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Biggest Robberies: क्या दुनिया की 10 सबसे बड़ी बैंक डकैतियों के बारे में जानते हैं आप, बगदाद का नाम है ऊपर
Worlds Biggest Robberies दुनिया में हर साल बहुत सी चोरी/डकैती/लूट होती रहती है और आज हम उन्हीं में से कुछ चुनिंदा रीयल लाइफ लूट की कहानी बता रहे हैं जिसमें फिल्मों जैसा ही रोमांच है। बैंक डकैती के अब तक के इतिहास से पेश है 10 ऐसी बैंक डकैतियां
बैंक लूट पर वेब सीरीज 'मनी हाइस्ट'
10. डनबर बैंक चोरी (साल 1997).
- चोरी की राशि- 150 करोड़ रुपये
9. यूनाइटेड कैलिफोर्निया बैंक डकैती (साल 1972)
- चोरी की राशि - 247 करोड़ रुपये
8. द ब्रिटिश बैंक ऑफ़ द मिडिल ईस्ट डकैती (साल 1976)
- चोरी की राशि- 164 करोड़ से 411 करोड़ के बीच
7. नॉर्दर्न बैंक डकैती (साल 2004)
- चोरी की राशि: 337 करोड़
6. ब्रिंक्स-मैट डकैती (साल 1983)
- चोरी की राशि - 337 करोड़
5. बैंको सेंट्रल डकैती (साल 2005)
- चोरी की राशि - 589 करोड़
4. सेक्युरिट्स डिपो डकैती (साल 2006)
- चोरी की राशि- 683 करोड़
3. नाइट्सब्रिज सिक्यॉरिटी डिपोजिट (साल 1987)
- चोरी की राशि- 799 करोड़
2. दार एस सलाम बैंक डकैती (साल 2007)
- चोरी की राशि - 2321 करोड़
1. सेंट्रल बैंक ऑफ इराक डकैती (2003)
- चोरी की राशि - 7574 करोड़
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दुनिया की सबसे बड़ी डकैती: बैंक से लूटी रकम में इतने ज़ीरो थे कि गिनती कर गिनीज बुक में दर्ज हुआ
बैंक लूट की दुनिया की सबसे बड़ी वारदात, जिसे गिनीज बुक में किया गया दर्ज, पढ़ें सनसनीख़ेज़ डकैती की कहानी guinness world records robbery read crime story in hindi of bank robbery on crime tak.
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GOPAL SHUKLA
Real Story of Bank loot: ये सच्ची वारदात दुनिया के इकलौते और निहत्थे लुटेरों की ऐसी कहानी है जिसे सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ये दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी बैंक डकैती है जो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book Of World Records) में दर्ज हो गई। ये एक ऐसी लूट है जिसको लूटने वाला भी अजीब है। और उसका तरीक़ा भी उससे भी ज्यादा अजीब।
एक ऐसी डकैती जिसमें लूट की रकम ले जाने के लिए लुटेरों को कई ट्रकों का इस्तेमाल करना पड़ा। और दुनिया की ये सबसे बड़ी डकैती एक दो मिनट या एक दो घंटे नहीं बल्कि पूरे पांच घंटे तक चलती रही।
18 साल पहले हुई थी हैरतअंगेज लूट
BIGGEST MONEY HEIST FROM BANK: अब ज़रा इन रुपयों की गिनती करिए। 68,34,95,60,000 रुपये। कितने करोड़ हुए। थोड़ी दिक्कत हुई ना। अब जान लीजिए ये करोड़ नहीं बल्कि पूरे 68 अरब, 34 करोड़, 95 लाख, 60 हज़ार रुपये हैं। यही वो रकम है जो दुनिया की इस सबसे बड़ी और सबसे अनोखी के साथ साथ सनसनीखेज़ बैंक डकैती में लूटी गई थी। इस बैंक डकैती की एक और सबसे ख़ास बात ये है कि ये लूट बस एक दस्तख़त से अंजाम दे दी गई...और इसमें लूटी गई तमाम रकम का आज तक का पता ही नहीं चल सका।
18 साल पुराने इस जुर्म की दुनिया के सबसे हैरतअंगेज़ क़िस्सों में शुमार इस लूट की दास्तां को आज भी दुनिया के लोग बड़े चाव से न सिर्फ सुनते हैं बल्कि हैरत में पड़ जाते हैं कि आखि़र कैसे महज एक पर्चे के ज़रिए इतनी बड़ी बैंक डकैती डाली गई। और इस बैंक डकैती की सबसे दिलचस्प और चौंकाने वाला पहलू है इस बैंक का लुटेरा।
बग़दाद में सबसे बड़ी बैंक डकैती Crime Ki Real Story Hindi: ये वाकया इराक़ की राजधानी बग़दाद का है। साल था 2003। ये वो दौर था जब इराक़ में सद्दाम हुसैन (SADDAM HUSSEIN ) की हुकूमत थी। और दुनिया का सबसे ताक़तवर मुल्क़ अमेरिका के साथ सद्दाम हुसैन की ठनी हुई थी। और सद्दाम को सबक सिखाने के लिए अमेरिका के साथ साथ दुनिया के ज़्यादातर मुल्क़ों ने उस पर पाबंदियां लगा रखीं थी। जिसकी वजह से इराक़ में बेहिसाब ग़रीबी और भुखमरी होने लगी थी।
यही वो दौर भी था जब सद्दाम हुसैन से बदला लेने के लिए अमेरिका अपने मित्र देशों के साथ मिलकर इराक़ पर हमला करने की तैयारी कर रहा था। तभी दुनिया को दहलाने वाली सबसे बड़ी बैंक डकैती की वारदात का क़िस्सा पूरी दुनिया में छा गया।
एक पर्ची से डाली डकैती
Real Crime Story in Hindi : मार्च के महीने में इराक़ की राजधानी बग़दाद में गर्मी ने दस्तक देनी शुरू कर दी थी, मगर मौसम खुशनुमा बना हुआ था। बग़दाद में मौजूद इराक़ के सेट्रल बैंक (CENTRAL BANK) में काम काज रोज़ मर्रा की तरह चल रहा था।
तभी एक शख्स तेज़ क़दमों से चलता हुआ बैंक के मुखिया के पास पहुँचा और उसे एक पर्ची थमा दी. उस पर्ची पर लिखी इबारत को देख कर बैंक अधिकारी के माथे पर पसीनें की बूंदे छलक उठी थीं। उसने अपने पास वो पर्चा लेकर पहुँचे शख्स की तरफ सवालिया अंदाज़ में देखा। बैंक प्रमुख के पास पहुँचे शख्स ने जो जवाब दिया, उसे सुनकर बैंक प्रमुख के होश उड़ गए क्योंकि बात ख़तरनाक थी और डर पैदा करने वाली भी।
होश उड़ाने वाली इबारत
Bank Loot Ki Real Story: पर्चे में लिखा हुआ था कि बैंक में रखी सारी करेंसी हिफ़ाज़त के लिहाज से फौरन बैंक से दूर किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए, क्योंकि दुश्मन मुल्क किसी भी वक़्त हमला करके बैंक पर कब्जा कर सकते हैं और मुल्क की सारी रकम को अपने कब्जे में ले सकते हैं।
दरअसल ये ख़बर भी पूरे इराक़ में फैल चुकी थी कि सद्दाम हुसैन इस वक़्त खौफ़ में हैं और वो किसी भी सूरत में अपने पैसों को दुश्मन मुल्क के हाथ नहीं पड़ने देना चाहते थे। इस अफ़वाह की रोशनी में बैंक प्रमुख के पास सिवाय हां करने के कोई चारा नहीं था। लिहाजा उस सेंट्रल बैंक में रखी तमाम रक़म को बिना देरी किए बैंक से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने की कवायद शुरू हो गई।
तीन ट्रकों में लादी लूट की रकम
Real Story Of Crime : बैंक के चेस्ट में रखी रकम जो अमेरिकी डॉलर और यूरो की शक्ल में थी, उसे ट्रकों में भरने का सिलसिला शुरू हो गया और क़रीब पांच घंटों तक ये सिलसिला चलता रहा। बैंक में रखी क़रीब 920 मिलियन डॉलर की रकम को तीन बड़े ट्रकों पर लादने में पांच घंटे लग गए।
चश्मदीदों का कहना है कि बैंक की चेस्ट में नोट की ढेरों गड्डियां मौजूद थी लेकिन ट्रकों में जगह ही नहीं बची थी। लिहाजा वो रकम को वहीं छोड़ दिया गया। और वो शख्स अपने साथ आए पांच लोगों और तीन ट्रकों को लेकर वहां से बड़े आराम से चला गया।
सद्दाम के बेटे ने लूटा बैंक
Real Crime Story: कुछ ही घंटों के बाद बैंक को पता चल गया था कि सद्दाम हुसैन की तरफ से ऐसा कोई भी फ़रमान नहीं निकाला गया था। यानी अब ये बात शीशे की तरह साफ हो गई थी कि बैंक लुट गया। और बैंक लुटने की ये ख़बर लाख कोशिशों के बावजूद छुपी न रह सकी। हालांकि उस पर्ची पर लिखी बात से एक बात सही साबित हुई, क्योंकि इस वारदात के कुछ ही रोज़ बाद अमेरिका ने इराक़ पर हमला भी कर दिया था।
लेकिन इराक़ के लोग उस वक़्त बेहद चौंक गए जब उन्हें इस लूट को अंजाम देने वाले शख़्स के बारे में पता चला। बैंक प्रमुख के पास सद्दाम हुसैन की पर्ची लेकर पहुँचने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि सद्दाम हुसैन का बेटा क़ुशै था।
गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज लूट
Biggest Bank Loot Real Crime Story: बैंक की तरफ से जब इस लूट की रकम का खुलासा किया गया तो उसे सुनकर दुनिया दंग रह गई। क्योंकि इससे पहले इतनी बड़ी रकम कभी भी किसी भी बैंक से नहीं लूटी गई थी। डकैती की ये वारदात देखते ही देखते पूरी दुनिया भर की सुर्खियों में छा गई। और इस सनसनीख़ेज़ लूट की वारदात को गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रखा गया जो शायद आज भी कायम है।
इस लूट की सबसे ख़ास बात ही यही थी कि न तो इसमें कोई गोली चली न ही किसी हथियार का इस्तेमाल किया गया और न ही कोई खींच तान हुई...मगर दिन दहाड़े शहर के बीचो बीच देश के सबसे बड़े बैंक में खुलेआम डकैती पड़ गई और बैंक के लोग देखते रह गए।
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Essay on "A Bank Robbery" in English, full Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, and 12 Kids, Students for Examination.
A bank robbery.
A bank is considered a safe place for saving money and safe custody for valuable things. Therefore we deposit our money in banks. We deposit our valuable articles in lockers in bank.
Last week I witnessed a daring bank robbery. It was Monday; I had gone to the Bank of India to encash a cheque. The bank was crowded with customers. There was a great rush at each counter. I also stood in a long queue before the teller. There was nothing unusual for some time.
Just then seven persons entered the bank. They were dressed in uniforms. They pretended to check up the security arrangements of the bank. For some time, none could know what the matter was. But soon it became clear that they were bank-robbers. They had pistols and daggers. Within no time, two of them snatched the gun from the watchman standing at the gate. Suddenly, they bolted the gate of the bank from inside and took out pistols. Others proceeded further. They pushed the customers aside and ordered them to keep back. One of them entered the manager's cabin and aimed his pistol at him. One of the robbers threatened the staff at the point of gun to remain where they were. Two of the robbers forced their way to the cash counter and began to fill their bags with currency notes. There was no movement from any corner. None was ready to risk his life. As soon as the dacoits finished the task of collecting money, they took away the bags and rushed out. It all happened within minutes. Everyone was frightened while the dacoits left the bank.
The manager who was watching everything helplessly now took courage and rang the alarm bell. But it was too late. The robbers had sped away in a car which was waiting outside for them. Meanwhile, the police arrived on the scene. The police party inquired about the dacoits from the customers of bank. They informed the control room about the dacoits. The city police chased the robbers, but the chase proved futile.
The police found the car that had been used in the crime. It had been abandoned by the robbers on a wayside road. Let us hope that the police trace out the culprits also.
The memory of this incident still makes me shudder.
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वारदात: इन लोगों ने प्लान की द ग्रेट रॉबरी
हरियाणा के एक छोटे से गांव के दो प्रॉपर्टी डीलर महिपाल और सतीश को धंधे में कुछ नुकसान हो गया था. महिपाल और सतीश रिश्ते में जीजा साला भी थे. इसी के बाद सतीश पहली बार आइडिया देता है बैंक लूटने का. दरअसल महिपाल का ये घर पंजाब नेशनल बैंक के पास था. पर घर चार साल से बंद पड़ा था..
हरियाणा के एक छोटे से गांव के दो प्रॉपर्टी डीलर महिपाल और सतीश को धंधे में कुछ नुकसान हो गया था. महिपाल और सतीश रिश्ते में जीजा साला भी थे. इसी के बाद सतीश पहली बार आइडिया देता है बैंक लूटने का. दरअसल महिपाल का ये घर पंजाब नेशनल बैंक के पास था. पर घर चार साल से बंद पड़ा था. धंधे में नुकसान होने के बाद सतीश महिपाल को कहता है कि अगर किसी तरह हम बैंक में घुस जाएं तो बैंक लूट सकते हैं. इसी के बाद महिपाल के घर से बैंक तक सुरंग खोदने की सजिश रची जाती है.
साजिश के तहत महिपाल अपने गांव के तीन और लड़कों को अपने साथ शामिल कर लेता है. इनमें एक मेडिकल कालेज में लैब अटेंडेंट था, दूसरा गांव का बढ़ई और तीसरा बेरोजगार. अब ये पांच लोग मिल कर डेढ़ महीने पहले यानी सितंबर में सुरंग खोदने का काम शुरू करते हैं.
पांचों को अलग-अलग टास्क दिया गया था. महिपाल घर पर सिर्फ पहरा देता था कि कोई आ तो नहीं रहा. बढ़ई सुरंग खोदता था. सुरेंद्र सरंग की मिट्टी बाहर निकालता था. बलराज वो मिट्टी बाहर इस तरह ठिकाने लगाता था कि किसी को शक ना हो. जबकि सतीश सुरंग की लंबाई, गहराई और चौडाई का खाका खींचता था.
सुरंग खोदने के लिए पांचों ने बिल्कुल देसी तरीका अपनाया था. इसके लिए वो खुरपा और गैंती का इस्तेमाल करते थे. खुदाई के दौरान बिल्कुल शोर ना हो इसका पूरा ख्याल रखते थे. हमेशा खुदाई दिन के वक्त ही किया करते थे और एक बार में दो से ढाई घंटे से ज्यादा खुदाई नहीं करते थे ताकि मिट्टी ज्यादा जमा ना हो.
खुदाई से पहले महिपाल और सतीश ने कई बार अंदर के जाकर रैकी की थी. लॉकर रूम कहां है सुरंग का मुंह कहां खुलना है ये सब उन्होंने पहले से प्लान कर रखा था. कहते हैं कि सुरंग की खुदाई 25 अक्तूबर से पहले ही पूरी हो चुकी थी. मगर ये लोग रविवार की छुट्टी का इंतजार कर रहे थे. इसलिए 26 अक्तूबर को जब बैंक बंद था तभी इन्होंने सुरंग का आखिरी सिरा खोला और फिर सारा माल बैंक से पहले घऱ लाए और फिर घर से सारा माल गांव ले गए.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस बैंक रॉबरी की जिस तरह से मीडिया में खबर आई उसी के बाद खुद लुटेरों में से किसी ने गांव में बड़बोलेपन में शायद अपना राज उगल दिया और इस तरह फोन की शक्ल में पुलिस तक उनका सच पहुंच गया. हालांकि पुलिस बेशक मामला सुलझा लिया है पर लूट का सारा माल बरामद होना अभी बाकी है. जिन 86 लॉकर्स को लूटा गया है उन लॉकरों के मालिकों ने जो हिसाब-किताब बैंक को दिया है उसके मुताबिक लूटे गए गहने की कीमत लगभग सौ करोड़ है.
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Essay on “A Bank Robbery” for School, College Students, Long and Short English Essay, Speech for Class 10, Class 12, College and Competitive Exams.
A Bank Robbery
Robberies have become the order of the day. There are so many, such as train robbery, bus robbery or a robbery in a bank. Robbers have become dare-devils. They do not care for life, neither their own nor others. Their sole job is to rob and loot and run away. Sometimes they are caught but usually they escape Scot free. Law cannot do anything, it remains a mute, helpless spectator.
The other day I went to Union Bank of India in Karol Bagh. The bank was busy in usual transactions. There was heavy rush of people. All of a sudden robbers entered from the main gate with covered faces. They had pistols and guns in their hands. They shouted and thundered to the fear of one and all. They ordered everyone to lay on floor with raised hands. In a twinkling of an eye they, took position. Two of them, with guns held the main gate. The other three after pushing customers aside went behind the cash counters and the strong room. One of them held the manager by neck. They did this all at the point of pistols and guns. Now, life is dear to everyone. The fear of life makes everyone coward and timid. Nobody could show any resistance. So we kept calm. Before our eyes one or two of them filled bags with currency notes. They gathered plenty of money. We were all helpless and watched this all broad-daylight looting spree as mute spectators.
After threatening the bank staff they left quite comfortably without shooting even a single shot. A waiting car took them away alongwith the booty. Someone informed police from a nearby telephone as all lines inside the bank had been snapped beforehand. Police came in a while and started their tough investigations. They sent parties to apprehend the robbers but all in vain. Only an hour later the used car was found abandoned at a deserted place.
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बैंक पर निबंध
By विकास सिंह
बैंक वित्तीय संस्थान हैं जो मौद्रिक लेनदेन में सौदा करते हैं। बैंक किसी भी समाज का अभिन्न अंग होते हैं। हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में कई बैंक स्थित हैं। जबकि पहले भारत में बड़े शहरों और कस्बों में कुछ शाखाओं के साथ बैंकों की सीमित संख्या थी, पिछले कुछ दशकों में देश के हर नुक्कड़ और शाखाओं में कई नए बैंक खुले हैं।
बैंक पर निबंध, short essay on bank in hindi (200 शब्द)
बैंकिंग प्रणाली जिसमें जमा को स्वीकार करना और पैसे उधार देना शामिल है, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सदियों पहले शुरू हुई। समय के साथ व्यवस्था में सुधार हुआ और बैंक इन दिनों मूल जमा और उधार के अलावा कई अन्य सुविधाएं प्रदान करते हैं। लोगों को बैंकों में अपना पैसा रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि यह पैसे को स्टोर करने का एक सुरक्षित और सुरक्षित तरीका है।
बैंक में सावधि जमा और आवर्ती जमा के रूप में संग्रहित धन भी अच्छी मात्रा में मिलता है। पैसे के अलावा, कोई बैंक के लॉकर में आभूषण और महत्वपूर्ण कागजात भी रख सकता है। ऋण प्रदान करना, जो बैंकों का एक और प्राथमिक कार्य है, कई मायनों में व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए भी फायदेमंद है। वेतनभोगी लोग बैंक से ऋण की मदद से अपनी परिसंपत्ति जैसे कार आदि भी खरीद सकते हैं।
व्यवसायी इस सुविधा के साथ अपने व्यवसायों का विस्तार कर सकते हैं। व्यवसायियों को उनके वित्तीय लेनदेन को आसान बनाने और उनके व्यवसाय के विकास में सहायता करने के लिए कई अन्य सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं। ऑनलाइन बैंकिंग ने बैंकिंग की प्रक्रिया को और बढ़ाया है। बैलेंस चेक करने, राशि ट्रांसफर करने, लोन के लिए आवेदन करने जैसी विभिन्न बैंकिंग सेवाएं अब बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई हैं। सभी ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग सेवा का विकल्प चुनने की आवश्यकता है।
बैंक पर निबंध, 300 शब्द :
प्रस्तावना :.
सदियों से बैंकिंग प्रणाली लागू है। यह प्रणाली भारत के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में भी प्रचलित है। केवल प्रदान की गई सेवाएँ और किए गए कार्य समय के साथ बढ़े हैं।
बैंकों का इतिहास :
पुनर्जागरण इटली के कुछ हिस्सों में 14 वीं शताब्दी में बैंकिंग सेवा वापस शुरू हुई। यह प्राचीन काल से लोगों के बीच होने वाले उधार और उधार की अवधारणा की तर्ज पर शुरू किया गया था। प्राचीन काल में, व्यापारियों ने व्यापारियों और किसानों को अनाज ऋण दिया था। इसे वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता था। समय के साथ प्रणाली जमा और उधार धन स्वीकार करने के लिए विकसित हुई।
फुगर्स, मेडिसिस, बर्नबर्ग, रोथस्चिल्ड कुछ बैंकिंग राजवंशों में से एक हैं जो बैंकिंग के इतिहास में एक केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं। वे सदियों तक इस क्षेत्र में हावी रहे। आधुनिक बैंकिंग सेवाएं जैसे कि नोटबंदी और रिजर्व बैंकिंग जारी करना 17वीं शताब्दी में शुरू हुआ। बैंक ऑफ इंग्लैंड और द रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड दुनिया के सबसे पुराने बैंकों में से कुछ हैं।
भारत में बैंकों का इतिहास :
भारत में, बैंकिंग प्रणाली वैदिक सभ्यता से मिलती है। उस जमाने में भी जरूरतमंदों को ऋण दिया जाता था, केवल किटी-ग्रिट्टी ही इसमें शामिल थे, अलग-अलग थे।
उस काल के ऋण कर्मों को रानलेख्य या रनापत्रा नाम से जाना जाता था। बड़े व्यापारियों और जमींदारों ने पहले के समय में छोटे व्यापारियों और किसानों को ब्याज पर पैसा दिया। यह संस्कृति अभी भी देश के कुछ गांवों में प्रचलित है।
उन लोगों की भूमि या अन्य मूल्यवान संपत्ति जो राशि का भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्हें जब्त कर लिया गया, जैसा कि बैंक इन दिनों करते हैं। भारत में स्थापित पहला बैंक बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान था। यह कलकत्ता में वर्ष 1770 में खोला गया था। बैंक ऑफ बॉम्बे, बैंक ऑफ कलकत्ता और बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना 19 वीं शताब्दी के प्रारंभ में हुई थी।
निष्कर्ष :
विभिन्न ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर देश में कई प्रकार के बैंक हैं। वे देश की अर्थव्यवस्था के विकास में विभिन्न सेवाएँ और सहायता प्रदान करते हैं।
बैंक पर निबंध, Essay on bank in hindi (400 शब्द)
परिचय एक बैंक एक संस्था है जो जनता से धन जमा स्वीकार करता है और व्यक्तियों के साथ-साथ फर्मों को ऋण पर धन प्रदान करता है। ये बैंक के प्राथमिक कार्य हैं लेकिन केवल कार्य नहीं हैं। वे अपने ग्राहकों को विभिन्न अन्य सेवाएं प्रदान करते हैं जैसे कि लॉकर सुविधा, धन का हस्तांतरण, ड्राफ्ट जारी करना और कुछ नाम रखने के लिए पोर्टफोलियो प्रबंधन करना आदि इसके मुख्या कार्य हैं।
बैंकों का महत्व :
बैंक व्यक्तियों के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। नीचे कुछ बिंदु हमें बैंकों का महत्त्व बताते हैं :
सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करता है :
घर में रखा पैसा सुरक्षित नहीं है। यह चोरी का खतरा है। जब आप अपना पैसा बैंक में रखते हैं, तो इसे सुरक्षित रखना बैंक की जिम्मेदारी है। आपको इसकी सुरक्षा के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
सेविंग हैबिट्स को प्रोत्साहित करता है :
बैंक लोगों में बचत की आदतों को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर विभिन्न योजनाएं प्रदान करते हैं। बैंक में डाला गया पैसा न केवल बच जाता है, बल्कि बढ़ता भी है। आपके पास किसी भी समय इसे वापस लेने का विकल्प है।
व्यापार और वाणिज्य मामले :
बैंक व्यापारियों को ऋण और अग्रिम प्रदान करके देश के भीतर व्यापार को बढ़ावा देते हैं। यह विभिन्न देशों के बीच व्यापार की प्रक्रिया को भी आसान बनाता है। वे प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए आसान पैसे के लेनदेन के विकल्प प्रदान करते हैं। बैंकिंग प्रणाली में उन्नति के साथ कहीं से भी धन भेजना और प्राप्त करना आसान है।
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देता है :
कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विशेष बैंक हैं जो कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कम ब्याज पर ऋण प्रदान करते हैं। इस प्रकार बैंक कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में सहायता करते हैं।
उद्योगों के विकास में सहायक :
बैंक व्यक्तियों और व्यवसायों से जमा स्वीकार करते हैं और उद्योगों को भार प्रदान करते हैं। वे इस प्रकार विभिन्न उद्योगों के विकास में सहायता करते हैं। ऋण को आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है।
रोजगार के अवसर प्रदान करता है :
बैंक कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और विकास के लिए ऋण प्रदान करते हैं। जैसे-जैसे इन क्षेत्रों का विस्तार होता है, जनता के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं।
बैंक किसी भी देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। आधुनिक बैंकिंग सेवाओं ने व्यापार, उद्योगों के विकास और अन्य गतिविधियों की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद की है जो देश की अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करते हैं। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान जो व्यवसायों के विकास को बढ़ावा देते हैं और व्यक्तियों के धन और अन्य मूल्यवान संपत्तियों की सुरक्षा करते हैं, निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक अभिन्न भूमिका निभाते हैं।
बैंक पर निबंध, 500 शब्द :
देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे आपके वित्त को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में आपकी सहायता के लिए कई सेवाएं प्रदान करते हैं। इस प्रकार ये संस्थान किसी भी समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
बैंकों के कार्य :
बैंकों के कार्यों को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। ये प्राथमिक कार्य और द्वितीयक कार्य हैं। यहाँ इन पर एक नज़र विस्तार से है:
प्राथमिक कार्य :
प्राथमिक कार्य बैंकों के मुख्य कार्य हैं। इनमें जमा स्वीकार करना और ऋण प्रदान करना शामिल है। इन कार्यों पर एक संक्षिप्त नज़र है:
1. जमा स्वीकार करना:
ये जमा मूल रूप से चार अलग-अलग प्रकार के होते हैं: डिपॉजिट सेविंग: ये डिपॉजिट पब्लिक को पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बहुत आसानी से बिना किसी प्रतिबंध के बचत खाते में पैसा आसानी से निकाला और जमा किया जा सकता है। हालांकि यहां ब्याज दर काफी कम है।
करंट डिपॉज़िट:
यह खाता विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए है। ये खाते ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं जो व्यवसायों के लिए फायदेमंद हैं। इस खाते में कोई ब्याज नहीं दिया जाता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट:
एक निश्चित डिपॉजिट में काफी बड़ी राशि एक निश्चित अवधि के लिए खाते में जमा की जाती है। ऐसी जमाओं में ब्याज की दर अधिक है। आवर्ती जमा: इस तरह के खाते में एक निश्चित राशि नियमित अंतराल पर जमा की जाती है। ब्याज की दर अधिक है। हालाँकि, एक निश्चित अवधि से पहले राशि को वापस नहीं लिया जा सकता है।
2. ऋण प्रदान करना:
बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण और अग्रिम इस प्रकार हैं:
ऋण:
ऋण अल्पावधि और दीर्घकालिक अवधि दोनों के लिए दिए जाते हैं। ऋण के प्रकार और अवधि के आधार पर समान ब्याज की दर भिन्न होती है। इसे किश्तों में चुकाया जा सकता है।
कैश क्रेडिट:
ग्राहकों को एक निश्चित राशि तक नकद क्रेडिट लेने की सुविधा होती है जो कि उन्नत में तय की जाती है। इसके लिए एक अलग कैश क्रेडिट खाता बनाए रखना होगा।
ओवरड्राफ्ट:
यह सुविधा व्यवसायियों के लिए है। यह इस प्रकार चालू खाता धारकों को प्रदान किया जाता है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उन्हें अलग खाते को बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है।
द्वितीयक कार्य :
माध्यमिक कार्य, जिन्हें गैर-बैंकिंग कार्य भी कहा जाता है, दो प्रकार के होते हैं। ये एजेंसी के कार्य और सामान्य उपयोगिता कार्य हैं। यहाँ इन दोनों प्रकार के कार्यों पर एक संक्षिप्त नज़र है:
1. एजेंसी कार्य :
बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक एजेंट के रूप में भी काम करता है। इस संस्था द्वारा कई एजेंसी कार्य किए जाते हैं। इनमें चेक का संग्रह, आवधिक भुगतान, पोर्टफोलियो प्रबंधन, आवधिक संग्रह और धन हस्तांतरण शामिल हैं। बैंक अपने ग्राहकों के लिए निष्पादक, प्रशासक, सलाहकार और न्यासी के रूप में भी कार्य करते हैं। वे अपने ग्राहकों को अन्य संस्थानों से निपटने में मदद करते हैं।
2. सामान्य उपयोगिता कार्य :
बैंक सामान्य उपयोगिता कार्य भी करते हैं जिनमें लॉकर सुविधा प्रदान करना, शेयरों की अंडरराइटिंग, विदेशी मुद्रा में व्यवहार करना, ड्राफ्ट जारी करना और ऋण पत्र, परियोजना रिपोर्ट तैयार करना, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों जैसे कि सार्वजनिक कल्याण अभियान और वयस्क साक्षरता कार्यक्रम शामिल हैं। इसके तहत प्रदान की जाने वाली बिल ऑफ एक्सचेंज एक और सेवा है।
निष्कर्ष:
जबकि शुरू में बैंकों के कार्यों में केवल जमा को स्वीकार करना और ऋण प्रदान करना शामिल था; उन्होंने अब विभिन्न अन्य सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है। इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य ग्राहकों को उनके वित्त के साथ मदद करना है।
बैंक पर निबंध, Essay on bank in hindi (600 शब्द)
बैंक वित्तीय संस्थान हैं जो पैसे उधार देते हैं और आम जनता से जमा स्वीकार करते हैं। बैंक देश में धन के प्रवाह को बनाए रखते हैं और इसके आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न प्रकार के बैंक हैं जो व्यक्तियों के साथ-साथ व्यवसायों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं।
बैंकों के प्रकार :
यहाँ विभिन्न प्रकार के बैंक और उनके कार्य हैं :
नेशनल बैंक :
नेशनल बैंक जिसे केंद्रीय या संघीय बैंक नाम से भी जाना जाता है, ये बैंक सरकार की वित्तीय प्रणाली का प्रबंधन करते हैं। ये गैर-लाभकारी संस्थान दूसरे बैंकों को बैंकरों के रूप में काम करते हैं। हर देश में एक केंद्रीय बैंक है। राष्ट्रीय बैंकों के कुछ कार्यों में विदेशी मुद्रा का पर्यवेक्षण करना, देश की मुद्रा को नियंत्रित करना और कागज़ी मुद्रा जारी करना शामिल है। वे आम जनता के साथ व्यवहार नहीं करते हैं।
फुटकर बैंक :
ये बैंकों के सबसे आम प्रकार हैं। ये मुख्य रूप से आम जनता की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्थापित किए गए हैं। वे आपका बचत खाता खोलते हैं, क्रेडिट कार्ड प्रदान करते हैं, ऋण देते हैं और अन्य सेवाओं के बीच लॉकर की सुविधा प्रदान करते हैं।
बचत करने वाले बैंक :
ये विशेष रूप से लोगों के बीच पैसे बचाने की आदत को स्थापित करने के लिए स्थापित किए गए हैं। ग्राहकों से जमा इन बैंकों में प्रतिभूतियों और बॉन्ड में बदल जाते हैं। ये 18 वीं शताब्दी में यूरोपीय देशों में स्थापित किए गए थे। इसके अलावा, इन बैंकों से जमा स्वीकार करने पर ये बैंक कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं।
वाणिज्यिक बैंक :
इन बैंकों का मुख्य उद्देश्य व्यापारी वर्ग की सहायता करना है। वे व्यवसायियों को ऋण प्रदान करते हैं और अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं जो व्यवसायी पुरुषों के लिए उपयोगी हैं। इनमें से कुछ सेवाओं में बिल ऑफ एक्सचेंज, ओवरड्राफ्ट और चेक संग्रह शामिल हैं।
भूमि बंधक बैंक :
कृषि बैंक या भूमि विकास बैंक के रूप में भी जाना जाता है, ये मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र को वित्त पोषण करके सहायता करने के लिए स्थापित किए जाते हैं। ये बैंक भूमि विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बैंकों की इस विशेष श्रेणी के अस्तित्व में आने का कारण यह है कि कृषि क्षेत्र और वाणिज्यिक बैंकों के वित्तपोषण में बहुत जोखिम है जो अन्य व्यवसायों का समर्थन करते हैं, ऐसे जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं।
सहकारी बैंक :
सहकारी बैंक छोटे पैमाने के किसानों, छोटे पैमाने के व्यवसायों और वेतनभोगी लोगों को ऋण प्रदान करते हैं। वे लोगों को वाणिज्यिक और खुदरा दोनों सेवाएं प्रदान करते हैं। ये बैंक सहकारी समितियों अधिनियम, 1912 के तहत पंजीकृत हैं।
उपभोक्ता बैंक :
ये बैंक विशेष रूप से टिकाऊ उपभोक्ता सामान जैसे कार, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, फर्नीचर, आदि खरीदने के लिए ऋण प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए हैं। ये बैंक अपने उपभोक्ताओं को आसान किस्तों में ऋण चुकाने का लाभ देते हैं। ये ज्यादातर पहली दुनिया के देशों में पाए जाते हैं।
औद्योगिक बैंक :
विकास बैंकों के नाम से भी जाना जाता है, ये बैंक औद्योगिक क्षेत्र की सहायता के लिए स्थापित हैं। ये बैंक शेयर और डिबेंचर जारी करके नकदी स्वीकार करते हैं। वे उद्योगों को विस्तार और विकास में मदद करने के लिए दीर्घकालिक ऋण प्रदान करते हैं। ऐसे कई बैंक देश की आजादी के बाद स्थापित हुए हैं।
एक्सचेंज बैंक :
ये बैंक विशेष रूप से विदेशी व्यापार के वित्तपोषण में लगे हुए हैं। इन बैंकों के कुछ मुख्य कार्यों में विदेशी बिलों में छूट देना, चांदी और सोने की खरीद-बिक्री करना और निर्यात और आयात व्यापार करने में सहायता प्रदान करना शामिल है।
बैंक आम जनता के साथ-साथ पूरे देश के वित्तीय मुद्दों को आसान बनाने के लिए स्थापित किए जाते हैं। विभिन्न प्रकार के बैंक विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं और विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए हैं।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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Bank Robbery Story
Stories for children are filled with informative lessons and important values. Reading such stories to the kids will help in increasing their creative and imaginative skills.
Read the story of a young boy who prevented a robbery from taking place.
The story shares the importance of bravery and cleverness.
Read the Bank Robbery Story in English
Kids, have you ever been to a bank? If not then you definitely should. Banks are the places where our parents and other adults deposit their money for our future use. We can also deposit our money in our bank accounts at the bank. In this Bank Robbery story , we will read about a young boy who went to the bank for his work but got caught in a robbery incident. Let us see what the story holds for us.
An Amazing Short Story on Robbery
One day, a boy named Swapnil decided to go to the bank near his house. He wanted to open a Fixed Deposit in the bank for his future. When he reached the bank, he saw that it was very big and had a lot of floors. He went into the main office and looked around for someone to help him. Then he went to the head manager of the bank and made his request to open an FD at the bank. As the person was explaining the procedure to Swapnil, he listened intently. He was given a form to fill out to open the FD. So, Swapnil started filling the form out. During that time, he also looked around the bank and saw different people doing their work.
Swapnil, the Young Boy Filling the Form Out
The Robbers Enter the Bank
After some time, Swapnil’s eyes fell on three grown men who entered the bank. They were wearing normal clothes and looked like ordinary men. So, Swapnil didn’t think much about it and continued with his work. Suddenly, he heard a voice shout, “Everybody put your hands up in the air. This is a robbery.” Swapnil turned to look at the voice who shouted and saw that the same guys whom he saw earlier were standing there with their guns.
Everyone had their hands up in the air. The head robber shouted to the cashier and asked her to give the keys to the locker.
Robbers Trying to Steal From the Locker
They planned to steal everything from the locker. Another one of the robbers went towards the people and started collecting their phones and valuables. “Everybody must give me everything that you have if you want to live.”, he said. The robber warned the people in the bank that if they tried to inform the police, they will kill everyone. The security personnel of the bank were on the ground floor so they couldn't reach the main office.
Swapnil Has A Plan To Stop the Robbers
Swapnil saw what was happening and got very scared. However, he understood that the police won’t be able to help them out. So, he made a plan to trick the robbers and scare them away. When one of the robbers came to him for his phone, Swapnil pretended that he was signalling someone at the nearby window to not do anything. When the robber saw that he asked, “Who are you signalling?”
Swapnil replied, “Actually I saw someone at the window and he was trying to tell me that he was going to inform the police. I simply told him not to do so because we will all be in danger.” The robbers got scared hearing that someone might have informed the police. So, they left the bank in a hurry and didn’t take anything. Thus Swapnil managed to save the day.
Summary of the Short Story on Robbery
Children can learn a lot from this robbery story. The Bank Robber Moral story shares the importance of bravery and cleverness in times of peril. Swapnil was a young boy and still, he managed to outsmart those robbers and scare them away. We can always get out of any difficult situation in life if we are smart about it.
FAQs on Bank Robbery Story
1. Why was Swapnil at the bank?
According to the Robbery Story In English , Swapnil went to the bank to open a Fixed Deposit.
2. Who was Swapnil signalling to by the window?
There was no one at the window. Swapnil was simply pretending to signal someone so that he could trick the robbers.
3. How can we deposit money at the bank?
To deposit our money at the bank, we need to open an account at the bank first. Then we can easily deposit the money using a cheque or simply depositing the cash.
बैंक पर निबंध (Bank Essay in Hindi)
बैंक वित्तीय संस्थान हैं जो मौद्रिक लेनदेन में सौदा करते हैं। बैंक किसी भी समाज का अभिन्न अंग हैं। हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में कई बैंक स्थित हैं। हालांकि पहले भारत में बड़े शहरों और कस्बों में कुछ शाखाओं के साथ सीमित संख्या में बैंक थे पर पिछले कुछ दशकों में कई नए बैंकों ने देश के हर जगह और कोने-कोने में शाखाएं खोल दी हैं।
बैंक पर लंबे और छोटे निबंध (Long and Short Essay on Bank in Hindi, Bank par Nibandh Hindi mein)
बैंक पर निबंध – (250 – 300 शब्द) – bank par nibandh.
सदियों से बैंकिंग प्रणाली चली आ रही है। यह प्रणाली भारत में और साथ ही दुनिया के अन्य भागों में भी प्रचलित है। बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं और कार्य समय के साथ बढ़ते चले आ रहें हैं।
बैंकों का इतिहास
14वीं सदी में इटली के कुछ हिस्सों में बैंकिंग सेवा शुरू हुई थी। यह प्राचीन युग के बाद से लोगों के बीच उधार देने और उधार लेने की अवधारणा की तर्ज पर शुरू की गई थी। प्राचीन समय में व्यापारियों ने बनियों और किसानों को अनाज का कर्ज दिया था। इसे वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता था। समय बीतने के साथ धन जमा करने और धन उधार देने की प्रणाली विकसित होती चली गई।
फागर्स, मेडिसिस, बीरेनबर्ग्स, रोथस्चिल्स बैंकिंग राजवंशों में से हैं जो बैंकिंग के इतिहास में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं। सदियों से उन्होंने इस क्षेत्र पर राज़ किया है। 17वीं सदी में बैंकनोट्स और रिजर्व बैंकिंग जारी करने जैसी कुछ आधुनिक बैंकिंग सेवाएं शुरू हुईं। बैंक ऑफ इंग्लैंड और द रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड दुनिया के कुछ सबसे पुराने बैंकों में से एक हैं।
भारत में बैंकों का इतिहास
भारत में बैंकिंग प्रणाली वैदिक सभ्यता के ज़माने से है। उस युग में जरूरतमंदों को ऋण दिया जाता था। उस अवधि में ऋण को ऋणलेख या ऋणपत्र के नाम से जाना जाता था।
पहले के समय में बड़े व्यापारी और जमींदार छोटे व्यापारियों और किसानों को ब्याज पर पैसे देते थे। यह संस्कृति अभी भी देश के कुछ गांवों में प्रचलित है। जो लोग राशि का भुगतान करने में असमर्थ होते थे उन की भूमि या अन्य मूल्यवान संपत्ति जब्त कर ली जाती थी जैसे आज कल बैंक कर लेते हैं।
बैंक ऑफ हिंदुस्तान भारत में स्थापित पहला बैंक था। यह 1770 में कलकत्ता में खोला गया था। बैंक ऑफ बंबई, बैंक ऑफ कलकत्ता और बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना 19वीं शताब्दी की शुरुआत में हुई थी।
विभिन्न ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर देश में कई प्रकार के बैंक होते हैं। वे विभिन्न सेवाओं और देश की अर्थव्यवस्था के विकास में सहायता करते हैं।
इसे यूट्यूब पर देखें : बैंक
Bank par Nibandh (400 – 500 शब्द)
बैंक एक ऐसा संस्थान है जो जनता से धन जमा करता है और व्यक्तियों के साथ-साथ फर्मों को भी धन उपलब्ध कराता है। ये एक बैंक के प्राथमिक कार्य हैं लेकिन एकमात्र नहीं हैं। वे अपने ग्राहकों को कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं जैसे कि लॉकर सुविधा, धन का हस्तांतरण, ड्राफ्ट और पोर्टफोलियो प्रबंधन जारी करना आदि।
बैंकों का महत्व
बैंक व्यक्तियों के लिए और साथ ही साथ देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। यही कारण है कि इन संस्थानों का निम्न महत्व हैं:
- भय से राहत और सुरक्षा प्रदान करता है
घर पर रखा धन सुरक्षित नहीं है। इसकी चोरी होने का डर बना रहता है। जब आप अपने पैसे बैंक में रखते हैं तो बैंक की ज़िम्मेदारी इसकी रक्षा करना है। आपको इसकी सुरक्षा के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
- बचत की आदतों को प्रोत्साहित करता है
बैंक समय-समय पर विभिन्न योजनाओं की पेशकश करते हैं ताकि लोगों में बचत की आदतों को प्रोत्साहित किया जा सके। बैंक में जमा धन सुरक्षित ही नहीं बल्कि बढ़ता है। आपके पास इसे किसी भी समय वापस लेने का विकल्प होता है।
- व्यापार और वाणिज्य को बढ़ाता है
व्यापारियों को ऋण और अग्रिम प्रदान करके बैंक देश में व्यापार को बढ़ावा देते हैं। यह विभिन्न देशों के बीच व्यापार की प्रक्रिया को आसान बनाता है। वे इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरल तरीके से धन के लेनदेन का विकल्प प्रदान करते हैं। उन्नत बैंकिंग प्रणाली में कहीं भी धनराशि भेजना और प्राप्त करना आसान है।
- कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देता है
कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विशेष बैंक हैं जो कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज पर किसानों को ऋण प्रदान करते हैं। इस प्रकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में बैंक सहायता प्रदान करते हैं।
- उद्योगों के विकास में सहायता करता है
बैंक व्यक्तियों और व्यवसायों से धन स्वीकार करते हैं और उद्योगों को ऋण देते हैं। इस प्रकार वे इस तरह से विभिन्न उद्योगों के विकास में सहायता करते हैं। ऋण को आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है।
- रोजगार के अवसर प्रदान करता है
बैंक कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और प्रगति के लिए ऋण प्रदान करते हैं। जैसे-जैसे इन क्षेत्रों में विस्तार होता है वैसे-वैसे सार्वजनिक रूप से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
बैंक किसी भी देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आधुनिक बैंकिंग सेवाओं ने व्यापार, उद्योगों के विकास और अन्य गतिविधियों की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद की है जो देश की अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करते हैं। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान जो व्यवसायों के विकास को बढ़ावा देते हैं और व्यक्तियों के धन और अन्य मूल्यवान संपत्तियों की रक्षा करते हैं, निश्चित रूप से किसी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक अभिन्न भूमिका निभाते हैं।
बैंक पर निबंध (500 – 600 शब्द)
देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अपने वित्त को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में आपकी सहायता करने के लिए कई सेवाएं प्रदान करते हैं। ये संस्थाएं समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
बैंकों के कार्य
बैंकों के कार्यों को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। ये प्राथमिक कार्य और माध्यमिक कार्य हैं। यहां इन पर विस्तृत जानकारी दी गई है:
प्राथमिक कार्य
प्राथमिक कार्य बैंकों के मुख्य कार्य हैं। इनमें धन को स्वीकार करना और ऋण प्रदान करना शामिल है। यहां इन कार्यों का एक संक्षिप्त रूप है:
- धन स्वीकार करना
ये खाते मूल रूप से चार अलग-अलग प्रकार के होते हैं:
बचत खाते: ये खाते जनता को पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इनसे पैसा आसानी से वापस लिया जा सकता है और बिना किसी प्रतिबंध के बचत खाते में जमा किया जा सकता है। इन खातों में ब्याज दर काफी कम है।
वर्तमान खाते: यह खाता विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए हैं। ये खाते ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं जो व्यवसायों के लिए फायदेमंद होते हैं। इस खाते में कोई ब्याज भुगतान नहीं किया जाता है।
मियादी खाते: मियादी खाते में एक निश्चित धन राशि निश्चित अवधि के लिए जमा की जाती है। ऐसी जमा राशि में ब्याज दर अधिक है।
आवर्ती खाता: एक निश्चित राशि ऐसे खाते में नियमित अंतराल पर जमा की जाती है। ब्याज दर उच्च होती है। हालांकि किसी निश्चित अवधि से पहले राशि वापस नहीं ली जा सकती।
- ऋण प्रदान करना
यहां बैंकों द्वारा दिए गए ऋण और उधार के प्रकार हैं:
ऋण: थोड़े समय और ज्यादा समय दोनों के लिए ही ऋण दिया जाता है। शुल्क पर लगाए गए ब्याज की दर भिन्न-भिन्न प्रकार के ऋण और आधार पर अलग-अलग होती है। इसे किश्तों में चुकाया जा सकता है।
नकद क्रेडिट: ग्राहकों को एक निश्चित राशि की नकदी लेने की सुविधा है जो पैसों की सीमा में तय की गई है। इसके लिए एक अलग कैश क्रेडिट खाता बनाए रखा जाना चाहिए।
ओवरड्राफ्ट: यह सुविधा व्यापारियों के लिए है। इस प्रकार वर्तमान खाता धारकों को यह प्रदान किया जाता है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उन्हें अलग खाते बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है।
द्वितीयक कार्य
द्वितीयक कार्य जिसे गैर-बैंकिंग कार्यों के रूप में भी जाना जाता है दो प्रकार के होते हैं। ये एजेंसी कार्य और सामान्य उपयोगिता कार्य हैं। यहां इन दोनों प्रकार के कार्यों पर एक संक्षिप्त नज़र डाली गई है:
- एजेंसी के कार्य
बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक एजेंट के रूप में भी कार्य करता है। इस संस्था द्वारा कई एजेंसी कार्यों को अंजाम दिया जाता है। इसमें चेक, आवधिक भुगतान, पोर्टफोलियो प्रबंधन, आवधिक संग्रह और धन के हस्तांतरण का संग्रह शामिल है। बैंक अपने ग्राहकों के लिए निष्पादक, प्रशासक, सलाहकार और न्यासी के रूप में भी कार्य करते हैं। वे अपने ग्राहकों को अन्य संस्थानों से निपटने में भी मदद करते हैं।
- सामान्य उपयोगिता कार्य
बैंक सामान्य उपयोगिता कार्य भी करते हैं जिसमें लॉकर सुविधा, शेयरों का हिसाब-क़िताब, विदेशी मुद्रा में काम करना, क्रेडिट के पत्र और ड्राफ्ट जारी करना, परियोजना रिपोर्ट तैयार करना, सार्वजनिक कल्याण अभियान और वयस्क साक्षरता कार्यक्रम जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का उपक्रम शामिल हैं।
इस के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली एक और सेवा बिल के एक्सचेंज की छूट है।
हालांकि शुरू में बैंकों के कार्यों में केवल धन जमा करने और ऋण प्रदान करना शामिल था। उन्होंने अब कई अन्य सेवाएं भी मुहैया कराई हैं। इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य ग्राहकों को अपने वित्त के साथ मदद करना है।
निबंध 4 (600 शब्द)
बैंक वित्तीय संस्थाएं हैं जो आम जनता को धन उधार देते हैं और उनका धन जमा करने के लिए स्वीकार करते हैं। बैंक देश में धन के प्रवाह को बनाए रखते हैं और साथी ही देश के आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न प्रकार के बैंक हैं जो व्यक्तियों के साथ-साथ व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं।
बैंकों के प्रकार
यहां विभिन्न प्रकार के बैंक और उनके कार्य बताए गए हैं:
- नेशनल/राष्ट्रीय बैंक
इस नाम के अलावा इन बैंकों को केन्द्रीय या संघीय बैंक नाम से भी जाना जाता है। ये बैंक सरकार की वित्तीय प्रणाली का प्रबंधन करते हैं। ये गैर लाभकारी संस्थान दूसरे बैंकों में बैंकरों के रूप में सेवा करते हैं। प्रत्येक देश में एक सेंट्रल बैंक होता है। राष्ट्रीय बैंकों के कुछ कार्यों में विदेशी मुद्रा की निगरानी करना, देश की मुद्रा को नियंत्रित करना और कागजी मुद्रा जारी करना शामिल है। वे सामान्य जनता के साथ सौदा नहीं करते।
यह बैंकों का सबसे सामान्य प्रकार है। ये आम तौर पर आम जनता की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्थापित किए गए हैं। ये बैंक बचत खाते खोलते हैं, क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराते हैं, ऋण प्रदान करते हैं और अन्य सेवाओं के साथ लॉकर सुविधा प्रदान करते हैं।
- सेविंग/बचत बैंक
ये विशेष रूप से लोगों के बीच पैसे बचाने की आदत पैदा करने के लिए स्थापित किए गए हैं। इन बैंकों में ग्राहकों से जमा धन को प्रतिभूतियों और बांड में बदल दिया जाता है। ये 18वीं सदी में यूरोपीय देशों में वापस स्थापित किए गए थे। इसके अलावा ये बैंक लोगों की जमाराशियां स्वीकार करते हुए कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं।
- कमर्शियल/व्यवसायिक बैंक
इन बैंकों का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय वर्ग को सहायता करना है। वे व्यापारियों को ऋण प्रदान करते हैं और उन्हें अन्य सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं जो व्यापारिक पुरुषों के लिए उपयोगी होती हैं। इनमें से कुछ सेवाओं में बिल का आदान-प्रदान, ओवरड्राफ्ट और चेक संग्रह शामिल है।
- इन्वेस्टमेंट/निवेश बैंक
इन बैंकों को भी व्यवसायों की सहायता के लिए स्थापित किया गया है। इन बैंकों की मदद से व्यापारियों ने वित्तीय बाजारों में मजबूती स्थापित की है। इन्वेस्टमेंट बैंक उन व्यवसायियों को सुविधा प्रदान करते हैं जिन्हें निवेशकों को कर्ज बेचने की आवश्यकता होती है या अपने व्यवसाय के लिए सार्वजनिक जनता से पैसे प्राप्त करना चाहते हैं।
- लैंड मोर्टगेज /भूमि बंधक बैंक
इन्हें कृषि बैंक या भूमि विकास बैंकों के रूप में भी जाना जाता है। मुख्य रूप से इसे वित्तपोषित करके कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए स्थापित किया गया है। ये बैंक भूमि विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बैंकों की इस विशेष श्रेणी में आने का कारण यह है कि कृषि क्षेत्र के वित्तपोषण में बहुत जोखिम है और अन्य व्यवसायों का समर्थन करने वाले वाणिज्यिक बैंक ऐसे जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं।
- कोआपरेटिव/सहकारी बैंक
कोआपरेटिव/सहकारी बैंक छोटे-छोटे किसानों, छोटे-छोटे व्यवसायों और वेतनभोगी लोगों को ऋण प्रदान करते हैं। वे लोगों को वाणिज्यिक और खुदरा सेवाएं प्रदान करते हैं। ये बैंक सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1912 के तहत पंजीकृत हैं।
- कंज्यूमर/उपभोक्ता बैंक
ये बैंक विशेष रूप से टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं जैसे कि कार, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, फर्नीचर आदि खरीदने के लिए ऋण प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए हैं। ये बैंक अपने उपभोक्ताओं को आसानी से किश्तों में ऋण चुकाने का लाभ दे देते हैं। ये ज्यादातर दूसरे देशों में पाए जाते हैं।
- इंडस्ट्रियल/औद्योगिक बैंक
इन्हें विकास बैंक नाम से भी जाना जाता है। इन बैंकों की स्थापना औद्योगिक क्षेत्र की सहायता के लिए की गई है। ये बैंक शेयर और डिबेंचर जारी करके नकद धन स्वीकार करते हैं। ये बैंक उद्योगों को अपने विस्तार और उन्हें विकसित करने में मदद करने के लिए दीर्घकालिक ऋण प्रदान करते हैं। आजादी के बाद देश में ऐसे कई बैंक स्थापित किए गए हैं।
- एक्सचेंज/विनिमय बैंक
ये बैंक विशेष रूप से विदेशी व्यापार के वित्तपोषण का काम करते हैं। इन बैंकों के कुछ मुख्य कार्यों में विदेशी बिलों की छूट, चांदी और सोने की बिक्री और खरीद तथा निर्यात और आयात व्यापार को चलाने में सहायता प्रदान करना शामिल है।
सामान्य जनता के साथ-साथ पूरे देश के वित्तीय मुद्दों को कम करने के लिए बैंकों की स्थापना की जाती है। विभिन्न प्रकार के बैंक विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं और विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए हैं।
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The 'Robbery in the Bank Game' - Practising Simple Past in Hindi (or other language)
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This paper is aimed at describing the use of 'Murder Mystery Game' in teaching speaking recount texts to senior high shchool students. This game is applied to motivate senior high school students to speak English. This game enables students to solve the problem by using the clues given to them. 'Murder Mystery Game' allows the students to share ideas to other students by giving some steps to accomplish. Those steps are interviewing character, discussing in group to find the murderer, and discovering the murderer and telling it to the class in form of oral recount texts. INTRODUCTION English is a foreign language which is included as a subject taught in Indonesia's education curriculum. Curriculum 2013 which is the latest curriculum in Indonesia has English as a subject to teach in both junior and senior high schools. English is learned because one of the goals of Indonesia's education system is to enable students to use English as a foreign language. The bigg...
Journal on English Language Teaching, 2016
This paper is about the use of draw the bank robbers game in teaching writing descriptive texts in Junior High School. The purpose of this paper is to explain that draw the bank robbers game can be used by English teachers of Junior High School in teaching writing descriptive texts. Before applying this game, the teacher has to decide an interesting topic so that the students are enthusiastic to do this game. This game is used in pairs, the teacher provides a short description about the object will be described; the object can be a person, thing or place. Then, the teacher asks the students to draw the picture from the teacher’s description. After that, the teacher asks them to draw the new picture based on their own version about the same topic and write a descriptive text from that picture. This game can attract and motivate the students in learning writing; in addition, it is easy for the students to convey their ideas in writing descriptive text.
Proceedings of the 3rd ASEAN Conference on Psychology, Counselling, and Humanities (ACPCH 2017), 2018
This study aims to analyze and explain 1) Who are the parties that can be used as a suspect and how its position legally; 2) A criminal offence if the supposition to perpetrators. This study is a normative legal and empirical legal research. The results of the study that "participation teachings" in the case of Zakia Arifin Binti Zainal Arifin and Mrs. Tuti Ambarwati can be applied. However, there is a difference between the concept of participation in Article 55 of the Criminal Code with the element of cooperating or alliance in Article 363 and Article 365 of the Criminal Code. Article 55 of the Criminal Code is a general rule (legi generali) for acts of inclusion (deelneming) in a criminal act, namely for people who commit, order to do, participate in doing, and who advocate for criminal acts, in which the perpetrators are punished as a person who commits a crime; whereas Article 363 paragraph 1 number 4 of the Criminal Code, is a special rule (lex specialis) that is two...
The aims of this research are to determine the effectiveness of undercover game applications on students’ speaking skills in terms of pronunciation and hesitation. The researchers use undercover game applications as a learning medium. The skills examined are speaking abilities, specifically pronunciation and hesitation. This study employs pre-experimental research, with a pre-test one meeting, treatment six meetings, and a post-test one meeting. This study’s sample is made up of 31 students fromXI IPS 1 at SMA Negeri 14 Makassar. The finding of this research is that there are improvements in students’ speaking skill both in terms of pronunciation and hesitation. In terms of pronunciation, there is improvement 30% from54.8 score in pre-test to 71.5 score in post-test. In terms of hesitation, there is improvement 31% from53.2 score in pre-test to 70.2 score in post-test. Based on explanation the analysis above, it can be seen that there is an effectiveness of the application of underc...
International journal of academic research in business & social sciences, 2023
Combating crime is a constant and highly topical and problematic part of the overall security problems and conditions in society. The most serious offenses including robbery and robbery theft, as well as traditional forms of violent property offenses are detected most often by classical methods and means, although in contemporary catches of used and new (special) methods which contribute to more efficient detection and suppression these crimes. The paper will be presented, analyze and problematize the use of special methods-special investigative actions in discovering and disclosing criminal acts of robbery and theft of the band. In addition, work will comprise part empirical research work in the application of special investigative actions: surveillance and technical recording of telecommunications, access to computer systems and computerized data, surveillance and technical recording of premises, secret surveillance and technical recording of persons, means of transport and objects associated with them, the use of undercover investigators and the use of informants, simulated and controlled purchase of items and simulated bribery and supervised transport and delivery of objects in discovering and disclosing criminal acts of robbery and robbery theft of the band for the time period from 2009 to 2013 in the area of Public Security Centre Banja Luka.
This final project discussed The Effectiveness of Using Thieves Strategy in Teaching Reading of Recount Text (an Experimental Research with the Eighth Grade Students of SMP Negeri 23 Semarang in the Academic Year of 2015/2016). The statement of problems in this study was How is the Effectiveness of Using THIEVES Strategy in Teaching Reading of Recount Text? The background of the study is that the students of eighth grades SMP Negeri 23 Semarang have the problem to understand their English learning especially in reading. They did not interested in reading English text especially the recount text. They did not know about the meaning of the text and they do not do pronunciation well. They were still confused to identity the content of recount text. The population of the research was the eighth grade students of SMP Negeri 23 Semarang. The research method was an experimental research, which conducted in two classes; the experimental group (VIII A) and control group (VIII B) as sample. T...
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Memory, 2003
Journal of Graph Theory, 2012
Thesis Eleven
Elt Forum Journal of English Language Teaching, 2014
BABASAL English Education Journal
Thesis Eleven, 2012
Journal of English Language Teaching, 2012
Small Wars & Insurgencies, 2015
Indian Historical Review, , 41, 2 , 2014
JoLLA: Journal of Language, Literature, and Arts
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टीवी रिमोट लेकर वसूली करने पहुंचा नाबालिग: एक्सिस बैंक में घुसकर कहा पैसे निकालो वरना उड़ा दूंगा, जानें फिर क्या हुआ
प्रतीकात्मक तस्वीर।
Shivani Jha
- Published: 26 Sep 2024, 09:31 AM IST
- Last Updated: 26 Sep 2024, 09:31 AM IST
Delhi Bank Robbery: दिल्ली के विकासपुरी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक नाबालिग ने बैंक को लूटने का ऐसा तरीका निकाला, जिसे जानकर आप भी या तो दंग रह जाएंगे या फिर नाबालिग की मासूमियत पर हंसने लगेंगे। नाबालिग विकासपुरी के एक्सिस बैंक में एक पर्चा और एक रिमोट लेकर बैंक लूटने चला था। आज से पहले आपने भी बैंक लूट की कई खबर पढ़ी होगी, जिसमें बंदूक की नोक पर या फिर किसी हथियार के दम पर बदमाश बैंक लूटता था, लेकिन नाबालिग सिर्फ टीवी का रिमोट लेकर बैंक लूटने पहुंच गया। चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला।
नाबालिग ने पर्चा में लिखकर की रकम की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाबालिग विकासपुरी में एक्सिस बैंक की एक ब्रांच में घुसा और टीवी का रिमोट दिखाकर रकम की मांग करता है। नाबालिग ने एक पर्चा लाया था, जिसमें रकम की मांग की गई थी कि उसे कितने पैसे चाहिए। नाबालिग अचानक बैंक में घुसता है और रिमोट बैंक कर्मचारी की ओर करते हुए चिल्लाता है और बोलता है जल्दी पैसे निकालो वरना बैंक को उड़ा दूंगा, मैंने बैंक में बम फिट कर रखा है। इससे बैंक में दहशत का माहौल बन जाता है, किसी को कुछ समझ नहीं आता है ये क्या हो रहा।
नाबालिग के पिता से पूछताछ
बैंक के अधिकारी ने फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस भी बिना वक्त गंवाए मौके पर पहुंची और नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया। बैंक में काफी छानबीन की गई, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला। नाबालिग के पास से भी कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ है, जो रिमोट नाबालिग के पास था, वह टीवी का टूटा हुआ रिमोट था, उसी के दम पर नाबालिग बैंक लूटने पहुंच गया। पुलिस ने नाबालिग के पिता को भी बुलाया और उनसे पूछताछ की जा रही है। इस घटना के पीछे क्या वजह है, पुलिस इसकी पड़ताल में लगी है।
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- Report On Bank Robbery
Report Writing on Bank Robbery
You must have come across multiple reports on bank robberies taking place around the country. Have you paid attention to the kind of details that have been added in such a report? These are some basic questions that bother students a lot. Well, in this article, you will get to know about everything you need to know when writing a report on bank robbery.
While reporting about a bank robbery, the first and foremost thing to keep in mind is to report when and where the bank robbery took place. Knowing how the bank robbery took place can help decide the course of action after the robbery. The report on bank robbery should also include the amount of money/things looted from the bank and also the number of people who were injured during the event. You can also talk about whether the police were able to get hold of the robbers or not.
Let us now look at the following reports on bank robbery to get a clear idea about how to write one.
Report on Bank Robbery in Orissa
On the 3rd of March, a daring bank robbery took place in a nationalized bank in Bhubaneshwar. Bank authorities complained that ten lakh rupees and important valuable assets were stolen from the lockers. It was reported that four men arrived at the bank around 12:00 p.m. pretending to be customers and went to the Manager’s chambers to talk to him about some issues and, within a few minutes, held all the people in the bank hostage. The bank’s security guards were injured in an attempt to stop the robbers. The robbers had threatened the cashier, keeping her at gunpoint, to empty the cash box and hand them the entire cash. They also wanted the keys to the locker room from the Manager, and upon refusing, the robbers injured him and tore down the office to look for the locker room keys and, in the process, destroyed many valuable documents. The robbers succeeded in finding the locker keys and cleared the lockers within a few minutes, and ran out of the bank.
The police were informed, and when they arrived, the robbers had already left. The injured guards were taken to the nearest hospital and provided treatment. The police officials took statements from the witnesses and the bank’s manager. The CCTV footage of the bank and the nearby areas were collected for investigation. The police questioned the nearby shops to help them make sketches of the robbers. However, no arrests were made regarding the matter.
Report on Bank Robbery in West Bengal
On 2nd February 2021, a bank robbery took place in West Bengal’s Tajpur SBI branch. Three men armed with guns entered the bank and injured the security guards. More than 6 lakh rupees was plundered, and important documents were destroyed. According to local people, they had seen a Maruti 800 van parked outside the bank around 10:30 in the morning. The two robbers put the cashier at gunpoint and demanded money, according to the witnesses. When the cashier resisted, the robbers injured him badly, broke the cash box, and looted the money. The robbers then rummaged through the entire bank to get the keys to the lockers. After finding the keys, the robbers ransacked several lockers and took away many valuable assets.
Locals also reported hearing multiple gunshots being fired from the bank. When the police arrived, they found no one shot; instead, they found the security guards and the cashier injured. Both were taken to the nearest hospital and provided with the necessary treatment. The police collected statements from the customers who were present in the bank during the robbing incident. CCTV footage of the bank and the nearby areas were collected for investigation by the police. The police questioned the nearby shopkeepers to help them make a sketch of the robbers. However, no arrests have been made regarding the matter at the moment.
Frequently Asked Questions (FAQs)
Define report writing..
A formal way of writing detailed accounts about an event is known as report writing.
How to write a report on a bank robbery?
Students can easily write a report on bank robbery once they give details about how, when and where the robbery took place and what actions the concerned authorities took after the incident.
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12 Best Hindi Movies About Robberies and Heists You Must See
While we live our mundane lives typing on the work desks, a heist film always elevates the spirit with an adrenaline rushing story. It is common knowledge that Hollywood has made several great movies in this genre and can brag of classics like ‘The Italian Job’ (1969), ‘Reservoir Dogs’ (1992), ‘Heat’ (1995) and many more. Bollywood still has a long way to go before it can master this genre. Here is the list of top Bollywood movies about heist and bank robberies which grabbed the attention of audiences and critics.
12. Bluffmaster! (2005)
Helmed by Rohan Sippy, ‘Bluffmaster!’ is a 2005 film starring Abhishek Bachchan, Priyanka Chopra and Ritesh Deshmukh. Roy Kapoor (Bachchan), a conman is dumped by Simi (Chopra) after the truth is blown-off. His life takes a further leap down the spiral-hole when Roy is diagnosed by tumour and just has three months to live. To amend his wrong-doings, Roy chooses to help an amateur conman Dittu played by Deshmukh to dupe a mobster who hurt Dittu’s family. The film is not the most powerful and inspiring as other heist films, but manages to hold audience’s interest due to its clever plot that’s inspired by Hollywood movie ‘Game’.
11. Don 2 (2011)
A sequel to Farhan Akhtar’s ‘Don’ (2006), the film deals with the titular character’s grand life and exploits 5 years after the first film. Unlike its predecessor, ‘Don 2’ chooses to opt for a different storyline. While the 2006 film was a remake of the Amitabh Bachchan starrer ‘Don’ (1978), the sequel does not belong to the stylized “mafia” genre but opts for the “heist” genre. In the film, Don played by Shah Rukh Khan arranges a bank robbery along with cohorts which due to several betrayals changes into a rescue mission. Like Akhtar’s first outing, the follow-up is brimming with twists and turns and manages to keep the audience guessing and wondering what would happen next. Shankar–Ehsaan–Loy’s music provides a contemporary touch and just elevates Khan’s character’s stature as the ultimate king-pin. The cast did very well in portraying the contradicting personalities and were praised for their performances.
10. Kaante (2002)
A remake of the classic ‘Reservoir Dogs’ (1992), ‘Kaante’ (2002) has an ensemble cast of Amitabh Bachchan, Sanjay Dutt, Sunil Shetty, Mahesh Manjrekar, Kumar Gaurav and Lucky Ali. The film as narrated by Lucky Ali’s character, Mak is about a bank robbery gone wrong. Holding an 83 % rating on Rotten Tomatoes, ‘Kaante’ is a film full of action and wonderful acting. The film was a success at the box office and although it garnered several negative criticisms due to its screenplay, ‘Kaante’ has risen to be one of the best Bollywood heist films.
9. Dhoom 2 (2006)
The coolest “chor” in the world, Aryan or A played by Hrithik Roshan is on a mission to steal rare and precious souvenirs and cast an “A” on the world map. Abhishek Bachchan and Uday Chopra reprise their roles as cops on the hunt. A sequel to the hit film ‘Dhoom’ (2004), what makes this film so unique as compared to the other Bollywood heist films is that its technologically advanced robber. The film is full of action packed sequences with creatively designed robberies. Hrithik Roshan’s portrayal of the enigmatic thief has been considered as one of his best performances till date. The film was a huge success and is one of the top grossing Bollywood films of all time. Also, who can forget Roshan’s slick dance moves?
7. Shalimar (1978)
When ‘Shalimar’ released in 1978, not may cared for it. However, through the passage of time, the Krishna Shah directed movie has attained a cult status. A film ahead of its time, ‘Shalimar’ introduces us to a character named Sir John Locksley played by Rex Harrison who invites thieves from all over the world and places them with a challenge to steal a precious ruby called “Shalimar”. He adds an incentive by naming the first thief who would be efficacious as his successor. Starring Dharmendra, Zeenat Aman, Rex Harrison and Shammi Kapoor, the film has garnered immense praise for its different subject material and is now considered to be one of the best robbery films in India. One of the underrated robbery movies made in Bollywood.
6. Bunty Aur Babli (2005)
Starring Abhishek Bachchan, Rani Mukherji and Amitabh Bachchan, ‘Bunty Aur Babli’ (2005) is a tale of two felons played by junior Bachchan and Mukherji who go around India conning people. When JCP Dashrath Singh enacted by Amitabh Bachchan is given the task of nabbing the titular characters, they come face to face with someone as clever as them. Due to its storyline, ‘Bunty Aur Babli’ has drawn comparisons with American classic ‘Bonnie and Clyde’ (1967). The film is cleverly written and is heightened by exceptional performances from its lead cast.
5. Dhoom (2004)
The first instalment of the ever-popular ‘Dhoom’ franchise, the Sanjay Gadhvi directed film was a first-of-its-kind. ‘Dhoom’ is a fast-paced adrenaline-rushing movie which is about the cat and mouse chase between a rogue bike gang and a righteous cop. ‘Dhoom’ was an instant favourite among the viewers because of its cool bike chase scenes. The intense rivalry between the slick gang leader Kabir (John Abraham) and the terrifying bespectacled ACP Jai Dixit (Abhishek Bachchan), the bromance betwenn Dixit and Ali (Uday Chopra) and the comical scenes of Rimi Sen’s Bengali Sweety Dixit all added to the fun.
5. Special 26 (2013)
A period heist crime thriller, ‘Special 26’ (2013) is directed by Neeraj Pandey. The multi-starrer is inspired by the 1987 Opera House heist, where a con-group impersonating CBI officers executed a fake income tax raid on a jeweller on Mumbai. Regarded as one of the best films of 2013, the film boasts of critically appreciated performances by its lead cast and gripping storytelling with twists until the very end.
4. Aankhen (2002)
Directed by Vipul Amrutlal Shah, ‘Aaankhen’ is an adaptation of Shah’s own Guajarati play ‘Andhalo Pato’ or ‘Blindman’s Buff’. The 2002 film was a fresh-brewed idea as a heist movie, as films up to that point hadn’t extensively played on this idea. Vipul Shah’s innovative structure introduces us to three blind men portrayed by Akshay Kumar, Arjun Rampal and Paresh Rawal who are hired by Amitabh Bachchan’s Vijay Singh Rajput and trained by Sushmita Sen’s Neha Srivastav to rob a bank. What makes this film so good is its dexterous screenplay which is devoid of over-dramatic scenes and sentimentalities. It solely focuses on ‘robbery’ as a genre and does not sway away from its theme. The story kicks-off by laying the plot foundation on a fiery vengeance which drives Vijay Singh Rajput (Amitabh Bachchan) who wants to take down a bank and its employer who fired him. It opened quite well at the Indian box office and ultimately became a hit.
3. Johnny Gaddar (2007)
Directed by Sriram Raghavan, ‘Johnny Gaddar’ is a neo-noir crime thriller about a clutch of gamblers who land themselves a humongous deal of Rs. 5 Crore. Unlike the other movies on this list, ‘Johnny Gaddar’ does not apply the “heist” genre as its central theme but effectively smears it. The protagonist, “Jhonny” played by Neil Nitin Mukesh is overtaken by greed and decides to slay the other members of the notorious gang and escape with the money. What follows is a adrenaline rushing cat and mouse chase which keeps us at the edge of our seats. Featuring Dharmendra, Rimi Sen and Vinay Pathak, the film was immensely appreciated for the cast’s stellar performance, Raghavan’s innovative script and Shankar–Ehsaan–Loy’s tasteful music. It won the Filmfare Award for Best Sound Design and earned a remake in Malayalam as ‘Unnam’ (2012).
2. Jewel Thief (1967)
The name reveals it all. ‘Jewel Thief’ is 1967 Vijay Anand directed spy-thriller film starring Dev Anand, Vyjayantimala and Ashok Kumar is about Anand’s character Vinay who is continuously mistaken for his look-alike notorious thief Prince Amar. This is used as an advantage by the police as they use Vinay to track down his counter-part. Things go gay-wire for Vinay when Amar finds out about this and decides to impersonate Vinay and which then starts-off a to-and-fro of wits by both the characters. The thriller is heavily inspired by the world-famous Bond series and elevated Dev Anand as India’s answer to the 007 agent. An instant box-office hit, ‘Jewel Thief’ might not be a standard robbery film but is surely one of the most exciting ones.
1. Oye Lucky! Lucky Oye! (2009)
‘Oye Lucky! Lucky Oye!’ (2009) is one of the most underrated films. Based on real life “super-chor” Devinder Singh aka Bunty, the film garnered impressive views from critics. Directed by Dibakar Banerjee, the film chronicles the life of Abhay Deol’s Lucky who through his arduous journey managed to con and rob everyone and everything possible. The flick neatly amalgamates seriousness and humour to present us with one of the best robbery films ever made. Paresh Rawal got the free-space to boast and flaunt his acting chops as he portrayed three characters and tickled our ribs with cleverly written jokes. It released just two days after the 26/11 attacks and as a result ‘Oye Lucky! Lucky Oye!’ was just an average success. Without question it is a must watch for all heist film enthusiasts.
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बैंकिंग संकट: कारण और समाधान
- 07 Mar 2020
- 14 min read
किसी भी देश के आर्थिक विकास का मुख्य आधार उस देश का बुनियादी ढाँचा होता है। यदि बुनियादी ढाँचा ही कमज़ोर हो तो कितना भी प्रयास किया जाए व्यवस्था को मज़बूत नहीं बनाया जा सकता है। यही कारण है कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में विकास एवं उन्नति हेतु किये जाने वाले प्रयासों को बल प्रदान करने के लिये नीति निर्माताओं द्वारा एक ऐसे मार्ग का अनुसरण किया जाता है जिसके माध्यम से सरकार आम आदमी को अर्थव्यवस्था के औपचारिक माध्यम में शामिल कर सके।
यह औपचारिक माध्यम है ‘बैंक’। बैंक किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में बैंक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
परंतु उस समय क्या स्थिति होगी जब बैंकिंग तंत्र ही संकट के दौर से गुजरने लगे। वर्तमान में ऐसा ही देखने को मिल रहा है। देश में निज़ी क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक ‘यस बैंक (YES BANK)’ संकट के इसी दौर से गुज़र रहा है। बैंक ने प्रति खाताधारक 50000 रुपए प्रतिमाह निकासी की सीमा आरोपित कर दी है। ऐसे में खाताधारकों के सामने मुद्रा का संकट गहरा गया है। इस आलेख में बैंकों की खस्ता हालत के कारणों, उसके प्रभाव तथा सरकार व भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की जाएगी।
- वर्ष 2004 में राना कपूर व अशोक कपूर ने मिलकर यस बैंक की स्थापना की। वर्ष 2005 में यह बैंक शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध हुआ।
- बैंक का प्राथमिक उद्देश्य काॅरपोरेट क्षेत्र को लोन उपलब्ध कराना था, बाद में सामान्य खाताधारकों के लिये भी बैंकिंग गतिविधियाँ संचालित की गई।
- वर्ष 2018 के मध्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी जाँच रिपोर्ट में पाया कि यस बैंक ने निर्धारित विनियमन दिशा-निर्देशों तथा गोपनीयता के सिद्धांत का उल्लंघन किया है।
- परिणामस्वरूप यस बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पद से इस्तीफा देना पड़ा और उसके बाद यस बैंक के शेयरों में 81% तक की तीव्र गिरावट दर्ज़ की गई।
- हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने यस बैंक की बैंकिंग गतिविधियों पर प्रतिबंध (MORATORIUM) लगाते हुए कार्य संचालन प्रक्रिया को अपने हाथों में ले लिया है।
- यस बैंक के अतिरिक्त कुछ समय पूर्व पीएमसी बैंक, ग्लोबल ट्रस्ट बैंक, वेस्टर्न बैंक इत्यादि पर RBI द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था।
बैंकिंग संकट का कारण
- पिछले कुछ वर्षों में बैंकों द्वारा दिये जा रहे लोन गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (Non-performing assets-NPAs) में बदल गए हैं। यस बैंक द्वारा भी रिलायंस ग्रुप, IL&FS, DHFL, जेट एयरवेज़, एस्सार शिपिंग, कैफे कॉफी डे जैसी कंपनियों को लोन दिया गया, जो बाद में NPA में बदल गया।
- गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के मामले में सरकारी बैंकों की स्थिति निज़ी बैंकों से ज़्यादा खराब है। वर्ष 2018 में वाणिज्यिक बैंकों में कुल NPA 10.3 ट्रिलियन रुपए था, जो बैंकों द्वारा दिये गए कुल ऋणों और अग्रिमों का 11.2% था।
- इस NPA में सरकारी बैंकों का हिस्सा 8.9 ट्रिलियन रुपए था, जो बैंकों के कुल NPA का 86% था।
- सरकारी बैंकों द्वारा दिये गए अग्रिमों तथा ऋणों में सकल NPA 14.6% था अर्थात दिये गए हर 100 रुपए में से 14.6 रुपए NPA में बदल गए।
गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ
- सब-स्टैंडर्ड एसेट्सः 12 माह या इससे कम अवधि तक NPA के रूप में बने रहने वाली संपत्ति।
- डाउटफुल एसेट्सः अगर कोई संपत्ति 12 माह तक सब-स्टैंडर्ड श्रेणी में बनी रहे।
- लॉस एसेट्सः यह न वसूल की जा सकने वाली और अत्यंत कम मूल्य वाली संपत्ति होती है। बैंक द्वारा इसके परिसंपत्ति के रूप में बने रहने की पुष्टि नहीं की जाती है।
- 2007-08 में कुल NPA केवल 566 बिलियन रुपए (आधा ट्रिलियन से कुछ अधिक) था जो कुल अग्रिमों का केवल 2.26% था, लेकिन 2008 के बाद NPA में हुई वृद्धि चौंका देने वाली है।
- इसके लिये आंशिक रूप से वर्ष 2004-05 से 2008-09 के क्रेडिट बूम को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है, जब विशेषकर देश के सरकारी बैंकों ने मुक्तहस्त से बिना कोई अधिक ना-नुकुर किये बड़ी मात्रा में लोगों को भारी भरकम कर्ज़ दिये।
- इस अवधि में वाणिज्यिक ऋण की मात्रा दोगुनी हो गई। यह वह समय था जब विश्व अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था भी तेज़ी से आगे बढ़ रही थी। आने वाले विकास के अवसरों का लाभ उठाने के लिये भारतीय फर्मों ने बैंकों से भारी मात्रा में कर्ज़ लिया।
- इनमें से अधिकांश निवेश बुनियादी ढाँचे तथा टेलीकॉम, बिजली, सड़क, विमानन, इस्पात जैसे क्षेत्रों में हुआ।
- इस दौर में उद्यमियों और व्यवसायियों में उत्साह था क्योंकि भारत ने 9% आर्थिक वृद्धि के दौर में प्रवेश कर लिया लेकिन जल्दी ही स्थिति प्रतिकूल हो गई।
- भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंज़ूरी प्राप्त करने में निरंतर समस्याएँ आ रही थीं, जिसकी वज़ह से कई परियोजनाएँ ठप हो गईं और जो परियोजनाएँ काम कर रही थीं उनकी लागत कई गुना बढ़ गई।
- वित्तीय वर्ष 2007-08 में वैश्विक वित्तीय संकट की शुरुआत हुई और 2011-12 के बाद अर्थव्यवस्था में मंदी आ गई, जिसकी वज़ह से राजस्व की प्राप्ति अपेक्षा से कम हुई।
- वित्तीय संकट की प्रतिक्रिया में देश में नीतिगत दरों को सख्त किया गया, जिसकी वज़ह से वित्तपोषण की लागत में वृद्धि हुई।
- NPA के चलते बैंकों को मिलने वाला लाभ कम हो जाता है, जिससे सरकार के पास राजस्व कम पहुँचता है, ऐसे में सरकार की निवेश करने की क्षमता में गिरावट आती है।
- निवेश कम होने से अर्थव्यवस्था की विकास दर कम हो जाती है, साथ ही बेरोज़गारी की समस्या में बढ़ोतरी होती है।
- बैंकों में NPA की वृद्धि से नए लोगों को ऋण मिलने में कठिनाई होती है, जिससे अर्थव्यवस्था का आकर सिकुड़ता है।
- जमाकर्त्ताओं का बैंक पर विश्वास कमज़ोर हो जाता है और वे बैंक में पैसा जमा करने से कतराते हैं।
- NPA के रूप में जब बैंक का लोन फँस जाता है तो उसकी प्रोविजनिंग के लिये उसे मुनाफ़े से एक निश्चित राशि अलग रखनी होती है, मुनाफ़ा कम होने का असर बैंक के विस्तार और ग्राहक सेवाओं पर पड़ता है।
- सर्वप्रथम, शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति और चयन व्यवस्था में बदलाव किये जाने की आवश्यकता है। इसके अंतर्गत कार्यकारी निदेशकों, बोर्ड के सदस्यों से लेकर अध्यक्ष तक सबके संदर्भ में बदलाव किये जाने की आवश्यकता है।
- शीर्ष प्रबंधन की गुणवत्ता बैंकिंग क्षेत्र की मुख्य समस्याओं में से एक है। इसका सबसे अहम् कारण यह है कि चयन प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप बहुत अधिक होता है, जिसके चलते एक निष्पक्ष चुनाव का विकल्प नहीं रह जाता है।
- ऐसे में होता यह है कि राजनीतिक दबाव की स्थिति में ऐसे अधिकारी बिना किसी उचित क्रेडिट मूल्यांकन के ही अग्रिम ऋण को मंज़ूरी दे देते हैं। ज़ाहिर सी बात है ऐसे बहुत से ऋण आगे चलकर NPA बन जाते हैं। हाल की बहुत सी घटनाओं में यह बात सामने आई है। व्यावहारिक रूप से बैंकों में कोई जवाबदेही प्रणाली मौजूद नहीं है, जो NPA की समस्या को बढ़ावा देने में भूमिका निभाती है।
- स्पष्ट रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सतर्कता विभाग को सुदृढ़ किये जाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिये, ताकि प्रबंधन के स्तर पर होने वाली चूक को समय रहते सुधारा जा सके और किसी बड़ी परेशानी से बचा जा सके।
- वर्ष 1993 में समयबद्ध तरीके से ऋण की वापसी सुनिश्चित करने के लिये ऋण वसूली अधिकरण (Debt Recovery Tribunals) की स्थापना की गई।
- वर्ष 2000 में डिफाल्टर और विलफुल डिफाल्टर की पहचान सुनिश्चित करने के लिये क्रेडिट इन्फाॅर्मेशन ब्यूरो (Credit Information Bureau) का गठन किया गया।
- 5/25 योजना के तहत ऋण परिशोधन की अवधि को 25 वर्षों तक बढ़ा दिया जाता है एवं प्रत्येक 5 वर्षों की अवधि के पश्चात् ब्याज दरों को पुनः परिवर्तित करने का प्रावधान किया जाता है।
- एस.डी.आर. (Strategic Debt Restructuring) के अंतर्गत बैंक NPA से संबंधित कंपनियों को दिये गए ऋण को इक्विटी में बदलकर उसके प्रबंधन पर नियंत्रण कर सकते हैं, साथ ही बैंक 18 महीनों के अंदर इक्विटी को बेचकर अपने पैसे वापस ले सकते हैं।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये सरकार ने 2015 में इंद्रधनुष 2.0 योजना शुरू की थी। यह योजना सरकारी क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण हेतु एक समग्र कार्यक्रम है, जिससे बैंकों को बासेल-III नियमों के तहत अपनी पूंजीगत स्थिति बनाए रखने में मदद मिलती है।
- जब रिज़र्व बैंक को लगता है कि किसी बैंक के पास जोखिम का सामना करने के लिये पर्याप्त पूंजी नहीं है, दिये गए उधार से न आय हो रही है और न ही मुनाफा हो रहा है, तो वह उस बैंक को Prompt Corrective Action फ्रेमवर्क में डाल देता है, ताकि उसकी वित्तीय हालत सुधारने के लिये तत्काल कुछ किया जा सके।
- भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड यानी दिवालिया कानून के अनुसार, किसी ऋणी के दिवालिया होने पर एक निश्चित प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसकी परिसंपत्तियों को अधिकार में लिया जा सकता है।
निष्कर्ष- भारत की बैंकिंग प्रणाली ऐसी चुनौती भरी पृष्ठभूमि में अपेक्षाकृत लंबे समय से कार्य कर रही है जिसके कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की आस्ति गुणवत्ता, पूंजी पर्याप्तता तथा लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके मद्देनज़र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में वैश्विक जोखिम मानदंडों के अनुरूप उनकी पूंजी ज़रूरतों को पूरा करने और क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिये पूंजी लगा रही है। लेकिन एनपीए का स्तर 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो जाने के कारण चिंता होना स्वाभाविक है, क्योंकि इतनी बड़ी राशि किसी काम की नहीं है। यदि इस राशि की वसूली हो जाती है तो सरकारी बैंकों की लाभप्रदता में इज़ाफा, लाखों लोगों को रोज़गार, नीतिगत दर में कटौती का लाभ कारोबारियों तक पहुँचना, आधारभूत संरचना का निर्माण, कृषि की बेहतरी, अर्थव्यवस्था को मज़बूती, विकास को गति देना आदि संभव हो सकेगा।
प्रश्न- भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के संकट पर चर्चा करें। इस समस्या के समाधान के लिये किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करें।
बैंकिंग-जीविका के रूप में (निबन्ध) | Essay on Banking as a Career in Hindi
बैंकिंग-जीविका के रूप में (निबन्ध) | Essay on Banking as a Career in Hindi!
किसी ने व्यंग्यात्मक शैली में कहा है-दूसरों की धनराशि की गणना, हिसाब-किताब, चैक और ड्राफ्ट का भुगतान आदि कार्य अरुचिकर है । इस प्रकार के कार्यो में सहजता तथा विशिष्टता नहीं है ।
इसलिए उन्हें यह कार्य नीरस लगता है । कुछ लोग बैंक कर्मियों को कम्प्यूटर समझते हैं, जो हमेशा, जोड़ने-घटाने के कार्य में व्यस्त रहते हैं । लेकिन बैंको में निश्चित रूप से अच्छे भविष्य की संभावनाएं है । बैंक कर्मचारियों में अपने भविष्य अथवा कठिन समय के लिए कुछ बचाने की आदत हो जाती है ।
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जब उन्हें अन्य व्यक्तियों की धनराशि बैंक में बढ़ती दिखाई देती है उनमें भी बचत की प्रेरणा जागृत होती है । इसलिए वे सचेत होकर खर्च करते हैं, फिजूल खर्ची की आदत उनमें नहीं पनपती है । बैंक में बड़े-बड़े उद्योगपतियों के खाते होते हैं । उनके संबंध इन उद्योगपतियों से हो जाते हैं, उनका सामाजिक दायरा विस्तृत हो जाता है ।
जिस व्यापारी को वे अच्छी तरह से जानते हैं, उसके चैकों का भुगतान जल्दी हो जाता है, इससे व्यापारी भी खुश रहते हैं । इस प्रकार के संबंध बैंककर्मियों के लिए लाभदायक होते हैं । बैंक में कार्य करने से व्यक्ति की कार्यपद्धति में सावधानी और वैज्ञानिकता आ जाती है ।
प्रविष्टियाँ करने के लिए वैज्ञानिक की सी विशुद्धता की आवश्यकता होती है और यह व्यक्ति की प्रवृति बन जाती है । विशुद्धता से कार्य करने से व्यक्ति बेहतर जीवन की ओर बढ़ता है । लापरवाह और अव्यवस्थित ढंग से काम करना व्यक्ति के विकास में बाधक होता है ।
बैंक का कार्य स्वतंत्र होता है । यहाँ तक कि अधिकारी भी अपने से नीचे के कर्मचारी के कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है । सब अपना-अपना काम करते हैं । इस प्रकार बैंक का वातावरण सौहार्द्रपूर्ण और पारिवारिक-सा होता है । सब एक सम्मिलित परिवार की भांति कार्य करते हैं ।
इन सब से अधिक, बैंक में जीविका उन्नतिपरक होती है । अन्य विभागों की अपेक्षा बैंक कर्मी को प्रोन्नति के अधिक अवसर प्रपट होते हैं । बैंक में व्यक्ति की विचारधारा भौतिकतावादी हो जाती है जिसकी आलोचना अध्यात्मवादी करते हैं; लेकिन यह तो आधुनिक जीवन की देन है । किसी व्यक्ति के लिए जो कार्य अरुचिकर है, वह दूसरे के लिए रुचिकर हो सकता है । यहा तो व्यक्ति की प्रवृति पर निर्भर करता है । जीविका क्षेत्र में विस्तार और अवसरों की दृष्टि से बैंक अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
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बैंक पर निबंध- Essay on Bank in Hindi
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बैंक पर निबंध- Essay on Bank in Hindi
भूमिका- आज के युग में बैंक हमारे समाज में एक अहम भूमिका निभाते है। बैंक वितीय संस्थान होते है जहाँ पर मुद्राओं का लेन देन किया जाता है और यहाँ हमारे कोष को भी सुरक्षित रखा जाता है। बैंक लोगो के बहुत ही अच्छे साथी है और यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। पहले समय में बैंक में केवल पैसों का लेन देन होता था पर समय के साथ साथ बैंक ने भी प्रगति कर ली है। अब यह रिण देने, स्वर्ण लोन, बीमा और बहुत सी अन्य सुविधाएँ भी प्रदान करता है।
भारत में बैंक का इतिहास ( History of Bank in Hindi )- बैंकों का इतिहास भारत में बहुत ही प्राचीन है। सबसे पहला बैंक कोलकता में 1770 बैंक ऑफ हिंदुस्तान खोला गया था।
बैंक के लाभ- बैंक हमारे समाज के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह सभी लोगों को बहुत सी सुविधाएँ देता है। यह बहुत ही सुरक्षित है और यहाँ पर हमारा धन सुरक्षित रहता है और बैंक लोगों को बचत करने के लिए प्रेरित करता है। यह लेगों को आसान शर्तों पर उधार देकर उन्हें व्यापार को बढ़ावा देने में सहायता करते हैं। किसानों को भी कृषि कार्यों के लिए निम्न ब्याज दर पर रिण दिया जाता है। यह लोगों को नए उद्योगों शुरू करने के लिए भी धन देता है और साथ ही लोगों को इनसे लेन देन करना सुरक्षित लगता है।
बैंको के प्रकार ( Types of Bank in Hindi )- बैंक बहुत से प्रकार के होतें हैं और इनकी विभिन्न स्थानों पर बहुत सी शाखाएँ है। इनके निम्नलिखित प्रकार कुछ इस प्रकार है–
1. राष्ट्रीय बैंक- इन बैंको को केंद्रीय बैंक के नाम से भी जाना जाता है और इनका मुख्य कार्य विदेशी मुद्रा के लेन देन पर निगरानी रखना होता है।
2. बचत बैंक- यह वह बैंक है जिनमें लोगों के धन को रखा जाता है और उन्हें ब्याज भी दिया जाता है।
3. सहकारी बैंक- सहकारी बैंक वह बैंक है जो किसानों या व्यापारियों को पैसे देते हैं।
ओनलाईन बैंकिंग- बैंकिंग एक ऐसी प्रिक्रिया है जिससे बैंको के साथ लेन देन किया जाता है। ओनलाईन बैंकिंग की प्रिक्रिया ने लोगों को ज्यादा सुविधा दी है और किए जाने वाले लेन देन और पैसों के स्थानांतरण को सरल बना दिया है।
बैंक हमारे देश का एक अहम हिस्सा है और यह पूरे देष के वितीय मुद्दों को कम करते है। बैंक हमारे लिए बहुपयोगी और सुरक्षित है। हर व्यक्ति को बैंक की सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए और अपने भविष्य को उज्जवल बनाना चाहिए।
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