HindiKiDuniyacom

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay in Hindi)

प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है। प्लास्टिक पदार्थो से उत्पन्न कचरे का निस्तारण काफी कठिन होता है और पृथ्वी पर प्रदूषण में भी इसका काफी अहम योगदान है, जिससे यह एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। प्लास्टिक बैगों, बर्तनो और फर्नीचर के बढ़ते इस्तेमाल के वजह से प्लास्टिक के कचरे में काफी वृद्धि हुई है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण जैसी भीषण समस्या उत्पन्न हो गयी है। यह वह समय है जब हमे इस समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए, इसके समाधान के लिये प्रयास शुरु करने होंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Plastic Pollution in Hindi, Plastic Pradushan par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्लास्टिक प्रदूषण प्लास्टिक के कचरे से उत्पन्न होता है, आज के समय में यह विकराल रुप धारण कर चुका है और दिन-प्रतिदिन यह बढ़ता ही जा रहा है। यह हमारे इस खुबसूरत ग्रह पे भी कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे यह जनजीवन के लिये एक गंभीर संकट बन गया है, यही कारण है कि आज प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक चिंता का विषय बना हुआ है।

प्लास्टिक प्रदूषण को कैसे रोके

इन दो उपायो का अपने दैनिक जीवन में अपनाकर हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।

  • उपयोग ना करके/ अन्य विकल्पो को अपनाकर

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिये सबसे महात्वपूर्ण कदम यह है कि हमें प्लास्टिक के उपयोग से बचना चाहिये।

क्योंकि अब हम इनके उपयोग के आदि हो चुके है तथा यह काफी सस्ते भी है, इसलिये हम इनके उपयोग को पूरी तरह से बंद नही कर सकते है। हालांकि हम उन प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को आसानी से बंद कर सकते है, जिनके इको-फ्रैंडली विकल्प उपलब्ध है। जैसे कि उदहारण के लिये , बाजार से सामान खरीदते समय हम प्लास्टिक बैग के जगह हम जूट, कपड़े या पेपर से बने बैगों का इस्तेमाल कर सकते है। ठीक इसी तरह पार्टियो और उत्सवो के दौरान हम प्लास्टिक के बर्तन और अन्य सामानो का उपयोग के जगह हम स्टील, कागज, थर्माकोल या अन्य उत्पादो से वस्तुओ का उपयोग कर सकते है, जिनका आसानी से पुनरुपयोग और निस्तारण किया जा सके।

यदि आप प्लास्टिक बैगों और प्लास्टिक से बने अन्य वस्तुओ का उपयोग नही बंद कर सकते तो कम से कम उन्हे फेंकने से पहले जितनी बार भी हो सके उनका पुनरुपयोग करे। प्लास्टिक बैगों और सामानो का उपयोग करके उन्हे फेंक देना लगभग हमारी आदत सा बन चुका है, जबकि यदि हम चाहे तो फेंकने से पहले हम इनका पुनरुपयोग कर सकते है, इस लिये यह काफी आवश्यक है कि हम फेंकने से पहले इनका पुनरुपयोग करे। इस प्रकार से हम प्लास्टिक कचरे को कम करने में और प्लास्टिक प्रदूषण के रोकथाम में अपनी महात्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।

निष्कर्ष यह वह समय है जब हमें एक साथ मिलकर प्लास्टिक प्रदूषण जैसे इस भयावह दानव का सामना करने की आवश्यकता है। अगर हम सभी इन बताये गये उपयो को अपना ले तो हम प्लास्टिक प्रदूषण के स्तर को कम करके आसानी से इसपर काबू पा सकते है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के लिये एक गंभीर संकट बन गया है और आने वाले समय में यह और भी ज्यादे भयावह होने वाला है। इस प्रदूषण के कई कारण है तथा इसके नकरात्मक प्रभावो की संख्या उससे भी ज्यादे है।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण

1.किफायती और उपयोग में आसान प्लास्टिक सबसे ज्यादे इस्तेमाल किये जाने वाले पदार्थो में से एक है इससे डब्बे, बैग, फर्नीचर और अन्य कई उत्पाद बनाये जाते है क्योंकि किफायती होने के साथ इन्हे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। प्लास्टिक के वस्तुओं के बढ़ते उपयोग के कारण ही प्लास्टिक प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है।

2.नान-बायोग्रेडबल

प्लास्टिक से उत्पन्न कचरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि प्लास्टिक एक नान- बायोडिग्रेडबल पदार्थ है इसलिये यह जल और भूमि में विघटित नही होता है। यह वातावरण में सैकेड़ो वर्षो तक बना रहता है, जिससे यह भूमि, जल और वायु प्रदूषण का कारण बनता है

3.प्लास्टिक क्षय होता है परंतु विघटित नही होता है

प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक से बने अन्य उत्पाद छोटे-छोटे टुकड़ो में टूट जाते है तथा मिट्टी और पानी के स्त्रोतो में मिल जाते है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव              

इन बताये गये तरीको से प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण और पृथ्वी के जनजीवन पर प्रभाव डालता है।

1.जल को प्रदूषित करता है

प्लास्टिक से उत्पन्न कचरा पानी के स्त्रोतो जैसे कि, नदियो, समुद्रो तथा महासागरो में मिल जाता है और इन्हे बुरे तरीके से प्रभावित करता है। यही पानी हमारे उपयोग के लिये हम तक पहुंचाया जाता है, इससे कोई भी फर्क नही पड़ता कि हम इन्हे कितना भी छाने यह उपने वास्तविक अवस्था में कभी वापस नही आ सकता और इस पानी के उपयोग से हमारे स्वास्थ्य पर भी नकरात्मक प्रभाव पड़ता है।

2.भूमि को प्रदूषित करता है

भारी मात्रा में प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे का लैंडफिलो में निस्तारण किया जाता है। इसके अलावा हवा द्वारा उड़ा लिये जाने पर प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े एक स्थान से उड़कर दूसरे स्थान पर पहुंचा दिये जाते है और प्लास्टिक के यह टुकड़े हानिकारक रसायन उत्पन्न करते है जोकि मिट्टी के गुण तथा  उर्वरकता को नष्ट कर देता है। यह पेड़-पौधो के वृद्धि को भी प्रभावित करता है, इसके अलावा बेकार पड़े हुए प्लास्टिक से मच्छर और अन्य तरह के कीड़े उत्पन्न होते है जो कई तरह की बिमारिया फैलाते है।

3. समुद्री जीवन के लिये खतरा

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक कचरे जोकि नदियो और समुद्रो में पहुंच जाते है। उसे समुद्री जीवो द्वारा भ्रमवश अपना भोजन समझकर खा लिया जाता है, जिससे वह बिमार पड़ जाते है।

4.पशुओ के लिये हानिकारक

ज्यादेतर छुट्टा पशुओं द्वारा कचरे में फेका गया खाना खाया जाता है। वह प्लास्टिक बैगों को अपने खाने के साथ खा लेते है, जो उनके आंतो में फंस जाता है, जिससे अंत में या तो उनकी मृत्यु हो जाती है या फिर उनके अंदर कई गंभीर बिमारीयां उत्पन्न कर देता है।

प्लास्टिक प्रदूषण विश्व भर के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारे द्वारा की जाने वाली लापरवाहियो के कारण यह और भी बढ़ता जा रहा है। यह वह समय है जब हमे इसके समाधान के लिये कठोर फैसले लेने की आवश्यकता है।

Essay on Plastic Pollution in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण पूरे विश्व के लिए एक चिंताजनक विषय बन गया है। कई सारे देशो के सरकारो द्वारा इस मुद्दे को लेकर प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध जैसे कड़े फैसले लिये जा रहे है। इसके बाद भी इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब हम सभी इस समस्या को लेकर जागरुक हो और इसे रोकने में अपना योगदान दे।

सरकार द्वारा कड़े फैसले लेने की आवश्यकता

यह वह समय है जब सरकार द्वारा इस समस्या से लड़ने के लिये कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। यह कुछ जरुरी कदम है जिनका आवश्यक रुप से पालन किया जाना चाहिए।

  • प्लास्टिक उत्पादन पर नियंत्रण करके

प्लास्टिक वस्तुओं के बढ़ते मांग के कारण, विश्व भर में प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। सरकार को अब किसी नयी संस्था को प्लास्टिक उत्पादन की मंजूरी नही देनी चाहिये, जिससे प्लास्टिक के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सके।

  • प्लास्टिक के वस्तुओ पर प्रतिबंध

कई देशो के सरकारो द्वारा प्लास्टिक बैग के उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि इनके द्वारा ही सबसे ज्यादे मात्रा में प्लास्टिक प्रदूषण फैलाया जाता है। हालांकि भारत जैसे कुछ देशो में इन प्रतिबंधो को सही ढंग से लागू नही किया गया है। इसके लिये सरकार को प्लास्टिक बैग के उपयोग को रोकने के लिये कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है।

  • जागरुकता फैलाकर

इसके साथ ही लोगो में प्लास्टिक कचरे के पर्यावरण पर नकरात्मक प्रभाव को लेकर लोगो में जागरुकता फैलाने की भी आवश्यकता है। यह कार्य टेलीविजन और रेडियो विज्ञापनो, होर्डिगों तथा सोशल मीडीया के माध्यमों से आसानी से किया जा सकता है।

  • प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कुछ अन्य आसान उपाय

यहा प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कुछ अन्य उपाय आसान बताये गये, जिनको अपनाकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करके वातावरण को स्वच्छ रखा जा सकता है।

  • प्लास्टिक बैगों का उपयोग ना करके

पलास्टिक बैग टूटकर छोटे-छोटे टुकड़ो में विभक्त होकर पानी के स्रोतों में मिल जाता है जिससे यह मिट्टी में मिलकर पेड़-पौधो की वृद्धि पर भी नकरात्मक प्रभाव डालता है। इसके साथ ही यह जलीय जीवन पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। ज्यादेतर यह बैग किराने का सामान लाने के लिए उपयोग किये जाते है यदि हम चाहे तो आसानी से इनका उपयोग बंद करके पुनरुपयोग होने वाले कपड़े के बैगों को अपना सकते है।

  • बोतलबंद पानी का उपयोग बंद करके

बोतलबंद पानी प्लास्टिक के बोतलो और ग्लासो में आता है। यह खराब पानी के बोतल और ग्लास, प्लास्टिक प्रदूषण में अहम भूमिका निभाते है। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम बोतलबंद पानी को खरीदना बंद कर दे और इसके बजाय अपने खुद के पानी के बोतलो का इस्तेमाल करे।

  • बाहर का खाना मंगाना बंद करके

ज्यादेतर बाहर का खाना प्लास्टिक के डिब्बो में पैक करके दिया जाता है, जोकि प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे का कारण बनता है। इसलिये रेस्तरां से खाना मंगाने के जगह हमें घर का बना हुआ भोजन करना चाहिये, जोकि हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनो के लिये ही अच्छा है।

बहुत सारी रिसायकलिंग कंपनियां इस्तेमाल किये हुए प्लास्टिक के डिब्बे, बोतल, और अन्य चीजे लेती है, तो इन्हे फेंकने के बजाय हमें इन चीजो को इन रीसायकलिंग कंपनियो को दे देना चाहिये।

  • किराने का सामान थोक में खरीदकर

किराने के छोटे-छोटे कई पैकेटो को खरीदने से अच्छा है कि हम एक बड़ा पैकेट खरीद ले क्योकि ज्यादेतर यह चीजे प्लास्टिक के छोटे-छोटे पन्नीयो या डिब्बो में पैक होते है, इस तरीके को अपनाकर भी हम प्लास्टिक के कचरे में कमी ला सकते है।

प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे का निस्तारण और इसकी बढ़ती मात्रा एक चुनौती बनते जा रही है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्या ने इतना भयावह रुप धारण कर लिया है। इन दिये गये कुछ आसाना और दिर्घकालिक उपायो से हम प्लास्टिक प्रदूषण के स्तर को कम करने में अपनी सराहनीय भूमिका निभा सकते है।

निबंध 4 (600 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है। शोधों से पता चला है कि पिछले दो दशको में प्लास्टिक का उपयोग काफी तेजी से बढ़ा है। प्लास्टिक इस्तेमाल करने में काफी आसान और किफायती भी होता है यही वजह है कि लोगो के बीच प्लास्टिक से बने उत्पाद इतने लोकप्रिय है। लोगो की बढ़ती मांगो को देखते हुए प्लास्टिक के उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। जितना ज्यादे प्लास्टिक इस्तेमाल होता है, इससे उतना ज्यादे कचरा भी इकठ्ठा होता है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण जैसी खतरनाक समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह जनजीवन पर संकट बढ़ाने के साथ ही कई तरह के बीमारीयो को भी जन्म देता है।

प्लास्टिक उत्पादनः उपयोगी संसाधनो का दोहन

प्लास्टिक के निस्तारण के साथ-साथ ही इसका उत्पादन भी उतनी ही गंभीर समस्या है। प्लास्टिक के निर्माण में कई तरह के जीवाश्म ईंधनो जैसे की तेल और पेट्रोलियम आदि का उपयोग किया जाता है। यह जीवाश्म ईंधन गैर-नवकरणीय संसाधन होते है और इन्हे प्राप्त करना भी काफी कठिन होता है, इन जीवाश्म ईंधनो को निकालने में काफी निवेश और संसाधनो की आवश्यकता होती है और यदि हम इसी तरह प्लास्टिक उत्पादन में इनका उपयोग करते रहेगे तो वह दिन दूर नही है जब ये समाप्त हो जायेगे, जिससे हमारे बाकी के जरुरी काम भी ठप पड़ जायेंगे।

समुद्री जीवनः प्लास्टिक प्रदूषण से सबसे बुरी तरह से प्रभावित

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक के कण हवा तथा पानी द्वारा समुद्रो, महासागरो और अन्य पानी के स्रोतों में मिला दिये जाते है। वह लोग जो पिकनिक और कैपिंग के लिये जाते है, उनके द्वारा भी प्लास्टिक बोतलो और पैकटो के द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण फैलाया जाता है।

यह सब नदीयों और समुद्रों में पहुंच जाता है, जिससे समुद्री जीवो के लिये एक गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है, क्योकि निरीह जीवो द्वारा इन प्लास्टिको को अपना भोजन समझकर खा लिया जाता है। जिससे मछलियों, कछुओं और अन्य समुद्री जीवो के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है। प्रतिवर्ष कई समुद्री जीव प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या इस से अपनी जान गवा बैठते है और शोधकर्ताओं का दावा है कि आने वाले समय में इस संख्या में और इजाफा होने वाला है।

प्लास्टिक प्रदूषणः मानव और पशुओं के लिये एक खतरा

समुद्री जीवो की तरह ही, छुट्टा पशुओ द्वारा भी कूड़े में इधर-उधर बिखरे प्लास्टिक को भोजन समझकर खा लिया जाता है। कई बार इन पशुओं द्वारा काफी ज्यादे मात्रा में प्लास्टिक में खा लिया जाता है जोकि उनके आंतो में फंस जाता है, जिससे की उनकी मृत्यु हो जाती है। प्लास्टिक का कचरा समय बितने के साथ ही और भी ज्यादे खराब होता जाता है, जिससे यह मच्छर, मख्खियों, और दुसरे किड़ो के पनपने लिये एक अच्छा निवास स्थान बन जाता है, जोकि विभिन्न प्रकार के बिमारियों का कारण बनती है।

प्लास्टिक से उत्पन्न हुआ कचरा हमारे नदियों तथा पानी पीने के अन्य स्रोतों को भी दूषित कर रहा है। प्लास्टिक प्रदूषण के कारण हमारे पीने के पानी की गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है, जिसेस इस पानी को पीने के कारण कई सारी बिमारीयां उत्पन्न हो रही है।

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिये सामूहिक प्रयास

प्लास्टिक पदार्थो का निस्तारण करना काफी चुनौतिपूर्ण कार्य है। जब प्लास्टिक का कचरा लैंडफिलो या पानी के स्रोतों में पहुंच जाता है तब यह एक गंभीर संकट बन जाता है। लकड़ी और कागज की तरह हम इसका दहन करके भी इसे समाप्त नही कर सकते। क्योंकि प्लास्टिक के दहन से इससे कई सारी हानिकारक गैसे उत्पन्न होती है, जोकि पृथ्वी के वातावरण और जनजीवन के लिये काफी हानिकारक हैं। इस वजह से प्लास्टिक वायु, जल तथा भूमि तीनो तरह के प्रदूषण फैलाता है।

हम चाहे जितना भी प्रयास कर ले परन्तु प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को पूर्ण रुप से बंद नही कर सकते पर हम चाहे तो निश्चित रुप से इसके उपयोग को कम जरुर कर सकते है। प्लास्टिक से बने कई उत्पाद जैसे कि प्लास्टिक बैग, डिब्बे, ग्लास, बोतल, आदि की जगह हम आसनी से पर्यावरण के अनुकूल अन्य उत्पादो जैसे कि कपड़े, पेपर बैग, स्टील से बने बर्तनो और अन्य चीजो का उपयोग कर सकते है।

प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करना मात्र सरकार की जिम्मेदारी नही है और वास्तव में अकेले सरकार इस विषय में कुछ कर भी नही सकती है। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे।

पिछले कुछ दशको में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है, जोकि एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारे द्वारा प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को रोककर ही इस भयावह समस्या पर काबू पाया जा सकता है। हममे से हर एक व्यक्ति को इस समस्या के निवारण के लिये आगे आना होगा। और इसे रोकने में अपना बहूमुल्य योगदान देना होगा।

सम्बंधित जानकारी:

प्रदूषण पर निबंध

प्लास्टिक बैग पर क्यों प्रतिबंध लगना चाहिए पर निबंध

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Leave a comment.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Plastic Pollution Essay in Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध | Plastic Pollution Essay in Hindi

यह विषय “प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध” उन सभी स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है जो भविष्य में अपने लेखन कौशल में सुधार करना चाहते हैं। यह निबंध आपको इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा जो आपके लेखन को उच्चतम स्तर तक ले जाने में सहायक होगा।

Table of Contents

यहां प्लास्टिक प्रदूषण के प्रमुख कारणों, इसके प्रभावों और इसे रोकने के उपायों पर एक विस्तृत निबंध का परिचय प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि आप एक अच्छा “Beat Plastic Pollution Essay” विकसित कर सकें, जिसकी लंबाई 700 शब्द होगी।

Plastic Pollution Essay in Hindi

प्लास्टिक एक ऐसी चीज़ है जो हमारे जीवन में कई सामान्य उपयोगों के लिए व्यापक रूप से उपयुक्त है। हालाँकि, इसके अनियमित उपयोग और अंतहीन उत्पादन के कारण यह हमारे ग्रह के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। इस निबंध में हम इस पर गौर करेंगे और प्लास्टिक प्रदूषण पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ

प्लास्टिक प्रदूषण से तात्पर्य प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग और कुप्रबंधन के कारण प्रकृति में प्लास्टिक सामग्री के संचय से है, जिससे पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है। यह समुद्र तल से लेकर हिमालय तक, पृथ्वी के सभी भागों तक पहुँचता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण

प्लास्टिक प्रदूषण के कई कारण हैं। कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • अधिक उत्पादन: प्लास्टिक का अधिक उत्पादन प्रदूषण बढ़ाने वाले मुख्य कारणों में से एक है।
  • सुलभ उपयोग: बढ़ते उपयोग के कारण लोग प्लास्टिक का उपयोग इसके उत्पादन के लिए करते हैं।
  • अधीनता: प्रबंधन की कमी के कारण प्लास्टिक सामग्री अलग-अलग स्थानों पर चली जाती है।
  • नदी और समुद्री प्लास्टिक: उचित प्रबंधन के बिना, प्लास्टिक नदियों और समुद्रों में चला जाता है, जिससे जलवायु और जीवों को नुकसान होता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पृथ्वी और उसका प्राणी जगत कई प्रकार से प्रभावित होता है। कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • जलवायु परिवर्तन: प्लास्टिक लंबे समय तक पृथ्वी में रहता है, जिससे जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है।
  • वनस्पति पर प्रभाव: प्लास्टिक से निकलने वाले विषैले पदार्थ वनस्पति के विकास को रोकते हैं।
  • जानवरों को नुकसान: समुद्र में प्लास्टिक का उत्पादन जानवरों को नुकसान पहुँचाता है, जैसे समुद्री कछुए और मछलियाँ जो इसे खाकर मर जाते हैं।
  • नदियों का प्रदूषण: प्लास्टिक अवैध रूप से नदियों को प्रदूषित करता है, जिससे जल स्तर में कमी आती है।

प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के उपाय

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए हम सभी को सामाजिक जिम्मेदारी निभानी होगी। कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:

  • जनसंख्या शिक्षा: लोगों को प्लास्टिक के उपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है।
  • प्लास्टिक का उपयोग कम करें: अनावश्यक प्लास्टिक के उपयोग से बचें और इसके बजाय प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करें।
  • बर्तन वापसी योजनाएँ: प्लास्टिक के बर्तनों को वापस प्रचलन में लाने के लिए बर्तन वापसी योजनाओं को प्रोत्साहित करें।
  • उत्पादन में कमी: प्लास्टिक उत्पादन में कमी लाने और रुझान को उलटने के लिए सरकार द्वारा निर्देशित कदम उठाएँ।
  • पुनर्चक्रण: पुन: उपयोग के लिए प्लास्टिक को पुनर्चक्रित करना महत्वपूर्ण है।

प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी के लिए एक गंभीर समस्या है और इसे समझने और निपटने के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। हमें प्लास्टिक के उपयोग को लेकर खुद को जिम्मेदार बनाना होगा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए उचित उपाय अपनाने होंगे। सही कदम उठाकर हम सब मिलकर प्लास्टिक प्रदूषण को रोक सकते हैं और स्वच्छ और स्वस्थ पृथ्वी का आनंद ले सकते हैं।

ऐसे उपयुक्त उपायों को अपनाकर हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते हैं और पृथ्वी को स्वच्छ और हरा-भरा रख सकते हैं। यह समस्या केवल सरकार या संगठनों के लिए नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि हम स्वयं पर्यावरण की रक्षा के अभियानों में भाग लें। इस विषय पर जागरूकता फैलाना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है और इसे अपनाकर हम सब मिलकर एक स्वच्छ और सुंदर पृथ्वी के साथ एक सकारात्मक युग का निर्माण कर सकते हैं।

प्लास्टिक पर निबंध 800 शब्दों में

प्लास्टिक एक ऐसी सामग्री है जिसने हमारे जीवन को आसान और सुविधाजनक बना दिया है। हम इसका उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं, जैसे कि खाद्य कंटेनर, बोतलें, पैकेजिंग सामग्री और अन्य उत्पादों में। लेकिन इसके अधिक उपयोग और इसके अर्क के बिना यह हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। इस निबंध में हम प्लास्टिक के उपयोग के प्रभाव, इसके प्रकार और इसके संबंध में हमारे पर्यावरण को बचाने के तरीकों पर विचार करेंगे।

प्लास्टिक के प्रभाव

प्लास्टिक के इस्तेमाल का असर आम लोगों से लेकर पर्यावरण तक होता है। इसका उपयोग उत्पादन बढ़ाने में एक प्रमुख योजना बन गई है, जिससे सरकारों और उद्योगों को भारी लाभ होता है। अपने निकटतम स्तर पर, यह हमारे दैनिक उपयोग को सुविधाजनक और अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करता है। इसे आमतौर पर बैग, कंटेनर, बोतल, बक्से और अन्य उपयोगों के संबंध में देखा जाता है।

प्लास्टिक प्रकार

प्लास्टिक विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पॉलीथीन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीविनाइल क्लोराइड, पॉलिएस्टर और पॉलीयुरेथेन प्लास्टिक के कुछ लोकप्रिय प्रकार हैं। ये प्लास्टिक अधिकतर नष्ट होने योग्य और गैर-बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जो इन्हें पर्यावरण के लिए एक चुनौती बनाते हैं।

Plastic Pollution Essay in Hindi

पर्यावरण को बचाने के उपाय

प्लास्टिक के दुष्परिणामों को देखते हुए हमें इसका कम से कम और पर्यावरण के अनुकूल उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

  • जनसंख्या के बीच जागरूकता पैदा करना: हमें लोगों को प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूक करना चाहिए। लोगों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने और वैकल्पिक सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • रीसाइक्लिंग प्लास्टिक: हमें प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना चाहिए। रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया से उत्पादन कम करने में मदद मिलेगी और प्लास्टिक कचरे को अपघर्षक बनाने में मदद मिलेगी।
  • बढ़ती प्रौद्योगिकी: नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग से हम प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए नवीन समाधान ढूंढ सकते हैं। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, प्लांट-आधारित प्लास्टिक और अन्य फॉर्मूलेशन प्लास्टिक के प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
  • उत्पादों में प्लास्टिक का उपयोग कम करना: उद्योगों को उत्पादों में प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वे बेहतर विकल्प खोज सकते हैं जिससे पर्यावरण को कम नुकसान हो।

प्लास्टिक एक महत्वपूर्ण और उपयुक्त सामग्री है जो हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाती है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग हमारे पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर सकता है। हमें प्लास्टिक के प्रति जागरूक होना चाहिए और इसके उपयोग पर नियंत्रण लगाना चाहिए। वैकल्पिक सामग्रियों और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देकर, हम प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं और अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं।

Beat Plastic Pollution Essay 700 words in Hindi

पृथ्वी हमारे लिए एक अनमोल उपहार है जो हमें अपनी खूबसूरत दुनिया के साथ जीवन का आनंद लेने का मौका देती है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली ने हमें यह मानने पर मजबूर कर दिया है कि इसका परिणाम पृथ्वी के पर्यावरण के साथ हमारी बातचीत में तेजी से बदलाव है। प्लास्टिक एक ऐसा तत्व है जिसने हमारे पर्यावरण को बहुत प्रदूषित कर दिया है और पौधों, जानवरों और मनुष्यों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है। इस खतरे को हल करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि हम प्लास्टिक प्रदूषण को हरा सकें और अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें।

प्लास्टिक का उपयोग आजकल सभी क्षेत्रों में हो रहा है, चाहे वह घरेलू उपयोग हो या व्यावसायिक उपयोग। इसके इस्तेमाल से हमें आराम और सुविधा तो मिलती है लेकिन इसके गंभीर परिणाम भी होते हैं जो हमारे लिए खतरनाक हो सकते हैं। प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग से कई प्रकार के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के रसायन होते हैं, और प्रकृति के लिए खतरनाक होते हैं। दुर्भाग्य से इन छोटे टुकड़ों को पृथ्वी के विभिन्न जीवाणुओं और जानवरों ने खा लिया है, जिसके कारण उन्हें वायरस और खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रमुख कारण

  • एक बार उपयोग और फिर त्याग दी गई प्रणाली।
  • बिना सोचे-समझे प्लास्टिक का उत्पादन और खरीदारी।
  • बिना प्रचार के प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग करना।
  • प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण में खराब गुणवत्ता।
  • पहुंच बिंदु पर प्लास्टिक सामग्री का उपयोग करना।

प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभाव

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पृथ्वी के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भारी मात्रा में प्लास्टिक का उपयोग भूमि के निकटतम जीवन संसाधनों, जैसे जल, वनस्पति और पशु-पक्षियों को प्रभावित कर रहा है। प्लास्टिक सामग्री से निकलने वाले विषैले रसायनों के कारण वनस्पति नष्ट होने लगी है और इससे भूमि की उपजाऊ संरचना ख़राब हो रही है।

प्लास्टिक प्रदूषण को हराने के उपाय

  • प्लास्टिक के अलावा विभिन्न प्रकार की उपयोगी और पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करें।
  • पहुंच बिंदुओं पर प्लास्टिक के उपयोग को उदारतापूर्वक कम करें और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कदम उठाएं।
  • प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्परिणामों को लोगों तक पहुंचाएं और उन्हें इससे बचने के उपाय बताएं।
  • प्लास्टिक के निपटान और पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करने वाले जागरूकता अभियान आयोजित करने के लिए नगर निगमों और सरकारी संस्थानों को प्रोत्साहित करें।
  • चार्टर बैग और अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों का उपयोग करना शुरू करें।
  • पॉलिथीन के स्थान पर पेपर बैग का उपयोग करें।
  • बर्तनों में पानी ले जाने के लिए टंकी का उपयोग करना।

संबंधित प्राकृतिक सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देकर और प्लास्टिक के उपयोग को कम करके हम पृथ्वी के पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। इस अभियान में हमारे छोटे-छोटे कदम भी महत्वपूर्ण हैं, ताकि हम सभी स्वच्छ एवं स्वस्थ प्राकृतिक वातावरण में रह सकें। अब समय आ गया है कि हम प्लास्टिक प्रदूषण को हराने और अपने ग्रह को सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम करें।

यह भी पढ़े : प्लास्टिक पर भाषण

प्लास्टिक के फायदे और नुकसान

प्लास्टिक आधुनिक युग की एक अहम आवश्यकता बन गई है। यह हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाने में मदद करता है, लेकिन साथ ही इसके नुकसान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इस निबंध में हम प्लास्टिक के उपयोग के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से देखेंगे।

इस प्रकार, हमने देखा है कि प्लास्टिक का उपयोग हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाता है, लेकिन इसके नुकसानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हमें प्लास्टिक के उपयोग से सावधान रहना चाहिए और प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

1Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध कारण, प्रभाव, निवारण Essay on Plastic Pollution in Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध कारण, प्रभाव, निवारण Essay on Plastic Pollution in Hindi

इस लेख में हमने प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay on Plastic Pollution in Hindi) लिखा है। इसमें हमने प्लास्टिक प्रदुषण के कारण, प्रभाव, निवारण उपाय के बारे में पूर्ण जानकारी दी है।

Table of Content

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution in Hindi (कारण, प्रभाव, निवारण)

प्लास्टिक प्रदूषण को भूमि पर विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक सामग्री के संचय के रूप में परिभाषित किया जाता है, इसके अलावा यह हमारी नदियों, महासागरों, नहरों, झीलों आदि को भी प्रदूषित करता है। इसे लोग आसान शब्दों में पॉलिथीन के दुष्परिणाम भी कहते हैं।

तो आईये जानते हैं किन प्रोजेक्ट की मदद से हम अपने भारत और पृथ्वी को प्लास्टिक मुक्त बना सकते हैं।

पढ़ें: प्लास्टिक के उपयोग को कहें – नहीं

प्लास्टिक क्या है? What is Plastic in Hindi?

प्लास्टिक सामग्री को मुख्य रूप से थर्मोप्लास्टिक Thermoplastic (पॉलीस्टायरीन और पॉलीविनाइल क्लोराइड) और थर्मोसेटिंग पॉलिमर Thermosetting polymers (पॉलीइज़ोप्रीन) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

एक वस्तु के रूप में दुनिया भर के बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। मूल रूप से यह एक सिंथेटिक पॉलीमर है। जिसमें कई कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिक होते हैं, और जो ज्यादातर ओलेफिन जैसे पेट्रोकेमिकल्स से प्राप्त होते हैं।

इनके अलावा, उन्हें बायोडिग्रेएबल, इंजीनियरिंग और इलास्टोमेर प्लास्टिक के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है। हालांकि वे कई मायनों में अत्यधिक उपयोगी हैं और वैश्विक पॉलीमर उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, हालांकि इसका उत्पादन और निपटान पृथ्वी पर सभी जीवन स्वरूपों के लिए एक बड़ा खतरा है।

प्लास्टिक आमतौर पर लगभग 500-1000 वर्षों में खराब हो जाती है। हालांकि हम वास्तविकता में इसके ख़राब होने का समय नहीं जानते है। प्लास्टिक पिछले कई शताब्दियों से ज्यादा उपयोग में लायी जा रही है।

इसके निर्माण के दौरान, कई खतरनाक रसायन निकलते है, जिससे मनुष्य और साथ ही अन्य जानवरों में भी भयानक बीमारियाँ हो सकती हैं।

  • एथीलीन ऑक्साइड, xylene, और benzene, प्लास्टिक में मौजूद कुछ रासायनिक विषाक्त पदार्थ हैं, जो पर्यावरण पर खतरनाक प्रभाव डाल सकते हैं। इसे समाप्त करना आसान नहीं है, और यह जीवित प्राणियों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
  • प्लास्टिक में पाया जाने वाला कई additives, जैसे phthalates, adipates, और यहां तक ​​कि alkylphenols, को जहरीले सामग्री के रूप में मान्यता दी गई है, विनाइल क्लोराइड, जिसका इस्तेमाल PVC पाइपों के निर्माण में किया जाता है, इसको कैंसर जनक के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

प्लास्टिक प्रदुषण क्या है? What is Plastic Pollution in Hindi?

जब प्लास्टिक (synthetic plastic) पृथ्वी में जगह-जगह जमा होने लगता है और जमा होने के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव और जिव-जंतुओं पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगता है तो इसे प्लास्टिक प्रदुषण कहा जाता है।

यह प्लास्टिक प्रदुषण सभी प्रकार के प्रदुषण को बढ़ावा देता है। यह मुख्य रूप से मृदा प्रदुषण , जल प्रदुषण और वायु प्रदुषण को बढ़ावा देता है।

प्लास्टिक प्रदुषण के कारण Causes of Plastic Pollution in Hindi

प्लास्टिक प्रदुषण के निम्नलिखित कारण हैं-

  • प्लास्टिक महंगा नहीं है, इसलिए  यह अधिक उपयोग किया जाता है। इसने हमारी भूमि कब्ज़ा कर लिया है, जब इसको समाप्त किया जाता है, तो यह आसानी से विघटित नहीं होता है, और इसलिए वह उस क्षेत्र के भूमि और मिट्टी को प्रदूषित करता है।
  • एकबार ही प्रयोग के बाद अधिकांश लोग प्लास्टिक की बोतलें और पॉलिथीन बैग को फेंक देते हैं। इससे भूमि और साथ ही महासागरों में प्रदूषण दर बढ़ जाती है, मुख्यतः विकासशील और अविकसित देशों में इसकी बजह से प्रदुषण बढ़ रहा है।
  • प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें,  त्याग किए गए इलेक्ट्रॉनिक समान, खिलौने आदि, विशेषकर शहरी इलाकों में नहरों, नदियों और झीलों के जल के निकास को रोक रहे है।
  • हर साल दुनिया भर में लगभग 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है इसमें से 25 मिलियन टन ना नष्ट होने योग्य प्लास्टिक पर्यावरण में जमा हो रही हैं।
  • अमेरिका में ठोस सार्वजनिक कचरे की कुल मात्रा में से लगभग 20% प्लास्टिक और संबंधित पॉलिमर हानिकारक होते हैं। लगभग 50 मिलियन अमरीकी डॉलर US की प्लास्टिक उद्योग का मूल्य है।
  • दुनिया भर में लगभग 70,000 टन प्लास्टिक महासागरों और समुद्रों में फेंक दिए जाते हैं। मछली पकड़ने के जाल और अन्य सिंथेटिक सामग्री को जेलिफ़िश और स्थलीय और साथ ही जलीय जानवरों द्वारा भोजन समझकर, खा लिया जाता है, जिससे उनके शरीर के अंदर प्लास्टिक के जैव-संचय हो सकते हैं। इससे श्वसन मार्ग में अवरोध होता है, अंत में इस वजह से हर साल कई मछलियों और कछुओं की मौत हो जाती हैं।

प्लास्टिक प्रदुषण के प्रभाव Effects of Plastic Pollution in Hindi

नीचे हमने प्लास्टिक प्रदुषण के मुख्य प्रभावों के विषय में बताया है-

  • ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के प्रदूषण और संबंधित प्रभावों की अधिक संभावना है, क्योंकि इन क्षेत्रों के अधिकांश लोग प्लास्टिक के बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं।
  • हमारे द्वारा फेंके गये गंदे कचरे में प्लास्टिक की थैली और बोतलों को कई आवारा जानवरों द्वारा खा लिया जाता है जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है।
  • बरसात के मौसम में, सड़क पर पड़ा हुआ प्लास्टिक का कचरा जो कि पास के जलाशय और नहरों और नालियों में वह जाता है,इस कचरे को मछलियों द्वारा खा लिया लिया जाता है जिसके कारण मछलियों को श्वसन में परेशानी होने लगती है। इसके अलावा, इन सिंथेटिक सामग्री से पानी की गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है।
  • जब खुले में प्लास्टिक फेंक दिया जाता है, तो प्लास्टिक की सामग्री पानी के संपर्क में आती है और खतरनाक रसायनों का निर्माण करती है। यदि इन यौगिकों से भूजल का स्तर में कमी आती हैं, और जल की गुड़वत्ता कम हो जाती है।
  • समुद्री जल निकायों में प्लास्टिक प्रदूषण के कारण जलीय जानवरों की असंख्य मृत्यु हो रही है, और इससे यह जलीय पौधे भी काफी हद तक प्रभावित हो रहे  है।
  • प्लास्टिक संचय के कारण गंदगी बढ़ती है जो मच्छरों और अन्य हानिकारक कीड़े के लिए प्रजनन आधार बन जाता है, जो कि मनुष्यों में कई बीमारियों का कारण हो सकता है।
  • हमारे घर में पानी की गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है, क्योंकि प्लास्टिक में कुछ जहरीले रसायनों जैसे स्टाइरीन ट्रिमर, बिस्फेनोल A, और पॉलीस्टायर्न के उप-उत्पाद उपस्थित होता है। ये उत्पाद प्रतिदिन पीने के पानी की स्थिति ख़राब कर रहे हैं बिस्फेनोल A हानिकारक रासायनिक है जो जानवरों की प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है।
  • जानवरों के अंदर प्लास्टिक के जैव-संचय, प्लास्टिक प्रदूषण सबसे हाल के प्रभावों में से एक है। जमी हुई प्लास्टिक हानिकारक रसायनों को मुक्त करती है, और छोटे टुकड़ों में भी विभाजित हो जाती है, और जानवरों की मृत्यु के बाद, उनका शरीर विघटित होता है, लेकिन प्लास्टिक के टुकड़े अन्य जानवरों के लिए खतरे के रूप में रह जाते हैं।
  • हवा एक जगह से दूसरे स्थान पर प्लास्टिक का जमाव करती है, जिससे भूमि कूड़े में बढ़ोत्तरी होती है। यह, पेड़, टॉवर, इमारतों आदि सभी जगह को प्रभावित करती है, और कोई भी जानवर जो उनके संपर्क के क्षेत्र में आता है, उसमें उलझ जाता है और उनका दम घुटने के कारण उनकी मौत हो जाती है।
  • प्लास्टिक के जलने से वायुमंडल के प्रदूषण बढ़ता है और ज़हरीली रसायनों का विमोचन जो की, वायु प्रदूषण का एक कारण होता है। जब इनको रीसाइकिल किया जाता है, तो मजदूरों की आवश्यकता होती है, जो ज़हरीली रसायनों में साँस लेते है, जिस कारण उनको त्वचा और श्वसन समस्याओं के जोखिम उठाने पढ़ते हैं।

प्लास्टिक प्रदुषण के समाधान और निवारक उपाय Plastic Pollution solutions and preventive measures in Hindi

निम्नलिखित तरीकों से हम अपने पृथ्वी को प्लास्टिक प्रदुषण से मुक्त बना सकते हैं –

  • यद्यपि प्लास्टिक से बने सामान सुविधाजनक होते हैं, यह वह समय है जब हमें पृथ्वी पर प्लास्टिक की वजह से होने वाले नुकसान की जानकारी होनी चाहिए। इससे पहले की हमारी पृथ्वी की तस्वीर और भी बदसूरत हो जाये, बेहतर होगा कि आप इस प्रकार के प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ प्रभावी निवारक उपाय अपनाये।
  • प्लाटिक की थैली के उपयोग में गिरावट लाने के लिए, हमें शॉपिंग के लिए जितना संभव हो पेपर या कपड़े से बने बैग का उपयोग करना चाहिए, और घर पर प्लास्टिक बैग लाने से बचना चाहिए।
  • प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या की गंभीरता को समझना चाहिए, और पानी में और भूमि पर फेंके गये डंपिंग प्लास्टिक के परिणाम के बारे में समझना चाहिये। प्लास्टिक के उचित निपटान सुनिश्चित करना।
  • जो प्लास्टिक का निपटान किया जाता है, वह पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है और उनका इस्तेमाल कई अलग-अलग तरीकों में जैसे बैग, पर्स, या पाउच को बनाने में किया जा सकता है। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग उपलब्ध हैं, जो काफी हद तक मददगार साबित हुए हैं।

निष्कर्ष Conclusion

ये परिवर्तन धीरे-धीरे हमारी समस्या को कम कर सकते है और प्लास्टिक के प्रति हमारे आकर्षण को भी कम कर सकते हैं; इसलिए हमें छोटे-छोटे कदम उठाकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में योगदान देना चाहिए।

यह वह समय है जब हम कुछ निवारक कदम उठाकर अपने भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित कर सकते है। आशा है प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution Hindi आपको अच्छा लगा होगा।

23 thoughts on “प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध कारण, प्रभाव, निवारण Essay on Plastic Pollution in Hindi”

Give more points for the control of plastic pollution

Nice. Akansha bisnoi ji

Nice , superb, fantastic essay

It’s a nice essay i m impressed

I always need an essay like this I’m so satisfied now Thanks for such an essay

Finally Project completed

Very good essay nice

So good. Thanx

it’s important.

Bahut accha

Bahut achcha h

I want topic on plastic free india

yup its nice but akansha’s right…..

Nice sir that’s a fantastic essay…..thanks for this help….

Please send this in English also

very informative essay

i like this essey……..thanks

I need objectives

Leave a Comment Cancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

plastic pollution essay 700 words in hindi

25,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

plastic pollution essay 700 words in hindi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

plastic pollution essay 700 words in hindi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

plastic pollution essay 700 words in hindi

  • Essays in Hindi /

Essay on Plastic Pollution in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

' src=

  • Updated on  
  • जून 30, 2023

essay on plastic pollution in hindi

प्रदूषण (संस्कृत शब्द: प्रदूषणम्) पर्यावरण में दूषक पदार्थों (कंटामिनेंट्स) के प्रवेश के कारण प्राकृतिक संतुलन में उत्पन्न होने वाले दोष को कहते हैं। प्रदूषण पर्यावरण को और जीव-जन्तुओं को नुकसान पहुँचाता है। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को प्लास्टिक प्रदूषण कहते हैं। आईये देखें प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (essay on plastic pollution in hindi)। 

This Blog Includes:

प्लास्टिक प्रदूषण क्या होता है, सिंगल यूज़ प्लास्टिक क्या होता है, प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली बीमारियाँ , विषय विस्तार, प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 500 शब्दों में, प्लास्टिक प्रदूषण पर स्लोगन, प्लास्टिक प्रदूषण से जुड़े कुछ फैक्ट्स.

प्लास्टिक प्रदूषण एक पर्यावरणीय समस्या है जो प्लास्टिक के उपयोग के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है। प्लास्टिक एक अविश्वसनीय औद्योगिक उत्पाद है जो बहुत सारे उपयोगों के लिए इस्तेमाल होता है, जैसे कि खाद्य संचार, वस्त्रों, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि पैकेजिंग, आदि। प्लास्टिक की बढ़ती मांग के कारण, इसका उत्पादन और उपयोग भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का उपयोग करने के बाद उसे कचरे के रूप में भूमि पर या जल स्रोतों में फेंकना और इस प्लास्टिक कचरे का इकठ्ठा होना ही प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक वह है जो हम रोज़मर्रा के कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं। जैसे कि प्लास्टिक की थैलि से राशन लाना हो फल सब्जी लाना हो आदि। आजकल ज्यादातर फूड आइटम प्लास्टिक में पैक होते हैं जैसे की चिप्स, कुरकुरे, चाकलेट आदि। पैकेजिंग पानी का बोतल, कोल्ड ड्रिंक की बोतल आदि सिंगल यूज प्लास्टिक कहलाता है। इन प्लास्टिक को ज्यादातर इस्तेमाल करने के बाद यहां वहां फेंक देते हैं। लेकिन हमारी यह गलती पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है। प्लास्टिक का उत्पादन दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है और उसका इस्तेमाल भी भारी मात्रा में हो रहा है।

  • पलमोनेरी कैंसर (फेफड़ों के द्वारा जहरीली गैसों में साँस लेने के कारण होता है) 
  • लिवर को नुकसान
  • तंत्रिका और मस्तिष्क को नुकसान
  • गुर्दे की बीमारी
  • बर्थ डिसॉर्डर का रिस्क
  • गर्भावस्था संबंधित विकार
  • हार्मोनल विकार 

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 300 शब्दों में: Essay on Plastic Pollution in Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 300 शब्दों में –  essay on plastic pollution in hindi कुछ इस प्रकार है –

प्लास्टिक प्रदूषण प्लास्टिक के कचरे से उत्पन्न होता है। प्लास्टिक एक नॉन- बायोडिग्रेडेबल पदार्थ है जो सैंकड़ो वर्षों तक पृथ्वी पर रहकर वातावरण को नुक्सान पहुंचाता है। आज के समय में यह विकराल रुप धारण कर चुका है और दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।

अब सवाल आता है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कैसे रोकें? इसके लिए हम व्यग्तिगत स्तर पर प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर सकते हैं। इसकी जगह हम विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही हम रीयूज़ की आदत अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं। प्लास्टिक बैग फेंकने से पहले जितनी बार भी हो सके उनका पुनरुपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार हम प्लास्टिक कचरे को कम करने में और प्लास्टिक प्रदूषण के रोकथाम में अपनी महात्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

प्लास्टिक एक लीच की तरह पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। मनुष्य प्लास्टिक पर इस तरीके से निर्भर हो गए है कि वह चाहकर भी प्लास्टिक को छोड़ नहीं पा रहे है। सूरज की रोशनी, हवा और समुद्री लहर की बजह से प्लास्टिक कचरा छोटे छोटे कणों का आकर ले लेता है। फिर यह हमारे पर्यावरण के वायु मंडल, जल स्रोत आदि में रह जाता है। इन मइक्रोप्लास्टिक का आकर बहुत ही छोटा होता है, जिसके कारण यह हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है, चाहे वो साँस लेते समय हो या फिर पानी के माध्यम से हो।

माइक्रोप्लास्टिक जल स्त्रोतों से हमारे घर तक पहुंचाए जाने वाले पेयजल प्रणालियों में और हवा में प्रवेश करते\। जाने अनजाने में इन मइक्रोप्लास्टिक का सेवन हम इंसान भी कर रहें हैं, जिसके कारण हम बीमार भी पड़ सकते हैं और हमे गंभीर बिमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

दुनिया भर में प्रदूषण की समस्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। इसमें भी प्लास्टिक एक समस्या है जो सबसे अधिक चिंताजनक है क्योंकि यह एक ऐसा पदार्थ होता है जिसे नष्ट होने में काफी समय लगता है। केवल इतना ही नहीं इसके कारण पानी से लेकर हवा और भूमि सभी प्रदूषित होते हैं। हमें प्लास्टिक रिसाइकिलंग के बारे में गंभीरता से सोचना होगा और व्यक्तिगत रूप से भी अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह करना पड़ेगा, तभी हमारी पृथ्वी सुरक्षित रहेगी। स्पष्ट रूप से हमें इस दिशा में और अधिक गंभीरता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।

यह भी देखें – प्रदूषण पर निबंध

प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का जमीन या जल में इकट्ठा होना प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है। प्लास्टिक प्रदूषण कई तरीकों से हो सकता है। एक तरफ, प्लास्टिक के उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली कचरे के धातुओं के उपयोग में परिवर्तन के कारण और दूसरी ओर, उपयोगिताओं के बाद नष्ट होने पर प्लास्टिक अप्रचलित हो जाता है। इन अप्रचलित प्लास्टिक आवागमनों के कारण यह प्रदूषण पानीमार्ग के माध्यम से नदियों, समुद्रों, झीलों और अन्य जल निकायों में पहुंचता है। यह प्रदूषण मानव स्वास्थ्य, जीवन पशुओं, मार्गनिर्देशक प्रणी, और जलीय प्रदेशों आदि के लिए हानिकारक होता है। 

प्लास्टिक प्रदूषण कई कारणों से होता है। प्लास्टिक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला पदार्थ है। यह किफायती होने के साथ इन्हे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। प्लास्टिक के वस्तुओं के बढ़ते उपयोग के कारण ही प्लास्टिक प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है। प्लास्टिक एक नान- बायोडिग्रेडबल पदार्थ है। इससे उत्पन्न कचरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यह जल और भूमि में विघटित नहीं होता है। यह वातावरण में सैकेड़ो वर्षो तक बना रहता है, जिससे यह भूमि, जल और वायु प्रदूषण का कारण बनता है। प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक से बने अन्य उत्पाद छोटे-छोटे टुकड़ो में टूट जाते हैं। यह मिट्टी और पानी के स्त्रोतो में मिल जाते है। परिणामस्वरूप, प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है।

प्लास्टिक अन्य जीवन रूपों को प्रभावित कर सकता है। जल में प्लास्टिक के पड़ जाने से जलजीवन, मत्स्य, और अन्य जलीय प्राणियों को नुकसान पहुंच सकता है। जब प्लास्टिक कचरा जल निकायों में पहुंचता है, तो यह जलमार्गों को प्रदूषित करता है। प्लास्टिक कचरे की वजह से नदियों, समुद्रों और झीलों का पानी गंदा हो जाता है, जिससे जलजीवन और मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक प्रदूषण के कारण वनस्पतियों और महत्वपूर्ण प्राणियों को नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक के टुकड़े, छोटे उपकरण और प्लास्टिक वगैरह के साथ जंगली जानवरों के गले बंध सकते हैं या उनके पांव में फंस सकते हैं, जिससे उन्हें खाने-पीने और आकारीय गतिविधियों में समस्याएं हो सकती हैं। प्लास्टिक के उपयोग से उत्पन्न होने वाले केमिकल्स और विषाणुओं के कारण, मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पडता है। सांस लेने या प्लास्टिक उत्पादों के संपर्क में आने के कारण स्वास्थ्य समस्याएं जैसे एलर्जी, श्वसन संबंधी समस्याएं, हार्मोनल असंतुलन, कैंसर आदि हो सकता हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए हमें व्यक्तिगत स्तर पर पहल करने की ज़रूरत है। प्लास्टिक के उपयोग को कम करना, प्लास्टिक से बेहतर निपटारा, विकल्प उत्पादों का उपयोग, जनसंचार के माध्यम से जागरूकता फैलाना , वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी उन्नति से प्लास्टिक के विकास को कम करना, प्रदूषण नियंत्रण नीतियों को सख्ती से लागू करना , सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन आदि से हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते हैं।

यह भी देखें – सिंगल यूज प्लास्टिक पर पोस्टर

प्लास्टिक प्रदूषण पर कुछ बेस्ट स्लोगन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • प्लास्टिक न सड़ती है, न गलती है सिर्फ़ सदियों तक प्रदूषण करती है 
  • प्लास्टिक देती है सुख प्रदूषण करती है खूब 
  • पॉलिथीन का करें न उपयोग फैलाती है यह जानलेवा रोग 
  • नई पीढ़ी न करेगी माफ़ जब पर्यावरण का होगा नाश  
  • पेपर बैग का करें इस्तेमाल प्रदूषण में करें न योगदान 
  • घर से थैला खुद ले जाएं पॉलिथीन को न अपनाएं 
  • सिंगल यूज़ प्लास्टिक न कहें पर्यावरण संरक्षण को हाँ कहें 
  • बीमारी और मौत से बचें प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता को समझें 
  • पॉलिथीन का व्यापार न करें लालच में पृथ्वी बीमार न करें 
  • पॉलिथीन से सबको बचाना है जूट और कपड़ा विकल्प बनाना है 

प्लास्टिक प्रदूषण से जुड़े कुछ फैक्ट्स हैं –

  • विश्व में प्रति वर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता
  • अमेरिका हर साल 42 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक का उत्पादन करता है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है
  • हर साल 8 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक महासागरों में प्रवेश करता है। 
  • महासागरीय प्लास्टिक प्रदूषण 2040 तक 29 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ने की राह पर है 
  • हर साल प्लास्टिक में फंसने से 100,000 जानवर मर जाते हैं। 
  • मनुष्य हर सप्ताह 5 ग्राम प्लास्टिक निगलता है। 
  • प्लास्टिक 2030 तक अमेरिका में कोयले की तुलना में अधिक GHG उत्सर्जन रिलीज़ करेगा
  • COVID-19 ने महासागर में 25,900 टन प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ा दिया है। 
  • औसतन, प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग सिर्फ 25 मिनट के लिए किया जाता है। 
  • एक प्लास्टिक को गलने में कम से कम 100 से 500 साल लगते हैं। 
  • आए दिन समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के कारण समुद्री जीवों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है और वो लुप्त होने की कगार पर हैं। 

प्लास्टिक प्रदूषण से कैंसर, दमा, दिमाग सम्बन्धी बीमारियाँ हो सकती हैं। 

माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं जिनकी लंबाई 5 मिलीमीटर से कम होती है। समुद्र में माइक्रोप्लास्टिक वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बन चुका है।

हर साल अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री दिवस 3 जुलाई को मनाया जाता है।

यह था प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध, essay on plastic pollution in hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

' src=

विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

25,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

plastic pollution essay 700 words in hindi

Resend OTP in

plastic pollution essay 700 words in hindi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

plastic pollution essay 700 words in hindi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

Hindi Yatra

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण – Plastic Pollution

Plastic Pollution Essay in Hindi प्लास्टिक यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक ज्यों का त्यों पड़ा रहता है अन्य पदार्थों की तरह विघटित नहीं होता है. जब से विज्ञान ने तरक्की की है मानव ने Plastic का निर्माण बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ा दिया है. मानव ने प्लास्टिक का निर्माण अपनी सुविधा के लिए किया था

लेकिन अब यही प्लास्टिक मानव के जीवन के साथ – साथ पृथ्वी के वातावरण के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है.

हमारे भारत देश में 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 15000 टन प्लास्टिक अपशिष्ट निकलता है.  जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक हो गया है कि इस प्लास्टिक से पृथ्वी को 5 बार लपेटा जा सकता है.

और इस प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है. Plastic Pollution Essay Hindi me School or College ke Student ke Liye.

essay on plastic pollution in hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi

प्लास्टिक को बनाने के लिए कई जहरीले केमिकल काम में लिए जाते है जिसके कारण यह जहां भी पड़ा रहता है धीरे-धीरे वहां पर बीमारियो और प्रदूषण को जन्म देता है.

प्लास्टिक मानव की दिनचर्या में इस तरह से शामिल हो चुका है कि जब सुबह की शुरुआत ही प्लास्टिक के टूथ ब्रशसे होती है

और जिस बाल्टी से नहाता है वह भी प्लास्टिक की होती है जिस चम्मच से खाता है वह भी प्लास्टिक की होती है और जब वह ऑफिस के लिए निकलता है तो अपना खाना भी प्लास्टिक के डिब्बे में लेकर जाता है

और पानी भी प्लास्टिक की बोतल में ही लेकर जाता है. इसका मतलब प्लास्टिक मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है.

यह भी पढ़ें –  बाढ़ पर निबंध – Essay on Flood in Hindi

लेकिन प्लास्टिक मानव को जितनी सहूलियत प्रदान करता है उतनी ही बीमारियां भी फैलाता है. एक अध्ययन में सामने आया है कि एक ही प्लास्टिक की बोतल को बार-बार पीने के पानी में काम में लेने पर उसमें कई जहरीले पदार्थ घुलने लग जाते है और इससे कैंसर जैसी भयानक बीमारियां भी हो सकती है . प्लास्टिक को मानव जीवन के लिए इतना खराब होने के बाद भी काम में क्यों लिया जाता है आइए जानते हैं –

प्लास्टिक क्यों उपयोग में लिया जाता है – Why Plastic is Used

मानव द्वारा प्लास्टिक का उपयोग अपनी सहूलियत के लिए किया जाता है. एक प्लास्टिक का बैग है अपने वजन से 2000 गुना ज्यादा वजन उठा सकता है और इसको कहीं पर भी ले जाया जाना आसान होता है. मानव ने जिस प्रकार तरक्की की है  मानव उतना ही आलसी होता जा रहा है.

जिसके कारण वह कहीं पर भी जब भी वस्तु खरीदने जाता है तो वह घर से कपड़े, कागज या जुट का थैला नहीं लेकर जाता है. जिसके कारण सामान बेचने वाले विक्रेता मजबूरी में पॉलिथीन की बेगो में लोगों को समान देते है. जिस कारण प्लास्टिक का उपयोग बहुत मात्रा में बढ़ गया है.

और आजकल तो फास्ट फूड का जमाना है तो लोग रास्ते में चलते ही खाना पसंद कर रहे हैं और यह खाना भी उन्हें प्लास्टिक की थेलियो में ही दिया जाता है. आजकल हर वस्तु ऐसे ही लिपटी हुई आती है.

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव – Harmful effect of plastic in hindi

प्लास्टिक का पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं के साथ साथ अन्य जीवन के लिए जरूरी घटकों  पर भी इसका बहुत ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है. प्लास्टिक एक धीमे जहर का काम कर रहा है यह मानव के जीवन में इस तरह से घुल चुका है कि मानव ना चाहते हुए भी इसका उपयोग कर रहा है.

प्लास्टिक से ऐसे जहरीले पदार्थ निकलते है  कि वह धीरे-धीरे मानव स्वास्थ्य को खराब करते है. आइए जानते हैं कि प्लास्टिक का दुष्प्रभाव कितना बढ़ चुका है –

(1) जल प्रदूषण – Water Pollution

प्लास्टिक ऐसे पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है जो कि हजारों सालों तक नष्ट नहीं होता है.  और यही पर प्लास्टिक आजकल जल प्रदूषण का भी कारण बन रहा है क्योंकि मानव द्वारा हर वस्तु का निर्माण प्लास्टिक द्वारा ही किया जा रहा है जैसे कि पानी पीने की बोतल, खाना खाने के लिए चम्मच, टूथ ब्रश, सामान लाने के लिए, अन्य वस्तुओं की पैकिंग के लिए भी प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है.

यहां तक कि बच्चों के खेलने के लिए भी प्लास्टिक के खिलौने बनाए जाने लगे है. और मानव द्वारा ज्यादातर प्लास्टिक की ऐसी वस्तुएं बनाई जाती हैं जो कि एक बार में काम में लेने के बाद फेंक दी जाती है.

यह भी पढ़ें –  जल ही जीवन है पर निबंध – Jal hi Jeevan Hai Essay in Hindi

जिसके कारण यह फेंकी हुई वस्तुएं हवा के कारण इधर-उधर जमा होती रहती है और फिर जब बारिश होती है तो यह पानी के साथ बहकर  नदियों और नालों में चली जाती है और उसके बाद महासागर में चली जाती है. कई बार तो इन प्लास्टिक की थैलियों के कारण नदी-नाले रुक जाते है

जिस का एक उदाहरण हमें कुछ सालों पहले मुंबई शहर में देखने को मिला था चूँकि प्लास्टिक की थैलियों और बोतलों के कारण नालों का बहाव रुक गया था और आधा मुंबई शहर बाढ़ की चपेट में आ गया था.

प्लास्टिक के हजारों सालों तक खराब नहीं होने के कारण यह महासागरों में पड़ा रहता है प्लास्टिक से धीरे धीरे जहरीले पदार्थ निकलते रहते हैं जो कि जल में घुल जाते हैं और उसे प्रदूषित कर देते हैं.

(2) मृदा प्रदूषण – Soil Pollution

जैसा कि आपको पता है कि प्लास्टिक की विघटन प्रक्रिया में 500 से हजारों साल लग जाते हैं  इसलिए जब प्लास्टिक हो भूमि के अंदर गाड़ दिया जाता है तो यह विघटित नहीं हो पाता है और जहरीली गैसे और प्रदार्थ छोड़ता रहता है.

जिसके कारण वहां की भूमि बंजर हो जाती है और अगर कोई फसल पैदा भी होती है तो उसमें जहरीले पदार्थ मिले होने के कारण यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं.

(3) वायु प्रदूषण – Air Pollution

मानव जीवन में जिस प्रकार प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता जा रहा है उसी प्रकार प्लास्टिक के कचरे के समाधान के लिए कई लोग प्लास्टिक को जला देते हैं. वे लोग समझते हैं कि प्लास्टिक को जलाने से इस को नष्ट किया जा सकता है और प्रदूषण से भी बचा जा सकता है. लेकिन होता है

बिल्कुल इसके उलट है क्योंकि प्लास्टिक को जब बनाया जाता है तो इसमें बहुत सारे जहरीले केमिकल का इस्तेमाल होता है और जब इस को जलाया जाता है तो वह सारे केमिकल हवा में फैल जाते हैं और वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं. प्लास्टिक को जलाए जाने के कारण जो धुँआ उत्पन्न होता है

अगर उसमें ज्यादा देर तक सांस लें ली जाए तो मानव को कई सारी बीमारियां हो सकती हैं.  यह मानव जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है.

(4) मानव जीवन पर प्रभाव – Influence on human life

चूँकि प्लास्टिक का उपयोग मानव द्वारा ही सबसे ज्यादा उपयोग में लिया जाता है. जिसके कारण इसके दुष्प्रभाव भी मानव पर ही ज्यादा पड़ते है. मानव का जन्म होता है तब से ही उसके हाथों में प्लास्टिक थमा दिया जाता है.  छोटे बच्चे के मुंह में दूध के निप्पल से लेकर उसे प्लास्टिक का डायपर बनाया जाता है.

बच्चे को खेलने के लिए भी प्लास्टिक के खिलौने ही दिए जाते हैं. यहां तक कि मानव अपने पूरे जीवन भर में सबसे ज्यादा प्लास्टिक से ही घिरा रहता है और इसी का ही सबसे ज्यादा उपयोग करता है.

यह भी पढ़ें – वायु प्रदूषण पर निबंध – Air Pollution Essay in Hindi

लेकिन प्लास्टिक से मानव जीवन को बहुत खतरा है क्योंकि  मानव को जीवन के लिए जिन आवश्यक वस्तुओं की आवश्यकता पड़ती है उन सभी में यह प्लास्टिक जहर घोल देता है. जिससे अनेकों भयंकर बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं. एक शोध के मुताबिक प्लास्टिक से कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती है. प्लास्टिक भविष्य में मानव जीवन के पतन का कारण भी बन सकता है.

(5) समुद्री जीवो पर दुष्प्रभाव –

पृथ्वी का सबसे ज्यादा प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुएं महासागरों में ही पाई जाती है.  क्योंकि प्लास्टिक मानव द्वारा समुद्रों में इस तरह से फेक दिया जाता है कि जैसे कि समुंदर कोई कचरा पात्र हो.  प्लास्टिक नदियों और नालों में बहने वाले पानी के साथ बहकर समुद्र तक पहुंच जाता है.

प्लास्टिक से बनी वस्तुओं में जायलेन, इथिलेन ऑक्साइड और बेंजेन जैसे जहरीले केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. समुद्री जीव प्लास्टिक को खाना समझकर खा लेते हैं जिसके कारण इनके फेफड़ों या फिर श्वास नली में यह प्लास्टिक फंस जाता है और उनकी मृत्यु हो जाती है. जिसके कारण आए दिन समुद्री जीवो की जनसंख्या कम हो रही है.

(6) जीव जंतुओं पर दुष्प्रभाव –

प्लास्टिक द्वारा ज्यादातर वस्तुएं ऐसी बनाई जाती हैं जो कि मानव द्वारा एक बार में इस्तेमाल लेने के बाद फेंक दी जाती हैं  जैसे कि पानी की बोतलें, खिलौने, टूथ ब्रश, पैकिंग का सामान, पॉलिथीन बैग, प्लास्टिक के बॉक्स आदि ऐसी वस्तु है जो कि मानव द्वारा एक बार ही इस्तेमाल में ली जाती है.

फिर इन सब वस्तुओं को कचरे में फेंक दिया जाता है. इस कचरे में बचा-खुचा खाने का सामान भी पड़ा रहता है जो कि गायों या अन्य पशुओं द्वारा इन प्लास्टिक की वस्तुओं के साथ ही खा लिया जाता है यह प्लास्टिक जीव जंतुओं के फेफड़ों में फंस जाता है. जिसके कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है और उनकी मृत्यु हो जाती है.

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को रोकने के उपाय – How to Stop Plastic Pollution

  • प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का बहिष्कार करें.
  • प्लास्टिक की बैग और बोतल जो कि उन्हें इस्तेमाल के योग्य हूं उन्हें फेंके नहीं उनका तब तक इस्तेमाल करें जब तक कि वह खराब ना हो जाए.
  • प्लास्टिक से बनी हुई ऐसी वस्तुओं के इस्तेमाल से बचें जिन्हें एक बार इस्तेमाल में लिए जाने के बाद फेंकना पड़े.
  • प्लास्टिक की जगह कपड़े, कागज और जुट से बने थैलों का इस्तेमाल करें.
  • जब भी आप कोई वस्तु खरीदने जाए तो फिर से कपड़े का थैला अपने साथ लेकर जाएं जिससे कि आपको प्लास्टिक की थैलियों में सामान नहीं लाना पड़े.
  • दुकानदार से सामान खरीदते वक्त उसे कहें कि कपड़े या कागज से बनी थैलों में ही समान दे.
  • खाने की वस्तुओं के लिए स्टील या फिर मिट्टी के बर्तनों को प्राथमिकता दें.
  • प्लास्टिक की पीईटीई (PETE) और एचडीपीई (HDPE) प्रकार के सामान चुनिए. क्योंकि इस प्रकार के प्लास्टिक को रिसाइकिल करना आसान होता है.
  • प्लास्टिक के दुष्प्रभाव का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए जिससे कि लोगों द्वारा इसको कम उपयोग में लिया जाए.
  • स्कूलों में विद्यार्थियों को प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में निबंध लिखवाने चाहिए इस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता होनी चाहिए जिससे कि विद्यार्थियों को पता चल सके की प्लास्टिक हमारे जीवन के लिए कितना हानिकारक है जिससे कि वह बचपन से ही कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करने लगेंगे.
  • कभी भी प्लास्टिक को स्वयं नष्ट करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे हम किसी ना किसी प्रकार के प्रदूषण को बढ़ावा ही देंगे. इससे अच्छा होगा कि हम किसी रिसाइकिल करने वाली कंपनी को यह प्लास्टिक दे दे.

यह भी पढ़ें –

Slogan on Plastic Pollution in Hindi – प्लास्टिक प्रदूषण पर नारे

वायु प्रदूषण पर निबंध – Air Pollution Essay in Hindi

प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Plastic Pollution पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

74 thoughts on “प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण – Plastic Pollution”

Greetings! Very useful advice within this article!

Thank you Jan for appreciation.

Excellent knowledge

Thank you Kishan kumar for appreciation, keep visiting hindi yatra.

Very nice sir thanks

Welcome Ravi maurya and thank you for appreciation.

Wonderful essay👌👌👌👌

Thank you Yashish for appreciation.

Very good essay for students and adulte

Thank you Bharat for appreciation.

Thanks bhai is nidandh k liye

Welcome Akash Bindra bhai, Nibandh ki sarahna ke liye aap ka bhut bhut Dhanyawad.

Sir, You write this plastic essay this mean you never use plastic . Thank you Sir Don’t mind.

Dear Aman, We are surrounded by plastic on all sides, we have to use plastic even if we do not want to. But we must say that we have reduced the use of plastic. Thank you.

plastik mukt bharat par 500 shabdo me mujhe nibandh chahiye

abhay ji hum jald hi 500 shabdo ka nobandh bhi likhe ge.

AAPKA NIBANDH HAME BAHUT HI ACHA LAGA HUM KOSIS KARENGE KI HUM PLATICS SE BANI VASTUVO KA KAM SE KAM PRYOG KRE OR KEWAL EK BAAR USE HONE WALE PLATICS KA UPYOG BAND KR DE

INDIAN, hame accha laga aap ko nibandh pasand aaya or jayada khushi is baat ki hai ki ab se aap kam plastic use kre ge, aise hi hindi yatra par aate rahe. Dhanyavad

Very good thinking

Thank you Kishan Singh, keep visiting hindi yatra.

Hum es abhiyan se shmat h or plastic k upyog ko rokenge

Sanwarmal depan ji waah bhut accha karye kar rahe hai aap Dhanyawad.

Super mst boss

Thank you Yuvraj Gupta, aise hi hindi yatra par aate rahe dhanyawad.

Well done this topic sir

Thank you Shubhu jatt for appreciation.

It is very nice essay… N we follow it but I want to essay on single use plastic free campus.

Thank you Pragati Nayak for appreciation and we will update this essay soon on single use plastic.

जी मै आपके निबंध पर एक यूट्यूब वीडियो बनाऊंगा बहुत ही अच्छा लगा मुझे

महेश जी आप का बहुत बहतु धन्यवाद, ऐसे ही हिंदीयात्रा पर आते रहे.

प्लास्टिक तथा पॉलिथीन के बारे में बहुत अच्छा लेख ,हम प्लास्टिक तथा पॉलिथीन का उपयोग कम से कम करेगे। धन्यबाद ।

हमे खुशी हुई आप को हमारा लेख पसंद आया और आप ने इस से शिक्षा भी ली, ऐसे ही वेबसाइट पर आकर हमारा होंसला बढ़ाते रहे, धन्यवाद.

Yah plastic pollution par bhought acha neeband hai

Surendra Gautam ji, sarahna ke liye aap ka bhut bhut Dhanyavad, aise hi hindi yatra par aate rahe.

Me class 9th ka student ho mujhe bus itna joanna hai ki plastic ka pryog ayk prkop par 250 shabdo me nibndh likhana hai

Vikram kumar yadav hum jald hi Plastic Pollution par 200 words ka essay likhe ge.

चित्रकारी इस विषय पर दे

Saurabh इस विषय पर चित्रकारी आप गूगल पर सर्च कर सकते है, हमारी वेबसाइट पर केवल निबंध उपलब्ध करवाया जाता है.

So nice ……tnx….I like it them….

Thank you Hansa for appreciation.

Thank you.. Can you give me some tips?.. On How to write essay…

Welcome Rahul, keep visiting our website.

Verry nice essay

Thank you very much Vijay Kumar, keep visiting our website.

So Mistake that is plastic ak assa padarath ha jo ki ma hajaro sal ……

thank you Ritika

Very well written. Good job

Thank you Anil Dixit for Appreciation. keep coming to our website and reading new essays.

मै आपके निंबन्ध को मेरी फेसबुक आईडी पर शेयर करना चाहता हुं मार्ग दर्शन करे कैसे करु

निहाल चन्द जी इस निबंध को शेयर करने के लिए आप को निबंध के नीचे Share on टाइटल के नीचे facebook, twitter, Whatsapp आइकॉन(चित्र) आ रहे है उन पर क्लिक कर के आप इस निबंध को शेयर कर सकते है.

Very nice this is a good topic

thank you Moni verma

Thanks bhai its a good topic

welcome Ashish ji.

aapka nibandh Achcha hai

Thank you अभिनव सिंह aap aise hi jankari ke liye hindi yatra par aate rahe.

good, very good sir

Thank you vijay ji

Nice one very good nibandh

Thank you Abhijeet chauhan

Such a good paragraph and it help me

Thank you Sarthak

Thank u for such a nice essay On plastic pollution

Welcome imran and thank you for visiting Hindi Yatra

Thanks for this

Thank you very much

Thank you for this essay. Please aap 21vi sadi ka bharat par bhi nibandh likhiye.

Arunim Malviya Aap ko essay accha laga hame bhut khushi hui, hum jald hi 21 vi sadi ka bharat par nibandh likhenge. Aap https://hindiyatra.com ko visit karte rhe. “Thank you”

Bindass hai plastic pollution

धन्यवाद मोहित जी

Very nice, this is a good topic

आपकी सराहना के लिए धन्यवाद, हम रोज ऐसे ही विषयों पर निबंध लिखते रहते है, अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट हिंदी यात्रा को देखते रहे.

Thanks for you.Vry mch.

आप का भी धन्यवाद निशांत सिंह हमारी वेबसाइट पर आने के लिए, हम रोज ऐसे ही विषयों पर निबंध लिखते है, आप रोज hindiyatra पर आकर देख सकते है

Leave a Comment Cancel reply

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध: Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध: Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण निबंध हिंदी में: प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण हमारे पर्यावरण भारी नुकसान पहुंचा रहा है। आपको बता दें कि प्लास्टिक से निकलने वाले अपशिष्ट को खत्म करना मुश्किल है और यह हमारे धरती को प्रदूषित करने में बड़ा योगदान देता है। आज प्लास्टिक प्रदुषण पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। प्लास्टिक की थैलियों, बर्तनों और फर्नीचर का इस्तेमाल बढ़ जाने से प्लास्टिक कचरे की मात्रा रोज बढती जा रही है। अगर इस पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया तो आगे चलकर यह मानव जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है। अब हर व्यक्ति को प्लास्टिक प्रदूषण बहुत ही गंभीरता से लेना चाहिए और सभी को इससे निपटने के लिए योगदान देना चाहिए।

प्लास्टिक बैग | पर निबंध Essay on Plastic Bag  |  प्लास्टिक प्रदूषण | पर निबंध Essay on Plastic Pollution  |  क्यों प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए निबंध  |  प्लास्टिक प्रदूषण: कारण, प्रभाव और समाधान  |  क्यों प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए पर लेख

  • 1.1  हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर  निबंध 1 (200 शब्द)
  • 1.2 प्लास्टिक प्रदुषण को कैसे हराएं पर निबंध- BEAT PLASTIC POLLUTION ESSAY in Hindi (300 WORDS)
  • 1.3 प्लास्टिक प्रदूषण के कारणों और प्रभावों पर निबंध – निबंध 3 (400 शब्द)
  • 1.4 प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर निबंध – Essay on Plastic Pollution in Hindi (500, 600 WORDS)
  • 1.5 प्लास्टिक प्रदूषण पर लंबे निबंध – निबंध 5 (700, 800 1000-शब्द)-Plastic Pollution Essay in Hindi 700, 800, 1000 words

हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध-Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi

अगर आप स्कूल या कॉलेज में हैं और अपने असाइनमेंट या परीक्षा के लिए प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध की तलाश कर रहें हैं तो आप एक दम सही जगह पर हैं। इस पेज पर हमने आपकी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न 100 200 300 400 500 600 800 1000 शब्दों में प्लास्टिक प्रदूषण पर छोटा और बड़ा निबंध प्रदान किया हैं।

  हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर  निबंध 1 (200 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण में अपशिष्ट प्लास्टिक सामग्री के फैलने के कारण होता है। बता दें कि प्लास्टिक एक ऐसा गैर जैव-अवक्रमण योग्य पदार्थ है, जो मिट्टी का पानी में नष्ट नहीं होता। अगर इसे जलाया जाए तो

इसका प्रभाव बदतर होता है। इसलिए आज प्लास्टिक प्रदूषण काबू पाना एक बड़ी चुनौती है। प्लास्टिक की सबसे ख़राब बात यह है कि यह सैकड़ों वर्षों तक पर्यावरण में रहता है और इसकी वजह से वायु, जल और भूमि सभी तरह के प्रदुषण होते हैं। यह सिर्फ मानव ही नहीं बल्कि जानवरों और पौधों के लिए भी खतरनाक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल प्लास्टिक प्रदूषण की वजह से कई जानवरों, पक्षियों और समुद्री जीवों की मृत्यु हो जाती है।

बता दें कि प्लास्टिक की विभिन्न वस्तुएं हैं जो रोज इस्तेमाल में ली जाती है और रोज़ कही भी फेक दी जाती है जैसे प्लेट, बैग, चम्मच, गिलास और अन्य प्लास्टिक की बोतल आदि। प्लास्टिक का हर जगह इस्तेमाल होने का सबसे बड़ा कारण है कि यह किफायती और उपयोग में आसान होता है। इसलिए लोग कई शादियों और पार्टियों के दौरान इनका उपयोग करते हैं इसे फेक देते हैं। क्योंकि अगर वर्तनों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो बाद में उन्हें धोने में दिक्कत होती है। लेकिन लोग नहीं जानते कि इतने सारे प्लास्टिक के कचरे को आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता है। यह कई सालों तक हमारे पर्यावरण में उपस्थित रहता है और नुकसान पहुंचाता है।

सिर्फ प्लास्टिक के बर्तन और कैरी बैग, बोतल, फर्नीचर ही नहीं बल्कि दुनिया में कई चीजों में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। हमें आज ही प्राण लेना चाहिए कि हमें कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए और दूसरों को इससे होने वाले हानिकारक प्रभावों का एहसास करना चाहिए।

प्लास्टिक प्रदुषण को कैसे हराएं पर निबंध- BEAT PLASTIC POLLUTION ESSAY in Hindi (300 WORDS)

प्लास्टिक से होने वाले के कारण होने वाला प्लास्टिक प्रदूषण आज बहुत ज्यादा फैला जा रहा है। हर दिन यह प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है और इस पर किसी का काबू नहीं है। आज प्लास्टिक पूरी दुनिया में चिंता का कारण बन गया है क्योंकि यह हमारे सुंदर प्रथ्वी धीरे धीरे ख़राब कर रहा है और सभी प्रकार के जीवित प्राणियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

प्लास्टिक प्रदूषण को हराया जा सकता है

प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के 2 अच्छे और सरल तरीके हैं जिन्हें हर किसी को अपने इस्तेमाल करना चाहिए।

इसके उपयोग से बचे और दूसरे विकल्प की तलाश करें

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले और महत्वपूर्ण कदम है प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को कम करना या बचना।इस बात में कोई शक नहीं कि हम प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग करने के लिए काफी आदी हो गए हैं और यह हमें महंगा भी नहीं पड़ता। इसलिए हम इसके उपयोग से पूरी तरह से तो बच सकते। लेकिन हम उन प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग करने से बच सकते हैं जिन्हें आसानी से पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों के साथ प्रतिस्थापित किया जा सकता है। उदाहरण के रूप में देखे तो हम प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल करने की बजाय जूट, कपड़े या पेपर बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर हम जब भी बाजार में कोई सामान लेने जाए तो अपने साथ थैली को लेकर जाएँ। इससे हम प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम कर सकते हैं। इसी तरह शादी पार्टियों के दौरान डिस्पोजेबल प्लेट, गिलास और अन्य बर्तनों को उपोग करने से अच्छा हम स्टील, पेपर, थर्मोकोल या किसी अन्य सामग्री से बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

फेकने से अच्छा फिर से उपयोग करना

अगर आपको ऐसा लगता है कि आप प्लास्टिक बैग या अन्य उत्पादों का उपयोग करने से बच नहीं सकते हैं, तो ऐसे में आप उसके उपयोग को कम कर सकते हैं या फिर उसे फिर से उपयोग करने की आदत डाले। हम लोगों में जो प्लास्टिक की थैलियों और कंटेनरों को फेंकने की आदत है उसे हमें छोड़ना पड़ेगा। जो केरी बैग हम सामान के साथ प्राप्त करते हैं उसका कई बार उपयोग किया जा सकता है। यह प्लास्टिक कचरे को कम करने और प्लास्टिक प्रदूषण पर लागाम लगाने में हमारी मदद कर सकता है। को कम करने की दिशा में हमारा योगदान हो सकता है।

अब हम सभी को “प्लास्टिक प्रदूषण” इस समस्या से लड़ने के लिए एकजुट होने की जरूरत है। यदि हर कोई इस लेख में दिए गए प्लास्टिक प्रदूषण को हराने के तरीकों का पालन करता है तो हम निश्चित रूप एक दिनप्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम कर देंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारणों और प्रभावों पर निबंध – निबंध 3 (400 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण आक हमारे पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत बन चुका है और आने वाले समय में यह पर्यावरण को और भी खराब कर सकता है। ऐसे कई कारण हैं जो जिसकी वजह से प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनता है और इसके कई सारे प्रतिकूल प्रभाव भी हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण का सबसे बड़े कारण

किफायती और उपयोग करने में आसान

प्लास्टिक दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले पदार्थों में से एक है। इसका इस्तेमाल कंटेनरों, बैग, फर्नीचर और विभिन्न अन्य चीजों के उत्पादन के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल ज्यादा इसलिए किया जाता है  क्योंकि यह किफायती है और आसानी से विभिन्न रूपों में ढाला जा सकता है। प्लास्टिक के सामान का उपयोग दिनों दिन बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से प्लास्टिक कचरे में वृद्धि हुई है और यही प्लास्टिक प्रदूषण का एक कारण है।

आसानी से नहीं मिटाया जा सकता

प्लास्टिक का इस्तेमाल जो दिनों दिन बढ़ रहा है, वह गैर-बायोडिग्रेडेबल है। इसका मतबल है कि इसे मिट्टी में मिलाने या पानी से नष्ट नहीं किया जा सकता है। बल्कि यह सैकड़ों वर्षों तक पर्यावरण में रहता है और भूमि, जल और वायु प्रदूषण को अंजाम देता है।

प्लास्टिक को तोड़ा जा सकता है लेकिन नष्ट नहीं किया जा सकता

प्लास्टिक की थैलियों और अन्य वस्तुएं छोटे कणों में टूट सकती है लेकिन यह मिट्टी में कई सालों तक दबी रहती है या नदियों और जल निकायों में करती हैं जिससे प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव

यहाँ हम यह बताने जा रहें हैं कि प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी पर हमारे पर्यावरण और जीवन किस तरह से प्रभावित कर रहा है :

पानी को करता है प्रदूषित

प्लास्टिक का कचरा नदियों, समुद्रों और यहां तक कि महासागरों जैसे जल निकायों में बह कर जाता है और हमारे पानी को भी प्रदूषित कर रहा है। यही पानी हमारे रोजाना उपयोग के लिए सप्लाई किया जाता है। भले ही हम इस पानी को कितना फ़िल्टर करते हैं, यह कभी भी अपने शुद्ध रूप में नहीं आ सकता। यह पानी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

प्रदूषित भूमि

लैंडफिल में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा फेंका जाता है। हवा प्लास्टिक की थैलियों और अन्य छोटे प्लास्टिक कणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है जिससे प्रमुख क्षेत्र प्रभावित होता है। प्लास्टिक के कण हानिकारक रसायनों को छोड़ते हैं जो मिट्टी में जमा होते हैं और इसकी गुणवत्ता को बर्बाद करते हैं। यह पौधों के विकास को प्रभावित करता है। इसके अलावा, भूमि पर पड़ा अपशिष्ट मच्छरों और अन्य कीड़ों को पैदा करता है जो विभिन्न गंभीर बीमारियों के वाहक हैं।

समुद्री जीवों की मौत का कारण

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक कूड़े जो नदियों और समुद्रों में जाते हैं, उन्हें समुद्री जीवों द्वारा भोजन के रूप में लिया जाना सही नहीं, जब जीव इन्हें निगल लेते है तो वे बीमार हो जाते हैं या मर जाते हैं।

जानवरों को नुकसान पहुंचाता है

पशु ज्यादातर कचरे में फेंके गए भोजन पर फ़ीड करते हैं। वे अन्य चीजों के साथ-साथ प्लास्टिक की थैलियां और अन्य सामान भी खाते हैं। प्लास्टिक की थैलियां अक्सर उनकी आंतों में फंस जाती हैं और इससे उनकी मौत हो जाती है। इसके अलावा यह पशुओं की कई गंभीर बीमारियों का कारण भी हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण गंभीर चिंता का कारण है। यह मनुष्यों की लापरवाही के कारण बढ़ रहा है। अब समय आ गया है कि हमें इससे लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर निबंध – Essay on Plastic Pollution in Hindi (500, 600 WORDS)

प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया भर में एक बढ़ती चिंता का विषय बन गया है। कई देशों की सरकार प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने जैसे उपाय कर रही है। हालांकि, इस समस्या को नीचे लाना केवल तभी संभव है जब हम सभी जिम्मेदार इंसानों के रूप में अपना योगदान दें।

सरकार को उठाने चाहिए सख्त कदम

अब समय आ गया है कि विभिन्न देशों की सरकार को प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। यहां कुछ कदम दिए गए हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए:

प्लास्टिक उत्पादन पर लगना चाहिए रोक

बाजार में प्लास्टिक उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ, प्लास्टिक बनाने वाले कारखानों की संख्या दुनिया भर में बढ़ रही है। सरकार को बाजार में किसी भी और प्लास्टिक निर्माताओं को प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के उत्पादन पर नजर रखने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

प्लास्टिक पर सरकार द्वारा प्रतिबंध है जरुरी

कई देशों की सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि वे प्लास्टिक प्रदूषण की अधिकतम योगदान होता है। हालांकि, आज भी भारत जैसे कुछ देश पूरी तरह से इस पर प्रतिबन्ध नहीं लगा पाए हैं। प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। सबसे पहले तो सरकार को प्लास्टिक की थैलियों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए इसके साथ ही इसको इस्तेमाल करने वाले लोगों को सजा मिलना चाहिए।

जागरूकता फैलाना है जरुरी

हमारे पर्यावरण पर प्लास्टिक कचरे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह टेलीविजन और रेडियो विज्ञापनों, बिलबोर्ड और सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा सकता है। इससे लोगों को इस मुद्दे की गंभीरता को समझने में मदद मिलनी चाहिए और उनका योगदान कैसे अंतर ला सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य सरल समाधान

यहां कुछ सरल तरीके दिए गए हैं जिनमें हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते हैं और अपने पर्यावरण को स्वच्छ बना सकते हैं:

प्लास्टिक बैग का उपयोग न करें

प्लास्टिक की थैलियां छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं जो जल निकायों में जाती हैं और मिट्टी में प्रवेश करती हैं जिससे पौधों के विकास को बाधित किया जाता है और जलीय जीवन को नुकसान होता है। ज्यादातर किराने की खरीदारी के लिए उपयोग किया जाता है, इन बैगों को आसानी से पुन: प्रयोज्य कपड़े के बैग द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है।

पैकेज्ड पीने या बोतल वाले पानी को ना लें

पैक्ड पीने का पानी प्लास्टिक की बोतलों और गिलासों में आता है। ये अपशिष्ट बोतलें और गिलास प्लास्टिक प्रदूषण को काफी ज्यादा बढ़ा देते हैं। हमें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में पैकेज्ड पीने के पानी की खरीद बंद कर देनी चाहिए और इसके बजाय अपनी खुद बोतल साथ लेकर जाना चाहिए।

भोजन ऑर्डर करने से बचें

अधिकांश फास्ट फूड रेस्तरां प्लास्टिक के कंटेनरों में भोजन वितरित करते हैं जो प्लास्टिक को बर्बाद करने में जोड़ते हैं। बेहतर होगा कि ऐसे रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर करने से बचें। बेहतर होगा कि घर का बना खाना खाएं।

रीसाइक्लि करें

कई रीसाइक्लिंग कंपनियां इस सामग्री से बने प्लास्टिक कंटेनर, प्लास्टिक की बोतलें और अन्य सामान का उपयोग करती हैं और इसे रीसायकल करती हैं। इन कंपनियों को ऐसी प्लास्टिक की वस्तुओं को बिन में फेंकने और प्लास्टिक के कचरे को जोड़ने के बजाय उन्हें देने का सुझाव दिया जाता है।

थोक में सामान ख़रीदे

कई छोटे पैकेटों के लिए जाने के बजाय किराने की वस्तुओं के बड़े पैकेज खरीदना एक अच्छा विचार है। ये आइटम ज्यादातर प्लास्टिक की थैलियों या कंटेनरों में पैक किए जाते हैं। इसलिए, इस तरह से आप प्लास्टिक कचरे को कम करेंगे।

प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म करना एक बड़ी चुनौती है और प्लास्टिक कचरे की बढ़ती मात्रा से प्लास्टिक प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इस लेख में दी गई बातों का अगर हर व्यक्ति पालन करें तो प्लास्टिक प्रदूषण के स्तर को कम करने में काफी मदद हो सकती है।

प्लास्टिक प्रदूषण पर लंबे निबंध – निबंध 5 (700, 800 1000-शब्द) -Plastic Pollution Essay in Hindi 700, 800, 1000 words

प्लास्टिक प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। शोध से पता चलता है कि पिछले दो दशकों में प्लास्टिक के उपयोग में भारी वृद्धि हुई है। प्लास्टिक का उपयोग करने के लिए सुविधाजनक है और इसकी लागत कम है। यही वजह है कि लोगों का झुकाव प्लास्टिक से बने विभिन्न उत्पादों को खरीदने की ओर अधिक होता है। लोगों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए, प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण करने वाले कारखानों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। जितना अधिक प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, उतना ही अधिक प्लास्टिक अपशिष्ट हमारे ग्रह पर जमा हो जाता है और खतरनाक प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनता है। यह जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है क्योंकि यह विभिन्न बीमारियों को रास्ता दे रहा है।

प्लास्टिक उत्पादन: उपयोगी संसाधनों का उपभोग

न केवल प्लास्टिक को खत्म करना एक गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि इस पदार्थ का उपयोग हर तरह से हमारे जीवन के लिए विनाशकारी है। प्लास्टिक के उत्पादन में तेल और पेट्रोलियम जैसे मूल्यवान जीवाश्म ईंधन शामिल हैं। ये जीवाश्म ईंधन गैर-नवीकरणीय हैं और निकालने के लिए कठिन हैं। इन जीवाश्म ईंधनों को लाने में बहुत कुछ निवेश किया जाता है और इन्हें विभिन्न अन्य उद्देश्यों के लिए आवश्यक है। यदि हम प्लास्टिक के उत्पादन के लिए इन मूल्यवान ईंधनों का उपयोग करना जारी रखते हैं, तो हम उनमें से बाहर निकल जाएंगे और अन्य अधिक महत्वपूर्ण चीजों के उत्पादन या चलाने के लिए उन्हें नियोजित करने में सक्षम नहीं होंगे।

समुद्री जीवन: प्लास्टिक प्रदूषण से सबसे खराब प्रभाव

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक के कणों को हवा और पानी द्वारा समुद्र, महासागरों और अन्य जल निकायों में ले जाया जाता है। जो लोग पिकनिक और कैंपिंग के लिए जाते हैं, वे प्लास्टिक की बोतलों और चिप्स के पैकेट भी कूड़े करते हैं जो प्लास्टिक प्रदूषण को जोड़ते हैं। यह सब नदियों और समुद्रों में जाकर समुद्री जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। ये गरीब जीव भोजन के लिए प्लास्टिक की गलती करते हैं और इसे खाते हैं। इसके परिणामस्वरूप मछलियों, कछुओं और अन्य समुद्री जीवों में गंभीर बीमारी होती है। उनमें से कई हर साल प्लास्टिक प्रदूषण के कारण मर जाते हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि आने वाले वर्षों में प्लास्टिक प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों और बीमारियों की संख्या में वृद्धि होगी।

प्लास्टिक प्रदूषण: मनुष्यों और जानवरों के लिए खतरा

समुद्री जीवों की तरह जानवर भी कचरे में पड़े प्लास्टिक को भोजन के लिए गलत समझकर उसका सेवन करते हैं। कभी-कभी, वे गलती से पूरे प्लास्टिक बैग को निगल लेते हैं। इससे उनकी आंतों में फंस जाता है और दम घुटने से उनकी मौत हो जाती है। प्लास्टिक कचरा समय के साथ खराब होता रहता है और मच्छरों, मक्खियों और अन्य कीड़ों के लिए एक प्रजनन स्थल बन जाता है। मच्छरों का बड़ा हिस्सा यहां प्रवेश करता है और हर साल विभिन्न बीमारियों को रास्ता देता है।

प्लास्टिक कचरा उन नदियों को भी प्रदूषित कर रहा है जो हमारे लिए पीने के पानी का स्रोत हैं। प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पेयजल की गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है और इसके परिणामस्वरूप विभिन्न जल जनित बीमारियां हो रही हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयास है जरुरी

प्लास्टिक उत्पादों का निपटान करना मुश्किल है। यह खतरनाक है जब प्लास्टिक कचरा लैंडफिल में जाता है और इससे भी अधिक खतरनाक होता है जब यह जल निकायों में जाता है। इसके विपरीत, लकड़ी और कागज हम इसे जलाकर भी इसका निपटान नहीं कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्लास्टिक जलाने से हानिकारक गैसें पैदा होती हैं जो पृथ्वी पर पर्यावरण और जीवन के लिए खतरनाक हैं। प्लास्टिक इस प्रकार वायु, जल और भूमि प्रदूषण का कारण बनता है।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितनी मेहनत करते हैं, हम प्लास्टिक उत्पादों को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते हैं। हालांकि, हम निश्चित रूप से अपने प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित कर सकते हैं। प्लास्टिक बैग, कंटेनर, ग्लास, बोतलें, आदि जैसे कई प्लास्टिक उत्पादों को आसानी से पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों जैसे कपड़े / पेपर बैग, स्टील के बर्तन और इतने पर द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। वास्तव में, सरकार अकेले कुछ भी नहीं कर सकती है। हमें जिम्मेदारी से कार्य करने और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए अपना काम करने की आवश्यकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण हर साल बढ़ रहा है और यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। हम इसके उपयोग कम करके प्लास्टिक प्रदूषण पर लगाम लगा सकते हैं। आज हर किसी को निपटने की दिशा में काम करने की जरूरत है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

Essay On Plastic Pollution In Hindi:  नमस्कार दोस्तों, यहां पर हमने प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में लिखे हैं। यह निबंध अलग-अलग शब्द सीमा को देखते हुए लिखे गये है, जिससे कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और उच्च शिक्षा के विद्यार्थियो को मदद मिलेगी।

Essay On Plastic Pollution In Hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध | Essay On Plastic Pollution In Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर 10 लाइन (10 lines on plastic pollution in hindi).

  • प्लास्टिक प्रदूषण से जीव-जन्तु और इंसानों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • आज मानव विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीड़ित है लेकिन इसका कारण खुद मनुष्य ही है।
  • भले ही प्लास्टिक काफी सस्ता हो और इसकी उपयोगिता भी बहुत ज्यादा हो लेकिन इसका नुकसान भी तो बहुत ज्यादा है।
  • प्लास्टिक से सबसे अधिक प्रदूषण होता है और इसका कारण यह है कि प्लास्टिक का विघटन बिल्कुल भी नहीं होता।

कुछ लोग प्लास्टिक को जलाकर खत्म करने की कोशिश करते हैं लेकिन प्लास्टिक को जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलता है, जो वातावरण को प्रदूषित करता है।

  • आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पारिस्थितिकी तंत्र को जो नुकसान पहुँचा रही है, उसकी कोई सीमा नहीं है।
  • अभी हम इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करेंगे तो प्लास्टिक प्रदूषण अपने आप कम हो जाएगा।
  • आज हर क्षेत्र में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है और निकलने वाले कचरो में प्लास्टिक की प्रचुरता भी काफी होती है, जो तालाब या लहरों में तथा जमीन पर फेंक दिया जाता है।
  • आज के समय में लोग फ्रीज में पानी को बोतलों के अंदर रखते हैं और लंबे समय तक बोतल में रहा पानी हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • पहले के समय में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता था, जिसके कारण पहले प्लास्टिक प्रदूषण नहीं होता था लेकिन वर्तमान में हर जगह प्लास्टिक ही प्लास्टिक नजर आता है।

Essay On Plastic Pollution In Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 250 शब्द (Plastic Pollution Essay in Hindi)

प्लास्टिक से बनी चीजों का पानी और जमीन में एकत्र होना, प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है। इस प्रदूषण से जीव-जन्तु और इंसानों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक प्रदूषण का मुख्य कारण प्लास्टिक ही है। जो दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। अभी कोरोना वायरस की वजह से ये थोड़ा कम हुआ था क्योंकि पूरी दुनिया 3 महीने के लिए रुक सी गई थी।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण

  • प्लास्टिक सोने जितनी महँगी ना होने के कारण आसानी से सब जगह मिल जाती है और उसका उपयोग किया जाता है। इसका घुलनशील ना होना ही प्लास्टिक प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है।
  • बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हम प्लास्टिक्स से घिरे हुये रहते है, जहाँ देखो वहाँ प्लास्टिक से निर्मित सामग्री दिख जाएगी। उसमें जो गलने वाली प्लास्टिक है वो तो कम और ना गलने वाली प्लास्टिक्स की मात्रा ज्यादा होती है। उन आइटम्स को बाहर फेंक देते है जो प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनते है।

प्लास्टिक प्रदूषण के रोकने के उपाय

हम मुख्यत: दो तरीके से प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते है। जो निम्नलिखित है-

कम से कम उपयोग करके/उसकी जगह किसी और उत्पाद को यूज़ करके

मानव अपने जीवन में प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को यूज़ करने में इतना आदि हो चुका है कि वो इसे अब छोड़ नहीं सकता है। क्योंकि बचपन में बच्चों के दूध की बोतल से लेकर बुढ़ापे में बुजुर्ग के पानी की बोतल तक सब प्लास्टिक से बनी हुई होती है। हम इसे कम उपयोग करें, ऐसी आदत डाले और प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को अवॉइड कर सकते है। बाजार से सामान ले कर आने के लिए हम कपड़े, जुट या पेपर से बनी थैलियों का उपयोग कर सकते है।

रियूज़ या रिसाइकल करना

जो प्लास्टिक रिसाइकल होते है उसे रिसाइकल कर उससे बैग, पर्स बना सकते है और इसके साथ घुलनशील बैग बना सकते है, जो बेकार होने के बाद आसानी से घुल जाता है।

अगर ऊपर बतायें उपाय को हम एक साथ ज़िंदगी में अमल कर ले तो हम प्लास्टिक प्रदूषण को धीरे-धीरे खत्म कर सकते है। ऐसा करके एक दिन हम प्लास्टिक पोलुशन से निजात पा सकते है।

प्लास्टिक पर निबंध 500 शब्दों में

आज मानव विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीड़ित है लेकिन इसका कारण खुद मनुष्य ही है। पहले के समय में वर्तमान की तुलना में बहुत कम बीमारियां होती थी। यहां तक कि जो बीमारियां होती थी, उसे घरेलू इलाज से ही ठीक कर लिया जाता था। लेकिन आज ऐसा नहीं होता है।

आज ऐसी ऐसी खतरनाक बीमारी आ गई है, जिस पर लाखों रुपए खर्च कर दिया जाए तब भी वह बीमारी जड़ से खत्म नहीं होती। आज मनुष्य का सेहत खराब होने का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। प्रदूषण का कारण मनुष्य खुद ही हैं। मनुष्य कई प्रकार से प्रदूषण फैलाता है, उन्हीं में से एक प्लास्टिक प्रदूषण भी हैं।

प्रतिदिन टेक्नोलॉजी काफी विकसित हो रही है। इंसान अपने कार्यों को आसान बनाने और जीवन निर्वाह सस्ते में करने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल करता है। पहले के समय में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता था, जिसके कारण पहले प्लास्टिक प्रदूषण नहीं होता था लेकिन वर्तमान में हर जगह प्लास्टिक ही प्लास्टिक नजर आता है।

आप एक छोटा सा चॉकलेट भी खरीदेगें तो वह भी प्लास्टिक के कवर में ही आता है। यहां तक कि खाने पीने वाली चीजें प्लास्टिक से ही कवर होती है।

प्लास्टिक के नुकसान

भले ही प्लास्टिक काफी सस्ता हो और इसकी उपयोगिता भी बहुत ज्यादा हो लेकिन इसका नुकसान भी तो बहुत ज्यादा है। खाने पीने की चीजों को प्लास्टिक में पैक करके बेचा जाता है। लेकिन यही खाने पीने वाली चीजें लंबे समय तक प्लास्टिक के पैकेट में रहने से हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। उदाहरण के लिए आज के समय में लोग फ्रीज में पानी को बोतलों के अंदर रखते हैं और लंबे समय तक बोतल में रहा पानी हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्लास्टिक से सबसे अधिक प्रदूषण होता है और इसका कारण यह है कि प्लास्टिक का विघटन बिल्कुल भी नहीं होता। एक पॉलिथीन करोड़ों साल तक जमीन में धंसी रहने के बावजूद भी वह उसी अवस्था में रहती है।

आज हर क्षेत्र में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है और निकलने वाले कचरो में प्लास्टिक की प्रचुरता भी काफी होती है, जो तालाब या लहरों में तथा जमीन पर फेंक दिया जाता है। इस तरीके से प्लास्टिक के कचरे पानी को भी प्रदूषित करते हैं और जमीन को भी प्रदूषित करते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उपाय

प्लास्टिक जमीन, जल और वायु तीनों को ही प्रदूषित करता है। इसलिए बहुत जरूरी प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना। हालांकि प्लास्टिक को पूर्ण रूप से उपयोग करना बंद तो नहीं किया जा सकता। क्योंकि आज इसकी उपयोगिता हर छोटी से छोटी चीज में हो गई है और यह काफी सस्ता भी होता है। लेकिन हम प्लास्टिक के उपयोगिता को कम करने की कोशिश कर सकते हैं।

  • बाजार में कुछ सामानों की खरीदी करने के लिए प्लास्टिक बैग के बाजाय कागज या पेपर के थैली का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • शादियों या विभिन्न पार्टी में प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने के बजाए कागज या स्टील के बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक को पुनः उपयोग कर सकते हैं।
  • कपड़ों की दुकानों में सभी कपड़े प्लास्टिक में पैक होकर आते हैं, उसके बजाय कागज के पैकेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिन प्रतिदिन प्लास्टिक की उपयोगिता बढ़ते जाने के कारण प्लास्टिक प्रदूषण ने विकराल रूप ले लिया है, जो जनजीवन के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न कर रहा है, कई प्रकार की बीमारी उत्पन्न कर रहा है। इसीलिए हम सभी लोगों को जल्द से जल्द प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ ना कुछ कदम लेने की जरूरत है।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 800 शब्द (Plastic Pradushan Par Nibandh)

आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पारिस्थितिकी तंत्र को जो नुकसान पहुँचा रही है, उसकी कोई सीमा नहीं है। भविष्य में और कितना नुकसान पहुँचा दे, इसका कोई अंदेशा नहीं है। अभी हम इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करेंगे तो प्लास्टिक प्रदूषण अपने आप कम हो जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा पोलिथीन हानिकारक वस्तु हैं।

  • सस्ता और आसानी से मिलने वाला: पोलिथीन के बैग आसानी से बनते है और सस्ते होते हैं। इसलिए सब जगह इसी का उपयोग ज्यादा होता है। इसी पोलिथीन की वजह से नदी नाले अटक जाते है और भयंकर बीमारी का फैलाव करते हैं।
  • अघुलनशील पदार्थ: प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का कचरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि प्लास्टिक एक अघुलनशील पदार्थ है। इसका सीधा सा मतलब होता है कि यह पानी और धरती पर गलता नहीं है। इसी कारण से प्लास्टिक से प्रदूषण कुछ ज्यादा ही होता है।
  • प्लास्टिक के टुकड़े होना लेकिन घुलना नहीं: प्लास्टिक के चाहे मर्जी कितने भी टुकड़े कर लो हो जायेंगे, लेकिन वो घुलते नहीं है, जिससे समस्या उत्पन्न होती है। ये टुकड़े जब पानी के स्त्रोत में मिलते है तो उस समय कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन कहीं पानी के बहाव में कमी आती है और कहीं पर पोलिथीन अटक जाती है तो समस्या खड़ी कर देती है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव

जल प्रदूषण: प्लास्टिक से बनी वस्तुएँ अधिकांशत: घुलनशील प्रवृत्ति की नहीं होती है। इसलिए सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान प्लास्टिक ही देता है। एक अध्ययन के अनुसार प्लास्टिक से बनी बोतल में बार-बार पानी पीने से अपने शरीर में एक गंभीर बीमारी का निर्माण हो जाता है। जब प्लास्टिक से बना कचरा पानी के सबसे बड़े भंडार नदी, सागर और महासागर में मिल जाता है तो उसे अपन कितना भी छान ले लेकिन वो हानिकारक पदार्थ नहीं घुलता है।

भूमि प्रदूषण: कचरे के ढेर में सबसे ज्यादा कूड़ा प्लास्टिक का ही देखने को मिलता है। धरती पर इसका निस्तारण नहीं होता है तो ये कचरा एक पहाड़ के रूप में शक्ल ले लेता है। इस कचरे से जमीन बंजर भी पड़ जाती है।

वायु प्रदूषण: जब मानव को प्लास्टिक के कचरे का निपटान नजर नहीं आता है, तब वो इसे जलाने का विचार करता है। जब प्लास्टिक को जलाया जाता है तो उसके अंदर जो कार्बन होते है वो बाहर निकल कर हवा में घुल जाते है। जिससे उन हानिकारक रसायनो की जो गैस होती है उससे आँखों में जलन पैदा होती है।

समुद्री जंतुओं के जीवन को खतरा: जब प्लास्टिक से बने बर्तन और डिस्पोजल में लोग खाना खाते है और बाद में जब ये बर्तन या डिस्पोजल का निस्तारण करने के लिए पानी में फेंका जाता है तो समुद्री जीव-जन्तु उसे खाने की वस्तु समझ कर खा लेते हैं, जिससे वो बीमार पड़ जाते है। और उनके बीमार होने से पूरा पनि गंदा हो जाता है।

पशु-पक्षी के जीवन को भी खतरा: अधिकतर पशु-पक्षी कचरे में फेंके गए खाने को खाते है तो जब पोलिथीन में कोई खाने की वस्तु फेंकी जाती है तो सीधा ही खा लेती है, जिससे वो प्लास्टिक उनके आंतों में भी फंस सकते हैं या कोई और गंभीर बीमारी उत्पन्न कर देती है।

प्लास्टिक प्रदूषण से बचने के उपाय

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए अपने घर से ही शुरुआत करनी होगी और फिर घर-घर जाकर अलख जगानी होगी। कुछ उपाय नीचे लिख रहा हूँ उसे देखे, समझे और समझ कर अमल में लाएँ।

  • पहले तो हमें पोलिथीन का उपयोग कम करना होगा। जब भी घर से कोई सामान लेने के लिए निकले तो अपने साथ एक कपड़े का थैला या जुट का थैला साथ में ले कर निकले। जिससे दुकानदार पोलिथीन में सामान नहीं देगा।
  • सभी दुकानदारों और शॉपिंग मॉल में कागज या कपड़े के थैले रखने चाहिए, जिससे पोलिथीन का उपयोग कम से कम हो जाएगा।
  • प्लास्टिक के कचरे के ढेर का सही से निपटारा होना चाहिए, ऐसे ही पानी में या जमीन में नहीं डालना चाहिए।
  • जिस प्लास्टिक का रिसाइकलिंग हो सकती है, उसकी रिसाइकलिंग कर ऐसे उत्पाद बनने चाहिए जो प्लास्टिक प्रदूषण कम करें।
  • डम्पिंग ज़ोन भी सही जगह बनाना चाहिए, जिसे वो नाले में ना अटके।
  • कभी भी प्लास्टिक को जलाना नहीं चाहिए, इससे प्रदूषण का फैलाव ज्यादा हो जाता है।

सरकार द्वारा कौनसे कड़े फैसले लेने चाहिए

भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाने होंगे, तभी थोड़ा सा प्लास्टिक प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी। कुछ निम्नलिखित फ़ैसलों पर अमल करना चाहिए-

  • प्लास्टिक के उत्पादन पर थोड़ा सा नियंत्रण करें।
  • जो अघुलनशील प्लास्टिक है उसकी वस्तुओं पर रोक लगाएँ।
  • नुक्कड़ नाटक के द्वारा जागरूकता फैलाएँ।
  • लोगों से अपील करें कि वो प्लास्टिक बैगों का उपयोग कम करें, बोतलबंद पानी का उपयोग कम करें, बाहर से खाना मंगायें तो प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग कम करें। जो कंपनियाँ रिसाइकल करती है उन्हें अपना कचरा दें।

देखा गया है कि पिछले कुछ दशकों से प्लास्टिक प्रदूषण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है, अभी इसक निपटान नहीं किया तो भविष्य अंधकार में चला जाएगा। क्योंकि इस प्रदूषण से तीन प्रदूषण और होते है जो और भी हानिकारक होते है। मतलब कि प्लास्टिक प्रदूषण से जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और वायु प्रदूषण भी होता है। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इस प्रदूषण का हल निकालना होगा।

प्लास्टिक प्रदूषण पर एक छोटी-सी कहानी

“मम्मा, ये क्या है? ये इतना बड़ा क्या है?”

अंकुर की माँ नलिनी मुँह ढ़क और नाक दबा कर जल्दी-जल्दी अंकुर को ले कर जा रही थी, और अंकुर उससे बार-बार एक ही सवाल पूछे जा रहा था।

“मम्मा, क्या इसे ही पहाड़ कहते है? मम्मा, बताओ ना, बताओ ना।”

थोड़ी दूर जा कर नलिनी पहले अपना ढका हुया चेहरा हटाती है और एक गहरी साँस लेती है। फिर अंकुर को कहती है, “बेटा, वो पहाड़ ही था लेकिन कचरे का”।

“लेकिन वो इतना बड़ा कैसे बना, माँ। और और और उसके अंदर इतनी सारी ये रंग-बिरंगी थैलियाँ ही क्यों दिख रही थी?”

“बेटा, तेरी सारी बातों का जवाब दूँगी। चलो पहले हम सब्जी ले लेते है फिर घर चल कर जवाब देती हूँ।”

“ठीक है, माँ।”

नलिनी अपने जूट वाले थैले में फल और सब्जी डाल कर अंकुर को साथ लेकर वापस उसी कचरे के पहाड़ से होते हुये अपने घर जाती है। घर जा कर अंकुर को उसके सारे सवालों का एक ही जवाब देती है और वो है प्लास्टिक ।

अंकुर अचरज भरी नजर से नलिनी को देखता है और कहता है कि माँ प्लास्टिक से इतना बड़ा पहाड़ कैसे बन गया।

नलिनी कहती है कि “अंकुर बेटा, अभी हम सब्जी और फल लेकर आ रहे है तो आपने देखा होगा कि सब्जीवाले के पास प्लास्टिक की थैलियाँ थी, जिसमें वो सब्जी या फल पैक कर के ग्राहक को दे रहे थे। बहुत ही कम ग्राहक थे जो अपने घर से जूट का या कपड़े का थैला लेकर आए थे। देखा था या नहीं।”

“हाँ देखा था, मम्मा।”

“वो प्लास्टिक की थैलियाँ ही इतने बड़े पहाड़ बनने की मूल जड़ है, बेटा। वो ना तो गलती है और ना ही खत्म होती है।”

“अच्छा, अब समझ आया। मतलब कि अगर हम प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे तो ऐसा पहाड़ देखने को नहीं मिलेगा, है ना?”

“हाँ, बेटा। सही समझा।”

आपको इस कहानी से इतना तो समझ आ ही गया होगा कि प्लास्टिक से धरती को बहुत से नुकसान होते है। क्योंकि प्लास्टिक जिस पदार्थ से बनता है वो ना तो गलता है और ना ही उसका कही वापस उपयोग कर सकते है।

Read Also: प्लास्टिक प्रदूषण पर नारे (स्लोगन)

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह “प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay On Plastic Pollution In Hindi)” पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

वाहन प्रदूषण पर निबंध

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

मृदा प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Leave a comment cancel reply.

plastic pollution essay 700 words in hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध- Essay on Plastic Pollution in Hindi Language

In this aricle we are providing information about Plastic Pollution in Hindi. Essay on Plastic Pollution in Hindi Language. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध, प्लास्टिक प्रदुषण के कारण, प्लास्टिक प्रदुषण के प्रभाव, प्लास्टिक प्रदुषण के निवारण, Plastic Pollution causes, effects and Solution.

भूमिका- किसी भी चीज के दुषित होने को प्रदुषण कहा जाता है और प्लास्टिक की वजह से होने वाले प्रदुषण को प्लास्टिक प्रदुषण कहा जाता है। मनुष्य ने अपनी सहुलियत के लिए प्लास्टिक का निर्माण किया था लेकिन वह आज के समय में पूरी तरह से प्लास्टिक पर निर्भर हो चुका है। हम चारों तरफ से प्लास्टिक से घिरे हुए है। हम सुबह ब्रश से लेकर रात को खाना खाने के बर्तनों तक प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे है। हम भूल जाते हैं कि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता है और इसमें से निकलने वाले हानिकारक रसायन सभी जीवों और पर्यायवरण पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

प्लास्टिक प्रदुषण के कारण- प्लास्टिक प्रदुषण का सबसे बड़ा कारण मनुष्य के द्वारा प्लास्टिक का अंधाधुंध प्रयोग है और प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग के पीछे बहुत से कारण है-

1. प्लास्टिक महंगा नहीं होता है और न हीं ज्यादा वजन वाला होता है जिसके कारण इसे एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाना आसान होता है। 2. आज के समय में लोग बाहर का जंक फूड खाने के बहुत आदि है जिसे प्लास्टिक में ही दिया जाता है। 3. प्लास्टिक को एक बार ही प्रयोग करने के बाद फेंक दिया जाता है। वह नष्ट नहीं होता है बल्कि पानी और मिट्टी में मिलकर उन्हें दुषित करता है।

प्लास्टिक प्रदुषण के प्रभाव- प्लास्टिक ने जहाँ मनुष्य को समान सुविधापूर्वक लाने ले जाने में सहायता की है वहीं उससे कही ज्यादा हमारे वातावरण और पेड़ पौधों और जीव जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव डाले है।

1. मिट्टी में प्लास्टिक के मिलने पर प्लास्टिक से निकलने वाले हानिकारक रसायन मिट्टी की उर्वरता शक्ति को कम कर देतै हैं जिससे पौधों और फसलों का उचित विकास नहीं होता है। 2. जमीन पर प्लास्टिक पॉलीथिन आदि गिरो होने के कारण बहुत से पशु उन्हें खाकर मर जाते हैं। 3. प्लास्टिक जल प्रदुषण का भी एक बहुत बड़ा कारण है।

प्लास्टिक प्रदुषण के निवारण- बढ़ते हुए प्लास्टिक प्रदुषण को रोकने के लिए कुछ उपाय जरूरी है जिससे कि हमारे वातावरण को स्वच्छ रखा जा सके।

1. हमें प्लास्टिक का प्रयोग कम करना चाहिए और उनके स्थान पर ऐसी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए जिन्हें आसानी से नष्ट से किया जा सके। 2. हमें प्लास्टिक बैग के स्थान पर कपड़े या जुट के थैलों का प्रयोग करना चाहिए। 3. प्लास्टिक का पुनः उपयोग किया जाना चाहिए ताकि प्लास्टिक का उत्सर्जन कम हो।

निष्कर्ष- प्लास्टिक जहाँ एक तरफ मनुष्य के लिए लाभदायक है वहीं दुसरी तरफ हानिकारक भी है। यदि निरंतर मनुष्य के द्वारा प्लास्टिक का प्रयोग बढ़ता रहा तो आने वाले समय में पृथ्वी पर जीवन नहीं केवल प्लास्टिक ही होगा। इसलिए अपने वातावरण, वनस्पति और जीव जंतुओं को आरामदायक जीवन देने के लिए प्लास्टिक का प्रयोग सीमित किया जाना चाहिए। इसके लिए हम सबको मिलकर आगे आना होगा और ऐसी वस्तुओं का प्रयोग करना होगा जो पुनः प्रयोग में लाई जा सकती है। प्लास्टिक को त्यागना ही प्लास्टिक प्रदुषण का निवारण है और ऐसा करने से हम आने वाली पीढ़ी को एक उज्जवल भविष्य प्रदान कर सकते हैं।

Related Articles-

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध- Noise Pollution Essay in Hindi

Essay on Pollution in Hindi- प्रदूषण पर निबंध

Water Pollution Essay in Hindi

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Plastic Pollution in Hindi Language आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

plastic pollution essay 700 words in hindi

ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Plastic Pollution in Hindi – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

June 14, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध मिलेगा। Plastic Pollution Essay in Hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi

Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (100 words)

प्लास्टिक कभी नष्ट न होने वाला पदार्थ है। इसके विघटन में बहुत साल लग जाते हैं और यह जहरीले कैमिक्लस से मिलकर बना होता है। प्लास्टिक का निर्माण मनपष्य कू सहुलियत के लिए हुआ था पर आज को समय में यहीं प्लास्टिक मनुष्य जीवन के लिए खतरा बन चुका है। जब पलास्टिक कहीं भी ऐसे ही खुले में पड़ा रहता है और नष्ट न होने के कारण जहरीले पदार्थ बाहर निकलते है और वातावरण को दुषित करते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करें और प्लास्टिक के कारण बढ़ रहे प्रदुषण को रोंके।

Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (200 words)

प्लास्टिक के मिट्टी या जल में जमा होने को ही प्लास्टिक प्रदुषण कहते हैं। प्लास्टिक से बने पदार्थ कभी भी नष्ट नहीं होते हैं। मानव ने अपनी सहुलियत के लिए प्लास्टिक का निर्माण किया था लेकिन निरंतर प्लास्टिक के बढ़ते हुए प्रयोग से समस्त मानव जाति, जीव जंतुओं और वातावरण को खतरा है। मनुष्य चारों तरफ से प्लास्टिक से घिरा हुआ है। वह सुबह से लेकर रात तक हर चीज में प्लास्टिक का प्रयोग करता है। उसी प्लास्टिक को मैदानों में फेंकने से प्लास्टिक प्रदुषण फैलता हैं।

जब खुले मैदानों में जमी हुई प्लास्टिक बारिश के जल के साथ बह कर महासागरों में चला जाता है तब जल प्रदुषण होता है। प्लास्टिक के कारण मृदा प्रदुषण भी बढ़ता है। प्लास्टिक के बर्तनों में खाना आदि खाने से और उनका लंबे समय तक प्रयोग करने से उनमें जहर उत्पन्न हो जाता है जो कि मनुष्य को बिमार करता है और कैंसर जैसी गंभीर बिमारियाँ भी पैदा करता है। हमें प्लास्टिक प्रदुषण को रोकने के लिए प्लास्टिक का प्रयोग कम करना होगा। बमें ऐसी प्लास्टिक का प्रयोग करना होगा जिसे बार बार इस्तमाल किया जा सके। कभी भी खाने पीने का सामान प्लास्टिक के बर्तन में न रखे। हमें खुद को और पर्यायवरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक को त्यागना होगा।

Plastic Pollution Hindi Essay – Essay on Plastic Pollution in Hindi in 500 words

किसी भी चीज के दुषित होने को ही प्रदुषण कहते हैं। प्लास्टिक जो कि हानिकारक रसायनों से बनाया जाता है उसके जल और मिट्टी में इकट्ठे होने को ही प्लास्टिक प्रदुषण कहलाते है। प्लास्टिक से बना हुआ समान ऐसे ही पड़ा रहता है वह बैक्टिरिया आदि के द्वारा नष्ट नहीं होता है। मनुष्य ने प्लास्टिक का निर्माण अपनी सहुलियत के लिए किया था लेकिन इसके बढ़ते हुए प्रयोग की वजह से यह मनुष्य जीव जंतुओं और पर्यायवरण के लिए हानिकारक हो चुका है। प्लास्टिक सस्ता होने के कारण सभी के द्वारा प्रयोग किया जाता है और यह अपने वजन से 2000 गुणा ज्यादा वजन उठा सकता है। प्लास्टिक को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाने में भी आसानी होती है क्योंकि यह बहुत ही हल्का होता है।

प्लास्टिक प्रदुषण के कारण-

आज के समय में मनुष्य हर चीज में प्लास्टिक का प्रयोग कर रहा है। सुबह की शुरूआत से लेकर रात होने तक मनुष्य प्लास्टिक का ही इस्तमाल करता है। सुबह हम जो ब्रश करते है वह प्लास्टिक का बना होता। पानी की बोतल भी प्लास्टिक की होती है। लोग छोटी मोटी प्लास्टिक के चीजे प्रयोग करके युँ ही खुले में फेंक देते है जिससे प्रदुषण बढ़ता है। लोग आलसी भी हो चुके हैं और वह बाजार से भी प्लास्टिक की बनी पॉलिथीन में ही सामान आदि खरीद कर लाते हैं। उसी प्लास्टिक को खुले में फेंकने से और उसके नष्ट न होने से ही प्लास्टिक प्रदुषण बढ़ता है।

प्लास्टिक प्रदुषण के दुष्प्रभाव-

बढ़ते हुए प्लास्टिक के प्रयोग ने सभी चीजों को बहुत ही दुषित कर दिया है। खुले में फेंका गया प्लास्टिक बारिश के जल के साथ मिलकर महासागरों में चला जाता है जिससे की जल प्रदुषण बढ़ता है। प्लास्टिक के नष्ट न होने के कारण मृदा प्रदुषण भी बढ़ता है। खुले में पड़ा प्लास्टिक जानवरों के द्वारा निगल लिया जाता है जिससे उनकी असमय मृत्यु हो जाती है। ज्यादा समय तक एक ही प्लास्टिक की वस्तु प्रयोग करने से उसमें जहर पैदा हो जाता है। प्लास्टिक एक धीमा जहर है जिससे बहुत सी बिमारियाँ उत्पन्न होती है। कैंसर जैसी गंभीर समस्या भी इसी से पैदा होती है।

प्लास्टिक प्रदुषण के निवारण-

वातावरण को दुषित होने से रोकने के लिए प्लास्टिक प्रदुषण को रोकना जरूरी है। हमें प्लास्टिक के प्रयोग को कम करना होगा। खाने के लिए मिट्टी या स्टील के बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए। प्लास्टिक खुले मैदानों में नहीं फेंकना चाहिए। ऐसे प्लास्टिक का प्रयोग करना चाहिए जिसे बार बार प्रयोग में लाया जा सके। उन वस्तुओं के प्रयोग से बचे जिन्हें सिर्फ एक बार ही प्रयोग कर सकते हैं। बाजार जाते समय भी घर से कपड़े या जुट का थैला लेकर ही जाए ताकि प्लास्टिक के थैलों में खाने का सामान न लाना पड़े।

प्लास्टिक मनुष्य से लेकर पर्यायवरण तक सबके लिए हानिकारक है। हमें सभी को सरंक्षित और सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक का प्रयोग कम करना होगा। इसलिए जितना हो सके उतना प्लास्टिक से दूर रहें और खासकर खाने पीने की वस्तु प्लास्टिक के बर्तन में कभी न खाएँ।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Plastic Pollution in Hindi – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

More Articles:

Essay on Noise Pollution in Hindi – ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

Essay On Pollution in Hindi – प्रदूषण पर निबंध

Speech On Environment In Hindi – पर्यावरण पर भाषण

Environment Essay in Hindi – पर्यावरण पर निबंध

Essay on Environment Pollution in Hindi – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध

Essay on Air Pollution in Hindi – वायु प्रदूषण पर निबंध

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध essay on plastic pollution in hindi language.

Know information about प्लास्टिक प्रदूषण Plastic Pollution in Hindi Language. Today we are sharing प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution in Hindi Language for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. Read Essay on Plastic Pollution in Hindi Language.

Essay on Plastic Pollution in Hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi Language

Essay on Plastic Pollution in Hindi Language 400 Words

प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण में भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरे के इकठठे हो जाने से उत्पन्न होता है। प्लास्टिक एक ‘नॉन-बॉयो-डिग्रेडेबल पदार्थ है, यह पानी या मिट्टी में विघटित नही होता है और इसे जलाने पर इसका प्रभाव और भी ज्यादा हानिकारक हो जाता है। यह वातावरण में सैकड़ो सालो तक उपस्थित रहता है, जिससे यह वायु, जल और भूमि प्रदूषण उत्पन्न करता है। इसके साथ ही मनुष्य, जीव-जन्तुओ और पेड़-पौधो के लिये भी यह बहुत हानिकारक है। प्लास्टिक प्रदूषण के चलते प्रति वर्ष कई जीव-जन्तुओ और समुद्री जीवो की मृत्यु हो जाती है।

प्लास्टिक प्रदूषण को दूर करने के लिए हम इन 2 आसान तरीको को अपना सकते हैं –

1. – उपयोग से बचें विकल्प की तलाश करें – प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग से बचना है। क्योंकि अब – हम इनके उपयोग के आदि हो चुके है तथा यह काफी सस्ते भी है इसलिये हम इनके उपयोग को परी तरह से बंद नही कर सकते है। हालांकि हम उन प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को आसानी से बंद कर सकते है, जिनके इको-फ्रेंडली विकल्प उपलब्ध है।

जैसे कि उदहारण के लिये पार्टियो और उत्सवो के दौरान हम प्लास्टिक के बर्तन और अन्य सामानो का उपयोग के जगह हम स्टील, कागज, थर्माकोल या अन्य उत्पादों से वस्तुओ का उपयोग कर सकते है, जिनका आसानी से पुनः उपयोग और निस्तारण किया जा सके।

2. – पुन: उपयोग – यदि आप किसी कारण से प्लास्टिक की थैलियों या अन्य उत्पादों का उपयोग करने से बच नहीं सकते हैं, तो यह सुझाव दिया जाता है कि उन्हें बंद करने से पहले जितना संभव हो कम से कम उन्हें पुन: उपयोग करें।

पिछले कुछ दशको में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है, जोकि एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारे द्वारा प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को रोककर ही इस भयावह समस्या पर काबू पाया जा सकता है। यह वह समय है जब हमें प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को गंभीरता से समझने की आवश्यकता है और इसे रोकने में अपना बहुमूल्य योगदान देने की आवश्यकता है।

आओ सब मिलकर करें प्लास्टिक पर प्रहार, नामो निशान मिटा दें प्लास्टिक का, और कर दें जीवन को खुशहाल…

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

plastic pollution essay 700 words in hindi

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

Plastic Pollution Essay in Hindi

Plastic Pollution Essay in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

क्या आप भी “Plastic Pollution Essay in Hindi” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Plastic Pollution Essay in Hindi, Essay on Plastic Pollution Essay in Hindi, Beat Plastic Pollution Essay, Plastic Pollution Par Nibandh, Plastic Pollution Par Nibandh in Hindi, Plastic Pollution Par Nibandh in Hindi, Plastic Pradushan Par Nibandh, Plastic Pradushan ke Karan, Plastic Pradushan Ka Nibandh यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.

Plastic Pollution Essay in Hindi

यहां हम आपको “Plastic Pollution Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Plastic Pradushan Par Nibandh तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Plastic Free India Essay in Hindi (150 Words)

प्लास्टिक फ्री इंडिया अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 से की गई थी। इस अभियान को मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया था। आज प्लास्टिक का उपयोग हम सभी के द्वारा काफी अधिक मात्रा में किया जा रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, यह सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे लिए और पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। लेकिन फिर भी हम अंधाधुन इसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

सभी लोगों के पास प्लास्टिक को इस्तेमाल करने के अपने-अपने कारण हैं, कोई इसे सामान लाने के लिए इस्तेमाल करता है तो कोई खाना रखने के लिए और यहां तक की पहनने वाले कपड़ों में भी अब तो प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। सभी लोग अपने रोजमर्रा की चीजों को रखने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार प्लास्टिक में खाना रखने से खाना खराब होता है ,और इससे कैंसर होने का खतरा भी रहता है। हम लोगों को चाहिए कि हम प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, ताकि हम अपने पर्यावरण और पर्यावरण में रहने वाले सभी जीव जंतुओं को बचा सकें।

My School Essay महात्मा गांधी पर निबंध विज्ञान के चमत्कार हिंदी में निबंध
आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध
प्रदूषण पर निबंध

Essay on Plastic Pollution Essay in Hindi (500 Words)

आज सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है, जिसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता। प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में सभी लोग जानते हैं, लेकिन फिर भी आंख बंद करके इसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक में रखी हुई चीज को नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसमें ऐसे कुछ बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होते हैं। भारत देश में 1 दिन में लगभग हजारों टन प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा किया जाता है, जिसमें सबसे अधिक मात्रा प्लास्टिक वेस्ट की होती है।

Plastic Pollution Essay in Hindi

प्लास्टिक पर्यावरण के लिए कैसे हानिकारक है?

वैज्ञानिकों के अनुसार प्लास्टिक एकमात्र ऐसा पदार्थ है, जिसे किसी भी प्रकार से नष्ट नहीं किया जा सकता। प्लास्टिक की पॉलीथिन को अगर जलाया जाए तो इसका विषैला धुआं वायु को दूषित करता है। अगर यह प्लास्टिक कूड़े कचरे के साथ जमीन पर पड़ा रहे तो जमीन को बंजर बनाता है। इसके अलावा कई बार आवारा पशु खाने के साथ प्लास्टिक की पॉलीथिन को भी खा जाते हैं, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। प्लास्टिक में ऐसे कई सारे केमिकल और बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो इंसान के शरीर को धीरे-धीरे कमजोर करते हैं। पर्यावरण में मौजूद प्लास्टिक पेड़ पौधों, जीव जंतुओं एवं सभी के लिए हानिकारक होता है।

प्लास्टिक से होने वाली हानियां/ दुष्प्रभाव

प्लास्टिक का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है, की इसके कारण लोगों को कई सारी बीमारियां हो सकती हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक कुछ ऐसे पदार्थों से बनाया जाता है, जो कि जीव जंतु ,पर्यावरण, पानी, इंसानों के लिए काफी हानिकारक होता है। पॉलिथीन में अगर किसी खाने की चीज को रखा जाए तो खाने में कुछ ऐसे बैक्टीरिया आ जाते हैं। जो इंसान के लिए कैंसर होने का कारण बनते हैं। पर्यावरण के लिए भी प्लास्टिक बेहद हानिकारक होता है। यह जमीन में नए पेड़ पौधों को उगने से रोकता है। इसके अलावा कई बार प्लास्टिक नदी नालों में जाकर पानी में रहने वाले जीव जंतुओं को नुकसान पहुंचाता है।

प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान

इस अभियान की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2019 को की गई थी। इस अभियान को शुरू करने का मुख्य कारण कुछ बड़े शहर जैसे कि दिल्ली-मुंबई को प्लास्टिक से मुक्त करना है। एक सर्वे के अनुसार यह बताया गया है, कि भारत में प्रतिदिन 15000 तन से अधिक प्लास्टिक कचरा फेंका जाता है। सफाई कर्मियों द्वारा प्रतिदिन 10000 टन से अधिक का कचरा इकट्ठा किया जाता है। भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक की मात्रा इतनी अधिक बढ़ चुकी है, कि शहर के बाहर कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ बने हुए हैं। प्लास्टिक का उपयोग बंद कर अब हम लोगों को पर्यावरण के बचाव के बारे में सोचना चाहिए।

आज समय यह आ गया है की हम खाने से लेकर पहनावे और अन्य चीजों के लिए प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं पर निर्भर हो गए हैं। हमें छोटे छोटे प्रयासों द्वारा धीरे धीरे प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना चाहिए। लोगों को सामान लेने के लिए प्लास्टिक की जगह कपड़े से बने थैले का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन भी सामानों की पैकिंग प्लास्टिक में की जाती है, जैसे कि खाद्य पदार्थ ,छोटे उपकरण, पानी, केमिकल इत्यादि चीजों को पैक करने के लिए दूसरे विकल्प जैसे कि कागज कपड़े से बनी चीजों को इस्तेमाल करना होगा। हमें जितना हो सकें प्लास्टिक की वस्तुओं को रिसायकल करना चाहिए। इन छोटे-छोटे प्रयासों द्वारा हम पर्यावरण से प्लास्टिक दूर कर पर्यावरण में रहने वाले जीवों के साथ-साथ खुद का भी जीवन बचा सकेंगे।

Plastic Pollution Par Nibandh

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Mahatma Gandhi Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Plastic Pollution Par Nibandh अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Plastic Pradushan Par Nibandh कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

 मित्रता दिवस पर निबंध
वर्षा ऋतु पर निबंध

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Hindi Jaankaari

Plastic Pollution Essay in Hindi – प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध

प्लास्टिक_पलूशन_इमेज_2

प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी पर बड़ी ही तेजी से बढ़ रहा है ओर यह मनुष्य जाती को हानि भी पहुचा रहा है। इस आर्टिकल के जरिए आप यह जन पाएंगे की केसे हम अपने देश को प्लास्टिक मुक्त भारत (in india) बना सकते हैं ओर सरकार ने इसके बहिष्कार के लिए कई प्रकार के नारे बनाए है जेसे की पॉलीथिन हटाओ पर्यावरण बचाओ,say no to plastic ,जिससे हम plastic ban करा सकते हैं। इस निबंध के माध्यम से आप plastic mukt bharat nibandh hindi mein के बारे में जानकारी आसानी से जान पाएंगे।अगर आप इसे Short and Long Essay में लिखना चाहते है या फिर इसको आप 200 words,150 words, 100 words, 250 words for class 6 के लिए लिखना चाहते है तो भी आप इसे उपयोग में ले सकते है ओर यह निबंध आपको in gujarati,in marathi language में भी easily मिल जाएगा।

प्रस्तावना | Introduction

Plastic Pradushan पूरे देश भर में फैला हुआ हैं और यह हमारे देश के लिए चिंताजनक विषय बन गया हैं। इसकी रोकथाम के लिए सरकार कई प्रकार के अभियान का आयोजन करती रहती है जिससे देश को प्रदूषण से छुटकारा दिला सके।प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जोकी लंबे समय तक रहता है ओर पर्यावरण को प्रदूषित करता हैं।इसका उपयोग हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में करते रहते हैं ओर इसलिए भारत देश के हर एक नागरिक की यह जिम्मेदारी है की देश को इस समस्या से निकालने में अपना योगदान दे और साथ ही अपने से जुड़े लोगों को भी इसके प्रति समझाएँ ओर जागरूक करे तभी हम इस परेशानी से बाहर निकल सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण | Causes for Plastic Pollution

  • किफायती और उपयोग में आसान- प्लास्टिक को आसानी से कोई भी आकार दे सकते है और इसकी वजह से प्लास्टिक आइटम बनाए में ज्यादा समय भी नहीं लगता ओर बड़ी आसानी से हम कई प्रकार के समान बना सकते हैं। प्लास्टिक के समान बाजार में बड़े ही सस्ते दामों में मिलते है ओर इसलीय लोग ज्यादा से ज्यादा इसका इस्तेमाल करते है और इसी की वजह से प्रदूषण की मात्र बढ़ जाती हैं।
  • नान-बायोग्रेडबल- प्लास्टिक एक non -biodegradable पदार्थ है जिसके चलते यह जमीन पर या फिर भूमि में विघटित नहीं होता ओर कई हजार वर्षों तक पद रहता है ओर इसकी वजह से भूमि, जल,ओर वायु प्रदूषित होती हैं।
  • प्लास्टिक क्षय होता है परंतु विघटित नही होता है- प्लास्टिक का समान लंबे समय तक पड़े रहने से छोटे छोटे भागों में विभाजित तो हो जाता है और मिट्टी और पानी में मिल जाता है जिसके कारण भी प्रदूषण बढ़ जाता हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उपाय | Ways to prevent plastic

  • प्लास्टिक उत्पादन पर नियंत्रण करके
  • प्लास्टिक के वस्तुओ पर प्रतिबंध लगाकर
  • जागरुकता फैलाकर
  • प्लास्टिक बैगों का उपयोग ना करके
  • बोतलबंद पानी का उपयोग बंद करके
  • बाहर का खाना मंगाना बंद करके
  • किराने का सामान थोक में खरीदकर

प्लास्टिक_पलूशन _इमेज_1

प्लास्टिक प्रदूषण

प्लास्टिक से लाभ और हानि | Advantages and disadvantages of plastic

प्लास्टिक से जुड़े लाभ नीचे दिए गए हैं:-.

  • यह वजन में बहुत ही हल्के होते हैं।
  • यह बहुत ही मजबूत होते है ओर इसी कारण से इनका उत्पाद बहुत अच्छा  होता है।
  • यह बहुत ही सस्ते दामों से आसानी से काही पर भी उपलब्ध होता हैं।
  • इसे हम कई प्रकार की वस्तुएँ बनाने में उपयोग कर सकते है जेसे पनि की बोतल, पेन, प्लास्टिक की थैलियाँ , कप आदि।
  • इनको आसानी से कोई भी आकार में ढाल जा सकता हैं।
  • यह जंग रहित होते हैं।
  • यह केमिकल प्रतिरोधी है।
  • इसका उपयोग electroics,packaging, building,transportation industries में बड़े पैमाने पर किया जाता हैं।
  • यह गंध हीन होते हैं।

प्लास्टिक से जुड़ी हानि नीचे दी गई  हैं:-

  • प्लास्टिक को जलाने से यह वायु को प्रदूषित करता है क्योंकि इससे निकालने वाला धुआँ जहरीला होता हैं।
  • यह गैर नवीकरणीय संसाधन हैं।
  • यह non-biodegradable है।
  • पॉइज़नस गैस के द्वारा जहरीला धुआँ cancer जैसी बीमारी को बढ़ावा देता हैं।
  • यह काम गर्मी प्रतिरोधी और बेकार नामनीयता वाले होते हैं।
  • यह नालियों ओर नालों को चोक कर हमारे पर्यावरण को दूषित करते है और उसे नुकसान पहुचाते हैं।

प्लास्टिक को रोकने के उपाय:

  • इससे बनी वस्तुओ का उपयोग न करे ओर इसका बहिष्कार करे ।
  • प्लास्टिक से बने समान का लंबे समय तक उपयोग करे जब तक वह पूरी तरह से खराब न हो जाएँ।
  • इससे बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करने से बचे ।
  • दुकान पर समान खरीदते वक्त कागज य कपड़े से बने थैले आदि का इस्तेमाल करे।
  • खाने की वस्तुओ में स्टील और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करे।
  • प्लास्टिक खरीदते वक्त पीईटीई (PETE) और एचडीपीई (HDPE) के समान को प्राथमिकता दे क्योंकि यह रिसाइकिल हो जाता हैं।

प्लास्टिक का वर्गीकरण। Classification of Plastic

आकार के हिसाब से इसका वर्गीकरण किया जाता है जो की इस प्रकार हैं।

  • 25 mm से अधिक – मैक्रोप्लास्टिक(Maicroplastic)
  • 5-25 mm – मेसोप्लास्टिक(Mesoplastic)
  • 0.1 – 5 mm – माइक्रोप्लास्टिक(Microplastic)

निष्कर्ष | Conclusion

हमारी छोटे छोटे कदम प्लास्टिक के उपयोग को काम कर सकते है ओर इससे हमारा पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा ओर लोगों को अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।इसके रोकथाम की वजह से ही हम अपने आगे आने वाली पीढ़ी को प्रदूषण से बचा सकते हैं।

You may also like

9xflix Movies Download

9xflix.com | 9xflix 2023 HD Movies Download &...

Mallumv Movies Download

Mallumv 2023 | Mallu mv Malayalam Movies HD Download...

Movierulz Tv

Movierulz Telugu Movie Download – Movierulz Tv...

kmut login

Kmut Login | கலைஞர் மகளிர் உரிமைத் திட்டம் | Kalaignar...

rts tv apk download

RTS TV App 2023 | RTS TV APK v16.0 Download For...

hdhub4u movie download

HDHub4u Movie Download | HDHub4u Bollywood Hollywood...

About the author.

' src=

Plastic Pollution Essay in Hindi | प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध।

प्रस्तावना(plastic pollution essay in hindi).

Plastic pollution essay in hindi: दोस्तों आज के समय में हम चारों तरफ से प्रदूषण से घिरे हुए हैं। हम ना सिर्फ बाहर में दिखने वाले प्रदूषण से घिरे हुए हैं। बल्कि हमारे घर के अंदर भी प्रदूषण मौजूद होते हैं। वैसे प्रदूषण के कारण तो अनेक हैं, पर इनमें से एक प्लास्टिक प्रदूषण है। प्लास्टिक आज के समय हमारी लिए बहुत ही नुकसान दे है। और बहुत ही खतरनाक प्रदूषण होता है।

प्लास्टिक आज के समय में हमारे दैनिक जीवन के हिस्सा बन चुका है। जिसे छोड़ना शायद मनुष्य के लिए आसान नहीं होगा। आज हम प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जानेंगे और समझेंगे की कैसे प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। और कैसे प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से हमारी सेहत को और हमारी प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है ।

हमारी पृथ्वी जहां प्रकृति में मौजूद हमारे सुख सुविधाओं के लिए हमारे जीने के लिए हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। तो वही दूसरी तरफ हम मनुष्य अपनी पृथ्वी को जाने अनजाने हैं नुकसान पहुंचाते रहे हैं। हम कहीं ना कहीं पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण के संपूर्ण रूप से जिम्मेदार है। इसका खामियाजा हमें और हमारी आने वाले नस्लों को भुगतना होगा।

आज के समय जहां प्रदूषण के कारण हजार तरह की बीमारियां और सांस लेने जैसे परेशानियां का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसका संपूर्ण जवाबदेही हम मनुष्य को जाता है।

Plastic Pollution Essay in Hindi | प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध।

प्लास्टिक प्रदूषण क्या होता है?

अत्यधिक मात्रा में प्लास्टिक को जलाना, प्लास्टिक का इस्तेमाल करना प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनता है। प्लास्टिक प्रदूषण एक ऐसा प्रदूषण है जिसका निवारण कठिन है। प्लास्टिक को जलाने से निकलने वाले धुएं प्लास्टिक प्रदूषण को बढ़ावा देती है।

प्लास्टिक का प्रदूषण हमारे लिए बहुत ही नुकसान दें बन गया है। जो दिन पर दिन हमारे लिए खतरे के निशान को दर्शाता है और इसके कारण पर्यावरण भी प्रदूषित होते हैं।

Plastic pollution essay in hindi | प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध।

प्लास्टिक आज हमारी चारों तरफ फैल चुका है। हमारे दैनिक जीवन में हर जगह प्लास्टिक से बनी चीजें हम देख रहे हैं। और कहीं ना कहीं हम प्लास्टिक से बनी चीजों का रोज इस्तेमाल कर रहे हैं। प्लास्टिक की खोज सर्वप्रथम जर्मन के रसायनशास्त्र हास वान पेचमैन के द्वारा सन 1898 में की गई थी। इन्होंने डाई एजी मिथेन को गर्म करके प्लास्टिक का निर्माण किया था।

प्लास्टिक को पॉलीएथिलीन और पॉलिथीन भी बोलते हैं। आज हम प्लास्टिक से बनी चीजों को रोज इस्तेमाल कर रहे है। सुबह ब्रश करने से लेकर नहाने के साबुन को रखने वाले साबूदाने भी प्लास्टिक से बनी हुई होती है। आज हमारे खाने के हर चीजें को प्लास्टिक की थैली में पैक की हुई मिलती हैं। चाहे हम चिप्स खाएं या कोई बिस्कुट या कोई भी सामान बाजार से घर में लाएं तो हम सभी प्लास्टिक के जरिए ही लाते हैं।

हमारे दैनिक जीवन में प्लास्टिक इस तरह से बस गया है की इसे अब खुद से अलग करना आसान नहीं होगा। हम अपनी जरूरत के सामान में प्लास्टिक से बनी हुई चीजों को देखते हैं। आज ना सिर्फ प्लास्टिक से बनी चीजें देखने को मिलती है बल्कि खाने के सामान में भी प्लास्टिक के थैलों में पैक की जाती है।

टेबल हो या कुर्सी हर चीज में हमे प्लास्टिक देखने को मिलता है। यहां तक की हमारे पैरों की चप्पल भी प्लास्टिक की बनी मिलती है। आज खाने के सामान से लेकर पीने के पानी तक के चीजों को प्लास्टिक के अंदर पैक किया जाता है। हमें पीने का पानी भी प्लास्टिक के बोतल में ही देखने को मिलता है।

हम यह कह सकते हैं कि हमारे छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीजों में प्लास्टिक ने अपनी भागीदारी बना ली है। प्लास्टिक से हम पूरी तरह घिरे चुके हैं। आज प्लास्टिक के कचरे के रूप में हम अपने खूबसूरत से पर्यावरण को प्रदूषित पर्यावरण में बदलते जा रहे हैं। प्लास्टिक का प्रदर्शन ना सिर्फ हम मनुष्य को क्षति पहुंचाता है, बल्कि इससे जानवरों को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं प्लास्टिक एक अपघटित पदार्थ होता है। प्लास्टिक को अगर धरती के अंदर दफन भी कर दिया जाता है तो ये सालो तक वैसा का वैसा ही रह जाता है। इसे मिट्टी भी नही गला पाती।

प्लास्टिक प्रदूषण को देखते हुए भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है। भारत सरकार की तरफ से प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी गई है जिसमें उन्होंने एक स्लोगन जारी किया था प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें(No use plastic). क्योंकि हम जानते हैं कि जितना ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल करेंगे उतना ही आने वाले दिनों में हमारे पर्यावरण को और हमारे अस्तित्व के लिए खतरा साबित होगा।

प्रदूषण के कारण आज जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है। इसके चलते प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है और यह सब का कारण मनुष्य ही हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाले नुकसान।

प्लास्टिक को जलाने के कारण उस से उत्पन्न होने वाले धुएं हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदेह साबित होते हैं। इससे उत्पन्न होने वाले धुएं कैंसर जैसे बड़ी बीमारी का कारण बनते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं प्लास्टिक गलती नहीं है। उसके कारण नदी नालियों में प्लास्टिक का जमावड़ा हो जाता है। और पानी का बहाव रुक जाता जिसके चलते हैं पर्यावरण प्रदूषित होने लगता है।

हजारों टन की मात्रा में प्लास्टिक समंदर में फेंके जाते हैं। इसके कारण हम समंदर को भी प्रदूषित कर रहे हैं। फेंके हुए प्लास्टिक समुंदर में जा कर समुंदर के कचरे के रूप में एकत्रित होने लगते हैं। जिसके चलते समुंदर के जीव हमारे फेंके हुए प्लास्टिक को खाकर उस से दूषित होकर मारे जाते हैं।

हम इंसान तो प्लास्टिक खाते नहीं है। हमने इतनी सी समझ तो होती है पर उन बेजुबान जानवरो का क्या जो इसे अनजाने में खा लेते और फिर इस से होने वाले नुकसान में खुद को पाते है। हम मनुष्य प्लास्टिक का इस्तेमाल करके और उसे जहां-तहां फेंक कर हम जीव जंतु और जानवरों की मुसीबत को बढ़ावा देते हैं। साथ ही पर्यावरण को और भी प्रदूषित करते है।

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय।

१- हमें जितना हो सके प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना होगा। २-प्लास्टिक से बने सभी चीजों का बहिष्कार करना होगा। ३-हमें यह प्रण लेना होगा हम सभी बाजार जाएं तो अपने साथ कपड़े का थैला लेकर जाएं। ४-हम खुद को और दूसरों को भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं। ५- हमें प्लास्टिक को तब तक इस्तेमाल करना चाहिए जब तक वह पूरी तरह से खराब ना हो जाए। ६- प्लास्टिक के बने सामने का इस्तेमाल कम करके।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Privacy policy

Hindi Nibandh.in

Hindi Nibandh.in

Plastic pollution in hindi essay | प्लास्टिक प्रदूषण निबंध | 200-1000 words.

Plastic Pollution In Hindi Essay

Select Category

Select Category

Categories/श्रेणियाँ

  • 10 पंक्ति 10
  • 10 Lines in Hindi 10
  • 100 Words 106
  • 150 Words 92
  • 250 Words 107
  • 300 Words 55
  • 400 words 26
  • 500 words 91
  • त्योहारों पर निबंध 10
  • परिवार पर निबंध 1
  • पाठशाला 1
  • विज्ञान 1
  • essay in hindi for class 10 16
  • essay in hindi for class 9 16
  • Festival Essay In Hindi 11
  • freedom fighter essay in hindi 13
  • Freedom Fighters 2

निबंध के लिए अनुरोध

निबंध के लिए अनुरोध करने के लिए कृपया संपर्क फ़ॉर्म पर जाएं

Social Plugin

in your language!

Popular Posts

G20 पर निबंध हिंदी में | G20 Essay In Hindi | 100-500 Words

G20 पर निबंध हिंदी में | G20 Essay In Hindi | 100-500 Words

समय का सदुपयोग | Samay Ka Sadupyog Nibandh

समय का सदुपयोग | Samay Ka Sadupyog Nibandh

प्रदूषण पर निबंध | Pollution Essay On Hindi 100-500 Words

प्रदूषण पर निबंध | Pollution Essay On Hindi 100-500 Words

महंगाई पर निबंध | Mehangai Par Nibandh | 200-500 Words

महंगाई पर निबंध | Mehangai Par Nibandh | 200-500 Words

मेरा देश भारत | Mera Desh Bharat Nibandh | 100 words - 300 words

मेरा देश भारत | Mera Desh Bharat Nibandh | 100 words - 300 words

Menu footer widget.

  • Privacy Policy

प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)

प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)

आज   हम प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Essay On Plastic Mukt Bharat In Hindi) लिखेंगे। प्लास्टिक मुक्त भारत पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

प्लास्टिक मुक्त भारत पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Plastic Mukt Bharat In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

आज के समय में बहुतायत से प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है। घर में उपयोग की जाने वाली कई सारी चीजें प्लास्टिक की बनी होती है और हम इन चीजों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं।

जब भी हम बाजार जाते हैं, तो हम प्लास्टिक में ही सब्जिया या सामान खरीद कर ले आते हैं और प्लास्टिक को सहजता से रख देते हैं, ताकि उसका फिर से इस्तेमाल कर सके। लेकिन हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि प्लास्टिक हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। हमें प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करना होगा, ताकि हमारा स्वास्थ्य सही रह सके।

प्लास्टिक मुक्त भारत की शुरुआत

आज के समय में देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन इसकी सबसे पहले शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इसकी शुरुआत सबसे पहले ऐसी जगह से की गई, जहां पर प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग किया जाने लगा था।

जैसे कि मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और लखनऊ। ऐसी कोशिश की जा रही है कि पूरे देश को ही प्लास्टिक मुक्त बना दिया जाए।

भारत में प्लास्टिक रूपी समस्या

ताजा हुए सर्वेक्षणों के अनुसार यह पाया गया है कि भारत में प्लास्टिक का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों को काफी नुकसान हो सकता है। ऐसा देखा गया है कि प्लास्टिक सालों तक खत्म नहीं होता है और यह समस्त प्राणियों के लिए घातक साबित होता है।

एक सर्वे के अनुसार भारत में रोजाना 16000 टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है और 10000 टन प्लास्टिक को इकट्ठा किया जाता है। इस इकट्ठा किये प्लास्टिक से कई प्रकार की सामग्री, जैसे प्लेट, कप, पैकिंग बैग आदि बनाए जाते है।

इसी बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में निर्मित प्लास्टिक के उपयोग से कई सारी दिक्कतें सामने आ सकती हैं और यह गहरा संकट खड़ा कर सकता हैं।

ऐसे लिया जा सकता है भारत को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प

अगर आप भारत को प्लास्टिक मुक्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ही संकल्प लेना होगा और समूची मानव जाति की रक्षा करनी होगी। इसके लिए आप इन मुख्य बातों को आजमा सकते हैं, जो निचे बताई गयी है।

  • कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है, अगर आप प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल करते हैं तो बेहतर होगा इसके बदले कपड़े या फिर कागज के बैग का इस्तेमाल कर लिया जाए।
  • प्लास्टिक के प्लेट के अलावा अगर मिट्टी या ताम्बे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए, तो प्लास्टिक को दूर करने का यह बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मिट्टी और ताम्बे के बर्तन इस्तेमाल करने से हमारे स्वास्थ्य को इतना नुकसान नहीं होता, जितना प्लास्टिक से होता है।
  • जब भी मार्केट से कुछ सामान लेने जाए, तो हमेशा साथ में ही बैग लेकर जाएं। जिससे आप प्लास्टिक के बैग से दूर रह सकते हैं और उनका कम से कम  इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • प्लास्टिक को रीसायकल किया जा सकता है, इसलिए हमे प्लास्टिक इधर उधर फेकने के बजाय उसे रीसायकल करने के लिए दे देना चाहिए। ऐसा करने से प्रकृति को ज्यादा नुकसान नहीं हो पाएगा।

जल में रहने वाले प्राणियों को प्लास्टिक से नुकसान

सामान्य तौर पर ऐसा देखा जाता है कि जब भी प्लास्टिक का कोई भी सामान नदियों, नालों या तालाब में फेंक दिया जाता है, तो इससे जल में रहने वाले समस्त प्राणियों के लिए बहुत नुकसान की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

कई बार ऐसा देखा जाता है कि प्लास्टिक को जल में रहने वाले प्राणी अपने शरीर के अंदर ले लेते हैं। जिससे उन्हें कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं और वह जल में ही दम तोड़ देते हैं। इससे हमारे पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है और कई प्रकार के प्राणियों की प्रजातियां भी विलुप्त हो जाती है।

ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें और उस प्लास्टिक को जल में ना डालें। जिससे हम जल में रहने वाले प्राणियों की भी बेहतर देखभाल कर सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के कुछ खास उपाय

प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए पहल खुद से ही करनी होगी और उसके उपयोग को कम से कम करना होगा, ताकि प्रदूषण भी कम हो सके। उसके लिए हम निचे दिए उपाय कर सकते है।

  • प्लास्टिक प्रदुषण रोकने के लिए प्लास्टिक से बने उत्पादों का कम से कम इस्तेमाल करना होगा, ताकि हमे प्लास्टिक से मुक्ति मिल सके।
  • लोगों में जागरूकता फैलानी होगी, ताकि लोग भी प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना शुरू करे।
  • बोतल में पैक पानी का कम से कम इस्तेमाल करें, जिससे प्लास्टिक का दोहन नहीं होगा।
  • बाहर से ऑनलाइन खाना ज्यादा ऑर्डर ना करें, क्योंकि वह खाना हमेशा प्लास्टिक में पैक हो कर आता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
  • प्लास्टिक की वस्तुओं पर बैन लगा कर हम आसानी से इसके उपयोग को कम कर सकते हैं।
  • खाने की वस्तुओं में स्टील और मिट्टी के बर्तनों का ही उपयोग करें, जिससे स्वास्थ नुकसान कम होगा और प्लास्टिक का उपयोग काम होगा।

प्लास्टिक से होने वाली हानिया

हम हमेशा बढ़-चढ़कर प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, लेकिन यह हमारे लिए हानि प्रद है। जब भी प्लास्टिक को जलाया जाता है, तो इससे वायु प्रदूषित हो जाती है और इसका धुआं जहरीला होता है। यह धुआ बच्चों और बड़ों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है।

प्लास्टिक के जलने से जो धुआं उत्पन्न होता है, उससे कैंसर जैसी भयावह बीमारी उत्पन्न हो सकती है। प्लास्टिक के माध्यम से हमने हमेशा चौक चौराहों को अव्यवस्थित और दूषित पाया है। प्लास्टिक नॉन बायोडिग्रेडेबल है। इसके माध्यम से हमारे आसपास का पर्यावरण काफी हद तक दूषित हो रहा है। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर हो रहा है।

इस प्रकार से हमने जाना कि प्लास्टिक काफी हद तक हमारे लिए नुकसानदायक है और इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग भारत में किया जाता है। ऐसे में भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हमें ही शुरुआत करनी होगी। जिससे कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर भविष्य निर्माण कर सकें।

हमें इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा, ताकि हम आने वाली मुसीबत को कम कर सकें और लोगों को जागरुक भी बना सके। जब तक हम ठोस कदम नहीं उठाएंगे, तब तक हम भारत को सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। ऐसे में भारत को प्लास्टिक मुक्त करने का प्रयास करते रहना आवश्यक माना जाता है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swacch Bharat Abhiyan Essay In Hindi)
  • प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध (Plastic Ban Essay In Hindi)
  • स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay In Hindi)
  • स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

तो यह था प्लास्टिक मुक्त भारत   पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि प्लास्टिक मुक्त भारत पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Plastic Mukt Bharat) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!

Related Posts

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi Language)

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi Language)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi)

Plastic Pollution Essay for Students and Children

500+ words essay on plastic pollution.

Plastic is everywhere nowadays. People are using it endlessly just for their comfort. However, no one realizes how it is harming our planet. We need to become aware of the consequences so that we can stop plastic pollution . Kids should be taught from their childhood to avoid using plastic. Similarly, adults must check each other on the same. In addition, the government must take stringent measures to stop plastic pollution before it gets too late.

Uprise of Plastic Pollution

Plastic has become one of the most used substances. It is seen everywhere these days, from supermarkets to common households. Why is that? Why is the use of plastic on the rise instead of diminishing? The main reason is that plastic is very cheap. It costs lesser than other alternatives like paper and cloth. This is why it is so common.

plastic pollution essay 700 words in hindi

Secondly, it is very easy to use. Plastic can be used for almost anything either liquid or solid. Moreover, it comes in different forms which we can easily mold.

Furthermore, we see that plastic is a non-biodegradable material. It does not leave the face of the Earth . We cannot dissolve plastic in land or water, it remains forever. Thus, more and more use of plastic means more plastic which won’t get dissolved. Thus, the uprise of plastic pollution is happening at a very rapid rate.

Get the huge list of more than 500 Essay Topics and Ideas

Impact of Plastic Pollution

Plastic Pollution is affecting the whole earth, including mankind, wildlife, and aquatic life. It is spreading like a disease which has no cure. We all must realize the harmful impact it has on our lives so as to avert it as soon as possible.

Plastic pollutes our water. Each year, tonnes of plastic are dumped into the ocean. As plastic does not dissolve, it remains in the water thereby hampering its purity. This means we won’t be left with clean water in the coming years.

Furthermore, plastic pollutes our land as well. When humans dump Plastic waste into landfills, the soil gets damaged. It ruins the fertility of the soil. In addition to this, various disease-carrying insects collect in that area, causing deadly illnesses.

Should Plastic Be Banned? Read the Essay here

Most importantly, plastic pollution harms the Marine life . The plastic litter in the water is mistaken for food by the aquatic animals. They eat it and die eventually. For instance, a dolphin died due to a plastic ring stuck in its mouth. It couldn’t open its mouth due to that and died of starvation. Thus, we see how innocent animals are dying because of plastic pollution.

In short, we see how plastic pollution is ruining everyone’s life on earth. We must take major steps to prevent it. We must use alternatives like cloth bags and paper bags instead of plastic bags. If we are purchasing plastic, we must reuse it. We must avoid drinking bottled water which contributes largely to plastic pollution. The government must put a plastic ban on the use of plastic. All this can prevent plastic pollution to a large extent.

FAQs on Plastic Pollution Essay

Q.1 Why is plastic pollution on the rise?

A.1 Plastic Pollution is on the rise because nowadays people are using plastic endlessly. It is very economical and easily available. Moreover, plastic does not dissolve in the land or water, it stays for more than hundred years contributing to uprise of plastic pollution.

Q.2 How is plastic pollution impacting the earth?

A.2 Plastic pollution is impacting the earth in various ways. Firstly, it is polluting our water. This causes a shortage of clean water and thus we cannot have enough supply for all. Moreover, it is also ruining our soils and lands. The soil fertility is depleting and disease-carrying insects are collecting in landfills of plastic.

Customize your course in 30 seconds

Which class are you in.

tutor

  • Travelling Essay
  • Picnic Essay
  • Our Country Essay
  • My Parents Essay
  • Essay on Favourite Personality
  • Essay on Memorable Day of My Life
  • Essay on Knowledge is Power
  • Essay on Gurpurab
  • Essay on My Favourite Season
  • Essay on Types of Sports

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download the App

Google Play

प्रदूषण पर निबंध 100, 150, 250 & 300 शब्दों में (10 lines Essay on Pollution in Hindi)

plastic pollution essay 700 words in hindi

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) – प्रदूषण के प्रति जागरूक होना इन दिनों सभी छात्रों के लिए काफी अनिवार्य है। आने वाली पीढ़ियों के लिए दुनिया का एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए हर बच्चे को पता होना चाहिए कि मानवीय गतिविधियाँ पर्यावरण और प्रकृति पर कैसे प्रभाव छोड़ रही हैं। प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) यह विषय काफी महत्वपूर्ण है। और, स्कूली बच्चों को ‘ प्रदूषण निबंध पर (Pollution Essay in Hindi )’ सहजता से एक दिलचस्प निबंध लिखना सीखना चाहिए। नीचे एक नज़र डालें। 

प्रदूषण निबंध 10 पंक्तियाँ (Pollution Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) प्रदूषण प्राकृतिक संसाधनों में कुछ अवांछित तत्वों को मिलाने की क्रिया है।
  • 2) प्रदूषण के मुख्य प्रकार वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और भूमि प्रदूषण हैं।
  • 3) प्रकृति के साथ-साथ मानवीय गतिविधियाँ, दोनों प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।
  • 4) प्रदूषण के प्राकृतिक कारण बाढ़, जंगल की आग और ज्वालामुखी आदि हैं।
  • 5) प्रदूषण एक राष्ट्रीय नहीं बल्कि एक वैश्विक समस्या है।
  • 6) प्रदूषण को रोकने के लिए पुन: उपयोग, कम करना और पुनर्चक्रण सबसे अच्छे उपाय हैं।
  • 7) अम्ल वर्षा और ग्लोबल वार्मिंग प्रदूषण के परिणाम हैं।
  • 8) प्रदूषण हमेशा जानवरों और इंसानों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
  • 9) प्रदूषित हवा और पानी इंसानों और जानवरों में कई बीमारियों का कारण बनते हैं।
  • 10) हम पर्यावरण के अनुकूल संसाधनों और सौर पैनलों का उपयोग करके प्रदूषण को रोक सकते हैं।

प्रदूषण पर निबंध 100 शब्द (Pollution Essay 100 Words in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) प्रदूषण इन दिनों एक बड़ी समस्या बन गया है। तेजी से हो रहे औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पर्यावरण जिसमें हवा, पानी और मिट्टी शामिल है, प्रदूषित हो गया है। वनों की कटाई और औद्योगीकरण के कारण, हवा अत्यधिक प्रदूषित हो रही है, और इससे ग्लोबल वार्मिंग हो रही है। आज सभी जल स्रोत अत्यधिक प्रदूषित हैं। कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग ने मिट्टी को बुरी तरह प्रदूषित कर दिया है। पटाखों, लाउडस्पीकरों आदि का प्रयोग। हमारी सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह सिरदर्द, ब्रोंकाइटिस, हृदय की समस्याओं, फेफड़ों के कैंसर, हैजा, टाइफाइड, बहरापन आदि का कारण बनता है। प्रदूषण के कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है। हमें इस मुद्दे को गंभीरता और गंभीरता से लेना होगा।

प्रदूषण पर निबंध 150 शब्द (Pollution essay 150 Words in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) – यह एक बड़ी पर्यावरणीय समस्या है। जब पर्यावरण दूषित होता है तो प्रदूषण उत्पन्न होता है। पर्यावरण में तीन प्रमुख प्रकार के प्रदूषण हैं। मृदा प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण आदि।

प्रदूषण के कुछ प्रमुख कारण हैं, जैसे ईंधन वाहनों का अत्यधिक उपयोग, कृषि में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग।

प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। वायु प्रदूषण से सांस संबंधी बीमारियां और फेफड़ों से जुड़ी अन्य समस्याएं होती हैं। जल प्रदूषण जल को प्रदूषित करता है। ध्वनि प्रदूषण से बीपी की समस्या और सुनने की समस्या होती है। यह तनाव का कारण भी बनता है। मृदा प्रदूषण से फसलों के उत्पादन में कमी आती है, हमें इसे रोकना चाहिए। उत्पादन को भी बनाए रखने के द्वारा। औद्योगिक कचरे का उचित उपचार, वर्षा जल की आपूर्ति का भंडारण, प्लास्टिक उत्पादों को कम करना और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का उपयोग करना।इस प्रकार के उपाय करके हम प्रदूषण पर भी नियंत्रण कर सकते हैं।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Best Friend Essay
  • My School Essay

प्रदूषण पर निबंध 250 शब्दों में – 300 शब्दों में (Essay on pollution in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) प्रदूषण कई अलग-अलग रूपों में होता है। यह पूरी दुनिया में एक प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दा बन गया है। हवा, जमीन, मिट्टी, पानी आदि में कोई भी अप्रिय और अप्रिय परिवर्तन। प्रदूषण में योगदान देता है। ये सभी परिवर्तन रासायनिक, जैविक या भौतिक परिवर्तनों के रूप में हो सकते हैं। प्रदूषण फैलाने वाले माध्यम को प्रदूषक कहते हैं।

दुनिया में प्रदूषण को रोकने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। भारत में पर्यावरण की सुरक्षा और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बनाया गया कानून पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 है।

आइए हम विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों पर विस्तार से एक नज़र डालें:

वायु प्रदुषण

जब पूरा वातावरण आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों के कारण निकलने वाली हानिकारक जहरीली गैसों से भर जाता है, तो इससे वायु और पूरा वातावरण प्रदूषित होता है। इससे वायु प्रदूषण होता है।

यह प्रदूषण का एक और प्रमुख रूप है जो प्रकृति के लिए बहुत विनाशकारी है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पानी के प्राकृतिक स्रोत दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं और इसने पानी को एक दुर्लभ वस्तु बना दिया है। दुर्भाग्य से, इन महत्वपूर्ण समय में भी, ये शेष जल स्रोत कई स्रोतों (जैसे औद्योगिक अपशिष्ट, कचरा निपटान आदि) से अशुद्धियों से दूषित हो रहे हैं, जो उन्हें मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त बनाता है।

कचरा प्रदूषण

जब लोग अपशिष्ट निपटान के उचित तंत्र का पालन नहीं करते हैं, तो इसका परिणाम कचरे का संचय होता है। यह बदले में कचरा प्रदूषण का कारण बनता है। इस समस्या का समाधान करने का एकमात्र साधन यह सुनिश्चित करना है कि अपशिष्ट निपटान के लिए एक उचित प्रणाली मौजूद है जो पर्यावरण को दूषित नहीं करती है।

ध्वनि प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण के पीछे सामान्य कारण उद्योग, योजनाओं और अन्य स्रोतों से आने वाली ध्वनि है जो अनुमेय सीमा से अधिक तक पहुँचती है। स्वास्थ्य और शोर के बीच एक सीधा संबंध है जिसमें उच्च रक्तचाप, तनाव से संबंधित आवास, श्रवण हानि और भाषण हस्तक्षेप शामिल हैं।

Pollution Essay से सबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

Q.1 प्रदूषण के प्रभाव क्या हैं.

A.1 प्रदूषण अनिवार्य रूप से मानव जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। यह हमारे द्वारा पीने वाले पानी से लेकर हवा में सांस लेने तक लगभग सभी चीजों को खराब कर देता है। यह स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाता है।

प्रश्न 2 प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है?

उ.2 हमें प्रदूषण कम करने के लिए व्यक्तिगत कदम उठाने चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे अपने कचरे को सोच समझकर विघटित करें, उन्हें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। इसके अलावा, जो कुछ वे कर सकते हैं उसे हमेशा रीसायकल करना चाहिए और पृथ्वी को हरा-भरा बनाना चाहिए।

  • निबंध ( Hindi Essay)

plastic pollution essay 700 words in hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi

देखा जाए तो विदेशों की तुलना में हमारे भारत देश में प्रदूषण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ते जा रहा है। लोग शहरीकरण को अपनाने के लिए ग्रामीण जीवन व गांव को छोड़कर शहरों में बस्ते जा रहे हैं। और वे अपनी सुख-सुविधाओं के लिए वातावरण की चिंता ना करते हुए प्रदूषण के स्तर को बढ़ाते जा रहे हैं। और पेड़ पौधों को बिना सोचे समझे काटते जा रहे हैं जिसके कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि होते जा रहा है। वैसे तो प्रदूषण बहुत प्रकार के होते हैं जैसे कि वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण, साउंड प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण (Essay on Plastic Pollution in Hindi) इत्यादि। परंतु आज हम देश में बढ़ते जा रहे प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जानेंगे, लोग किस प्रकार अपनी सुविधा के लिए प्लास्टिक का प्रयोग करके पृथ्वी को दूषित करते जा रहे हैं उसके बारे में जानेंगे। तो आइए हम प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण क्या है:-  

प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन काफि तेजी के साथ पृथ्वी पर बढ़ते जा रहा है। मनुष्य द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों का जमीन या जल में इकट्ठा होना ही प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है। प्लास्टिक पदार्थों से उत्पन्न होने वाले खचरों का निस्तारण बहुत ही कठिन से होता है। मनुष्य द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों का महासागर, समुद्र,व नदियों में इकट्ठा होने के कारण जल प्रदूषण का स्तर भी बढ़ते जा रहा है। लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों जैसे -प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक बर्तन, प्लास्टिक फर्नीचर ,इत्यादि के इस्तेमाल के कारण प्लास्टिक (Essay on Plastic Pollution in Hindi) के कचरे का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। लोगों की इन लापरवाही के कारण ही प्लास्टिक प्रदूषण जैसे समस्याओं का स्तर भारत में बहुत तेजी के साथ बढ़ते जा रहा है। पृथ्वी को प्रदूषित करने में प्लास्टिक के साथ-साथ लोगों का भी अहम योगदान है। और यह दिन प्रतिदिन एक वैश्विक चिंता का विषय बनते जा रहा है।

प्लास्टिक का प्रयोग दैनिक जीवन में किस प्रकार बढ़ते जा रहा है:-

भारत जहां एक ओर तरक्की के साथ-साथ नए-नए आविष्कार कर के देश का नाम रोशन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर लापरवाही करके बाकी देशों से अपने देश को पीछे करते जा रहा है। आजकल के लोगों को अपनी सुख-सुविधाओं के अलावा और कुछ दिखाई हि नहीं देता। वे अपनी सुख-सुविधाओं के चलते प्लास्टिक का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करके पृथ्वी को दूषित करते जा रहे हैं। आज के युग में प्लास्टिक लोगों के जीवन में एक अहम हिस्सा कायम कर चुका है। लोगों को मानो जैसे प्लास्टिक की चीजें इस्तेमाल करने की आदत सी हो गई है। आज के युग में हर एक व्यक्ति प्लास्टिक का किसी ना किसी रूप में उपयोग कर रहा है। जिसके कारण प्लास्टिक की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है ।

प्लास्टिक यानी कि पॉलीमर यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि बहुत ही हल्का होता है, टिकाऊ होता है ,और हर मौसम को सहने में सक्षम होता है, और यह बहुत ही सरलता से उपलब्ध किया जा सकता है, और यह बहुत कम दाम में मार्केट में बिकता है, और प्लास्टिक को बड़ी सरलता के साथ किसी भी रूप में ढाला जा सकता है। इसी कारण प्लास्टिक लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण जगह बना चुका है। प्लास्टिक का प्रयोग लगभग देश के सभी लोग अपने दैनिक जीवन में जाने -अनजाने में किसी ना किसी रूप में करते रहे हैं। जो कि वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य के जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। लोग प्लास्टिक की चीजे जैसे -पॉलिथीन ,पैकेजिंग, प्लास्टिक की थैली ,प्लास्टिक की बोतल, इत्यादि जैसे चीजों का इस्तेमाल करते हैं। और लोग इन प्लास्टिक से बने चीजों का एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं और फिर यही प्लास्टिक की चीजें कचरे के रूप में इकट्ठा होकर भूमि तथा समुद्र को दूषित करता है। प्लास्टिक (Essay on Plastic Pollution in Hindi) एक ऐसा पदार्थ है जो कि कभी नष्ट नहीं होता है इन्हे नष्ट होने में बहुत वर्ष लगता है। इसीलिए यह पृथ्वी और पृथ्वी के लोगों के स्वास्थ्य के  लिए बहुत खतरनाक है।

प्लास्टिक का प्रकार:-

वैसे तो प्लास्टिक कई प्रकार की होती हैं परंतु मुख्यता इन्हें दो प्रकार का माना जाता है।

1. थर्मोप्लास्टिक

2. थर्मोसेटिंग

1. थर्मोप्लास्टिक:- थर्मो प्लास्टिक वो प्लास्टिक होता है जिन्हें गर्म करके विभिन्न रूपों में ढाला जा सकता है। इसे रिसाइकल करके अलग-अलग तरह के चीजें बनाकर उपयोग में लाया जा सकता है जैसे की प्लास्टिक की बोतल, प्लास्टिक के खिलौने, प्लास्टिक के थैले, इत्यादि।

2. थर्मोसेटिंग:- थर्मोसेटिंग वह प्लास्टिक होती है जो गर्म होने पर सेट हो जाती है और ठोस पदार्थ बन जाती है ।इस प्लास्टिक का इस्तेमाल अक्सर ठोस पदार्थ बनाने में किया जाता है। जैसे यूरिया, फॉर्म एल्डिहाइड ,और पॉली यूरिथेन आदि।

लोगों की उपयोगिता के आधार पर भी प्लास्टिक को दो भाग में बांटा गया है।

1. कम घनत्व वाले प्लास्टिक , 2. उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक

लोग अपने जीवन में प्लास्टिक का इस्तेमाल बड़ी सरलता के साथ कर रहे है ।इसलिए बड़ी-बड़ी कंपनिया प्लास्टिक का निर्माण दिन प्रतिदिन तेजी के साथ करते जा रहे है। लोग अक्सर घरों में छोटे-छोटे कामों के लिए कम घनत्व वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं यह एक ऐसा प्लास्टिक है जो कि हल्की हल्की चीजों को उठाने में काम आते हैं। और इनका उपयोग ज्यादातर मार्केट में किया जाता है ।और इस प्रकार के प्लास्टिक का इस्तेमाल लोग अपने जीवन में ज्यादा करते हैं।

उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक ऐसे प्लास्टिक होते हैं जो कि किसी भी ठोस पदार्थ का निर्माण करने में काम आते हैं। इस प्रकार के प्लास्टिक का भी इस्तेमाल लोग अपने जीवन में करते हैं। इस प्रकार के प्लास्टिक का भी एक महत्वपूर्ण जगह लोगों के जीवन में है।

जिस प्रकार लोग अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं उस प्रकार से इस पृथ्वी का जीवन बहुत ही छोटा होता जा रहा है। प्रदूषण मानव जीवन के लिए बहुत हानिकारक है इस बात से सभी लोग भलीभांति परिचित हैं फिर भी लोग अपनी सुख-सुविधाओं को ज्यादा महत्व देते हुए प्लास्टिक जैसी चीजों का इस्तेमाल करके पृथ्वी को दूषित कर रहे हैं जो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। लोग एक बार प्लास्टिक का इस्तेमाल करके उन्हें इधर-उधर फेंक देते हैं और वह कचरे के रूप में इकट्ठा होकर समुद्रों में जाकर जल को दूषित करती है।

इसीलिए लोगों को प्लास्टिक के कचरो को डस्टबिन में डालना चाहिए क्योंकि इन प्लास्टिक की चीजों को रिसाइकल करके हम इस्तेमाल कर सकते हैं ।भारत सरकार द्वारा ऐसे बहुत से कई सारी संस्थाएं बनाई गई है जो कि लोगों को प्लास्टिक के प्रदूषण के प्रति जागरूक करके प्लास्टिक के पदार्थ (Essay on Plastic Pollution in Hindi) का कम इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं। परंतु यदि हमें प्रदूषण को कम करना है तो हम सब को मिलकर लोगों को प्लास्टिक से हो रहे घातक बीमारियों तथा असुविधा के बारे में बताते हुए जागरूक करना होगा ।तभी हम एक  स्वच्छ भारत का निर्माण कर पाएंगे और हमारे आने वाले पीढ़ियों को इसका लाभ मिल पाएहैं।

RELATED ARTICLES MORE FROM AUTHOR

 width=

Essay on rules of Cleanliness and Legal Matter in Hindi

Essay on need of cleanliness in hindi, भारत में स्वच्छता पर निबंध – भूमिका, महत्व, और उपाय, essay on e-commerce in india in hindi, essay on impact and scope of gst bill in india in hindi, essay on racial discrimination in india in hindi.

plastic pollution essay 700 words in hindi

Paragraph For Gurudwara in Hindi | गुरुद्वारा के लिए अनुच्छेद हिंदी में

Is nutri choice biscuits good for weight loss | क्या नुतरि चॉइस बिस्किट्स वेट..., essay on brain drain in india in hindi.

Plastic Pollution Essay

In this Plastic pollution Essay, we will discussed Plastic pollution as it quickly damaging our surroundings.

Waste plastic material is difficult to dispose and contribute to massive air pollution on Earth, it has become a cause for global concern.

The use of plastic bags, utensils and furniture has also increased, the quantity of plastic waste therefore increases plastic pollution.

It is time that we must always take this problem severely and work towards its elimination.

Essay on Plastic Pollution 200 words:

Plastic pollution is caused by the accumulation of waste plastic materials within the atmosphere.

Plastic is a non-biodegradable material, it does bury into soil or water and its impact is worse when burned.

It is harmful to people, animals as well as crops.

Every year many animals, birds and sea creatures die due to plastic pollution.

Plastic plates, bags, spoons, glasses and different materials are simply available in the market.

They are economical and easy to use.

People like to use and throw plastic utensils during gatherings and events because it removes the effort of cleaning and cleaning utensils afterwards.

However, very few individuals are conscious that this waste cannot be disposed, so easily, it stays within the atmosphere and adversely harms us.

Not only plastic utensils but carry bags, furniture and various other things made from plastic are also not used extensively.

It is excessive time we should realize the dangerous effects of plastic pollution and make our contribution towards bringing it down.

Essay on Plastic Pollution 400 words:

Plastic pollution has grown to be a serious threat to our surroundings today and it is likely to worsen within the coming instances.

There are various causes that give rise to this type of pollution. There are additionally many adverse results of plastic pollution.

Causes of Plastic Pollution:

Economical and easy to use:.

Plastic is one of the most generally used materials in the case of the manufacturing of containers, bags, furniture and various other things as a result of it is economical and may be simply moulded into various forms.

The use of plastic items has led to increased plastic waste which is a reason for plastic pollution.

Non-biodegradable:

Plastic waste that is increasing day by day is non-biodegradable.

The Plastic does not get disposed in soil or water, it exists within the atmosphere for hundreds of years and combines land, water and air pollution.

Plastic does get disposed:

Plastic bags and different items made from plastic break into small particles that make their way into the soil or enter the water bodies, contributing to plastic pollution.

Results of Plastic Pollution:

Polluted water:.

Plastic waste is entering water bodies like rivers, oceans and even oceans and is polluting our water tremendously.

This water is provided to our locations, no matter how much we filter this water, it can never return to its pure form and thus negatively impact our health.

Polluted Land:

Massive quantities of plastic waste are dumped in landfills.

The wind carries plastic bags and other small plastic particles from one place to a different, affecting the major area.

Plastic particles release dangerous chemical compounds that accumulate within the soil and break its quality affects plant growth.

In addition, waste on land produces mosquitoes and different insects which might be carriers of varied severe diseases.

Harmful to marine organisms:

Plastic bags and other plastic litter that transfer into rivers and seas are misunderstood as meals by sea creatures who usually eat them and eventually fall sick.

Troubles animals:

Animals mostly feed on meals thrown within the garbage.

They eat plastic bags and other items along with different issues.

Plastic bags usually get trapped of their intestines and kill them also the cause of many severe diseases.

Conclusion:

Plastic pollution is a cause for severe concern, it is increasing because of the negligence of people.

It is time that we must always take strong steps to fight it.

Plastic pollution Essay

Essay on Plastic Pollution 600 words:

Plastic pollution is growing day by day.

Research exhibits that using plastic has increased significantly within the last two decades as a result of plastic is convenient to use and the cost is low.

To fulfil the growing demands of the people, the variety of factories manufacturing plastic products has grown quickly.

The extra plastic is used, the extra plastic waste accumulates on our planet and causes harmful plastic pollution.

It is becoming life-threatening as it is giving away to various diseases.

Plastic Manufacturing: Consuming Useful Resources:

The manufacturing of plastics consists of valuable fossil fuels comparable to oil and petroleum.

These fossil fuels are non-renewable and difficult to extract.

A lot of investment is made in bringing these fossil fuels and they are needed for varied different functions.

If we proceed to make use of these beneficial fuels for the manufacturing of plastics, we will get out of them and will be unable to employ them to produce or run different necessary things.

Marine Life: Worst Result by Plastic Pollution

Plastic bags and other plastic particles are transported by air and water to the river, oceans and other water bodies.

These going for picnics and camping also disorder on plastic bottles and packets of chips which improve plastic pollution.

It all goes into rivers and seas and adversely impacts marine organisms.

These poor creatures eat plastic instead of meals causes extreme sickness in fish, turtles and different marine organisms.

Annually many of them die due to plastic pollution.

Researchers claim that the variety of deaths and diseases caused by plastic pollution will improve within the coming years.

Plastic Pollution: A threat to People and Animals:

Like sea creatures, animals also consume plastic lying within the garbage and mistaken it for meals.

Many instances, they by accident grab the entire plastic bag will get trapped in their intestines and dies.

Plastic waste continues to deteriorate over time and turns into a breeding ground for mosquitoes, flies and other insects.

The majority of mosquitoes infiltrate here and provides rise to numerous diseases yearly.

Plastic waste can also be polluting the rivers that are the supply of drinking water for us.

The quality of drinking water is deteriorating daily due to plastic air pollution and various water-borne diseases are occurring.

Collective Efforts to fight Plastic Pollution:

Plastic products are difficult to disposed and harmful when plastic waste goes into landfill and even more harmful when it goes into water bodies.

Unlike wood and paper, we can’t eliminate it because the burning of plastics produces dangerous gases which might be hazardous to the atmosphere and life on Earth.

Plastic thus causes air, water and land pollution.

No matter how much we try, we can’t completely overcome plastic products.

However, we will definitely restrict our plastic usage.

Many plastic products such as plastic bags, containers, glasses, bottles and many others may be easily replaced with eco-friendly options comparable to garments/paper bags, metal utensils and many others.

Controlling plastic air pollution is just not the only account of the government.

In actual fact, the government can’t do anything alone, we have to work responsibly to reduce plastic pollution.

RELATED ESSAYS:

WATER POLLUTION ESSAY | AIR POLLUTION ESSAY | ENVIRONMENT ESSAY

Plastic pollution is growing at a speedy tempo and has grown to be a serious concern, we are able to reduce plastic pollution by restricting its use.

Every one of us should work towards tackling this problem.

• Section Under Essays

'  data-srcset=

Gupshups is the place to find the most inspirational & motivation quotes, essay, speechs & lot more.

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Hindi Grammar by Sushil

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध | Essay on Plastic Pollution in Hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi : वर्तमान में प्लास्टिक प्रदूषण हमारे आसपास के वातावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है।प्लास्टिक का उपयोग वर्तमान में बहुत अधिक होने के कारण ,उसमें जो रसायन मौजूद होते हैं वो हमारे प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचाते हैं । प्लास्टिक हमारे पूरे वायुमंडल, जैसे जल, हवा, पशु – पक्षी ,समुद्री जीव तथा मृदा सभी को दूषित करता है।

प्लास्टिक कई हजार वर्षों तक भी जमीन की सतह पर रहता है नष्ट नहीं होता है जिससे मृदा की (मिट्टी) उत्पादन क्षमता धीरे धीरे नष्ट होने लगती है,यह पानी को भी प्रदूषित करता है ,जिससे अनेकों तरह की बीमारियां होती है । तथा प्लास्टिक को जलाने पर यह पूरे वायुमंडल को दूषित करता है।

प्लास्टिक हटाये जीवन बचाये, धरती को स्वच्छ बनाये।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध | Essay on Plastic Pollution in Hindi

Table of Contents

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay on Plastic Pollution in Hindi)

प्लास्टिक का उपयोग मानव जीवन में प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है मनुष्य ने अपनी सुविधाओं के लिए प्लास्टिक का निर्माण था । परंतु आज वही प्लास्टिक मना जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है ।उसने प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को खतरे में डाल दिया है, प्लास्टिक मानव जीवन के साथ-साथ जीव जंतु, समुद्री जीव सभी के लिए हानिकारक है । प्लास्टिक का उपयोग करने से मनुष्य के स्वास्थ्य, मृदा ,वायु ,जल , जीव जंतु, समुद्री जीव सभी के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।

प्लास्टिक प्रदूषण क्या है?

प्लास्टिक से बनी हुई अनेक वस्तुओं का जमीन या जलीय स्थान में इकट्ठा होना ‘ प्लास्टिक प्रदूषण’ कहलाता है। प्लास्टिक प्रदूषण, प्लास्टिक का, कचरे के रूप में एक स्थान पर संचय होना , प्लास्टिक प्रदूषण होने का कारण बनता है। बाजार में ऐसी कई वस्तुएं उपलब्ध है जिनका उपयोग करने के बाद लोग उन्हें भूमि में या जल में फेंक देते हैं जिससे सारा प्लास्टिक इकठ्ठा होके नदियों,तालाबों,झीलों और समुद्रों के पूरे जल को प्रदूषित कर देती हैं।

इसे दो भागों में बांटा जा सकता है जैसे की एक प्राथमिक वर्ग में सिगरेट के बट , बोतल, बोतल के ढक्कन , प्लास्टिक किराना बैग,आदि । परंतु द्वितीयक वर्ग में जो प्राथमिक वर्ग के परिणाम स्वरूप देखने को मिलता है। जैसे – कचरे में डाली हुई बोतल, प्लास्टिक बैग आदि को यदि कोई जानवर खा लेता है, तो वह उसके लिए जानलेवा हो सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण का कारण

प्लास्टिक के द्वारा निर्मित सामान गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों की जिंदगी के गुणवत्ता के सुधार करने में सहायक होते हैं परंतु इसका लगातार प्रयोग करने से बहुत खतरे भी उत्पन्न होते हैं ।प्लास्टिक से बनी हुई हर वस्तु जो पूजा, रसोई घर, बाथरूम, बैठक ,और कमरे के सजावट के समान के रूप में इस्तेमाल होने लगा है तथा बाजार से हमें सब्जी राशन में जुते ,चप्पल दूध दही, फल आदि जो भी लाना है उसके लिए हम प्लास्टिक पॉलिथीन का ही इस्तेमाल ज्यादातर कर रहे हैं।

आजकल लोग कपड़े से बने बैग, थैलो का इस्तेमाल करने में हिचकिचाते हैं और हर जगह प्लास्टिक के बैग थैलों का ही इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषण अत्यधिक तेजी से बढ़ता जा रहा है अगर जल्द ही इसमें रोक नहीं लगाई ,तो आने वाले समय में यह है बहुत ही घातक जानलेवा रूप ले सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के फायदे

प्लास्टिक ,स्टील और कांच की अपेक्षा सस्ता होता है और ज्यादा भी चलता है , इसका उपयोग करना भी बहुत आसान होता है। यह वजन में हल्का होता है तथा इसे बहुत ही आसानी से किसी भी आकार में परिवर्तित किया जा सकता है।

मन अपने रोजमर्रा के कार्य में इसका इस्तेमाल काफी देखने को मिलता है , जैसे खाद्य संचार, वस्त्रों की पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स में ,औषधि पैकेजिंग में, गिफ्ट पैकेजिंग में, कूलर – पंखे ,बच्चो के खेल खिलौने आदि के इस्तेमाल में लाया जा रहा है।

प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली हानियां

एक सर्वे के मुताबिक यह देखा गया कि भारत में हर दिन 17000 टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है । जिसमें से 10000 टन प्लास्टिक को उपयोग में लाया जाता है तथा बाकी जो भी प्लास्टिक बैग्स प्लेट्स बॉटल्स आदि ऐसी कई चीजे जिनका इस्तेमाल होने के बाद फेंक दिया जाता है।

यह कचरा हमारे वायुमंडल मृदा जल आदि को बुरी तरह से प्रभावित करता है जिससे समुद्रीय जीव जंतु, मछलियां और अन्य छोटे-छोटे कीटाणु इसको खाने के बाद मर तक जाते है। उपयोग के लिए एक जहरीले वरदान की तरह काम करता है जो कभी नष्ट नहीं होता बल्कि,पूरे वायुमंडल को प्रदूषित करता ही जाता है।

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के उपाय

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने तथा रोकने के लिए हम सभी को मिलकर स्वच्छ भारत अभियान के साथ जुड़ना चाहिए तथा कम से कम प्लास्टिक का प्रयोग करने के लिए दूसरों को भी समझना चाहिए।

  • प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को उपयोग में लाने का बहिष्कार करना चाहिए।
  • बाजार से सामान लाने के लिए प्लास्टिक बैग की बजाय कपड़े से बने थैली को उपयोग में लाना चाहिए
  • रसोई घर में समान रखने के लिए प्लास्टिक के डिब्बों के बजाय स्टील के डिब्बों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • प्लास्टिक से बनी ऐसी वस्तुओं का उपयोग बिलकुल न करें जिसका उपयोग सिर्फ एक बार करने के बाद उसे फेंकना पड़े ।
  • स्कूल, कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में समझना चाहिए।
  • सरकार को प्लास्टिक में पूर्ण रूप से रोक लगानी चाहिए ।

यह प्रकृति ,भगवान का बनाया हुआ सबसे अनोखा उपहार है।समाज के प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य बनता है कि वह प्रकृति की इस सुंदरता को बरकरार रखें। प्लास्टिक की उपयोगिता बढ़ने से प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पूरा वातावरण दूषित होता जा रहा है ।प्लास्टिक प्रदूषण अपने साथ कई और प्रदूषण फैलता है ,जो पूरे वायुमंडल में फैलता है जो मनुष्य और जीव जंतु, जानवरों सभी के लिए हानिकारक है।जिससे मनुष्य में अनेको तरह की गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं इसीलिए इन सब में रोकथाम के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सरकार द्वारा प्लास्टिक पर पूर्णत प्रतिबंध लगाना अनिवार्य होना चाहिए ।

प्रश्न 1- प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली बीमारियां कौन-कौन सी हैं?

उत्तर – प्लास्टिक प्रदूषण से कैंसर दमा, श्वसन, अस्थमा आदि संबंधी और कई बीमारियां हो सकती हैं।

प्रश्न 2- प्लास्टिक उत्पादन की सबसे बड़ी समस्या क्या है?

उत्तर – प्लास्टिक उत्पादन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह कम लागत में तैयार हो जाता है ,जबकि कांच और प्लास्टिक की बोतलें काफी महंगी पड़ती है।

प्रश्न 3- प्लास्टिक में कौन सा खतरनाक प्रदूषक होता है?

उत्तर – प्लास्टिक मैं कैडमियम पर आदि जैसे रसायन का मिश्रण होता है जो मानव जीवन में अनेकों बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।

प्रश्न 4- प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली समस्याएं है कौन कौन सी है ?

उत्तर – प्लास्टिक प्रदूषण से नदियों और महासागरों का जल प्रदूषण होता है जो की मानव और सभी जीव जंतु,जानवरों आदि के लिए हानिकारक है।

प्रश्न 5- प्लास्टिक प्रदूषण किस देश में है?

उत्तर – अमेरिका दुनिया का सबसे ज्यादा प्लास्टिक प्रदूषित देश है ।

इन्हे भी पढ़े

  • शिक्षा के क्षेत्र मे कंप्यूटर का महत्व
  • नवरात्रि पर निबंध
  • G -20 शिखर सम्मेलन पर निबंध

Neha

नमस्‍कार दोस्‍तों! Hindigrammar.in.net ब्‍लॉग पर आपका हार्दिक स्‍वागत हैं। मेरा नाम नेहा हैं और मुझे हिंदी में लेख लिखना और पढ़ना बहुत पसंद हैं और मैं इस वेबसाइट के माध्‍यम से हिंदी में निबंध लेखन से संबंधित जानकारी शेयर करती हूँ।

Share this:

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

IMAGES

  1. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध । Essay on Plastic Pollution in Hindi

    plastic pollution essay 700 words in hindi

  2. Essay In Hindi Plastic Pollution

    plastic pollution essay 700 words in hindi

  3. विभिन्न विषयों से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

    plastic pollution essay 700 words in hindi

  4. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    plastic pollution essay 700 words in hindi

  5. Plastic Pollution Essay in Hindi

    plastic pollution essay 700 words in hindi

  6. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi Language)

    plastic pollution essay 700 words in hindi

VIDEO

  1. Pollution essay in english।। essay on pollution in english।

  2. Plastic pollution essay in odiya l Plastic pradusana o yehar nirakarn odiya racana l Plastic

  3. Plastic pollution essay in odia

  4. Plastic Pollution Essay

  5. Essay on Beat Plastic Pollution || Paragraph on Beat Plastic Pollution

  6. प्रदूषण एक समस्या अनेक पर हिंदी में निबंध

COMMENTS

  1. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay in Hindi)

    प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / August 11, 2018. प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा ...

  2. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    Beat Plastic Pollution Essay 700 words in Hindi प्लास्टिक के प्रभाव प्लास्टिक प्रदूषण के प्रमुख कारण प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभाव प्लास्टिक प्रदूषण को हराने के उपाय प्लास्टिक के फायदे और नुकसान

  3. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution Hindi

    What is Plastic Pollution in Hindi? जब प्लास्टिक (synthetic plastic) पृथ्वी में जगह-जगह जमा होने लगता है और जमा होने के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव और जिव-जंतुओं पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगता है तो इसे प्लास्टिक प्रदुषण कहा जाता है।

  4. Essay on Plastic Pollution in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    Essay on Plastic Pollution in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध विशाखा सिंह Updated on जून 30, 2023 1 minute read

  5. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण

    Essay on Plastic Pollution in Hindi प्लास्टिक क्यों उपयोग में लिया जाता है - Why Plastic is Used प्लास्टिक के दुष्प्रभाव - Harmful effect of plastic in hindi प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को रोकने के उपाय - How to Stop Plastic Pollution Essay on Plastic Pollution in Hindi

  6. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध: Long And Short Essay On Plastic Pollution

    1.5 प्लास्टिक प्रदूषण पर लंबे निबंध - निबंध 5 (700, 800 1000-शब्द)-Plastic Pollution Essay in Hindi 700, 800, 1000 words हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध-Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi

  7. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध. 02/04/2022 Rahul Singh Tanwar. Essay On Plastic Pollution In Hindi: नमस्कार दोस्तों, यहां पर हमने प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में लिखे हैं ...

  8. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi)

    आज हम प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay On Plastic Pollution In Hindi) लिखेंगे। प्लास्टिक प्रदूषण पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

  9. [निबंध] प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग से प्रदूषित हो रहा पर्यावरण

    इस essay को Hindi medium के स्टूडेंट ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे कि हम सरकार के Beat Plastic Pollution की मुहिम में कम से कम अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकें.

  10. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध- Essay on Plastic Pollution in Hindi Language

    प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध- Essay on Plastic Pollution in Hindi Language. भूमिका-किसी भी चीज के दुषित होने को प्रदुषण कहा जाता है और प्लास्टिक की वजह से होने वाले प्रदुषण को ...

  11. Essay on Plastic Pollution in Hindi

    Here you will get Paragraph and Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध मिलेगा। Plastic Pollution Essay in Hindi Essay on Plastic Pollution in Hindi - प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

  12. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution in Hindi Language

    Essay on Plastic Pollution in Hindi Language. Essay on Plastic Pollution in Hindi Language 400 Words. प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण में भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरे के इकठठे हो जाने से उत्पन्न होता है। प्लास्टिक ...

  13. Plastic Pollution Essay in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    Essay on Plastic Pollution Essay in Hindi (500 Words) प्रस्तावना

  14. Plastic Pollution Essay in Hindi

    Plastic Pollution Essay in Hindi - प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध 4 years ago

  15. Plastic Pollution Essay in Hindi

    Plastic pollution essay in hindi: दोस्तों आज के समय में हम चारों तरफ से प्रदूषण से घिरे हुए हैं। हम ना सिर्फ बाहर में दिखने वाले प्रदूषण से घिरे हुए हैं। बल्कि हमारे घर के अंदर भी प्रदूषण मौजूद होते हैं। वैसे प्रदूषण के कारण तो अनेक हैं, पर इनमें से एक प्लास्टिक प्रदूषण है। प्लास्टिक आज के समय हमारी लिए बहुत ही नुकसान दे है। और बहुत ही खतरनाक प्...

  16. Plastic Pollution In Hindi Essay

    Plastic Pollution In Hindi Essay,प्लास्टिक प्रदूषण ,150 Words,100 Words,200 words,250 Words,500 words,1000 Words,

  17. प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)

    इन्हे भी पढ़े :-. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi) स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swacch Bharat Abhiyan Essay In Hindi) प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध (Plastic Ban ...

  18. Plastic Pollution Essay for Students and Children

    A.1 Plastic Pollution is on the rise because nowadays people are using plastic endlessly. It is very economical and easily available. Moreover, plastic does not dissolve in the land or water, it stays for more than hundred years contributing to uprise of plastic pollution.

  19. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध, Plastic Pollution Essay in Hindi

    Plastic pollution essay in Hindi, प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी: नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए लेके आये है प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी लेख। यह प्लास्टिक प्रदूषण ...

  20. प्रदूषण पर निबंध 100, 150, 250 & 300 शब्दों में (10 lines Essay on

    प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi) - यह एक बड़ी पर्यावरणीय समस्या है। जब पर्यावरण दूषित होता है तो प्रदूषण उत्पन्न होता है। पर्यावरण में तीन प्रमुख प्रकार के प्रदूषण हैं। मृदा प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण आदि। प्रदूषण के कुछ प्रमुख कारण हैं, जैसे ईंधन वाहनों का अत्यधिक उपयोग, कृषि में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग।

  21. Essay on Plastic Pollution in Hindi

    Essay on Plastic Pollution in Hindi. देखा जाए तो विदेशों की तुलना में हमारे भारत देश में प्रदूषण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ते जा रहा है। लोग शहरीकरण को अपनाने ...

  22. Plastic pollution Essay in English

    Essay on Plastic Pollution 200 words: Plastic pollution is caused by the accumulation of waste plastic materials within the atmosphere. Plastic is a non-biodegradable material, it does bury into soil or water and its impact is worse when burned. It is harmful to people, animals as well as crops. Every year many animals, birds and sea creatures ...

  23. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    Essay on Plastic Pollution in Hindi : वर्तमान में प्लास्टिक प्रदूषण हमारे आसपास के वातावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है।प्लास्टिक का उपयोग वर्तमान में