके अंतर्गत देश की जनसंख्या के उस हिस्से को वित्तीय सेवाएँ प्रदान की जा सकती हैं, जो अभी तक इन वित्तीय सेवाओं से वंचित है। इस दिशा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

2. अवसर : भारत के लिए आर्थिक क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की उपयोगिता-

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए घोषित की गई अपनी राष्ट्रीय रणनीति में नीति आयोग ने इस घटक के अंतर्गत यह माना है कि भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को आर्थिक विकास के लिए एक अवसर के रूप में लेना चाहिए। नीति आयोग के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के परिणाम स्वरूप पूंजी और श्रम जैसे उत्पादन के घटक अब भौतिक सीमाओं में बँधे नहीं रह सकेंगे।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र में भी नवाचारों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। इसके माध्यम से न सिर्फ आर्थिक क्षेत्र की उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि इससे आर्थिक विकास को तेज करने सहायता मिलेगी। अपेक्षाकृत तीव्र गति से और अधिक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन होने के परिणाम स्वरूप वस्तुओं के मूल्य कम होंगे और इससे अर्थव्यवस्था में माँग में वृद्धि होगी। इसके परिणाम स्वरूप देश के आर्थिक विकास का पहिया और तेज घूमने लगेगा, जिससे अंततः देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता के ये सकारात्मक परिणाम न सिर्फ वस्तुओं के उत्पादन से संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में ही देखने को नहीं मिलेंगे, बल्कि सेवा क्षेत्र में भी इसका असर देखा जा सकेगा। इसके परिणाम स्वरूप सेवा क्षेत्र में सेवाओं की आपूर्ति में तो तेजी आएगी ही, साथ ही सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोगों और उसके आर्थिक प्रभाव के दृष्टिकोण से प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि वर्ष 2035 तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी भारत की विकास दर को लगभग 3% तक बढ़ा सकती है।
  • इसके अलावा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके हम भारतीय अर्थव्यवस्था में मूल्यवृद्धि के न सिर्फ नए स्रोतों की तलाश कर सकेंगे, बल्कि आर्थिक विकास को भी गतिमान बना सकेंगे। इसके अंतर्गत ‘बुद्धिमत्ता पूर्ण स्वचालन’ (Intelligent Automation) का अनुकूलतम उपयोग किया जा सकेगा। इसके परिणाम स्वरूप विभिन्न भौतिक कार्यों को मशीनों के माध्यम से स्वचालित रूप में संपन्न किया जा सकेगा और अंततः इससे आर्थिक गतिविधियों की गति बहुत अधिक बढ़ जाएगी।

3. विश्व के 40% लोगों के लिए ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता गैराज’

  • नीति आयोग अपने इस घटक के अंतर्गत यह स्पष्ट करता है कि भारत विश्व के विभिन्न उद्यमों और संस्थानों के लिए एक ऐसा आदर्श कार्यक्षेत्र सिद्ध हो सकता है, जहाँ पर वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से विभिन्न समस्याओं के ‘मापनीय समाधान’ (Scalable Solution) खोजे जा सकते हैं और इसके परिणाम स्वरूप विश्व की विभिन्न विकासशील और उभरती हुई अर्थव्यवस्था की अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। नीति आयोग का यह मत है कि इस व्यवस्था के माध्यम से विश्व की लगभग उन सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है, जो विश्व के लगभग 40% लोगों को परेशान करती हैं।
  • इस घटक के अनुसार, नीति आयोग का मानना है कि भारत में ऐसी आदर्श स्थितियाँ उपस्थित हैं, जिन के आलोक में हम विकासशील देशों की स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि इत्यादि से संबंधित अनेक समस्याओं का कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से समाधान खोज सकते हैं। यदि इस स्थिति को हम एक उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करें, तो ध्यान दें कि विश्व में ‘तपेदिक’ (TB) लोगों की मृत्यु होने के शीर्ष 10 कारणों में से एक है। भारत तपेदिक के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से अनुसंधान करने के दृष्टिकोण से एक बेहतरीन कार्य क्षेत्र साबित हो सकता है। ऐसे में, इसके परिणाम स्वरूप प्राप्त होने वाले तपेदिक के समाधान से संबंधित उपाय विश्व के उन विकासशील देशों में भी लागू किए जा सकते हैं, जो तपेदिक के कारण बहुत अधिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। इन देशों में पूर्वी एशियाई देश और अफ्रीकी देश महत्वपूर्ण हैं।
  • इसके अलावा, एक अन्य उदाहरण भी अगर देखें तो यह स्पष्ट है कि भारत में कृषि से संबंधित विभिन्न जलवायु क्षेत्र उपस्थित हैं। ऐसी स्थिति में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र से संबंधित जलवायु परिवर्तन जनित उन कारकों के अनुसंधान को भी बढ़ावा दिया जा सकता है, जो कृषि को क्षति पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फिर इन अनुसंधानों से प्राप्त होने वाले परिणामों को ऐसे विकासशील देशों में भी लागू किया जा सकेगा जहाँ की कृषि जलवायु भारत की कृषि जलवायु से समानता रखती है। इस अभ्यास के माध्यम से उन विकासशील देशों के कृषि क्षेत्र की रक्षा भी की जा सकेगी।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए राष्ट्रीय रणनीति के अंतर्गत नीति आयोग द्वारा चयनित क्षेत्र

  • नीति आयोग ने अपनी इस राष्ट्र की रणनीति के अंतर्गत पाँच ऐसे क्षेत्रों का चयन किया है, जिनमें विकास की सबसे अधिक संभावनाएँ हैं। इन क्षेत्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से विकसित करने में प्राथमिकता दी जाएगी। नीति आयोग अपनी इस रणनीति के तहत इन पांच क्षेत्रों पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोगों की दृष्टि से सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। उसके अनुसार, ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें न सिर्फ लोगों के जीवन स्तर और उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने की क्षमता है, बल्कि ये देश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
  • नीति आयोग द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए घोषित की गई राष्ट्रीय रणनीति के अंतर्गत शामिल पाँचों क्षेत्र इस प्रकार हैं- शिक्षा और कौशल क्षेत्र; कृषि क्षेत्र; स्वास्थ्य क्षेत्र; स्मार्ट मोबिलिटी और परिवहन; स्मार्ट सिटी और बुनियादी ढाँचा।

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने से संबंधित अन्य पहलें

  • नीति आयोग ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर ‘सामाजिक सशक्तीकरण के लिये ज़िम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता 2020’ (RAISE 2020) नामक एक मेगा वर्चुअल समिट का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य भारत में सामाजिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के उपयोग को अधिक से अधिक बढ़ावा देना था और इस क्षेत्र में विभिन्न उपाय खोजना था।
  • इसके अलावा, भारत में ‘युवाओं के लिये जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रम’ का भी शुभारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के ग्रामीण शहरी तथा दूर सुदूर के क्षेत्रों में निवास करने वाले समस्त भारतीय युवाओं को ऐसे अवसर प्रदान करना है, ताकि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के आर्थिक और सामाजिक मसलों को हल करने के लिए आगे आ सकें तथा उनके समाधान के लिए बेहतर सुझाव दे सकें। सामान्य शब्दों में कहा जा सकता है कि ‘युवाओं के लिए जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रम’ का मुख्य उद्देश्य युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है तथा भारत के युवाओं की देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में भागीदारी को बढ़ावा देना है।
  • इसके अलावा, भारत सरकार ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर एक ‘यूएस इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहल’ (USIAI) का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित संबंधों को बढ़ावा देना है।
  • हाल ही में, भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षरित किया है। इस हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एकलव्य मॉडल वाले आवासीय विद्यालयों (EMRS) और आश्रम विद्यालयों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन लाना है।
  • वर्ष 2020 में, भारत एक विश्व स्तरीय समूह ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी’ (GPAI) में शामिल हुआ था। इसमें शामिल होने के साथ ही भारत इस विश्व स्तरीय भागीदारी समूह का संस्थापक सदस्य भी बन गया था। इस समूह का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से जिम्मेदार तरीके से मानव-केंद्रित विकास को प्रोत्साहित करना तथा उसके उपयोग को बढ़ावा देना है।
  • भारत के ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) द्वारा एक ‘दक्ष’ (Daksh) नामक रोबोट तैयार किया गया है। यह रोबोट मानव जीवन के लिए घातक सिद्ध होने वाली वस्तुओं को नष्ट करने में सक्षम है। इसके माध्यम से संवेदनशील क्षेत्रों में कार्य कर रहे सुरक्षाबलों के जीवन को बचाया जा सकेगा तथा इसके माध्यम से उनकी कार्य क्षमता का विकास भी किया जा सकेगा।
  • कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित ‘भारतीय विज्ञान संस्थान’ (IISc) के शोधकर्ताओं ने एक ‘कृत्रिम पत्ती’ (Artificial Leaf) का विकास किया है। यह पत्ती प्राकृतिक पत्ती की तुलना में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की अधिक क्षमता रखती है। यह कृत्रिम पत्ती कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की दृष्टिकोण से प्राकृतिक पत्ती की तुलना में 100 गुना अधिक दक्ष है। इसके परिणाम स्वरूप हरित गृह प्रभाव को कम करने की दिशा में हमें मदद मिलेगी और इससे पृथ्वी के निरंतर बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित करने में भी हमें सहायता मिलेगी।
  • भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने हाल ही में एक सर्प रोबोट का भी निर्माण किया है। इस सर्प रोबोट के निर्माण का उद्देश्य आपदाओं के दौरान बचाव दलों को सहायता प्रदान करना है। इसके माध्यम से बचाव दल आपदा से ग्रस्त क्षेत्रों में ऐसे सँकरे स्थानों की भी जाँच पड़ताल कर सकेंगे, जहाँ तक सामान्यतः उन्हें पहुँचने में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में, सँकरे क्षेत्रों में आपदा के कारण फँसे हुए लोगों की जान बचाने में यह रोबोट बहुत अधिक प्रभावी सिद्ध होगा।
  • भारतीय रेलवे की एक शाखा ‘इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन’ (IRCTC) लिमिटेड ने एक ‘आस्कदिशा’ (ASKDISHA) नामक चैटबॉट का विकास किया है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी पर आधारित एक चैटबॉट है। इस चैटबॉट के माध्यम से रेलवे से कोई सुविधा प्राप्त करने वाला ग्राहक बोल कर अथवा लिख कर अपने प्रश्न पूछ सकता है। ग्राहक द्वारा पूछे गए प्रश्न का विश्लेषण करके यह चैटबॉट अपने आप ही ग्राहक के प्रश्नों का उत्तर देता है और उनकी समस्या का समाधान करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी और भारत

  • विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या निवास करती है। ऐसी स्थिति में, भारत में न सिर्फ समस्याओं की मात्रा और उनकी जटिलता अधिक है, बल्कि उनके समाधान की भी अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। इसलिए भारत की इन तमाम समस्याओं के समाधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अतः विशेषज्ञों का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास के दृष्टिकोण से भारत एक आदर्श कार्यक्षेत्र सिद्ध हो सकता है। इसलिए भारत सरकार को इस क्षेत्र में अधिक से अधिक अनुसंधान को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए।
  • नीति आयोग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के आधार पर भारत की संभावनाओं का विश्लेषण के आधार पर यह स्पष्ट किया कि यदि भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी 2035 ईस्वी तक भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का मूल्य वर्द्धन करने में सफल सिद्ध होगी।
  • इस सर्वे के आधार पर स्पष्ट किया गया कि बेशक भारत में अभी भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के विकास की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं, लेकिन वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के विकास के दृष्टिकोण से भारत विश्व के शीर्ष 5 देशों में शामिल है।
  • इसके अलावा, एक रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि यदि भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का अनुकूलतम उपयोग किया जाता है, तो वर्ष 2035 तक ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी जनित गतिविधियाँ’ भारत की आर्थिक संवृद्धि में लगभग 3 प्रतिशत का योगदान दे सकती हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के विकास में भारत के समक्ष चुनौतियाँ

  • सबसे पहले तो भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देने में यह समस्या उत्पन्न होती है कि अभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की इस शाखा के विषय में लोगों की अधिक समझ विकसित नहीं हुई है। ऐसे में, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी की निहित संभावनाओं पर कार्य करना अपेक्षाकृत जटिल सिद्ध होगा।
  • इसके अलावा, एक सबसे बड़ी कमी निवेश से संबंधित भी है क्योंकि भारत में अभी निवेश की घरेलू परिस्थितियों बेहतर नहीं हैं। ऐसे में, इस क्षेत्र में विदेशी निवेश पर ही अभी हमारी निर्भरता बनी हुई है। इसलिए इस क्षेत्र में उपस्थित संभावनाओं का अनुकूल तरीके से दोहन करने के लिए हमें अत्यधिक विदेशी निवेश की आवश्यकता होगी। इसके बाद ही हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निहित व्यापक संभावनाओं का अधिक से अधिक दोहन करने में सक्षम हो सकेंगे और अपने राष्ट्रीय विकास और सामाजिक उत्थान में इसका योगदान सुनिश्चित कर सकेंगे।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी से होने वाले लाभ

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में बहुत अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके तहत जटिल ऑपरेशन करने में मानव की तुलना में मशीन कहीं अधिक क्षमता पूर्ण सिद्ध हो सकती है। इसके अलावा, ऐसे सुदूर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध नहीं है, वहाँ तक भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएँ सुनिश्चित कराई जा सकती हैं।
  • विनिर्माण उद्योग में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग बहुत अधिक लाभदायक सिद्ध हो सकता है। विनिर्माण उद्योग में तैनात की जाने वाली मशीनें यदि कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी से परिपूर्ण होती हैं, तो उनसे न सिर्फ गलतियाँ होने की संभावना शून्य हो जाती हैं, बल्कि वे अपेक्षाकृत अधिक लंबे समय तक भी कार्य कर सकती हैं। इसके परिणाम स्वरूप कंपनी के विनिर्माण खर्च में कमी आती है और वस्तुओं के उत्पादन में भी अपेक्षाकृत कम लागत आती है इससे वस्तुओं का बाजार मूल्य गिर जाता है और महँगाई में कमी आती है।
  • यदि कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का सुरक्षा के दृष्टिकोण से अवलोकन करें तो यह स्पष्ट होता है इस प्रौद्योगिकी का उपयोग न सिर्फ राष्ट्र की सुरक्षा को अधिक सुदृढ़ करने में किया जा सकता है, बल्कि इससे सैनिकों की जान के खतरे को भी कम किया जा सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग संवेदनशील अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा करने में वर्तमान में भारत द्वारा किया जा रहा है। खतरनाक क्षेत्रों में रोबोट की तैनाती करके बिना किसी मानवीय क्षति के राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का प्रयोग वर्तमान में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी किया जा रहा है। इसके अंतर्गत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके वित्तीय लेन देन में होने वाली अनियमितताओं को कम किया जा सकता है, व्यापार प्रारूप में दुर्भावना से हस्तक्षेप करने वाले लोगों पर लगाम कसी जा सकती है। इसके अलावा, अन्य प्रकार की साइबर धोखाधड़ी पर भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से अंकुश लगाया जा सकता है।
  • मानव जीवन के दैनिक क्रियाकलापों के निष्पादन में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित रोबोट घरेलू व सार्वजनिक स्थलों की सफाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस तरह के कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित रोबोट के माध्यम से सफाई कार्य संपन्न कराए जाने के परिणाम स्वरूप इस कार्य में संलग्न मानवों की गरिमा का हनन होने से रोका जा सकता है तथा उन्हें अस्वस्थ होने से भी बचाया जा सकता है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग विद्युत क्षेत्र में भी किया जा सकता है। इसका उपयोग बिजली के तार बिछाने के लिए, किसी क्षतिग्रस्त विद्युत के परिपथ को फिर से दुरुस्त करने के लिए और अन्य विद्युत से संबंधित कार्य संपन्न करने में किया जा सकता है। इस प्रकार से कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों का उपयोग करने के कारण मानव के समक्ष उत्पन्न होने वाले विद्युत जनित खतरे को टाला जा सकता है और मानव के जीवन की रक्षा की जा सकती है।
  • इसके अलावा, खनन और अन्वेषण के क्षेत्र में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का शानदार उपयोग किया जा सकता है। इस क्षेत्र में गहरी खदानों में मानव को भेजने के बजाय कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रोबोट को भेजा जा सकता है। जिसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ मानव के जीवन की रक्षा की जा सकती है और मानव को होने वाली किसी क्षति से बचाया जा सकता है, बल्कि उस क्षेत्र का सटीक आकलन भी किया जा सकता है।
  • परिवहन के क्षेत्र में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का बेहद प्रभावी उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान में चालक रहित वाहन के निर्माण की चर्चा वैश्विक स्तर पर चल रही है और कुछ कंपनियों ने तो चालक रहित वाहनों का निर्माण भी कर दिया है। ये चालक रहित वाहन पूरी तरह से कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी से समर्थित होते हैं। इन वाहनों के विकास के परिणाम स्वरूप सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आएगी। इस दृष्टि से परिवहन के क्षेत्र में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना मानव सभ्यता के लिए बहुत अधिक लाभदायक सिद्ध होगा।
  • इन सबके अतिरिक्त, ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी बहुत अधिक कारगर सिद्ध हो सकती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित ऐसे उपकरण को मानव ब्रह्मांड में ऐसे खगोलीय पिंडों तक भेज सकता है, जिनके विषय में वह जानकारी प्राप्त करना चाहता है। इन कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित मशीनों के माध्यम से मानव ब्रह्मांड के विभिन्न परीक्षणों के दौरान प्राप्त किए गए आँकड़ों का विश्लेषण भी कर सकता है और वह अंततः ब्रह्मांड की उत्पत्ति और इससे संबंधित विभिन्न रहस्यों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने में सक्षम हो सकता है।
  • कृषि क्षेत्र में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग बहुत अधिक लाभदायक हो सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में फसलों की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है तथा अन्य जीव-जंतुओं और कीट पतंगों से फसल की रक्षा की जा सकती है। इसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ देश में खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, बल्कि कृषि निर्यात में भी वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
  • शिक्षा के क्षेत्र में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग बहुत अधिक प्रभावित हो सकता है क्योंकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में जटिल विषयों को विभिन्न इंफोग्राफिक दृश्य चित्रों इत्यादि के द्वारा समझाना संभव हो सकेगा। इसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ विद्यार्थियों के अधिगम परिणाम में सुधार आएगा, बल्कि वे देश की विकास यात्रा में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेंगे।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी से होने वाली हानियाँ

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए बहुत अधिक मात्रा में डाटा की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में, यदि डाटा की कमी होती है, तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का अनुकूलता उपयोग किया जाना बहुत अधिक जटिल कार्य हो जाएगा।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी पर आधारित उपकरण निरंतर और जटिल कार्य करने के कारण अत्यधिक गर्म हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में उन्हें ठंडा करने की आवश्यकता होती है। एक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियाँ अपने कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों को ठंडा करने के लिए अपने कुल ऊर्जा उपभोग का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा इन उपकरणों को ठंडा करने में ही लगा देती है। इससे उन कंपनियों की लागत में वृद्धि हो जाती है और वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों का उपयोग अत्यधिक सोच समझ कर करती हैं। वर्तमान में कुछ कंपनियाँ तो इस समस्या से निजात पाने के लिए अपने डाटा सेंटर का स्थानांतरण साइबेरिया जैसे ठंडे प्रदेशों में कर रही है ताकि उन्हें उपकरणों को ठंडा करने के लिए अनावश्यक ऊर्जा खर्च न उठाना पड़े।
  • हाल ही में, डाटा स्थानीयकरण का मुद्दा अत्यधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके संबंध में भारतीय संसद कानून निर्माण की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। वस्तुतः डाटा स्थानीयकरण का अर्थ यह होता है कि विभिन्न विदेशी कंपनियों को अपने डेटा से संबंधित सर्वर भारत में ही स्थापित करने पड़ेंगे और उन डाटा सेंटर्स को नियंत्रित करने में न सिर्फ उन्हें कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों की आवश्यकता होगी बल्कि उन्हें ठंडा करने के लिए भारी मात्रा में ऊर्जा उपभोग की भी आवश्यकता होगी और इसका सारा खर्च उन कंपनियों को ही उठाना पड़ेगा ऐसे में यह कंपनियाँ भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश करने से कतरा रही हैं।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी पर आधारित इन विशाल उपकरणों को ठंडा करने के लिए जो शीतलक प्रयोग में लाए जाते हैं, उनसे विभिन्न प्रकार के खतरनाक रसायन भी उत्पन्न होते हैं। जिसके कारण विभिन्न पर्यावरणीय प्रभाव देखे जा सकते हैं। इसके परिणाम स्वरूप कार्बन फुटप्रिंट में भी वृद्धि होती है, जो कि पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल नहीं कहा जा सकता है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में विकसित देश अधिक सक्षम है। इसीलिए इस प्रौद्योगिकी माध्यम से विकसित देश और अधिक तीव्र गति से विकास की अवस्था को प्राप्त कर रहे हैं। जबकि विकासशील और अल्प विकसित देश इस होड़ में पिछड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी विश्व की पारस्परिक विकास अवस्था तथा आर्थिक स्थिति में और अधिक अंतराल पैदा कर रही है। इसका अर्थ है कि अमीर देश और अधिक अमीर होते जा रहे हैं, जबकि गरीब देश और अधिक गरीब होते जा रहे हैं। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का एक नकारात्मक पहलू है।
  • वैश्विक स्तर पर इस कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग करने से लोगों की निजता का हनन भी होता है क्योंकि इसके माध्यम से विभिन्न कंपनियाँ जो डाटा इकट्ठा कर रही हैं, उसका कोई भरोसा नहीं है कि वे उस डाटा का इस्तेमाल अपने कौन से हितों को पूरा करने में करेंगी। इसके अलावा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से साइबर हमलों तथा साइबर धोखाधड़ी की संभावनाएँ भी बढ़ी हैं। ऐसी स्थिति में, व्यक्ति की निजता का अधिकार सुनिश्चित किया जाना अत्यंत जटिल कार्य हो गया है।
  • ऊपर किए गए विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी में छिपी हुई संभावनाएँ उनके द्वारा उत्पन्न की जाने वाली चुनौतियों की तुलना में कहीं अधिक सकारात्मक प्रभाव रखती हैं। इसीलिए विश्व के समस्त समुदायों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को और अधिक बढ़ावा देने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए तथा इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैश्विक भलाई और मानवीय भलाई की तरफ अग्रसर होना चाहिए। इस क्षेत्र में उपस्थित के चुनौतियों को क्रमिक रूप से समाप्त करने और उनके अधिक से अधिक मानव उपयोग की दिशा में काम करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
  • विशेष रूप से भारत के दृष्टिकोण से देखें तो भारत ने अभी तक इस दिशा में काफी सराहनीय कार्य किया है और वह निरंतर कर भी रहा है। भारत को इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर अपने खर्च को बढ़ाना चाहिए। तभी इस प्रौद्योगिकी के वास्तविक लाभ हासिल किए जा सकेंगे। इस प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक इस्तेमाल के माध्यम से भारत अपने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेगा तथा अपने देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।

इस प्रकार, हमने कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास किया और विशेष रूप से इस प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत में किए गए अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित किया। हमने इस आलेख को लिखते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखा है कि इस आलेख को पढ़ने के बाद ‘संघ लोक सेवा आयोग’ (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ (IAS) की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी इस आलेख से लाभ प्राप्त कर सकें। इस आलेख के अंतर्गत हमने भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को शामिल करने का प्रयास किया है और यह कोशिश की है कि इस टॉपिक से संबंधित परीक्षा के किसी भी चरण में आने वाले प्रश्न को आप हल करने की स्थिति में रहेंगे। हमें उम्मीद है कि आई एस की परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए यह आलेख बहुत अधिक उपयोगी सिद्ध होगा।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? Artificial Intelligence in Hindi

artificial intelligence in hindi:

AI (Artificial Intelligence) – विज्ञान की वह शाखा जिसमें Human Intelligence के समान गुणों वाले कम्प्यूटर सिस्टम का विकास किया जाता है, इस प्रकार के सिस्टम का कार्यक्षेत्र, भाषाओं को समझना, सीखना, रीजनिंग, समस्याओं का समाधान करना आदि है। 24. AR ऑगमेंटेड रियलिटी (Augment Reality) – यह प्राकृतिक वास्तविक दुनिया के वातावरण का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष व्यू होता है जिसके तत्वों को कम्प्यूटर जनित Sensory Inputs साउण्ड ग्राफिक्स या Gps द्वारा बढ़ाया या पूरा किया जाता है। 25. गूगल ग्लास – यह एक चश्में के समान ऑप्टीकल हेड माउण्टेड डिस्प्ले है। 26. BAN का विस्तृत नाम- बॉडी एरिया नेटवर्क। 27. BAN – इन्हें Body Born Computer या वियरेबल्स भी कहा जाता है, इन्हें धारक द्वारा कपड़ों के नीचे या ऊपर पहना जा सकता है। 28. AI के उदारहण – रोबोट विज्ञान (Robotics), सीरी (Siri), गूगलनाऊ।

आई. टी. के नवीनतम टेंडस 1. डिस्क को बर्न करना – ब्क्त् फाइलों को DVD (Writable) डिस्क में कापी डिस्क को बर्न करना कहलाता है। 2. विण्डोज डिफेंडर – यह विण्डोज 10 में अर्न्तनिहित (Built In) रियल टाइम एंटी होता है। 3. ष्डिटेक्टेड थेट आर बीइंग क्लीन्डष् से तात्पर्य – विण्डोज डिफेण्डर द्वारा मालवेयर की डिटेक्ट करके साफ करने के बाद जेनरेटेड पॉप अप मैसेज है। 4. विण्डोज फायरवाल – यह इंटरनेट से कम्प्यूटर में आने वाली सूचनाओं को फिल्टर करता है तथा संभावित हानिकारक प्रोग्रामों को रोकता है। 5. विण्डोज 10 के Features – कोरटाना, बैकअप एण्ड रिस्टोर, स्क्रीन कास्ट, स्मार्ट स्क्रीन फिल्टर, शेयर बटन, एप्प के लिए विण्डोज स्टोर, विण्डोज हेल्लो, विण्डोज पासपोर्ट, स्काइए के साथ इंटीग्रेशन, वनड्राइव, वाई-फाई सेंस, मैप, स्नेप असिस्ट, भाषा से पहचान आदि। 6. कोरटाना- यह एक डिजीटल पर्सनल असिस्टेंट (DPA) है। यह स्टोर की गई फाइल विडियो अथवा म्यूजिक फाइलों को ढूंढने में मदद करता है। 7. स्क्रीन कास्ट- विण्डोज 10 में मीराकास्ट (Miracast) तकनीक के उपयोग से अपनी डिस्प्ले स्क्रीन या ऑडियो को किसी अन्य स्क्रीन पर वायरलेस तरीके से दिखा सकते है। इसके लिए रिमोट स्क्रीन के साथ वायरलेस रिसीवर की आवश्यकता होती है। 8. माइक्रोसॉफ्ट स्मार्ट स्क्रीन फिल्टर – यह Smart Screen Online Service एज ब्राउजर की(Edge Browser) की सुविधा है। इसके द्वारा Computer को Malicious Software से बचाया जा सकता है। 9. फाइल साझा करना (शेयर बटन) – विण्डोज यूजर को फाइल सीधे Explorer से शेयर करने की सुविधा देता है। 10. विण्डोज हेल्लो- इससे उच्च स्तरीय सुरक्षा (Enterprises grade security) प्राप्त होती है। इस फीचर से यूजर देखने और स्पर्श करके लॉग इन कर सकते है। 11. विण्डोज हेल्लो- यह एक Credential Technology है यह तकनीक बॉयोमेट्रिक प्रमाणीकरण से यूजर को लॉग इन करती है। 12. विण्डोज पासपोर्ट – यह यूजर की पहचान और डिवाइस की प्रमाणिकरण के आधार पर कार्य करता है। 13. रिमोट क्रेडेंशियल – Ms Passport Window 10 युक्त मोबाइल डिवाइस को windows 10 युक्त कम्प्यूटर में रिमोट Credential के रूप में उपयोग लिया जा सकता है। 14. Ms के द्वारा Skype की चुनी हुई वीडियो कॉलिंग एवं मैसेजिंग सुविधाएँ है – One One messagig , Calling and Emoticon. आदि। 15. माइक्रोसॉफ्ट वन ड्राइव – यह एक क्लाउड आधारित व्यवस्था है, जिससे आप कही ना, किसी भी समय पर, किसी भी कम्प्यूटिंग डिवाइस में फाइल शेयर कर सकते है। 16. मैप – इसमें ध्वनि पथ प्रदर्शन (Voice Navigation) और टर्न बाई, टर्न ड्राइविंग टास्किंग एवं वाकिंग डायरेक्शन से रास्ता खोजा जा सकता है। इसमें Search for Placeless to Get Direction, Business Info and Review आदि सुविधाएं भी होती है। 17. स्नेप असिस्ट (Snap Assist) – यह Window 10 में एक स्क्रीन पर चार विण्डो व्यवस्थित कर सकने का विकल्प है। 18. Speech Recognition – इस विकल्प के द्वारा बिना की-बोर्ड, और माउस की मदद से सिर्फ यूजर की आवाज से कम्प्यूटर को नियन्त्रित किया जा सकता है। 19. 3d- Printing (त्रिआयामी) प्रिटिंग – इसे योगात्मक विनिर्माण (Additive Manufacturing) भी कहते है। 20. UHD का विस्तृत नाम – Ultra Hi – Definition Display 21. 4 K UHDTV (2160P)-3840 pixel (चैडाई)X 2160 pixel (ऊंचाई) – 8.29 Mega Pixal.(1920×1080(2.07 Mega pixel) से चार गुणा। 22. 8 KUHDTV (4320p.) – 7680 pixel (चैडाई) x 4320pixel (ऊंचाई)-33.18 मेगा पिक्सल।

29. वियरेबल कम्प्यूटर के गुण – Consistancy, Multi-Tasking etc. 30. वियरेबल कम्प्यूटर के उदाहरण – एप्पल वाच, सैमसंग गियर, फिल्बित एक्टिविट ट्रेकर, गूगल ग्लास आदि। 31. वियरेबल कम्प्यूटर शरीर में प्उचसंदज और डवनदज किये जा सकते है। 32. बिग डाटा – इसका तात्पर्य Structured और unstructured प्रकार के बहुत बड़ी मात्रा के डटा से है। बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल होता है। 33. ड्रोन (äone) – मानव रहित हवाई वाहन को ड्रोन कहते है। 34. VAN का विस्तृत नाम – Unmanned Aerial Vehical 35. ड्रोन- यह कम्पयूटर द्वारा या जमीन पर खड़े पायलट द्वारा रिमोट कंट्रोल से संचालित होता है। 36. ड्रोन का उपयोग – सेना में सामरिक व युद्ध गतिविधियों में, पुलिस रसद निगरानी अग्निशमन और गैर सैन्य सुरक्षा कार्य (बिजली या गैस पाइप लाइन की सुरक्षा) आदि। 37. IoT (internet of Things)- यह ऐसी भौतिक वस्तुओं का नेटवर्क है, जिसमें इलेक्टॉक सॉफ्टवेयर सेंसर होते हैं। इसमें वइरमबज को Unique I.D. दी जाती है। इसका वायरलैस तकनीक माइक्रो इलेक्ट्रो- मैकेनिकल सिस्टम (MEMS) एवं इंटरनेट के विकास के साथ हुआ। 38. लाई-फाई (Li-Fi) इसमें विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विजिबल प्रकाश भाग के द्वारा अत्यधिक उच्च गति से सूचनाओं एवं डेटा का संचारण किया जाता है। 39. वाई-फाई (Wi-Fi) – इसमें परम्परागत रेडियो तंरगों द्वारा डेटा संचरित किया जाता है। 40. Li-Fi की गति – अधिकतम 224 मेगा बिट्स प्रति सेकण्ड 41. VR (वर्चुअल रिएलिटी) – इसमें एक आभासी (Simulated) त्रिआयामी (3 Dimensional) दुनिया बनाई जाती है। इसमें यूजर बदलाव (Manipulate) एवं अन्वेषण (explore) कर सकता है। 42. VR के उदाहरण – ओकुलस रिफ्ट (Oculus Rift) एचटीसी वाइव (HTC  Vive) प्ले स्टेशन VR, गूगल का ई-बोर्ड आदि। 43. वायरलेस चार्जिंग (Inductive Charging)- किसी भी फोन या उपकरण को बिना तारों के चार्ज करना, इंडक्टिव चार्जिंग कहलाता है। 44. फार्म फैक्टर और इस्तेमाल, पर आधारित मोबाइल उपकरणों के प्रकार -फीचर फोन, स्मार्ट फोन, I-Pods, टेबलेट्स आदि। 45. फीचर फोन – सस्ता होता है, इसमें बातचीत करने, SMS करने के साथ-साथ इंटरनेट और मल्टीमीडिया के सीमित विकल्प होते है। 46. स्मार्ट फोन – एडवांस मोबाइल है, जिसमें पर्सनल कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम और एक मोबाइल के सभी गुण मौजुद है। PDA, GPS और मीडिया प्लेयर की खूबियां होती है। 47. स्मार्ट फोन – इनमें इन्टरनेट सुविधा, टच स्क्रीन, एप्प चलाने की सुविधा, म्यूजिक प्लेयर व कैमरा आदि होते है। 48. स्मार्ट फोन में विकल्प – 4 GLTE इंटरनेट, मोशन सेंसर, मोबाइल भुगतान। 49. I-POD – एप्पल कम्पनी द्वारा बनाया गया पाकेट कम्प्यूटर, जिसमें छोटे मीडिया प्लेयर्स भी होते है, I-POD कहलाते है। 50. टेबलेट्स – यह टच स्क्रीन डिस्प्ले के साथ मोबाइल कम्प्यूटर है। इसमें माउस और की – बोर्ड की आवश्यकता नहीं होती। इसमें वर्चुअल की बोर्ड होता है। 51. फेबलैट (Phablet)- स्मार्ट फोन और टैबलेट के बीच का उपकरण। इसमें स्मार्ट फोन की सभी सुविधाओं के साथ बड़ी साइज का डिस्प्ले (5.5 इंच या ज्यादा) है, इसका मुख्य उपयोग वीडियो, मूवीज देखने, म्यूजिक सुनने आदि में किया जाता है। 52. Mobile OS (मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम)- यह आपरेटिंग सिस्टम है। जिन्हें स्मार्ट फोन, PDA टेबलेट चलाने हेतु डिजाइन किया गया है। 53. एप्प – मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले प्रोग्राम । 54. गूगल का एंड्राइड आपरेटिंग सिस्टम – यह Linux Kernel पर बना डवइपसम व्ै है। यह एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे प्रोग्रामर अपनी सुविधानुसार बदल सकते है। सबसे अधिक प्रचलित है। 55. एप्पल का IOS – यह मल्टी टच, मल्टी टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है जो केवल एप्पल के आईपेड, आईफोन और आई पोड में चलता है। 56. माइक्रोसॉफ्ट विंडोज मोबाइल 10 – यह माइक्रोसॉफ्ट का उत्पाद है तथा डै के उपकरणों पर ही चलता है जैसे – माइक्रोसाफ्ट के फोन में। 57. ष्मेट्रो डिजाईन लैंग्वेज” से प्रेरित इंटरफेस है। 58. एप्प स्टोर के प्रकार – गूगल प्ले स्टोर, एप्पल एप्प स्टोर, विंडोज स्टोर। 59. एप्प – यह एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है जो स्मार्ट फोन, टेबलेट आदि पर चलता है। 60. Installed Apps वेब ब्राउजर, ई-मेल क्लाइंट, कैलेंडर, मैपिंग प्रोग्राम। 61. एप्प (App)- यह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपनाम है। 62. गूगल प्ले स्टोर – यह अन्तर्राष्ट्रीय ऑनलाइन सॉफ्टवेयर स्टोर है जहां से यूजर SDK (साफ्टवेयर) डवलपमेंट किट द्वारा बनें एप्प ब्राउज और डाउनलोड कर सकता है ।यह एक डिजिटल मीडिया स्टोर भी है। 63. एप्पल एप्प स्टोर – 10 जुलाई 2008 से शुरू। इसने यूजर के मोबाइल पर एप्प स्टोर द्वारा पज्नदमे, पज्नदम डेस्कटाप सॉफ्टवेयर द्वारा डाउनलोड करने का विकल्प दिया। 64. नवीनतम वायरलेस संचार तकनीक – 3G, 4G, 4G- LTE, NFC मोबाइल वाई-फाई हाट स्पॉट और टीथरिंग आदि। 65. 3G (3rd Generation) – यह वायरलेस तकनीक का आधार है, इसमें 2 मेगा बिट्स प्रति सेकण्ड डेटा स्पीड होती है। 66. 4G (4जी Generation) – इसकी न्यूनतम गति 100mbps व अधिकतम 1 GBPS की डाटा स्पीड हो सकती है। 67. 4G-HSPA का विस्तृत नाम – 4G हाईस्पीड पैकेट एक्सेस। 68. NFC का विस्तृत नाम – नीयर फील्ड कम्युनिकेशन। 69. NFC  – इसमें एंड्रोइड बीम का प्रयोग होता है। 70. NFC – यह वायरलेस संचार प्रोटोकाल का समूह है जो दो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को एक दूसरे के अति नजदीक (4 इंच से भी कम) लाने पर उनके बीच संचार स्थापित करने की क्षमता रखता है। 71. NFC टैग – यह दो एंड्रोइड उपकरणों के बीच छोटी मात्रा में डेटा शेयर करने की अनुमति देता है। 72. NFC – यह RFID का नया संस्करण है। इसमें संचार की सीमा 4 इंच के भी अंदर होती है, इसलिए सुरक्षा चाहने वाली एप्पस के लिए उपयोगी। 73. हॉट स्पॉट – यह एक वास्तविक स्थान है जिसमें प्ैच् के लिंक से जुडे राउटर की WLAN (वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क) का निर्माण करता है। यह वाई-फाई तक का उपयोग करता है। 74. वाई-फाई एडेप्टर – जो रिसीवर और ट्रांसमिटर दोनों कार्य करते हैं, या Built In या हो जा सकते है। 75. Mi-Fi – मोबाइल उपकरणों में एक निजी और एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाने लायक हॉट स्पॉट की आपरेट करने की कार्यक्षमता को माई-फाई कहते है। 76. टीथरिंग (Tethering) ध्ब्रिजींग (Bridging) – इंटरनेट या अन्य WAN सुविधा को शेयर करने की प्रक्रिया को ब्रिजींग अथवा टिथरिंग कहते है। 77. प्रोसेसर – यह एक लॉजिक सर्किट है जो Instructions को प्रोसेस अथवा Respond करता है जो कम्प्यूटर चलाते है। 78. वर्तमान में CPU को प्रोसेसर शब्द द्वारा रिप्लेस कर दिया गया है। 79. एक PC और मोबाइल में लगे प्रोसेसर को कहते है – माइक्रोप्रोसेसर 80. प्रोसेसर तकनीकी में हुई प्रगति मूर के नियम (Moor’s Law) पर आधारित होती है। 81. गोल्डन मुर- इंटैल कंपनी के पूर्व CEO गोल्डन मर के नाम पर मर का नियम नाम पडा। 82. गोल्डन मूर – इन्होनें 1965 में भविष्य वाणी की थी कि एकीकृत. सर्किट (Integrated Circuit IC) में ट्रांजिस्टरों की संख्या हर दूसरे वर्ष में दुगनी (कम्प्यूटिंग पावर) हो जायेगी। 83. इंटेल कम्पनी -दुनिया की सबसे बडी अर्धचालक (Semi-Conductor) चिप बनाने वाली कम्पनी है। 84. प्रोसेसर निर्माण मे (डाईअिंक) प्रयुक्त किये गये फेब्रिकेशन के प्रकार को nm (नेनोमीटर) Designation प्रदान करता है। 85. ITRS का विस्तृत नाम – International Technology Roadmap for Semi Conductor 86. जितना nm टाइप कम होगा, प्रोसेसर आंकार में छोटा होगा।

महत्वपूर्ण प्रश्न 1. “Detected Threat are being Cleaned” से तात्पर्य है- ं(अ) यह POP UP मैसेज हैं जो मालवेयर को डिटेक्ट कर क्लीन करने के बाद विंडोज डिफेंडर जनरेट करता हैं। (ब) मुख्यतया ईमेल एप्लिकेशन के रूप मे प्रयोग किया जाता हैं। (स) इसमे कलेंडर, टास्क मैनेजर, नोट टेकिंग, जर्नल आदि टूल्स होते हैं। (द) उपरोक्त सभी 2. यह इंटरनेट से आने वाले हानिकारक प्रोग्रामों को रोकता हैं अथवा फिल्टर करता हैं- (अ) विंडोज डिफेंडर (ब) फिल्टर (स) फायरवाल (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं 3. यह विकल्प जो DPA (डिजिटल पर्सनल असिस्टेंट) होता हैं, साथ ही स्टोर्ड फाइल, विडियो, औडियो को ढूँढने में मदद करता है- ं(अ) विंडोज डिफेंडर (ब) कोरटाना (स) फायरवाल (द) उपरोक्त में से कोई नहीं 4. Microsoft One äive से तात्पर्य हैं – (अ) यह क्लाउड आधारित व्यवस्था हैं । (ब) इसकी मदद से यूजर कहीं से भी, कभी भी, किसी भी कम्प्यूटिंग डिवाइस से डाटा शेयर कर सकते हैं (स) (अ) और (ब) (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं 5. UHD का विस्तारित रूप हैं – (अ) Ultra Hi – Definition Display (बं) Ultra Hi – Definition Distance (स) Ultra Hi – Definition (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं 6. BAN (Body Area Network) से तात्पर्य हैं- (अ) इन्हे यूजर द्वारा कपड़ो के नीचे या ऊपर पहना जा सकता हैं। (ब) इन्हे यूजर द्वारा आँखों पर चश्मे के समान लगाया जाता हैं। (स) उपरोक्त दोनों (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं 7. AI (Artificial Intelligence) के उदाहरण हैं- (अ) रोबोट विज्ञान (Robotics) (ब) सीरी (SIRI) (स) गूगल नाऊ (Goggle Now) (द) उपरोक्त सभी 8. ä~ONE से तात्पर्य हैं- (अ) मानव रहित हवाई वाहन (ब) मानव चलित वाहन (स) गूगल नाऊ (ळवहहसम छवू) (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं 9. विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के द्वारा डेटा का संचारण किया जाता हैं- (अ)Wi – Fi (ब) Li – Fi (स) Internet (द) उपरोक्त सभी 10. रेडियो तरंगो के द्वारा डेटा का संचारण किया जाता हैं- (अ) Wi – Fi (ब) Li – Fi (स) Internet (द) उपरोक्त सभी 11. इंटरनेट /k~ WAN के द्वारा डाटा शेयर करने की प्रक्रिया को कहते हैं- (अ) Tethering (ब) Bridging (स)(अ) और (ब) (द) उपरोक्त सभी 12. ITRS का विस्तारित रूप है- (अ) International Technology Raodmap for Semi Conductor (ब) Integrated Technology Raodmap for Semi Conductor (स) International Transmission Raodmap for Semi Cum tor (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं 13. एन.एफ.सी का पूरा नाम क्या है ? (अ) नीयर फील्ड कम्यूनिकेशन (ब) नेटवर्क फील्ड कम्युनिकेशन (स) नेटवर्क फोर्स कैलकुलेटर (द) उपरोक्त में से कोई नहीं 14. कोरटाना क्या है ? (अ) सर्च इंजर यूटिलिटी (ब) फाइल ब्राउजर (स) फाइल ब्राउजर (द) उपरोक्त में से कोई नही 15. वर्चुअल रियलिट पर आधारित उपकरण का उदाहरण क्या है ? (अ) गूगल ग्लास (ब) ऑक्यूलस रिफट (स) 3 डी प्रिंटर (द) उपरोक्त में से कोई नही 16. डी प्रिटींग का मुख्य उपयोग क्या है – (अ) भौतिक ऑब्जेक्ट का निर्माण (ब) दस्तावेज प्रिंट करना (स) डॉक्यूमेंट स्कैन करना (द) उपरोक्त में से कोई नहीं 17. स्मार्ट वियरेवल उपकरण किस प्रकार का नेटवर्क उपयोग मे लेते है- (अ) LAN (ब) WAN (स) BAN (द) उपरोक्त में से कोई नहीं

18. विण्डोज 10 की किसी इनबिल्ट उपयोगिता का उपयोग एक से अधिक डिस्प्ले स्क्रीन पर कार्य करने के लिए किया जाता है ? (अ) वाई-फाई सेंस (ब) स्नेप असिस्ट (स) विण्डो स्टोर (द) विण्डो हेल्लो 19. विण्डोज 10 के बायोमेट्रिक पहचान सुविधा का नाम क्या है ? (अ) विंडोज हेल्लो (ब) विंडोज पासपोर्ट (स) अ और ब दोनों (द) कोरटाना 20. मोबाईल ऑपरेटिंग सिस्टम का उदाहरण कौनसा है ? (अ) लिनक्स (ब) एंड्राइड एम 6.0 (स) एप्पल आई.ओ.एस.9 (द) अ और स दोनों 21. मोबाइल एप्प स्टोर कौनसा है ? (अ) गूगल प्ले स्टोर (ब) फ्लिपकार्ट, (स) फेसबुक (द) उपरोक्त में से कोई नहीं 22. निम्न में कौन एक टैबलेट का उदारहण है ? (अ) सैमसंग नोट 5 (ब) एप्पल आईपेड (स) एप्पल आई पोड (द) माइक्रोसॉफ्ट लुमिया

हम आशा करते है कि यह नोट्स आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है | आप इन्हे अपने Classmates & Friends के साथ शेयर कर सकते है |

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Computer Notes in Hindi

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है और इसके प्रकार

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Artificial Intelligence in Hindi (आर्टिफ़िशियल   इंटेलिजेंस क्या है?) के बारें में पढेंगे और इसके Types को भी देखेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-  

  • 1 Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है?
  • 2 Types of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रकार
  • 3 Reactive Machines (प्रतिक्रियाशील मशीन)
  • 4 Limited Memory (सीमित स्मृति)
  • 5 Theory of Mind (मस्तिष्क का सिद्धांत)
  • 6 Self-Awareness AI (आत्म जागरूक एआई)
  • 7 Weak या Narrow AI (कमजोर या संकीर्ण एआई)
  • 8 Artificial General Intelligence (AGI)
  • 9 Artificial Super Intelligence (ASI)
  • 10 Applications of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग
  • 11 Advantages of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के फायदे
  • 12 Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान

Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल  इंटेलिजेंस क्या है ?

  • Artificial Intelligence (AI) एक टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा intelligent (बुद्धिमान) मशीनों को बनाया जाता है जो कि इंसानों की तरह सोचते है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “Artificial intelligence एक विधि (method) है जिसका इस्तेमाल करने पर एक कंप्यूटर, रोबोट और मशीन इंसान की तरह सोचने लगता है।”
  • Artificial intelligence दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है पहला artificial और दूसरा intelligence. इसमें artificial का मतलब होता है “इंसानों के द्वारा बनाया हुआ” और intelligence का अर्थ होता है “सोचने की शक्ति”। इसलिए इसका पूरा मलतब हुआ “ इंसान के द्वारा बनाई हुई सोचने की शक्ति “।
  • आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को machine intelligence भी कहते हैं। इसमें मशीन के अंदर इंसान की तरह सोचने और कार्य करने की क्षमता को पैदा किया जाता है जैसे कि- इंसानो की तरह बात करना , याद रखना, सीखना, निर्णय लेना और किसी problem को solve करना आदि।
  • आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) कंप्यूटर साइंस की उभरती हुई टेक्नोलॉजी है जिसका मुख्य उदेश्य दुनिया भर में Intelligent मशीनो को बनाना है। ताकि मनुष्य के जीवन को और भी ज्यादा आसान बनाया जा सके।
  • Artificial intelligence को हिंदी में “ कृत्रिम बुद्धिमत्ता ” कहते हैं.

जॉन मैकार्थी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक माना जाता है। जॉन मैकार्थी के अनुसार, “ यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने का विज्ञान और इंजीनियरिंग है ।”

Types of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल   इंटेलिजेंस के प्रकार

इसके बहुत सारें प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं-

  • Reactive Machines
  • Limited Memory
  • Theory of Mind
  • Self-Awareness
  • Weak या Narrow AI
  • Artificial General Intelligence (AGI )
  • Artificial Super Intelligence (ASI )

types of artificial intelligence in Hindi

Reactive Machines (प्रतिक्रियाशील मशीन)

  • Reactive machine आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का सबसे सरल प्रकार है।  यह मशीन बेसिक कार्यों को पूरा करती है।
  • यह यूजर की जरूरतों के मुताबिक react करती है। इसलिए इसे reactive machine कहते है।
  • Reactive machine किसी भी data और memory को स्टोर करके नहीं रखती।
  • Reactive machine केवल वर्तमान समय के कार्यों पर focus करती है।
  • चूंकि रिएक्टिव मशीन data और memory को स्टोर करके नहीं रख सकती इसलिए इसका इस्तेमाल future (भविष्य) के कामों के लिए नही किया जा सकता है।
  • Reactive machines का सबसे अच्छा उदहारण Google का AlphaGo है।

इसे पढ़ें:- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में agent क्या है और इसके प्रकार

Limited Memory (सीमित स्मृति)

  • Limited memory एक प्रकार का AI है जो पुराने data को कुछ समय के लिए ही store करके रख सकता है।
  • यह पुराने डाटा की मदद से भविष्य को predict करने की क्षमता रखती है।
  • Limited memory की मदद से फ्यूचर को predict किया तो जा सकता है लेकिन यह predication पूरी तरह से सही नहीं भी हो सकता। क्योकि यह predication पुराने डाटा के आधार पर किया जाता है।
  • Limited memory का उपयोग खुद से चलने वाली car में किया जाता है। यह कार अपनी आस पास की cars की speed, उनके बीच की दूरी और दूसरी information को स्टोर करके रख सकती है।
  • इसका सबसे बेहतर उदाहरण tesla कार है।

Theory of Mind (मस्तिष्क का सिद्धांत)

  • “theory of mind” एक प्रकार का AI है जो इंसान के स्वभाव को समझ सकता है और इंसानों की तरह बात बात भी कर सकता है।
  •  सरल भाषा में समझें तो  “theory of mind इंसानों के विचारों (thoughts) को समझकर उनसे से बाते कर सकता है। जिस प्रकार दो मनुष्य आपस में बाते करते है ठीक उसी प्रकार theory of mind में भी कंप्यूटर और इंसान आपस में बाते कर सकते है। लेकिन theory of mind तकनीक अभी पूरी तरह से develop नहीं हुई है। इस तकनीक पर अभी रिसर्च जारी है।

Self-Awareness AI (आत्म जागरूक एआई)

  • Self-awareness AI आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का भविष्य है। यह AI बहुत ही ज्यादा intelligent होगा और इनका खुद का emotion (भावनाएं), चेतना और दिमाग होगा।
  • इस AI का दिमाग इंसान से भी तेज होगा।
  • आने वाले समय में self-awareness की वजह से डिजिटल कंप्यूटर या रोबोट इंसानो से भी ज्यादा intelligent और smart हो जायँगे और उस समय की मशीने self-aware होंगी और सही गलत फैसलों का निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होगी। हलाकि इस समय self-awareness AI उपलब्ध नहीं है। यह आने वाले समय की एक कल्पना है।

Weak या Narrow AI (कमजोर या संकीर्ण एआई)

  • Weak या narrow AI को Artificial Narrow Intelligence (ANI) भी कहा जाता है।
  • यह AI किसी विशेष काम को ही पूरा कर सकता है और अपनी क्षमता के बाहर किसी दूसरे काम को नही कर सकता इसलिए इसे Weak AI कहते हैं।
  • Weak AI इंसानों की तरह behave (व्यवहार) नहीं कर सकती। लेकिन parameters और contexts के आधार पर इंसानो के व्यवहार को समझ सकती है। और इंसानो से बाते भी कर सकती है।
  • Weak AI अपने काम को पूरा करने के लिए natural भाषा (NLP) का इस्तेमाल करती है।
  • इसके अलावा Weak AI में data को स्टोर करने की क्षमता नहीं होती है।
  • IBM का Watson supercomputer इसका एक example है।

Artificial General Intelligence (AGI)

  • Artificial general intelligence (AGI) को मजबूत (strong) AI भी कहा जाता है।
  • AGI एक general intelligence की तकनीक है जो किसी समस्या को अपने तरीके से सुलझाने की क्षमता रखती है।
  • AGI एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो कि इंसानो के व्यवहार को समझ सकती है और इंसानो की तरह behave भी कर सकती है।
  • AGI इंसानो की तरह किसी भी काम को बड़ी आसानी से पूरा कर सकती है। यानी कह सकते है की जो काम एक इंसान कर सकता है। उसी काम को AGI टेक्नोलॉजी भी कर सकती है।
  • हालांकि AGI को अभी तक पूरी तरह से develop नहीं किया गया है। लेकिन AGI तकनीक पर रिसर्च जारी है।

Artificial Super Intelligence (ASI)

  • ASI एक ऐसा आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस है जिसमें मशीन इंसानों से भी ज्यादा बुद्धिमान होंगी और वो इंसान की तुलना में किसी काम को आसानी से और तेजी से कर सकेंगी।
  • ASI के पास बहुत सारीं क्षमताएं होंगी जैसे कि – सोचना, puzzle को solve करना, learn करना, plan करना और खुद से बातें करना आदि।
  • ASI एक काल्पनिक AI है जो वर्तमान समय पर उपलब्ध नहीं है। लेकिन आने वाले समय में ASI तकनीक देखने को मिल सकती है।
  • ASI टेक्नोलॉजी के डिवाइस इंसानो से भी ज्यादा advance और modern होंगे। ASI की इस तकनीक में डिवाइस self-aware हो जायेंगे। जो सही और गलत का फैसला खुद से लेने में सक्षम होंगे।

इसे भी पढ़ें: –

  • डाटा माइनिंग क्या है?
  • बिग डाटा एनालिटिक्स क्या है?

Applications of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल  इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग

AI का प्रयोग बहुत क्षेत्रों में किया जाता है जो कि नीचे दिए गए हैं-

1 – E-commerce के क्षेत्र में

AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल e-commerce यानि online shopping के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल AMAZON कंपनी करती है। जिससे कस्टमर को product का साइज, color और brand पता चलता है।

 इसकी मदद से apps और website में chatbot का निर्माण किया जाता है। Chatbot सीधे कस्टमर से बात कर सकता है। इसके लिए हमें किसी मनुष्य की आवश्यकता नही पड़ती।

2. Education ( शिक्षा ) के क्षेत्र में

AI तकनीक का इस्तेमाल शिक्षा के क्षेत्र में भी किया जाता है ताकि बेहतर से बेहतर शिक्षा लोगो तक पहुंच सके।

इसके द्वारा टीचर आसानी से किसी भी बच्चे को कंप्यूटर में animation और graphics दिखाकर पढ़ा सकते हैं। AI के द्वारा Student को mark देना भी आसान हो जाता है जिससे टीचर का time बचता है।

AI तकनीक productivity और digital education को बढ़ावा देता है। जिसके मकसद शिक्षा को और आसान बनाना है।

3 – Easy Lifestyle (आराम दायक जीवन)

Artificial इंटेलिजेंस का इस्तेमाल lifestyle को और भी ज्यादा advance और modern बनाने के लिए किया जाता है। ताकि इंसान का जीवन और भी ज्यादा आसान बनाया जा सके। जिसके कारण इंसान अपने काम को smart तरीके कर पाए।

इसकी मदद से हम आजकल हम अपने face से phone को unlock कर सकते हैं और हमारे घरों में smart devices होती है जिनमें AI का प्रयोग किया होता है।

4 – Human Resources ( मानवीय संसाधन ) के क्षेत्र में

इस का इस्तेमाल human resources को कम करने के लिए भी किया जाता है। ताकि प्रोडक्ट का production ज्यादा मात्रा में किया जा सके।  क्योकि मनुष्य 24 घंटे किसी काम को नहीं कर सकता। लेकिन AI के डिजिटल device या machine 24 घंटे काम करने की क्षमता रखती है।

5 – Medical ( स्वास्थ्य ) के क्षेत्र में

इस का इस्तेमाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी किया जाता है। AI devices का इस्तेमाल आज के समय में छोटे बड़े hospital में किया जाता है।

इसका इस्तेमाल करके मरीज की बीमारी का पता लगाया जाता है और  बीमारी को ठीक किया जाता है।

6 – Agriculture ( कृषि ) के क्षेत्र में

इसका प्रयोग खेत में फसलों और मिट्टी की quality को check करने के लिए किया जाता है।

AI तकनीक की मदद से soil (मिट्टी) की कमियों को पहचाना जा सकता है। और उस मिट्टी में सुधार किया जा सकता है। ताकि अच्छी फसल तैयार की जा सके।

7 – Marketing के क्षेत्र में

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल marketing करने के लिए भी किया जाता है। क्योकि AI की मदद से data को analyze किया जा सकता है। जिसके कारण कंपनी को यह पता चल जाता है की किस समय कोनसे product की demand बढ़ने या घटने वाली है।

8 – Astronomy ( खगोल विज्ञान ) के क्षेत्र में

इसकी मदद से अंतरिक्ष की कठिन problems को आसानी से solve किया जा सकता है। इसकी सहायता से हम यह जान सकते है कि अंतरिक्ष कैसे काम करता है और इसकी उत्पत्ति कैसे हुई है।

9 – Gaming ( खेल ) के क्षेत्र में

Gaming में AI का इस्तेमाल आजकल बहुत बढ़ गया है। जैसे कि Chess और puzzle के game में इसका इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि AI के पास सोचने की क्षमता होती है इसलिए इसका इस्तेमाल दिमाग वाले खेलों में किया जाता है।

10 – Banking ( बैंक ) के क्षेत्र में

बैंकिंग में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कस्टमर के account की जानकारी देने और उनके transaction की जानकारी देने के लिए किया जाता है। इसके लिए इसमें chatbots का प्रयोग किया जाता है।

11 – Data security के लिए

किसी भी व्यक्ति और कंपनी के लिए उसका data बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इसको secure (सुरक्षित) रखना भी जरूरी होता है ताकि hacker से डेटा को बचाया जा सके। आजकल बड़ी कंपनी में Data को secure रखने के लिए AI का इस्तेमाल किया जाता है।

12. Entertainment (मनोरंजन) के क्षेत्र में

मनोरंजन के क्षेत्र में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है। NETFLIX और AMAZON में इसका इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमें सिर्फ वो ही प्रोग्राम दिखते है जिन्हें हम देखना पसंद करते हैं।

  • मशीन लर्निंग क्या है?
  • डाटा वेयरहाउसिंग क्या है?

Advantages of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के फायदे

इसके फायदे नीचे दिए गए हैं-

1 – Increase Efficiency ( कार्य करने की क्षमता बढ़ाने के लिए ) –

Artificial intelligence इंसानो की काम करने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। ताकि इंसान छोटे बड़े कार्य को आसानी से पूरा कर सके।

इसके अलावा यह किसी काम को तेजी से पूरा करने में मदद करता है। यानी कार्य को पूरा होने में ज्यादा समय का वक़्त नहीं लगता। AI के काम करने की छमता काफी ज्यादा है।

2 – Improved Workflows ( वर्कफ़्लो को बेहतर करना ) –

Workflow का मतलब यह होता है कि काम करने के तरीके को improve करना या उसमे और सुधार लाना। AI ने इंसानो के काम करने के तरीके को advance और modern कर दिया है। ताकि काम को आसानी से पूरा किया जा सके।

इसकीकी natural लैंग्वेज (NLP) ने study , entertainment और media को बहुत ही ज्यादा आसान बना दिया है। जिसके कारण इंसानो का  जीवन और भी ज्यादा आसान हो गया है।

इसके अलावा AI ने बिज़नेस करने के तरीके को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। यानी अब व्यापार करना और भी ज्यादा आसान हो गया है।

3 – Lower Human Error Rates ( गलतियां होने में कमी )

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस ने काम में होने वाली गलतियों को काफी  कम कर दिया है। कोई मशीन इंसान की तुलना में बहुत कम ग़लती करती है।

यानी अब इंसानो के द्वारा किये गये काम में बहुत कम गलतियां पाई जाती है। उसकी सबसे बड़ी वजह यह है की AI ने काम को करने के तरीके को और भी ज्यादा आसान बना दिया है। जिसके कारण काम में गलतियां नहीं होती।

4 – Deeper Data Analysis ( डेटा की गहराई से जांच करना )

Artificial intelligence डाटा को गहराई से analyze करने में मदद करता है। जिसके कारण हमें सबसे सटीक information (सूचना) प्राप्त होती है।

इसका इस्तेमाल ज्यादातर बिज़नेस की field में data को analysis करने के लिए किया जाता है। ताकि बिज़नेस को grow किया जा सके। क्योकि अगर कंपनी के पास सटीक data होगा तो कंपनी  आसानी से competition को beat कर पायेगा। इसलिए AI बिज़नेस के लिए अनिवार्य हो जाता है।

5 – 24 / 7 support

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस टेक्नोलॉजी की मशीन 24/7 काम करने की क्षमता रखती है। अगर इंसानो की बात करे तो इंसान को कुछ समय के बाद rest (आराम) करने की ज़रूरत पड़ती है। लेकिन AI के devices 24 घंटे काम कर सकते हैं।

इसका सबसे अच्छा उदहारण chat box है। आप किसी भी समय chat box से बात कर सकते है। और अपनी सवालों का जवाब पूछ सकते है।

6 – Perform Repetitive jobs ( काम को बार – बार करना )

हम इंसानो के कई काम ऐसे होते हैं जो हमें रोज करने पड़ते है जैसे कि – email का reply देना, किसी को बर्थडे wish करना आदि। AI का इस्तेमाल करके हम इन कामों को Automate कर सकते हैं।

7 – Faster decision ( तेज निर्णय )

मनुष्य को कोई भी निर्णय लेने में काफी ज्यादा वक्त लगता है। परंतु AI machine निर्णय को बहुत तेजी से लेती है जिससे हम अपने काम को कम समय में पूरा कर सकते हैं।

8 – यह सूचना को इंसान की तुलना में ज्यादा अच्छे तरीक़े से handle करता है।

Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान

इसके नुकसान निम्नलिखित हैं-

1. High Costs ( ऊंची कीमत )

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के devices को बनाने में काफी ज्यादा पैसे खर्च किये जाते है। क्योंकि इन devices को बनाने के लिए बहुत ही आधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए AI के डिवाइस काफी ज्यादा expensive (महंगे) होते है।

इन devices को maintain करने में भी बहुत ज्यादा खर्चा लगता है।

2. No creativity ( कोई रचनात्मकता नहीं )

AI टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह इंसानो की तरह सोच नहीं सकती। यानी AI इंसानो की तरह behave तो कर सकती है लेकिन इंसानो की तरह सोच नहीं सकती।

इंसानो के पास काफी ज्यादा creativity (रचनात्मकता) होती है। लेकिन AI के पास बिलकुल भी creativity नहीं होती। जिसके कारण AI उतना ही काम करती है। जितना उसको command (आदेश) दिया जाता है।

3. Increase in Unemployment ( बेरोजगारी में वृद्धि )

इस टेक्नोलॉजी ने बेरोजगारी को काफी ज्यादा बड़ा दिया है। क्योकि इस टेक्नोलॉजी में सभी कार्य automatic मशीनो के द्वारा किये जाते है। जिसके कारण labor work की ज़रूरत नहीं पड़ती।

आजकल robots ने इंसानों की जगह काम करना शुरू कर दिया है और आने वाले समय में इन robots के कारण बेरोजगारी में और वृद्धि होने वाली है।

4. Make Humans Lazy ( इंसानों को आलसी बना दिया है )

आजकल मनुष्य का काम मशीन करने लग गयी हैं। छोटे से छोटा काम मशीनें कर रही हैं। जिसके कारण human काफी ज्यादा lazy हो गया है।

AI के कारण इंसानो को ज्यादा काम करने की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसीलिए दिन प्रति दिन इंसान आलसी होता जा रहा है।

5. Emotionless ( भावहीन )

इंसान की तरह मशीन में कोई emotion नही होते। ये मनुष्य की तरह काम तो करते हैं परंतु उनकी तरह उनके अंदर कोई भाव (emotion) नही होता।

6. Artificial intelligence खुद में कोई improvement नही कर सकती। ये सिर्फ उतना ही काम करती है जितना इसको program किया गया होता है।

इसका उपयोग data scientists के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए किया जाता है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिन्दी में ‘ कृत्रिम बुद्धिमत्ता ‘ कहा जाता है।

AI के जनक जॉन मैकार्थी है।

Reference :- https://www.javatpoint.com/artificial-intelligence-tutorial

निवेदन: – अगर आपके लिए Artificial Intelligence in Hindi (आर्टिफ़िशियल   इंटेलिजेंस क्या है?) का यह आर्टिकल उपयोगी रहा हो तो इसे अपने friends और classmates के साथ अवश्य share कीजिये. और आपको किसी भी subject से सम्बन्धित कोई question हो तो उसे नीचे comment करके बताइए.

2 thoughts on “आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है और इसके प्रकार”

Aapke banay huye sabhi topic ki pdf form me purchase Krna chahta hu available hai kya sir

Thanks you sir Very helpful post

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Artificial Intelligence Essay in Hindi

Artificial Intelligence Essay in Hindi: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध

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Artificial Intelligence Essay in Hindi

यहां हम आपको “Artificial Intelligence Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Kritrim Buddhimatta Par Nibandh तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Artificial Intelligence Essay In Hindi 100 Words

आज के इस आधुनिक युग में प्रतिदिन टेक्नोलॉजी की खोज की जा रही है। इंसानों द्वारा हर नई चीज का अविष्कार अपनी सुविधा के लिए ही किया जाता है। वैज्ञानिकों ने ऐसी कई चीजों का आविष्कार किया है जिनसे हमारा जीवन काफी सरल हो चुका है। हम अपने देश या अन्य देशों को देखें तो, सभी ओर टेक्नोलॉजी ही दिखाई देगी। टेक्नोलॉजी से ही आज हम सभी आराम से अपना काम और जीवन यापन कर पा रहे हैं। ऐसी ही टेक्नोलॉजी का नाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या AI है। यह कंप्यूटर रोबोट सॉफ्टवेयर बनाने की ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो इंसान की तरह सोच-समझकर काम करती है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह होती तो एक निर्जीव चीज है लेकिन इसमे दिमाग इंसान की तरह होता है।

Essay on Artificial Intelligence in English साइबर क्राइम पर निबंध मेरे स्कूल पर निबंध दहेज प्रथा पर निबंध मुहर्रम पर निबंध विज्ञान के चमत्कार निबंध प्रदूषण पर निबंध

Artificial intelligence Articles for Students 200 Words (Artificial Intelligence in Hindi)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर कंप्यूटर, रोबोट या ऑटोमेटिक मशीनें बनाने के लिए किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को बनाया तो इंसान द्वारा ही गया है, लेकिन इसका दिमाग इंसान से भी तेज होता है। वैज्ञानिकों द्वारा जिन भी चीजों का आविष्कार किया गया है, उनका हमेशा से एक ही उद्देश्य रहा है, कि यह खोज या तकनीक मानव जीवन को सरल और सुविधाजनक बना सके। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो कई तरह से हमारे लिए सहायक साबित होती है।

इसकी मदद से हम 3D प्रिंटर, इलेक्ट्रिक ड्रोन, बिना ड्राइवर की कार, सिक्योरिटी सिस्टम, रोबोट, टिकट वेंडिंग मशीन जैसी चीजें बना सकते हैं। यही नहीं इसका इस्तेमाल अब हॉस्पिटल्स में रोबोटिक सर्जरी के लिए भी किया जा रहा है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है, कि इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुद्धि इतनी तेज है, कि यह बड़ी से बड़ी समस्याओं को चुटकी में हल कर सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अलग-अलग कार्य क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के काम कर सकती है। इसे बनाने के बाद इंसान की निर्भरता मैनुअल मशीनों से कम हो जाएगी।

Artificial Intelligence Essay In Hindi 300 Words

भगवान ने सभी इंसानों को सोचने और प्रतिक्रिया करने की बुद्धि प्रदान की है। इस पृथ्वी पर एकमात्र इंसान ही ऐसे जीव है, जिनके पास विकसित बुद्धि है और वह अपनी बुद्धि का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकते है। सभी इंसानों की बुद्धि का स्तर अलग-अलग हो सकता है, सभी अपनी अपनी बुद्धि की क्षमता के अनुसार समस्या को सुलझाने में सक्षम होते हैं। लेकिन अब मनुष्यों की तरह ही बुद्धि रखने वाली मशीनें या टेक्नोलॉजी आ गई हैं, जो मनुष्य से भी तेज होने का दावा करती है। इस टेक्नोलॉजी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विचार

अगर यह विचार किया जाए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे किस काम की है, हम इसे क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसका जवाब आपको टेक्नोलॉजी खुद देगी। आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों की क्षमता को बढ़ाने का काम कर रही है, ताकि मशीनें भी उस तरह से काम करें जिस तरह से कोई इंसान काम करता है। नई-नई उभरते उद्योगों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उद्योग की काफी मदद कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन के साथ जोड़कर मशीन को काम करने के बेहतर तरीके प्रदान करता है, जब भी मशीन को कोई इनपुट या डाटा दिया जाता है, तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक इंसान की तरह बुद्धि का इस्तेमाल कर अपनी निगरानी में उस कार्य को पूरा करता है।

टेक्नोलॉजी काफी तेजी से विकसित होती जा रही है। टेक्नोलॉजी का विस्तार इस बात को साबित करता है, कि मानव जाति के लिए टेक्नोलॉजी एक वरदान है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नोलॉजी किसी भी काम को सरल कर सकती है, और आगे चलकर यह मानव के जीवन में आने वाली समस्याओं को भी हल करने में सक्षम होगी। जिस तरह से अभी इन सभी टेक्नोलॉजिस से हमें फायदा हो रहा है, आगे चलकर यह हमें नुकसान भी पहुंचा सकती है। क्योंकि हर चीज का अपना एक सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होता है। इंसान का इतना किसी टेक्नोलॉजी पर निर्भर होना आगे समस्या खड़ी कर सकता है।

Artificial Intelligence Essay In Hindi 400 Words

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हम विज्ञान का अब तक का सबसे एडवांस अविष्कार कह सकते हैं। क्रमिक बुद्धिमता कंप्यूटर विज्ञान में हो रही तरक्की की एक शाखा है, इसीलिए इसे हम कंप्यूटर विज्ञान की शाखा के रूप में देख सकते हैं। आमतौर पर हम इंसानों द्वारा ही दूसरे इंसान की बातों को अपनी बुद्धि की सहायता से समझा जाता था, लेकिन अब मशीनों को भी इतना डिवेलप कर दिया गया है, कि मशीनें भी इंसान की तरह बुद्धि का इस्तेमाल कर सकती हैं। एक मनुष्य किसी भी काम को करने से पहले उसके बारे में विचार कर सकता है, लेकिन एक मशीन तभी काम करती है, जब उससे इंसानों द्वारा निर्देश दिया जाए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of AI)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद जितना मनुष्य का जीवन जितना सरल हुआ है, आगे चलकर यह उतना ही कठिन भी हो सकता है। अगर हम अपने जीवन का नियंत्रण किसी मशीन के हाथ में दे देंगे, तो यह हमारे जीवन को बर्बाद भी कर सकती है। बात अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदों कि, की जाए तो इसने मनुष्य की कार्य क्षमता को बढ़ाया है। ऐसे काम जिन्हें करने में इंसान की जान जा सकती है, उन्हें आसानी से किया है। बड़ी से बड़ी समस्या को चुटकियों में हल किया है। यहां तो इसके फायदे थे लेकिन इसके नुकसान भी होंगे आगे चलकर अधिकतर क्षेत्रों में एआई का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसके कारण बेरोजगारी फैल सकती है। युवाओं के पास करने के लिए काम नहीं होगा, क्योंकि हर कोई काम को बेहतर ढंग से करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेगा।

आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल अलग-अलग कार्य क्षेत्रों में किया जाने लगेगा। वैसे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि इससे इंसानों को अधिक कार्य करने की आवश्यकता नहीं होगी। एक व्यक्ति अपने सारे क्रमिक बुद्धि के सहारे से कर लेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हम उद्योग में यातायात में सेवा क्षेत्र में कर सकते हैं। देखने में तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के काफी सारे फायदे नजर आ रहे हैं, लेकिन इसके नुकसान भी हो सकते हैं। जिस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर जगह अपनी जगह बना रहा है ऐसे में इंसानों के लिए रोजगार की कमी हो सकती है।

Kritrim Buddhimatta Par Nibandh 500 Words (Essay on Artificial Intelligence in Hindi)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर का वह सिस्टम है, जो उन कार्यों को इंसानी बुद्धि की सहायता से कर सकता है, जिन्हें करने के लिए इंसान की आवश्यकता होती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर सिस्टम के विकास को संदर्भित करता है, और ऐसे काम जैसे कि सीखना, तर्क करना, समस्या का समाधान करना, गणना करना, लगातार कार्य करना आदि जैसे कामों को करने के लिए इंसानी दिमाग की आवश्यकता होती है, वह सभी काम करता है। आज के इस आधुनिक युग में एआई का इस्तेमाल करना बेहद सामान्य बात है। हम जिन भी उपकरणों का इस्तेमाल अपनी सुविधा के लिए कर रहे हैं, अब यह सब एआई के माध्यम से इस्तेमाल किए जा सकते हैं। आने वाले समय में एआई हमारे समय की काफी बचत करेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इस तरह से बनाया गया है, कि यह कार्य करने से पहले स्वयं निर्णय लेने सक्षम होगा कि कार्य को करना सही रहेगा या नहीं। इसका मुख्य इस्तेमाल मशीन लर्निंग (Machine learning) के लिए किया जाएगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत कब हुई?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस याने की एआई की शुरुआत 1950 से हो गई थी, लेकिन इसकी असली अहमियत 1970 के दशक में लोगों को पता चली। एआई को बनाने की पहल सबसे पहले जापान ने की थी। 1981 में जापान में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की गई। इसमें सुपर कंप्यूटर के विकास के लिए 10 सालों के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी। जापान के द्वारा शुरुआत करने के बाद अन्य देशों ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वता को समझते हुए उस पर काम करना शुरू किया। विपिन देश ने इसके लिए एक अलग से एल्विन नामक प्रोजेक्ट बनाया यूरोपीय संघ के देशों ने भी ‘एस्प्रिट नामक एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने के लिए वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट का विकास करने के लिए माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की स्थापना की।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण

आज हम जितनी भी एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हम अपने स्मार्टफोन में कई सारी एप्लीकेशंस के रूप में भी कर रहे हैं। इसके अलावा एआई का इस्तेमाल स्मार्ट कार, स्मार्ट होम, स्मार्ट फर्नीचर बनाने के लिए भी कर रहे हैं। इसके अलावा हम वर्चुअल असिस्टेंट के रूप में भी एआई प्रोग्राम का इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी भी चीज को खोजने के लिए गूगल सर्च पर वॉइस सर्च के माध्यम एआई से किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण इस प्रकार है: 

  • सिरी वर्चुअल असिस्टेंट ऑफ गूगल
  • टेस्ला मोटर्स
  • इको अमेजॉन प्रोडक्ट
  • मार्केटिंग ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर
  • स्मार्ट मशीन
  • स्मार्ट सिक्योरिटी सिस्टम

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पिछले कुछ सालों से चर्चा का विषय बना हुआ है। समय-समय पर वैज्ञानिक इसके अच्छे और बुरे परिणामों को लेकर विचार-विमर्श करते रहते हैं। आज दुनियां को बदलने में टेक्नोलॉजी एक अहम भूमिका निभा रही है। एआई का इस्तेमाल विकास को गति देने के लिए लोगों के जीवन को बेहतर करने के लिए, सुख-सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए हर क्षेत्र में किया जा रहा है। बढ़ते हुए शहरीकरण औद्योगीकरण एवं भूमंडलीकरण ने जहां विकास की गति को तेज किया है, वहीं इसने कई सारी समस्याओं को जन्म भी दिया है। इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए एक नई तकनीक की खोज की गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद वैज्ञानिक द्वारा इसके कई सारे फायदे बताए गए हैं, साथ में वैज्ञानिकों ने यह भी माना है, कि इसके आने के बाद नुकसान इंसानों का ही होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण मशीनों को नियंत्रण करने के लिए किया गया है, लेकिन अगर मशीन स्वयं ही निर्णय लेने लगेगी तो उसे काबू कर पाना बेहद ही मुश्किल होगा।

Essay on Artificial Intelligence in Hindi 1000 Words

वर्तमान में हमने टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा विकसित कर ली है, की अब हम अपने छोटे से छोटे काम मशीनों की सहायता से कर सकते हैं। हम अपने घर बैठे ही देश दुनियां की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अब हमारे पास हमारे ही जैसे काम करने वाले उपकरण हैं, जो कि हमारी तरह अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर हमारे जीवन को सरल बना रहे हैं। वैसे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल मनुष्य के जीवन को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए किया गया है, लेकिन भविष्य में इसके नुकसान हुए तो जिम्मेदारी किसकी होगी। हम इंसानों की निर्भरता मशीन पर काफी बढ़ती जा रही है, जिससे कि मनुष्यों की कार्यक्षमता और सोचने समझने की शक्ति भी कम होती जा रही है। आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक क्रांति लेकर आएगा।

AI का महत्व (Importance of Artificial Intelligence)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व हमारे जीवन को आसान बनाने में है। यह इंसानों के लिए एक बड़ी संपत्ति है। इसका प्रयास जितना हो सके मनुष्य के जीवन को सरल बनाना है। आप चारों ओर देख सकते हैं, आपको विश्वास नहीं होगा कि अधिकांश काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा सुचारू रूप से किया जा रहा है। यह बिल्कुल मनुष्य की तरह ही काम करता है। इसके द्वारा किए गए काम में और मनुष्य के द्वारा किए गए काम में फर्क ढूंढ पाना नामुमकिन है। यह स्वचालित तरीके से काम कर सकता है। यहां मशीनें बड़े सटीक तरह से काम करके आपके कार्य को गति के साथ खत्म करती है, जिससे कि आपका मूल्यवान समय बचता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व हमारी रोजमर्रा के कामों में भी दिखाई देता है। यह तकनीक बिना किसी गलती के हमारे रोजमर्रा के कामों को कर हमारा कार्यभार कम करती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार (Types of AI)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।

इससे इस अनुसार अनुसार बनाया गया है, कि यह केवल सीमित कार्यों को ही कर सकता है। इसमें सोचने की क्षमता बेहद कम होती है। इसे भविष्य में डिवेलप या अपडेट नहीं कर सकते क्योंकि इसे जिन कामों को करने के लिए बनाया गया है, यह केवल उन्हीं कामों को कर सकता है। इस एआई को narrow AI के नाम से भी जाना जाता है। आज पूरी दुनियां में इसी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका मतलब यह एकमात्र सफल एआई का प्रकार है जिसका इस्तेमाल हम कर रहे हैं।

इस प्रकार के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की सिर्फ कल्पना ही की जा रही है। फिलहाल दुनियां में किसी के पास भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यह प्रकार मौजूद नहीं है। वैज्ञानिकों की शोध के अनुसार स्ट्रांग एआई बिल्कुल मनुष्य की तरह होगा इसमें मनुष्य की तरह ही सोचने समझने और तर्क करने की बुद्धि होगी। यह मनुष्य की तरह ही नई चीजें सीखने में सक्षम होगा खुद को परिस्थिति के अनुसार बदलने में सक्षम होगा और अलग-अलग कार्य क्षेत्रों में काम करने में सक्षम होगा।

भविष्य में वैज्ञानिकों द्वारा सुपर एआई का निर्माण किया जाएगा। बड़े-बड़े वैज्ञानिकों एवं प्रोग्रामर्स का यह मानना है, कि सुपर एआई की सोचने की क्षमता मनुष्य के दिमाग से कई गुना ज्यादा होगी। यह कार्य को करने के निर्णय स्वयं ले सकता है, और अपनी काबिलियत से कठिन से कठिन कामों को कर सकता है।

कृत्रिम बुद्धि की मुख्य विशेषताएं 

कृत्रिम बुद्धि की विशेषताएं कुछ इस प्रकार है:

  • कृत्रिम बुद्धि के साथ काम करने पर गलती होने की संभावनाएं बिल्कुल ना के बराबर होती है। इसकी सहायता से हम 100% शुद्धता से काम कर सकते हैं।
  • कृत्रिम बुद्धि का इस्तेमाल मनुष्य के काम को आसान करने के लिए किया जाता है।
  • इसकी सहायता से खतरनाक काम जैसे कि बम को डिफ्यूज करना, मिनिरल माइंस में विस्फोट, अंतरिक्ष में जाना जैसे खतरनाक कामों को किया जा सकता है।
  • कृत्रिम बुद्धि के पास कैलकुलेशन करने की हाई पावर होती है, यह बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन को बड़ी जल्दी कर सकती है।
  • कृतिम बुद्धि में इंसान की तरह सोचने की शक्ति तो होती है, लेकिन भावनाएं नहीं होती हम उन्हें जो भी आर्डर देते हैं वह उन्हें फॉलो करते रहते हैं। उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं होता कि वह क्या कर रहे हैं।
  • इस तकनीक के पास अच्छी लर्निंग एबिलिटी होती है।
  • यह स्वयं के फैसले लेने में सक्षम होते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों के लिए खतरा

आजकल इंसानों की टेक्नोलॉजी पर निर्भरता काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का आना इंसानों के लिए कहीं ना कहीं नुकसानदायक साबित हो सकता है। पहले एक मशीन तभी काम करती थी, जब उसे इंसान स्वयं निर्देश देता थ। लेकिन अब सोचिए मशीनों के पास भी अपना स्वयं का दिमाग होगा वह इंसानों की तरह दूसरे इंसान की समस्याओं को समझने में सक्षम होंगी अपने अनुसार कार्य करने में सक्षम होगी। अलग-अलग तरह की चीजों पर विचार कर उन्हें अपने अनुसार डालने की कोशिश करेंगी। कहीं ना कहीं यह टेक्नोलॉजी इंसानों को अपने ऊपर निर्भर कर इंसानों की कार्य क्षमता खत्म कर देंगीm

इसमें कोई संदेह नहीं की तकनीकी विकास मानव जाति के विकास के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। वर्तमान में इंसानों द्वारा चांद पर जाकर बसने की योजना बनाई जा रही है। ऐसे में अगर इंसान की तरह ही काम करने वाली सोचने समझने की बुद्धि रखने वाली टेक्नोलॉजी इंसान के पास होगी, तो उसके कितने सारे काम आसान हो जाएंगे। मनुष्य द्वारा इस तकनीक का इस्तेमाल कर नए-नए रोबोट बनाकर परीक्षण के लिए अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है। यह मनुष्य के जीवन को सरल बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। लेकिन जिस तरह इसके फायदे दिखाई दे रहे हैं। उसी तरह इसके नुकसान भी दिखाई देंगे। अगर किसी मशीन के पास इंसान की तरह सोचने समझने की शक्ति होगी तो उसे काबू में करना आसान नहीं होगा। वह मशीनें हमारे डाटा को हैक कर हमें परेशान भी कर सकती है। इन मशीनों को हैक करके इनका दुरुपयोग भी किया जा सकता है।

Artificial Intelligence in Hindi

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  • निबंध ( Hindi Essay)

artificial intelligence in education essay in hindi

Essay On Artificial Intelligence In Hindi

                      आज के इंटरनेट के जमाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (essay on artificial intelligence in hindi) बहुत ही तेजी से काम कर रहा है| आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब होता है कृत्रिम बुद्धि इंटेलिजेंस जो इंसानों द्वारा बनाया गया है| मशीनों को बेहतर बनाने के सोचने व समझने की क्षमता को बढ़ाना ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाता है।

                      आज के इंटरनेट के जमाने में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस बहुत ही तेज़ी से काम कर रहा है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब होता है, कृत्रिम बुद्धि या एक ऐसा इंटेलिजेंस जो इंसानों द्वारा बनाया गया है और इस इंटेलीजेंस का इस्तेमाल व्यक्ति मशीन को बेहतर बनाने के लिए करते है। एक इंजीनियर के लिए मशीन में सोचना एक बहुत ही उन्नत रूप माना जाता है।, इसमें एक ऐसा दिमाग बनाया जाता है जिसमें कम्प्यूटर सोच समझ कर इंसानों के तरह परिणाम निकाल सके। मशीनों की सोच आपको बिल्कुल इंसानों के सोच से मिलती जुलती मिलेगी। आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल देश और विदेश दोनों को विकाश की ओर ले जा रहा है। नई नई तकनीकों में से एक ये आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस बहुत ही अच्छा साबित रहा है, ये प्रोग्राम से हर व्यक्ति बहुत खुश है। ये आपके जीवन यापन को और भी आसान बनाता जा रहा है।

Table of Contents

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत (Introduction Of Artificial Intelligence in Hindi)

कृत्रिम बुद्धि की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी| लेकिन इसको पहचान और महत्व 1970 में मिली। आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन में कार्तिक के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है जो कि कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान अभियांत्रिकी को बनाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब है बनावटी तरीकों से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। इसके जरिए कंप्यूटर सिस्टम प्रोबोट सिस्टम तैयार किया जाता है। आपकी किसी भी तर्कों का उत्तर या मानव मस्तिष्क के तरह देता है। ब्रिटेन में इसके लिए एल्वी नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया। फिर यूरोपी संग के देशों ने भी अस्प्रित नाम से कार्यक्रम की शुरुआत की ।

                  कृत्रिम बुद्धि के क्षेत्र में पहली सफलता तब मिली जब 1957 में नेवल और साइमन द्वारा एक जनरल प्रोबलम सॉल्वर (जीपीएस) नामक नोबेल प्रोग्राम बनाया गया। इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाले बहुत सारे तकनीको का विकास किया, इसी प्रकार आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस को और बेहतर बनाते बनाते वर्तमान में इसकी मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है (How Does Artificial Intelligence Work In Hindi)

                    आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस प्राकृतिक मनुष्य बुद्धि के जैसे ही मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धि है। कंप्यूटर विज्ञान के सर्वप्रिय कार्यक्रम में से एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी है, जो अपने पर्यावरण को देखकर तर्कों को देखकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करता है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (essay on artificial intelligence in hindi) का प्रोग्राम बनाने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एंड मशीन लर्निंग इन सब चीजों को सीखना पड़ेगा जिस से बेहतर और सुरक्षित आर्टिफिशियल प्रोग्राम बना पाएंगे। कोई व्यक्ति अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फील्ड में काम करना चाहता है तो उसे प्रोग्राम लैंग्वेज का नॉलैज होना जरुरी है। प्रोग्राम लैंग्वेज का इस्तेमाल सबसे ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ही होता है अगर आप प्रोग्राम लैंग्वेज सीख जाते हैं तो तो आप एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बना सकते हैं।

                           आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हम बहुत सारे दूसरे क्षेत्रों में भी कर सकते हैं जैसे कि यदि हमें कोई प्रश्न पूछना है और हमें उसका उत्तर नहीं पता तो हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उसका उत्तर बहुत ही आसानी से जान सकते हैं। अगर हमें कहीं जाना है और वहां का जगह का लोकेशन नहीं पता तो हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मदद से चुटकियों में वहां का लोकेशन पता कर अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के मदद से हम किसी भी प्रकार के प्रश्न का उत्तर जान सकते हैं चाहे वह गणित से जुड़े हो या विज्ञान से जुड़े हो या सामाजिक विज्ञान से जुड़े हैं। हमारे सभी प्रश्नों के उत्तर या हमें वीडियो एवं ऑडियो द्वारा बताता है। वर्तमान काल में सबसे ज्यादा फलदाई सिस्टम एप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा ही चलाया जा रहा है। इसकी कार्य क्षमता बहुत ही तीव्र गति से कार्य करती है जिस कारण हमें कठिन से कठिन प्रश्न का उत्तर चंद मिनटों में मिल जाता है इसी कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग दिन पर दिन भारत व अन्य देशों में बढ़ता जा रहा है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कि पहुंच भविष्य में (Future Of Artificial Intelligence In Hindi)

आज के प्रगतिशील वर्तमान में जहां हर चीज इतनी तेजी से विकसित हो रही है वही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (essay on artificial intelligence in hindi) की पकड़ दिन पर दिन एक देश से दूसरे देश उसी गति से बढ़ती जा रही है। आज के समय में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बना ली है, यदि आज के समय को देखकर भविष्य की बात की जाए तो कुछ ही सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने स्तर को उस ऊंचाई तक ले जाएगा जहां किसी अन्य को सिस्टम का पहुंच पाना नामुमकिन सा होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है जिस कारण हर एक चीज के लिए लोग उसकी मदद लेने लग गए हैं और उसकी मदद से अपने सारे कार्यों को सफल करते जा रहे हैं इसी कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दिन प्रतिदिन और ज्यादा तेजी से विकसित होता जा रहा है। वर्तमान में ही इसने अमेरिका यूरोप ईस्ट वेस्ट सभी देशों वह सभी कॉन्टिनेंट्स मैं अपनी पहुंच बना ली है और अपने उपयोग का एक साधन भी खोज लिया है|

आजकल लोग छोटी सी छोटी चीज के लिए भी डिजिटल तरीकों का सहायता लेने लगे हैं और हर डिजिटल तकनीक के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का होना बहुत जरूरी है। इसकी मांग बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है। वर्तमान में इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भविष्य में यह एक अलग स्तर पर पहुंच जाएगा। इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है आधारित युवकों में इसकी क्रेज बहुत ज्यादा है चाहे छोटा बच्चा हो युवक हो या फिर वृत्त ही क्यों ना हो वह सब अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गुलाम बन चुके हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व (Importance Of Artificial Intelligence In Hindi)

                          हर एक प्रगतिशील देश के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक अलग ही महत्व बन चुका है किसी भी क्षेत्र के बढ़ते हुए पहलू को आगे बढ़ाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहयोग रहा है। आधारित भारत के हर एक युवा पीढ़ी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर के एक अलग ही महत्वपूर्ण बन चुकी है। जहां हम देखते हैं आज के समय में हर तरफ हर कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (essay on artificial intelligence in hindi) के मदद से अपने कार्यों को सक्षम व सफल बनाने की होड़ में लगा हुआ है।

जैसे कि यदि किसी को किसी प्रश्न का उत्तर चाहिए हो तो वह अपने पुस्तक को ना देख कर के सबसे पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेता है और उसकी मदद से वह उचित उत्तर पाने में सफल होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युवा पीढ़ी के लिए उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है जितना किसी भी ठप ववसाय को चालू करने के लिए हो जाता है।

                         अविस्मरणीय आध्यात्मिकता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का होना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। आजकल हर कोई अपनी छोटी-छोटी जागरूकता के हिसाब से अपने उन कार्य क्षमता को बढ़ावा व सफल बनाने में पूर्ण सहयोग दे रहा है जिससे वे अपने कार्य को कम से कम वह ज्यादा से ज्यादा स्पष्ट और उचित बना सकें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उनकी महत्वता को आगे बढ़ाते हुए युवाओं में अपने सर को ऊंचा कर रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की खामिया (Flaws Of Artificial Intelligence In Hindi)

                   आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग जितना ज्यादा महत्वपूर्ण है उसका बचाव भी उतना ही ज्यादा जरूरी हो जाता है। जिस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानवों के द्वारा अपने सोचने व समझने की क्षमता को बढ़ाता जा रहा है आगे के समय में हो सकता है वह अपने सारे निर्णय खुद ले और मनुष्य के हर निर्णय में हस्ताक्षेप करें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मनुष्य के लिए एक वरदान है परंतु किसी भी चीज का उपयोग हद से ज्यादा विनाशकारी होता है।

वर्तमान में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपना स्तर इतना ऊंचा कर चुकी है कि उसके उपयोग के बिना किसी का कोई भी काम नहीं हो पा रहा है क्या पता आगे के समय में यही मनुष्य को अपना गुलाम बना ले। बढ़ती आबादी व बढ़ता उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपने क्षेत्र में उच्च स्तर पर पहुंचा चुका है जहां बिना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के मनुष्य कभी नहीं पहुंच सकता| माना जा रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग इतना ज्यादा विनाशकारी हो सकता है कि वह मनुष्य से विद्रोह में अपनी गतिविधियां दिखाना शुरू कर दे।

                                        आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा सिस्टम ऐप है जो अपने खुद के अंदर सोचने और समझने की क्षमता रखता है। वैज्ञानिकों द्वारा वर्तमान में इसके कृषि क्षेत्र औषधि क्षेत्र व चिकित्सा क्षेत्र में बदलाव आने के बहुत सारे संकेत लिखे गए हैं परंतु इसके लाभ की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने उपयोग के लिए ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट की मांग करता है जिस कारण डाटा हैकिंग व डिटेल हैकिंग की समस्याएं हो सकती है।

अधिक से अधिक इंटरनेट के लिए 5G का विकास करना जरूरी होता जा रहा है। 5G के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधों को काटने की आवश्यकता पड़ सकती है| 5G के और भी बहुत सारे खतरनाक असर देखे जा सकते हैं जैसे पक्षियों का विलुप्त होना, मनुष्य के मस्तिष्क पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। इन्हीं सब दुष्परिणामों के कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खतरनाक व विनाशकारी साबित हो सकता है।

वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उदाहरण (Present Examples Of Artificial Intelligence In Hindi)

                    वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई सारे उदाहरण देखे जा रहे हैं जैसे कि गूगल असिस्टेंट, गूगल ड्राइव, गूगल मैप, एलेक्सा, सीरी और रोबोट सोफिया आदि है। इसकी मदद से व्यक्ति अपने हर कठिन काम को आसानी से सफल बना सकता है। इन सबके अपने अपने निम्न लिखित कार्य है –

क. गूगल असिस्टेंट : गूगल असिस्टेंट एक ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है जो आपके प्रश्नों का उत्तर माइक के सिस्टम मैं बोल कि वह सुन कर देती है। गूगल असिस्टेंट से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर ऐप से जानकारी ढूंढ कर उसे स्पष्ट रूप में जमा कर हमें देती है। इसके उपयोग से व्यक्ति उस ऐप के अंदर गए बिना ही बाहर से ही अपने अज्ञात प्रश्नों के उत्तर पा लेता है।

ख. गूगल ड्राइव : गूगल ड्राइव एक ऐसा गूगल असिस्टेंट है जो लिखित कार्यों के लिए उपयोग में आता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा सेट किया गया एक सिस्टम है जिसमें व्यक्ति बिना कुछ टाइप किए माइक के बटन को दबाकर अपने सभी प्रश्नों व क्रियाओं को लिख सकता है जैसे कि यदि हमें किसी शब्द को लिखना हो तो हम बिना बटन का उपयोग किए बिना माइक के ऑप्शन में जाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण को पूर्ण तरीके से देख सकते हैं।

ग. गूगल मैप: गूगल मैप एक ऐसा ऐप सिस्टम है जिसमें व्यक्ति किसी भी लोकेशन को आसानी से खोजकर उसके सटीक रास्तों से होकर अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। गूगल मैप के मदद से व्यक्ति किसी भी जगह वह व्यक्ति का पता लगा सकता है।

घ. एलेक्सा: एलेक्सा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा बनाया गया एक ऐसा मशीन है जिसमें व्यक्ति कुछ भी बोल कर उसका जवाब पा सकता है इसमें व्यक्ति गाने ऑडियो व न्यूज़ रिपोर्टिंग आदि भी सुन सकता है एलेक्सा की मदद से व्यक्ति घर के किसी भी कोने में बैठ कर उसका उपयोग कर सकता है।

ड. सीरी: सीरी आर्टिफिशियल असिस्टेंट निर्मित एक ऐसा ऐप है जो कि केवल एप्पल के प्रोडक्ट्स में ही उपलब्ध होता है यह भी बिल्कुल गूगल असिस्टेंट की तरह काम करता है सीरी में पूछे गए सारे सवालों के उत्तर गूगल द्वारा खोज कर बताए जाते है।

च. रोबोट सोफिया: रोबोट सोफिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (essay on artificial intelligence in hindi) द्वारा बनाई गई इंसान जैसे दिखने बात करने और कार्य करने वाली एक रोबोट है। जोकि इंसानों के जैसे सोच समझ कर बात करती है। यह भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या बहुत अच्छा उदाहरण है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस घातक परिणाम देखते हुए निष्कर्ष को भलीभांति समझ सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (essay on artificial intelligence in hindi) के अधिक उपयोग से हमारे आने वाले भविष्य में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। बुद्धिमान व्यक्ति के लिए इसका कम से कम उपयोग ज्यादा बेहतर होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र के कार्य के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होगी इसलिए हमें इस को ज्यादा महत्व ना देते हुए केवल कठिन कार्य में उपयोग करना चाहिए।

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Artificial Intelligence (AI): History, Types & Quotes In Hindi

Artificial Intelligence in hindi

AI Types Based On Functionality

Ai in creative arts.

हम आजकल हर जगह AI – Artificial Intelligence के बारे में सुन रहे है। हर एक समाचार में, हर बातचीत में ai का ही नाम सुनने में आ रहा है। इसका बहुत ज्यादा उपयोग हो रहा है, इसकी वजह से हमारा काम आसान होता जा रहा है। World Economic Forum के हिसाब से “ 2025 तक 85 Billions job को ai replace कर देगा ” इसका मतलब बहुत से उद्यमी या CEO’s अपने सभी कामगारों को निकालकर उनकी जगह आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करेंगे। 

इतना बड़ा बदलाव इसकी वजह से आ रहा है और आने वाला है तो कम से कम हमे यह तो पता हो कि, आखिर artificial intelligence क्या है? What is artificial intelligence? एक intelligence computer program होता है जिसे हम इंसानों की तरह सोचने के लिए प्रशिक्षित करते है उसे artificial intelligence कहा जाता है। जिसे हम उपलब्ध जानकारी का डाटा देकर उसकी चीजों को जानने के क्षमता, बुद्धिमता बढ़ाते है, जिससे वह इंसान की तरह सोचने लगता है। 

जिसको हम बताते है कि, क्या गलतियां नही करनी है और क्या करने से सही रिजल्ट आएगा। जिसे हम computer की भाषा में positive और negative कहते है। जिसकी वजह हम इसे artificial intelligence कहते है। क्योंकि यह जो intelligence है यह वह बुद्धिमता है जो सही और गलत के बारे में जान सकती है। human behaviour (इंसान के व्यवहार) की तरह act कर सकती है। 

आसान शब्दों में कहें तो ‘artificial’ मतलब जो इंसान द्वारा बनाया गया हो और ‘intelligence’ मतलब बुद्धिमता जो सोच सके, सीख सके, और निर्णय ले सकती हो। ऐसी इंसान ने बनाई हुई बुद्धिमता जो खुद से सोच सकती है और निर्णय ले सकती है उसे Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) कहा जाता है। artificial intelligence को हम Machine Intelligence भी कह सकते है।

“Artificial Intelligence: Machines That Think, Learn, and Adapt.”

History of Artificial Intelligence (AI) In Hindi 

हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या होती है इसके बारे में जाना तो अब हम AI के इतिहास के बारे में जानेंगे कि वह किस तरह से बनाया गया उसकी यात्रा कहा से शुरू हुई और किस तरह से तैयार होते होते आजतक पहुंचा। जब हम किसी चीज का इतिहास जानते हैं तो हमें उसकी गहराई और उसका महत्व, मूल्य समझ में आता है। तो चलिए कम से कम शब्दों में जानते है history of artificial intelligence in hindi 

Types of Artificial Intelligence (AI) In Hindi 

Artificial intelligence के प्रकारों को हम दो तरीकों से विभाजित करते है। पहले ai की क्षमताओं (ability) के अनुसार और दूसरा ai के कार्यों (function) के अनुसार ताकि हम ai को बेहतर तरीके से समझ सके। 

AI Types Based On Ability

1.. weak ai or narrow ai.

Weak AI जिसे Narrow AI भी कहा जाता है। इस प्रकार के ai में बहुत कम काबिलियत होती है किसी भी कार्यों को करने कि। मतलब इस तरह के ai सिर्फ एक निश्चित कार्य ही कर सकते है। एक समय में एक कार्य करते वक्त वह दूसरा काम करने में असक्षम होते है। यह ai सिर्फ एक ही क्षेत्र में काम करने के योग्य और मर्यादित होते है। यह अपने मर्यादा से बाहर जाकर कोई भी कार्य करने में असफल रहते है। 

इसके इसी कमतरता को देखते हुए इसे narrow ai या weak ai कहते है। इसीलिए इसे सिर्फ एक निश्चित कार्य के लिए ही प्रशिक्षित किया जाता है। 

उदाहरण: Apple Siriis, Google Translator, self-driving car 

2. General AI

General AI यह दूसरे प्रकार का ai है जो की किसी भी intellectual (बौद्धिक) कार्य को बहुत ही सक्षम तरीके से पूरा करने में माहिर होता है। जैसे इंसान किसी भी कार्य को अच्छे तरीके से सोच समझकर उसके पास उपलब्ध जानकारी का इस्तेमाल करके उसे पूरा करता है। वैसे ही यह ai किसी भी कार्य करते वक्त सभी उपलब्ध जानकारी का इस्तेमाल करके उस कार्य के बारे में सोच सकता है, उसे समझ सकता है और एक सही निर्णय लेकर उसे पूरा कर सकता है। 

उदाहरण: अभी इस वक्त तो ऐसा ai नहीं है लेकिन बहुत से संशोधक (researcher) इसके ऊपर काम कर रहे है। 

3. Super AI

तीसरे प्रकार का Ai जो बहुत ज्यादा advance होता है उसे Super AI कहते है।. इस तरह के super ai इतने ज्यादा तेज होते है कि, यह इंसानों की क्षमताओं से आगे जाकर काम कर सकते है इसीलिए इसे Strong AI भी कहा जाता है। यह ai इंसानों से भी कहीं अधिक बेहतर और बढ़िया काम कर सकते है, जिसे इंसानों को करने में कहीं अधिक मेहनत और वक्त लग सकता है और हो सकता है की फिर भी इंसान उस तरीके का बेहतर काम करने में असफल रहे। यह super ai भी अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन इस तरह के ai को general ai बनाने के बाद ही बनाना होगा। 

यह strong ai खुद से ही सोच सकते है, किसी भी चीज को समझ सकते है और और किसी को चीज को सटीक कारण (reason) देकर समझा सकते है। अपना नजरिया बता सकते है। यह नई चीजें खुद से ही सिख सकते है, कोई plan (योजना) बना कर अमल भी कर सकते है। 

हम फिलहाल तो narrow ai को ही बना सके है जो की one task (एक ही तरह का काम करने वाले) ही कर सकते है। लेकिन अब हम general ai की तरफ बढ़ रहे है उसके ऊपर काम कर रहे है जो की इंसान की तरह काम कर सकता है। जब यह बन जाएगा तो हम super ai की तरफ जायेंगे जो की इंसान की सोच से भी परे जाकर सोच सकता है।

1. Reactive Machines

Reactive Machines – यह जो ai की machines / robots (उपकरण/ रोबोट) 🤖 होते है यह सिर्फ एक काम जो इन्हें दिया जाता है और इनके अंदर program में डाल दिया जाता है यह सिर्फ वही काम करने में सक्षम होते है। इनमें कोई भी जानकारी (information) को इकट्ठा या रखा नही जाता। मतलब कोई भी पिछला past (भूतकाल) का डाटा (जानकारी) देकर इससे कोई भविष्य के actions (कार्यों) को करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाता। reactive ai बहुत ही आसान कार्यों को करने के लिए ही बनाया जाता है। 

उदाहरण : IBM’s Deep Blue System और Google’s AlphaGo यह reactive machines के बढ़िया उदाहरण है। 

2. Limited memory

Limited memory – यह जो ai की मशीन या रोबोट्स होते है वह reactive machines से थोड़ा ज्यादा बढ़िया perform करते है। limited memory ai के अंदर हम डाटा को भी इकट्ठा करते है, कुछ जानकारी डालते भी है और यह past experience (भूतकाल के अनुभवों या घटनाओं) को भी इकट्ठा कर सकती है लेकिन सिर्फ short time (छोटे कलावधि तक) के लिए। मतलब इसका डाटा सिर्फ कुछ ही समय के लिए ही इकट्ठा होता है और उसी को वह इस्तेमाल करता है इसीलिए इसे limited memory कहते है।  

उदाहरण: Self -Driving Cars यह एक बेहतर उदाहरण है limited memory को समझने के लिए।

3. Theory of mind

Theory of mind – यह मशीनें या रोबोट्स थोड़े advance (अग्रिम) होते है। यह theory of mind की मशीन इंसानों की सोच सकते है और साथ ही इंसानों के emotions या feelings (भावनाओं) को भी अच्छे तरीके से समझ सकते है। इंसानों के विचारों को, उनके behaviour (व्यवहार) को भी समझ सकते है और उनके साथ उसी प्रकार बात कर सकते है। इसका मतलब है कि, अगर हम दुःखी है तो यह हमे हौंसला देने वाली बाते करेगा, अगर हम किसी निर्णय लेने में अस्पष्ट है तो यह हमें हमारी परिस्थिति को देखकर कोई समाधान खोजने में मदत करेगा एक इंसान की तरह। इसीलिए इस तरह के ai को theory of mind कहा जाता है। 

उदाहरण: theory of mind के ai को अभी तक नहीं बनाया गया है लेकिन अभी इसपर काम चल रहा है। 

4. Self awareness

Self awareness एक तरह से कहे तो यह Super Ai का ही concept (अवधारणा) है। Self awareness यह ऐसे ai होते है जो अपने आप खुदको विकसित कर सकते है। किसी भी परिस्थिति में खुदको ढाल या बदल सकते है। यह इतने शक्तिशाली होते हैं कि, इसकी खुद की भावनाएं होती है, खुदके विचार, अवधारणाएं और self-awareness (आत्म जागरूकता) होती है। यह खुद से किसी नई चीज या मशीन को बना भी सकते है। यह self awareness के ai इंसानों से कहीं अधिक होशियार और बुद्धिमान होते है इसीलिए यह इंसानों से भी परे सोच सकते है और कुछ नया invent (शोध) कर सकते है। 

उदाहरण: self awareness के ai भी अभी के वक्त मौजुद नहीं है। यह अभी सिर्फ एक तरह की hypothetical concept (काल्पनिक अवधारणा) ही है।

Branches Of Artificial Intelligence In Hindi 

Artificial intelligence (AI) यह एक बहुत बड़ा विषय है, बहुत बड़ा एक क्षेत्र है जो मशीनों को इंसानों की तरह बुद्धिमत्ता प्रदान करने का उद्देश रखता है। Ai जो की जानकारी द्वारा प्रशिक्षित होता है, नए जानकारी को सीखते रहने के लिए अनुकूल बनता है और इंसानों की तरह निर्णय ले सकता है। एक बेहतरीन ai बनाने के लिए कहीं सारी तकनीकी का समावेश किया जाता है जैसे कि, machine learning (मशीन लर्निंग), deep learning (डीप लर्निंग), natural language processing (नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग) computer vision (कंप्यूटर विजन), और robotics (रोबोटिक्स)

Machine Learning

Machine Learning यह एक Artificial intelligence का छोटा सा हिस्सा है जिसका उद्देश संगणक के algorithms (एल्गोरिदम्स) को बनना होता है जो संगणक को उपलब्ध जानकारी से सीखाने में मदद करता है। machine learning भूतकाल के अनुभवों से खुदको प्रशिक्षित करता है और उसके अनुसार निर्णय लेता है। जितना ज्यादा मशीन को डाटा या जानकारी देकर हम प्रशिक्षीत करते है वे उतना ही बेहतर तरीके से काम करते है। 

Machine learning में तीन तरह के algorithms होते है :– 1. Supervised Learning (सुपरवाइज्ड लर्निंग),  2. Unsupervised Learning (अनसुपरवाइज्ड लर्निंग) और 3. Reinforcement Learning (रीइनफोर्समेंट लर्निंग). इन्ही algorithms की मदत से हम हमारे उपकरण या संगणक को डाटा से प्रशिक्षित करते है।

Neural Networks / Deep Learning

Neural Networks (न्यूरल नेटवर्क्स) जिसे हम Artificial Neural Networks (ANNs) या Simulated Neural Networks (SNNs) भी कहते है। हमें इसके नाम से ही पता चल रहा है की हमें deep यानी in detail (विवरण) में learning (प्रशिक्षण) करना है ताकि AI एक इंसान की तरह जानकारी को समझ सके। Deep learning यह एक हिस्सा है मशीन learning का। 

जैसे इंसान के दिमाग में बहुत से neurons होते है और उन्ही के वजह से हम सीखने और निर्णय लेने में सक्षम होते है। उसी तरह deep learning में भी यह neurons होते है जो उसे इंसानों की तरह विस्तार से सीखने और सही निर्णय लेने में सहाय्यक होता है इसीलिए इसे neural networks भी कहा जाता है।

Natural Language Processing 

Natural Language Processing (NLP) यह एक प्रोग्राम होता है जो मशीन या संगणकों को इंसानों द्वारा दी गई जानकारी या भाषा को समझने और उसके हिसाब से जवाब देने की क्षमता प्रदान करता है। NLP भी एक Artificial Intelligence की शाखा है जो सभी तरह के inputs और outputs को अनुवादित करने का काम करता है ताकि एक सुलभ communication (संचार) हो सके।  

जैसे जब कोई बात करता है तो तब हम पहले उसकी बातों को, उसके शब्दों को सुनते है फिर उसका हमारे दिमाग में अनुवाद करते है फिर उसे समझते है और उसके बाद ही हम जवाब देते है। तो इसी तरह से जब हम संगणक से लिखकर, बोलकर या किसी भी तरह जब input (निवेश) देते है तब कंप्यूटर उस जानकारी को अपनी भाषा में अनुवाद करता है फिर उसे समझता है और जवाब देता है। तो इसी अनुवाद को Natural Language Processing (NLP) द्वारा किया जाता है। 

Computer Visions 

Computer vision यह AI का वह क्षेत्र है जो किसी भी AI उपकरण के लिए आंखों का काम करती है। कंप्यूटर को images (छवियों) और Videos (वीडियो) में वस्तुओं और लोगों को पहचानने और समझने में सक्षम बनाती है। आसान भाषा में समझे तो, अगर कोई छवि या फिर वीडियो का इनपुट ai को दिया जाए तो उसे देखने और उसके बारे में समझने के लिए या फिर जो भी आसपास की चीजें है उसे देखकर समझने के लिए computer vision का इस्तेमाल किया जाता है। 

जैसे की हमारे फोन में जो face lock होता है जो हमारे आंखों को scan करके फोन on या off करता है वह भी एक computer vision का ही उदाहरण है। और जब हम camera से photo खींच रहे होते है तो तब हमारे फोन में हमारे face को पहचानकर अपने आप Square (चौकोन) आकार का बॉक्स दिखाता है वह भी एक तरह का computer vision है।

Robotics यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की एक शाखा है जो रोबोट के Design (रचना), निर्माण, संचालन और अनुप्रयोग से संबंधित कार्य करती है। रोबोट वह मशीन्स होती है जो स्वयं से कार्य करने में सक्षम होती है। उसे पहले से प्रोग्राम किए गए या वास्तविक समय पर संवेदनशील इनपुट्स की प्रतिक्रिया लेकर स्वचालित रूप से कार्य करने के लिए बनाया जाता है।

Ai से जोड़कर बनाए गए रोबोट्स पहले से ही बहुत जगह पर इस्तेमाल किए जा रहे है। जैसे की बहुत से उत्पादन कंपनियां अपना बार बार दोहराने वाला कार्य जैसे समान को एक जगह से किसी दूसरी जगह पर रखना या assembly line का कार्य। और कुछ उपभोक्ता ऐसे रोबोट्स घर काम करने के लिए जैसे खाना पकाना, साफसफाई करना ऐसे कामों के लिए इस्तेमाल कर रहे है।

Applications of Artificial Intelligence In Hindi:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसान की क्षमताओं को अगले स्तर तक बढ़ाने में मदत कर सकता है। वैसे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बहुत सारे फायदे हैं और उसे हम खुद के लिए अभी इस्तेमाल भी कर रहे हैं। लेकिन ऐसी बहुत सी चीजें है जो अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में आनी बाकी है। जिसके आने के बाद हमारा जीने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। तो जानते है कुछ फायदों के बारे में :

AI In Daily Life

हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदों को आसान शब्दों में समझे तो, हमारे हर दिन के काम होते हैं जैसे घर में पोछा लगाना, बर्तन साफ करना, खाना बनाना, आदि यह काम भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करने में सक्षम होगा। वह साफसफाई के काम के साथ, सुरक्षा करने का काम, सलाह देने का काम, समान का लेनदेन का काम, आदि, बहुत से काम करने में सक्षम होगा। 

AI In Business 

अगर हम व्यवसाय या नौकरी के क्षेत्र में artificial intelligence को देखे तो, वहां भी इसके बहुत सारे फायदे है। जैसे की पहले हम amazon के m-commerce पर कुछ खरीदते थे तो उसी हिसाब से हमारे चुनाव को देखते हुए वह हमें हर बार प्रोडक्ट दिखता था, लेकिन अब ऐसा होगा की हम अमेजॉन के AI के साथ बात कर सकेंगे और उसे हम जो सोच रहे है उस उत्पाद के बारे में बताएंगे, तो वह हमे वही उत्पाद लाके देगा। इससे amazon की बिक्री दुगनी तेजी से बढ़ जाएगी। व्यवसाय के कामकाज में कोई संदेश भेजने का, या फिर किसी से बात करने का, market research   करने का, कुछ market strategy बनाने का काम यह सभी चीजें भी Artificial intelligence कर पाएगा। 

AI In Education 

Ai कही सारे क्षेत्रों को बदलने वाला है। education में तो अभी के वक्त बहुत इस्तेमाल हो ही रहा है जैसे की अब कोई भी विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बार करके अपनी समस्या का हल पा सकता है। अगर उसे किसी विषय में समस्या (doubt) है या उसे कोई चीज पढ़ाई के वक्त समझ नहीं आई तो वह artificial intelligence से बात करके समझ सकता है। ai उसे आसान शब्दों में समझा ने में मदत कर सकता है। student को कोई exam की तैयारी करनी हो तो ai उसे practice paper बनाकर भी दे सकता है। उसकी progress (प्रगति) को track कर सकता है। उसे motivate कर सकता है।

AI In Healthcare

Medical और healthcare के क्षेत्र तो इसकी वजह से बहुत जादा प्रभावित होगा। अब बहुत सी treatment घर से करनी संभव होगी। जैसे की हम हमारी blood report, और बाकी सभी रिपोर्ट्स artificial intelligence के मॉडल में डालकर हम अपनी बीमारी के बारे में उसके साथ बातचीत कर पाएंगे। वह हमारी heartbeats को सुनकर, आंखों को scan करके हमारी health बता पायेगा। और इससे भी बड़ी बात यह की, AI इंसान की बड़ी से बड़ी surgery भी कर पाएगा जो की सिर्फ एक पेशेवर doctor ही कर सकता है। बहुत सी बीमारी के संशोधन में ai का इस्तेमाल किया जाता है और आने वाले समय में तो बहुत ज्यादा उपयोग किया जाएगा।

AI In Transportation

बहुत से लोग यह कहेंगे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस transportation के क्षेत्र में उतना ज्यादा कारगर नहीं होगा। उसका उतना कोई उपयोग नहीं होगा। लेकिन ऐसा नहीं है, हाल ही में समाचार आया था कि अमेजॉन ने ड्रोन (drone) से डिलीवरी करना शुरू कर दिया है। तो amazon उसे ai की मदत से सही जगह तक, सही पते पर और सही ग्राहक के पास पहुंचा सकता है। transportation में समान का उतार – चढ़ करने में बहुत लोगों की जरूरत पढ़ती है वह भी ai robots कर सकते है। उसके साथ हीं अभी ai cars आ रही है जो बीना driver के अपने आप चल सकती है। तो transport में driver की नौकरी भी ai कर सकता है।

AI In Security & Defense

हर साल दुश्मन देश से युद्ध करते वक्त बहुत सारे जवान शहीद हो जाते हैं। तो हम artificial intelligence की मदद से robot बना सकते हैं जो की किसी जवान की तरह हमारे देश के सीमाओं पर तैनात रहेगा। वह जवान की तरह हर एक चीज में पारंगत होगा। इससे जीवित हानी बहुत कम होगी। और security के क्षेत्र में देखे तो आज के वक्त बहुत सी धोखाधड़ी चल रही है जो ai की मदत से हम बहुत कम कर सकते है। उसकी मदत से हम जान सकते है की सामने वाला असली है या froud है। ai को blockchain में जोड़कर हम सबसे सुरक्षित पैसे का लेनदेन भी कर सकते है। 

Creative arts इसके बारे में तो आपको पता ही होगा, कि हम किस तरह से कुछ ही शब्दों को बताकर उससे एक बेहतरीन असली तस्वीर या वीडियो बना सकते है। अगर आपको पता नही है तो आप, Midjourney, Dall-e, आदि वेबसाईट पर जाकर अपने पसंद की तस्वीर बना कर देख सकते है कि, वह ai किस तरह से काम कर रहा है। हम वहा से अपने लिए logos, wallart, decoration आदि बना सकते है। इसका मतलब यह है कि, जो हम market में जाकर किसी पेशेवर artist से बनाकर लाते थे, वह अब हम घर से सिर्फ कुछ शब्दों को डालकर बना सकते है।

Advantages of AI In Hindi (AI Ke Fayde) :

Disadvantages of ai in hindi (ai ke nuksan) :, future of ai in hindi .

AI का भविष्य कैसा होगा? हम यह जानते हैं कि किसी भी चीज के दो पहलू होते हैं इसीलिए हम यह दावे के साथ नहीं कर सकते कि आखिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भविष्य किस तरह से होगा। अब इस वक्त जो AI हम इस्तेमाल कर रहे हैं, वह तो बहुत ही शुरुवाती और बुनियादी है इसीलिए यह हमें बहुत ही सकारात्मक तरीके से दिखाई दे रहा है। लेकिन जो चीज सकारात्मक दिखती हो वह सकारात्मक ही बनी रहे ऐसा नहीं है। Ai का हम जितना सकारात्मक उपयोग कर सकते हैं उससे कहीं ज्यादा गुना खतरनाक तरीके से नकारात्मक उपयोग करा जा सकता है। 

AI के क्षेत्र के जो experts है उनमें से बहुत से लोग यह मानते है कि, ai एक बढ़िया भविष्य बन सकता है लेकिन उन में से कही यह भी मानते है कि, यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। जो इंसानियत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। कुछ ai के expert इतने डर गए है उसके भविष्य को लेकर कि, उन्होंने ai की रिसर्च को कुछ महीनों के लिए रोकने के लिए कहा है। 

यह दोनों तरफ को देखते हुए हमें किसी एक पक्ष की तरफ से अंदाज लगाना बहुत ही मुश्किल होगा कि, आखिर ai का भविष्य क्या होगा। जितने लोग ai का SWOT analysis करके इसका इस्तेमाल सकारात्मक रूप से करने में लगे है उतने ही उसका नकारात्मक रूप से उपयोग करने का सोच रहे है जैसे हालही में एक froud (धोखाधड़ी) सामने आई, जिसमें ai की मदत से किसी को भी कॉल लगाकर उसके संबंधी की आवाज में पैसे मांग रहे थे। इसीलिए हम किसी भी एक पैलु पर नहीं रह सकते। हम सिर्फ इतनी आशा कर सकते है कि, जो होगा अच्छा होगा!

Quotes On AI In Hindi

“संगणक AI की मदत से अगले 100 सालों के अंदर इंसानों को पीछे छोड़ देंगे. जब वह होगा, हमें यह निश्चित करना होगा कि उन संगणकों का उद्देश हमारे उद्देश से जुड़ा हो।” (Translated) ~ Stephen Hawking 

“आग, बिजली और इंटरनेट की तुलना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का मानवता पर अधिक गहरा प्रभाव पड़ेगा।” (Translated) ~ Sunder Pichai

“AI हमारे प्रत्येक उत्पाद और प्रत्येक सेवा को प्रभावित करेगा!” (Translated) ~ Tim Cook

“AI प्रणालियाँ डॉक्टरों को बीमारियों का निदान करने और लोगों का बेहतर इलाज करने में सक्षम बनाएंगी, इसलिए उस तरह की प्रगति को रोकना संभवतः सबसे खराब निर्णयों में से एक होगा, जो आप दुनिया को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं।” (Translated) ~ Mark Zuckerberg

“AI ‘स्वर्ण युग’ में है और उन समस्याओं को हल कर रहा है जो कभी विज्ञान-कल्पना के दायरे में थीं।” (Translated) ~ Jeff Bezos

AI या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब क्या होता है?

‘artificial’ का मतलब जो इंसान द्वारा बनाया गया हो और ‘intelligence’ मतलब बुद्धिमता जो सोच सके, सीख सके, और निर्णय ले सकती हो। ऐसी इंसान ने बनाई हुई बुद्धिमता जो खुद से सोच सकती है और निर्णय ले सकती है उसे Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) या AI कहा जाता है। artificial intelligence को हम Machine Intelligence भी कह सकते है।

AI कितने प्रकार के होते हैं?

एआई के तीन प्रकार होते अगर उसकी क्षमताओं को देखते हुए कहे तो : 1. Weak AI or Narrow AI 2. General AI 3. Super AI

AI का क्या फायदा है?

AI का फायदा यह है कि यह हमें कई तरह के कामों में मदद कर सकता है। यह हमारे जीवन को आसान और अधिक कुशल बना सकता है। जिनमें शामिल हैं: कार्यों को स्वचालित करना, नई खोजों को बढ़ावा देना, जटिल समस्याओं को हल करने में मदत लेना, नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करना, आदि। AI के बहुत सारे फायदे है।

AI के पिता कौन है?

AI के पिता के रूप में आमतौर पर अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक जॉन मैकार्थी को माना जाता है। 1956 – सबसे पहले “Artificial intelligence” इस शब्द को John McCarthy ने डार्टमाउथ कॉन्फ्रेंस में अपनाया था।

क्या एआई हमारे लिए खतरा है?

AI एक शक्तिशाली तकनीक है, जिसका उपयोग अच्छे या बुरे के लिए किया जा सकता है। यह हमारे ऊपर है कि हम यह सुनिश्चित करें कि AI का उपयोग किस तरह से मानवता के हित में किया जाए और उससे फायदा उठाया जाए। अगर हम इसे बुरी तरीके से इस्तेमाल करने लगे तो यह हमारे लिए खतरा बन सकता है।

AI कैसे काम करते हैं?

AI कहीं तरीकों से काम कर सकता है। लेकिन सबसे प्रचलित तरीका मशीन लर्निंग है जिसे हम बहुत सारा डाटा या जानकारी देकर प्रशिक्षित करते हैं ताकि वह हमें उचित परिणाम दे सके।

एआई क्यों बनाया गया था?

AI को शुरुआत में सैन्य अनुप्रयोगों के लिए बनाया गया था। लेकिन जिस तरह से यह बढ़ते जा रहा था और बेहतरीन परिणाम दे रहा था। तो इसके शक्तिशाली क्षमता के कारण इसे अन्य जगहों पर भी इस्तेमाल करने जाने लगा।

भारत में AI के जनक कौन है?

“डॉ. राज रेड्डी” को भारतीय AI का जनक माना जाता है। वह एक भारतीय-अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और शिक्षक है, जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Best Quote On AI

“AI में मानवता के लिए अब तक की सबसे अच्छी या सबसे बुरी चीज़ बनने की क्षमता है।” – Elon Musk

AI एक बहुत ही शक्तिशाली तकनीकी है जो कि इंसान की तरह सोच सकती है समझ सकती है और निर्णय ले सकती है। हमने इस आर्टिकल में जाना की AI क्या है, इसके कौन-कौन से प्रकार है, इसे कहां-कहां इस्तेमाल किया जाता है, इसके फायदे और नुकसान क्या है, और हमने यह भी जाना की history of ai in hindi और  ai का भविष्य क्या हो सकता है। 

अंत में मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि, यह है को अगर हम अच्छी तरह से अच्छे काम के लिए उपयोग करें तो यह दुनिया को एक नई दिशा की ओर ले जा सकता है। नहीं तो इसके कहर से बच पाना नामुमकिन है। तो आपको यह आर्टिकल कैसा लगा आप मुझे कमेंट करके बता सकते हैं।  आप अपना आर्टिकल किस टॉपिक पर चाहते हो यह भी आप मुझे बता सकते हैं। तो मिलते हैं अगले आर्टिकल में, धन्यवाद!

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Artificial Intelligence and Its Impact on Education Essay

Introduction, ai’s impact on education, the impact of ai on teachers, the impact of ai on students, reference list.

Rooted in computer science, Artificial Intelligence (AI) is defined by the development of digital systems that can perform tasks, which are dependent on human intelligence (Rexford, 2018). Interest in the adoption of AI in the education sector started in the 1980s when researchers were exploring the possibilities of adopting robotic technologies in learning (Mikropoulos, 2018). Their mission was to help learners to study conveniently and efficiently. Today, some of the events and impact of AI on the education sector are concentrated in the fields of online learning, task automation, and personalization learning (Chen, Chen and Lin, 2020). The COVID-19 pandemic is a recent news event that has drawn attention to AI and its role in facilitating online learning among other virtual educational programs. This paper seeks to find out the possible impact of artificial intelligence on the education sector from the perspectives of teachers and learners.

Technology has transformed the education sector in unique ways and AI is no exception. As highlighted above, AI is a relatively new area of technological development, which has attracted global interest in academic and teaching circles. Increased awareness of the benefits of AI in the education sector and the integration of high-performance computing systems in administrative work have accelerated the pace of transformation in the field (Fengchun et al. , 2021). This change has affected different facets of learning to the extent that government agencies and companies are looking to replicate the same success in their respective fields (IBM, 2020). However, while the advantages of AI are widely reported in the corporate scene, few people understand its impact on the interactions between students and teachers. This research gap can be filled by understanding the impact of AI on the education sector, as a holistic ecosystem of learning.

As these gaps in education are minimized, AI is contributing to the growth of the education sector. Particularly, it has increased the number of online learning platforms using big data intelligence systems (Chen, Chen and Lin, 2020). This outcome has been achieved by exploiting opportunities in big data analysis to enhance educational outcomes (IBM, 2020). Overall, the positive contributions that AI has had to the education sector mean that it has expanded opportunities for growth and development in the education sector (Rexford, 2018). Therefore, teachers are likely to benefit from increased opportunities for learning and growth that would emerge from the adoption of AI in the education system.

The impact of AI on teachers can be estimated by examining its effects on the learning environment. Some of the positive outcomes that teachers have associated with AI adoption include increased work efficiency, expanded opportunities for career growth, and an improved rate of innovation adoption (Chen, Chen and Lin, 2020). These benefits are achievable because AI makes it possible to automate learning activities. This process gives teachers the freedom to complete supplementary tasks that support their core activities. At the same time, the freedom they enjoy may be used to enhance creativity and innovation in their teaching practice. Despite the positive outcomes of AI adoption in learning, it undermines the relevance of teachers as educators (Fengchun et al., 2021). This concern is shared among educators because the increased reliance on robotics and automation through AI adoption has created conditions for learning to occur without human input. Therefore, there is a risk that teacher participation may be replaced by machine input.

Performance Evaluation emerges as a critical area where teachers can benefit from AI adoption. This outcome is feasible because AI empowers teachers to monitor the behaviors of their learners and the differences in their scores over a specific time (Mikropoulos, 2018). This comparative analysis is achievable using advanced data management techniques in AI-backed performance appraisal systems (Fengchun et al., 2021). Researchers have used these systems to enhance adaptive group formation programs where groups of students are formed based on a balance of the strengths and weaknesses of the members (Live Tiles, 2021). The information collected using AI-backed data analysis techniques can be recalibrated to capture different types of data. For example, teachers have used AI to understand students’ learning patterns and the correlation between these configurations with the individual understanding of learning concepts (Rexford, 2018). Furthermore, advanced biometric techniques in AI have made it possible for teachers to assess their student’s learning attentiveness.

Overall, the contributions of AI to the teaching practice empower teachers to redesign their learning programs to fill the gaps identified in the performance assessments. Employing the capabilities of AI in their teaching programs has also made it possible to personalize their curriculums to empower students to learn more effectively (Live Tiles, 2021). Nonetheless, the benefits of AI to teachers could be undermined by the possibility of job losses due to the replacement of human labor with machines and robots (Gulson et al. , 2018). These fears are yet to materialize but indications suggest that AI adoption may elevate the importance of machines above those of human beings in learning.

The benefits of AI to teachers can be replicated in student learning because learners are recipients of the teaching strategies adopted by teachers. In this regard, AI has created unique benefits for different groups of learners based on the supportive role it plays in the education sector (Fengchun et al., 2021). For example, it has created conditions necessary for the use of virtual reality in learning. This development has created an opportunity for students to learn at their pace (Live Tiles, 2021). Allowing students to learn at their pace has enhanced their learning experiences because of varied learning speeds. The creation of virtual reality using AI learning has played a significant role in promoting equality in learning by adapting to different learning needs (Live Tiles, 2021). For example, it has helped students to better track their performances at home and identify areas of improvement in the process. In this regard, the adoption of AI in learning has allowed for the customization of learning styles to improve students’ attention and involvement in learning.

AI also benefits students by personalizing education activities to suit different learning styles and competencies. In this analysis, AI holds the promise to develop personalized learning at scale by customizing tools and features of learning in contemporary education systems (du Boulay, 2016). Personalized learning offers several benefits to students, including a reduction in learning time, increased levels of engagement with teachers, improved knowledge retention, and increased motivation to study (Fengchun et al., 2021). The presence of these benefits means that AI enriches students’ learning experiences. Furthermore, AI shares the promise of expanding educational opportunities for people who would have otherwise been unable to access learning opportunities. For example, disabled people are unable to access the same quality of education as ordinary students do. Today, technology has made it possible for these underserved learners to access education services.

Based on the findings highlighted above, AI has made it possible to customize education services to suit the needs of unique groups of learners. By extension, AI has made it possible for teachers to select the most appropriate teaching methods to use for these student groups (du Boulay, 2016). Teachers have reported positive outcomes of using AI to meet the needs of these underserved learners (Fengchun et al., 2021). For example, through online learning, some of them have learned to be more patient and tolerant when interacting with disabled students (Fengchun et al., 2021). AI has also made it possible to integrate the educational and curriculum development plans of disabled and mainstream students, thereby standardizing the education outcomes across the divide. Broadly, these statements indicate that the expansion of opportunities via AI adoption has increased access to education services for underserved groups of learners.

Overall, AI holds the promise to solve most educational challenges that affect the world today. UNESCO (2021) affirms this statement by saying that AI can address most problems in learning through innovation. Therefore, there is hope that the adoption of new technology would accelerate the process of streamlining the education sector. This outcome could be achieved by improving the design of AI learning programs to make them more effective in meeting student and teachers’ needs. This contribution to learning will help to maximize the positive impact and minimize the negative effects of AI on both parties.

The findings of this study demonstrate that the application of AI in education has a largely positive impact on students and teachers. The positive effects are summarized as follows: improved access to education for underserved populations improved teaching practices/instructional learning, and enhanced enthusiasm for students to stay in school. Despite the existence of these positive views, negative outcomes have also been highlighted in this paper. They include the potential for job losses, an increase in education inequalities, and the high cost of installing AI systems. These concerns are relevant to the adoption of AI in the education sector but the benefits of integration outweigh them. Therefore, there should be more support given to educational institutions that intend to adopt AI. Overall, this study demonstrates that AI is beneficial to the education sector. It will improve the quality of teaching, help students to understand knowledge quickly, and spread knowledge via the expansion of educational opportunities.

Chen, L., Chen, P. and Lin, Z. (2020) ‘Artificial intelligence in education: a review’, Institute of Electrical and Electronics Engineers Access , 8(1), pp. 75264-75278.

du Boulay, B. (2016) Artificial intelligence as an effective classroom assistant. Institute of Electrical and Electronics Engineers Intelligent Systems , 31(6), pp.76–81.

Fengchun, M. et al. (2021) AI and education: a guide for policymakers . Paris: UNESCO Publishing.

Gulson, K . et al. (2018) Education, work and Australian society in an AI world . Web.

IBM. (2020) Artificial intelligence . Web.

Live Tiles. (2021) 15 pros and 6 cons of artificial intelligence in the classroom . Web.

Mikropoulos, T. A. (2018) Research on e-Learning and ICT in education: technological, pedagogical and instructional perspectives . New York, NY: Springer.

Rexford, J. (2018) The role of education in AI (and vice versa). Web.

Seo, K. et al. (2021) The impact of artificial intelligence on learner–instructor interaction in online learning. International Journal of Educational Technology in Higher Education , 18(54), pp. 1-12.

UNESCO. (2021) Artificial intelligence in education . Web.

  • Chicago (A-D)
  • Chicago (N-B)

IvyPanda. (2023, October 1). Artificial Intelligence and Its Impact on Education. https://ivypanda.com/essays/artificial-intelligence-and-its-impact-on-education/

"Artificial Intelligence and Its Impact on Education." IvyPanda , 1 Oct. 2023, ivypanda.com/essays/artificial-intelligence-and-its-impact-on-education/.

IvyPanda . (2023) 'Artificial Intelligence and Its Impact on Education'. 1 October.

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1. IvyPanda . "Artificial Intelligence and Its Impact on Education." October 1, 2023. https://ivypanda.com/essays/artificial-intelligence-and-its-impact-on-education/.

Bibliography

IvyPanda . "Artificial Intelligence and Its Impact on Education." October 1, 2023. https://ivypanda.com/essays/artificial-intelligence-and-its-impact-on-education/.

  • The Age of Artificial Intelligence (AI)
  • The Importance of Trust in AI Adoption
  • Working With Artificial Intelligence (AI)
  • Effects of AI on the Accounting Profession
  • Artificial Intelligence and the Associated Threats
  • Artificial Intelligence in Cybersecurity
  • Leaders’ Attitude Toward AI Adoption in the UAE
  • Artificial Intelligence in “I, Robot” by Alex Proyas
  • The Aspects of the Artificial Intelligence
  • Robotics and Artificial Intelligence in Organizations
  • Machine Learning: Bias and Variance
  • Machine Learning and Regularization Techniques
  • Would Artificial Intelligence Reduce the Shortage of the Radiologists
  • Artificial Versus Human Intelligence
  • Artificial Intelligence: Application and Future
  • Speakers & Mentors
  • AI services

Artificial Intelligence in Hindi – Revolutionizing Technology and Empowering the Hindi-Speaking World

In today’s world of rapid innovation and technological advancements, there is no denying the impact of artificial intelligence (AI) on various industries. AI refers to the simulation of human intelligence in machines that are programmed to think and learn like humans. With the rise of AI, machines are now capable of learning from data, recognizing patterns, and making informed decisions.

One of the most fascinating aspects of AI is its ability to learn and adapt through machine learning. With machine learning, AI systems can analyze vast amounts of data and improve their performance over time. This has led to remarkable breakthroughs in various fields, such as healthcare, finance, and transportation. AI-powered systems are able to automate complex tasks, optimize processes, and improve overall efficiency.

India, with its rich cultural heritage and diverse population, has embraced the potential of AI with open arms. Hindi, one of the most widely spoken languages in India, has also witnessed the integration of AI technologies. From chatbots and virtual assistants to language translation tools, AI in Hindi has made communication more accessible and efficient.

As AI continues to evolve and improve, it is not difficult to imagine a future where automation and AI become an integral part of our daily lives. Whether it’s autonomous vehicles, smart homes, or personalized healthcare, AI has the potential to revolutionize the way we live and work. The possibilities are endless, and the future of technology looks promising with the advancements in artificial intelligence.

What is Artificial Intelligence?

Artificial Intelligence (AI) is a branch of computer science that focuses on the development of intelligent machines that can perform tasks that would typically require human intelligence. The term “artificial intelligence” was coined in 1956 by John McCarthy, an American computer scientist.

In Hindi, artificial intelligence is translated as “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” (Krtrim buddhimatta). AI has become one of the most talked-about topics in the field of technology and innovation. It has the potential to revolutionize various industries and sectors, including healthcare, finance, transportation, and more.

The goal of artificial intelligence is to create machines that can simulate human intelligence and perform tasks such as speech recognition, decision-making, problem-solving, and learning. AI systems can analyze vast amounts of data and make predictions or recommendations based on patterns and trends.

There are two main types of AI: narrow AI and general AI. Narrow AI, also known as weak AI, is designed to perform specific tasks and has limited capabilities. General AI, on the other hand, refers to a machine that has the ability to understand, learn, and apply knowledge across different domains, similar to human intelligence.

Machine learning is a subfield of AI that focuses on creating algorithms and models that enable computers to learn and make predictions without being explicitly programmed. It involves training a computer system with large amounts of data and allowing it to automatically improve its performance through experience.

Artificial intelligence and automation have the potential to significantly impact various aspects of society. While it offers great opportunities for efficiency and advancement, it also raises ethical concerns and challenges. As AI continues to develop and evolve, it is important to carefully consider its implications and ensure that it is used for the benefit of humanity.

In conclusion, artificial intelligence is a rapidly advancing field of technology that aims to create intelligent machines capable of performing tasks that would typically require human intelligence. It has the potential to revolutionize various industries and sectors, bringing about significant changes in the way we live and work.

The Importance of Artificial Intelligence in Hindi

Artificial Intelligence (AI) is a machine intelligence that can mimic human intelligence and perform tasks that typically require human intelligence, such as learning, problem-solving, and decision-making. AI is an innovation in the field of technology that has the potential to revolutionize various industries.

Artificial intelligence has great significance in the Hindi language as it can help in automation and improving the efficiency of various processes. With the growth of technology, AI has the potential to enhance the learning experience in Hindi, making it more interactive and personalized.

AI can play a crucial role in the education sector by providing personalized learning materials and recommendations based on individual student needs. This can help students in improving their understanding and grasping of concepts in Hindi.

Furthermore, AI can also be used to develop innovative tools and applications that can assist in translation, transcription, and interpretation of Hindi texts and audio. This can be beneficial for individuals who are not fluent in Hindi but need to communicate or understand content in the language.

AI can also be utilized in the healthcare industry to diagnose diseases and provide accurate and timely treatment suggestions. With the integration of AI, healthcare professionals in Hindi-speaking regions can enhance their capabilities and deliver quality care to patients.

In addition, AI can automate various processes in industries such as manufacturing, finance, and customer service, reducing human errors and improving efficiency. This can lead to increased productivity and cost-effectiveness in these sectors.

In conclusion, artificial intelligence has immense importance in Hindi as it can contribute to automation, innovation, and efficiency in various sectors. The integration of AI in the Hindi language can unlock new possibilities and enhance the learning experience, communication, and productivity in Hindi-speaking regions.

The Role of AI in Hindi Language Processing

With the rapid advancement of technology and the ever-increasing demand for innovation and automation, artificial intelligence (AI) has become an integral part of our lives. One of the areas where AI has made substantial progress is in language processing, and Hindi is no exception.

Language processing involves the ability of machines to understand, analyze, and generate human language, both written and spoken. AI provides the necessary tools and techniques to enable machines to perform language processing tasks with a high level of proficiency and accuracy.

Machine Intelligence in Hindi Language Processing

Artificial intelligence plays a crucial role in enhancing machine intelligence in Hindi language processing. Through AI, machines can be trained to understand the intricacies and nuances of the Hindi language, including grammar, syntax, and semantics.

AI-based models and algorithms are used to train machines on large datasets of Hindi text, helping them develop a deep understanding of the language. This enables machines to perform a wide range of language processing tasks in Hindi, such as speech recognition, machine translation, sentiment analysis, and text summarization.

The Role of AI in Hindi Language Learning

AI has also revolutionized the way we learn languages, including Hindi. Through AI-powered language learning platforms, learners can now have personalized and interactive experiences that cater to their specific needs and learning styles.

AI algorithms analyze learners’ performance and adapt the learning material accordingly, providing targeted recommendations, feedback, and practice exercises. This personalized approach to language learning enhances the effectiveness and efficiency of the learning process, making it more engaging and enjoyable.

In conclusion, artificial intelligence has brought about significant advancements in Hindi language processing. With its ability to enhance machine intelligence and revolutionize language learning, AI plays a pivotal role in driving innovation and progress in the field of Hindi language processing.

Artificial Intelligence and Machine Learning

Artificial Intelligence (AI) and Machine Learning (ML) are two revolutionary technologies that are transforming the world of automation, learning, and intelligence. AI refers to the intelligence demonstrated by machines, which enables them to perform tasks that typically require human intelligence. On the other hand, ML is a subset of AI that focuses on the ability of machines to learn from data and improve their performance over time.

In the field of artificial intelligence, machines are being designed to simulate human intelligence and perform tasks such as problem-solving, decision-making, and speech recognition. This innovation has the potential to bring about drastic changes in various industries and sectors, including healthcare, education, finance, and transportation.

Artificial intelligence and machine learning have also gained momentum in the Hindi language. With the advancements in technology, many AI systems and applications are being developed to cater to the Hindi-speaking population. These systems enable tasks like voice recognition, translation, and information retrieval in Hindi, providing a seamless user experience.

The combination of artificial intelligence and machine learning has opened up new horizons of innovation and possibilities. The ability of machines to analyze large volumes of data, identify patterns, and make predictions has revolutionized industries and transformed businesses. This has led to improved efficiency, accuracy, and productivity in various fields.

As technology continues to evolve, the future of artificial intelligence and machine learning in Hindi is promising. With ongoing advancements, AI systems and applications in Hindi will become more sophisticated, ensuring a personalized and efficient experience for users.

Overall, artificial intelligence and machine learning are reshaping the world of technology. As these technologies continue to advance, they hold immense potential to drive innovation, revolutionize industries, and improve the quality of life for people all around the world.

AI in the Field of Healthcare

Artificial intelligence (AI) is revolutionizing the field of healthcare, bringing new levels of technology, learning, innovation, and intelligence to improve patient care. AI is a branch of computer science that focuses on creating intelligent machines capable of human-like learning and problem-solving.

In healthcare, AI is being used to automate various tasks and processes, enabling healthcare professionals to focus on patient care. For example, machine learning algorithms are being developed to analyze medical images and identify abnormalities, aiding in early detection and diagnosis of diseases like cancer.

Advantages of AI in Healthcare

AI has numerous advantages in the field of healthcare. Firstly, it can process and analyze large amounts of data quickly and accurately, allowing for faster and more accurate diagnosis. This can lead to earlier detection of diseases and more effective treatment strategies.

Secondly, AI can help healthcare professionals in making informed decisions by providing them with valuable insights based on data analysis. This can improve patient outcomes and reduce medical errors.

Thirdly, AI technologies can improve patient monitoring and management. For example, wearable devices powered by AI can continuously monitor vital signs and alert healthcare professionals of any anomalies or emergencies.

The Future of AI in Healthcare

The future of AI in healthcare is bright. As technology and innovation continue to advance, AI will play an even larger role in transforming healthcare. From personalized medicine to precision surgery, AI has the potential to revolutionize the entire healthcare industry.

However, there are challenges that need to be overcome for the full integration of AI in healthcare. Ethical considerations, data privacy, and ensuring the accuracy and reliability of AI algorithms are some of the key challenges that researchers and policymakers are working on.

In conclusion , AI is already making significant contributions in the field of healthcare, and its impact will only continue to grow. From improving diagnosis and treatment to enhancing patient monitoring and management, AI has the potential to revolutionize healthcare and bring about better patient outcomes. The future of healthcare looks promising with the integration of artificial intelligence and machine learning technologies.

AI in Hindi Linguistics

Artificial Intelligence (AI) has revolutionized several domains, including language learning and linguistics. As technology continues to advance, so does the role of AI in Hindi linguistics. AI-powered systems have made significant strides in understanding, processing, and generating Hindi language content.

One of the key applications of AI in Hindi linguistics is machine learning. Machine learning algorithms can analyze large volumes of Hindi text and learn patterns and structures of the language. This enables AI systems to accurately translate Hindi texts, generate meaningful sentences, and even detect grammatical errors.

Furthermore, AI in Hindi linguistics has paved the way for innovation in automated Hindi language processing. Natural Language Processing (NLP) techniques combined with AI algorithms allow computers to understand and respond to Hindi language queries. This has led to the development of Hindi virtual assistants and chatbots, improving communication and user experience for Hindi-speaking individuals.

Another exciting aspect of AI in Hindi linguistics is the automation of language learning. AI-powered platforms can personalize Hindi language learning experiences by analyzing learners’ strengths, weaknesses, and preferences. These platforms can provide interactive lessons, exercises, and real-time feedback to help individuals improve their Hindi language skills.

In conclusion, AI has brought significant advancements to Hindi linguistics. With the continuous development of AI technology, we can expect further innovation and improvement in understanding, processing, and learning the Hindi language.

Benefits of AI in Hindi

Artificial Intelligence (AI) is the field of study that focuses on the creation of intelligent machines that can perform tasks that would typically require human intelligence. AI has revolutionized many industries across the world, including the technology sector. The benefits of AI in Hindi are immense and have the potential to transform the way we live and work.

AI has the ability to drive innovation in various sectors. With AI, businesses can develop new products and services that are smarter and more efficient. From healthcare to finance, AI has the potential to disrupt traditional practices and bring about new solutions. In Hindi, AI can enable entrepreneurs and start-ups to create unique and innovative products that cater to the needs of the Indian population.

AI enables automation of repetitive tasks, allowing organizations to increase productivity and efficiency. In Hindi, AI can be used to automate processes in various industries, such as manufacturing and customer service. This can lead to cost savings and improved customer experiences.

Additionally, AI can also automate personal tasks, making life easier for individuals. For example, AI-powered virtual assistants can help with tasks like scheduling appointments, making reservations, and providing information.

The benefits of AI in Hindi are significant and cannot be ignored. As AI continues to advance, it has the potential to improve various aspects of our lives, from healthcare to transportation. By embracing AI, Hindi-speaking communities can leverage the power of this technology to drive innovation and create a better future.

AI and Hindi Education

The intersection of innovation and intelligence in the field of AI has opened up new possibilities in the realm of education. With the advancement of learning automation and technology, AI has become a powerful tool that can revolutionize the way Hindi education is delivered.

One of the key areas where AI can make a significant impact is in language learning. By leveraging machine learning algorithms, AI can analyze vast amounts of data and provide personalized learning experiences for students. In the context of Hindi education, this means that AI can adapt and tailor its lessons to cater to individual students’ needs, helping them learn more effectively and efficiently.

AI can also play a crucial role in making Hindi education more accessible. With the help of speech recognition and natural language processing technologies, AI can provide real-time translations and conversational practice for learners. This can greatly enhance the learning experience, especially for those who do not have access to native Hindi speakers or immersion environments.

Benefits of AI in Hindi Education:

  • Personalized learning experiences for students
  • Enhanced accessibility through real-time translations
  • Improved pronunciation and pronunciation practice
  • Interactive and engaging learning materials
  • Aid in language proficiency assessment

In conclusion, AI has the potential to transform Hindi education by leveraging its machine learning capabilities and innovative technologies. With the ability to adapt to individual learning needs and provide real-time translations, AI can enhance the learning experience for students and make Hindi education more accessible to a wider audience.

AI in Hindi Speech Recognition

Artificial intelligence (AI) has revolutionized the field of technology and automation in recent years. One area where AI has made significant advancements is in speech recognition. This innovative technology has enabled computers to understand and interpret human speech, making it easier for individuals to interact with machines and devices.

With the vast population of Hindi speakers across the world, there is a growing demand for AI-powered speech recognition systems that can understand and respond to speech in Hindi . This has led to the development of advanced algorithms and models specifically trained to recognize Hindi language patterns and nuances.

Hindi speech recognition powered by AI involves the use of deep learning algorithms that have been trained on vast amounts of data. These algorithms can analyze speech patterns, phonetics, and semantics to accurately transcribe and understand spoken Hindi words and phrases.

As the technology continues to evolve, AI-powered speech recognition systems in Hindi have become more accurate and efficient. They can now understand and interpret complex sentences, varying accents, and even emotions conveyed through speech.

The impact of AI in Hindi speech recognition is far-reaching. It has opened up opportunities for individuals who are more comfortable communicating in Hindi to interact with technology in their native language. This innovation has made it easier for Hindi speakers to use voice-controlled devices, conduct hands-free searches, and navigate through applications and systems effortlessly.

In addition to enhancing user experiences, AI in Hindi speech recognition has also found applications in various industries. It is being utilized in customer service platforms to provide efficient and personalized language support to Hindi-speaking customers. It is also being employed in language learning tools, enabling users to practice and improve their Hindi pronunciation and fluency.

With ongoing advancements in AI and the increasing adoption of Hindi as a global language, the future of speech recognition technology in Hindi looks promising. AI-powered systems will continue to become more sophisticated and accurate, improving the overall user experience and making technology more accessible to all.

In conclusion, AI-powered speech recognition in Hindi is an exciting and promising field in the realm of artificial intelligence and innovation. It has brought forth numerous advantages, enabling Hindi speakers to interact with technology seamlessly. As AI continues to advance, the potential for further developments in Hindi speech recognition is unlimited, opening up new possibilities for the future.

AI in Hindi Translation

Artificial Intelligence (AI) has revolutionized various industries, and Hindi translation is no exception. The integration of AI technology into translation has greatly enhanced the efficiency and accuracy of translating Hindi text into different languages and vice versa.

With AI-powered machine learning algorithms, translation processes have become more streamlined and automated. The algorithms analyze vast amounts of Hindi and target language data to generate accurate translations. This automation has significantly reduced the time and effort required for human translators.

How AI Translates Hindi Text?

AI translation systems use a combination of machine learning and artificial intelligence techniques to understand and translate Hindi text. These systems are trained on a large dataset of Hindi and target language text, enabling them to learn patterns, grammar, and vocabulary.

The AI algorithms break down the text into smaller units, such as sentences or phrases, and analyze them to understand the context and meaning. They then generate translations based on this analysis, taking into account grammar rules and semantic nuances.

Benefits of AI Translation in Hindi

AI translation technology is continuously evolving, and its potential in Hindi translation is immense. As AI algorithms become more sophisticated and capable, we can expect even more accurate and efficient translations in the future.

AI and Hindi Content Creation

In the era of artificial intelligence and technology, the potential for innovation and automation is endless. One area where AI is making significant strides is in content creation, and this holds true even for the Hindi language.

AI-powered machines are now capable of learning and understanding the complexities of the Hindi language, allowing them to generate high-quality content with ease. These machines can analyze and interpret Hindi text, making them an invaluable tool for Hindi content creators.

AI algorithms are trained to recognize patterns in Hindi writing, enabling them to generate unique and engaging content that resonates with the Hindi-speaking audience. This is a game-changer for businesses and individuals who want to connect with Hindi-speaking consumers on a deeper level.

AI-based content creation tools can help businesses automate their content generation process, saving both time and resources. These tools can generate blog posts, social media captions, website content, and much more, all in Hindi. The accuracy and efficiency of these machines make them a vital asset for any content-focused organization.

Furthermore, AI-powered content creation tools can help bridge the language barrier. They can translate content from other languages into Hindi, ensuring that businesses can communicate effectively with the Hindi-speaking market. This opens up new opportunities for global expansion and increased reach.

In conclusion, artificial intelligence has revolutionized content creation, and this holds true for the Hindi language as well. The intelligence and capabilities of AI-powered machines have made the process of generating high-quality Hindi content easier and more efficient. As technology continues to advance, we can expect further innovations in AI-driven content creation, opening new doors for businesses and individuals alike.

AI in Hindi Customer Support

Artificial intelligence (AI) is revolutionizing the way customer support is provided in the technology industry. With the advancement in machine learning and AI technology, companies are now able to offer customer support in Hindi, providing a personalized and efficient experience for their Hindi-speaking customers.

The use of AI in Hindi customer support has brought great innovation and convenience to businesses. AI-powered chatbots and voice assistants are capable of understanding customer queries in Hindi and providing accurate responses in real-time. They can handle a wide range of customer issues, from simple inquiries to more complex problems.

One of the major advantages of AI in Hindi customer support is its ability to provide 24/7 assistance. Unlike human agents who have limited working hours, AI-powered systems can work round the clock, ensuring that customers receive support whenever they need it. This not only improves customer satisfaction but also helps businesses to save on costs by reducing the need for a large customer support team.

AI in Hindi customer support also enhances the overall customer experience. With intelligent algorithms, AI systems can analyze customer data and provide personalized recommendations or solutions. This level of personalization makes customers feel valued and understood, leading to stronger customer loyalty and retention.

Furthermore, AI-powered systems can also assist human agents in providing support. They can analyze customer conversations in real-time, identify patterns, and suggest relevant information or solutions to human agents. This not only speeds up the support process but also ensures consistency and accuracy in the information provided to customers.

In conclusion, AI in Hindi customer support is a game-changer in the technology industry. It brings intelligence and innovation to the customer support process, providing personalized and efficient assistance to Hindi-speaking customers. As AI technology continues to advance, we can expect even greater improvements in customer support and overall customer satisfaction.

AI and Finance in Hindi

आधुनिक दुनिया में AI या Artificial Intelligence बड़े ही महत्वपूर्ण है और यह कुछ साधारण समस्याओं को हल करने के लिए सक्षम होता है। AI क्या होता है? यह एक मशीन या कंप्यूटर होता है जो सीखने की क्षमता रखता है और इंटेलिजेंस के साथ कार्य करता है।

वित्तीय दुनिया में AI का उपयोग काम को सुगम और तेज़ बनाने के लिए किया जाता है। यह मशीनों को सीखने की क्षमता के आधार पर सार्वजनिक और बैंक को सर्विस करने की क्षमता प्रदान करता है। AI के द्वारा सार्वजनिक और बैंकीय सेवाएं ऑटोमेशन की जा सकती हैं, जिससे सहकार्य की आवश्यकता का समाधान होता है।

एक उदाहरण के रूप में, AI का उपयोग ट्रेडिंग के क्षेत्र में किया जाता है। AI के आधार पर तकनीकी विश्लेषण और मॉडल बनाए जाते हैं जो आवश्यकता और मापदंडों के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। अंतिम उत्पाद को खरीदने और बेचने के लिए ऑटोमेटेड व्यापार निर्धारित किया जाता है।

वित्तीय संस्थानों में, AI हमें आर्थिक सूचनाएं, मार्गदर्शन और विवरण प्रदान करने में मदद करता है। AI निवेश विचारों की तलाश करने, विभिन्न वित्तीय विषयों पर विचार करने और डेटा को विश्लेषण करने में मदद करता है। संतुलन की जांच करने और रिस्क-रिवाजी के नुकसान को न्यूनतम करने के लिए AI का उपयोग किया जाता है।

एक विपणन कंपनी के लिए भी, वित्तिय उद्योग के लिए AI ने नई संभावनाएं खोल दी हैं। उदाहरण के लिए, AI व्यापार और रसायन अभियांत्रिकी के माध्यम से पहले से अधिक तकनीकी और कार्यात्मक बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, डेटा का उपयोग करके AI उत्पादों की अवधारणा, निर्माण और सप्लाई चेन को अनुप्रयोग बना सकता है।

संक्षेप में कहें तो, AI ने वित्तीय क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह सैकड़ों मानचित्रों, निवेश कारों और विश्लेषणों की रफ्तार तेज़ कर रहा है। भविष्य में AI टेक्नोलॉजी और वित्तीय उद्योग के बीच सम्बन्ध और गहराएगा और वित्तीय समस्याओं के नए समाधान प्रदान करेगा।

AI in Hindi E-commerce

Artificial Intelligence (AI) is revolutionizing the way we do business, and it is no different in the world of Hindi e-commerce. With the power of intelligence and learning, AI technology is changing the face of the online marketplace in India.

One of the key advantages of AI in Hindi e-commerce is its ability to automate various aspects of the online shopping experience. From personalized product recommendations to chatbots that can provide instant customer support, AI is streamlining the entire purchasing process.

Hindi language poses a unique challenge in e-commerce, but AI is making remarkable strides in overcoming this obstacle. With innovations in natural language processing and machine learning, AI is becoming more adept at understanding and responding to Hindi queries, helping Hindi-speaking customers find the products they are looking for with ease.

Another area where AI is driving innovation in Hindi e-commerce is in customer service. AI-powered virtual assistants can handle customer inquiries in Hindi, providing prompt and accurate information to customers, thereby enhancing their shopping experience.

Furthermore, AI technology is enabling Hindi e-commerce platforms to analyze large amounts of data to gain valuable insights. This data-driven approach helps in identifying trends, predicting demand, and optimizing pricing strategies, ultimately leading to increased sales and customer satisfaction.

In conclusion, AI is playing a significant role in shaping the future of Hindi e-commerce. From automation to innovation, the integration of artificial intelligence is revolutionizing the way businesses operate in the online marketplace. As technology continues to advance, AI will continue to evolve and improve, ensuring that the future of Hindi e-commerce is bright and prosperous.

AI and Customer Experience in Hindi

Artificial Intelligence (AI) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके, विशेषतः एक व्यापारी के लिए, ग्राहक अनुभव को सुधार किया जा सकता है। AI खुद से सीखने की क्षमता और नवाचार कि शक्ति के साथ, ग्राहकों की मार्गदर्शन करने और उन्हें समस्याओं का समाधान प्रदान करने का सक्षम होता है। यह नया सोच और तकनीकी प्रगति की एक प्रमुख उदाहरण है, जो वास्तविकता, सुगमता, और प्रदर्शन को मजबूती से सुधारता है।

ग्राहक अनुभव AI से भारतीय व्यापारों के लिए एक महत्वपूर्ण हो जाता जा रहा है, क्योंकि यह व्यवसायों को उच्च गुणवत्ता और ग्राहक समाप्ति के साथ समर्पित करने में मदद करता है। AI द्वारा, व्यापारी ग्राहकों के आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को समझने के लिए आदान-प्रदान कर सकते हैं और उच्च प्रदर्शन स्तर और संतुष्टि की गारंटी प्रदान कर सकते हैं।

साथ ही AI कुशलतापूर्वक एवं स्वचालित कार्यक्रमों के साथ, ग्राहक समाधान प्रक्रियाओं को अच्छी तरह से प्रबंधित करने में मदद करता है। इससे व्यवसायों को समय और श्रम की बचत होती है, जो उन्हें अपार लाभ प्रदान करता है। आधुनिकता, अटोमेशन और तकनीकी सुविधाओं के साथ, ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में व्यापारी को सुशक्त करता है।

भारतीय व्यापारों के लिए, AI के उपयोग से एक उत्कृष्ट ग्राहक अनुभव उत्वोत्पन्न किया जा सकता है, जो उन्हें क्षमता प्रदान करता है ग्राहकों के साथ संवाद करने का तात्पर्य उनकी सेवा प्राधिकरणों के लिए होगा। यह एक सक्रिय माध्यम होता है, जो ग्राहकों के साथ एक सच्चाई का अनुभव सज्ज करता है। AI और तकनीकी सुविधाओं के साथ, व्यापारी अपने दैनिक कार्य को सुविधाजनक बना सकता है और साझा करने के लिए उनकी योजनाओं को बेहतर कर सकता है।

संक्षेप में, AI बढ़ती तकनीकी प्रगति है जो व्यापारों को ग्राहक उद्देश्यों की प्राथमिकताओं को समझने और सक्रिय रूप से समर्पित ग्राहकों की सेवा प्रदान करने का मौका देती है। भारतीय व्यापारों में AI का उपयोग कर अविश्वसनीय क्रियात्मकता, सुगमता का रोमांच, और प्रदर्शन का गहराव प्राप्त किया जा सकता है।

AI and Hindi Virtual Assistants

The innovation of artificial intelligence (AI) has revolutionized the way we interact with technology. It has paved the way for the development of intelligent machines and automation systems that can perform complex tasks with ease. The field of AI is rapidly growing, and its impact is being felt in every industry, including language processing.

Integrating AI with the Hindi language has opened up a whole new world of possibilities. Hindi virtual assistants powered by artificial intelligence are becoming increasingly popular, providing users with personalized assistance and enhancing their overall experience.

Artificial Intelligence in Hindi Virtual Assistants

Artificial intelligence in Hindi virtual assistants combines the power of machine learning and natural language processing to understand and respond to user queries in Hindi. These virtual assistants can perform a range of tasks, from providing weather updates and setting reminders to answering general knowledge questions and even engaging in conversations.

Thanks to advancements in technology, these virtual assistants can learn and adapt to user preferences over time, providing more accurate and personalized responses. They can understand colloquial language and regional dialects, making them accessible and user-friendly for a vast majority of Hindi-speaking individuals.

The Future of AI in Hindi Virtual Assistants

The future of AI in Hindi virtual assistants looks promising. As the technology continues to evolve, we can expect even more sophisticated virtual assistants that can perform complex tasks and provide valuable insights. With the increasing adoption of AI and machine learning, these virtual assistants will become an integral part of our daily lives, helping us with various tasks and enhancing our productivity.

Furthermore, the integration of AI with Hindi virtual assistants will not only benefit Hindi-speaking individuals but also contribute to the preservation and promotion of the Hindi language. It will enable wider access to information and services in Hindi, bridging the language gap and empowering individuals to navigate the digital world more effectively.

Overall, the combination of AI and Hindi virtual assistants holds great potential for innovation and advancement in technology. It not only enhances user experience but also opens up new opportunities for businesses to cater to the needs of Hindi-speaking individuals. With continued research and development, we can expect AI to further revolutionize the future of technology and language processing.

The Future of AI in Hindi

Innovation in technology has paved the way for artificial intelligence (AI) to become an integral part of our lives. From machine learning to automation, AI has revolutionized various industries and Hindi is no exception. Hindi, one of the most widely spoken languages in the world, is also witnessing the impact of AI on its growth and development.

Machine learning algorithms are being developed and trained to understand and process the Hindi language. This opens up a world of possibilities for AI to be used in various sectors such as healthcare, education, finance, and more. With AI, machines can now understand, learn, and respond to human interactions in Hindi.

The use of AI in healthcare is particularly promising. AI-powered systems can analyze medical data and provide diagnosis and treatment recommendations in Hindi. This can improve access to healthcare for Hindi-speaking individuals and reduce language barriers in medical settings.

In education, AI has the potential to transform the learning experience for Hindi-speaking students. Intelligent tutoring systems can adapt to individual learning styles and provide personalized instruction in Hindi. This can help students grasp concepts more effectively and enhance their overall academic performance.

Financial institutions can also benefit from AI in Hindi. AI-powered chatbots can interact with customers in Hindi, providing assistance with banking tasks and answering queries. This can improve customer service and streamline banking operations.

As AI continues to advance, the future of technology in Hindi looks promising. The advancements in machine learning and automation will further enhance the capabilities of AI systems in understanding and processing the Hindi language. This will enable AI to seamlessly integrate into various aspects of our lives, making our interactions with technology more efficient and user-friendly.

In conclusion, the future of AI in Hindi is bright. With ongoing innovations and developments in technology, AI will continue to play a significant role in shaping the future of Hindi-speaking communities. Whether it’s in healthcare, education, finance, or other sectors, AI has the potential to revolutionize the way we interact with technology and enhance our overall quality of life.

AI and Hindi Social Media Intelligence

In the era of automation and machine learning, artificial intelligence (AI) has emerged as a powerful technology in various domains. It has brought revolutionary changes in the way we live and work. With the help of AI, machines are capable of performing tasks that were once considered to be the exclusive domain of humans.

One of the areas where AI is making a significant impact is social media intelligence. Social media platforms have become an integral part of our lives, and they generate massive amounts of data every second. Extracting meaningful insights from this data is a challenging task, but AI is up to the challenge.

AI technology enables machines to understand and interpret human language, including Hindi. With the rise of Hindi social media platforms, it is crucial to develop AI models that can analyze Hindi content effectively. AI algorithms can now process Hindi text, identify sentiments, extract key topics, and perform sentiment analysis.

AI-driven social media intelligence has immense potential in various areas such as market research, brand management, customer service, and public opinion analysis. With AI tools, businesses can analyze social media data to gain insights into customer preferences, opinions, and trends.

Furthermore, AI can automate the process of monitoring social media platforms for potential risks or threats. AI-powered tools can identify and flag content that may be harmful or inappropriate. This ensures a safer online environment for users.

In conclusion, AI and Hindi social media intelligence go hand in hand in the future of technology. AI has the capability to analyze and interpret Hindi content, opening up new opportunities for businesses and organizations. With the power of AI, we can harness the vast amount of data generated on social media platforms to gain valuable insights and make informed decisions.

AI in Hindi Data Analysis

Artificial Intelligence (AI) is revolutionizing the field of data analysis in various sectors, and the Hindi language is no exception. With the rapid advancements in automation and technology, AI has become an indispensable tool for processing and interpreting complex datasets in Hindi.

AI technologies like machine learning and natural language processing have enabled the development of powerful algorithms that can extract meaningful insights from vast amounts of Hindi data. These algorithms can analyze text, voice, and even visual data in Hindi, providing businesses and organizations with valuable information for decision-making and innovation.

The application of AI in Hindi data analysis has numerous benefits. It allows businesses to automate data processing tasks, saving time and resources. AI algorithms can quickly scan and categorize large volumes of Hindi text, making it easier for organizations to understand customer sentiments and preferences.

AI also enables businesses to gain actionable insights from Hindi data by identifying patterns and correlations. By analyzing Hindi data, organizations can improve their products and services, optimize their marketing strategies, and better meet the needs of Hindi-speaking customers.

Furthermore, AI-driven data analysis in Hindi can be used in various fields and industries, such as healthcare, finance, and education. For example, AI algorithms can analyze medical records written in Hindi to identify potential diseases or develop personalized treatment plans. In finance, AI can analyze Hindi financial data to detect fraud or predict market trends.

In conclusion, AI technologies have opened up new possibilities in data analysis for the Hindi language. With the help of artificial intelligence, businesses and organizations can leverage the power of Hindi data to drive innovation and make informed decisions. The integration of AI in Hindi data analysis will continue to shape the future of technology, leading to greater advancements and breakthroughs in the field.

AI and Automation in Hindi

AI (Artificial Intelligence) and automation are revolutionizing the world of technology. In Hindi, AI is called “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” (Krutrim Buddhimatta) and automation is called “स्वतंत्रीकरण” (Swatantrikaran).

The Role of AI in Automation

AI plays a significant role in automation. Machine learning, a subfield of AI, enables machines to learn from data and make intelligent decisions. This technology allows machines to automate repetitive tasks and perform complex calculations at a speed and accuracy that surpasses human capabilities.

AI-powered automation is transforming various industries, including manufacturing, logistics, healthcare, and customer service. In Hindi, it is referred to as “कृत्रिम बुद्धिमत्ता संचालन” (Krutrim Buddhimatta Sanchalan).

The Benefits of AI and Automation

AI and automation bring numerous benefits to society. They increase efficiency, reduce costs, and improve productivity. With the help of AI, machines can analyze vast amounts of data and extract valuable insights, leading to smarter decision-making.

In Hindi, AI and automation are seen as key drivers of innovation, known as “आई एंड स्वतंत्रीकरण का उद्योग” (AI and Swatantrikaran Ka Udyog).

Moreover, AI and automation have the potential to create new jobs and transform existing ones. While some jobs may be automated, new roles will emerge that require human creativity, critical thinking, and problem-solving skills.

In conclusion, AI and automation are shaping the future of technology. They have the power to revolutionize industries, improve efficiency, and drive innovation in Hindi-speaking communities and beyond. It is essential to embrace these advancements and adapt to the changing landscape of technology.

AI and Robotics in Hindi

In the rapidly evolving world of technology, artificial intelligence (AI) and robotics have emerged as game-changing innovations. These cutting-edge technologies are revolutionizing various industries and sectors, including manufacturing, healthcare, and finance.

The Role of AI

Artificial intelligence, also known as AI, refers to the simulation of human intelligence in machines that are programmed to think and learn like humans. AI enables machines to perform tasks that typically require human intelligence, such as speech recognition, decision-making, and problem-solving.

In Hindi, the term “आपूर्ति-निर्मान” (Aapurthi-Nirmaan) is often used to refer to artificial intelligence.

The Integration of AI and Robotics

AI and robotics are closely interconnected. Robotics involves the design, construction, and operation of robots, while AI provides the intelligence and decision-making capabilities to these robots.

The integration of AI and robotics has led to the development of advanced autonomous systems capable of performing complex tasks with precision and efficiency. These systems have the potential to transform industries by increasing productivity and automating repetitive and dangerous tasks.

In Hindi, the term “रबोटिक्स” (Robotics) is used to describe the field of robotics.

Table: Applications of AI and Robotics in Various Sectors

The applications of AI and robotics in Hindi society are diverse and have the potential to enhance efficiency, improve decision-making, and solve complex problems. As technology continues to advance, the integration of AI and robotics will undoubtedly play a pivotal role in shaping the future of industries and society as a whole.

Challenges and Limitations of AI in Hindi

Machine learning and artificial intelligence have seen significant advancements in recent years in the field of technology and innovation. However, when it comes to implementing these technologies in Hindi, there are various challenges and limitations that need to be addressed.

Language barrier: One of the biggest challenges is the language barrier. Hindi, being a complex language, poses difficulties in natural language processing and understanding. The lack of adequate resources and models trained in Hindi limits the development of AI systems that can effectively comprehend and generate content in Hindi.

Data availability: Another challenge is the limited availability of Hindi language data. Machine learning algorithms require vast amounts of data to train models effectively. The scarcity of structured data in Hindi hampers the development of AI systems that can perform tasks efficiently and accurately in the Hindi language.

Translation accuracy: An important aspect of AI in Hindi is accurate translation. Hindi, like any other language, has its own nuances and cultural references that need to be accurately translated to ensure proper understanding and context preservation. However, achieving high translation accuracy in Hindi remains a challenge.

Automation: Automation plays a critical role in AI systems, but implementing automation in Hindi poses certain challenges. The lack of standardized tools and frameworks for automation in Hindi limits the scalability of AI systems in the language. Additionally, the complex grammar and syntax of Hindi make automation more challenging compared to languages like English.

Ethical concerns: AI systems often raise ethical concerns, and these concerns are amplified when dealing with languages like Hindi. The potential biases and cultural insensitivities embedded in AI models can have unintended consequences in Hindi-speaking communities, emphasizing the need for robust ethical guidelines and safeguards.

In conclusion, while AI has revolutionized technology and innovation, its implementation in Hindi faces several challenges and limitations. Overcoming these challenges requires the collaboration of researchers, developers, and policymakers to ensure the development of AI systems that can effectively understand, generate, and interact in the Hindi language.

AI in Hindi Security and Ethics

As artificial intelligence (AI) continues to revolutionize various industries, including machine learning and automation, its implementation in the Hindi language has become increasingly important. However, with such innovation comes the need to address security and ethics.

AI has the potential to transform how we interact with technology in Hindi, improving efficiency and creating new opportunities. From virtual assistants that respond to voice commands in Hindi to automated translation services, AI enhances our ability to communicate and engage with technology in our native language.

While the benefits of AI in Hindi are evident, there are also concerns about its security. As AI systems become more advanced and complex, they can potentially be exploited by malicious actors. These threats can range from data breaches to the manipulation of AI algorithms to spread misinformation or cause harm.

Ensuring the security of AI in Hindi requires robust cybersecurity measures. This includes data encryption, regular vulnerability checks, and strong authentication protocols. Additionally, organizations must establish ethical guidelines and standards for AI implementation to prevent misuse and protect users’ privacy.

Another aspect to consider when implementing AI in Hindi is the ethical implications. AI systems learn from large amounts of data, which can sometimes be biased or discriminatory. This can lead to ethical issues such as unfair treatment or biased decision-making based on gender, race, or other factors.

To address these ethical challenges, organizations must be vigilant in monitoring and training AI algorithms to avoid bias and discrimination. Transparency in AI decision-making processes is crucial to ensure that potential biases are identified and mitigated.

Hindi AI developers, policymakers, and researchers must collaborate to establish comprehensive guidelines and regulations that address both the security and ethical dimensions of AI in Hindi. This collaborative effort will help create an ecosystem that fosters innovation while ensuring the responsible and ethical use of AI technology.

Ultimately, AI in Hindi has the potential to transform society, but its implementation must be approached with careful consideration of security and ethics. By prioritizing these aspects, we can harness the power of AI in Hindi while safeguarding against potential risks and ensuring a fair and inclusive future.

The Role of Government in Promoting AI in Hindi

Artificial intelligence (AI) and machine learning (ML) technologies are transforming industries and societies around the world. India, with its vast population and diverse language needs, has recognized the potential of AI in Hindi as a tool for innovation and automation.

The government of India plays a crucial role in promoting AI in Hindi by implementing policies and initiatives that encourage its development and adoption. These initiatives aim to ensure that the benefits of AI and ML technologies are accessible to all Indian citizens and can be harnessed to address various socio-economic challenges.

Creating Awareness and Building Capabilities

One of the key roles of the government is to create awareness about AI and its potential applications in Hindi. This includes organizing workshops, seminars, and conferences to educate the public about AI and its benefits. These events also provide opportunities for researchers, developers, and entrepreneurs to showcase their innovations in Hindi AI and ML technologies.

The government also recognizes the importance of building capabilities in AI and ML. It provides funding for research and development activities in AI and ML in Hindi. This includes scholarships and grants for students and researchers interested in pursuing AI-related projects or studies in Hindi.

Promoting Collaboration and Partnerships

The government promotes collaboration and partnerships between academia, industry, and government agencies to foster innovation in AI in Hindi. These partnerships facilitate knowledge exchange, technology transfer, and joint research efforts. They also help translate research findings into practical solutions that can benefit various sectors, such as healthcare, agriculture, and education.

Furthermore, the government encourages the establishment of AI-focused startups and incubation centers in Hindi-speaking regions. These centers provide a platform for aspiring entrepreneurs and innovators to develop and commercialize AI-based products and services in Hindi.

In conclusion , the government of India recognizes the importance of AI in Hindi and its potential to drive economic growth and social development. By creating awareness, building capabilities, and promoting collaboration, the government is playing a crucial role in fostering the adoption and development of AI in Hindi. This will not only empower Hindi-speaking citizens but also contribute to the overall progress and advancement of AI technologies in India.

The Impact of AI on Hindi Job Market

Hindi, as one of the most widely spoken languages in India, plays a significant role in the country’s job market. With the rise of artificial intelligence (AI) and machine learning, the job market in Hindi is experiencing a profound impact.

AI technology, with its ability to learn and automate tasks, has the potential to revolutionize various industries. In the field of language learning and translation, AI-powered tools can assist individuals in learning Hindi and other languages. These tools provide personalized and interactive learning experiences, making language learning more accessible and efficient for everyone.

Opportunities for Innovation

The implementation of AI technology in the job market creates new opportunities for innovation. Companies can leverage AI to automate repetitive tasks and streamline their operations. This allows employees to focus on more complex and strategic work, leading to increased productivity and efficiency.

In the Hindi job market, AI can be used to automate language-related tasks such as translation, transcription, and content creation. This reduces the time and effort required for these tasks, enabling professionals to focus on higher-value work that requires human intelligence and creativity.

The Future of Hindi Job Market

While AI has the potential to automate certain job roles, it is also creating new job opportunities. As AI technology advances, there will be an increased demand for professionals skilled in AI development, data analysis, and machine learning.

Hindi-speaking individuals with expertise in AI and technology will be well-positioned to take advantage of these emerging job opportunities. They can work in various sectors such as healthcare, finance, customer service, and more, where AI is being implemented to improve efficiency and provide better services to customers.

Overall, the impact of AI on the Hindi job market is significant. It is transforming the way tasks are performed and creating new avenues for innovation and growth. As technology continues to advance, it is crucial for individuals to adapt and acquire the necessary skills to thrive in the evolving job market.

AI and Hindi Entertainment Industry

The Hindi entertainment industry, also known as Bollywood, is one of the largest and most influential in the world. With its deep cultural roots and extensive audience reach, it has become a global force in the entertainment industry. As technology advancements continue to shape various sectors, the impact of artificial intelligence (AI) on the Hindi entertainment industry cannot be ignored.

Intelligence is the key factor driving the success of AI in the entertainment industry. With its ability to analyze vast amounts of data and perform complex tasks, AI has revolutionized the way content is created, distributed, and consumed. The Hindi entertainment industry has embraced AI as a tool to enhance various aspects of its operations.

AI-powered Automation and Innovation

AI has brought automation and innovation to the Hindi entertainment industry, making processes more efficient and cost-effective. It has given rise to new techniques such as machine learning and deep learning, which have transformed the way content is produced and consumed.

Artificial intelligence algorithms can analyze large datasets and generate insights that help creators make informed decisions about content creation and marketing strategies. AI-powered recommendation systems can personalize content recommendations for users, improving their viewing experience and increasing engagement.

The Future of AI in the Hindi Entertainment Industry

In the future, AI is expected to play an even more significant role in the Hindi entertainment industry. With advancements in natural language processing and image recognition, AI can help automate tasks such as subtitling, dubbing, and captioning, making content accessible to a wider audience.

AI can also assist in the creation of realistic special effects and virtual environments, enhancing the visual appeal of movies and TV shows. Chatbots powered by AI can interact with users, providing personalized recommendations and instant customer support.

The integration of AI in the Hindi entertainment industry has opened up new opportunities for innovation and creativity. As technology continues to advance, AI will continue to shape the future of the industry, enhancing the viewing experience for audiences and driving growth in the entertainment sector.

What is artificial intelligence?

Artificial intelligence (AI) is a branch of computer science that deals with the development of intelligent machines capable of performing tasks that would typically require human intelligence. These tasks include speech recognition, decision-making, problem-solving, and learning.

How is artificial intelligence being used in Hindi?

Artificial intelligence is being used in Hindi to develop various applications and technologies that can understand, analyze, and process the Hindi language. This includes speech recognition systems, language translation tools, chatbots, and virtual assistants, which can communicate with users in Hindi and assist them in various tasks.

What is the importance of AI in the future?

The importance of AI in the future is immense. With advancements in technology and the increasing amount of data being generated, AI has the potential to revolutionize various industries and sectors. It can improve efficiency, productivity, and decision-making processes, leading to better outcomes and experiences for individuals and businesses.

How does machine learning play a role in AI?

Machine learning is a subset of AI that focuses on algorithms and statistical models that enable computers to learn from and make predictions or decisions without being explicitly programmed. In AI, machine learning plays a crucial role by providing the ability to learn, adapt, and improve performance based on data and feedback.

How can AI benefit society?

AI has the potential to benefit society in numerous ways. It can automate repetitive tasks, improving efficiency and productivity. It can assist in healthcare by analyzing medical data and providing personalized treatments. It can enhance transportation systems, optimize energy consumption, and help solve complex problems in various fields, leading to a better quality of life for individuals and the overall development of society.

Artificial Intelligence refers to the simulation of human intelligence in machines that are programmed to think and learn like humans. It involves the use of various techniques such as machine learning, natural language processing, and computer vision to enable computers to perform tasks that normally require human intelligence.

How is Artificial Intelligence transforming the future of technology?

Artificial Intelligence is revolutionizing technology by enabling machines to process and analyze vast amounts of data, make intelligent decisions, and perform complex tasks with accuracy and efficiency. It has the potential to automate repetitive tasks, enhance productivity, improve decision-making, and drive innovation in various industries.

What is Hindi Artificial Intelligence?

Hindi Artificial Intelligence refers to the development and implementation of Artificial Intelligence technologies in the Hindi language. It involves creating AI systems and algorithms that can understand, generate, and process Hindi text, speech, and other forms of communication. Hindi Artificial Intelligence has the potential to greatly benefit Hindi-speaking users by providing them with AI-powered solutions and services in their native language.

What is Machine Learning in Hindi?

Machine Learning in Hindi refers to the application of machine learning techniques and algorithms in the Hindi language. It involves training machines to learn from data and make predictions or decisions without being explicitly programmed. Machine Learning in Hindi can be used in various domains such as natural language processing, image recognition, data analysis, and prediction, to empower Hindi-speaking users with intelligent and personalized solutions.

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Artificial Intelligence Essay For Students And Children

- Last updated on Dec 13, 2023

Artificial Intelligence Essay For Students And Children: Artificial Intelligence (AI) has become an integral part of our daily lives, influencing how we work, learn, and communicate. In this essay, we’ll explore the basics of AI, its impact on society, and its relevance for students and children.

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What is Artificial Intelligence?

Artificial Intelligence refers to the development of computer systems that can perform tasks that typically require human intelligence. These tasks include learning, reasoning, problem-solving, speech recognition, and language translation.

How Does AI Work?

AI systems learn from data, identifying patterns and making decisions without explicit programming. Machine learning and deep learning are two common approaches, mimicking the way humans learn and process information.

AI Applications in Daily Life

1. personal assistants.

AI-driven personal assistants like Siri and Alexa make our lives easier by responding to voice commands, managing schedules, and providing information.

2. Education

AI is revolutionizing education with personalized learning platforms, adaptive assessment tools, and virtual tutors, catering to individual student needs.

3. Healthcare

In the healthcare sector, AI aids in disease diagnosis, drug discovery, and treatment planning, enhancing the efficiency and accuracy of medical procedures.

The Impact of AI on Society

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1. personalized learning.

AI tailors educational content to individual student needs, addressing learning gaps and providing a customized learning experience.

2. Enhanced Teaching Tools

Teachers can use AI-powered tools to assess student performance, identify areas of improvement, and create engaging lesson plans.

3. Skill Development

Students exposed to AI technologies gain valuable skills in critical thinking, problem-solving, and adaptability, preparing them for the future job market.

Addressing Concerns: The Future of AI Education

1. curriculum integration.

The inclusion of AI-related topics in school curricula can familiarize students with the technology, fostering a better understanding and appreciation.

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As we navigate the age of artificial intelligence, it is essential for students and children to grasp its fundamentals. AI not only shapes our present but also molds the future. Through proper education and awareness, we can harness the potential of AI responsibly, preparing the next generation for a world where man and machine collaborate for the betterment of society.

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कृत्रिम तरीके से विकसित की गयी बुद्धि को कहते है। आज इसका क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में इसका विस्तृत इस्तेमाल होने वाला है। वर्तमान में इसका इस्तेमाल कार निर्माण, चैटबॉट (जो वेबसाइट सर्फ करते समय चैटिंग करते हुए सह जानकारी मुहैया कराते हैं), पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (गूगल असिस्टेंट, अमेजन एलेक्सा, एप्पल सीरी, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्टना आदि), रोबोट निर्माण, कम्प्यूटर, फेसबुक, यूट्यूब , स्पीच रिकग्निशन, मौसम का पूर्वानुमान, कंप्यूटर साइंस, वायुयान निर्माण, चिकित्साशास्त्र, स्पेस स्टेशन जैसे कामो में हो रहा है।

आज अनेक कम्पनियां इसमें भारी निवेश कर रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुवात 1950 के दशक में हुई थी। यह रोबोटिक्स सिस्टम के द्वारा काम करता है। यह इन्सान की सोच पर काम करता है। तथ्यों पर अपनी प्रतिक्रिया भी देता है। आईबीएम कंपनी का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस डीप ब्ल्यू कंप्यूटर (Deep Blue Computer) ने कास्पोरोव को शतरंज मे हराया था।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना जॉन मैकार्थी  (John McCarthy) ने की थी। उनके दोस्तों मार्विन मिन्सकी, हर्बर्ट साइमन, ऐलेन नेवेल ने मिलकर शुरुवाती कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास और शोध कार्य किया था। इस तकनीक के द्वारा ऐसे जटिल कामो को किया जा सकता है जो मनुष्य के लिए सम्भव नही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस / कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास history of artificial intelligence.

1956 में डार्टमाउथ कॉलेज में जॉन मैकार्थी ने सबसे पहले “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” विषय पर कार्यशाला का अयोजन किया था। अपनी स्पीच में सबसे पहले “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” शब्द का उल्लेख किया था।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे  ADVANTAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे इस प्रकार है-

जीपीएस (GPS) तकनीक का फायदा

कार और फोन में जीपीएस (GPS) तकनीक का इस्तेमाल करके हम किसी भी स्थान पर आसानी से पहुँच सकते है। हम रास्तों को भूलने के बारे में चिंतित नही होते है। हमे चिन्हों और साइनबोर्ड को याद रखने की जरूरत नही होती है। मनचाही जगह पर इस तकनीक का इस्तेमाल करके आसानी से पहुँच सकते है। इस तकनीक में “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल किया जाता है।

रोजमर्रा के कामो में इस्तेमाल

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल हमारे स्मार्ट फोन और कम्यूटर में भी होता है। लिखते समय कीबोर्ड हमारी गलतियों को सुधारता है, सही शब्दों का विकल्प भी देता है। जीपीएस (GPS) तकनीक, मशीन पर चेहरे ही पहचान करना, सोशल मिडिया में दोस्तों को टैग करना जैसे कामो में इस्तेमाल होता है।

वित्तीय संस्थानों और बैंकिंग संस्थानों द्वारा डेटा को व्यवस्थित और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है। स्मार्टकार्ड सिस्टम में भी “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल किया जाता है।

खनिज, पेट्रोल, और ईधन की खोज में इस्तेमाल

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” की मदद से हम ऐसे अनेक काम कर सकते है जो मनुष्य नही कर सकता है। समुद्र तल की गहराई में खनिज, पेट्रोल, और ईधन की खोज का काम, गहरी खानों में खुदाई का काम बहुत कठिन और जटिल होता है। समुद्र की तलहटी में पानी का गहन दबाव होता है। इसलिए रोबोट्स की सहायता से ईधन की खोज की जाती है।

खेलो की रणनीति बनाने में

अब “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल क्रिकेट, फ़ुटबाल, बेसबाल, शतरंज जैसे खेलो की तस्वीरे लेने में प्रमुख रूप से किया जा रहा है। यह कोच को रणनीति का सुझाव भी देता है।

चिकित्सा क्षेत्र में

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल अब चिकित्सा क्षेत्र में में दवाओ के साइड इफेक्ट, ओपरेशन, ऍक्स रे, बिमारी का पता लगाने, जांच, रेडियोसर्जरी, जैसे कामो में किया जा रहा है।

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से युक्त मशीन कोई ब्रेक नही लेती है, यह अनेक घंटो तक बिना रुके काम कर सकती है। बार बार दोहराए जाने वाले काम मनुष्य के लिए बहुत नीरस होते है, पर मशीने इनको आराम से कर सकती है। इसलिए अलावा फैक्ट्री, लैब में खतरनाक/ जानलेवा।

दुर्घटना जनक कामो को “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से युक्त मशीनों की मदद से किया जा सकता है। “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल करके कम से कम गल्ती होती है। काम को 100% सटीकता से किया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान DISADVATAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  के नुकसान इस प्रकार है

बेरोजगारी का कारण

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फ़ैल सकती है। फैक्ट्री, कारखानों, बैंको में इसका व्यापक इस्तेमाल करने से हजारो लोगो की नौकरी छिन सकती है।

उच्च कीमत और लागत

बैंक, ऐटीएम, होस्पिटल, फैक्ट्री किसी भी जगह “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से युक्त मशीन लगाना बहुत महंगा साबित होता है। खराब हो जाने पर इसको ठीक करना भी आसान नही होता है। इनका रखरखाव भी बहुत खर्चीला होता है। ऐसी मशीनों के सोफ्टवेयर प्रोग्राम को बार बार बदलने की जरूरत पड़ती है।

रचनात्मक शक्ति खत्म कर सकती है

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” की मदद से हम नई डिजाइन, नई चीजो की रचना कर सकते है। बहुत अधिक संभवना है की इसके व्यापक इस्तेमाल से हम पूरी तरह “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” पर ही आश्रित हो जाये और निकम्मे और आलसी होकर अपनी रचनात्मक शक्ति खो बैठे।

खतरनाक हाथियारो का निर्माण

इस बात की बहुत सम्भावना है की इसकी मदद से मशीने स्वचालित हथियार बना डाले जो खुद ही समूची मानव जाति का नाश कर दे। ऐसा होने पर कुछ लोग सम्पूर्ण मानव आबादी पर शासन कर सकते है, शोषण कर सकते है।

अनुभव के साथ बेहतर नही होती

जिस तरह मनुष्य नये कामो को करने पर नवीन अनुभव प्राप्त करता है और अगली बार उसी काम को बेहतर तरह से करता है, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” की तकनीक ऐसा नही कर पाती है। वो अपने सोफ्टवेयर के अनुसार ही काम करती है।

सही और गलत का फर्क करने में असफल

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” तकनीक से युक्त मशीने अपने फीड प्रोग्राम के अनुसार ही काम करती है। मशीनों के अंदर कोई भावना या नैतिक मूल्य नही होता है, वो सही और गलत काम में फर्क नही कर पाती है। विपरीत परिस्थति होने पर “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” तकनीक से युक्त मशीने निर्णय नही ले सकती है।

निष्कर्ष CONCLUSION

आज के लेख में हमने आपको “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसके अनेक फायदे है और साथ ही साथ अनेक नुकसान है। विज्ञान की इस शाखा का इस्तेमाल हमे सोच समझकर मानव कल्याण के लिए करना चाहिये। इस पर पूरी तरह से निर्भर रहना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए हमे “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल संतुलित रूप में करना होगा।

2 thoughts on “कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi”

thanks sir bahut kuch sikhne ko mila

Thanks Good .

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध - Essay on Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई ऐसी तकनीक है जो रोबोट या कंप्यूटर को इंसान की तरह काम करने और सोचने की क्षमता देती है। मनुष्य में अनुभव से सीखने की क्षम

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध - Essay on Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को मशीनों में मानव बुद्धि के अनुकरण के रूप में परिभाषित किया जाता है। ऐसी मशीनों को मनुष्यों की तरह सोचने और उनके कार्यों की नकल करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है।  आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कहते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता शब्द किसी भी मशीन पर भी लागू किया जा सकता है जो सीखने और समस्या-समाधान जैसे मानव दिमाग से जुड़े लक्षण प्रदर्शित करती है। वीडियो गेम में कृत्रिम बुद्धि का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, जहां कंप्यूटर को दूसरे खिलाड़ी के रूप में खेलने के लिए प्रोग्राम किया जाता है।"

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई ऐसी तकनीक है जो रोबोट या कंप्यूटर को इंसान की तरह काम करने और सोचने की क्षमता देती है। मनुष्य में अनुभव से सीखने की क्षमता होती है। AI वाली मशीनें भी ऐसा कर सकती हैं। हम इसे मशीन लर्निंग कहते हैं। मशीन लर्निंग का एक प्रमुख उदाहरण न्यूरल नेटवर्क है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास

जॉन मैकार्थी (1927-2011), एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक ने सबसे पहले 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता' शब्द का इस्तेमाल किया। वास्तव में, वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संस्थापकों में से एक थे। मैककार्थी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विषय में उनके योगदान के लिए ट्यूरिंग अवार्ड मिला। उन्हें क्योटो पुरस्कार और संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रीय विज्ञान पदक भी मिला

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को चार प्रकारों में वर्गीकृत कर सकते हैं। (1) प्रतिक्रियाशील मशीनें (2) सीमित मेमोरी वाली मशीनें (3) मानसिक क्षमता से युक्त मशीनें और (4) आत्म-जागरूकता मशीनें। 

(1) प्रतिक्रियाशील मशीनें - ये मशीनें विभिन्न स्थितियों पर प्रतिक्रिया कर सकती हैं। इसका एक प्रमुख उदाहरण है डीप ब्लू प्रोग्राम जिसे आईबीएम द्वारा विकसित किया गया था। इस प्रोग्राम का प्रयोग शतरंज में किया जाता था। ऐसी मशीनों में मेमोरी की कमी होती है। ये पहले से फीड किये गए डाटा के अनुसार काम करती हैं। यह सभी संभावित विकल्पों का विश्लेषण करती है और सबसे अच्छा विकल्प चुनती है।

( 2) सीमित मेमोरी - ये एआई सिस्टम भविष्य का पूर्वानुमान लगाने के लिए पिछले अनुभवों का उपयोग करने में सक्षम होती है। इसका एक अच्छा उदाहरण सेल्फ-ड्राइविंग कार हो सकती है। ऐसी कारों में निर्णय लेने की प्रणाली होती है। ये कारें लेन बदलने, ,मोड़ लेने और ट्रैफिक के अनुसार गति को नियंत्रित करने के लिए पहले से संचित किये गए डेटा का प्रयोग करती है। 

(3) मानसिक क्षमता -  ये ऐसी मशीनें हैं जो मानवीय भावनाओं, संवेदनाओं और इच्छाओं को समझने में सक्षम होती हैं। ये काफी ज्यादा समझदार होती हैं। हालाँकि, इस प्रकार की AI अभी तक मौजूद नहीं है। इसलिए अवधारणा पूरी तरह से काल्पनिक है।

(4) आत्म-जागरूकता - यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उच्चतम और सबसे परिष्कृत स्तर है। ऐसी प्रणालियों में स्वयं की भावना होती है। इसके अलावा, उनके पास जागरूकता, चेतना और संवेदना जैसे मानवीय गुण होते हैं। जाहिर है, इस तरह की तकनीक अभी मौजूद नहीं है। यदि यह तकनीक विकसित होती है तो संभव है की यह मानव अस्तित्व के लिए चुनौती बन जाये।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के उपयोग 

(1)  व्यापार - आजकल आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का प्रयोग अधिक प्रभावी स्टोर लेआउट डिजाइन करने, स्टॉक प्रबंधन को संभालने और खरीदारी के सुझाव प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। अमेज़ॅन की "यू मे बी लाइक" या गूगल का "सम्बंधित परिणाम" इसके प्रमुख उदाहरण हैं। 

(2) हेल्थकेयर - स्वास्थ्य सेवा में AI का महत्वपूर्ण उपयोग है। कंपनियां त्वरित निदान के लिए तकनीक विकसित करने की कोशिश कर रही हैं। एआई तकनीक को दवा का परामर्श प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसमें रोगियों को दवा लेने का सुझाव देना और बेहतर स्वास्थ्य के लिए विभिन्न व्यायाम का सुझाव देना शामिल है।

(3)  निर्माण - एआई कारखानों की आपूर्ति और मांग का पूर्वानुमान लगाने में मदद करता है और उन्हें अधिक कुशल बनाता है। AI मैन्युफैक्चरिंग की दर को काफी बढ़ा सकता है। एआई से बड़ी संख्या में उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है। इसके अलावा, पूरी उत्पादन प्रक्रिया मानवीय हस्तक्षेप के बिना हो सकती है। 

संक्षेप में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया का भविष्य बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। विशेषज्ञों का मानना है कि एआई निश्चित रूप से जल्द ही मानव जीवन का अभिन्न अंग बन जाएगी। एआई हमारी दुनिया को देखने के तरीके को पूरी तरह से बदल देगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ, भविष्य पेचीदा और रोमांचक लगता है।

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    कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित 'भारतीय विज्ञान संस्थान' (IISc) के शोधकर्ताओं ने एक 'कृत्रिम पत्ती' (Artificial Leaf) का विकास किया है। यह पत्ती ...

  9. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? Artificial Intelligence in Hindi

    Basic Internet. artificial intelligence in hindi: AI (Artificial Intelligence) - विज्ञान की वह शाखा जिसमें Human Intelligence के समान गुणों वाले कम्प्यूटर सिस्टम का विकास किया जाता है, इस ...

  10. आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है

    Artificial intelligence दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है पहला artificial और दूसरा intelligence. इसमें artificial का मतलब होता है "इंसानों के द्वारा बनाया हुआ" और intelligence का ...

  11. Artificial Intelligence Essay in Hindi: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध

    यहां हम आपको "Artificial Intelligence Essay in Hindi" उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर ...

  12. कृत्रिम बुद्धिमत्ता

    प्रिलिम्स के लिये: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ai), वीक ai, स्ट्रॉन्ग ai, ai, ml ...

  13. Essay On Artificial Intelligence In Hindi

    Long and Short Essay on Artificial Intelligence in Hindi, Artificial Intelligence Essay available for all classes 1 to 12. ... Essay on the present online education opportunity or challenge | वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षा... Saurabh-August 22, 2020.

  14. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) [Artificial intelligence AI] मशीनों, विशेष रूप से ...

  15. Artificial Intelligence (AI): History, Types & Quotes In Hindi

    सबसे पहले "Artificial intelligence" इस शब्द को अमेरिकन कंप्यूटर वैज्ञानिक John McCarthy ने Dartmouth Conference में अपनाया था।. 1959. पहली AI Laboratory जिसका नाम MIT AI Lab है उसे ...

  16. Artificial Intelligence and Its Impact on Education Essay

    Introduction. Rooted in computer science, Artificial Intelligence (AI) is defined by the development of digital systems that can perform tasks, which are dependent on human intelligence (Rexford, 2018). Interest in the adoption of AI in the education sector started in the 1980s when researchers were exploring the possibilities of adopting ...

  17. विशेष : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence)

    विशेष : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) सरकार दे रही बढ़ावा ...

  18. Artificial Intelligence in Hindi

    The Importance of Artificial Intelligence in Hindi. Artificial Intelligence (AI) is a machine intelligence that can mimic human intelligence and perform tasks that typically require human intelligence, such as learning, problem-solving, and decision-making. AI is an innovation in the field of technology that has the potential to revolutionize ...

  19. Artificial Intelligence Essay For Students And Children

    2. Ethical Education. Teaching ethics in AI usage ensures that students are equipped to navigate the ethical considerations associated with this powerful technology. Conclusion. As we navigate the age of artificial intelligence, it is essential for students and children to grasp its fundamentals. AI not only shapes our present but also molds ...

  20. कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

  21. Essay on Artificial intelligence in Hindi

    इस लेख में हम एआई कितने प्रकार के होते हैं, एआई का उपयोग कहां किया जाता है, एआई का नुकसान क्या है के बारे में जानेंगे I Essay on Artificial intelligence in 100, 150 ...

  22. Essay on Artificial Intelligence in Hindi

    गम् धातु के रूप संस्कृत में - Gam Dhatu Roop In Sanskrit यहां पढ़ें गम् धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में। गम् धातु का अर्थ होता है जा...

  23. Artificial Intelligence

    The year 2022 brought Artificial Intelligence (AI) into the mainstream through widespread familiarity with applications of Generative Pre-Training Transformer (GPT). The most popular application is OpenAI's ChatGPT. The widespread interest and fascination surrounding ChatGPT have contributed to its recognition as a prominent example of AI technology among consumers.

  24. Experiments in Reflection: Become a Super Learner and Unleash Your Full

    Machine Learning and Artificial Intelligence are all the buzz these days. But, what about your-very human-intelligence and your ability to learn? Forget about using ChatGPT to write an essay for you. Instead, think about the ways in which AI could augment your intelligence. In this experiential keynote we'll dive into practical ways to flex your learning muscles and use AI as an ally, to ...