Essay on My School in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध 150, 300 और 600 शब्दों में

Essay on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi : हमारी जिंदगी में विद्यालय और शिक्षा काफी महत्व रखती है। बिना विद्यालय और शिक्षा के हम एक अच्छे जीवन की कल्पना नही कर सकते है। इसलिए हमें विद्यालय के महत्व को जानना बहुत ज़रूरी है।

स्कूलों में अक्सर मेरा विद्यालय पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। अगर आपको भी Mera  School Par Nibandh लिखने के लिए कहा गया है, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े। मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 और 8 सभी के लिए उपयोगी हैं। मैने यहां पर My School Essay in Hindi में 150, 300 और 600 शब्दों में लिखा है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

स्कूल विद्या का मंदिर होता है, जहां पर हमें विद्या (शिक्षा) मिलती है। विद्यालय में हम शिक्षा के महत्व को समझते है, और शिक्षा की मदद से हम अपनी जिंदगी को एक सही दिशा देते है।

अगर मैं अपने स्कूल की बात करूँ तो मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, जो राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। मेरा स्कूल शहर से थोड़ी दूर शांत जगह पर है, जहां हम बस की मदद से जाते है। मेरे स्कूल में लगभग 1000 छात्र पढ़ते हैं, और सभी छात्र अनुशासन में रहते है।

मेरे विद्यालय का भवन काफी सुंदर है, जहां पर सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर एक बड़ा खेल का मैदान, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाल और एक कंप्यूटर लैब है। इसके अलावा एक बहुत बड़ा हॉल भी हैं, जहां हम सभी मिलकर सुबह-सुबह प्रार्थना करते है।

मेरे विद्यालय में अनेक तरह के खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। मेरे स्कूल के सभी अध्यापक और अध्यापिकाएँ बहुत अच्छी हैं, जो हमें प्यार से पढ़ाते हैं। मुझे यहां पर बहुत कुछ सिखने को मिल रहा है, और मैं अपने स्कूल को बहुत प्यार करता हूँ।

मेरा विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में (My School Essay in Hindi)

प्रस्तावना.

विद्यालय हमारी जिंदगी का काफी अहम हिस्सा है। जब बड़े हो जाते है, तब भी स्कूली घटनाएं हमारी जिंदगी की सबसे यादगार घटनाओं में से एक होती है। क्योंकि स्कूल के साथ हमारे बच्चपन की यादे जुड़ी होती है। विद्यालय हमें जिंदगी में आगे बढ़ना सिखाता है।

विद्यालय की परीभाषा

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां पर शिक्षा ग्रहण की जाती है। यहां पर बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। यह एक मंदिर है जहां सभी प्रकार के बच्चे एक ही तरह की ड्रेस पहनकर पढ़ाई करते है।

विद्यालय में बिना भेदभाव के अध्यापक बच्चों को शिक्षा देते है। यहां पर बच्चों को शिक्षा, ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है, और अंतत बच्चे का व्यक्तित्व निर्माण होता है।

मेरे विद्यालय का भवन

मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, और यह राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थिति है। मेरा विद्यालय भवन तीन मंजिला है, जहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। मेरे स्कूल में कक्षा 10वीं तक पढ़ाई करवाई जाती हैं। मेरे स्कूल में एक बड़ा हॉल और एक बड़ा खेलकूद का मैदान भी है।

मेरे विद्यालय में बड़ी-बड़ी कक्षाएं, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाला, और कंप्यूटर लैब भी है। मेरे विद्यालय में प्रेवश करते ही सामने प्रधानाचार्य का ऑफिस है। इसके अलावा विद्यालय के चारों तरफ पेड़-पौधे भी हैं।

मेरा विद्यालय की अध्यापक-अध्यापिकाएँ

मेरे स्कूल में कुल आठ अध्यापक और अध्यापिकाएँ हैं, जो काफी अच्छे से पढ़ाती है। मेरी स्कूल के सभी टीचर्स अनुभवी और विद्वान है। मेरे विद्यालय में सभी तरह के विषय पढ़ाए जाते हैं, जैसे- हिंदी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान आदि। और सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक मौजुद है।

मेरी स्कूल एक पीटी टिचर और एक योगा टीचर भी है, जो हमारी शेहत का ख्याल रखते है। हमारी स्कूल में समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिसमें सभी अध्यापक अपना योगदान देते है।

विद्यालय में अनुशासन

मेरे विद्यालय में काफी अनुशासन है, और इसके लिए विद्याल में कुछ कठोर नियम भी बनाए गए हैं। सभी विद्यार्थी नियमों की पालना करते है, और स्कूल में अनुशासन बनाए रखते है। विद्यालय में अनुशासन बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना अनुशासन के पढ़ाई नही की जा सकती है।

उपसंहार

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां मुझे सभी तरह की सुविधाएं मिलती है। मुझे पूरा यकिन है कि मैं यहां पर पढ़कर एक अच्छा इंसान बनूंगा, और अपने पूरे परिवार व स्कूल का नाम रोशन करूंगा। मैं अपने सभी अध्यापकों का धन्यवाद करता हूँ, जो मुझे इतना अच्छे से और प्यार से पढ़ा रहे है।

Essay on My School in Hindi से हम विद्यालय के महत्व को समझ सकते है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 600 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

उपसंहार (विद्यालय का परिचय).

 स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां पर हम धीरे-धीरे बड़े होते है, और हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। मेरा अधिकतर समय स्कूल में बितता है, जहां मैं अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई भी करता हूँ और मस्ती भी करता हूँ। मेरी स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिरा उच्च माध्यमिक विद्यालय ”  है, जहां 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है।

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां पर सभी अध्यापक अच्छे और अनुभवी है, और सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर पढ़ाई करने योग्य अनुकूल माहौल है। मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। सच में, मेरा विद्यालय काफी अच्छा है, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूँ।

विद्यालय क्या है, इसके प्रकार

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ होता है- विद्या और आलय। इसका मतलब है कि एक ऐसा स्थान जहां पर विद्या मिलती हो। प्राचीन समय में पहले गुरुकुल हुआ करते थे, जहां पर गुरू शिष्यों को अनेक तरह की शिक्षाएं देते थे। हालांकि अब गुरुकुल को विद्यालय और स्कूल बोला जाता है। और इसके साथ ही प्राचीन काल की तुलना में शिक्षा का ढंग भी बदल गया है। विद्यालय मंदिर का रूप होता है, जहां व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

हम बचप्पन से बड़े होने तक अलग-अलग विद्यालयों में पढ़े हैं, जैसे- आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय और फिर उच्च माध्यमिक विद्यालय। इसके बाद महाविद्यालय (कॉलेज) में जाकर पढ़ाई करते है।

इसके अलावा भी विद्यालय के अन्य प्रकार होते हैं, जैसे- सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय, आवासीय विद्यालय, धार्मिक विद्यालय, कौशल निर्माण विद्यालय और सैनिक विद्यालय।

मेरे विद्यालय की विशेषताएं

मेरा विद्यालय काफी अच्छा हैं, जहां सभी सुविधाएं दी गयी है। यहां पर कोई भी बच्चा आसानी से पढ़ सकता है। मेरे स्कूल की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  • मेरा विद्यालय शहर से थोड़ा दूर शांत जगह पर है, और चारों तरफ खुला वातावरण है।
  • मेरे स्कूल में सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं।
  • मेरा स्कूल तीन मंजिला है, और स्कूल के बाहर एक गार्डन भी है।
  • स्कूल में एक प्रार्थन हॉल, एक पुस्तकालय, एक कंप्यूटर लैब, और एक विज्ञान प्रयोगशाला है।
  • विद्यालय में शीतल जल और शुद्ध पानी की व्यवस्था है।
  • विद्यालय में अनेक खेलकूद और सांस्कृतिक प्रोग्राम होते हैं।
  • मेरे स्कूल में पढ़ने के लिए काफी अच्छा वातावरण है।
  • मेरे विद्यालय में काफी अच्छा अनुशासन है।
  • मेरे स्कूल में कक्षा 12 तक पढ़ाई करवाई जाती हैं।

मेरे विद्यालय में विद्यार्थियों का अनुशासन

मेरे विद्यालय में सबसे ज्यादा अनुशासन पर ध्यान दिया जाता है। क्योंकि जब तक अनुशासन नही होगा, तब तक पढ़ाई संभव नही है। अनुशासन की वजह से ही सभी कक्षाएं समय पर लगती है, और बच्चे भी समय पर स्कूल आते है। व्यक्ति के जीवन में अनुसाशन होना बहुत जरूरी है, और यह अनुसाशन स्कूल की मदद से ही आता है।

हमारी स्कूल में अच्छा अनुसाशन होने की वजह से हम समय पर पढ़ते है और समय पर खेलते भी हैं। जिंदगी में अनुशासन का होना बेहद ज़रूरी है।

मेरे विद्यालय की शिक्षण प्रणाली

एक अच्छे विद्यालय में अच्छी शिक्षण प्रणाली होना बहुत ज़रूरी है, और मेरे विद्यालय में है। मेरे स्कूल में एक दिन में दो पारीयां चलती हैं, जिसमें सुबह के समय प्राथमिक कक्षा से 6वीं कक्षा के विद्यार्थी आते है। और फिर 12 बजे के बाद 7वीं कक्षा से 12 कक्षा के विद्यार्थी आते है।

मेरे स्कूल में रेगुलर क्लासेस चलती है, और बीच में रेस्ट भी मिलती है। पढ़ाई के बाद बच्चों को खेलने का समय भी दिया जाता है। इसके अलावा जो भी बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते है, उन्हे विशेष क्लासेस भी दी जाती है।

सभी कक्षाओं में समय-समय पर टेस्ट भी होते हैं, ताकि बच्चों की स्थिति का पता चल सके।

प्रतियोगिताओं का आयोजन

मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह की प्रतियोगिताएं भी होती है जैसे- चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएँ आदि, ताकि हम पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल भी सीख सके। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिससे हमें काफी कुछ नया सिखने को मिलता है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय एक विद्या का मंदिर है, जिसके प्रति हर विद्यार्थी के कुछ कर्तव्य होते हैं। हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि हम अपने स्कूल में अनुसाशन को बनाए रखे। और अच्छा रिजल्ट प्राप्त करके स्कूल का नाम रोशन करें। हमे अपने शिक्षकों को सम्मान देना चाहिए, और उन्हे अपनी लाइफ में हमेशा याद रखना चाहिए।

विद्यालय एक बच्चे के जीवन में काफी अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि विद्यालय से बच्चे को शिक्षा, ज्ञान और कौशल मिलता है,और एक अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण होता है। यहां पर मुझे पढ़ाई के साथ-साथ और भी कई तरह के अनुभव भी मिल रहे है। मैं अपनी स्कूल को बहुत प्यार करता हूं, और मैं हमेशा अपने विद्यालय पर गर्व महसूस करूंगा।

मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Mera  School Par Nibandh)

  • मेरी स्कूल का नाम “महावीर विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय” है जो शहर कुछ दूर स्थित है।
  • मेरा विद्यालय एक शांत जगह पर है, जहां पढ़ाई का माहौल काफी अच्छा है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत सारे कमरे, प्रार्थना स्थ, खेलकूद का मैदान, पुस्तकालय और लैब उपलब्ध हैं।
  • मेरे स्कूल में रोज़ाना सुबह 30 मिनट तक प्रार्थना होती है, और फिर भोजन से पूर्व भी छोटी-सी प्रार्थना होती है।
  • मेरे विद्यालय में प्रत्येक विषय को पढ़ाने के लिए अनुभवी और योग्य शिक्षक मौजुद हैं।
  • स्कूल में बच्चों के प्रति प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकों का काफी अच्छा व्यवहार है।
  • मेरे स्कूल में अनुशासन पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
  • स्कूल के बाहर गार्डन में सभी बच्चे रोज़ाना खेलते है।
  • मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह के सांस्कृतिक प्रोग्राम और प्रतियोगिताएं होती हैं।
  • मैं अपने स्कूल से काफी प्यार करता हूँ, और मैं अपने स्कूल के लिए गर्व महसूस करता हूं।

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Hindi Yatra

Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

दोस्तो आज हमने Mera Vidyalaya Essay in Hindi लिखा है मेरा विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है. शिक्षा प्राप्त करके हम किसी भी असंभव कार्य को कर सकते हैं इसलिए हमें विद्यालय जरूर जाना चाहिए.

(1) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Class 2,3

मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं. मेरा विद्यालय नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक है . मेरा विद्यालय दो मंजिला इमारत में बना हुआ है जिसमें तीस हवादार कक्ष है. मेरे विद्यालय के चारों ओर सफेद रंग किया गया है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर और मन को शांति पहुंचाता है.

Mera Vidyalaya Essay in Hindi

Get Some Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Student – 150, 250, 500 or 1100 words.

विद्यालय में बीस अध्यापक-अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि हमें अलग-अलग विषय पढ़ाते है. विद्यालय के पीछे एक ग्राउंड है जिसमें पेड़ पौधे लगे हुए हैं और हम वहीं पर सुबह प्रार्थना करते हैं और आधी छुट्टी होने पर वही पर हम खेलते है. हमारे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत रहता है.

मेरे विद्यालय में कोई सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगिताएं होती है. मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं वह हमें रोज शिक्षाप्रद कहानी सुनाते हैं मुझे मेरा विद्यालय बहुत पसंद है.

(2) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for class 4,5,6,7,8

मेरे विद्यालय का नाम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय है यह हमारे शहर के सबसे अच्छे विद्यालय में से एक है. हमारे विद्यालय में लगभग 800 विद्यार्थी पढ़ते है, मेरा विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक है. विद्यालय में 40 अध्यापक अध्यापिकाओं का स्टाफ है और 4 चपरासी हैं और एक दरबान है.

विद्यालय शहर के शोर शराबे से दूर एक शांति स्थल पर स्थित है जिसके कारण हमें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती है. विद्यालय के चारों ओर बहुत हरियाली है जिससे वहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है. विद्यालय में 50 कमरे है. मेरे विद्यालय में एक कंप्यूटर लैब है

जिसमें हम कंप्यूटर की जानकारी लेते हैं और एक लाइब्रेरी भी है जहां पर हम अखबार पढ़ते हैं और अच्छे कवियों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ते हैं यहां पर करीब 1000 किताबों का संग्रह है.

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विद्यालय में प्रधानाचार्य जी के बैठने के लिए एक अलग कार्यालय बनाया गया है जो कि बहुत ही सुंदर है वहां पर अच्छी सजावट की गई है. विद्यालय में जगह-जगह पर कूड़ादान लगाए गए हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

विद्यालय मैं एक बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम रोज खेलते हैं विद्यालय में हमें हर सप्ताह कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन , हॉकी, क्रिकेट आदि खेलना सिखाया जाता है.

विद्यालय में NCC और स्काउट भी है. विद्यालय में कुछ दिनों पहले ही वार्षिक उत्सव मनाया गया था जिसमें हमने खूब बढ़ चढ़कर भाग लिया था इसमें हमें पुरस्कार भी मिला था.

मेरे विद्यालय के सभी लोग बहुत अच्छे हैं यहां पर पढ़ाई भी बहुत अच्छी होती है इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है.

(3) Mera Vidyalaya Essay in Hindi 500 words

विद्यालय का नाम प्रेरणा पब्लिक स्कूल है इस विद्यालय से हर बार 10वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थी मैरिट में आते है इसलिए आज से यह विद्यालय पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत ही अच्छा है साथ ही यहां के छात्र-छात्राएं खेलकूद में भी अव्वल रहते है.

यहां पर आने वाले हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा दी जाती है. विद्यालय में प्रवेश करते हैं मां सरस्वती का मंदिर है जो कि संगीत और विद्या की देवी है हम सबसे पहले उनके दर्शन करते हैं फिर उनसे प्रार्थना करते है. मेरे विद्यालय का गर्मियों में टाइम 7:00 बजे से 1:00 बजे तक का होता है और सर्दियों में 10:00 बजे से 4:00 बजे तक का होता है.

विद्यालय में कक्षा प्रारंभ होने से पहले मैदान में प्रार्थना करवाई जाती है और प्रत्येक दिन हमारे प्रधानाचार्य हमें कुछ नई बातें बताते हैं जो कि हमारे बहुत काम आती है यहीं पर हमें विद्यालय में होने वाले कार्यक्रमों की सूचना भी दी जाती है.

Mera Vidyalaya में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ते है. विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए दो कमरे बनवाए गए हैं ताकि बच्चों की संख्या अधिक होने पर दूसरा सेक्शन बनाया जा सके. विद्यालय का भवन बहुत ही सुंदर, खुला और हवादार है. विद्यालय के आगे दो बगीचे हैं जिनमें तरह-तरह के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जो कि देखने में भी सुंदर लगते हैं और साथ ही विद्यालय के वातावरण को भी सुगंधित बना देते है. विद्यालय में एक कैंटीन भी है जहां पर हम दोपहर में खाना खा सकते है.

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विद्यालय में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को और गरीब छात्र-छात्राओं को हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है. मेरे विद्यालय की ड्रेस सफेद शर्ट, नीली पेंट, कमर में पहनने के लिए बेल्ट है और एक नीले रंग की टाई है जो कि मुझे बहुत पसंद है.

विद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी लगे हुए हैं जिस पर हम आराम से बैठकर पढ़ाई कर सकते है. मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय और एक कंप्यूटर लैब भी है. विद्यालय के मैदान में घात लगाई हुई है जिसके कारण रेत नहीं उड़ती है और विद्यालय साफ सुथरा रहता है.

विद्यालय के चारों ओर ऊंची चारदीवारी है जिससे कोई अन्य व्यक्ति विद्यालय में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरे विद्यालय में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी होती हैं जिनमें हम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. हमें योगा भी सिखाया जाता है जिससे हमारा स्वास्थ्य एकदम सही रहता है और हम हर रोज विद्यालय जा पाते है.

मेरे विद्यालय में अनेक प्रकार की खेल खेलने भी शिकायत जाते हैं जिनमें खो-खो , कबड्डी, क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल आदि सिखाए जाते है और हर साल हमारे विद्यालय के विद्यार्थी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं पिछले साल क्रिकेट में हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला था.

Mera Vidyalaya के प्रधानाचार्य बहुत अच्छे हैं उन्होंने जब से अपना कार्यभार संभाला है तब से विद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है. मेरे विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी कराया जाता है इससे हमारा सर्वागीण विकास होता है इसलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अधिक पसंद है.

(4) My School Essay in Hindi 1100 Words

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर दूर पड़ता है इसलिए हमारे विद्यालय से रोज एक पीले रंग की स्कूल बस समय लेने आती है मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती है.

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है जहां पर किसी प्रकार का शोर शराबा नहीं होता और यह अच्छा भी है क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है. मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है इसके चारों ओर ऊंची दीवारें है.

मेरे विद्यालय में चार मंजिला इमारत है जिसमें 80 हवादार कमरे है. इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिसे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है. मेरा विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक का है मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूं मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है. विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं दिल से हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकिया है.

मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालय की व्यवस्था है. विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएं एवं कहानियों की किताबें पढ़ते है. आजकल कंप्यूटर का युग है इसलिए हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों की एक बड़ी लाइव है जिसमें हर दिन हमारा एक पीरियड कंप्यूटर से संबंधित आता है जिसमें हमें कंप्यूटर सिखाया जाता है.

मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम में जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है. यहां पर एक अन्य बड़ा कमरा भी है जहां पर विद्यालय का ऑफिशियल वर्क देखा जाता है वहां से किसी भी प्रकार की विद्यालय के बारे में जानकारी ली जा सकती है.

मेरे विद्यालय में प्रवेश करते ही मां सरस्वती का मंदिर है जिसमें हम रोज जाकर प्रार्थना करते है और मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते है.

मेरे विद्यालय में बैठने के लिए प्रत्येक कक्षा में टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्यक्षा में चार पंखे लगे हुए है. हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है जिसमें हम क्लास का कूड़ा डालते हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहां पर हमारे अध्यापक अध्यापिकाएं आकर हमें किसी भी विषय के बारे में चांक से लिखकर समझाते है विषय में प्रत्येक विषय समझने में बहुत आसानी होती है. ह मारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक – अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं वह अपने विषय में विद्वान है. जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है.

Mera Vidyalaya में प्रत्येक सप्ताह योगा की क्लास भी लगती है जिसमें में योगा करना सिखाया जाता है और हमारे स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है यह बताया जाता है. योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है उन्होंने जब से विद्यालय में कार्यभार संभाला है शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है.

मेरे विद्यालय में आठ चपरासी हैं और एक दरबान है. चपरासी विद्यालय के छोटे-मोटे काम देखते है जैसे अध्यापक-अध्यापिकाओं को चाय पानी देना, स्कूल की साफ सफाई करना आदि है. दरबान स्कूल में आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए दरवाजा खोलते हैं और ध्यान रखते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति स्कूल में प्रवेश ना करें.

वे हमें रोज स्कूल बस से उतारते हैं हमने उनका नाम रामू काका रख रखा है वह हमें कभी-कभी टोफियाँ भी बांटते है वे हमसे बहुत प्यार करते है.

मेरे विद्यालय के आगे छोटे-छोटे चार बगीचे हैं जिनमें छोटी छोटी घास लगी हुई है और अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जिनसे मनमोहक खुशबू आती है और यह देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं यह बगीचे विद्यालय की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं.

मेरे विद्यालय के पीछे की और एक बहुत बड़ा ग्राउंड है जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेलते हैं यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है. विद्यालय के ग्राउंड के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और विद्यालय के ग्राउंड पर छोटी-छोटी घास लगी हुई है इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है.

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह है कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है जैसे चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएं आदि की प्रतियोगिता होती रहती है जिसमें हम बढ़-चढ़कर भाग लेते है. हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएं रखी जाती है जिसमें से एक प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया था.

वह प्रतियोगिता सुंदर डिजाइन तैयार करने पर थी मैंने उस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था उस दिन मुझे स्टेज पर बुलाकर सभी विद्यार्थियों के सामने गोल्ड मेडल दिया गया था यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी और मेरे विद्यालय के लिए भी.

मेरे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिता हमारे विद्यालय में ही होती है इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी विचार लेते हैं जो कि हर बार पुरस्कार भी प्राप्त करते है मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएं होती है.

Mera Vidyalaya में हर साल 15 अगस्त , 26 जनवरी, वार्षिक उत्सव और अन्य जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिनमें हम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं इसके बाद हमारे विद्यालय की प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते है इसके बाद हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गानों पर तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.

विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं इसके साथ ही स्कूल में प्रथम आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है. मैं हर बार वार्षिक उत्सव में गीत गायन में हिस्सा लेता हूं जिसमें हम सबसे पहले मां सरस्वती की वंदना करते हैं इसके पश्चात अन्य कार्यक्रम होते है.

मेरे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है. यहां के शिक्षक गण भी बहुत ही विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व के है.

मेरा विद्यालय सभी विद्यालयों में श्रेष्ठ हैं और मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक अच्छे विद्यालय में पढ़ता हूं. यहां पर हमें अच्छी शिक्षा मिलती है और अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए एक अच्छा स्कूल बहुत जरूरी है.

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38 thoughts on “Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध”

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Thank you Himanshi for appreciation

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Thank you Ishaan banerjee

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Welcome Roopesh Patel, thank you for appreciation.

Thanks for the essay aaj tumhare liye bach gya bhai teacher ne school se essay likne ko kaha thaa THANK U SOO MUCH🙂

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thanxxx fir give me essay

Welcome Ayush Raj and keep visiting hindiyatra.

Nice essay wonderful😀well done

Thank you MD.Aehtisham for appreciation.

I want 4th and 5th class level paragraph

Arshnoor Kaur, we have already provided paragraph for 4th and 5th class, please check again Thank you.

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Thank you Stuti

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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

मेरा विद्यालय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein)

मेरा विद्यालय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मेरे विद्यालय में पठन पाठन उच्च स्तर का है। मेरे विद्यालय में शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए, विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है। मेरा विद्यालय सारी सुविधाओं से लैस है।

मेरे विद्यालय का स्थान

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती है। मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है।

पठन पाठन का तरीका

हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मेरे विद्यालय में प्रायोगिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। हमारे शिक्षक हमारे भीतर कौशल के विकास पर भी ध्यान देते है।

हमारा और सरकार का यह दायित्व है की हमारा विद्यालय आदर्श विद्यालय बने। हमारे विद्यालय से आदर्श विद्यार्थी निकलने चाहिए, जो राष्ट्र को नई दिशा दे सके।  

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्यालय की भूमिका

मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है। हमारा विद्यालय हमारे भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपयोगिता कोई नज़रअंदाज नहीं कर सकता। विद्यालय ही है, जो हमें सामान्य से विशेष बनाता है। हमारी छिपी प्रतिभा को खोज निकालता है। हमारा स्वयं से साक्षात्कार कराता है।

विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय की परिकल्पना

विद्यालय की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी।

विद्यालय की भूमिका

जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय सरकारी और निजी दोनों प्रकार होते है। आजकल ऐसी लोगों की धारणा हो गयी है कि केवल निजी विद्यालयों में ही पढ़ाई होती है। यह धारण गलत है। इसी बात का लाभ ढ़ेरो  विद्यालय वाले उठाते है। हर माता-पिता अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते है। किंतु सबकी हैसियत इतनी नहीं होती कि वो इन विद्यालयों की मोटी शुल्क राशि को भर सकें।

आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है। सभी केवल अपनी जेब भरने में लगे है। बच्चों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। विद्यालय ही तो वो जरिया होता है, जहां से देश के भविष्य का सृजन होता है। सरकार ने इस संबंध में कई नियम बनाये हैं। किन्तु पालन तो आम जनता को ही करना है।

निबंध 3 (500 शब्द) – विद्यालय की विशेषताएं व प्रकार

मेरे विद्यालय का नाम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय का परिसर काफी बड़ा है। मेरे विद्यालय में दो-दो मंजिल की चार इमारतें है। इसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए है। इसमें बड़े-बड़े पचास से भी ज्यादा कमरे है। हर कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां और दो-दो दरवाजे है। बड़े-बड़े तीन खेल के मैदान है। साथ में लगा हुआ बास्केट-बॉल कोर्ट भी है।

हमारे विद्यालय में पचास से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। सभी बहुत ही सहृदयी और मिलनसार है। बच्चों की हर संभव सहायता करते है।

विद्यालय की विशेषताएं

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार 2009 (RTE 2009) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालय की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में प्रोन्नति हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। जो बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। RTE 2009 ने विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका बतायी है। विद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखे।

मानक के अनुसार कुछ विशेषताएं अधोलिखित हैं-

  • शांत वातावरण होना चाहिए।
  • ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • नियमित गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय होना चाहिए।
  • अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर बल देना चाहिए ।
  • विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए
  • अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए।
  • सी० बी० एस० ई० के निर्देशानुसार सत्र 2009 – 2010 से ही कक्षा 9 व् 10 में भी अंको के स्थान पर ग्रेडिंग व्यवस्था लागू कर दिया गया है, जिसका पालन होना चाहिए।
  • शीतल पेय-जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए ।
  • शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए।
  • विद्यालय की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए ।

विद्यालय के प्रकार

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे

  • आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी में सामान्यतः छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय – प्राथमिक पाठशाला में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • माध्यमिक विद्यालय – इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। कभी-कभी यह कक्षा छः से आठ तक भी होती है।
  • उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – बारहवीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को ही याद करते हैं।

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उत्तर- सन 1715 में, संत जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई में है।

उत्तर- तक्षशिला

उत्तर- सन 1848 में सावित्री बाई फुले ने देश का पहला बालिका विद्यालय खोला था।

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  • Hindi Grammar /

Mera School Essay in Hindi: कुछ ऐसे लिखें परीक्षा में मेरे स्कूल पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 20, 2023

Mera School Essay In Hindi

विद्यार्थियों को अपने स्कूली जीवन में मेरा स्कूल विषय पर निबंध दिया जाता है। क्योंकि अपने स्वयं के स्कूल के बारे में लिखने से छात्रों को अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इससे वे स्कूल के माहौल के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव पर विचार करने के लिए भी प्रोत्साहित होते हैं। इसके साथ ही मेरा स्कूल विषय पर निबंध लेखन से विद्यार्थियों में संचार कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। Mera School Essay in Hindi के बारे मैं जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

मेरा स्कूल पर निबंध 100 शब्दों में, मेरा स्कूल पर निबंध 200 शब्दों में, मेरा स्कूल में पहली पसंद, मेरे स्कूल में मिलने वाली शिक्षा का स्तर, मेरे स्कूल पर 10 लाइन्स.

स्कूल हमें जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छे शिक्षकों के द्वारा अक्सर अच्छे छात्र तैयार किए जाते हैं। मेरे भी उत्कृष्ट शिक्षक हैं और वे एकेडमिक्स के साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी हमारी सहायता करते हैं।  

ये शिक्षक हमारे स्कूल की नींव की तरह हैं, जो हमें मूल्यवान सबक देते हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं। स्कूल में हम न केवल गणित और विज्ञान जैसे विषयों के बारे में सीखते हैं बल्कि अपने दोस्तों के साथ सहयोग करने के बारे में भी सीखते हैं। 

हमारे स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग कक्षाएँ हैं, और पढ़ाई और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों को समान महत्व दिया जाता है। यह हमें न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें : परीक्षा में ऐसे लिखें मेरा देश पर निबंध

Mera School Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

मेरा स्कूल एक जादुई जगह है जहाँ पढ़ना एक रोमांच जैसा लगता है। हर दिन, मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों से मुस्कुराहट के साथ स्कूल में मिलता हूं। मेरे स्कूल की इमारत बहुत ऊँची है, सभी कक्षाएं रंगीन हैं, जहां पढ़ने में और भी अधिक आनंद आता है।

सुबह में, हम असेंबली एरिया में इकट्ठा होते हैं, जहां झंडा गर्व से फहराता है और हम उत्साह के साथ राष्ट्रगान गाते हैं।  कक्षाएँ खज़ाने की पेटी की तरह होती हैं, प्रत्येक में ज्ञान का एक नया टुकड़ा होता है जो खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहा होता है। शिक्षक जादूगरों की तरह हैं, जो संख्याओं, शब्दों और विज्ञान की दुनिया में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

ब्रेक के दौरान मेरे स्कूल का मैदान मौज-मस्ती और खेल की जगह बन जाता है। मित्र कहानियाँ साझा करते हैं और वातावरण हँसी से भर जाता है। कैफेटेरिया एक जादुई रसोईघर है जहां स्वादिष्ट सुगंध हवा में फैलती है और हम प्यार से भरे दोपहर के भोजन का आनंद लेते हैं।

मेरा स्कूल सिर्फ सीखने की जगह नहीं है; यह एक परिवार है। हम त्यौहार मनाते हैं, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और साथ मिलकर नाटक प्रस्तुत करते हैं।  दीवारें हमारी कलाकृति से सजी हैं और बुलेटिन बोर्ड हमारी उपलब्धियों की कहानी बताते हैं।

जैसे ही दिन के अंत में छुट्टी के समय घंटी बजती है, मैं ज्ञान से भरा बैग और यादों से भरा दिल लेकर निकल पड़ता हूँ।  मेरा स्कूल सिर्फ एक इमारत से कहीं अधिक है;  यह एक ऐसी जगह है जहां सपने उड़ान भरते हैं और दोस्ती बनती है।

मेरा स्कूल पर निबंध 500 शब्दों में

Mera School Essay in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो हमें दूसरों से अलग करती है और स्कूल इस आवश्यक यात्रा का शुरुआती बिंदु हैं। वे पहली जगह हैं जहां हम सीखना शुरू करते हैं, अपनी शिक्षा की नींव रखते हैं।  अपने स्कूल के बारे में इस निबंध में, मैं बताऊंगा कि मुझे यह क्यों पसंद है और इसने मुझे क्या महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं।

हम सभी ने स्कूल जाने की खुशी का अनुभव किया है, वहां बिताए हर पल को संजोकर रखा है क्योंकि वे हमारे जीवन की आधारशिला हैं। स्कूल वह जगह हैं जहां हमें शिक्षा की पहली चिंगारी मिलती है, हम न केवल शैक्षणिक विषयों को सीखते हैं बल्कि जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को भी सीखते हैं, कैसे बढ़ें और फलें-फूलें। वे हमारे अंदर ऐसे मूल्य और सिद्धांत स्थापित करते हैं जो बच्चे के विकास का मूल आधार बनते हैं।

मेरा स्कूल मेरे लिए दूसरे घर की तरह है, जहाँ मैं अपना काफी समय बिताता हूँ। यह व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है और मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है। मैं खुद को शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक का हिस्सा होने के लिए भाग्यशाली मानता हूं, जिसमें कई चीज़ें हैं जो मेरे शैक्षिक अनुभव को बढ़ाती हैं। 

किंडरगार्टन से शुरू करके प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय और फिर बारहवीं कक्षा तक की हमारी यात्रा तक, स्कूल एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम न केवल पढ़ते हैं बल्कि बढ़ते हैं, खुद को स्थापित करते हैं, मेलजोल बढ़ाते हैं, दूसरों से दोस्ती करते हैं, मदद की पेशकश करते हैं और प्यार का अनुभव करते हैं। यह एक निरंतर साथी की तरह है जो हमारे शुरुआती वर्षों से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ रहता है। स्कूल में हम सभी खुशी से पढ़ते हैं, सभी दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, खुशी के पल बांटते हैं और साथ मिलकर नए कार्यों और उत्सावों के लिए तैयार रहते हैं।

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा को क्लासिक वास्तुकला के साथ खूबसूरती से जोड़ता है। पुरानी इमारतें न केवल देखने में आश्चर्यजनक हैं; वे नए उपकरणों से सजी हैं। मैं अपने स्कूल को शिक्षा के एक स्तंभ के रूप में देखता हूं, जो मुझे ज्ञान और नैतिक मूल्य दोनों प्रदान करती हैं।

किसी स्कूल की पहचान बनाने में शिक्षण स्टाफ का बहुत महत्व होता है। वे किसी भी शैक्षिक समुदाय की रीढ़ होते हैं, छात्रों को सीखने और समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, अच्छी आदतें और मूल्य पैदा करते हैं।

मेरा स्कूल हमारे शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देता है। यह एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान करता है, यहां प्रत्येक छात्र पर ध्यान दिया जाता है, साथ ही यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।

जो चीज़ मेरे स्कूल को असाधारण बनाती है, वह इसकी मान्यता है कि हर एक जगह खास है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान और बास्केटबॉल कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों के पास उनकी ज़रूरत की हर चीज़ हो।

मेरे लिए, मेरा स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान से बढ़कर है; यह मेरा दूसरा परिवार है। अद्भुत मित्रों, उत्कृष्ट शिक्षकों और स्कूल की यादों से भरपूर परिवार। मुझे अपने स्कूल से प्यार है क्योंकि यहीं मैं एक अच्छा नागरिक बनना और अपने लक्ष्यों को हासिल करना सीखता हूं।  यह एक ऐसी जगह है जहां दोस्ती बिना किसी निर्णय के बनाई जाती है और करीबी दोस्तों के साथ समय बिताना आरामदायक लगता है, चाहे स्थिति कोई भी हो।

यह भी पढ़ें : जानिए परीक्षाओं पूछे जाने वाले वन महोत्सव पर निबंध

मेरे स्कूल ने ऐसे पाठ पढ़ाए हैं जो इतने मूल्यवान हैं कि मैं उन्हें एक वाक्य में प्रस्तुत नहीं कर सकता। यहां की सीख अपूरणीय हैं, और मैं उनके लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं। उदाहरण के लिए दोस्तों के साथ चीज़ें बांटना और अन्य लोगों के प्रति प्रेम भावना। यहीं पर मैंने जानवरों की सहायता करना सीखा और बाद में इसी प्रेम के चलते मैने एक पालतू जानवर भी गोद लिया। 

स्कूल न केवल शैक्षणिक ज्ञान के बारे सिखाते हैं; 

मेरा स्कूल हमें एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए भी प्रेरित करता है। मैने यहां बहुत सारे कौशल सीखे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों चर्चा या घरेलू कार्यों का प्रबंधन करना, मुश्किल की परिस्थिति में धैर्य से काम करना ये सभी वास्तविक दुनिया में आवश्यक हैं। 

कार्यों में नए विचारों को अपनाना और ज़रूरत पड़ने पर उनका प्रयोग करना, जिससे मुझे ग्रेड से परे अपनी कार्य क्षमता के बारे में सिखाया गया।

विद्यार्थियों के प्रति समर्पित शिक्षकों की बदौलत स्कूल के माहौल में कलात्मक कौशल विकसित हुआ। इससे मुझे अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पुरस्कार अर्जित करने का मौका मिला। सबसे अधिक महत्वपूर्ण में अपने स्कूल में असफलता का सामना और अपनी महत्वाकांक्षाओं को कभी न छोड़ने के बारे में सीखा। 

स्काउट्स और गाइड्स से लेकर खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों तक पाठ्येतर गतिविधियों ने मेरे स्कूल के अनुभव को समृद्ध किया। शिष्टाचार, चरित्र विकास और नैतिक शिक्षा पर हमारे प्रिंसिपल के दैनिक व्याख्यान ने मेरे मूल्यों को आकार दिया।  मैं आज जो भी हूं उसका श्रेय अपने स्कूल को देता हूं, इसे सर्वश्रेष्ठ संस्थान मानता हूं।

स्कूल का एक और महत्वपूर्ण सबक टीम वर्क है। यह अक्सर पहली जगह होती है जहां बच्चे अपने से भिन्न लोगों के साथ सहयोग करना सीखते हैं। यह समझना कि टीम की सफलता प्रत्येक व्यक्ति के योगदान पर निर्भर करती है, छात्रों में स्थापित एक बुनियादी सिद्धांत है, जो उन्हें टीम में मिलकर और व्यक्तिगत उपलब्धियों दोनों के लिए तैयार करता है।

संक्षेप में कहूं तो, एक प्रतिष्ठित स्कूल का हिस्सा बनना मेरे लिए एक जबरदस्त व्यक्तिगत विकास यात्रा रही है। मेरे चरित्र को ढालने और अमूल्य शिक्षाएँ प्रदान करने के लिए मैं अपने विद्यालय का बहुत आभारी हूँ। जो मित्रताएं बनीं और असाधारण शिक्षकों का मार्गदर्शन वे खजाने हैं जिन्हें मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। मेरा लक्ष्य अपने स्कूल द्वारा स्थापित मूल्यों को बनाए रखना, जीवन में सफल होने का प्रयास करना और उस संस्थान को सम्मान दिलाना है जिसने आज मैं जो कुछ भी हूं उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Mera School Essay in Hindi पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • मेरा स्कूल हमारे क्षेत्र में प्रसिद्ध है, स्थानीय लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता और उच्च प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है।
  • स्कूल की इमारत विशाल है, हरियाली से सुसज्जित है, एक विशाल और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन वातावरण बनाती है।
  • एक विस्तृत खेल का मैदान विभिन्न बाहरी गतिविधियों और खेलों में शामिल होने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है।
  • शारीरिक शिक्षा सत्र साप्ताहिक रूप से आयोजित किए जाते हैं, जो हमारी समग्र फिटनेस और कल्याण में योगदान करते हैं।
  • स्कूल में अच्छे शिक्षक हैं जो एक सहायक और देखभाल करने वाला सीखने का माहौल बनाते हैं।
  • मैं स्कूल में कई दोस्तों के साथ आनंददायक पल साझा करता हूं, जहां हम एक साथ खेलते और पढ़ते हैं, जिससे सौहार्द की मजबूत भावना को बढ़ावा मिलता है।
  • स्कूल की व्यापक लाइब्रेरी पुस्तकों का विविध संग्रह प्रदान करती है, जो सीखने के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करती है।
  • अच्छी तरह से सुसज्जित विज्ञान और सामाजिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ हमारी व्यावहारिक समझ और प्रयोग को बढ़ाती हैं।
  • स्कूल सांस्कृतिक विविधता और एकता को बढ़ावा देते हुए कई राष्ट्रीय और धार्मिक त्योहारों को उत्साहपूर्वक मनाता है।
  • स्कूल में हर दिन एक खुशी है क्योंकि मैं नई चीजें सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने के अवसर का उत्सुकता से स्वागत करता हूं।

स्कूल जीवन के ऐसे पाठ प्रदान करता है जो शिक्षा से परे है इसलिए प्रत्येक बच्चे के लिए स्कूल जाना महत्वपूर्ण है स्कूल हम सभी को शिक्षा के साथ ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो सामाजिक कौशल, पाठ्येतर गतिविधियाँ और मूल्यवान जीवन सबक भी प्रदान करता है।

स्कूल बुनियादी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जिसमें बुनियादी शिक्षा और कला और सार्वजनिक बोलने जैसी प्रतिभाओं का विकास शामिल है। सबसे बढ़कर, यह छात्रों में अनुशासन पैदा करता है, भविष्य की सफलता के लिए उनके चरित्र को आकार देता है।

मेरा स्कूल अपनी उत्कृष्ट प्रतिष्ठा, विशाल और सुंदर परिसर, समर्पित शिक्षकों और समग्र विकास में योगदान देने वाली पाठ्येतर गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जाना जाता है।

मेरे स्कूल में हर सप्ताह एक बार शारीरिक शिक्षा कक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें समग्र फिटनेस और कल्याण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया जाता है।

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Mera School Essay in Hindi पर निबंध के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य   निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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मेरा विद्यालय पर निबंध

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By विकास सिंह

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एक स्कूल एक संस्था है, जो या तो सरकारी या निजी निकाय द्वारा संचालित है, सभी आयु वर्ग के छात्रों को व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से शिक्षा प्रदान करने के लिए यह संस्था कार्य करती है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (100 शब्द)

मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है। यह एक मंदिर की तरह है जहां हम रोजाना पढ़ाई करने जाते हैं। सुबह-सुबह सबसे पहले हम अपने बेहतर अध्ययन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और अपने क्लास टीचर को गुड मॉर्निंग कहते हैं। फिर हम अपने पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन शुरू करते हैं।

मुझे रोजाना स्कूल जाना पसंद है। मेरे विद्यालय में बहुत कठोर अनुशासन है जिसका हमें नियमित रूप से पालन करने की आवश्यकता है। मुझे अपनी स्कूल ड्रेस बहुत पसंद है। यह मेरे मीठे घर से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। मैं पीले स्कूल की बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल शहर के प्रदूषण, शोर, धूल, शोर और धुएं से रहित बहुत ही शांत जगह पर है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (150 शब्द)

school

मेरा विद्यालय लाल रंग की तीन मंजिला इमारत में बहुत उत्कृष्ट है। मुझे उचित वर्दी में दैनिक आधार पर स्कूल जाना पसंद है। मेरा क्लास टीचर बहुत दयालु है और हमें स्कूल अनुशासन का पालन करना सिखाता है। मेरा स्कूल बहुत अच्छी जगह शहर की सभी भीड़ और शोर से दूर है।

मेरे स्कूल के मुख्य द्वार के पास दो छोटे हरे बाग हैं जहाँ बहुत सारे रंग-बिरंगे फूलों के बिस्तर, घास के लॉन, फलों के पेड़ और दो खूबसूरत बौछारें हैं।मेरे स्कूल में बहुत सारी सुविधाएं हैं जैसे एक कंप्यूटर लैब, दो साइंस लैब, एक बड़ी लाइब्रेरी, एक सामान्य पढ़ने का कमरा, एक बड़ा खेल का मैदान, एक अच्छा स्टेज और एक स्थिर दुकान।

मेरे स्कूल में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं। मेरे स्कूल में पुरुषों और महिलाओं सहित लगभग सात उच्च योग्य शिक्षक, 20 हेल्पर्स, एक प्रिंसिपल और 10 गेट कीपर हैं। मेरे शिक्षक हमें बहुत विनम्रता से पढ़ाते हैं और हमें बहुत ही रचनात्मक और आकर्षक तरीके से विषयों को सीखाते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (250 शब्द)

school

स्कूल सीखने का मंदिर है और पेशेवर और सामाजिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। मेरा स्कूल दान की गई धन की मदद से 1990 में दान की गई भूमि पर स्थापित किया गया था। मेरे स्कूल का माहौल बहुत सुखद है और स्कूल का माहौल बहुत साफ और आकर्षक है।

मेरा स्कूल भवन खेल के मैदान के केंद्र में स्थित है। स्कूल के एक तरफ एक बड़ा बगीचा है जिसमें छोटे तालाब हैं। इस तालाब में कई रंगीन मछलियाँ और अन्य पानी के जानवर हैं। मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है जिसमें 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं।

मेरे स्कूल में एक बड़ी लाइब्रेरी, प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क ऑफिस, एक साइंस लेबोरेटरी, एक कंप्यूटर लैब, एक कॉमन स्टडी रूम, एक बड़ी लॉबी, टीचर कॉमन रूम, एक बड़ा स्पोर्ट्स ग्राउंड, लड़कियों और लड़कों के लिए एक अलग हॉस्टल है। स्कूल परिसर।

मेरे स्कूल में उच्च योग्य और अनुभवी शिक्षक हैं जो हमें बहुत प्रभावी और रचनात्मक तरीके से पढ़ाते हैं। मेरे स्कूल में लगभग एक हजार छात्र हैं जो हमेशा स्कूल के बाहर या स्कूल के अंदर आयोजित प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक प्राप्त करते हैं। हम सभी उचित वर्दी में स्कूल जाते हैं। हमारे पास दो प्रकार की वर्दी है, एक समान वर्दी और दूसरी घर की वर्दी।

मेरे स्कूल की समयावधि सुबह 7.50 बजे और गर्मियों के मौसम में दोपहर में 1.30 बजे और सुबह 8.50 बजे और सर्दियों के मौसम में शाम को 3.30 बजे शुरू होती है। हम रोज़ाना कुछ समय के लिए लाइब्रेरी जाते हैं जहाँ हम अपने कौशल और सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए रचनात्मक किताबें और अखबार पढ़ने का अभ्यास करते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (300 शब्द)

मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 1 किमी दूर स्थित है। यह बहुत साफ और शांतिपूर्ण दिखता है। मेरा स्कूल एक मंदिर की तरह है जहाँ हम रोज़ जाते हैं, भगवान से प्रार्थना करते हैं और एक दिन में 6 घंटे पढ़ाई करते हैं। मेरे स्कूल के अध्यापक बहुत ही सराहनीय हैं क्योंकि वे सभी को बहुत ही संयम के साथ सिखाते हैं।

मेरे स्कूल में अध्ययन, स्वच्छता और वर्दी के सख्त मानदंड हैं। मुझे रोज़ाना स्कूल जाना पसंद है क्योंकि मेरी माँ कहती है कि रोज़ाना स्कूल जाना और सभी अनुशासन का पालन करना बहुत आवश्यक है। स्कूल शिक्षा का एक मंदिर है जहाँ हम बहुत रचनात्मक रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। हम अपने अध्ययन के साथ अन्य चीजों को भी सीखते हैं जैसे अनुशासन, शिष्टाचार, अच्छा व्यवहार, समय की पाबंदी और कई अन्य शिष्टाचार।

मेरे विद्यालय का वातावरण अद्भुत है जहाँ बहुत सारे प्राकृतिक दृश्य और हरियाली उपलब्ध हैं। एक बड़ा बगीचा और तालाब है जिसमें मछली, मेंढक, रंग-बिरंगे फूल, पेड़, सजावटी पेड़, हरी घास आदि हैं। अन्य चीजें जैसे बड़े प्ले ग्राउंड, स्कूल के चारों ओर बड़े खुले स्थान मेरे स्कूल को एक प्राकृतिक सुंदरता देते हैं।

यहां क्रिकेट नेट, बास्केट बॉल कोर्ट और स्केटिंग ग्राउंड की भी सुविधा है। मेरा स्कूल सीबीएसई बोर्ड के मानदंडों का पालन करता है। मेरा विद्यालय नर्सरी से 12 वीं कक्षा तक के छात्रों को कक्षाओं की सुविधा प्रदान करता है। मेरे स्कूल के प्रिंसिपल स्कूल के अनुशासन, स्वच्छता और स्वच्छता के बारे में बहुत सख्त हैं।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो विद्यालय से दूर स्थित हैं। सभी छात्र सुबह खेल मैदान में इकट्ठा होते हैं और मॉर्निंग प्रेयर करते हैं और फिर अपने-अपने क्लास रूम में पहुंच जाते हैं। मेरा स्कूल हर साल नर्सरी कक्षा (लगभग 2000) छात्रों को प्रवेश प्रदान करता है।

मेरे पास अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक हैं जैसे पीटी, मैथ्स, अंग्रेजी, हिंदी, जी.के., संगीत, नृत्य, पेंटिंग और ड्राइंग। मेरे स्कूल में एक बड़ा पुस्तकालय, स्टेशनरी की दुकान और स्कूल परिसर के अंदर कैंटीन है। मेरा स्कूल हर साल सभी कक्षाओं के लिए एक वार्षिक समारोह आयोजित करता है जिसमें हमें भाग लेना चाहिए।

मेरी पाठशाला पर निबंध, my school essay in hindi (400 शब्द)

मेरा स्कूल बहुत भव्य है, जिसमें तीन मंजिला प्रभावशाली ढंग से संरचित इमारत और शहर के केंद्र में स्थित है। यह मेरे घर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है और मैं बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल राज्य के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में से एक है जहाँ मैं रहता हूँ। यह बिना किसी प्रदूषण, शोर और धूल के बहुत शांतिपूर्ण जगह पर स्थित है।

स्कूल की इमारत के दोनों सिरों पर दो सीढ़ियाँ हैं जो हमें हर मंजिल तक ले जाती हैं। इसमें पहली मंजिल पर अच्छी तरह से सुसज्जित और बड़ी लाइब्रेरी, अच्छी तरह से इंस्ट्रूमेंटेड साइंस लैब और एक कंप्यूटर लैब है। भूतल पर एक स्कूल सभागार है जहाँ सभी वार्षिक कार्य, बैठकें, पीटीएम, नृत्य प्रतियोगिताएं होती हैं।

प्रधान कार्यालय, क्लर्क कक्ष, स्टाफ रूम और सामान्य अध्ययन कक्ष भूतल पर स्थित हैं। स्कूल की कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज का कमरा और स्केटिंग हॉल भी भूतल पर स्थित हैं। मेरे स्कूल में स्कूल प्रिंसिपल ऑफिस के सामने दो बड़े सीमेंटेड बास्केटबॉल कोर्ट हैं, जबकि फुटबॉल का मैदान इसके साइड में है।

मेरे स्कूल में एक छोटा सा हरा-भरा बगीचा है, जो हेड ऑफिस के सामने, रंग-बिरंगे फूलों और सजावटी पौधों से भरा है, जो पूरे स्कूल परिसर की शोभा बढ़ाते हैं। मेरे विद्यालय में लगभग 1500 छात्रों ने प्रवेश लिया है। वे हमेशा किसी भी अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक करते हैं।

मेरे विद्यालय के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक और नवीन हैं जो किसी भी कठिन मामले को बहुत आसानी से समझने में हमारी मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से सब कुछ बताते हैं।

मेरा स्कूल किसी भी कार्यक्रम में इंटर-स्कूल सांस्कृतिक गतिविधियों और खेल गतिविधियों जैसे पहले स्थान पर है। मेरा स्कूल वर्ष के सभी महत्वपूर्ण दिन मनाता है जैसे कि खेल दिवस, शिक्षक दिवस, अभिभावक दिवस, बाल दिवस, स्कूल वर्षगांठ दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, क्रिसमस दिवस, मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, हैप्पी न्यू ईयर , महात्मा गांधी जन्मदिवस, आदि भव्य तरीके से।

हम सह-पाठयक्रम गतिविधियों जैसे तैराकी, स्काउटिंग, एनसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि में भाग लेते हैं। अनुचित व्यवहार और अनुशासनहीन गतिविधियों वाले छात्रों को स्कूल के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा दंडित किया जाता है।

हमारे प्रिंसिपल हमारे चरित्र गठन, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए मीटिंग हॉल में रोजाना 10 मिनट तक हर छात्र की कक्षाएं लेते हैं। हमारे स्कूल का समय बहुत ही रोचक और सुखद है क्योंकि हम रोजाना बहुत सारे रचनात्मक और व्यावहारिक काम करते हैं।

कहानीकार, गायन, कविता पाठ, हिंदी और अंग्रेजी में वार्तालाप का हमारा मौखिक मूल्यांकन दैनिक आधार पर कक्षा शिक्षक द्वारा लिया जाता है। तो, मेरा स्कूल दुनिया का सबसे अच्छा स्कूल है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh- मेरी पाठशाला पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Meri Pathshala Nibandh | Essay on My school in Hindi मेरी पाठशाला निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh in Hindi Essay लिखा है मेरी पाठशाला | मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

Meri Pathshala Nibandh – मेरी पाठशाला पर निबंध

Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi – मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में ( 200 words )

मेरी पाठशाला का नाम ‘विवेक हाईस्कूल’ है। यह लिंक रोड, शांति कुंज में है।

मेरी पाठशाला बहुत बड़ी है। इसमें कई कमरे हैं। इन कमरों में कक्षाएँ लगती हैं। कुछ कमरों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कम्प्यूटर रूम आदि हैं । एक कमरा कार्यालय है। यहाँ हमारे प्रधानाध्यापक बैठते हैं । मेरी पाठशाला के कमरे स्वच्छ और हवादार है।

पाठशाला में अनेक शिक्षक, शिक्षिकाएँ हैं। हमारे शिक्षक बड़े योग्य हैं। वे हमें प्यार से पढ़ाते हैं। हम अपने शिक्षकों का आदर करते हैं। मेरी पाठशाला में हमें अनेक विषय पढ़ाए जाते हैं जैसे, गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी, हिन्दी, मराठी और सामान्य ज्ञान। हमें कम्प्यूटर, चित्रकारी और संगीत की भी शिक्षा दी जाती है।

पाठशाला के सामने खेल का एक बड़ा मैदान है। खेल के घंटे में हम यहाँ खेलते हैं। यही हमारे पी.टी. सर हमें पी.टी. कराते हैं। मेरी पाठशाला सुबह 8:30 पर शुरू होती है और 2 बजे दोपहर को बन्द हो जाती है। मैं हर दिन स्कूल जाता हूँ।

हमारे प्रधानाध्यापक श्रीमान रजत शर्मा हैं। वे हम बच्चों से बहुत मधुर व्यवहार करते हैं । गलती पर वे सज़ा भी देते हैं। सारे विद्यार्थी एवं शिक्षक उनका आदर करते हैं।

मेरी पाठशाला सबसे अच्छी है। मैं वहाँ हर दिन नई बातें सीखता हूँ।

मेरी कक्षा पर निबंध- My Classroom Essay in Hindi

10 Lines on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi – मेरी पाठशाला निबंध हिंदी में  ( 250 words )

मैं दिल्ली पब्लिक स्कूल का छात्र हूँ। यह विद्यालय नगर के प्रसिद्ध विद्यालयों में से एक है। इसका परीक्षा परिणाम पर प्रशंसनीय रहता है। खेल-कूद और दूसरी गतिविधियों में भी यह अग्रणी रहता है। मेरे विद्यालय की दो मंजिली इमारत तो देखते ही बनती है। इसकी एक निराली शान है। खेल के मैदान, तरणताल व छात्रावास की भी व्यवस्था है।

मेरे विद्यालय में लगभग तीन हजार छात्र-छात्राएँ शिक्षा पाते हैं। हमारे अध्यापक-अध्यापिकाओं की संख्या लगभग सौ से ऊपर है। दूसरे स्टाफ की संख्या भी बहुत है। दूर-दूर से छात्र बसों द्वारा यहाँ पढ़ने आते हैं। सारे अध्यापक बहुत अनुभवी, उच्च शिक्षा प्राप्त, प्रशिक्षित और परिश्रमशील हैं। हमारे प्रधानाचार्य तो गुणों की खान ही हैं। वे हमारे साथ बहुत ही मद् तथा पिता तुल्य व्यवहार करते हैं। अनुशासन के मामले में वे बड़े कठोर हैं। थोड़ी-सी भी लापरवाही या अव्यवस्था उन्हें सहन नहीं। लेकिन वे शारीरिक दण्ड में कम विश्वास करते हैं।

हमारे स्कूल का पुस्तकालय तो अपने आप में एक उदाहरण है। उसमें सभी विषयों की हजारों पुस्तकें हैं, विश्वकोष हैं, पत्र-पत्रिकाएँ हैं और एटलस, मानचित्र आदि हैं। वहाँ से हम पुस्तकें घर भी ले जा सकते हैं। विद्यार्थी अपना बहुत सा समय वहाँ पढ़ने-लिखने में व्यतीत करते हैं। पुस्तकालय में एक अध्यक्ष हैं और कई अन्य कर्मचारी। वे सभी हमारे साथ बड़ा सहयोग करते हैं।

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Mere Vidyalaya Par 10 Line

Meri Pathshala Nibandh

My School Essay in Hindi 10 Lines

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Mera Vidyalaya Nibandh – मेरा विद्यालय निबंध ( 300 words )

विद्यालय का दूसरा नाम पाठशाला या स्कूल है। बच्चों को शिक्षा देने का उत्तम स्थान है। यहाँ दूर-दूर से बच्चे पढ़ने आते हैं। शिक्षा ग्रहण करने पर बच्चे विद्वान बनते हैं और अपने भावी जीवन में सफल होते हैं।’

मेरा विदयालय रूप नगर में है। इसका नाम स डी पब्लिक स्कूल है। यह दिल्ली के माने हुए स्कूलों में से एक है। यहाँ तीन हजार बच्चे पढ़ते हैं। यहाँ एक सौ अध्यापक तथा अध्यापिकाएँ पढ़ाती हैं।

मेरे विद्यालय के दो बड़े भवन हैं। इसमें 120 कमरे हैं। हर कमरे में हवा तथा रोशनी का प्रबन्ध है। हर कमरे में श्यामपट और बिजली का पंखा लगा हुआ है। अध्यापक तथा बच्चों के लिए मेजें और कुर्सियाँ बिछी हुई हैं। वहाँ बच्चों के खेलने के लिए तीन बड़े मैदान हैं जहाँ सवेरे तथा शाम बालक और बालिकाएँ खेलते हैं।

मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों और अनुशासन का भी ध्यान रखा जाता है। हर वर्ष हमारे स्कूल में बच्चों की परीक्षा का परिणाम बड़ा अच्छा निकलता है। यहाँ दो पी. टी. मास्टर हैं जो बच्चों को सवेरे तथा शाम कई खेलों का अभ्यास कराते हैं। यहाँ एक बड़ा हॉल है जहाँ गोष्ठियाँ, वाद विवाद, प्रतियोगिताएँ आदि होती हैं। यहाँ कभी-कभी शिक्षाप्रद चलचित्र भी दिखाए जाते हैं।

मेरा विद्यालय बारहवीं कक्षा तक है। यह सवेरे सात बजे लगता है और दोपहर एक बजे बन्द हो जाता है। स्कूल की अपनी बसें हैं जो बच्चों को उनके घर से ले आती हैं और छोड़ आती हैं। स्कूल में पुस्तकों की दुकान है जहाँ से हम पुस्तकें और अभ्यास पुस्तिकाएँ खरीदते हैं। यहाँ किट शाप भी है जहाँ हम स्कूल की तैयार पोशाक खरीद सकते हैं।

मेरे विद्यालय में वाचनालय का भी प्रबन्ध है जहाँ हम समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं। मि. नैयर हमारे स्कूल के प्रिंसिपल हैं। मुझे मेरा स्कूल बहुत अच्छा लगता है।

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Meri Pathshala Nibandh Essay in Hindi – मेरी पाठशाला निबंध ( 500 words )

हमारा श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय, रूपनगर विष्णुपदी गंगा के पावन तट पर अवस्थित है। इसका नामकरण बिहार-केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के उदात्त व्यक्तित्व को उजागर करता है। पटना के अशोक राजपथ से लगभग तीस किलोमीटर पर निर्मित यह विद्यामंदिर राज्य का एक प्रमुख शिक्षा-केंद्र है।

हमारे विद्यालय में लगभग सात सौ छात्र हैं तथा तीस शिक्षक। अधिकांश शिक्षक एम. ए. तथा एम. एस-सी. योग्यतावाले हैं। हमारे प्रधानाध्यापक श्री रामयश सिंह को राज्य के प्रायः सभी शिक्षाप्रेमी जानते हैं। उनका जीवन साधना एवं त्याग का जीवन है। यही कारण है कि हमारे शिक्षकगण भी उनके नेतृत्व में काम करना अपना गौरव समझते हैं। यहाँ केवल सातवें से दसवें वर्ग के छात्र पढ़ते हैं। सातवीं और आठवीं श्रेणियों में चार-चार तथा नौवीं और दसवीं श्रेणियों में तीन-तीन उपवर्ग (sections) हैं।

हमारे विद्यालय में पढ़ाई का बहुत उत्तम प्रबंध है। छात्रों को गृहकार्य भी दिया जाता है और हमारे शिक्षक छात्रों की उत्तरपुस्तिका को मनोयोगपूर्वक देखते हैं। वर्ष में दो बार आवधिक परीक्षाएँ तथा एक बार वार्षिक परीक्षा होती है। परीक्षा में किसी प्रकार का पक्षपात न हो, इसलिए प्रधानाध्यापक प्रतीक-पद्धति द्वारा विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रथम पन्ना बदल देते हैं और नामों के बदले प्रतीक से काम लेते हैं। उनके इस कार्य में उपप्रधानाध्यापक सहायता पहुँचाते हैं। यद्यपि अधिकांश छात्र गाँवों से आते हैं, लेकिन दसवीं श्रेणी के सभी छात्रों का छात्रावास में रहना अनिवार्य कर दिया जाता है। छात्रावास में अंतिम कक्षा के छात्रों की विशेष पढ़ाई की व्यवस्था की जाती है। यही कारण है कि हमारे यहाँ के अधिकांश छात्र मैट्रिकुलेशन परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते हैं। शायद ही कोई वर्ष ऐसा रहा हो, जब हमारे विद्यालय का कोई छात्र योग्यता-छात्रवृत्ति (merit scholarship) न ले। यही कारण है कि कई बार बिहार के शिक्षामंत्री हमारे विद्यालय में शिक्षा-व्यवस्था देखने आये और हमारे सहपाठियों के उत्तर से प्रसन्न होकर उन्होंने कई सहस्र का अनुदान दिया।

हमारे विद्यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है, जिसमें सभी विषयों की पुस्तकें विद्यमान हैं। पुस्तकालय-भवन में ही वाचनालय है, जिसमें लगभग एक दर्जन दैनिक, मासिक तथा साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाएँ आती हैं। विद्यालय तथा छात्रावास में रेडियो है। जब कभी आकाशवाणी से विद्यालयीय कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है, तो हम राज्य के विख्यात विद्वानों की वार्ताओं से लाभान्वित होते हैं।

हमारे विद्यालय के पीछे एक बड़ा-सा आयताकार क्रीडाक्षेत्र है, जिसमें छात्र फुटबॉल, पालीबॉल, क्रिकेट, बैडमिण्टन इत्यादि खेलते हैं। शायद ही कोई वर्ष ऐसा रहा हो, जब हमारा विद्यालय कोई-न-कोई शील्ड न जीतता हो।

शिक्षण की एकरसता दूर करने तथा विशेष ज्ञानवर्द्धन के लिए हमारे प्रधानाध्यापक गोष्ठियों, पनववादों एवं भाषणों का आयोजन करवाते हैं। हमारे विद्यालय में गोस्वामी तुलसीदास की पता बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है। तुलसी-सप्ताह के अंतर्गत सात दिनों तक रामायण-पाठ चलता है। छात्रों के बीच निबंध तथा भाषण की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। अंतिम दिन तुलसी-साहित्य के किन्हीं वरिष्ठ विद्वान का हम प्रवचन सुनते हैं तथा उनका भाषण टेप कर लेते हैं और उसे हम अपने इच्छानुसार सुनते रहते हैं।

चाहे पढ़ाई का क्षेत्र हो या क्रीड़ा का, हमारे विद्यालय का नाम प्रथम रहता है। हम छात्र अपनी सारी शक्ति लगाकर अध्ययन करते हैं, ताकि हमारे विद्यालय की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगता रहे। हमारे आचरण पर भी हमारे गुरुजनों के सदाचरण की अमिट छाप रहती है। हमारे आचरण को देखकर “एटन’ और ‘हैरो’ के छात्रों का आचरण स्मरण हो आना स्वाभाविक-सा लगता है।

भारतवर्ष एक दिन जगद्गुरु के सर्वोच्च आसन पर विराजमान था। आज हमारे देश में शिक्षा में भले ह्रास हो गया हो, परंतु यदि हमारे विद्यालय-जैसे सभी विद्यालय हो जायँ, तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश अपनी नष्टप्राय मर्यादा प्राप्त कर संसार में पुनः समादृत हो।

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इस लेख के माध्यम से हमने Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh | My school Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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मेरा विद्यालय पर निबंध। my school essay in hindi

my school essay in hindi

विद्यालय जिसे हम लोग विद्या का मंदिर मानते है। विद्यालय को कोई पाठशाला कहता है तो कोई स्कूल कहता है। जीवन की अनगिनत यादों के साथ साथ सफलता के मुकाम पे पहुंचने का सफर स्कूल से ही होकर गुजरता है। आज आप इस पोस्ट में my school essay in hindi पढ़ेंगे। विद्यालय पर निबंध तो हमेशा ही स्कूल और कॉलेज में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on my school in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

जोर जोर से बजती हुई घंटी, माँ का हाथ कस कर पकड़ा हुआ, बिकल कर रोते हुए कुछ ऐसे पहली बार स्कूल के अंदर गया। वो पहला दिन था जब मैने मेरे स्कूल को देखा। पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था कि कोई बड़ी सी इमारत मुझे पसंद नही आ रही थी। क्योंकि चश्मा लगाई हुई मेडम मेरी माँ से मेरा हाथ छुड़ा कर अंदर की ओर ले जा रही थी। मैंने मेडम के हाथ मे काटा और माँ के पास भागने लगा। इतने में एक मेडम ने किटकैट दिखा कर कहा इसे कौन लेगा। वो टॉफी देख मेने माँ की तरफ देखा, माँ ने कहा जाओ जल्दी जाओ तुम्हारी पसंदीदा चॉकलेट लेलो।मुझे आज भी याद है कि उस दिन मुझे स्कूल भेजने के लिए बहुत झांसे दिए। कुछ इस तरह पहली बार मेने अपने विद्यालय में कदम रखा। आपकी ज़िंदगी मे भी ज़रूर कुछ ऐसे ही रौचक किस्से हुए होंगे जो आप याद करके अकेले में भी खूब हस्ते रहते होंगे।

प्रस्तावना-  जब हमें कुछ पता ही नही होता उस वक़्त हमारा दाखिल स्कूल में होता है।रोते- गाते, खेलते- कूदते, हम ऐसे पढ़ाव पर आ जाते है जब हमारे विद्यालय के हर कोने की तस्वीर हमारे दिमाग मे छप जाती है।रोते से हसना सीख जाना बस इतना ही हमारा स्कूल का सफर होता है। विद्यालय हमे हमारे सबसे निचले स्तर से शुरुवात करा कर एक ऐसे अनुभव की और ले जाता है जो आगे जीवन मे किसी अन्य चीज़ में प्राप्त नही होता।एक ऐसा अनुभव जो अमूल्य होता है और एक ऐसा इंसान  बनाता है जो देश का भविष्य होता है।कुछ यादें जो कहीं बयां करें भी तो कहा करे, ऐसी यादें दिल मे हमेशा पहले स्थान पर विद्यालय की होती है। हर बच्चे की पहली और आखरी पसन्द उसका विद्यालय ही होता है। जीवन के सबसे ना समझ क्षण हमने हमारे विद्यालय में ही बताए है। इसीलिए इससे ऊपर कोई बच्चा किसी संस्थान को अपने पूरे जीवन मे नही रख सकता।

विद्यालय का रंग और मेरे रंगीन मित्र-  मैने अपने विद्यालय रंग बचपन मे पीला समझा था। समझ के साथ कक्षा भी बढ़ी, फिर मुझे समझ आया कि ये तो कत्थई था। ज़्यादा बड़े तो नही बस पहली कक्षा में आकर मेरे जैसे और बच्चों पर मेरी नज़र गयी। ड्राइंग का पीरियड था, कुर्सी पर मेडम बैठ सब पर नज़र रखी हुई थी। मेरे पीछे की सीट पर एक लड़का खाली पेज पर बिना कुछ बनाये रंग भर रहा था। मुझे बहुत तेज़ हंसी आयी,वो भी मुझे हस्ता देख मुस्करा दिया। फिर मैने उसकी शीट पर फूल बनाया और उसने मेरी शिट पर रंग भरे। कुछ इस तरह मेरा जिगरी रंगीन यार बना। यूं  तो जिंदगी में हम हज़ारों लोगों से मिले होंगे लेकिन ऐसे रंगीन दोस्त हर बार नही मिलते।वो दोस्त मेरा पहला व सबसे करीबी दोस्त रहा।रोज़ लंच की घंटी बजती तो साथ खाना खाते। धीरे धीरे हमारा ग्रुप बनने लगा हमारे साथ आधे घण्टे के ब्रेक में 7-8 लड़के और खेलने लगे। पकड़म पार्टी, बर्फ पानी, आमछु बदमछु ये सारे नाम मेने वही पर पहली बार सुने और खेलना सीखे। कभी कभी सोचता हूं तो समझ आता है कि वो खेल ने ही  मेरी ज़िंदगी मे मुझे आज तक सबसे ज़्यादा खुशी दी। न दुनिया की कोई  रीत थीं, न छल- न कपट, न कोई भेद था। धीरे धीरे दोस्ती गहरी होती चली गयी। जब भी सोचता हूं की मेरे स्कूल ने मुझे क्या दिया तो सब छोड़ सबसे पहले ज़ुबान पर आता है हीरे, मेरे स्कूल ने मुझे वो अनमोल रत्न दिए जो, खुशी में शामिल हो न हो पर मेरे दुख में मेरी ढाल बनकर खड़े रहते है। मेरे दोस्त है जो मुझे हर तकलीफ से दूर रखते है। 

स्कूल लाइब्रेरी, किताबें और पीरियड से रिश्ता- जब तक किताबों के सागर में डूबते मेरा दोस्त साइड में प्रार्थना करता , है भगवान आज हां बस आज साइंस का पीरियड खत्म हो जाये। और ऐसे ही प्रार्थना वो रोज़ हर पीरियड में करता था। आप तो समझ ही गए होंगे कि किताबों में से पढ़ने से ज़्यादा, पीरियड खत्म होने की घंटी का इंतज़ार करते थे। कुछ भी कहो सब बच्चों को लाइब्रेरी पीरियड का बहुत इंतज़ार रहता था। बेशक वहां भी किताबें थी। पर वहां हमारे टीचर के अनुसार कोई भी किताब उठा कर पढ़ सकते थे। लेकिन हमारे अनुसार कोई भी किताब उठा कर बस उसके चित्र देख कर रखना होता था। फिर क्या था जिस भी किताब में शेर, चीतह, खरगोश नज़र आते वो उठा लेते। और पूरे पीरियड बस किताबों के पन्ने पलट कर वही चित्रों को निहारते।

किताबों के दोहों से बड़ी सीख मिलती थी। कैसे परोपकार करना है, कैसे दुसरो की सेवा करना है, कैसे दुसरो के लिए जीवन को जीना है। सब बच्चें किताब को हिंदी पीरियड में बड़े ध्यान से पढ़ते। एक अच्छे मनुष्य की पहचान क्या होती है ये मैने उन्ही किताबों से सीखा। खाली दिमाग मे जो अंकुरित करो वही परिणाम स्वरूप सामने आता है। अपने विद्यालय से जीवन जीने का सही तरीका सीखा। वो पाठ ने मेरे जीवन के पाठ में विशेष किरदार निभाया। अच्छा इंसान बनना चाहिए ये तो सब बताते है, पर अच्छा इंसान कैसे बनना है ये मेरे विद्यालय व मेरी किताबों ने सिखाया। जाने अनजाने हमने जीवन के महत्वपुर्ण पढ़ावो को पार करने की तैयारी करली थी जो हमे जीवन मे आगे बाधा बनकर उभरने वाले थे।

विद्यालय के शिक्षक-   नर्सरी से लेकर बारहवीं तक जिस अभिन्न व्यक्ति का साथ था वो थे हमारे शिक्षक। जिस दिन चलना सीखा उस दिन से मेरे जीवन के 18 साल तक उन्होंने हमे चलाया नही चलने का मार्ग भी  दिखाया। हर छोटे-छोटे झगड़े को सुलझाया और हर बार भगवान के समान माफ भी किया।विद्यालय में शिक्षक डरावने लगते थे। पर तब हम ये नही जानते थे कि इनसे कोमल इस दुनिया मे किसी ओर का हृदय नही होता। हर विषय के अलग अलग शिक्षक होते थे। वो हमारे सारे बहानों को जानते थे जो हम होमवर्क ना करके आने पर बनाते थे। उस दिन मुझे समझ आया कि सब समझ कर भी ना समझ बन जाना भी कितना विशेष प्रेम होता है। जो वो हम बच्चों से करते थे। गलती करने पर कई बार डांट भी लगते थे। पर उनका उद्देश्य कभी डांट कर नीचा दिखाने का नही बल्कि ऊपर उठाने का होता था। शिक्षा और शिक्षक का संबंध शायद एक बार को टूट सकता है। पर शिक्षक और बच्चों का संबंध कभी नही टूटता। शिक्षक बच्चों में शिक्षा का संचार कुछ ही सालों में आजीवन के लिए कर देता है।अनाराम से लेकर जीवन मे अलार्म तक का सफर हमे शिक्षक तय कराते हैं। वे सीखते है कि कैसे अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ते रहना है, और कैसे जीवन मे अनुशाषित रहना है।

विद्यालय का प्रांगण व आखरी साल- खाली दिमाग में धीरे धीरे अक्ल आने ही लगी थी, फिर बस हमारे विद्यालय में रहने का आखरी साल आगया।कैसे सालो की बिताई यादों को कुछ क्षण में समेट पाते। फेयरवेल लेने जब मैदान में खड़े थे तब आखरी बार अपने स्कूल को निहार रहे थे।तब लगा कि कितना बड़ा है मेरा विद्यालय। आज तक विद्यालय को देखने की फुरसत ही कहा मिली थी।अपने दोस्तों के साथ खेलने, टीचर को समझने सुनने के अलावा, कभी ध्यान ही नही गया।  स्कूल के पहले दिन जब रोते हुए आये थे तब ध्यान गया था। और अब जब रोते हुए जा रहे है तब ध्यान जा रहा है। जितना डरावना पहले दिन लगा था उससे कई ज़्यादा डरावना आज लगा। फर्क इतना है की उस वक़्त विद्यालय में आने का मन नही था , ” और आज जाने का नही है”। सारी यादें  वही पुराने बस्ते में भर कर ले जाते है और आशा करते है कि काश फिर से बच्चे बन पाए। काश फिर ये पल दोबारा से जी पाए।

नम आंखों में आज मैने मेरे पूरे विद्यालय को देखा है। जैसे हर साल विद्यालय की गोद मे खेले बच्चे  जाते है, विद्यालय की आंखें भी नम नज़र आती है। 

उपसंहार- शिक्षक को कभी मैने उनका दुख जताते नही देखा। जिन बच्चों को उनने बचपन से देखा है, और जितनी भी सीख दी है। आज से सब बच्चे उन्हें अपने जीवन मे अमल करने जा रहे थे। बेशक उनका हृदय नम था। पर उन्होंने हमें आशीर्वाद देकर विदा किया। विद्यालय सभी के जीवन का ऐसा अंग होता है जो भुलाए नही भुला जाता।

शिक्षा का कर्ज उतारना अभी बांकी है,  ऐ स्कूल वापिस बुला ले हमे, हमारा बचपन अभी भी बाकी हैं,  हमारा बचपन अभी बांकी है…!!

हमें आशा है आपको my school essay पसंद आया होगा। आप इस निबंध को essay on my school के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को paragraph on my school के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

1Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

यह मेरी पाठशाला या मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi – Class 3, 4, 5, 7 मे अधिकतर पूछा जाता है।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं और पढ़ते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय या पाठशाला में हम सब जीवन का सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसमे हम कई विषयों में शिक्षा लेते हैं ।

स्कूल में हमारे अध्यापक गण अपना ज्ञान हमें प्रदान कर सफलता पाने का सही रास्ता दिखाते हैं। आज इस लेख में मैंने मेरे विद्यालय पर बच्चों और विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रस्तुत किया है।

मेरे विद्यालय का नाम और रूप Name and Structure of My School

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

विद्यालय की दूरी कम होने के कारण मैं चलकर ही विद्यालय जाता हूं। मेरा विद्यालय पूरे राज्य में सबसे अच्छा और बड़ा है। मेरे विद्यालय के चारों ओर का स्थान बहुत शांतिपूर्ण और प्रदूषण से मुक्त है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। स्कूल में दोनों सिरों पर सीढ़ियां हैं, जो हमें हर एक मंजिल तक ले जाती हैं।

पहली मंजिल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो कि पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है इसमें अनेक विषयों से संबंधित किताबे है। यहां पर वाद्य यंत्र की कक्षायें भी है इसके अलावा एक विज्ञान प्रयोगशाला है।

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

विद्यालय में पीने के पानी एवं शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था है। शिक्षक सभी छात्रों के अंको और अन्य छात्रों से संबंधित बातों की पूर्ण जानकारी रखते है। विद्यालय में अलग-अलग कामों के लिये नौकर लगाये गये जो अपने-अपने कामों को नियम पूर्वक करते है।

जिसमें से एक रात्री के समय विद्यालय की देखभाल के लिये वहां रहता भी है। उसके लिए विद्यालय के किनारे पर एक छोटा सा घर बनाया गया है।  

हम सभी बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ कई झूले है और एक बड़ा बगीचा है जिसमें कई सारे फूल खिले रहते है, कई आम और अमरुद के बड़े-बड़े पेड़ लगे है। सभी कक्षाएं बहुत हवादार और खुली हुई हैं।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

हमारी प्रधानाचार्या श्रीमति कल्पना जी बहुत दयालु महिला हैं। हमारे स्कूल में, 90 शिक्षक हैं , जो हमें ज्ञान देते हैं। और हमें प्यार भी करते है। विभिन्न गतिविधियों और कार्यों को साल भर आयोजित किया जाता है। मुझे अपने स्कूल पर बहुत गर्व है।

मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं और सम्मान करता हूं। मेरे विद्यालय की कई अलग अलग शहरों में शाखाएं है। मेरे विद्यालय पीले रंग से रंग किया गया है। यह पीला रंग आँखों को लुभाता है इस कारण मेरा विद्यालय दूर से ही सबसे अनोखा दिखाई पड़ता है।

प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क रूम, स्टाफ रूम और आम स्टडी रूम सबसे नीचे बने हुये हैं। स्कूल कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज कक्ष, और स्केटिंग हॉल भी जमीन तल पर स्थित हैं। स्कूल के प्रधानाचार्या ऑफिस के सामने मेरे स्कूल में दो बड़ी सीमेंट वाली बास्केटबाल कोर्ट हैं जबकि फुटबॉल मैदान इसके दूसरे तरफ है। मेरे स्कूल में एक छोटा हराभरा उद्यान भी है, जो मुख्य कार्यालय के सामने, रंगीन फूलों और सजावटी पौधों से भरा है जो पूरे स्कूल परिसर की सुंदरता बढ़ाता है।

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव Education and Celebrations in My School

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में साल के सभी महत्वपूर्ण दिन जैसे खेल दिवस , शिक्षक दिवस , मातृ-पितृ दिवस , बाल दिवस , सालगिरह दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस , क्रिसमस दिवस , मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, नव वर्ष , गांधी जयंती, आदि एक भव्य तरीके से मनाये जाते है।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो बच्चे स्कूल से बहुत दूर रहते हैं। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठे होते हैं और सुबह की प्रार्थना करते हैं और फिर सभी अपनी कक्षाओं में जाते हैं।

मेरा स्कूल हर साल लगभग 2000 छात्रों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में विभिन्न विषयों जैसे गणित, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, जीके, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, चित्रकला, खेल और शिल्प इत्यादि के लिए अलग-अलग अध्यापक हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

हमारे प्रधानाचार्या हमारे चरित्र निर्माण, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए 10 मिनट के लिए मीटिंग हॉल में प्रतिदिन प्रत्येक छात्र की कक्षाएं लेते हैं। इस तरह मेरी प्रधानाचार्या एक अच्छी शिक्षक भी है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

विद्यालय जाने का समय सुबह 7:30 से 2:30 गर्मियों में और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। सभी छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिये छुट्टी होने पर स्कूल से निकलने का अलग-अलग रास्ता है ताकि छोटे बच्चों को बाहर निकलने में कोई परेशानी न हो।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरा विद्यालय बहुत ही सुन्दर है।
  • मेरा विद्यालय ज्ञान का मंदिर है।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार की शिक्षा और पाठ्यक्रम गतिविधियों की सुविधाएँ है।
  • मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत बड़ा खेलने का मैदान है जिसमे बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट भी आसानी से खेल सकते हैं।
  • मेरे विद्यालय में शिक्षा बहुत ही अच्छे प्रिंसिपल और शिक्षक हैं।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार के खेल-कूद की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • स्कूल में कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
  • मेरा विद्यालय बहुत ही साफ़-सुथरा है क्योंकि यहाँ स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सफाई पर बहुत ध्यान दिया जाता है।
  • हर साल मेरे विद्यालय के सभी छात्र और अध्यापक पिकनिक मनाने जाते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

42 thoughts on “मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi”

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

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छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

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निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

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आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

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अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

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जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Admit Card Date : 28 March,2024 - 22 May,2024

National Institute of Open Schooling 10th examination

Punjab board of secondary education 12th examination.

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Goa Board Secondary School Certificate Examination

Exam Date : 12 April,2024 - 12 April,2024

Jammu and Kashmir State Board of School Education 10th Examination

Explore career options (by industry).

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  • Information Technology

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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Hindi is an important subject to study in our country. It is one of the official languages, and the students must learn about its rich literature and language. The CBSE board has made special efforts to promote these concepts by considering Hindi as one of the students' most important subjects. Although they have initiated the Hindi teaching process early, the language's complexity increases in the higher grades. Therefore, a student will be highly benefited if they know the exam structure before the final exam. The Hindi subject experts at Vedantu have followed the CBSE guidelines to prepare the c. These Class 8 Hindi Sample Papers are very helpful for the students, especially for their last-minute exam preparations. Moreover, these Sample Papers are available in PDF format for free on the website, enabling them to download them at their convenience.

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Why Should You Solve a Sample Paper for Hindi Class 8th?

Class 8 Hindi is not an easy subject for the students. They will now start to prepare for their final board examination, and some of the topics in that syllabus are introduced in Class 8. The Sample Papers for Class 8 Hindi will allow the students to learn about the question paper format followed in the final examination. They will know about the different sections in the paper and how to approach them. Additionally, they will also learn about the weightage of marks for different questions. This will help them to plan for the exams properly.

Time management is another important aspect of any examination. Once you know about the weightage of marks for each question, you can also determine the time you wish to dedicate to each question. To hone proper time management skills, you must practice solving the CBSE Class 8 Hindi Sample Papers . The more you practice, the more confident you will be in time management.

The solutions provided at the end of the Class 8th Hindi Sample Paper will help you improve your answers' quality. After writing the answers to the questions, you must self-evaluate them with the solution set provided. You will understand the type of answers that will fetch full marks in the examination. You need to practice solving and self-evaluating your answers so that their quality improves substantially.

Find Out a Proper Strategy for High Scores

Like other students, you wish to score high marks in the final examination. Download the model question papers from the website and chalk out a plan to solve them. Proper planning will surely fetch you high marks in the examination.

Importance of Sample Papers

Sample Papers help the students in gaining confidence before the exam. Students had unknown fear of examinations which leads towards the decline in their performance in the final exams. Most of the students are stressed which eventually results in losing confidence not only in their one exam performance, but in every exam. 

Sample Papers help the students in letting know the actual exam pattern of papers. It helps them practice that way and make their performance better. Students need to be aware of the exam pattern so that they can have an idea about it before the exam and don’t sit blankly on the actual paper. 

Students can learn a lot of things before exams and help themselves in beating their stress and nervousness exams. Students must be stress-free during the exams as it affects their performance which eventually leads to a decline in their marks. 

Solving Sample Papers trains the students in managing time for the actual exam as most of the students run out of time during exams. so, solving them helps them to understand time management. After solving a good number of papers, they will get to know about where to spend more time and where to spend less time. So, it is really necessary to solve Sample Papers.

Sample Papers help the students in gaining their confidence before exams which helps in increasing their performance. If any student is confident about any concept, he will do that question in no time. Confidence during exams also helps in saving time. Overall, practicing Sample Papers is very necessary for students to improve their performance in actual exams. 

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FAQs on CBSE Sample Papers for Class 8 Hindi with Solution 2023-24

1. Is it necessary to solve Class 8 Hindi Sample Papers?

It is not compulsory to solve Hindi Sample Papers but it is advisable to solve them to make certain things clear. It lets you know about your preparation and where you stand in giving the paper. Also it helps in analyzing a student's mistakes and to correct them before final exams. Overall it helps in preparing you for final exams so that you can do well there. It is very important that a student should not lose confidence during or before exams, which plays a big role in the student's performance. 

2. Will practicing Sample Papers benefit the students ? 

Yes. Solving Sample Papers regularly will benefit the students in every aspect. It will help in increasing the answer writing speed of students. They will also get to know about what topics they have to work on. Thai also helps the students to score better marks than before by practicing on a regular basis. If students want to benefit from solving question papers, they need to attempt them very seriously and work on the results. Regular practices will definitely lead to having better results. Overall solving Sample Papers will canto the benefit students in every way possible and help them in scoring much better marks in their examinations.

Hindi Essays for Class 8: Top 10 Hindi Nibandhs

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List of popular essays for Class 8 students in Hindi Language!  

व्यायाम का महत्त्व पर निबन्ध | Essay on Importance of Exercise in Hindi

ग्रीष्म ऋतु की दोपहर पर निबन्ध | Essay on An Afternoon in Summer in Hindi

खेल-कूद का महत्त्व पर निबन्ध | Essay on Importance of Games and Sports in Hindi

एक क्रिकेट मैच पर निबन्ध | Essay on A Cricket Match in Hindi

लोकल ट्रेन में यात्रा पर निबन्ध |Essay on Journey in a Local Train in Hindi

पहली बारिश का अनुभव पर निबन्ध | Essay on Feeling of the First Rainfall in Hindi

शीत ऋतु (जाड़े की ऋतु) पर निबन्ध | Essay on Winter Season in Hindi

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शीत ऋतु की एक रात पर निबन्ध | Essay on A Winter Night in Hindi

पेड़-पौधों का महत्त्व पर निबन्ध | Essay on Importance of Plants and Trees in Hindi

मेरी पहली रेल यात्रा पर निबन्ध | Essay on My First Train Journey in Hindi

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 1

संसार के समस्त सुखों की प्राप्ति अच्छे स्वास्थ्य पर ही निर्भर है । साथ ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा हो इसके लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है । व्यायाम से शरीर सुगठित बनता है और मन प्रफुल्लित हो उठता है ।

व्यायाम शारीरिक एवं मानसिक ग्रंथियों के विसर्जन का एक बहुत उपयोगी माध्यम है । इस धरती पर विभिन्न जीव-जंतुओं का निवास है । सभी जीव-जंतु गति कर सकते हैं । यह गतिशीलता ही उन्हें स्वस्थ रखती है उनके जीवन को विकासमान बनाती है । व्यायाम इस गतिशीलता को बनाए रखने का एक साधन है ।

विभिन्न प्रकार के व्यायाम से हमारा रक्त संचार बढ़ता है, हमारी पेशियाँ मजबूत बनती हैं । साँस की गति बढ़ने से शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलता है रक्त शुद्ध हो जाता है । विभिन्न अंगों की निष्कियता दूर होती है तथा शरीर के अंदर एक नई स्फुर्ति एवं ताजगी आ जाती है ।

व्यायाम कई प्रकार के हैं । सुबह या शाम को तेज गति से भ्रमण करना भी एक अच्छा व्यायाम है । इस व्यायाम को सभी आयु वर्ग के व्यक्ति कर सकते हैं । बच्चे एवं युवा वर्ग के लोग विभिन्न प्रकार की खेल-कूद गतिविधियों में भाग लेकर अपना व्यायाम कर सकते हैं ।

साइक्लिंग, तैराकी, घुड़सवारी, दौड़ तथा व्यायामशाला में विभिन्न उपकरणों की सहायता से व्यायाम करने वाले अपने स्वास्थ्य को नच्छी दशा में वनाए रख सकते हैं । पुलिस तथा सेना के जवानों की नियमित कवायद होती है ताकि वे चुस्त एवं फुर्तीले बने रहें ।

जुड़ो, कराटे आदि भी व्यायाम करने के ही ढंग हैं । विद्यालयों में बच्चों से पी.टी. कराई जाती हे ताकि उनका शारीरिक विकास हो सके । एथलेटिक्स की सभी खेल स्पर्द्धाण्यूँ व्यायाम के उद्देश्य से परिपूर्ण होती हैं । यदि शरीर अच्छा है तो संसार के सभी सुख और समस्त वैभव हमारे काम के हैं ।

‘शरीर माद्यै खलु धर्मसाधनम्’ जिससे यह ज्ञात होता है कि शरीर रूपी साधन की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए । यदि हम दिन-रात बैठे-बैठे ही अपना कार्य करते हैं तो इसका कुप्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर अवश्य पड़ेगा । मोटापा उच्च रक्तचाप मधुमेह शारीरिक दुर्बलता मानसिक शिथिलता पेट संबंधी बीमारियाँ शीघ्र थकावट आदि व्यायाम से दूर रहने के परिणाम हो सकते हैं ।

व्यायाम का महत्त्व न समझने वाले अनेक प्रकार की बीमारियों से युक्त हो सकते हैं । अत: हमारी काया निरोगी हो इसके लिए व्यायाम बहुत जरूरी है । आजकल युवाओं तथा बच्चों में व्यायाम के प्रति दिलचस्पी बढ़ रही है । पहले अखाड़े में कुश्ती खेलकर व्यायाम किया जाता था जिसमें ग्रामीण युवा बड़ी संख्या में भाग लेते थे ।

आजकल इन अखाड़ों का स्थान जिमखाने ने ले लिया है । यहाँ व्यायाम करने के अनेक साधन उपलब्ध होते हैं । इससे भी एक कदम आगे बढ़कर लोग योगासन की तरफ अधिक प्रवृत्त हुए हैं जिससे व्यक्ति का शरीर तो बलिष्ठ बनता ही है साथ-साथ उसका आत्मिक विकास भी होता है । चाहे किसी भी प्रकार का व्यायाम किया जाए इसमें नियमितता अवश्य होनी चाहिए । अनियमित व्यायाम से कुछ खास लाभ नहीं मिल पाता है ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 2

ग्रीष्म ऋतु की दोपहर सूर्यदेव के प्रचंड रूप का प्रतीक है । प्राणियों का कंठ सूखा जाता है पेड़-पौधे झुलस जाते हैं । आलस्य थकावट और उदासीनता सर्वत्र दिखाई देती है । मच्छर, मक्खी और क्षुद्र जीव-जंतु भी किसी कोने में किसी शीतल स्थान में आश्रय ग्रहण करने लगते हैं ।

ग्रीष्म ऋतु वैसे ही कष्टदायक है । उस पर ग्रीष्म की दुपहरी का तो कहना ही क्या ! भगवान् भास्कर आकाश के मध्य में स्थित होकर अपनी तीक्षा किरणें रूपी बाणों से सबको आहत कर देते हैं । धरती की तपन बढ़ रही है उसमें दरारें आ गई हैं । तारकोल की सड़कें पिघल रही हैं ।

धरती का जल पाताल की गहराई तक पहुँच गया है । घर के फर्श भी गरम हो गए हैं । खिड़की से गरम वायु का आता झोंका त्वचा को झुलसा रहा है । गरम हवा लू का रूप धारण कर न जाने कब किसे अपनी चपेट में ले ले ! छाया को भी छाया की आवश्यकता है ।

कवि बिहारीलाल कहते हैं:

“बैठि रही अति सघन बन पैठि सदन तन माँह । देखि दुपहरी जेठ की छाँहौं चाहति छाँह ।।”

मानव और पशु-पक्षी तो व्याकुल हैं ही, छाया भी आहत और दु:खी है । छाया को भी आश्रय चाहिए । पथिक भी जब जेठ की दुपहरी में पेड़ की छाया में कुछ देर विश्राम करते हैं तो उन्हें पूरा आराम नहीं मिल पाता । गरमी की दोपहर में एक ही माँग है – ठंडे पानी की ।

जल जितना शीतल हो उतना अच्छा । पानी कितना भी पीया जाय, संतुष्टि नहीं होती । सारा पानी पसीने के रूप में निकल जाता है । ऐसे में मजदूरों की क्या हालत होती होगी वर्णन नहीं किया जा सकता । पर उन्हें तो काम करना ही है । कच्ची ईंटें बनानी हैं भवन निर्माण करना है, रिकशा चलाना है आदि-आदि कितने ही काम करने हैं ।

पसीने से लथपथ प्यास से व्याकुल मजदूर पत्थर तोड़ ही रहा है । पेट की ज्वाला उसे दुपहरी में भी आराम नहीं करने दे रही । गरमी की दोपहर को तो झेलना ही है । पर कैसे बिजली के पंखे भी तो गरम हवा ही छोड़ रहे हैं । फिर भी पंखे से पसीने से रक्षा तो हो ही जाती है । शहरों के लोगों ने अपने घर कूलर लगा रखे हैं ।

अमीरों के घर पर ए.सी. लगे हुए हैं । महानगरों की भीषण गरमी से छुटकारा पाने के लिए परिवार सहित लोग पर्वतीय स्थलों में चले जाते हैं । मगर समर्थ नागरिक ही ऐसा कर सकते हैं । आम नागरिकों के लिए तो बरफू ही मिल जाय तो बहुत है ।

खीरा, ककड़ी, पुदीने का शरबत बेल का शरबत आदि ग्रीष्मकालीन दुपहरी के लिए किसी वरदान से कम नहीं । दोपहर की गरमी से बचने के लिए आम नागरिक अपना अधिकांश कार्य प्रात: या सायं ही निबटाते हैं । शिक्षा संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया जाता है ।

बहुत से कार्यालय भी सुबह से लेकर मध्याह्न तक खुले रहते हैं । यदि दोपहर में निकलना ही पड़े तो छाता लेकर या सिर पर तौलिया, टोपी या पगड़ी बाँधकर निकलते हैं । ग्रीष्म की दुपहरी कई दृष्टि से लाभप्रद भी है । खेतों में लगी फसलें पकती हैं ।

ककड़ी, खीरा, खरबूजा, तरबूज, आडू, आलूबुखारे आदि के अधिक उत्पादन के लिए दोपहर की कड़ी धूप लाभप्रद है । पेड़ों में लगे आमों को भी पकने का अवसर मिलता है । दोपहर की गरमी पर्वतों के हिम को पिघलाकर बहुत सी नदियों को सदानीरा बनाती है ।

समुद्र का जल वाष्पित होकर ऊपर उठता है जो कालांतर में मानसून का रूप धारण कर लेता है । मच्छरों एवं हानिकारक कीटाणुओं का सफाया हो जाता है । ग्रीष्म की दुपहरी प्रकृति का ही एक रूप है । हमें उसके इस भीषण रूप का भी स्वागत करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 3

हमारे जीवन में खेल-कूद का अत्यधिक महत्त्व है । इससे हमारा शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है । यही कारण है कि सभी विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद के कार्यक्रमों को भी प्रधानता दी जाती है ।

वास्तव में मूल-कूद के बिना प्राप्त शिक्षा अधूरी ही है । हम लोग विभिन्न प्रकार के खेल खेलते हैं । कुछ खेल घर में या किसी कक्ष में खेले जा सकते हैं । शतरंज, वीडियो गेम्स, लूडो, कैरम आदि खेलों से हमारा मनोरंजन तो अवश्य होता है परंतु उचित व्यायाम नहीं हो पाता ।

अत: हमें इनडोर गेम्स के साथ-साथ कुछ आउटडोर गेम्स भी अवश्य खेलने चाहिए । क्रिकेट, हॉकी, फुटबाल, बॉलीबाल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, कबट्टी आदि अनेक ऐसे खेल हैं जिनसे भरपूर व्यायाम होता है । मैदानों में खेले जाने वाले सभी खेल हमारे भीतर नया उत्साह एवं उमंग भर देते हैं ।

शरीर का रक्त-संचार तेज होता है जिससे हमें स्कूर्ति का अनुभव होता है । कई टीम आधारित खेल बच्चों तथा युवाओं में ‘समूह भावना’ या ‘टीम स्पीरिट’ का विकास करते हैं । इससे हमें पता चलता है कि यदि सामूहिक प्रयास किए जाएँ तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है ।

यदि मिलकर कोशिश की जाए तो राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है । खेल-कूद न केवल टीम भावना जगाते हैं अपितु आपसी प्रेम और भाईचारा भी बढ़ाते हैं । विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से हम अलग-अलग क्षेत्रों एवं देशों के व्यक्तियों से परिचय प्राप्त करते हैं । हमारा संपर्क बढ़ता है हम नई-नई बातों की जानकारी प्राप्त करते हैं ।

खेल-कूद के बिना जीवन जड़ हो जाता है । गतिशीलता के अभाव में तरह-तरह की छटाएं एवं ग्रंथियाँ जन्म लेती हैं । व्यक्ति की प्रतिभा का समुचित विकास नहीं हो पाता । हम वीरता साहस धैर्य सहयोग अनुशासन जैसे जीवन-मूल्यों से अपरिचित रह जाते हैं ।

खेल के विभिन्न नियमों के पालन के माध्यम से बच्चों को आरंभ से ही अनुशासन की शिक्षा मिलती रहती है । निशानेबाजी, घूँसेबाजी, साइक्लिंग, अश्वारोहण तथा एथलेटिक्स के खेलों के माध्यम से हमारे अंदर साहस वीरता तथा तन्मयता आती है ।

हम अपनी शक्ति का विकास कर उसका उचित उपयोग करना सीखते हैं । खेल-कूद एक ऐसा-क्षेत्र बनता जा रहा है जहाँ आजकल धन और यश दोनों का मिलन है । खिलाड़ी न केवल अपना अपितु अपने देश और समाज का भी नाम रोशन करते हैं ।

सचिन तेंदुलकर, कपिलदेव, ध्यानचंद, विश्वनाथन आनंद, सानिया मिर्जा, महेश भूपति जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने दुनिया में भारत का नाम ऊँचा किया है । खेल हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होते हैं । बच्चा खेल-खेल में ही बहुत कुछ सीख लेता है । खेल-कूद हमारे सर्वांगीण विकास का एक मजबूत आधार स्तंभ है ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 4

पिछले माह मैं भारत और पाकिस्तान के मध्य कोलकाता के ईडन गार्डन में हो रहे तृतीय एकदिवसीय मैच देखने गया । बड़ा ही अविस्मरणीय दृश्य था । खचाखच भरे स्टेडियम में दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था ।

स्टेडियम में लगभग नब्बे हजार दर्शक थे । दिन-रात का मैच अपराह्न दो बजकर पंद्रह मिनट पर आरंभ हुआ । टॉस भारतीय कप्तान राहुल द्रविड ने जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निश्चय किया । मैच का आरंभ हुआ ।

पारी की शुरुआत सचिन तेंदुलकर और उपकप्तान वीरेंद्र सहवाग ने की । सहवाग ने पहली ही गेंद पर चौका जड़कर अपने मंसूबे साफ कर दिए । सहवाग और तेंदुलकर ने मिलकर पारी की अच्छी शुरुआत की और भारत के स्कोर को बिना कोई विकेट खोए पचपन तक पहुँचा दिया ।

परंतु शोएब अख्तर की एक खतरनाक गेंद को उठाकर मारने के चक्कर में सहवाग लॉग ऑन बाउंड्री पर लपक लिए गए । इसके बाद सचिन भी पैंतीस रन बनाकर रन आउट हो गए । बाद में राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी ने अच्छी साझेदारी की और भारतीय स्कोर को दो विकेट पर एक सौ पचहत्तर तक पहुँचा दिया ।

धोनी शानदार अर्द्धशतक बनाकर जमे हुए थे परंतु राहुल स्लिप पर लपक लिए गए । धोनी भी इकसठ रन बनाकर क्लीन बोल्ड हो गए । आगामी बल्लेबाजों युवराज और इरफान पठान ने भी कुछ अच्छे शॉट लगाए । रही-सही कसर हरभजन सिंह ने एक ही ओवर में दो छक्के और दो चौके लगाकर पूरी कर दी ।

भारत की पारी पचास ओवर समाप्त होने पर सात विकेट पर 305 रन तक पहुँच गई । इस प्रकार भारत ने एक विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था । जब पाकिस्तान की पारी आरंभ हुई तो भारत की ओर से जहीर खान और अगरकर ने गेंदबाजी की कमान सँभाली ।

जहीर खान को अपने दूसरे ओवर में पहली सफलता मिली तो भारतीय खिलाड़ी उछल पड़े । परंतु शाहिद अफरीदी और युसुफ योहाना ने पाकिस्तानी बल्लेबाजी को मजबूत आधार प्रदान किया । अफरीदी ने सत्तर रन बनाए जिसमें पाँच चौके और छह छक्के थे ।

ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तानी टीम मजबूत स्थिति में पहुँच गई है परंतु अगरकर ने दो लगातार ओवरों में दो विकेट चटकाकर सनसनी फैला दी । पाकिस्तानी टीम के कप्तान इंजमाम कुछ खास न कर सके और मात्र नौ रन बनाकर पैवेलियन लौट गए ।

इसके बाद हरभजन की घूमती गेंदों ने कमाल दिखाना शुरू किया । पाकिस्तान की पूरी टीम चौवालीस ओवर में दो सौ छप्पन रन बनाकर पैवेलियन लौट गई । सभी भारतीय खिलाड़ियों के चेहरों पर जीत की खुशी स्पष्ट दिखाई दे रही थी ।

दर्शकों का उत्साह भी चरम सीमा पर था । दर्शक मैच के दौरान तिरंगा लहराकर तथा तालियाँ बजाकर अपनी सार्थक भूमिका निभा रहे थे । मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हरभजन सिंह को प्रदान किया गया जिन्होंने तीन विकेट लिए थे तथा तीस रन भी बनाए थे ।

यह पुरस्कार पं. बंगाल के मुख्यमंत्री के करकमलों द्वारा अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया । भारतीय कप्तान ने इस जीत का श्रेय अपनी टीम के सभी खिलाड़ियों को दिया । मैच समाप्त होने पर हम लोग खुशी-खुशी घर लौट आए । यह मैच मुझे लंबे समय तक याद रहेगा ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 5

भारत के नगरीय क्षेत्रों में लोकल ट्रेनों के चलने से स्थानीय निवासियों को काम-काज के स्थानों तक आने-जाने में बहुत मदद मिलती है । लोकल ट्रेन देश के प्राय: सभी भागों में स्थानीय यात्रियों की सुविधा के लिए चलाए जाते हैं ।

इनका किराया प्राय: कम होता है जिससे मध्यवर्गीय तथा निर्धन वर्ग के यात्रियों को राहत मिलती है । जिन क्षेत्रों से होकर रेलमार्ग गुजरता है वहाँ के लोग स्थानीय रेल सेवाओं का भरपूर लाभ उठाते हैं ।परंतु लोकल ट्रेन की यात्रा हमेशा सुखदायी नहीं होती है ।

खासकर सुबह और शाम के समय इनमें अत्यधिक भीड़ होती है । यात्रियों से खचाखच भरी बोगियों में अच्छी तरह पैर रखने की जगह नहीं होती । विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारी छात्र-छात्राएँ दूधवाले फेरीवाले सब्जीवाले आदि विभिन्न वर्गों के व्यक्ति अपने-अपने गंतव्य तक जाने के लिए सुबह के समय इन लोकल ट्रेनों की यात्रा करते हैं ।

इन दैनिक यात्रियों को लोकल ट्रेन में चढ़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है । ऐसी हालत में वृद्धों, महिलाओं और बच्चों के लिए इनमें यात्रा करना अत्यंत कठिन होता है । मुझे लोकल टेरन से यात्रा करने के कई अवसर प्राप्त हुए हैं । परंतु एक बार मुझे अत्यंत कष्टकारक अनुभव से गुजरना पड़ा ।

ट्रेन पर किसी तरह चढ़ तो गया परंतु कई मिनटों तक दरवाजे से ही लटकी हुई दशा में रहना पड़ा । आगे खड़े यात्री सरकने के लिए तैयार ही नहीं थे । किसी तरह बोगी में दाखिल हो गया परंतु एक पैर ही बोगी पर टिका था । यात्रियों का दवाब सभी ओर से था ।

कुछ यात्री मेरे पैर पर ही अपना पैर रखकर आगे बढ़ जाते थे । ऊपर से भयंकर गरमी और फव्वारे की तरह शरीर से छूटता पसीना । हमारी ट्रेन प्रत्येक पाँच-दस मिनट चलकर फिर से रुक जाती थी । छोटे से छोटे हाल एवं स्टेशन पर भी दस मिनट तक रुककर चलना इस टेरन की नियति बन गई थी ।

ट्रेन जब भी रुकती बोगी के अंदर बाहरी हवा का प्रवेश कम हो जाता था । सभी यात्रियों का गरमी के कारण बुरा हाल था । टेरन की रफ्तार अत्यंत धीमी थी । किसी तरह मैं डब्बे के मध्य भाग तक पहुँच गया । मुझे यहाँ तक पहुँचाने में पीछे खड़े यात्रियों के लगातार दिए जाने वाले धक्के का बहुत बड़ा योगदान था ।

परंतु यहाँ भी राहत नहीं थी । मूँगफली, चाय, पान-बीड़ी-सिगरेट, मसालेदार चने, ककड़ी, खीरा आदि बेचने वाले अपनी आक्रामक शैली में जब आगे बढ़ते तो खड़े हुए यात्रियों को हर बार अपनी पोजीशन बदलनी पड़ती थी । इस भयंकर गरमी में खीरा, ककड़ी तथा शीतल पेय खरीदने वाले यात्रियों की संख्या अधिक थी ।

इस यात्रा के दौरान मैंने कई बार खाली हुई सीट पर बैठने की चेष्टा की परंतु असफल ही रहा । मेरी तरह कई अन्य इस सीट के दावेदार थे । कई बार मुझे ‘लेडीज फर्स्ट’ के सिद्धांत के आधार पर खाली हुई सीट पर बैठने के स्वाभाविक अधिकार से वंचित होना पड़ा ।

कुछ दूरी पर खड़ा एक वृद्ध बार-बार बगल की सीट पर बैठे यात्रियों की ओर करुण नेत्रों से देख रहा था । परंतु उसके नेत्रों की भाषा समझकर किसी ने भी उसे नहीं बिठाया । कुछ यात्री सीट हथियाने की चेष्टा में बीच-बीच में आपस में लड़ भी बैठते थे ।

मैंने ‘संतोषम् परमं सुखम्’ वाले नीति वाक्य को ध्यान में रखकर खड़े रहकर ही लोकल टेरन की यह यात्रा पूरी करने का मन ही मन संकल्प ले लिया । लगभग अस्सी किलोमीटर की दूरी चार घंटे में तय करने के बाद ट्रेन ने मुझे मेरे गंतव्य स्टेशन तक पहुँचा दिया । इक्कीसवीं सदी की इस तेज रफ्तार ट्रेन को धन्यवाद देकर मैं धक्का-मुक्की करते हुए ट्रेन से उतर गया ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 6

जून का आखिरी सप्ताह था । गरमी की छुट्टियाँ अब अपने अंतिम चरण में थीं । सूर्यदेव का कहर जारी था । लंबे पहाड़ से दिन काटे नहीं कट रहे थे । इस पर विद्युत विभाग की अनुकंपा थी कि बार-बार बिजली गुल हो रही थी ।

फ्रिज में रखा पानी ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा था क्योंकि बिजली उससे रूठी हुई थी । बरफ बेचने वालों की बन आई थी । घरवालों के आदेश पर मैं साइकिल पर सवार होकर डाकखाने की ओर चल पड़ा । दिन के ग्यारह बजे थे । कोलतार की सड़कें आग उगल रही थीं । शरीर से पसीने छूट रहे थे ।

जैसे-तैसे डाकघर पहुँचा । अभी मैं डाकखाने में ही था कि अचानक आँधी चलने लगी । धूल भरी हवाएँ आसमान में कुछ हल्के पदार्थों को भी उड़ाने लगीं । आसमान में अचानक बादल घिर आए । थोड़ी देर में पवन शांत हो गया तो मैं पोस्टकार्ड और लिफाफा जेब में रखकर साइकिल पर वापस घर लौटने के लिए सवार हो गया ।

अभी मैं बाजार में ही था कि मोटी-मोटी बूँदें तीव्र गति से बरसने लगीं । इस सुहाने मौसम ने मेरा मन आह्वादित कर दिया । यह मौसम की पहली बारिश थी । मैं भीगने लगा । वर्षा के थपेड़े सहते हुए साइकिल चलाना कठिन हो रहा था । मेरे कपड़े पूरी तरह भीग चुके थे । मैंने साइकिल रोक दी । एक दुकान के सामने साइकिल खड़ी कर मैंने दुकान के द्वार पर शरण ली ।

सड़कों पर भीड़ कम हो गई थी फिर भी कुछ लोग पहली बारिश का आनंद उठाते हुए भीगते चल रहे थे । सड़क पर पानी तेजी से बहने लगा । जब बौछारें कुछ कम हुईं तो मैंने साइकिल फिर से सँभाल ली । वहाँ रुकने से भी अधिक लाभ न था क्योंकि मेरे कपड़े पूरी तरह भीग रहे थे । डाकखाने से खरीदा हुआ पत्र भी लगभग तर हो चुका था ।

मैंने साइकिल की गति थोड़ी बढ़ा दी । मैं शीघ्र घर पहुँचकर कपड़े बदलना चाहता था । भयंकर गरमी की स्थिति से अचानक सरदी की स्थिति में आने वाले खतरे का भी मुझे आभास था । मुख्य सड़क से गली में अपनी साइकिल को मोड़ा तो देखा गली में अचानक काफी पानी भर आया है । जैसे-तैसे घर पहुँचा । कपड़े बदले । कपड़ों व पत्रों को सुखाने के लिए टेबल पर फैला दिया ।

बारिश अभी भी हो रही थी । कभी तेज तो कभी धीमी । मेढक अचानक टर्राने लगे । छत से पानी की मोटी धार गिर रही थी जिसने आँगन में गट्टा बना दिया था । मेरे छोटे भाई ने झटपट कागज की नाव बना ली और उसे पानी में छोड़ दिया । सब कुछ जो अभी सूखा-सूखा सा था अचानक गीला हो गया ।

मैंने सोचा अब बिजली रहे या जाए कोई परवाह नहीं पानी और मौसम तो तत्काल ठडा हो ही जाएगा । वर्षा थम गई । शीघ्र ही आसमान साफ हो गया परंतु कुछ बादल अभी भी सूरज से अठखेलियाँ खेल रहे थे । मेरे आँगन में अंगूर की लताएँ और कुछ पौधे थे । सब इस पहली वर्षा में नहाकर हरे-भरे प्रतीत हो रहे थे ।

आँगन के एक कोने में छोटे-छोटे मेढक उछल-कूद कर रहे थे । थोड़ी देर में मेरे कुछ मित्र आ गए । उन्होंने फुटबाल खेलने का आग्रह किया तो मैं झट तैयार हो गया । सुहावने मौसम में फुटबाल खेलना बहुत अच्छा लग रहा था । इस पहली बारिश के बाद सभी राहत की साँस ले रहे थे ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 7

उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले देश भारत में शीत ऋतु की अलग पहचान है । तापमान में गिरावट सर्द हवा और बरफीला मौसम इस ऋतु को अन्य ऋतुओं से अलग कर देता है ।

कुहरा कुहासा हिमपात और कंपित कर देने वाली सरदी की इस ऋतु में दिन की लंबाई काफी घट जाती है । शीत ऋतु में आनंदित होने से कई अवसर हैं । गरम भोजन का स्वाद खुली मंद धूप का आनंद, वस्त्र-परिधानों को धारण करने का सुख, बरफ के खेलों का लुत्फ और गरम जल से स्नान करने का आनंद उठाने के लिए यह ऋतु उत्तम ऋतु है ।

वर्षा की किचकिच अब नहीं । खलिहानों में खरीफ की पकी फसल को देखकर किसान खुश हो जाते हैं । काले मेघों की जगह रूई से सफेद मेघों और सूरज के बीच लुका-छिपी का खेल मन को भाता है । सरिता का जल इस ऋतु में निर्मल हो जाता है ।

मासों में प्रसिद्ध मास मार्गशीर्ष भी इसी ऋतु में आता है । फिर अत्यधिक सरदी वाला मास पौष और माघ आता है । फालुन में जाड़े का प्रकोप शांत होने लगता है । जाड़े की ऋतु में आग बड़ी प्रिय होती है । सूरज जब आग बरसाना कम कर देता है तो चूल्हे की आग का महत्त्व बढ़ जाता है ।

लोग सुबह-शाम अग्नि के पास बैठना पसंद करते हैं । लकड़ी, घास-फूस, पुआल, उपला आदि जलाकर गाँवों और शहरों में आग तापने वालों की कमी नहीं होती । आँख में धुआँ लगने के बावजूद हम लोग अग्नि के पास ही रहते हैं । आजकल बिजली है, हीटर है, वातानुकूलित यत्र भी हैं ।

रजाई, कंबल, ऊनी कपड़े, शाल कोट आदि निकाल लिए जाते हैं । फिर भी शीतलहरी कुछ वृद्धों एवं बीमारों के लिए यमदूत बन कर आ ही जाती है । सरदी में पर्वतीय क्षेत्रों की ठंड और शोभा बढ़ जाती है । पहले हिमपात की प्रतीक्षा में पर्यटक यहाँ इकट्ठा होने लगते हैं । बरफू पर फिसलने वालों की होड़ लग जाती है ।

ऊँची-नीची धरती पर पहाड़ों पर बरफू की चादर बिछ जाती है । तापमान शून्य से भी कई डिग्री नीचे चला जाता है । कई प्रसिद्ध मार्ग बरफ के जमाव के कारण बद हो जाते हैं । मैदानी क्षेत्रों में भी जाड़े का कहर कम नहीं होता । कोहरा छाता है तो दिन में भी अँधेरा सा हो जाता है ।

सूर्यदेव निस्तेज से हो जाते हैं । वाहनों से होने वाली दुर्घटनाएँ बढ़ जाती हैं । रेलों, वायुयानों के चलने के समय में परिवर्तन करना पड़ता है । कई उड़ानें रह कर दी जाती हैं । फसलों पर पाला पड़ता है तो काफी क्षति होती है । जाड़े की ऋतु में शाम होते ही लोग घर में कंबल-चादर ओढ़कर बैठ जाते हैं ।

पक्षी अपने घोंसलों में दुबके रहते हैं । कुत्ते ठंड के मारे विचित्र आवाजें देने लगते हैं । घरेलू पशुओं को भी ठंड लगती है, उन्हें भी अपने आश्रय-स्थल में रहना अच्छा लगता है । शीत ऋतु आलस्य की ऋतु है । प्रात: जल्दी उठना कठिन लगता है ।

शीत ऋतु में खाने-पीने का बड़ा आनंद है । जो खाया सो पच गया बदहजमी नहीं हुई । गरम-गरम रोटी, पराँठा, आलू-गोभी की गरम सब्जी आदि कितने ही पदार्थ जीभ को भाते हैं । इस ऋतु में सेब, संतरा, केला, चीकू आदि फल तथा टमाटर, मटर, गोभी, चुकंदर, मूली, सेम, आलू आदि सब्जियाँ खूब होती हैं ।

काजू बादाम मूँगफली अखरोट आदि मेवे इसी ऋतु में होते हैं । गाजर का हलवा काजू की बरफी, रेवड़ी, तिल के लट्टू, गुड़ आदि का स्वाद बहुत भाता है । किसान खरीफ की फसल काटकर खेतों में रबी की फसलें लगाते हैं । गेहूँ गन्ना चना मूँग मटर अरहर आदि की फसल खेतों में लहलहा उठती है ।

शीत ऋतु स्वास्थ्यप्रद ऋतु है । आयुर्वेद में वर्णित है कि शीत ऋतु में शरीर में भोजन का संचय होता है रक्त-बल बढ़ता है । शीत ऋतु में संचित पदार्थों का उपयोग शरीर पूरे वर्ष करता है । दीपावली छठ और मकर संक्रांति के त्योहार जाड़े की ऋतु की खुशी को कई गुणा बढ़ा देते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 8

दिसंबर का आखिरी सप्ताह था । इन दिनों सरदी काफी बढ़ गई थी । कश्मीर में भारी हिमपात हुआ था इस कारण उत्तर भारत के मैदानी भागों में भी काफी सरदी हो गई थी ।

न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस के आस-पास आ गया था । मेरे शहर के लोग शाम होते ही अपने-अपने घरों में घुस जाते थे । इन्हीं दिनों की एक रात हम सबके लिए बहुत ही कष्टदायक थी । सुबह से ही हल्की बूँदा-बाँदी हो रही थी । सूर्यदेव के दर्शन दिन भर नहीं हुए ।

अपराह्न चार बजे बारिश तो थम गई परंतु हवा में ठंडक काफी बढ़ गई थी । नियमानुसार मैं मैदान में क्रिकेट खेलने चला गया । ठंड के कारण बैट ठीक से नहीं पकड़ा जा रहा था । खेल में भाग-दौड़ के कारण हल्की गरमाहट आई लेकिन वापस घर पहुँचते ही फिर से सरदी हावी होने लगी ।

रास्ते में भी इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए थे । कई परिवारों के सदस्य मिलकर आग ताप रहे थें । सभी आपस में भीषण ठंड की चर्चा कर रहे थे । आज की स्थिति देखकर मैंने भी कुछ बेकार पड़ी लकड़ियाँ ढूँढ निकाली । इनमें फिाई का तेल डालकर अग्नि प्रज्वलित की ।

माँ-पिताजी दादा जी और हम भाई-बहन भी गोलाकार बैठकर आग तापने लगे । आखिर कब तक आग के निकट बैठा जा सकता था, हमने सभी खिड़कियों और दरवाजों को बंद कर दिया और चादर-कंबल ओढ़ लिया । रात्रि के आठ बज गए थे हमें भूख भी लग रही थी ।

माँ खाना पकाने चली गई हालांकि आज उनका मन नहीं हो रहा था कि इतने ठंडे पानी का स्पर्श किया जाए । माँ के हाथ का गरमागरम खाना खाकर हम लोग सोने चले गए । पिताजी खाना खाकर नित्य कुछ देर टहलते थे पर आज की ठंड ने उंनकी भी हिम्मत पस्त कर दी थी । वे भी चुपचाप सो गए ।

मैं सो तो गया था पर रजाई के अंदर भी हल्की कँपकँपी हो रही थी । ठंडे हाथ-पाँव गरम होने का नाम ही नहीं ले रहे थे । मेरा पालतू कुत्ता एक कोने में बैठा ठंड से कु-कू कर रहा था । बाहर के कुत्तों के रोने की आवाजें रह-रहकर आ रही थीं ।

मनुष्य और पशु-पक्षी सरदी से ठिठुर रहे थे । उसी समय पहरे वाले ने दरवाजे पर सावधान रहने की दस्तक दी । मैंने सोचा, यह चोरों से सावधान रहने कह रहा है या सरदी से ! क्या चोरों को सरदी नहीं लगती जो वे इस कंपकंपाने वाली सरदी में चोरी करने घर से निकलेंगे !

कुछ देर बाद नींद आ गई । सुबह उठा तो देखा सूर्यदेव प्रकट हो रहे हैं । मैं मुँह-हाथ धोकर अखबार के पन्ने पलटने लगा । उसकी हेडलाइन थी – ‘तापमान शून्य से नीचे पहुँचा पाँच वर्षो का सबसे ठंडा दिन ।’ जाड़े की यह रात मेरे लिए अविस्मरणीय थी ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 9

मानव का अस्तित्व पेड़-पौधों पर ही निर्भर है । इतना ही नहीं पृथ्वी पर स्थित सभी जीवों के जीवन का आधार ये वनस्पतियाँ ही हैं । यदि पृथ्वी पर पेड़-पौधे न होते तो यह जीवन-शून्य और उजाड़ स्थान होता ।

चारों ओर एक वीरानी सी छाई होती । चाहे कोई भी युग हो, मानव सभ्यता के विकास में पेडू-पौधों का पर्याप्त महत्त्व रहा है । एक समय था जब मानव जंगलों में निवास करता था । फल-मूल खाकर अपना गुजारा करता था । पेड़ों के तले विश्राम करता था ।

पेड़ों की शाखाओं पर सोता था । बाद में उसने पेड़ों की लकड़ी से चाक बनाकर मिट्टी के बरतनों का निर्माण किया । उसने लकड़ी की ही गाड़ी स्लेज बनाई । भारतीय ग्रामीण जीवन का सदियों तक आधार बनी बैलगाड़ी लकड़ी की ही बनी थी । भारत के चिकित्सकों ने पेड़-पौधों पर आधारित चिकित्सा-विधि आयुर्वेद की खोज की ।

पेड़-पौधों से प्राप्त घास-फूस और लकड़ी से हमने घर बनाए इन्हें जलाकर खाना पकाया । वनस्पतियाँ कदम-कदम पर मानव को सहयोग देती रहीं । यहाँ तक कि मृत्यु के बाद जिस चिता पर मनुष्यों को जलाया जाता रहा है वह भी लकड़ी की ही निर्मित होती है ।

पेड़-पौधे वायु को प्रदूषण मुक्त रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं । जिस प्रकार महादेव गरल पीकर पचा गए उसी तरह वनस्पतियाँ कार्बन डाइऑक्साइड रूपी गरल पीकर जीव-जंतुओं को ऑक्सीजन रूपी प्राणदायी गैस भेंट करते हैं ।

भीषण गरमी में जबकि भयानक लू चलती है, पेड़-पौधे वातावरण को ठंडा रखने में तथा अपने आश्रित को ठंडी छाँव देने में बहुत मदद करते हैं । तरह-तरह के स्वादिष्ट फल जड़ी-बूटियाँ इमारती लकड़ी कपास गोंद रबड़ आदि भेंट कर ये हमारे जीवन को सुखमय बनाते हैं ।

कई पेड़-पौधों के पत्ते भी उपयोग में लाए जाते हैं । आम और केले के पत्ते पूजा-पाठ में काम आते हैं । तेंदू के पत्ते से बीड़ी तैयार की जाती है । खजूर, नारियल,ताड़ आदि के पत्तों से टोकरी, चटाई आदि वस्तुएँ बनाई जाती हैं ।

सोफा, झाड़ू, कागज, दियासलाई आदि विभिन्न वस्तुओं के निर्माण में पेड़-पौधों का सर्वत्र उपयोग किया जाता है । पेड़-पौधों की उपयोगिता की गणना करना कठिन है । हमारा भोजन प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से वनस्पतियों पर ही निर्भर है ।

अधिकांश जीवों का भोजन वनस्पतियों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ ही हैं । विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधों से सुसज्जित फुलवारी किसे आकर्षित नहीं करती । वन्य जीवों, कीटों, भँवरों, तितलियों, पक्षियों तथा सरीसृप जीवों का निवास-स्थान पेड़-पौधों के इर्द-गिर्द ही है ।

कलात्मक पौधे गहवाटिका की शोभा बढ़ाते हैं । बसंत पेड़-पौधों के बिना ऋतुराज नहीं कहलाता तथा वनस्पतियों के बगैर मयूरों का नृत्य भी फीका-फीका सा लगता । कोयल की कुक तथा भौंरों का गुंजार हरितिमा रहित वातावरण में बिलकुल अशोभनीय लगता ।

पेड़ न केवल पृथ्वी को हरा-भरा रखते हैं अपितु मेघों को आकर्षित कर वर्षा भी कराते हैं । ये बाढ़ तथा सूखे की स्थितियों को रोकने में भी योगदान देते हैं । अपनी जड़ों की मिट्टी को सख्ती से पकड़कर ये उपरिमृदा के संरक्षण मिट्टी के कटाव तथा भूस्फलन को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

पेड़-पौधों के महत्त्व को देखते हुए इनके संरक्षण का उपाय करना चाहिए । हमें इन्हें अधिक से अधिक संख्या में लगातार धरती के प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखना चाहिए । वनों के निरंतर हो रहे कटाव को रोककर दुर्लभ होते जा रहे वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखा जा सकता है ।

इस समय जबकि दुनिया के लोग विकास की दौड़ में अपने पर्यावरण के प्रति उपेक्षा का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं, पेड़-पौधों को लगाकर पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 10

मेरी पहली रेल यात्रा एक छोटे से स्टेशन जसीडीह से आरंभ होकर स्टील नगरी टाटा तक हुई थी । हम अपने निवास स्थान से बस द्वारा स्टेशन पहुँचे । मेरे साथ मेरे बड़े भाई एवं भाभी थीं ।

मेरे भाई साहब टाटा स्टील कंपनी में एकाउंटेंट थे । मैं उनके साथ टाटा भ्रमण पर जा रहा था । स्टेशन के बाहर यात्रियों की अच्छी-खासी संख्या थी । ऑटो रिकशा वाले स्टेशन से बाहर निकल रहे यात्रियों को अपनी ऑटो में बैठने का आग्रह कर रहे थे ।

कुली वर्ग के लोग यात्रियों का सामान सिर पर उठाए स्टेशन से बाहर निकल रहे थे या अंदर आ रहे थे । स्टेशन से बाहर खाने-पीने की कई दुकानें लगी हुई थीं । भाई साहब ने टाटा-पटना एक्सप्रेस के स्टेशन पहुँचने के समय की जानकारी ली । अभी हमारी ट्रेन आने में एक घंटे का समय था ।

हम अपने सामान के साथ टिकट बिक्री केंद्र की ओर बढ़ गए । वहाँ लोग टिकट खिड़कियों पर पंक्तिबद्ध खड़े थे । मैं भी भाई साहब के निर्देश पर यथेष्ट रकम लेकर पंक्ति में खड़ा हो गया । दस मिनट में टिकट खरीदने का कार्यक्रम पूरा हो गया ।

हम लोग जलपान गृह में हल्का नाश्ता कर प्लेटफॉर्म पर चले गए । प्लेटफॉर्म पर कोई ट्रेन आकर रुकी थी इसलिए यहाँ यात्रियों के आने-जाने का ताँता लगा हुआ था । कुछ यात्रियों के पास इतना सामान था कि मानो वे पूरा घर ही उठाकर चले आए थे ।

प्लेटफॉर्म पर खाने-पीने की हलकी-फुलकी वस्तुएँ बिक रही थीं । कई टिकट संग्राहक काला कोट पहने यहाँ विचरण कर रहे थे । रेलवे सुरक्षा बल के जवान भी इधर-उधर चहलकदमी कर रहे थे । सफाई कर्मचारी प्लेटफॉर्म की सफाई कर रहे थे ।

शीघ्र ही हमारी ट्रेन के आने की सूचना प्रसारित कर दी गई । कुछ मिनटों में ट्रेन धड़धड़ाती हुई आ धमकी । हम लोग शीघ्रता से सामान्य श्रेणी के डब्बे में सवार हो गए । डब्बे में कुछ सीटें खाली थीं इसलिए हम लोग आराम से बैठ गए । टेरन चली और शीघ्र ही उसने रफ्तार पकड़ ली ।

मेरी खुशी का ठिकाना न रहा । मैं खिड़की के किनारे बैठकर निरंतर ओझल होते जा रहे दृश्यों का आनंद उठाने लगा । हरे-भरे खेतों, पहाड़ियों, नदियों आदि के दृश्य मुझे अत्यंत आकर्षित कर रहे थे । पल-पल नवीन दृश्यों को देखते हवा के ठंडे झोंके खाते हुए रेल से यात्रा करने का यह अनुभव अत्यंत सुखदायी प्रतीत हो रहा था ।

अब मेरा ध्यान डब्बे के अंदर गया । टिकट संग्राहक बारी-बारी से यात्रियों से टिकट माँग रहे थे । हमने भी अपना टिकट दिखाया । एक यात्री बिना टिकट ही यात्रा कर रहा था । उसे जुर्माना भरना पड़ा । हम लोग आपस में हलकी-फुलकी बातचीत करते, मूँगफली, कच्चा चना, फल आदि खाते-पीते यात्रा का आनंद उठा रहे थे ।

डब्बे में यात्रियों का आना-जाना लगा ही रहता था । जिस स्टेशन पर टेरन रुकती तरह-तरह की वस्तुएँ बेचने वाले प्लेटफार्म से ही यात्रियों को आकर्षित करते थे । कुछ भिखारी भी यात्रियों के सामने हाथ फैलाकर रुपया-पैसा माँग रहे थे ।

एक विकलांग भिखारी के कटोरे में सिक्का डालकर मैंने उसे सतुष्ट किया । अब हमारी यात्रा की मंजिल आने वाली थी । हम लोग अपना सामान उठाकर दरवाजे तक आ गए । टेरन रुकते ही हम बारी-बारी से उतर गए । यहाँ के स्टेशन पर भी खासी भीड़ थी ।

मैं इस नवीन स्थान का अवलोकन करता हुआ जा रहा था । स्टेशन से बाहर निकलकर भाई साहब ने ऑटो रिकशा किराए पर लिया और हम लोग अपने गंतव्य की ओर चल पड़े । मेरी पहली रेल यात्रा कई नवीन अनुभवों से परिपूर्ण थी ।

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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निबंध लेखन कक्षा 8, 9, 10. Hindi Essay Writing on current topics for class 8, class 9, class 10

Hindi Essay Writing for Class 10, Class 9 and class 8 on current topics and on topics of national and international importance. Essays in Hindi for Competitive Exams like UPSC, Bank PO and other Government Exams.

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प्रस्तावना हमारे देश में भारतीय सशस्त्र बलों, अधिकारियों और नागरिकों को उनकी निरंतर बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करने के लिए वीरता पुरस्कार दिया जाता है। सशस्त्र बलों के नागरिक…

विजन ऑफ इंडिया 2047 निबंध हिंदी में

प्रस्तावना 15 अगस्त 1947 को आधिकारिक तौर पर हमारे भारत देश को ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली थी। जिसके बाद से हर वर्ष हम अपने भारत देश को एक विकसित…

भष्ट्राचार मुक्त देश पर निबंध (Essay on corruption Free Country)

भष्ट्राचार मुक्त देश पर निबंध (Bhrashtachar par Nibandh) “भ्रष्टाचार एक व्यापक बीमारी है, यह सतर्क और जागरूक होने का समय है।” प्रस्तावना: आज के समय में देश में भ्रष्टाचार की…

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प्रस्तावना समाचार पत्र सूचना का एक ऐसा साधन है, जो व्यक्ति को पूरी दुनिया से जोड़ता है। वर्तमान समय में भी समाचार पत्र की आवश्यकता ज्यों की त्यों बनी हुई…

दीपावली पर निबंध (500 शब्दों में)

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मेरे प्रिय खिलाड़ी पर निबंध

प्रस्तावना: क्रिकेट एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खेल है। निस्संदेह, विश्व शांति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति भी है। दुनिया के कोने-कोने से टीमें उन देशों का दौरा करती…

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प्रस्तावना भारत में विभिन्न धर्म, जाति व संप्रदाय के लोग निवास करते हैं। जिनकी अपनी एक विशेष विचारधारा है व संकल्प धारणाएं हैं। लेकिन विचार चाहे जो भी हो, वह…

इंटरनेट के दुरुपयोग पर निबंध (300 और 500 शब्द)

इंटरनेट के दुरुपयोग पर निबंध (300 शब्द) प्रस्तावना वर्ल्ड वाइड वेब, जिसे इंटरनेट कहा जाता है, 1960 के दशक में आया था और इसका मुख्य रूप से शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों…

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दूरदर्शन पर निबंध (300 व 500 शब्दों में)

दूरदर्शन पर निबंध (300 शब्दों में) प्रस्तावना दूरदर्शन आधुनिक युग का चमत्कारी आविष्कार है। मनोरंजन का प्रमुख साधन होने के कारण यह घर घर में प्रवेश कर चुका है। आजकल…

गांव के मेले पर निबंध (300, 500, 600 शब्दों में)

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हर घर तिरंगा पर निबंध 600 शब्दों में -Har Ghar Tiranga 🇮🇳 प्रस्तावना: इस वर्ष हमारे देश ने  आजादी का ७५ वा साल पूरा किया है। हर वर्ष की तरह…

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योग पर 300 और 500 शब्दों में निबंध

दोस्तों, प्राचीनकाल से ही स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए योग की क्रिया को अपनाया गया है। योग एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक तौर पर ही…

मेरा तिरंगा, मेरा अभिमान पर निबंध

मेरा तिरंगा मेरा अभिमान पर निबंध-Mera Tiranga Mera Abhimaan हमें अपने देश की आज़ादी का प्रतीक अपने तिरंगे पर अभिमान है। आज़ादी का दिवस हर वर्ष 15 अगस्त 2022 को…

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दोस्तों, आज के आर्टिकल के जरिए हम आपको शिक्षक दिवस पर निबंध प्रस्तुत करने वाले हैं। यह निबंध आपके विद्यालय में होने वाली प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं इत्यादि में भी काम अवश्य…

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लीडरशिप पर निबंध

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दोस्तों, आज के आर्टिकल के जरिए हम आपको मोर पक्षी पर निबंध बताने वाले हैं। इस निबंध के जरिए आपको मोर पक्षी के विषय में बहुत कुछ जानने को मिलेगा।…

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मेरा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध

मेरा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध प्रस्तावना: मुझे मेरे देश भारत पर गर्व है। हमारे देश की परंपरा और संस्कृति से दुनिया प्रेरित है। हमारे देश में  कई  भाषाएं बोली…

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हमारे समाज से भ्रूण हत्या के मामले आज भी आए दिन आते ही रहते हैं। भ्रूण हत्या सामाजिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकारों से बहुत ही बेकार है। एक लड़की होने…

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ओणम पर निबंध

ओणम केरल राज्य के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। यहां के लोग अपने धर्म, उम्र या फिट समुदाय के बावजूद ओणम को बहुत जोश और उत्साह के साथ…

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तिरंगे पर निबंध

पृथ्वी पर जितने भी देश में उन सब देश का अपना-अपना राष्ट्रीय ध्वज है। राष्ट्रीय ध्वज वह होता है, जो उस देश का प्रतीक और शान को दर्शाता है। ऐसे…

मुंशी प्रेमचंद्र पर निबंध

मुंशी प्रेमचंद्र के बारे में तो हम सभी ने कभी-न-कभी तो पढ़ा ही होगा। उन्होंने अपने जीवन काल में कई कहानियां, उपन्यास आदि लिखें। हिंदी साहित्य के विकास में मुंशी…

कॉमन वेल्थ गेम्स पर निबंध

कॉमन वेल्थ की शुरुआत 1930 में से हुई थी। उसके बाद से हर 4 साल में एक बार कॉमन वेल्थ गेम्स होते है। आज हम इस लेख में कॉमन वेल्थ…

समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध

समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध | Essay on Benefit of Learning from Newspapers in Hindi प्रस्तावना अक्सर लोग सुबह के एक कप चाय के साथ अखबार पढ़ना पसंद करते है।…

बारिश का दिन पर निबंध / Rainy Day Essay in Hindi

बारिश का दिन पर निबंध / Rainy Day Essay in Hindi प्रस्तावना बारिश का मौसम सब लोगो का मन मोह लेती है। गर्मी की वजह से अक्सर मनुष्य और अन्य…

छुट्टी पर निबंध / Essay on Vacation in Hindi

बाजार पर निबंध / Essay on Market in Hindi

बाजार पर निबंध / Hindi Essay on Market प्रस्तावना बाजार एक ऐसा सार्वजनिक स्थान है जिस के बिना हम दैनिक जीवन के आवश्यक चीज़ें नहीं खरीद सकते है। कुछ बाजार…

संविदात्मक सरकारी नौकरी अच्छी या बुरी पर निबंध?

नौकरी सरकारी हो या प्राइवेट हर किसी को नौकरी पसंद है। मगर आधे से ज्यादा लोग सरकारी नौकरियों के सपने देखते हैं, चाहे वह सामाजिक भलाई में अपना योगदान देने…

क्या लोगों को क्रिप्टो में निवेश करना चाहिए? पर निबंध

क्रिप्टो एक डिजिटल तरह की करेंसी है, जिसे आम भाषा में क्रिप्टो करेंसी के नाम से जाना जाता है। इनके डेटाबेस में सभी सूचनाओं को एनकोड करके सुरक्षित किया जाता…

कोयले की कमी या बिजली की आपूर्ति पर निबंध

भारत का पावर सेक्टर एक बड़े संकट से गुजर रहा है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोयले से चलने वाले पावर प्लांट, जो कि भारत की 70% बिजली पैदा करने…

भारत में शिक्षा के निजीकरण पर निबंध

देश के स्वतंत्र होने के बाद बीते 5 दशकों में देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। स्वतंत्रता पूर्व देश में मात्र 3 विश्वविद्यालय थे। वहीं,…

वैश्विक स्तर पर 5G के प्रभाव पर निबंध

भारत के कोने-कोने तक आज के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो इंटरनेट के बारे में नहीं जानता हो और इसका…

भारत में स्टार्टअप्स फेल होने पर निबंध

स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। मगर क्या आपने…

प्लास्टिक प्रतिबंध उपयोगी या नहीं पर निबंध

प्रदूषण हमारे वातावरण में जहर की तरह घुलता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है औद्योगिक क्रांति। भारत ही नहीं पूरे विश्व में कारखानों और वाहनों की बढ़ती संख्या…

भारतीय राजनीति में विपक्ष की भूमिका पर निबंध

संसदीय लोकतंत्र की विशेषता सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल की पारस्पारिक जवाब देही की प्रणाली और एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण विचार-विमर्श प्रक्रिया में प्रकट होती है। आज हम इस लेख में…

गुरु पूर्णिमा पर निबंध

गुरु को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया जाता है। गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि जैन, बौद्ध आदि धर्म भी इसे धूमधाम से मनाते हैं। बता…

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दोस्तों, भारत में विभिन्न शहर और राज्य हैं। लेकिन हर किसी की अपनी खास विशेषता और महत्व है। लेकिन भारत के इन शहरों को उनकी खासियत तथा विशेषताओं के आधार…

पुस्तकालय पर निबंध

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